आज मेरी माँ का जन्म दिन है. ५ साल पहले २८ जनवरी, २००५ को वो मुझसे दूर चली गई लेकिन एक वो दिन था और एक आज का, तब से रोज रात में वो मेरे सपने में मेरे पास आती है और मुझे लगता ही नहीं कि वो मुझसे दूर चली गई है.
एक खास बात, मेरी नानी का जन्म दिन भी ६ जुलाई, मेरी माँ का भी और मेरी भतीजी का भी याने मेरी भतीजी के लिए उसकी परदादी, दादी और उसका जन्म दिन एक ही दिन!!
आज इस मौके पर माँ की बहुत याद आ रही है.
जब भी मैं
पीछे मुड़कर सोचता हूँ..
अपना बचपन
अपना मकान
वो गलियाँ
वो मोहल्ला
अपना शहर
अपना देश..
या
फिर
खुद अपने आप को..
हर बार मुझे
माँ
याद आती है!!
-समीर लाल ’समीर’
जन्म दिन मुबारक, मम्मी!! आज जब रात में सपने में आओगी तब केक काटेंगे, पक्का!! आओगी न!!
108 टिप्पणियां:
माता जी,
आशा है परमपिता की छांव में आप शांति के साथ होंगी,
जन्मदिन पर मेरा भी नमन स्वीकार करें।
http://gharkibaaten.blogspot.com
The dearest one mother.
एक मां के लिए सबसे अधिक संतोषप्रद यही होता है कि उसका बेटा उसे याद करता रहे। जिस दिन आप जैसे बेटे प्रत्येक मां को मिल जाएंगे उस दिन इस दुनिया की तस्वीर बदल जाएंगी। मेरा भी पुण्य स्मरण।
मांं तो हमेशा जहन में रहती है। उसे भूल पाना संभव नहीं।
माँ के जन्मदिन की आपको बधाई..और माँ को नमन.
माँ कभी भी दूर नहीं जातीं...आपकी यादों में बसी हुई हैं...
जब तक आप उन्हें याद करते हैं वे आपके साथ ही हैं। उनके जन्मदिन की बधाई।
घुघूती बासूती
माँ.........उसका एहसास भी ख़ास है, अपनी माँ के जन्मदिन पर उनकी यादों से इसे और खास बनाये.........सच है हम चाहे उम्र के किसी भो मोड़ पर हों माँ का ख्याल भी हमें फिर से हमें अपने बचपन में उनके आँचल के साए तले लिए जाता है जहाँ हम अपनी माँ के लाडले दुलारे बने फिरते थे।
समीर जी ,
आप की इस भावनात्मक स्थिति में हम सब आप के साथ हैं
.
.
.
अच्छी लगी माँ को समर्पित यह पोस्ट...
हाँ, माँ को सपने में आने की जरूरत ही क्या है...गई कहाँ हैं वो...आपकी हर साँस में, हर धड़कन में, दिल में दिमाग में हर पल बसती हैं वे!
उनको नमन!
...
thumari maa ka ashirwad to sada hum sabhi ke sath hai.aaj hum bhi cake khayence.
dher sara pyar
chacha
समीर जी मां के आंचल मे ब्रह्मांड छिपा होता है(मां के लिये मेरे हर जगह यही शब्द निकलते है)
आपकी माता जी को श्रधा सुमन और भतिजी को शुभकामनाये।
समीर जी मां के आंचल मे ब्रह्मांड छिपा होता है(मां के लिये मेरे हर जगह यही शब्द निकलते है)
आपकी माता जी को श्रधा सुमन और भतिजी को शुभकामनाये।
माँ को नमन !
आपको आभार !
बेटा बुलाए और मां न आए
ऐसा होता है कभी ?
Maa ka sthan jeevan me koi nahinn le sakta.Unka aashish sada aapke sath rahega.
