बिखरे मोती के विमोचन की खबर आपको १२ अक्टूबर, २००९ की पोस्ट से दी थी.
तब से ही उस कार्यक्रम के विडियो की डिमांड लगातार आती रही. आज उसी के विडिओ प्रस्तुत कर रहा हूँ.
’बिखरे मोती’ का दीर्घ प्रतिक्षित विमोचन विगत ४ अक्टूबर, २००९ को गुरुदेव श्री राकेश खण्डेलवाल, वाशिंगटन, यू. एस.ए. के कर कमलों द्वारा गया चौहान बैन्केट हॉल, टोरंटो में समपन्न हुआ. इस अवसर पर श्री अनूप भार्गव एवं रजनी भार्गव जी, न्यू जर्सी, यू एस ए, मानोषी चटर्जी जी, शैलजा सक्सेना जी ने शिरकत की. श्रोताओं से खचाखच भरे हॉल में कार्यक्रम की शुरुवात मानोषी चटर्जी ने की. कार्यक्रम की अध्यक्षता अनूप भार्गव जी एवं संचालन श्री राकेश खण्डेलवाल जी ने किया.
रजनी भार्गव जी, न्यू जर्सी, यू एस ए. का काव्य पाठ:
शैलजा सक्सेना जी का काव्य पाठ:
मानोषी चटर्जी जी का काव्य पाठ:
मानोषी चटर्जी जी का गज़ल गायन:
अनूप भार्गव जी न्यू जर्सी, यू एस ए. का काव्य पाठ:
श्री राकेश खण्डेलवाल, वाशिंगटन, यू. एस.ए. का काव्य पाठ:
समीर लाल ’उड़न तश्तरी’ का काव्य पाठ ::)
बिखरे मोती का विमोचन एवं समीर लाल का सम्मान:
आशा है विडियों पसंद आया होगा.
58 टिप्पणियां:
तसल्ली से देखूंगा वीडियो।
गुरुदेव,
बिखरे नहीं, एक माला के लिए इकट्ठे अनमोल...अद्भुत...अनुपम मोती...
जय हिंद...
पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ आपकी टिपण्णी के लिए और इस बार सबसे पहली टिपण्णी आप से मिली इस बात पर मुझे और भी खुशी हुई!
बहुत बढ़िया लगा आपका पोस्ट! मैंने हर एक वीडियो को ध्यान से देखा और सुना और मुझे बहुत अच्छा लगा! बहुत सुंदर रूप से आपने प्रस्तुत किया है और साथ में तस्वीर भी शानदार लगा ! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाइयाँ!
यादों में फिर आकर उभरे सोनहले अतीत के वे क्षण
जब संध्या ने इक माला में बिखरे मोती पिरो दिये थे
गाने लगी शहर टोरांटो की खुशितों में डुब हवायें
जब उस दिन ने चन्द पलों में दिवस अनगिनत समो दिये थे
सादर
राकेश
चाँद अगर रुसवा हो जाये तो क्या होगा ....
ये उड़ के चला है जाने को समीर ..हवा पश्चिम कि हो जाये तो क्या होगा ...
बहुत खूब ...
अभी तो इतना ही सुना ...!!
क्या बात है जी ..
अब फ़िलम भी आ गई ...आप तो एलियन जी सारे रिकार्ड अपने नाम कर के ही मानोगे ....एक दम धांसू है वीडियो ...सबको सुनने देखने में मजा आया ....
सबसे इंपोर्टेंट बात तो ये पता चली कि ....यहां डिमांड पूरी हो जाती है ......
चलता हूं ..लिस्ट भी तो बनानी है .....डिमांड्स की ....
O Wonderful up load Sameer bhai....
Heartiest congratulations to YOU
for " Bikhre Moti " once again,
am listening to the Video clips now :) Bravo Every one !!
वीडियो बहुत पंसद आई काव्य पाठ भी बहुत अच्छा लगा बहुत-बहुत बधाई एक बार फिर से...
आदरणीय........ समीरजी........
बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट...... और विडियो भी देखे ........... बहुत अच्छे हैं........
चांद अगर रुसवा हो जाए तो फिर क्या हेागा...
वाह वाह
एक बार फिर वाह वाह
अब हम तो कविता के मामले में विध्न संतोषी हैं तो इस वीडियो में भी एक कमी ढूंढ निकाली...
