२५ अगस्त को जब हमारी शादी की सालगिरह थी, तब बहुत से ईमेल और कमेंट से पाठकों ने अपनी बधाई प्रेषित करते हुए बहुत सी बातें कहीं. सभी का स्नेह हेतु आभार. जो नहीं कर पाये, उनका भी. आगे बने रहना, अभी और आयेंगे, इस हेतु.
किसी ने पूछा कि आपने क्या गिफ्ट दिया?
काहे भाई, गिफ्ट देने को हम ही बनें हैं क्या? उनका काहे नहीं पूछ रहे कि उन्होंने क्या दिया आपको, यू नारी सपोर्टर!! :)
वैसे सच बतायें...उन्होंने हमें हमारे हाल पर रहम खा कर चोरी गया अज़ारो परफ्यूम नया लाकर दे दिया. और हमने क्या दिया?? अरे, सामान तो हमारा चोरी हुआ था न..उनके पास तो है ही..फिर भी लंच पर ले गये और खाकर बड़ी प्यारी सी क्यूट वाली स्माईल दे आया हूँ. कैसी रही?? इससे अच्छी गिफ्ट और क्या दें भई इस उम्र में?
लेकिन क्या बतायें हमारे ही परफ्यूम वाले पैकेट में उससे तीन गुना मँहगा एक लेडीज़ परफ्यूम भी निकला-हमने पूछा कि ये किसके लिए? वो हसीन मुस्कराहट चेहरे पर लाकर बोलीं, जरा शरमाते हुए-ये आपकी तरफ से मेरे लिए. कैसी लगी? अब क्या कहे, हमारी तरफ से है तो खराब, मंहगा आदि कुछ कहने के काबिल तो बचे ही कहाँ..हाँ हाँ हें हें, बहुत बेहतरीन कहने के सिवाय क्या रास्ता रह बचा, सो कह कर चुप हो लिए. बहुते आत्म निर्भर बीबी टकरा गई है भई. हाँ हाँ हें हें की आदत तो खैर ब्लॉगजगत का टिप्पणी विश्व बखूबी डाल ही गया है. :)
कोई पूछता है कितने साल हो गये शादी के?
काहे बतायें जी? इन्श्योरेन्श एजेंट हो क्या? हमारे हिसाब से तो अभी अभी हुई है..साल भी नहीं बीता और सालगिरह मना लिए हैं..अब कहो? दिखा दो आज तक पर..सनसनी खेज खुलासा..साल के पहले सालगिरह मनाई...अमाँ यार, मिठाई खाओ और खुश रहो-काहे याद दिलाते हो!!
तुम्हारे चक्कर में एक सज्जन की बात याद आती है. बड़ा अपना सा लगता है वह भाई.
एक रात उसकी पत्नी की आँख खुली तो देखा, हर पत्नी की तरह आदतन टतोलते हुए,पतिदेव बाजू में नहीं हैं. खोजते खोजते नीचे उतर कर आई तो देखा, वो ड्राईंगरुम में बैठा सुबक सुबक कर रो रहा है.
पत्नी परेशान, पूछा कि अजी, आज हमारी शादी की २० वीं सालगिरह है खुशी का मौका है और आप रो रहे हैं?
पति बोला-डार्लिंग, तुम्हें याद है कि जब हम छिप छिप कर प्यार किया करते थे तो तुम्हारे पिता जी हमें रंगे हाथों पकड़ लिया था एक रात अस्विकार्य अवस्था में..
पत्नी बोली-हाँ हाँ, याद है.
फिर तुम्हारे कर्नल पिता जी ने बोला था कि मेरी लड़की से शादी करो वरना मैं अपने आपको गोली मार लूँगा. इल्जाम तुम सिर पर लिख जाऊँगा और तुमको आजीवन बीस साल की सजा पड़ेगी.
हाँ हाँ, याद है मगर रो क्यूँ रहे हो?
अरे, इसीलिए तो रो रहा हूँ कि आज तो मैं जेल से छूट गया होता... :)
लेकिन ये तो उस मित्र की बात है जो अपना सा लगता है, हमारी नहीं. हमें क्या लेना देना उससे. हम तो बंदी ही सही. आखिर, जीवन से समझौता भी तो एक चीज होती है.
किसी ने कहा कि हमें तो लगा था कि आज आप साधना जी पर कुछ गज़ल लिख कर पेश करेंगे मगर आप तो चुप मार गये.
