शनिवार, दिसंबर 05, 2020

बहुत कमजोर होता है जिज्ञासुओं का पाचन तंत्र

 


तिवारी जी का कहना है कि आजकल वो फैशनेबल हो गए हैं। अचरज बस इस बात का है कि तिवारी जो पहले भी इसी लिबास में रहते थे और आज भी, चलते भी उसी साइकिल पर हैं पिछले कई दशकों से, फिर फैशनबेल होने से क्या फरक पड़ा?

जिज्ञासुओं का पाचन तंत्र हमेशा से कमजोर माना गया है। कोई भी जिज्ञासा पचा ही नहीं पाते। इसीलिए जिज्ञासु अच्छे नेता नहीं बन पाते होंगे। कठोर त्वचा और घनघोर पाचन क्षमता तो नेतागिरी के लिए आवश्यक तत्व हैं। गाली खाने से लेकर पैसा पचा जाने तक में न कोई शर्म आए और न ही डकार, तो ही आप सफल नेता बन सकते हैं।

जिज्ञासु प्रवृति का होने की वजह से मैं भी अपनी जिज्ञासा पचा न पाया और उनसे पूछ बैठा कि आप अपनी ही बात कर रहे हैं न? मुझे तो आप बिल्कुल पहले वाले ही नजर आ रहे हैं, क्या बदला है आपके फैशनेबल हो जाने से?

तिवारी जी उन्हीं जानी पहचानी नजरों से मुस्कराते हुए मुझे देखा जिसमें वो बिना बोले ही बोल जाते है कि तुम कितने बड़े बेवकूफ हो, कुछ समझते ही नहीं? इन नजरों का फायदा उनको तब पक्का मिलेगा जब कभी वो चुनाव जीत कर मंत्री बन जाएंगे। हर नेता चुनाव जितने के बाद उनके वादे याद दिलाने पर ऐसे ही तो मुस्कराता है और बिना बोले बोल जाता है कि तुम कितने बड़े बेवकूफ हो!!

मुस्कराने के बाद करीबी संबंधों की वजह से उन्होंने बताया कि आजकल वो अधिकतर समय स्व-उत्थान में लगा रहे हैं। सफलता के सिद्धांत सीख रहे हैं। जीवन में तरक्की करने के सूक्ष्म सूत्र समझ रहे हैं। ऐसी ऐसी गहन विधायें जान गए हैं कि किसी भी मनचाही मंजिल पर पहुँचने के लिए मंजिल खुद चल कर आप तक आए।

मैं आश्चर्य चकित सा उनकी बात सुन रहा था। मैंने कहा कि आप कहाँ से और कैसे सीख रहे हैं यह बाद में बताइएगा मगर पहले यह बतायें कि उम्र के इस पड़ाव में, जहाँ से इंसान ढलान पर उतरने की तैयारी करता है, तब आप चढ़ने के गुर सीखने निकले हैं?

तिवारी जी पुनः उन्हीं जानी पहचानी नजरों से मुस्कराये। फिर बोले उसका भी जबाब देता हूँ।  मगर पहले यह जान लो कि यूट्यूब पर ज्ञान का सागर है। आजकल यही फैशन ट्रेंड है। हजारों मोटिवेशनल स्पीकर सुबह से शाम तक यही सिखा रहे हैं। बस आपमें सीखने की ललक होना चाहिए। पिछले दो दिनों से तो एक स्पीकर को सुन कर मैं चार बजे सुबह उठ जाता हूँ यूट्यूब सुनने के लिए। वो बता रहे थे कि यदि आप २१ दिन तक कोई भी कार्य लगातार करें तो वह आपकी आदत बन जाता है। २१ दिन के बाद ४ बजे सुबह उठना मेरी आदत बन जाएगा। मैंने तिवारी जी से पूछा तो नहीं किन्तु जो बंदा रात में नींद की गोली खाकर सोता हो, वो चार बजे सुबह जागने की आदत डालने पर क्यूँ उतारू है? और अगर आदत पड़ भी गई तो जाग कर करेगा क्या? सारा दिन जो चौक पर पान की दुकान पर बैठा समय काटता है, उस अकेले के लिए पान वाला चार बजे तो दुकान खोलने से रहा। वैसे भी इन मोटिवेशनल स्पीकर्स को जरूरत से ज्यादा सुनने में और गंजेड़ी हो जाने में कोई खास फरक नहीं है। दोनों ही  निष्क्रियता के चरम पर बैठे मंजिल के खुद चले आने की ललक जगाए बैठे हैं।

