रविवार, अक्तूबर 18, 2009

मारो...मारो!!!!

मारो मारो.....

पहचान का है...मारो मारो..बम मारो...

वो पचास की भीड़ मिल गई..एक ही पहचान का है..कोई बात नहीं..सबको मारो..धम...धम!!!

वो सवा सौ लोग..किसी को नहीं जानते..अरे, लेकिन उसमें से एक ने बम फेंका है...तुम भी सबको मारो..मारो मारो..धम धम....धमा धम...

यहाँ से मारो...वहाँ से मारो...

ये हालात हैं दिवाली पर...

लेख से मारो, टिप्पणी से मारो..ईमेल से मारो, ट्विटर पर मारो..आर्कुट पर मारो..फेस बुक पर मारो...एस एम एस से मारो.....

शुभकामना, बधाई..मंगलकामना....

लेख वाला बम मारो, कविता वाला, व्यंग्य वाला..मगर मारो..बम..धम धम!!

हम भी जुटे रहे जमाने का चलन देख...धांय धांय...फेशनेबल तो हैं ही..इसलिए फैशन के मुताबिक चले...

कवि हैं और इस बात का गुमान भी है तो चार ठो पंक्तियाँ भी सजा लिए:

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल 'समीर'

भेजना शुरु..याने बम मारना शुरु...दो चार घंटे बमबारी की होगी उपर की तर्ज पर कि एकाएक सामने से किसी ने बम फेंका...

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-फलाना फलाना.....

लो अब हम क्या जबाब दें इन फलाना फलाना को...हम तो खुद ही यही बम फेंक रहे थे..???

लिखे, कि भईया यही चार ठो पंक्तियाँ हैं हमारे पास...तो वही वापस भेज रहे हैं बतौर शुभकामना. धर लो...धम धम...बम बम!!

फिर चार छः एस एम एस आ लिए भारत से...यही वाले..वो भी उनसे, जिन्हें हमने भेजा भी नहीं...देखते देखते कम से ४० मैसेज..इसी रचना के साथ...सबके प्रेषक वो..जिन्हें कम से कम हमने तो यह नहीं भेजा..

और सबसे मजेदार तो जब यह कार्ड पर चिपक कर आया (प्रेषक का नाम नामी होने के कारण पोंछ दिया है) तो हम तो झुक गये....हाय, काश हम ही कार्ड पर रच देते...इस कालजयी शुभकामनाओं को:

deepawali

अरे भाई, कोई तो क्रेडिट देता..तो चरण में गिर पड़ते....धन्य हुए यह चार पंक्तियाँ रच कर. अगली बार किसी को किसी त्यौहार पर लिखवाना हो तो सस्ते में लिख दूँगा. आप तो अपने ही हो. फिर आप भी बमबारी करना. :) हम भी कुछ कमा लेंगे..नाम की कमाई की उम्मीद तो अब जाती रही.


अपडेट २० अक्टूबर, २००९:

इस पोस्ट को अर्थ देती राजेश स्वार्थी जी की यह पोस्ट भी पढ़ें:

मारो..मारो...समीर जी, क्या मतलब है इसका?

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85 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

बमबारी मे किसका बम है यह कब किसने देखा. जिसका बम उसी को मारो तो बमबारी मे और मज़ा आता है.
नामी का नाम तो पोछ दिया पर नामी तो और नामी हो गया होगा.
ग़म गलत करने से तो अच्छा है
ग़म को ही गलत कर् दिया जाये

Gyan Darpan ने कहा…

दीपावली की शुभकामनाओं के सब रेडीमेड बम फोड़ने में रहते है | इंतजार करते है कोई बढ़िया सा शुभकामना एस ऍम एस मिले तो अपना नाम चिपकाकर आगे फॉरवर्ड करदे | यही बात आपके शुभकामना सन्देश रूपी बम के साथ हुई |अब इतना बढ़िया शुभकामना बम आपने फ्री में उपलब्ध उपलब्ध करा दिया तो लोग ठेलने में पीछे क्यों रहे आखिर भारत में तो ये इम्पोर्टेड बम जो था |
दीपावली के बाद की भी शुभकामनाएँ |

Mishra Pankaj ने कहा…

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

लो मै आप पर ही मार दिया गुरु :)

संगीता पुरी ने कहा…

अगली बार किसी को किसी त्यौहार पर लिखवाना हो तो सस्ते में लिख दूँगा.
छठ के लिए एक शुभकामना संदेश लिखवाना है .. कितने में लिखेंगे ?