अब क्या बतायें-शादी के इतने साल बाद अपने हाथ में कहाँ कुछ कि कुछ बोल पायें. जितना आदेश हो, उतना बोल लेते हैं. आपकी सूचना हमने उनको भी दे दी कि पाठक (हमने प्रशंसक बताया ताकि ऐठन बरकरार रहे) ऐसा चाहते हैं, तब जाकर एक दो दिन में परमिशन मिली और हम जुटे लिखने में.
लिखना तो क्या था, दिल के भाव है. बस, शब्द देने थे. कोशिश की और आप देखिये कि कोशिश कारगर रही कि नहीं. व्यवहार वैसा करो जो सरकार चाहे के आधार पर.
आपका एप्रूवल मिले तो फिर उनको सुनाई जाये.
तस्वीर सामने धर कर आँख बंद कर, तुलसी दास बने लिखे हैं. कुछ त्रुटि हो तो बंद आँख को याद करना वरना तो आप जानते ही हैं कि हमने लिखी है:
तुम...
शून्य में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम
हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम.
अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम.
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
मैं भटकता जा रहा था, जिन्दगी की राह पर
पथ दिखाती सूक्तियों का, स्वयं एक उच्चार हो तुम.
कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रणय बन साकार हो तुम.
-समीर लाल ’समीर’
112 टिप्पणियां:
गुरुदेव, खरबूजा छुरी पर गिरे या छुरी खरबूजे पर, कटेगा तो खरबूजा ही न...भाभीजी ने साबित कर दिया कि वो ज़्यादा स्मार्ट हैं.
अब क्या इसे गाकर भी सुनाया जायेगा।
अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम.
बहुत खूब समीर भाई। बहुत अच्छा तोहफा दिया है आपने सालगिरह पर।
शादी की सालगिरह मुबारक हो! आपको और भाभीजी को बहुत बहुत बधाइयाँ! भाभीजी बहुत सुंदर लग रही हैं तस्वीर में और रचना भी अत्यन्त सुंदर है! बढ़िया पोस्ट!
ब्लॉगरी की रीति के सर्वोच्च पालनहार हो तुम।
जो नये मेहमान आते उनके पहले यार हो तुम।
भाव तेरे प्यार करते, गुदगुदाते, खिलखिलाते।
शारदे माँ को समर्पित वे महकते हार हो तुम॥
बेहतर जवाब रहा । कविता और भी लाजवाब रही ।
आभार ।
क्या कहा गुरूदेव!!! इस उम्र में क्युट सी स्माईल!!! मैं अपनी समस्त कल्पना-शक्ति लगाकर सोचकर रहा हूं आप कैसे दिख रहे होंगे उस व्क्त!!! कम से कम एक फोटुआ तो लगा देते!!! वैसे आपकी दलील सुनकर तो बस यही याद आ रहा है- ’असक्तः तस्करः सा्धु’:)
गज़ल बहुते बढ़िया लगी।
लेकिन ये तो उस मित्र की बात है जो अपना सा लगता है, हमारी नहीं... आपकी बात हो भी नही सकती । आपकी सालगिरह 15 अगस्त को नही थी। मुझे देर से पता लगा आपकी शादी की साल गिरह का क्यो कि नेट कनेक्सन कट हुआ था । मेरी तरफ से मुबारक बाद अभी कबूल करें ।
कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रयण बन साकार हो तुम.
वाह!! साधू साधू !!!! क्या अभिव्यक्ति हैं ...
बीस साल की सजा के बात भी खूब रही
वाह जी शादी की साल गिरह आयी
आपने कविता गा के नहीं सुनायी,
बड़ा गजब ढाया... रामा ओ रामा...
सुंदर और आत्मीय! आनंद आ गया।
'उस' क्यूट स्माईल का फोटू लगाते तो बात बनती :-)
कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रयण बन साकार हो तुम.
वाह...वाह...
समीर लाल जी।
आपने बहुत खूबसूरत अशआरों से नवाज है,
भाभी जी को।
वैसे तो एप्रूवल की ज़रूरत नही है, मगर आप कह रहे हैं तो एप्रूव कर ही देते हैं।
आपको सुखी जीवन की बहुत-बहुत बधाई!
बहुत सुन्दर कविता ..ऐसी जीवनसंगिनी के लिए ऐसी कविता तो बनती है ना ...