तिवारी जी आगे बोले कि उम्र की तो हमसे बात करो मत – जब ७८ साल में बंदा अमरीका का राष्ट्रपति बन सकता है तो मैं कुछ तो बन ही सकता हूँ। मैं उनको क्या बताता कि वो ७८ साल की उम्र में राष्ट्रपति बना जरूर है मगर वो इसके पहले सारा जीवन पान की दुकान पर बैठा ज्ञान नहीं बाँट रहा था।

मैंने उनको समझाया कि नेता बनने के लिये ही अगर यह सब सीख रहे हैँ तो २१ दिन लगातार झूठ, वादा खिलाफी, गुंडई, रिश्वतखोरी, असंवेदनशीलता, अमानवीयता, घड़ियाली आँसू बहाने की प्रेक्टिस करके इन सबको   अपनी आदत बनाइये, फिर देखिए कैसे सफलता की मंजिल आप तक खुद चल कर आती है।  कैसे आपका ही नहीं आपके जानने वालों का जीवन भी सफल हो जाता है।

तिवारी जी आज पहली बार कुछ अलग तरह से मुस्कराये, मानो कह रहे हों कि मैं भी कहाँ यूट्यूब के चक्कर में पड़ा था, असली गुरु तो तुम निकले। आज पहली बार तिवारी जी एकदम मोटिवेटेड दिखे।

उनके इस भाव को देखकर मेरा मन हो रहा है कि मैं भी अपना यूट्यूब चैनल शुरू कर ही दूँ मोटिवेशनल स्पीकिंग का। लोग यही तो चाहते हैं इसीलिए फैशन में भी है।

-समीर लाल ‘समीर’

 

भोपाल से प्रकाशित दैनिक सुबह सवेरे के रविवार दिसम्बर ६, २०२० के अंक में:

http://epaper.subahsavere.news/c/56820874

 

ब्लॉग पर पढ़ें:

 

#Jugalbandi

#जुगलबंदी

#व्यंग्य_की_जुगलबंदी

#हिन्दी_ब्लॉगिंग

#Hindi_Blogging 

 


Indli - Hindi News, Blogs, Links

6 टिप्‍पणियां:

Gyan Vigyan Sarita ने कहा…

दुनिया को ज्ञान देने वाले तिवारी जी को आख़िरकार गुरु मिल ही गया और उन्होंने उसे गुरूजी के रूप में स्वीकार कर लिया यह इस सप्ताह की अनूठी उपलब्धि है। ऐसे  गुरूजी लो सादर प्रणाम  !!!
Excellent humor....

Pammi singh'tripti' ने कहा…

.....

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 9 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

यूट्यूब चैनल शुरू कर ही दें... जग का भला होगा... आईना देख शायद कुछ सही राह पर आ जायें...

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

उनके इस भाव को देखकर मेरा मन हो रहा है कि मैं भी अपना यूट्यूब चैनल शुरू कर ही दूँ मोटिवेशनल स्पीकिंग का। लोग यही तो चाहते हैं इसीलिए फैशन में भी है।

बहुत शानदार, धारदार व्यंग्य...
🌹🙏🌹

प्रतीक्षा रहेगी आपकी मोटिवेशनल स्पीच की 🙏😃🙏

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

लाजवाब

रेणु ने कहा…

बहुत खूब समीर जी ! तिवारी जी का पाला भला ऐसे जिज्ञासुजन से पहली बार ही पड़ा दिखता है सो पहली बार में ही गुरुज्ञान पाकर धन्य हो हए ! कहाँ यूtube चैनलों के साथ रतजगा करके जीवन का अनमोल समय गँवा रहे थे !!यूँ भी तिवारी जी जैसे अति महत्वाकांक्षी लोगों की कमी नहीं जो रातोरात दिल्ली के तख़्त पर काबिज़ होने को आतुर हैं पर बिन गुरु ज्ञान कहाँ से लाऊँ !!!!!!!!!
अच्छे व्यंग के लिए शुभकामनाएं और आभार |