Udan Tashtari ने कहा…

छ्ठ तो छः सौ (भारतीय रुपया) मे हो जायेगा संगीता जी...चलेगा क्या?? :)

Khushdeep Sehgal ने कहा…

गुरुदेव,
ये क्लोनिंग और पाइरेसी का ज़माना है...आपको नहीं पता कि आपकी हा,हा,हा,हा,हा,हा,हा (मेरी तो इतने मे ही बस हो गई)भी
कितनी हिट रही थी...कम से कम 10 जगह तो मैंने वही हा,हा,हा...देखी थी...

जय हिंद...

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…

क्या वाकया है, दीवाली में हो गया, परुआ..., वैसे ६०० में एक सन्देश...समीर जी को अंदाजा है मार्केटिंग का...वाह, अभी संगीता जी का जवाब आएगा तब पता चलेगा की समीरलाल जी को काम मिला या नहीं...:)

"बुरा ना मानो दीवाली है....."

मैथिली गुप्त ने कहा…

दीवाली तो त्यौहार ही बम पटाखों का है. आपकी कम्पनी के बम बहुत अच्छे हैं, इस दीवाली पर खूब धांय धांय चले:)

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

Udan Tashtari ने कहा…

मुश्किल ही लगता है श्रीष...आजकल बाय वन गेट वन फ्री का जमाना है..छठ के साथ न्यू ईयर फ्री मांगेंगी अभी संगीता जी...... :)

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

हमारा बम!!
बम पे बम = दमादम
---------------------------------------------
दीपावली पर्व पर आपको मेरी मंगलकामनाएं!!!
---------------------------------------------
स्नेह अपना दो ना दो,
दीप बन जलता रहूँगा|
हर अंधेरी रात में,
जब अकेले ही चलोगे
तुम्हारी राह का तम
दूर मैं करता रहूँगा|
स्नेह अपना दो ना दो,
दीप बन जलता रहूँगा|
---------------------------------------------------------------------------
"प्राइमरी का मास्टर" की ओर से आपको दीपावली की हार्दिक मंगल कामनाएं !!
---------------------------------------------------------------------------
---------------------------------------------
दीपावली पर्व पर आपको मेरी मंगलकामनाएं!!!
---------------------------------------------
स्नेह अपना दो ना दो,
दीप बन जलता रहूँगा|
हर अंधेरी रात में,
जब अकेले ही चलोगे
तुम्हारी राह का तम
दूर मैं करता रहूँगा|
स्नेह अपना दो ना दो,
दीप बन जलता रहूँगा|
---------------------------------------------------------------------------
"प्राइमरी का मास्टर" की ओर से आपको दीपावली की हार्दिक मंगल कामनाएं !!
---------------------------------------------------------------------------
---------------------------------------------
दीपावली पर्व पर आपको मेरी मंगलकामनाएं!!!
---------------------------------------------
स्नेह अपना दो ना दो,
दीप बन जलता रहूँगा|
हर अंधेरी रात में,
जब अकेले ही चलोगे
तुम्हारी राह का तम
दूर मैं करता रहूँगा|
स्नेह अपना दो ना दो,
दीप बन जलता रहूँगा|
---------------------------------------------------------------------------
"प्राइमरी का मास्टर" की ओर से आपको दीपावली की हार्दिक मंगल कामनाएं !!
---------------------------------------------------------------------------

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

"समीर" जी।
हमतो डर ही गये थे "मारो...मारो!!!!" सुन कर।
मगर ये मार तो बड़ी मुश्किल से मिलती है।
"मारो...मारो!!!!" भई खूब मारो।
हर दिन मारो!
पल क्षिण मारो!!
भइया-दूज की शुभकामनाएँ!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

बेचारी भेड़ों की चाल नाहक बदनाम.

ओम आर्य ने कहा…

आपके कुंडली के खानों में जरूर कोई ग्रह है जो इस तरह आपको नामी-बेनामी बनता रहता है...नामी तो अच्छा है पर इस बेनामी के लिए कुछ करिए...

बेनामी ने कहा…

हा हा हा!

मैं तो आपकी मुख-मुद्रा की कल्पना किए मौज़ ले रहा हूँ। :-)

बुरा ना मानो दीवाली है!!

