गुरु गुड़ रह गया और चेला शक्कर हो गया.
हमें देखो, तीन साल छः महिने हो गये कलम घिसते घिसते, तब कहीं जाकर कुछ ३४२ पोस्टें और एक रिकार्ड १५००० टिप्पणियाँ हासिल कर पाये और हमारे चेले ’ताऊ’ को देखो: १ साल से जरा ही उपर और ४०४ पोस्ट और शामिल हो गये आज गुरुजी के १५००० कल्ब में. हिन्दी ब्लॉग जगत में दूसरा बंदा, गुरु जी की राह पर चुपचाप चलता.
आज अनूप शुक्ला जी ने १५००० वीं, आशीष खण्डेलवाल जी ने १५००१ वीं टिप्पणी की ताऊ की प्रेमलता पाण्डे जी के परिचयनामा वाली ४०४ वीं पोस्ट पर.
चेला है कि काम्पटिटर!! हर जगह अड़ी दे रहा है और कुछ कहो तो कहता है कि गुरु जी, सब आपका सिखाया है. क्या कहें..सिवाय इसके कि भईये ताऊ, बहुत बधाई ले ले और अब तो तू ही आगे आगे चल. हम न तो तेरी स्पीड से दौड़ पायेंगे और न ही तेरी पार पा पायेंगे.
बचपन में मैं तिवारी सर जैसा बनना चाहता था. आठवीं में हमें गणित पढ़ाते थे. देखते देखते हम सी ए हो गये और तिवारी सर तब भी आठवीं में ही गणित पढ़ाते थे. मिलने गये तो इस तरक्की को देख उनका सीना फूला नहीं समाता था. यही होता है जब चेला तरक्की कर जाये. आज वही हालत अपनी पाता हूँ जब ताऊ का गुणगान सुनता हूँ, उसे आगे बढ़्ते देखना प्रसन्नता देता है.
कभी आंकलन करने की भी कोशिश करता हूँ कि इतने कम समय में इतनी लोकप्रियता.
कई बार तो उल्टा डर लगता है कि अगर उसने गुरु मानना बंद कर दिया तो अपने तो कौड़ी के भाव न रह जायें. प्रशंसक मूँह फेर लें तो आप कौन और मैं कौन!
सब चकित रहते हैं कि आखिर यह ताऊ है कौन? कैसा दिखता होगा? कहाँ रहता होगा और क्या करता होगा? सेलिब्रेटिज़ के लिए दिमाग में ऐसे प्रश्न आना बहुत स्वभाविक है.
ताऊ, मैं हो सकता हूँ, आप हो सकते हैं, कोई भी हो सकता है. जो भी आदर्शों का पालन करे, ज्ञान और भाषा के विकास में सार्थक योगदान करे, सबसे प्रेम करे, सबको यथोचित सम्मान दें, मानव से ही नहीं, पशुओं से भी और अन्य सभी प्राणियों से प्यार करे, वो ही ताऊ हो सकता है. सबका प्रिय, सबका चहेता और सबके दिलों में बसने वाला.
इतने कम समय में इतनी लम्बी लोकप्रियता की यात्रा करना, इतने लोगों को साथ जोड़ कर चलाना, कभी सबको जीवन की राह दिखाने वाला गंभीर मग्गा बाबा, कभी खिलंदड़ा प्यारा ताऊ, तो कभी चुलबुली रामप्यारी, कभी हीरामन, कभी सैम-इतने सारे लोकप्रिय किरदार निभाते निभाते अथक चलते रहना, यह कोई आसान कार्य नहीं.
एक बहुत बड़ा तबका ताऊ की ऐसी बढ़त देख खुश होता है तो एक तबका स्वभाविक ईर्ष्या भी पाल बैठता है. मगर अजब यह शक्शियत, कभी चेहरे पर कोई शिकन नहीं, कभी किसी से कोई मलाल नहीं.
ताऊ की खिलंदड़ी, ताऊ पहेली, ताऊ पत्रिका, राम प्यारी की पहेलियाँ और उसके चुलबुले क्लयू, ताऊ की शोले, परिचयनामा और जाने क्या क्या सबको लुभाते आये हैं.
इतना ज्ञान बांट देने के बाद भी ताऊ से जब मैने ताऊ की शोले की शूटिंग के दौरान पूछा कि इतना ज्ञान कहाँ से लाते हो, तो बड़ी सज्जनता से कहने लगा: हमारे यहाँ एक पान की दूकान पर तख्ती टंगी है , जिसे हम रोज देखते हैं. उस पर लिखा है: कृपया यहाँ ज्ञान ना बांटे , यहाँ सभी ज्ञानी हैं. बस इसे पढ़ कर हमें अपनी औकात याद आ जाती है और हम अपने पायजामे में ही रहते हैं एवं किसी को भी हमारा अमूल्य ज्ञान प्रदान नही करते हैं.
और फिर आगे ताऊ कहता हैं: वैसे जिंदगी को हल्के फुल्के अंदाज मे लेने वालों से अच्छी पटती है. गम तो यो ही बहुत हैं. हंसो और हंसाओं , यही अपना ध्येय वाक्य है.