आंख की कोर गीली हो गयी दद्दा। अम्मा को जन्म दिन मुबारक हो।
"या फिर खुद अपने आप को.. हर बार मुझे माँ याद आती है!! "
maa hoti hi aisee hain! maa ji ko pranam! sunder bhav !
Sach! Ye kaise anokhe bandhan hote hain! Mere dada ko guzre 14 saal hue aur dadiko guzre 12 saal..lekin roz sapnon me aate hain,aur mai kah uthti hun,oh! ye log to abhi zinda hain...unka nidhan to sapne me hua tha!
बस इतना ही कि :
जब भी कश्ती मेरी तूफान में आ जाती है!
माँ दुआ करती हुई ख्याब में आ जाती है!!
(बकौल मुन्नवर राना साहब)
नानी , माँ और भतीजी तीनों का जन्मे एक ही तारीख को होना सुखद आश्चर्य ...लगता है माँ भवानी की आप पर असीम कृपा है ...
सपनो में माँ के साथ केक बंटता रहे ...माँ को नमन ...जो इस तरह आपके साथ हैं उने श्रद्धांजलि तो नहीं दी जा सकती ...
आप की माताजी को मेरे कोटी कोटी प्रणाम!... मेरी अपनी माताजी की मुझे याद आ रही है!... मां तो मां ही होती है...मां की जगह कोई भी नहीं ले सकता!
आओगी न माँ ?
काश माँ आज आपसे मिलने जरूर आयें समीर भाई शुभकामनायें !
कल मैंने मां से जुड़ी एक पोस्ट लिखी थी। आज आपने जन्मदिन के बहाने मां को याद किया। मां को न भूल पाना एक केमिकल लोचा है...ऐसा लगने लगा है ।
ये तो सच है कि भगवान है,
है मगर फिर भी अनजान है,
धरती पे रूप मां बाप का, उस विधाता की पहचान है...
जन्मदाता है जो, नाम जिनसे मिला,
थामकर जिनकी उंगली है बचपन चला,
कंधे पर बैठ के जिनके देखा जहां,
है उपकार इतने क्या कहे, ये बताना न आसान है,
धरती पे रूप मां बाप का, उस विधाता की पहचान है...
(केक काटते वक्त मांजी का आशीर्वाद लेने के लिए मैं भी हूंगा आपके साथ)
जय हिंद...
ओह!
हैप्पी बड्डे मम्मी !
और अब हमारा हिस्सा?
(......हर बार मुझे माँ याद आती है!! )
क्या कहें आपको ...न बचपन भुलाया जाता है न यादों से माँ का अहसास बिसराया जाता है ...वो सदायें तो चलतीं हैं उम्र भर ...छाया उसी की फ़ैली है ...वही तो मुस्कराती है , हर लम्हा अपने बच्चों के संग संग ...
thanks to remind them
bhagwaan ne ghar me yaad banaa ke bhatiji bheji unka bhi shukriyaa
aaj ka din atyant bhavuk hai.
मम्मी चाहे कहीं भी हो हमेशा हमारे पास होती हैं हर मौके पर ..
समीर भाई इतने सारे जन्मदिन एक ही दिन। बधाई। केवल केक से काम नहीं चलेगा गुलगुले भी बनवाईए। आपतो जानते ही होगें न।
bahut bhavuk hai ye khas din.man ko chunewali.
क्या कहूँ, ....
पुत्र के इस विकल स्नेह पर वो ऊपर मुस्कुरा रही होंगी।
भतीजी के जन्म-दिन वाला संयोग अद्भुत है।
कौन कहता है कि मां दूर चली जाती है ?
हमारी ओर से भी जन्म दिन की शुभकामनाएं !
sir aapko is vishesh divas par meri shubhkamnayen aur jagat janani ko shat shat naman....aur aapki panktiyaan jeevan darshan hai!