आपने आवाज से सुना दी श्रोताओं की लेकिन चेहरे नहीं दिखाए। पता तो चले कि काव्य गोष्ठी में झेलने वालों की शक्ल कैसी हो जाती है :)
सभी वीडियो देखीं.
कविता पाठ भी बहुत आनंद ले कर सुने.
बहुत बहुत बधाई एक बार फिर से.
Excellent, Sameer Sahaab !
यादगार।
बढिया वीडियो और लगा कि ईकविता का कविसम्मेलन सुन रहे हैं :)
यादगार पोस्ट्।
एक शिकायत है और वो ये कि नवगत बहू की मुंह दिखाई नहीं हो पाई । बहूरानी का भी एक वीडियो लगाना चाहिये था ताकि सात समंदर पार बैठे हमारे जैसे चचिया श्वसुर भी आशीष दे सकते । वैसे बहुत ही बढि़या वीडियो लगाये हैं आपने । विमोचन समारोह देखकर आनंद आ गया ।
चांद गर रुसवा हो जाये तो क्या होगा
बहुत पसंद आया जी हमें भी और आशा को भी
प्रणाम
भई वाह!!!
सब लोगों को वीडियो दिखाई दे रही है...ओर सब के सब "बहुत बढिया" "अद्भुत" "अनमोल" कह कर तारीफ भी किए जा रहे हैं...लेकिन हमें कोई वीडियो क्यूं नहीं दिखाई दे रहा...:(
अच्छे वीडियो. बधाई.
शुक्रिया इस पोस्ट का...!
ऐसा लगा कि जैसे हम भी वहीं हैं और लाईव ही सुन रहे हैं, बहुत बहुत बधाई आपको।
सुन रहे हैं धन्यवाद्
उन खुशगवार क्षणों के हम भी साक्षी बने इन विडियोज की बदौलत. पुन: हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
बेहद आभार इस जीवंत प्रस्तुती के लिए......
regards
काव्य पाठ का वीडियो लिंक तो नज़र ही नही आया ....... शायद कुछ तकनीकी खराबी होगी ......... दुबारा देखता हूँ ......
कहते है एक चित्र हजार शब्दों के बराबर होता है। तो आयुष ब्लॉगर का प्रश्न है एक वीडियो कितने शब्दों के बराबर होता है ?
अमेरिका के इस ईवेंट वीडियो को देखकर बहुत अच्छा लगा आपको इसके लिए धन्यवाद।
'बिखरे मोती' का विमोचन और आपके सम्मान को video पर देखकर बहुत अच्छा लगा, यूँ लगा हम भी इस सुअवसर पर साथ हैं.......
बधाई और शुभकामनायें
ISKO KAHTE HAIN SONE PAR SUHAGA.
" BIKHRE MOTI" KE VIMOCHAN PAR
ITNE SUNDAR KAVI SAMMELAN KO SUN
KAR BAHUT HEE ACHCHHA LAGAA HAI.
SABKEE RACHNAAYEN UMDA HAIN.SABKO
BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA.
पढने में भी खूब आनन्द आया था.........
अब.देख कर भी खूब आनन्द आया.........
बहुत बहुत बधाइयां इस शानदार कार्यक्रम के लिए............
अच्छी विडियो , आभार !
हमें को लगा ही नहीं ये विदेश में कार्यक्रम है... बहुत खुब..
विमोचन की वीडियो देखकर कार्यक्रम की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है . बढ़िया प्रस्तुति ...
देखकर आनंद आ गया जी :)
बहुत खूब लिखा है आपने
आभार ...........
बढ़िया
बिखरे हुए मोतियन की क्या खूब माला बनाई।
बधाई हो बधाई।
बहुत बढ़िया रहा ये कविता पाठ।
सभी वीडियोज उत्तम।
आभार
Congrates Sir!...
May these happy moments'll stay forever.
Warm Regards
Ram K Gautam
Congrates Sir!...
May these happy moments'll stay forever.
Warm Regards
Ram K Gautam
बैंडविड्थ अच्छी नहीं आ रही.. फ़ुर्सत में देखूंगा। पढ़ा तो था ही
पुनश्च बधाइयाँ
अभी थोड़ा जल्दी में हूँ लेकिन सुनूंगा ज़रूर और फिर लिखूंगा ..आखिर आपको सचल देखना है ..