और वाकई स्टूडियो ब्लॉगिस्तान में ताऊ के साथ ’ताऊ की शोले’ के सेट पर मेरे साथ और जितने भी कलाकार थे, सब ताऊ के साथ पूरी शूटिंग के दौरान खूब हँसे, हँसाये. काम का बोझ पता ही नहीं चला और भाग १ बन कर कम्पलिट भी हो गई.
ताऊ से जब यह पूछा गया कि कोई नया प्रोजेक्ट जहेन में हैं तो बड़ी ही गंभीरता से ताऊ बोला कि वैसे तो ढ़ेरों है. आप समय आने पर देखोगे लेकिन लगभग जो फाइनल हैं वो हैं: ’ताऊ की शोले भाग २’ और ’ताऊ रेडियो’.
मैं चौंका : ’ताऊ रेडियो’..तब पता चला कि इसमे रोज एक निश्चित समय पर ’ताऊ चिट्ठाजगत के गरमागरम समाचार पॉडकास्ट करके सुनायेगा कि किस ब्लॉग पर क्या चल रहा है. साथ ही वह न्यूज रेडियो समाचार पत्र की तर्ज पर लिखित में रहेगी ताकि लोग लिंक क्लिक कर सकें.’ संवाददाताओं की नियुक्ति जारी है. निश्चित ही भविष्य को लेकर ताऊ बहुत आशान्वित है.
कुछ लोगों को लग सकता है कि यह बात तो वैसी ही हो गई जैसे कि मैं तेरी पीठ खुजाऊँ और तू मेरी खुजा. जब ताऊ ने आपका १५ हजारा लिखा तो आप काहे नहीं लिखोगे, तो ऐसा ही मान लो और खिजियाते हुए बधाई दो. :)
आज इस विशिष्ट मौके पर आईये ताऊ का अभिनन्दन करें, उन्हें १५००० टिप्पणियाँ प्राप्त होने पर बधाई दे और इसी गति से आगे बढ़ते रहने के लिए शुभकामनाएँ दें.
ताऊ, बधाई हो!!!
नोट मे सूचना:
आज इसके अलावा भी मेरे जीवन की दो महत्वपूर्ण सूचनायें हैं:
तारीख ४ अक्टूबर, दिन रविवार को मेरी पुस्तक ’बिखरे मोती’ का विमोचन मेरे गुरुवर श्री राकेश खण्डेलवाल, वाशिंग्टन, अमेरीका द्वारा किया जाना है. इस अवसर पर सायं ५ से ७ बजे तक एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें माननीय श्री अमेरीका से ही कवि अनूप भार्गव, रजनी जी भी शिरकत कर रहे हैं. साथ ही कनाडा से मानोषी चटर्जी, शैलजा सक्सेना और सुमन धई जी (साहित्य कुंज पत्रिका वाले) होंगे. मैं तो खैर रहूँगा ही. :)
कवि सम्मेलन के उपरांत ७ बजे से पार्टी का आयोजन है बेटे और बहु के कनाडा प्रथमागमन पर.
यह घटनायें अद्भुत हैं मेरे लिए, आप सबका स्नेह आपेक्षित है.
114 टिप्पणियां:
बहुत बहुत बधाई ताऊ जी को तो बात ही निराली है जी .अभी दे देते हैं उनको भी बधाई .शुक्रिया
आपके दोनों महत्त्वपूर्ण आयोजनों के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएँ।
अब बात गुरु चेले की तो यहां गुरु उत्तम कहाए जाएंगे यह उनकी शिक्षा का मूल्यांकन है। :-) बधाई गुरु को।
सब याद रहा पर
लट्ठ भूल गए
इसलिए ही गुरू
पीछे रहे और
चेले आगे बढ़ गए
आगे बढ़ गए
ताऊ बन गए
अगर आप ही
वो ताऊ नहीं
कुछ भी हो सकता है
कुछ भी हो रहा है
मुझे लग रहा है
कोई जग कर भी
15000वीं में नाम
लिखाने को खो रहा है
आप सोकर खो रहे हैं
तो क्या अजब है
यहां तो सारा खेल ही
अजब गजब है
अभी शोले आई है
जल्द ही ब्लॉगर ज्ञान
बनाई जाएगी
उसमें सारी टिप्पणियां
आपकी ही चिपकाई जाएंगी।
गुरु िश्ष्य दोनों को बधाई। िनरन्तर िवस्तार को प्राप्त हों आपकी पाठशाला ऐसी मेरी कामना है।
अच्छा तो ये आप दोनों गुरू चेले हैं...जो ब्लोगजगत की आधी से ज्यादा टिप्पणियां हज़म करके बैठे हैं....चलिये अब निश्चिंत रहेंगे..कि टीप क्यूं आयी...समझ जायेंगे..कि कुछ लोगों ने आपके खाते में जमा करवा दी होंगी...और हां ताऊ को बधाई..ताऊ भारती तो खूब सुनेंगे जी...कान लगा कर..
बधाई हो आपको. आप ब्लॉग जगत में मिसाल हैं.
सलीम खान
हमारी अन्जुमन (विश्व का प्रथम एवम् एकमात्र हिंदी इस्लामी सामुदायिक चिट्ठा)
hamarianjuman.blogspot.com
ताऊ को बधाई, हमारे भाऊ दोनों को बधाई...
पुस्तक विमोचन पर बधाई.
ये कैसा गुरू है जो चेले के ही बारे में नहीं जानता (?)...ताउ सस्पेंस का नाम है.