कविता अच्छी लगने का एक कारण और भी है ..पत्नी के लिए भी इतनी खुबसूरत कविता लिखता है कोई भला ..!!
शून्य में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम
हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम.
अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम.
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
मैं भटकता जा रहा था, जिन्दगी की राह पर
पथ दिखाती सूक्तियों का, स्वयं एक उच्चार हो तुम.
कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रयण बन साकार हो तुम.
मोगाम्बो इम्प्रेस हुआ -आपकी उंगलियाँ कहा हैं ?
प्रयण=प्रणय !
वही मुस्कान...वही दिलकश अंदाज़....वही मासूमियत..अरे आपकी नहीं जी...उनकी...ऐसे में तो कोइ भी ..इत्ता बढिया लिखेगा ही......सालगिरह मुबारक हो जी..लेट से ..चलेगा न...
सुंदर ग़ज़ल के लिए धन्यवाद.
सिद्धार्थ की पंक्तियों से पूर्ण सहमति।
'प्रयण' शब्द का अच्छा प्रयोग किया। कहीं अनजाने में त्रुटि बस तो नहीं हो गया ;)
प्रणय लिखते तो !
हर सुखद अनुभूतियों में...
------
ब्लॉग जगत में मीन-मेख निकालने की पुरानी परिपाटी है. कुछ नये जुझारुओं का स्नेह पाकर और भी सुड्रुढ़ हुई है. उसी का अनुसरण करते हुए कुछ सुधार कार्य सुझा रहे हैं (वैसे हमें फ़र्क नहीं पड़ता) -
"हर" एकवचन है और "अनुभूतियों" बहुवचन. इनका इस प्रकार एक वाक्य में प्रयोग ठीक नहीं लगता.
और अवसर का लाभ उठाते हुए, इसी लय-ताल में एक रिटर्न गीत भाभी जी की ओर से अपने लिये भी रच लेना चाहिये था. निम्न तुकों से मदद मिल सकती है:
निपट हाहाकार हो तुम,
अनोखा भार हो तुम,
भोंथरी तलवार हो तुम,
-------------------------
इस बदतमीज टिप्पणी के लिये क्षमा. मगर आप तो पहले ही क्षमा कर चुके हैं ना.
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
" शादी की सालगिरह पर इन पंक्तियों और भावनाओ से बढ़ कर क्या गिफ्ट हो सकता है.....वैसे परफ्यूम वाला किस्सा भी कम मजेदार नहीं रहा.....हा हा हा "
regards
इन चार लाइनों मे आपने किसी भी भौतिक वस्तुओं से परे चीज़ गिफ्ट की है.कितने सुंदर भावनाएँ और प्रेम झलकता है आपके शब्दों मे
भगवान आप दोनो को हमेशा खुश रखे..हम तो फिर से साल गिरह की बधाई दे देते है...
बड़ी अँतरगता से जनता को बतला तो दिया ।
हम्मैं मालूम है, आपकी कोई ग्राँट रुकी होगी उनके पास,
अब आप यह पोस्ट दिखाओगे, एक और खास्ता सा वास्ता दोगे ।
और ग्रँटिया कर वह ग्राँट मँज़ूर कर देंगी । चलो हटो तुम मर्द लोग.. जब अपना मतलब होता है, तो...
कैसी रही ?
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
मैं भटकता जा रहा था, जिन्दगी की राह पर
पथ दिखाती सूक्तियों का, स्वयं एक उच्चार हो तुम.
waah sunder manbhawan rachana,vaise khud hi gift kharid kar apne aap ko aapki taraf se gift karne ka bhabhi ji idea bahut gazab raha:).chatur mann bhi paaya hai unhone.
शून्य में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम
हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम
बहुते लाजवाब और यादगार संस्मरण लिखा जी, शुभकामनाएं.
रामराम.
ानूप जी सही कह रहे हैं अगर भाभी जी इस कविता को गा कर सुनायें तो और भी आनन्द आयेगा सुन्दर पोस्ट और भाभी जी के बारे मे तो कोई दो राय है ही नहीं लाजवाब बधाई
शादी की सालगिरह की अनाउंसीय पोस्ट या तो लजाते हुये लिखी जा सकती है - या फिर वैसे जैसे आपने लिखी है।
श्रीमती साधना लाल को प्रत्यक्ष न देखा होता तो यही कहते कि कहां फुरसतिया की तरह सुन्दर सुन्दर लड़कियों के फोटो कबाड़ कर लगा देते हैं, अपनी टीआपी बढ़ाने को! :)
बहुत बहुत बधाई मित्र!