राज अब जा के खुला कि विडियो इतने दिनों क्यों छुपाया गया :):):):;)
सदा रहे मंगलमे जीवन यह हम सब की दुआ है विमोचन के लिए बहुत बहुत बधाई...थोड़े वीडियों देखे थोड़े बाद में देखेगें..और हाँ बिखरेमोती के कुछ अंश हमने रचनाकार पर पढ़े बहुत बढ़िया लगा...इस अवसर के लिए बहुत बहुत बधाई समीर जी
आदरणीय..समीरजी........
बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट और विडियो
क्या बात है गुरु
अभी दो सुने-राकेश जी का और आपका काव्य-पाठ!
सुन्दर वीडियो । आभार । सम्हाल कर रख रहा हूँ ।
समीर जी,
हार्दिक बधाई और धन्यवाद दोनों स्वीकर करें।मुझे लगा मैं भी इस समारोह में उपस्थित हूं---।
हेमन्त कुमार
वाह राकेश जी की कवितामयी शाम का आगाज आज की "शाम कविता में में ही कट जाने दो" रजनी भार्गव जी की "सुरमई शाम" शैलजा सक्सेना जी की "घर और कलम प्रफुल्लित" "चन्दन चांदनी मलमल हो" सात फेरे " मानोशी चटर्जी की ( चटर्जी में और "जी "लगाने की गुन्जाईस नहि है ) "प्रिया क्या दे सकोगी तुम?" और वाह क्या गाती है !!! अब अनूप भार्गवजी को सूना ( ये सुना वो वाला सूना नहीं है दरअसल "सुना") इनके मुक्तक के बिच बिच में गोल गोल चक्कर आ कर रोक रहा था ( बफरिंग) खैर आखिरकार इनकी आवाज़ आ गई, सुन्दर तरीके से अपने मुक्तक की जानकारी के बाद "तृप्ति का अहसास तुम हो" और राकेश खंडेलवाल जी "शुभ हो प्रणय परब" और समीरजी की आवाज़ सुनकर लगा आस पास ही हैं "चाँद गर रुसवा हो जाए तो क्या होगा"" बहुत सुन्दर प्रस्तुति, ये उड़ के चला तो है "समीर" हवा ये पश्चिम की हो जाए क्या होगा लाजवाब !!! आनंद आ गया भई!!
इन आनंदमयी क्षणों के सुन्दर सुवास से हमें सुवासित होने का जो सौभाग्य आपने हमें दिया इसके लिए आपके ह्रदय से आभारी हैं...इनमे डूब तो बस आनंद ही आ गया...एक से बढ़कर एक प्रस्तुति...
आपको बहुत बहुत बधाई...इस नायाब पुस्तक को शीघ्र ही मंगवाकर अपने पुस्तक संग्रह को और समृद्ध बनाउंगी.
बहुत अच्छा लगा। वीडियो बहुत बढिया हैं। धन्यवाद।
video,,,audio
sb bahut hi achhaa,,,mn-bhaavan lagaa...
sbhi kavitaaeiN
bhaavpoorn haiN
itne stareey mushaayre ki prastuti
ke liye aapka aabhaar .
आने में देरी के लिए माफ़ी ....वैसे वीडियो और नज्में साडी पहले ही सुन चुकी थी बस कमेन्ट ही नहीं दे पाई .....मानसी सी क्या गाती है .....कमाल का ....सभी की नज्में बहुत अच्छी थी ....राकेश जी ने संचालन की भूमिका बखूबी निभाई ....आपकी आवाज़ पहली बार सुनी ....वाह.....गज़ब की आवाज़ और गज़ब की ग़ज़ल .....चाँद गर रुसवा हो जाए तो क्या होगा''.....वाह....वाह....वाह......!!
फुर्सत में फिर आऊँगी सुनने .....!!
शानदार प्रस्तुति...याद रहेगी ये पोस्ट हमेशा
सुनेंगे फुर्सत में... अभी जाना कि सामान अच्छा है।
shukriya, videos share karne ke liye.. aur badhaai...
बहुत मज़ा आया... मैंने तो अपने डेस्कटॉप पर सेव भी कर लिया..
एक बार फिर हार्दिक बधाई! विडियो देखकर मज़ा आ गया.
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