आप दोनों को बधाई। आपकी उपलब्िधयां इस बात का अहसास कराती हैं कि अच्छाई की जीत होती ही है।
बधाई है ताऊ को। अगले आयोजन के लिये आपको भी बधाई। किताब के विमोचन के लिये।
आपकी टिप्पणियों के लिये मैं कह ही चुका हूं कि इससे लाला बिरादरी बड़ी नाराज है कि तीस हजार टिप्पणियां लुटाकर पन्द्रह हजार पाईं! कित्ता खराब प्रदर्शन है। लाला बिरादरी के आक्रोश से डरकर ही सुना है आप किसी छोटे कसबें में जा छिपे हैं जहां डायल अप कनेक्शन है मात्र। कोई तो कह रहा था कि शोले इसी लिये बन्द हो गयी काहे से कि लोग लाला बिरादरी की डर से आपकी कास्टिंग वाली पिक्चर में हाथ और पैसा नहीं लगना चाहते। देख लो भाई। हम बता रहे हैं फ़िर् न कहना किसी ने बताया नहीं।
एक बार फ़िर् आपको और ताऊ को बधाई!
मै भी चकित था यह ताऊ है कौन
इस बारे मे सभी थे मौन
चलो आपने समाधान कर दिया
कही ताऊ मै ही तो नही
आपने ही तो कहा है :
"ताऊ, मैं हो सकता हूँ, आप हो सकते हैं, कोई भी हो सकता है. जो भी आदर्शों का पालन करे, ज्ञान और भाषा के विकास में सार्थक योगदान करे, सबसे प्रेम करे, सबको यथोचित सम्मान दें, मानव से ही नहीं, पशुओं से भी और अन्य सभी प्राणियों से प्यार करे, वो ही ताऊ हो सकता है."
ताऊ को बधाई
ताऊ सज्जन व्यक्ति हैं।
ताउ जी को बधाई और शुभकामनायें.
आपको भी आपके आयोजनों के लिये बधाई.
१५००० तो बहुत ज्यादा है. ताऊ को घणी बधाईयां.
विमोचन और बच्चों के आने की पार्टी के लिये शुभकामनायें और बधाई.
बहुत बहुत बधाई ताऊ जी को|
आयोजनों के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएँ।
रेडियो का इन्तजार है.
बहुत-बहुत मुबारक ...हो
बहुत-बहुत मुबारक ...हो
बधाईयों के दो टोकरे -एक ताऊ कोई एक आपको बड़ा वाला ताऊ को दीजियेगा ! वही उसके जेनुईन हक़दार हैं !
ताऊ अगर दूसरों के कान न काटे तो ताऊ कैसा ?
इस बात पर खुसी तो बहुतै हुई, समीर भाई !
मेरा यह दुर्भाग्य रहा कि ताऊ ने शुरुयै में हमको ’ गुरु द सेकेन्ड ’ से नवाज़ दिया ।
सो, अपने गुरुधर्म का निर्वाह करते हुये मैं चेले को शक्कर में परिवर्तित होते देख देख खुश होता रहा ।
आप यह धर्म निर्वाह न किये तो क्या, हमको नखलऊ के परिधि में रहने का सँस्कार ’ पहिलै आप, पहिलै आप " भी निभाना रहा ।
हम तौ पहिलै कह चुके हैं, " ताऊ इज़ अ फेनॉमेना " इस हिसाब से एक दिन आप ताऊ से पीछे छूट जायें तो दुगनी खुशी होगी ।
मेरे पियारे ताऊ, आप जहाँ कहीं भी हो, अपने गुरुओं को आशीर्वाद दिये रहना ।
वाकई ताऊ जी को हमारे तरफ से भी १५००० वाली फेहरिस्त में शामिल होने के लिए ...
अर्श
अरे वाह! आप की आज की पोस्ट में तो इतनी सारी khushi ki खबरें हैं की बधाई का पूरा एक टोकरा भी कम है!
-सब से पहले--ताऊ जी को जो आप के चेले भी हैं..Unhen बहुत सारी बधाईयाँ.
--यह चित्र रामप्यारी के साथ बहुत ही बढ़िया बना है..'खूंटे पर'--सब से मजेदार स्तम्भ लगता है [आप लिखना भूल गए हैं !]
-पोस्ट की प्रस्तुति बेहद रोचक और आकर्षक!
-kya अनूप शुक्ल और अनूप शुक्ला जी एक ही व्यक्ति हैं??[फुरसतिया जी?] -- उन्हें भी बधाई उनका नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया है.
१-ताऊ जी की इस सफलता से --
-उन आलोचकों की यह बात खारिज हो गयी की टिपण्णी पाने के लिए किसी सेलेब्रिटी जैसे ख़ास परिचय की या खूबसूरत तस्वीर की ज़रूरत होती है.
2---ईश्वर करे उनसे ईर्ष्या करने वाले सभी व्यक्ति bhi ab se उनसे स्नेह रखें और उनका सम्मान करें ,
3-ताऊ ji एक बेहद सुलझे हुए और सम्मानित व्यक्ति हैं..
[ab dekheeye--वे बहुत से ब्लागरों की साईट का लिंक अपनी पोस्ट में देते हैं -
कभी उनकी साईट का लिंक कोई दे इसकी अपेक्षा या मांग नहीं करते ..कितनी बड़ी बात है!]