तो उन्हें अच्छी तरह से पता था कि आप सिर्फ "बड़ी प्यारी सी क्यूट वाली स्माईल" ही देंगे (जिससे मूँगफल्ली भी नहीं खरीदी जा सकती :-) अगर गलत कह रहा हूँ तो बताइयेगा) इसीलिए उन्होंने अपने लिए तोहफा भी आपको स्टाइल से दे दिया।
बहुत ही खूबसूरत तोहफा दिया आपने .:)
वाह कविता भी बहुत अच्छी है और तस्वीर भी .
मुबारकबाद.
हम्म्म.. इस पोस्ट को बुकमार्क कर लिया है.. 20-25 साल बाद शायद यह हमारे बहुत काम आने वाली है :)
हैपी ब्लॉगिंग.
बहुत सुंदर जबाब .. इससे सुंदर तोहफा और क्या हो सकता है .. एक बार फिर से आपलोगों को बहुत बहुत बधाई !!
इतनी अच्छी कविता लिखकर तो वैसे ही आपने इतना बड़ा तोहफा दे दिया !!!
प्रेम रस घुल जाए तो चार शब्द मिलकर भी ग़ज़ल बन जाती है.. हम मेल पर तो आपको बधाई नहीं दे पाए.. इसलिए यही बधाई दे देते है.. चिंता मत करिए अगली बार इसी दिन दे देंगे.. अभी तो कई मौके आयेंगे.. बीस साल वाली स्टोरी सुनाके तो आप हमेंडरा रहे है..
समीर जी...तोहफा तो लाजवाब दिया है आपने, हम भी खुश की इतनी अच्छी कविता पढने को मिली...बहुत बहुत पसंद आई मुझे. शादी के बारे में क्या कहें...अभी हाल में मेरे एक मित्र ने मुझे कहा था...Happiness is not the only thing in life, every one should get married :D
मिठाई खाओ और खुश रहो
खूश हो लेंगे, पहले बताओ मिठाई है कहाँ?
यह जो कविता है वह एक पति की भावनाएं व्यक्त करती, पत्नी को खूश कर दो... कहने में क्या जाता है...वाली ;)
हा हा हा हा अब मिठाई नहीं मिलेगी तो दिलजली बाते ही सुनने को मिलेगी ना...
सालगिरह की भाभी जी को बहुत बहुत बधाई....
वाह वाह वाह इसे कहते हैं सुखी दांपत्य जीवन, सजा को भी हँसते हँसते काट लेना :)
"हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम. अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम. सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम मैं भटकता जा रहा था, जिन्दगी की राह पर
पथ दिखाती सूक्तियों का, स्वयं एक उच्चार हो तुम. कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रयण बन साकार हो तुम."
आपके "तुम" को और आपको शादी की सालगिरह मुबारक हो! आपको और भाभीजी को बहुत बहुत बधाइयाँ!
कविता कुछ ज़्यादा ही अच्छी लिख गई। मगर इसमें आपका कोई कमाल नहीं है सब कमाल हमारी भौजी का है। हा हा । और उनकी इतनी शानदार फोटो अकेले लगाकर उनको नज़र लगवाने का इरादा है क्या ? साथ में आप ख़ुद भी रहा करें उनका डिठौना बनकर। {माइंड इट}
(उपरोक्त शब्द ऑक्सफ़ोर्ड वालों ने क्विक गन मुरुगन फ़िल्म से लिया है) जय हि्न्द ।
हर शेर पवित्रता और समर्पण से भरा हुआ...! एक अलग समीर जी से परिचय होता हुआ सा...! उड़नतश्तरी की एक अलग सी उड़ान....!
भइया जी आपकी शब्दावली का जो कायल हर कोई है तो हमारी भाभी जी कैसे नहीं होतीं?
सुन्दर गजल लिखी है आपने। हम तो इस तरह के प्रयास ही करते रहे। हर सालगिरह पर और उनके जन्म दिन पर एक ही उलाहना मिलता रहा कि कैसे लेखक हो हमारे लिए एक छोटी सी कविता भी नहीं लिख सकते हो।
अब आप जैसा हुनर सब में कहाँ।
....................