माँ को दिल से मैंने भी याद किया......और आपकी भावनाओं का सम्मान किया है
समीर भाई ... माताजी , नानिजी और आपकी भतीजी का जनम दिन बहुत बौट मुबारक .... माँ कि यादें हमेशा ताज़गी देती हैं ...
ma to maa hoti hai
मां तो ऐसी ही होती है । यह उन्ही का आशीर्वाद है , जो आप इतना अच्छा लिखते हैं समीर जी ।
"I am what my mother made me "--ShivaJi
"All that I am or hope to be ,I owe to my angel mother "-Lincoln
A flash back revived the memory of how my mother helped & guided me & my other brothers ,sisters to
rise.Thenext generation ,including U,can well say next to GOD there is no other.
Kunwar
भयंकर गड़बड़ है समीर जी । कुछ कीजिये ।
आज सब ब्लोग्स पर टिप्पणियां जीरो क्यों दिख रही हैं । सब पर मोडरेशन भी दिख रहा है । अज़ब गज़ब मामला है ।
माँ-----
कब याद नहीं आती ?.....
हर पल,हर दिन .....
मेरे साथ रहती है .....
मुझसे बातें करती है ....
मुझे छोड कर कहीं नहीं जाती है .....
आज भी आयेगी .....और
मेरे साथ केक खाएगी................
मार्मिक पोस्ट है। माँ के प्यार से हमारा व्यक्तित्व बनता है।
आज ब्लॉगर में जाने क्या समस्या है, कमेंट अप्रूव नहीं हो रहे हैं. शायद जल्द कुछ समाधान हो.
क्या हो गया समीर भाई ! यह कमेंट्स कहाँ गायब हो जाते हैं ! आपके साईट पर भी ,मेरी तरह ,सुबह ६ बजे के बाद, एक भी कमेन्ट न पाकर दिल कुछ हल्का हुआ ;-)
( मेरे ब्लाग पर पिछले कई घंटे से आये सारे कमेन्ट गूगल खा गया ). एक शेर नज़र है
दिल खुश हुआ मस्जिद ए वीरान देख कर
मेरी तरह खुदा का भी खाना खराब है !
sameer ji,
aapki udantashtari par aaj main bhi utar aai jab antariksh mein tafreeh kar laut rahi thee. aur jab mummy ki baat ho to waise bhi turat pahunch gai. meri taraf se mummy-naani-aur nani ki natni ko janmdin ki bahut badhai. maata-pita door bhale chale jaate lekin sath kabhi nahin chhodte. shubhkaamnaayen.
आज जब आप माँ को मिले मेरी तरफ से खूब सारा केक खिलाना
और बहुत सारा प्यार देना
मैं दुआ करूँगा की आज आपको बहुत सारा प्यार मिले
क्युकी माँ की कमी कोई पुरी नहीं कर सकता
माँ का जन्मदिन मुबारक हो ...................................................................................
आज जब आप माँ को मिले मेरी तरफ से खूब सारा केक खिलाना
और बहुत सारा प्यार देना
मैं दुआ करूँगा की आज आपको बहुत सारा प्यार मिले
क्युकी माँ की कमी कोई पुरी नहीं कर सकता
माँ का जन्मदिन मुबारक हो ...................................................................................
माँ तो आख़िर माँ होती है बच्चो को पूरी दुनिया होती है . .!!काफ़ी भावुक पोस्ट भाईसाहब !
समीरजी ,
हमारे जन्मदाता जब तक हम संसार में हैं तब तक प्रतिक्षण हमारे साथ ही होते हैं …
आदरणीया मम्मीजी को श्रद्धा सुमन अर्पित हैं !
कोटि कोटि नमन !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
"माँ"सब कुछ इसी एक शब्द में समाहित है.
Janm din par aapne apnee maatashri
ke saath-saath apnee nanashri aur
bhateejee ko jo yaad kiyaa hai ,
bahut achchha lagaa hai.Pariwar ke
prati aapke samarpan ko naman.Kahte
hain ki vyakti kaa pariwar ke prati
prem bhaav hee samaaj aur desh ke
prati hotaa hai.Shubh kamnaaon ke
saath.