4-कभी विवादों में नहीं पड़ते लेकिन जबरन उन्हें विवादों में खिंचा जाता है..शायद समीर जी के चेले होने की परीक्षा ली जाती है.
[ही ही ही]
--समीर जी ,बहुत बहुत बधाई आप की पुस्तक के विमाचन के अवसर पर..कवि सम्मलेन के लिए और उसके बाद होने वाली पार्टी के लिए भी! बहुत बहुत शुभकामनयें!
ताऊ के लिए तो १५००० कुछ नहीं है. जिम्बाबे के इन्फ्लेशन की तरह जीरो कम पद जायेंगे अभी तो :) बधाई ताऊश्री को और आपकी ख़ुशी में तो हम हइए हैं .
ताऊ को हार्दिक बधाईयाँ.
ताऊ की सख्सियत लाजवाब है ... समीर भाई ये मत समझना आपकी सख्सियत मैं कुछ कमी है ... आप तो गुरु हो | आपके तो अंदाज़ ही निराले हैं ....
ताऊ जी को बधाई और शुभकामनाएं !
समीर जी मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं ... अपनी पुस्तक के साथ साथ बहु - बेटे का स्वागत कीजिये ... जिदगी के मजे लूटिये ...
विमोचन और बहू-बेटे के आपके पास आने की हार्दिक बधाई।
tau ji ko bahut badhai 15000 tippani ke liye,aur aap ko bhi bikhre moti pustak ke vimochan aur betebahu ke ane ki khushi mein badhai.
वाह... और एक ब्लॉगर वर्ग है जो कहता है कि अपना वैलिड आईडैंटिटी कार्ड दिखाए बस उसे ही ब्लॉगिंग करने दें...
बिन ताऊ हिंदी ब्लॉगिंग... न जी।
लगे रहो ताऊजी।।
Club 15000!!
वाह ये बढ़िया रहा। बधाई आप दोनों गुरू शिष्य को।
आने वाले आयोजनों हेतु शुभकामनाएँ
बी एस पाबला
इब ताऊ तो बस, हिन्दी चिट्ठाजगत् के सर्टीफ़ाइड ताऊ हैं. हम सब उनके भतीजे. तो भला कौन (आप समेत!) कंपटीशन ले सकता है भला?
ताऊ को 15 हजारवी जेनुइन टिप्पणियों के लिए बधाई. वैसे, स्पैम टिप्पणियों को गिनें तो हमारा नंबर बहुत पहले आता है :)
दोनों गुरु चेलो को ढेरों बधाइयाँ |
समीर जी इसे कहते है गुरु गुड़ रह गया और चेला शक्कर बन गया |
चेले की उपलब्धि पर गुरु देव को हार्दिक बधाई |
सुनील गावास्कर के बाद सचिन को पन्द्रह हजारी होने की बधायी. आप हिन्दी जगत के गौरव हैं. हम सबको आप जैसे सपूतों पर नाज है. काश मैं भी कभी इस हज़ार के क्लब में आपके साथ एक कप काफी पियूं.
गुरु देव आज तो इस उपलब्धि पर खूंटे पर लड्डू बंटने चाहिए
गुरू-चेले में अच्छा मुकाबला चल रहा है।
गुरू तो गुड़ रह ही जाता है
और चेला शक्कर बह जाता है।
मगर गुड़ का भव 50 रु0 किलो है,
जबकि शक्कर 32 से 35 रु0 किलो पर ही
सिमट कर रह गई हे।
बहुत सुन्दर पोस्ट है।
महात्मा गांधी जी और
पं.लालबहादुर शास्त्री जी को
उनके जन्म-दिवस पर
इन महान विभूतियों को नमन।
पन्द्रह हजार पार करने पर
एक दूसरे की पीठ खुजाये
.फिर मरहम लगाके बताये
किसको कितना फायदा हुआ है
ताउ की फोटो जरुर लगाए
हा हा हा
"बिखरे मोती के विमोचन पर हार्दिक शुभकामना और बधाई
बहुत बहुत बधाई जी आपको।
कौन ताऊ?
रामराम
गुरु, चेले दोनों को बधाई.
आपको दो बार और बधाई. सचमुच ये तो बड़ी ख़ुशी का मौका है.
कवि सम्मलेन कहाँ हो रहा है, ये नहीं बताया. खैर, यूं ट्यूब पर तो डाल ही दीजियेगा.
वैसे ताऊ को बोलिए, अब तो चेहरा दिखा दें.
वाह.. वाह .. वाह
पहले आप .. फिर ताऊजी..
प्लीज बता दीजिए ना कि ये इत्ते सारे कमेंट्स कहां से लाते हैं आप..
नहीं बताएंगे तो मैं आप दोनों की पोस्ट्स पर से मेरे पिछले सारे कमेंट्स डिलीट कर आऊंगा... लेकिन उससे क्या होगा.. दो बूंद कम होने पर सागर थोड़े ही सूखेगा :)
पुस्तक विमोचन के लिए बहुत शुभकामनाएं
हैपी ब्लॉगिंग
बधाईयाँ !
आप दोनों गुरू शिष्यों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाऎं.....