बी एस पाबला

अर्कजेश ने कहा…

मारो मारो’ शीर्षक पढकर भागते हुए आ रहे हैं ।
सोचा आपने किसी को मारने के लिये पकडा हुआ है ।

बम को तो फ़ूटने से मतलब होता है , उसे पता थोडी होता है कि किसने बनाया है ।

इसी तरह कविता और फ़ूल भी है । जहां भी पडेंगे वहीं खुशबू बिखेरेंगे ।

नाम हो या न हो ।

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

साहित्‍यकार तो लिखता ही इसलिए है कि वह दूसरों के काम आ सके। न जाने कितनी पंक्तियां कौन लोग काम ले रहे होंगे। ये तो पटाखे समान है, बनाता कोई है, छोडता कोई है। दीवाली और भैया दूज की बधाई।

समय चक्र ने कहा…

लो अब हम क्या जबाब दें इन फलाना फलाना को...हम तो खुद ही यही बम फेंक रहे थे..???

लिखे, कि भईया यही चार ठो पंक्तियाँ हैं हमारे पास...तो वही वापस भेज रहे हैं बतौर शुभकामना. धर लो...धम धम...बम बम

हा हा हा पूरा पटक बम भरा लेख है . इस बार शुभकामनाओ की बमबार्डिंग खासी रही ... एक दूसरे पर दे दनादन फेंकी जा रही थी .हमने भी खूब... हा हा अ ... शुभकामनाओ के साथ..

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

गलत बात है समीर जी,
हम तो पश्चिमी देशो से आउट्सोर्सिंग भारत लाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे है ताकि यहाँ के गरीबो का भी कुछ भला हो, और आप है की उल्टे कनाडा ले जाने की फिराक में है ! खैर भैया दूज की आपको बधाई !

Alpana Verma ने कहा…

-agli baar se apna naam bhi kahin panktiyon mein likha kareeye...

khud ki taslalee ke liye..:D

--aap ki wakayee diwali ho gayee...kitna saraaha gayaa aap ki in chaar panktiyon ko..
yah aspect bhi dekheeye!
-[haan....'credit' nahin milne se dukh to bahut hota hai ]

-ab ye chaar panktiyan agle saal bhi [har saal]..dikhen to atishyokti na hogi!

Unknown ने कहा…

अब हर बार बम फूटता तो नहीं है, डब्बे भर बमों में कोई फुस्स भी हो जाता है। लोग उस फुस्स बम को फेंक देते हैं पर ऐसे भी लोग होते हैं जो उसे उठाकर उसमें फिर से बत्ती लगा कर चला लेते हैं।

निर्मला कपिला ने कहा…

kyaa kahen bas bhaai dooj kee shubhakamanayen

Anil Pusadkar ने कहा…

नक्कलों से सावधान,हमारी और कोई ब्रांच नही है।लगता है समीर जी आपने इन सब मंत्रों पर ध्यान नही दिया था।यंहा रायपुर मे इंजीनियरिंग कालेज मे प्र्वेश मे लिये हुई काऊंस्लिंग मे दो कालेज वाले आपस मे भीड गये थे और एक ने तो बाकायदा बैनर-पोस्टर लगवा दिये हमारी और कोई ब्रांच नही है।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

अरे भाई, कोई तो क्रेडिट देता..तो चरण में गिर पड़ते....
------------
क्रेडिटकार्ड तो है नहीं अपने पास। पर आपको जमाकर लिखने का क्रेडिट जरूर दे सकते हैं। स्वीकार करें। चरणस्पर्श की कोई जरूरत नहीं! :)

डॉ टी एस दराल ने कहा…

शुभकामनाओं और कविताओं के ही बम चलते रहें, यही कामना है.
वरना हम दिल्लीवाले तो असली बमों को भी झेल चुके हैं.
वैसे आपकी चार लाइना हिट रही.
धंधा बुरा नहीं है.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा!

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
फटके न अंधेरा कभी आपके आस पास
खुशी आपके द्वार पर आकर खुशियाँ मनाएँ..

दीपावली पर्व पर आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

नए साल के लिए अभी से दिल पक्का कर लीजिये नहीं तो फ़िर आपकी लिखी आप को ही मिलेगी शुभकामना के रूप में !

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

"लो अब हम क्या जबाब दें इन फलाना फलाना को...हम तो खुद ही यही बम फेंक रहे थे..??"