माँ तो माँ होती है .
लेकिन इतना obsession उचित नहीं लगता . उन्हे भी विश्राम करने दें .
भावनात्मक रिश्तों और वो भी मां का रिश्ता ,कैसे भूल सकते हैं
दुनिया में जबतक ये जीवन रहता है कौन भला अपनी जन्मदात्री माँ को भूल सकता है जिसने अपनी कोख से जन्म दिया है ... दुनिया में माँ से बढ़कर कोई नहीं है....आभार
आपको मम्मी जी का जन्म दिन बहुत बहुत मुबारक हो! सचमुच माँ जैसे खुदा के ईनाम की जगह कोई और नहीं ले सकता.
समीरजी ,
माता पिता हमसे कभी दूर नहीं होते ।
पूजनीया मम्मीजी को सादर श्रद्धासुमन अर्पित हैं !
तेरे दम से है रौनक़ घर मेरा आबाद है अम्मा !
दुआओं से मुअत्तर है ये गुलशन शाद है अम्मा !
तेरे क़दमों तले जन्नत , दफ़ीने बरकतों के हैं
ख़ुदा अव्वल , तुम्हारा नाम उसके बाद है अम्मा !
किसी भी हाल में रब अनसुना करता नहीं उसको
किया करती जो बच्चों के लिए फ़रियाद है अम्मा !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
समीर भाई केवल इतने सारे जन्मदिनों की बधाई। पर केवल केक से काम नहीं चलेगा। गुलगुले भी बनवाइए।
आपके साथ हमने भी माँ को याद किया।
मां तब ज्यादा याद आती है जब वह हमेशा के लिये दूर चली जाती है
मां तब ज्यादा याद आती है जब वह हमेशा के लिये दूर चली जाती है
आपकी माँ जी के पुण्य स्मरण को मेरे श्रद्धा सुमन भी सादर समर्पित हैं ! जब तक ईश्वर ने चाहा उन्होंने भौतिक जीवन में आपको संरक्षण दिया अब परलोक जाने के बाद भी प्रतिदिन स्वप्न में आकर आपको भावनात्मक सम्बल दे रही हैं ! आप जैसा भाग्यशाली भला और कौन होगा ! उनके जन्मदिन की आपको बहुत बहुत बधाई !
ai maan teri soorat se alag bhagvaan ki soorat kya hogee. bas mujhe to yah amar kavitaa yaad aatee hai. meri maan ka nidhan 1990 me huaa,lekin lagataa hai, vah ab bhi mere saath hai. maan aisee hi hotee hai. vah kabhi marti naheen. jab tak uske bete zindaa rahate hai. maan amar hai.
माँ को श्रद्धांजली ..... मुझे भी माँ हर पल याद आतीं हैं....कविता बहुत अच्छी लगी.... मन रोने जैसा हो गया है.... माँ अब याद रही हैं....
--
www.lekhnee.blogspot.com
Regards...
Mahfooz..
आपके लिए तो ६ जुलाई विशेष दिन है......
अपने सपने में हमारे लिए भी आशीर्वाद मांग लीजियेगा.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
DADDA .POOJAY MATA JI KO JAB AAPKE SAPNE ME AAYEN TO MERA PARNAM KAHNA...
आज के दिन भला मां की याद न आए .. बहुत अच्छी पोस्ट !!
मां को हम कभी भूलते ही कहां हैं, और फिर जन्मदिन जैसे मौके पर??? तब जब की वो हमसे दूर चली गई हो??
कहते हैं कि याद करते रहने पर पुण्यात्मा से मार्गदर्शन मिलता रहता है ।
उन्हें मेरा नमोनमन !