बधाई हो जी
और बहुरंगी ताऊ के बारे में जानकारी
देने के लिए आभार
भाई कई चेलों में जे चेला जी हैं
कौन टाईप के हैं जो आप उनको
डायरेक्ट चीफ चेला घोषित कर दिए
बाकी कई चेले फून लागय लागय
के पूछ रए "कौन टाईप के गुरु हैं "
हा हा हा हा हा हा
ताऊ वाकई बेहतरीन मजेदार व्यक्तित्व होगे ही
जब इतने जोरदार लिखते हैं हार्दिक बधाईयां
समीरभाई!
आपने अच्छा उदारहण प्रस्तुत किया गुरु द्वारा शिष्य की सफलता का सम्मान सिना फुला कर किया।
...
"कृपया यहाँ ज्ञान ना बांटे , यहाँ सभी ज्ञानी हैं. बस इसे पढ़ कर हमें अपनी औकात याद आ जाती है और हम अपने पायजामे में ही रहते हैं एवं किसी को भी हमारा अमूल्य ज्ञान प्रदान नही करते हैं."
आपने ताऊजी के उपरोक्त वक्तव्य का जिक्र कर के भी दिल खुश कर दिया----- उपरोक्त सन्देश को मै तो अपने यहॉ गाठ बान्धकर रख लुगा।
...
"ताऊ, मैं हो सकता हूँ, आप हो सकते हैं, कोई भी हो सकता है. जो भी आदर्शों का पालन करे, ज्ञान और भाषा के विकास में सार्थक योगदान करे, सबसे प्रेम करे, सबको यथोचित सम्मान दें, मानव से ही नहीं, पशुओं से भी और अन्य सभी प्राणियों से प्यार करे, वो ही ताऊ हो सकता है. सबका प्रिय, सबका चहेता और सबके दिलों में बसने वाला."
सही बात! ताऊ हमारा निराला अनोखा है, जो हमारी विचारधाराओ को साफ सुथरा बनाने मे मदद करता है। हम ताऊ से प्यार करते है क्यो की वो स्पाईडरमैन, फैन्टम, की तरह हमारे दिलो-दिमाग मे रच-बस गया है। हिन्दी ब्लोगिग का स्टार कहू तो अतिश्योक्ति नही।
रंग, रुप और ये काया,
हे ताऊ, ये तेरी माया.
ताऊजी को बधाई टिप्पणीयो के सरताज बने इसलिऐ। समीरजी आपको बधाई क्यो की एक गुरु भी इस सफलता का बराबर का हकदार होता है।
अनूप शुक्ला जी ने १५००० वीं, आशीष खण्डेलवाल जी ने १५००१ वीं टिप्पणी पर उन्हे भी शुभइच्छा।
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
हिन्दी ब्लोगिग मे प्रदुषण का लेवल बढा
समीर अन्कल!
आप, ताऊजी, फुरसतियाजी, आशिषजी सभी १५००० कल्ब, टिपपणीयो के के मालिक बन गऍ है। इस खुशी पर मेरे जैसे टिपपणीयो के कडको को भी एक हजार के क्लब तक पहुचाने का वायदा कर जाऍ।
अरे हॉ समीर भाई एक लाईन तो छूट ही गई थी लिखते लिखते-
आपने अच्छा उदारहण प्रस्तुत किया गुरु द्वारा शिष्य की सफलता का सम्मान सिना फुला कर किया....।
सिना फुलाने मे कितने गुब्बारो की हवा निकाली आपने ? हा... हा.... हा... (:
अरे, एक बात और, ताऊ-के हाथ मे रामप्यारी बडी ही क्विट सी प्यारी सी लग रही है। और देखो ना ताऊ भी कितना लाड-प्यार से रामप्यारी का ध्यान रखते है।
रामप्यारी को ताऊ के इसी लाड प्यार ने बिगाड रखा है।
समीर भाई!
आप क्यो नाराज होते है मै तो जान बुझकर आपको छेड रहा था- क्षमा गुरुदेव! अब आप भी बधाई ले लो....
--समीर जी ,बहुत बहुत बधाई आप की पुस्तक के विमाचन के अवसर पर..कवि सम्मलेन के लिए और उसके बाद होने वाली पार्टी के लिए भी! बहुत बहुत शुभकामनयें!
ताऊ को एक बधाई और खुद दो ले रहे हैं, यह बिलकुल मुनाफे का धंधा है, खूब बरकत होगी।
दोनों को खूब खूब बधाइयाँ।
ताऊ को बधाई, ओर आप का धन्यवाद..
जिस के कान बडे बडे हो, आंखो पर मेरे जेसा चशमा हो, होंठ ताई के डर से सखती से बन्द हो. ओर चेक वाली कमीज मे सामने से फ़ोटॊ खिचवाई हो, बाल काले रंग मै रंगे हॊ , दाहनी तरफ़ से गंजा होना शुरु हो गया हो.... वो ही ताऊ है, देखने मै बिलकुल गाऊ माता की तरह सीधा साधा अगर यकीन ना हो तो ताऊ से उस की बीस साल पुरानी फ़ोटो मंगवा कर देख ले :)
चाहे गुरू गुड- हो जाये या चेला शक्कर ,दोनो डायबीटीज़ से बचे रहे यह शुभकामना । बेटे-बहू के प्रथम कनाडागमन पर शुभकामनायें ।
आप दोनों को बहुत बहुत बधाई !