अब एक निवेदन कि एक ब्लाग बनाया है पहला उहसास उसमें पहले पहल होने वाले अनुभव को रखना है। आप भी पहली सालगिरह के अनुभव भेजियेगा।
"ये आपकी तरफ से मेरे लिए"
my Bhabiji is very very smart....?
यू नारी सपोर्टर!!
100%
Andar ki Baat Bataoo......?
har Patnivrata Purush
Nari ka Supporter hota hai.....
plz.........Majburi .....samjakaro.... ..... .DADA
एक रात उसकी पत्नी की आँख खुली तो देखा, हर पत्नी की तरह आदतन टतोलते हुए,पतिदेव बाजू में नहीं हैं. खोजते खोजते नीचे उतर कर आई तो देखा, वो ड्राईंगरुम में बैठा सुबक सुबक कर रो रहा है.
पोछकर अश्क अपनी आखो से,
मुस्कुराओ तो कोई बात बने.
श्रध्दा सेवा,सहनशीलता,साधनाभाभी का श्रृगार है,
समता और सुजनता सुखमय,जीवन के आधार है।
भाभी की कार्य कुशलता, पर हम सभी को अभिमान है।
शुभमगल भावनाओ.... सहीत जयजिनेद्र!!!
@इससे अच्छी गिफ्ट और क्या दें भई इस उम्र में?
प्यार में उम्र मायने नहीं रखती हजूर ...बस देने का अंदाज़ नया होना चाहिए ....
@"आपकी तरफ से मेरे लिए..."
वाह...ये भी अच्छी रही ....!!
चलिए नहीं पूछते कितने साल हुए ....पर मिठाई तो खिलवाइए ....!!
@आज तो मैं जेल से छूट गया होता...
सच में बड़ी भूल कर दी .....!!
ओये होए ....क्या मुस्कान है ...साधना जी अब समझ आया ये समीर जी हर जगह आपको क्यों साथ लिए फिरते हैं ....!!
मैं भटकता जा रहा था, जिन्दगी की राह पर
पथ दिखाती सूक्तियों का, स्वयं एक उच्चार हो तुम.
कुछ गढ़ा कुछ अनगढ़ा आकार है इन मूर्तियों का
अनगढ़ी इन मूर्तियों में प्रयण बन साकार हो तुम.
वाह जी वाह ....इस युग में इतने समर्पण की भावना ....!!
hasti muskaati dono kitasveer dekhne ko milti to kaveeta ka aanand aur badh jata . :)
वाह समीर जी, बहुत मजेदार हास्य प्रस्तुत किया है. वैसे पति पत्नी के सम्बन्ध होते ही ऐसे हैं की कभी खूब गर्मी, कभी सर्दी. लतीफा बहुत शानदार लगा. देर से ही सही, शादी की साल गिरह बहुत मुबारक हो. कविता तो इतनी प्यारी है की पत्नी कितनी भी क्यों न रूठी हो, सुनते ही पिघल जायेगी . हमारे भी बहुत काम आएगी . धन्यवाद.
Aap dono ko dheron shubh kamnayen !
"tum',ye rachna kitnee bhaavbheenee lagi,bata nahee sakti..
जियो जियो जियो !
क्या बात है...........
बहुत ख़ूब !
बधाई !
Ek baar punah badhaayee.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
प्रयण = प्रणय
टंकण त्रुटि को सुधार लिया है. ध्यान दिलाने का आभार.
@ Ghost Buster Ji
आपका सुझाव विचारणीय है. देखता हूँ, बहुत आभार.
Anoop ji ki baat par gaur kiya jaye--kavita ko ga kar sunaya jaye..
Shadi ki saalgirah ki ek baar phir se badhaayeyan..