माँ को नमन. बस नमन, जहां भी है अब खुश रहे शांति से रहे.... बस इतना ही
" aankh se hamari aansu " MAA " ki yaad se chalak gaye ..aaapne to maa ki yaad dila di sir "
----- eksacchai{aawaz }
http://eksacchai.blogspot.com
आपकी माँ को प्रणाम । मीठा केक खाकर स्मृतियाँ और मीठी हों आपकी ।
मां आपके साथ हमेशा है..
आपकी माँ को प्रणाम! और जैसा प्रवीण जी ने कहा, कुछ मीठा खाईये और मीठी स्मृतियों में खो जाईये!
पूज्य माँ जी को नमन ..क्या वे सपने में आयीं ?
माता जी को जन्मदिन पर कोटिशः नमन !!
आपकी माता जी के जन्मदिन पर उन्हे हमारा भी नमन
अदभुत भाव।
माँ को प्रणाम समीर जी !!
अपना शहर
अपना देश..
या
फिर
खुद अपने आप को..
हर बार मुझे
माँ
याद आती है!!
Maa.N ki yaad ..... kabhi koi kahan bhul pata hai apni maa.N bachpan, ghar , galiyan, desh .......kahan bhul paate hain .
Janamdin par aapki kavita unhe bhi bhaav vibhor kar gayi houngi....
मां की याद दिमाग से कभी नहीं जाएगी, चाहे हम कितने ही बड़े हो जाएं, पर मां का स्मरण भावुक कर जाता है, और उनका यह खास दिन, हमारी तरफ से भी श्रद्धानवत् नमन ।
माताजी को प्रणाम.
आपकी माता जी के जन्मदिन पर उन्हे हमारा भी नमन ...........माँ बस माँ हो्ती है उसकी जगह कोई नही ले सकता।
भावुक कर दिया आपने....माता जी को जन्म दिन की शुभकामनाएं.उनके अलावा और भी परिजनों को इसी दिन पर जन्मदिन की बधाई
माँ को नमन के साथ आपकी भावनाओं का सम्मान कराती हूँ, भतीजी को शुभकामनाएं...
माँ की पुण्य याद को नमन.
माँ, माई, मम्मी.… बच्चा म शब्द पहले सीखता होगा न!
मरते दम तक उनसे मिला स्नेह याद रहता है… अभी आपको टिप्पणी लिख रहा हूँ और हमारी माता श्री सूखी जामुन के बीज निकाल रही हैं, शुगर में फायदा करता है… एक बार भी इस काम के लिए हम लोगों को नही बुलाया… लेकिन अब शायद जाना चाहिये… :( :(
वो आएगी?
नही आएगी.
आप जैसे बेटे ने उन्हें अपने से दूर जाने दिया होता तब ना? अरे तीनों बर्थ डे फेरिज़ को हेप्पी बर्थ डे.
मेरे तो पीहर में ना मम्मी,पापा है औरना ससुराल में सास ससूर.
कहीं कोई चिन्ता करने वाला,इंतज़ार करने वाला नही.हा हा हा
सबसे छोटी और बहुत लाडली थी ना इसलिए भगवान ने ये अनुभव भी महसूस करने को दे ही दिया कि बेटा इंदु अब माथे और पीठ पर सिर्फ हाथ फैरे जाने को महसूस करो.
और हमने किसी को इससे वंचित नही रहने दिया. मां जब माथे पर हाथ फेरे आपके,तो कहना -'माँ ये इंदु है ............'
bahut bhavuk lekh.aap ki maata ji ko shradha suman samarpit karti hoon.
माँ से बढ़ कर दुनिया में कुछ नही....माता जी को सादर नमन!!! समीर जी बेहद भावपूर्ण काव्य रचना....
हर बार मुझे
माँ
याद आती है!!
माँ आखिर माँ होती है। माता जी और परदादाएए जी की आत्मा को सादर नमन और भतीजी के लिये बहुत बहुत शुभकामनायें आशीर्वाद
माँ कहीं नहीं जातीं, बस हमारे दिलों में रहती हैं...माँ का पुनीत स्मरण भावविभोर कर गया.