आपके दोनों महत्त्वपूर्ण आयोजनों के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएँ।
बधाई हो गुरू-चेले की जोड़ी को।पार्टी का मज़ा यंहा ले लेंगे।
नमस्ते प्रिय समीर भाई
ताऊ जी के क्या कहने ,
ब्लॉग जगत को विविध आयाम देने के लिए
उन्हें टिप्पणी क्या ,
"विविध भारती ताऊ जी "
कहना सही होगा
आप के परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं तथा
यह शुभ प्रसंग
"बिखरे ~ मोती " का लोकार्पण
श्री राकेशजी जैसे रससिध्ध कवि
संपन्न कराएँ
ये शुभ्कांक्षा
शुभाशीष भेज रही हूँ
सादर, स - स्नेह,
- लावण्या
आप दोनों को ही बधाइयाँ और शुभकामनाएं...
आपके 'बिखरे मोती' सबके सामने आ रहे हैं
आप ही क्यों सारे के सारे मित्र,
शुभचिंतक खुशी मना रहे हैं
हमारे लिये भी खुशी की बात है
कविता आप गुनगुनायेंगे
मन ही मन हम भी आनन्द पायेंगे
फिर कभी मौका मिला तो
कनाडा आने का प्रोग्राम बनायेंगे.
ताऊ को बधाई, आपको भी,
क्यों कि आपने ही ताऊ की कथा सुनाई.
कथा हो या गाथा,
ठनक गया हमारा माथा,
आखिर ताऊ जैसी टिप्पणियां ,
ब्लोगर मेरे ब्लोग पर क्यूं नहीं लगाता.
चलिये अब कुछ तो अकल आई है ,
इसीलिये तो ये टिप्पणी लगायी है.
Badhaee me shamil hun...!
मेरी भी बधाई ताऊ को ....
गुरु गुड और चेला शक्कर ...अक्सर ऐसा होता है ...और ज्यादातर गुरु चेले के शक्कर होने पर खुशिया ही मनाता है...अपनी खुशिया सबके साथ बांटने के लिए बहुत आभार ...
ताऊ को पंद्रह हजार टिपण्णी के लिए ...और आपको आपकी पुस्तक के विमोचन के लिए बहुत बधाई..!!
Sameer ji aur Tau ji aap dono ko bahut bahut badhai...
Sameer ji Pustak ka Vimochan kar rahe hain aur mujhe jaisi Canada waasi ko bhool gaye koi baat nahi..ham bhi badla lenge jab aaj se 50-60 saal baad hamari pustak ka VIMOCHAN hoga..
ha ha ha ha
आप दोनों को बधाई।
Sameer uncle,
aapke bahoo-bete mere manyavar bhai bhabhi ji ke Canada prathamagaman par evam pustak ke vimochan par hardik badhai sath me 15,000 ka ankda paar karne par to khushiyon ki triple century ho gayee aapki bahut bahut badhai ho aapko aur isi tarah khushiyon ki double triple centuries banti rahen. lekin mujhe doubt hai ki ye guru aur chele ek hi shakhs(aap khud) hi to nahin????????????
:)
krapya sanshay mitayen aur ho sake to apne is bhateeje dwara rachit ek chhote se aviksit blog masikagad( swarnimpal.blogspot.com ) pe kabhi ghoomte tahalte aayen.
main apne aap ko khushnaseeb samjhoonga.
गुरु एवं शिष्य को बधाई-
महोदय मैं एक नया ब्लागर हूं पर ब्लाग कम ही लिखता हूं मैं अपने ब्लाग पर नामचीन व्यक्तियों के कार्टून बनाना चाहता हूं कृपया उचित मार्ग्दर्शन दें।
चलिये ये भी अच्छा है कि चेले की महिमा गुरू से आगे हो गई है । आपकी पुस्तक के विमोचन पर पूरे शिवना परिवार की तरफ से आपको शुभकामनाएं ।
समीर लाल जी!
आपकी पुस्तक के विमोचन पर तो आपको शुभकामनाएँ देना भूल ही गया था।
पुस्तक के विमोचन पर आपको बहुत-बहुत बधाई!
उडी तश्तरी पवन सी चली व्योम की ओर
लिखते रहे समीर जी ये दिल मांगे मोर !
ताऊ और आपको शुभकामनायें !
आखिर शिष्य किसके हैं, ताऊ? असर तो होगा ही. ताऊ जो भी हैं, हमारे लिए मिसाल हैं. पुस्तक के विमोचन के लिए बधाई. ताऊ जी को ढेर सारी बधाई.
समीर जी आपको और ताउजी को १५००० क्लब में शामिल होने की बधाई . ताऊ महान है और आप महा - महान
आदरणीय समीर जी को ’बिखरे मोती’ के विमोचन के पवन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाये
regards
आदरणीय ताऊ जी को १५००० टिप्पणी की महान उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाये.
regards
बहुत बहुत बधाई हो ताऊ को १५००० रन बनाने के लिए। इन्हें हमारी ओर से "राउंड द क्लॉक" ब्लॉगर की उपाधि दी जा रही है। इसे स्वीकार करवा दीजिएगा उन्हें। जय हो ताऊ की।
पुस्तक विमोचन और बहु बेटे के शुभागमन की दोहरी बधाई....कल का दिन तो बड़ा ही रोमांचभरा होनेवाला है ...मुबारक हो..:)
ताऊ को ताऊ ही रहने दो कोई नाम ना दो! :)
हमारा स्नेह तो सदैव आपके साथ है. :) :)
"हमारे चेले ’ताऊ’ ..."