जब आप ही इतने अच्छे बम बनाओगे और फ़ेंकोगे तो भला दूसरा चुराने से काहे कतराए। लो...अब झेलो अपने ही बनाए हुए बम:)

रश्मि प्रभा... ने कहा…

chaliye kuch naye varsh ke liye abhi se hi........bahut sahi rahega

Prem ने कहा…

दीवाली की आपको हार्दिक शुभकामनायें ,आपके जीवन में दीपो का प्रकाश भर जाए ,यह हमारी मंगल कामनाएं हैं .आपकी मंगल कामनायों का बम धमधमा था .बधाई ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

चलिए छठ के शुभकामना सन्देश हेतु छ सौ के भाव पर हमारा एक आर्डर नोट कर लीजिए....
डिलीवरी थोडा जल्दी चाहिए.......ओर हाँ छ: सौ रूपये की पेमेन्ट आप मनीआर्डर वगैरह से करेंगें कि अपना बैंक एकाऊंट नम्बर भेजें :)

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

apki is pankti ke dwara jo aashirwaad aapne diya....... uska apka aabhaari hoon.....

yuva ने कहा…

समीर जी,
वो क्या कहते हैं "बाँटनवारे को लगे ज्यों मेहंदी के रंग" ! तो वही हाल है. आपकी कमाई भी मेहंदी को लगाने वाले की तरह ही है. चाहे न चाहे तो भी खुद ब खुद लगता रहता है और दिखता रहता है. और, बम-वम तो ऐसे ही है पर झेलने वाला कोई आपके जैसा मजबूत होना चाहिए.

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

चोरी और सीनाजोरी इसे ही कहते हैं

Abhishek Ojha ने कहा…

हा हा ! क्या पलट के मारा है जी :)

वैसे हमें भी २-४ ठो लिखवाना है, थोक के भाव में ६०० से कुछ कम पे होगा क्या. चलिए न हमारा ना आपका २०० में फाइनल करते हैं :)

सदा ने कहा…

खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

बहुत ही सुन्‍दर दिल को छूते शब्‍द, आभार सहित शुभकामनायें ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
अजी अब कर देते है तारीफ़....
सच मै आप ने इन चार लाईनो मे बहुत पटक पटक के मारी हम सब को शुभकामानये, ओर इतनी पटक के मारी की मेरा लेपटाप की सक्रीन भी खराब हो गई, चलिये इस सप्ताह नया लेपटाप खरीद लूं, फ़िर उस का बिल आप को भेज दुंगा, बिना भरे.... अगले साल देखा जायेगा
धन्यवाद.

MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर ने कहा…

लेख से मारो, टिप्पणी से मारो..ईमेल से मारो, ट्विटर पर मारो..आर्कुट पर मारो..फेस बुक पर मारो...एस एम एस से मारो..... शुभकामना, बधाई..मंगलकामना....

महाताऊजी! अच्छा लगा आपके मजेदार पर लच्छेदार बातो को पढ।

Unknown ने कहा…

deepawali ki subh kamnaye ...aap wakai her bat mein se koi nayi baat nikal hi lete hai...apki deepawli achi rehi hogi aapko aur aapke parivar ko subhkamnaye

jamos jhalla ने कहा…

prabhu ab tak kitne?

nilesh mathur ने कहा…

समीर जी , नमस्कार, आपके लेखन का तो ज़वाब ही नहीं है, इसी तरह बम के धमाके करते रहे और हम इन धमाकों में हमेशा झुलसते रहें , दीपावली की हार्दिक शुभकामना!

गौतम राजऋषि ने कहा…

हा हा...ये तो दिलचस्प रहा।

अनूप शुक्ल ने कहा…

मारो..मारो!!! कविता लिखने के बाद हिंसा फ़ैला रहे हो!

सत्यनारायण भटनागर ने कहा…

प्रिय श्री समीर जी,

आपको रचना पसन्द आयी इस हेतु बहुत बहुत धन्यवाद।

मैरी और से भी आपको दिपावली की हार्दिक शुभकामनाऎ।

सत्यनारायण भटनागर ने कहा…

प्रिय श्री समीर जी,

आपको रचना पसन्द आयी इस हेतु बहुत बहुत धन्यवाद।

मैरी और से भी आपको दिपावली की हार्दिक शुभकामनाऎ।

सागर ने कहा…

शुक्रिया अंकल...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

समीर भाई सब ही बम्ब मार रहे हैं ......... खा भी रहे हैं ............ दिवाली में तो सब मिठाई के साथ साथ सब कुछ खाते हैं ....... आपकी पोस्ट मजेदार है ...........