जैविक कारणों से,पुत्री को पिता से और पुत्र को माता से विशेष लगाव होता है। पुत्र के कुपुत्र हो जाने पर भी माता के कुमाता न होने के कारण ही हर पुत्र अपनी माता को शिद्दत से याद करता है।
मातृशक्ति को नमन।
माँ बस माँ है, उनका स्थान कोई नहीं ले सकता...माँ की यादों की अदभुत दुनिया, माँ भी देख रही होंगीं..नमन.
आपकी माँ को नमन ,आपकी माँ को समर्पित यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी .
maa se hi hamara vajood hota hai ,jab tak wo jinda hai tab tak wo bhi hamare sang hai ,is avasar par yaad karne se wo aur najdik ho gayi ,kami to poori nahi ho sakti .unke janm din par dil se badhai .
Aapki Maata ji ko Haardik naman.
समीर जी ,
मां को मेरा भी पुण्य स्मरण। अच्छी लगी यह पोस्ट
माता जी की पुण्य स्मृति को मेरा नमन.
माता जी की पुण्य स्मृति को मेरा नमन.
माता जी की पुण्य स्मृति को मेरा नमन.
माता जी को श्रृद्धा सुमन अर्पित करता हूँ.
आप की इस भावनात्मक स्थिति में हम सब आप के साथ हैं जन्मदिन पर मेरा भी नमन स्वीकार करें।
आपके द्वारा लिखी माँ को समर्पित यह पोस्ट वाकई भावुक करने वाली है. आपकी माता जी को शत-शत नमन और उनके जन्मदिन की बधाई. मै तो सिर्फ इतना ही कहना चाहूँगा की :-
माँ
जब हम छोटे थे, तो पहले आंसू आते थे.
उस समय न चाहते हुए भी तेरी याद आती थी.
आज हम बड़े है, तो पहले तेरी याद आती है.
उसके बाद मेरी आँखों से आंसू आते है.
समीर लाल जी सँच कहूँ तो आज आपने अपनी माता जी को याद करके एक ऐसा काम किया है कि अगर इस कार्य के लिये आपको कोई बङे से बङा पुरस्कार भी दिया जाये तो कम है । मै आपकी माता जी को अपनी दादी जी के समान समझता हूँ । मेरी तरफ से नमन
"इस माँ का कोई मोल नही
इसके जैसा कोई बोल नही
ये प्यार सिखाती दूनिया को,
इसकी बातो का कोई तोल नही"
आपको अगर मै चाचा जी कहूँ तो बुरा मत मानियेगा । मै कोई गजलकार नही हूँ फिर भी कोसिस करके उपरोक्त चंद लाईने लिखी है । अच्छा न लगे तो डिलीट कर दिजीयेगा ।
समीर लाल जी सँच कहूँ तो आज आपने अपनी माता जी को याद करके एक ऐसा काम किया है कि अगर इस कार्य के लिये आपको कोई बङे से बङा पुरस्कार भी दिया जाये तो कम है । मै आपकी माता जी को अपनी दादी जी के समान समझता हूँ । मेरी तरफ से नमन
"इस माँ का कोई मोल नही
इसके जैसा कोई बोल नही
ये प्यार सिखाती दूनिया को,
इसकी बातो का कोई तोल नही"
आपको अगर मै चाचा जी कहूँ तो बुरा मत मानियेगा । मै कोई गजलकार नही हूँ फिर भी कोसिस करके उपरोक्त चंद लाईने लिखी है । अच्छा न लगे तो डिलीट कर दिजीयेगा ।
माँ से प्यारा कोई नहीं...
खुद अपने आप को..
हर बार मुझे
माँ
याद आती है!!
" bhu bhavnatmak prstuti.....dair se dkehi ye post....sach hai na "maa" to "maa" hi hoti hai"
regards
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