अच्छा! अब यह राज़ खुला कि आपको इतने सारे पुरस्कार कैसे मिल जाते हैं:)
सभी पंद्रह हज़ारी ब्लागरों को बधाई। आपको पुस्तक विमोचन पर बधाई एवं कवि सम्मेलन की सफ़लता की शुभकामनाएं॥
ताऊ, बधाई हो!!!
ताऊ को बहुत बधाई और आपको ढ़ेरो शुभकामनायें । आभार
समीर सर,
ढेर सारी बधाइयाँ और ढेर सारी शुभकामनायें…
:)
सबसे पहले ताऊ को इस भतीजे की घणी बधाई..
साथ ही एक सलाह...ताऊ हरियाणा के इलेक्शन में खड़े हो जाओ, तो दूसरे सभी उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त होना तय...
गुरुदेव समीर लाल जी समीर अगर आप चेलों के लिए स्कूल खोलें तो मुझे बताए, दाखिले के लिए सिफ़ारिश कनाडा के प्रधानमंत्री (वहां तो शायद हर स्टेट का अलग प्रीमियर होता है)की चलेगी या भारत के प्रधानमंत्री की...
चौथी और आखिरी बात कवि सम्मेलन की सफलता की अग्रिम बधाई...वैसे कवि सम्मेलन में जब कवि रौ में आ जाते हैं तो उन्हें चुप कराने के लिए कौन सा रिमोट कंट्रोल ठीक रहता है...
Wah sameer lal sir,
Sahi hai....
tau ke 15000 comments ki nadi se 65 comments (still counting...) ki ek nehar apne bhi nikal hi li...
ise kehtein hai dhakad blogger !!
Lage rahiye.
:)
Aur haan tau ji ko badhai....
(pandrah hazaar wali)
aapko bhi....
(kitab wali).
बहुत खूब ....!!
आप भी कमाल करते है इतनी जानकारी रखना भी कोई आसान काम नहीं ....!!
ताऊ जी को बहुत बहुत बधाई ....!!
पुस्तक विमोचन ..???
koi aur chpvai hai kya ...??
badhaai taau ji ko,aapko ..... khaas tarikhon ke liye
दो भगोना बधाई हमारी ओर से भी।
Think Scientific Act Scientific
बधाई है ताऊ को।आपको भी बहुत बहुत बधाई । ताऊ के बारे मे मै एक बात जानता हू । ताऊ रतन सिँह जी शेखावत के गृह जिले (सीकर ) के रहने वाले है । वर्तमान मे इन्दौर मे डेरा डाले हुये है इनकी ससुराल मेरे जिले मे है ।
15000 का आंकड़ा तो हमें सपने में भी नहीं दिखता. शायद 10 और लिखें तो पा भी जाएं.
ताऊ जो मेहनत करते है, वह प्रसंशा के काबिल है.
आपको ढेरों बधाई
बहुत बहुत बधाई सभी को!
ताऊ को बधाई, ताऊ के गुरु को भी बधाई !
हमें तो ताऊ और गुरु दोनों की जोड़ी है भायी
आपको पुस्तक विमोचन की शुभकामनाये
जब भारत में हो तो हमे जरुर बुलाये
ताऊ जी और आप दोनों लम्बी रस के घोडे हैं. 15000 टिप्पणियाँ भी बहुत जल्द पीछे रह जायेगी.
ये सफ़र जारी रहे. फिलहाल पुस्तक के लिए बहुत बधाई.
बिखरे हुए मोतियों को चुन पाने के लिए बधाइयां...
Guru aur shishya ko bahut bahut badhaayee....
गुरु और चेले दोनों को बधाई....
ताऊ की महिमा ब्लॉग जगत में सही में अपरंपार है।
पुस्तक विमोचन पर आपको हार्दिक बधाई।
तुम
समय के चित्र में
खींचे गए समुद्र
डुबोया हाथ
तो
चेहरा भी धुल गया .
TAAU KO BADHAAI AUR SAMEER BHAI APKO BHI BADHAAI BIKHRE MOTI KE VIMOCHAN PAR ..... BHAI HUM BHI ABHI USA MEIN HI...... TO USA SE AAPKO BADHAAI ....
बहुत बहुत बधाई ताऊजी को भी और आपको भी।
अब लाखवीं टिप्पणी की बधाई देने की तैयारी कर ली है हमने तो।
ब्लागजगत में टिप्पणी के महत्व को स्थापित करने में जो श्रम आपने लगाया है, जबर्दस्त है। बावजूद इसके कि आपका लिखा तब भी पढ़ने लोग आते क्योंकि वह है इस काबिल। चाहे फुटकर विषय हों या कविताई। आपकी शैली अनूठी है। ताऊ तो इतनी सारी टिप्पणियां नहीं बांटते तब भी लोगों नें उन्हें इतने प्यार से नवाजा है इसकी वजह है रामपुरियाजी का व्यक्तित्व जो इस आभासी दुनिया में उभरता है और ताऊ बनकर छा जाता है। खूब खूब बधाई।
ताऊ की इन उपलब्धियों के लिए शुभकानाएं न दूं तो सभी जान जायेंगे कि उन से ईर्ष्या रखने वालों में मैं भी हूँ. इस लिए मेरी मंगल कामना उन तक पहुंचा दें, नवाजिश.