दिगम्बर नासवा ने कहा…

समीर भाई सब ही बम्ब मार रहे हैं ......... खा भी रहे हैं ............ दिवाली में तो सब मिठाई के साथ साथ सब कुछ खाते हैं ....... आपकी पोस्ट मजेदार है ...........

बवाल ने कहा…

आदरणीय लाल साहब,

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

--- आपका बवाल
हा हा हा
(बुरा न मानो दीवाली है)

बवाल ने कहा…

और हाँ आपकी इस पोस्ट की हैडिंग देखकर हमें लावारिस फ़िल्म के ओमप्रकाश याद आ गए। हा हा।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

ये तो जोरदार रहा, चारो तरफ़ मारो मारो मची हुई है, नाहक ही डर गये थे. मामला समझ आने पर शांति मिली.:)

रामराम.

हरि जोशी ने कहा…

धमाके के साथ मारा...वाह! खूब मारा!

Arvind Mishra ने कहा…

भावनाओं का भी कहीं कापी राईट हुआ है समीर जी !

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

ha ha ha bahut khoob , yahi diwali par gift ya mithai ke saath bhi hota ek gift kisi ko diya usne aage....aage.....aage.... ghoom phir kar phir hamare pas.

premlata ने कहा…

मारो मारो
पढ़कर पोस्ट पढे ही नहीं अब टिप्पणियों से पता चला कि मामला शुभकामनाएँ मारने का है!!!
शुभकामनाएँ!

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बहुत बम मारे समीर भाइ आपने
मारो-मारो रात भर गुन्जता रहा
वो बमा-बम सारे आपके ही थे
जिनका धमाका रात भर सुनता रहा

सुबह फ़िर वही धमा-धम
बहुत एनर्जी है। बधाई हो

Ambarish ने कहा…

खुशदीप सहगल ने कहा…
गुरुदेव,
ये क्लोनिंग और पाइरेसी का ज़माना है...आपको नहीं पता कि आपकी हा,हा,हा,हा,हा,हा,हा (मेरी तो इतने मे ही बस हो गई)भी
कितनी हिट रही थी...कम से कम 10 जगह तो मैंने वही हा,हा,हा...देखी थी...
ha ha ha ha...

maaro maaro sunkar ham aaye ki koi khatarnak type vyangya rachna hogi, par ye to....
ha ha ha ha...

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

मारो-मारो से लगा कि मियां की जूती मियां के सर.
चलो गनीमत हैं कि यहाँ रचनाकार के पास ही उसी कि रचना के सन्देश धड़ाधड़ पहुँच रहे हैं.........
कापीराइट नहीं करवाई थी न, तो कुछ कर भी तो नहीं सकते...............
फिर भी रचनाकार को तो खुश ही होना चाहिए कि उसका रचित बधाई सन्देश इत्ता पापुलर हो गया............
हार्दिक बधाई स्वीकार करें जी..........
अब तो दीपावली बीत गई, वर्ना हम भी वही ठोक दिए होते.........

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

संगीता पुरी ने कहा…

चलिए, मेरे बहाने आपको कई आर्डर मिल गए .. पर अनूप शुक्‍ला जी चिट्ठा चर्चा में आपकी शुभकामनाओं की कमियां निकालकर आपके बिजनेस को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं !!

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

मारॊ मारो! समीर जी पहले तो पढ़ कर घबराहट हो गई थी कि यह कैसा आवाहन कर रहे हैं आप.....लेकिन आलेख पढ़ कर मन शांत हुआ:))

दिलीप कवठेकर ने कहा…

आपका बम तो एटम बम है गुरु!!

Syed ने कहा…

ये भी खूब रही... :-)

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा…

इन चार लाइनों को चालीस बार तो मैं भी पढ़ चुका हूँ।

कोई अफ़सोस मत करिए। आपकी भावनाओं का जबरदस्त प्रचार-प्रसार हो चुका है। अब इसे ही अपनी उपलब्धि मानिए। धन्यवाद।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

आपका जवाब नहीं समीर भाई !! दीपावली गेली ..अगले बरस YOU जल्दी आ

राजेश स्वार्थी ने कहा…

आपका ईमेल पाकर मैं धन्य हो गया, सर. उसे छापने की सहमति मैने मांगी थी, जबाब में आपने स्माईली भेज दिया. उसे मैं हाँ मान ले रहा हूँ. अगर आप न कहेंगे तो पोस्ट हटा लूंगा.