आपकी कृति का विमोचन है, कवि सम्मेलन है, बेटे-बहू का आगमन है, यानी आज के दूल्हा आप. ईश्वर आपको ऐसे ही कामयाबी के पथ पर हमेशा बढाता रहे.
...............हमारे चेले ’ताऊ’ को देखो: १ साल से जरा ही उपर और ४०४ पोस्ट और शामिल हो गये आज गुरुजी के १५००० कल्ब में...................
...................................
good
but what is the meaning of "कल्ब"?
कही आप "क्लब" तो नही कहना (लिखना) चाहते थे?
ताऊ जी की महिमा के तो क्या कहने..सबको खबर है और नही भी..
बिखरे मोती के लिये बधाई और बताईयेगा की भोज मे क्या क्या था?? :)
आपने अपने रचना संसार को बहुत सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया. आपकी कुछ रचना पढी -
खुद ही देख लेना तुम क्या ये गुल खिलाते हो
कहना भी तर्रनुम में जो ग़जल लिख चले हो
सुन्दर लेखन बधाई.
ढेर सारी बधाई और शुब्कामनाए.
गुरुजी, पांय लागू.
अब हम यहां आपका आभार व्यक्त करेंगे तो आप चार ठईया गालियां लिख भेजेंगे? पर गुरुजी की डांट फ़टकार और गालियां भी प्रसाद ही हैं फ़िर भी आपका आभार ना व्यक्त करते हुये सिर्फ़ इतना ही कहुंगा कि ..मैं अभिभूत हूं, आपने मुझे पसंद किया, मुझे सराहा उसके लिये भी गदगदायमान हूं. आपका आशीर्वाद हमेशा बना रहे.
यहां समस्त टिप्पणीकार साथियों का मैं आभारी हूं जिनके सहयोग और प्यार ने ही मुझे इस मकाम तक पहुंचाया है. आप द्वारा दिये गये प्यार और हौसला अफ़्जाई के लिये मैं आप सभी का तहेदिल से आभारी हूं.
रामराम.
चलिये लगे हाथ हम भी आपकी पोस्ट पर टिप्पणियों की सेंचुरई पूरी कर देते हैं...
समीर जी आप को आप की पुस्तक के विमोचन पर बहुत बहुत बधाई हो, ताऊ का हुलिया बताते बताते भुल गया था.
guru ji sun lee jai binti hamar, kabhi do bol aasheervachnon ke mujh gareeb ko bhi mil jayen.
इसी को कहते हैं कि गुरु गुड ही रह गये और चेला शक्कर हो गये !
ताऊ जी के बारे में काफ़ी विस्तार से पढने को मिला ।
बधाई!
भाई जी, ताऊ रेडियो की नौकरी के लिए म्हारी अर्जी पर भी सिफारिश करा दियो ताऊ को! व्यक्तिगत सफलताओं के आयोजनों के लिए हार्दिक बधाई!
आपके दोनों महत्त्वपूर्ण आयोजनों के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएँ।
Aap dono blog jagat ke Gandhi aur Nehru hain.
Waise meri tippani ka no. kya hai?
Bahut mazedaar andaaj h aapka likhne ka... pehli baar dekha aur bahut din baad kuchh padhna bojhil nahi lag raha...
देर से ही सही, ताऊ और आप दोनों को बधाइयाँ . नव आगमित जोड़े को भी बधाई
आप को भी ताऊ को भी और आप के अतिथियों को भी हार्दिक बधाई.
शुभ ही शुभ यूँ ही निरंतर घटता रहे.................
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
पुन: अपने समस्त टिप्पणीकार साथियों का मैं आभारी हूं. आपकी हौंसला अफ़्जाई और सहयोग ही मुझे इस तरह निरंतर लिखने को प्रेरित करता है. आशा करता हूं कि भविष्य मे भी आपका स्नेह लगातार मिलता रहेगा.
आप सभी का तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं.
रामराम.
मिष्टी की सालगिरह मनाने गए थे अब लौटे हैं तभी इस लाइन में आखरी में खड़े हैं वर्ना होता तो ये था कभी की जहाँ खड़े हो जाते थे लाइन वहीँ से शुरू हुआ करती थी...समय समय की बात है बंधू...
ताऊ को को बधाई देने निकलते हैं देर हो गयी...और हाँ राकेश जी से मुलाकात कैसी रही बताईयेगा...पिछली बार जब उनका फोन आया था तो कह रहे थे की अब की बार भारत आने पर आपसे जरूर मिलूँगा...देखते हैं...कहा तो कभी आपने भी था लेकिन पतली गली से खिसक लिए...तभी से हम ये गाना गा रहे हैं..."परदेसियों से ना अँखियाँ मिलाना...."
नीरज
हमारी बहुत-सी शुभकामनाएँ आप को
... और ताऊ को भी
वाहजी सबके चहेते ताउजी को बधाई हो!! और ये ताऊ रेडियो में संपादकों की लिस्ट में एक उम्मेदवार में भी हूँ !!
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