वाणी गीत ने कहा…

छठ का सन्देश बन गया हो तो हमें भी भेज दीजियेगा ...मुफ्त में ...कुछ बम हम भी फोड़ लेंगे ..!!

Astrologer Sidharth ने कहा…

अब समझ में आया कि तुलसीदास सदा हरि चेरा और मीरा के प्रभु गिरधर नागर क्‍यों लिखा गया। लोग भजन तो याद रख लेते हैं लेकिन लिखने वाले को दरकिनार कर देते हैं। इस बार आप भी कुछ ऐसा ही आजमाना जैसे

समीर कहे खेलो होली जमके.... जैसा कुछ।


हा हा हा हा हा हा

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

मारो-मारो पढ के पहले तो हम घबराये,
लेकिन फिर खूब-खूब मुस्कुराये.

Arshia Ali ने कहा…

बहुत बढिया। मार रहे हैं लोग, अब तक 67 लोग मार चुके हैं। 68वां मेरी ओर से।
क्या लगा नहीं, फिर से देखों भई, शुभकामना का बम मैंने अभी अभी फेंका है।
( Treasurer-S. T. )

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

काश एक बम मेरे ब्लॉग पर बी फेंक देते....!बहुत इच्छा है की आप आयें...दीपावली की शुभकामनाएँ |

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा ने कहा…

मारो...मारो अपना नहीं तो समीरजी का ही चुरा कर मारो

शेफाली पाण्डे ने कहा…

इतना खतरनाक बम्बार्टमेंट चल रहा है यहाँ ...और
हम इतनी देर से पहुंचे ...

shama ने कहा…

Janam din kee badhayee ke liye tahe dilse shikriya!

http://shamasansmaran.blogspot.com

http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

htpp://baagwaanee-thelightbyalonelypath.blogspot.com

Kulwant Happy ने कहा…

आपने सही नबज पकड़ी है। मैंने भी ऐसे ही शुभकामनाएं भेजी थी, मारी नहीं।

प्रिया ने कहा…

:-)aapke bomb kaargar hai

Chandan Kumar Jha ने कहा…

आपसे सहमत है ।

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

ye to hona hi tha.

सुशीला पुरी ने कहा…

ab agle saal ke liye likh dijyga, abhi se buking samjhiye......shubh dipawali.

Pran Sharma ने कहा…

Aap khoob likhte hain,vishay koee
bhee ho.ye lekh bhee kam nahin.
Badhaee.

शरद कोकास ने कहा…

ना ना ना ना समीर भाई ना .. ये छठ-वठ वालों के बहकावे में बिलकुल नहीं आना वरना आपके पास मुंडन और नामकरण संस्कार वालों के भी ऑर्डर आने लगेंगे । इतनी सस्ती कलम थोड़े ही है आपकी । बाकि आपकी यह बम बम वाली अदा अच्छी लगी । ऐसे ही बम दीवाली में फूटें तो जनता प्रसन्न हो जाये और प्रदूषण भी न हो .. ।

साधवी ने कहा…

हमें भी मिला था आपका ये वाला बम.

पुनीत ओमर ने कहा…

दो चार कम ज्यादा की बात नहीं पर करीब करीब सबने ये गोली बारी झेली है.. संवेदना हीन भावना रहित संदेशों की बौछार

Asha Joglekar ने कहा…

अरे समीरजी आपको तो खुश होना चाहिये कि इतनी सारी दिवाली शुभ कामनाओं में से चोरी आपकी कविता की हुई । कविता कितनी चौर्य है ! जैसे माइक्रोसॉफ्ट के विन्डोज सॉफ्टवेयर की जब धडल्ले से नकली कॉपियां बिक रहीं थीं तो बिल गेटस् ने कहा था पाइरेशन बुरा है पर अगर हो ही रहा है तो हमारे सॉफ्ट वेयर का ही हो ।
दिवाली शुभ ही रही होगी .........

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

अपनी तो तोप रूपी इन्टरनेट दिवाली की छुट्टी पर थी इसलिए मारा मारी नहीं कर पाए .

ज्योति सिंह ने कहा…

shubh diwali aapko aur is dhamekedaar rachna ke liye badhai .bahut hi shaandar likha hai

आलोक ने कहा…

हम तो खुद ही यही बम फेंक रहे थे

तभी तो कहते हैं कि किसी की दी भेंट को आगे न सरकाओ! अगला पहले को ही दे दे तो! :)