शादी की सालगिरह की ढेर सारी बधाइयां।
यह तो मुझे भी जानना है कि आपकी शादी का कौन सा साल चल रहा है? दाल में जरूर कुछ काला है।
वाह समीर भाई "शून्य में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम" गज़ल की केवल इस पहली पंक्ति पर मै पूरा आलेख लिख सकता हूँ लेकिन फिलहाल आपके सुख(दुख) में शामिल होकर आपकी रचना का आनन्द ले रहा हूँ । हाँ यह सात जन्मों वाली बात मेरे यहाँ भी होती है । मैं तो खैर जन्मों में विश्वास नही करता लेकिन श्रीमती जी कभी गुस्से में होती हैं तो कहती हैं " भगवान करे यह आखरी जन्म हो " हा हा हा । -शरद कोकास
" यू नारी सपोर्टर!! :)"
ये नारी सपोर्टर चाहे कुछ भी कह लें पर जिस दिन गिरह बांधी उसी दिन से पुरुष का बटुवा कटता रहता है:)
आपने जो भाव अपनी इस ग़ज़ल या रचना में पिरोये हैं क्या उन्हें भाभी ने मान लिया है ...याने उनपर यकीन कर लिया है ...क्या कहा? मान लिया...कितनी भोली हैं न हमारी भाभी...सच....:))
एक बार फिर शादी की वर्षगाँठ मंगलमय हो...और ये साथ आपके अनुसार सात जन्मों तक बना रहे...आठवें जनम में कौन आएगा ये सोचा है क्या? :))
नीरज
हम भूल गए समीर सर,
या यूँ कहिये हमें मालूम ही कहाँ था...
"लेटेड हैप्पी मेरिज अनिवेर्सरी" हमारी तरफ से सुभकामनाएँ स्वीकार करें....
और आगे से जन्मदिन, मेरिज आदि की सूचनाएं पहले से चप्सा किये जाने की व्यवस्था करवाए...
पंक्तियाँ बहुत सुन्दर लिखी हैं भाभी साहेब के ऊपर (ऊपर से मतलब भाभी साहेब के लिए...)
अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम.
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
पढ़कर मजा आ गया...
इससे अच्छा गिफ्ट और क्या होगा. हम मिठाई खाकर आते हैं और आपको बिल भेजते हैं ऋइम्बर्स के लिए :)
आँखे बन्द करना ही था तो तस्वीर सामने क्यो रखी थी आपकी इस बात पर 'मेरी वाली' से मेरा तकरार हो गया. वो कहती है कि एकाध बार आँख खोलकर देखा होगा तभी इतनी अच्छी रचना लिखी है ---
अब आप ही बताईए सच्चाई --
behad sundar salgirah..........badhai.
बधाई बहुत बहुत बधाई . मिठाई की आस है और हक भी .
opper shaadi ki itni burai aur mazaak aur neeche apni mrs ke liye nazm ka tohfa, vardaan aur unka gungaan......ye kaun sa double standrad hai......Gift dena aapki social, moral aur personal duty hai aur lena unka moral, social aur legal right...:-) Happy Anniversary to both of u
भावपूर्ण बिंदास संस्मरण ,कविता भी रोचक लगी.
समीर भाई ,
शादी की सालगिरह पर मेरी शुभकामनाएं.बवाल जी की टिपण्णी पर गौर जरूर करें.आपकी ग़ज़ल आपका समर्पण व्यक्त कर रही.इस समर्पण में चार चाँद लगते जाएँ.यही ईश्वर से कामना करता हूँ. इस अवसर पर आपको दिल से बधाई!!
आपको और भाभीजी को पुनः बधाई.
आपका एक काम अब तक नहीं कर सका, अब सोच रहा था कि आपके लिये यह गीत भेजूं जो आप भाभी जी को भेंट करते, जो उस पर्फ़्यूम से अधिक महकाता आपके प्रेम बंधन को:
बडे अच्छे लगते हैं, ये धरती , ये नदिया, ये रैना ...... और तुम.....
चलो, अगर भाभी जी की कोई गीत पसंद हो तो लिख भेजें , जो अगली वर्षगांठ तक रोज़ रोज़ आपके मुख पर और उनके खयालों में बजता रहे-- आपकी तरफ़ से!!!
शादी की सालगिरह मुबारक हो आपको और भाभीजी को बहुत बहुत बधाइयाँ!
:-)))
शादी की साल गिरह मुबारक ,तोहफा अच्छा रहा...
जनाब सब से पहले तो शादी की साल गिरह की बधाई, हमे तो पता ही नही चला, वरना हम खुद ही आ जाते,
आप की २०वी सालगिरह है यह भी हम ने कल समाचार पत्रो मे पढ लिया था, चलिये अगले बीस साल भी इसी तरह हंसते खेलते बीते.
बीवी को खुश करने और दिल के गुबार निकालने (दोनों एक साथ) में आप ने काफी सफाई दिखाई है. वैसे बीवी एक 'आवश्यक बुराई' है इससे कोई इंकार नहीं कर सकता.
............लख-लख बधाइयाँ .............कविता ने दिल चूम लिया .................प्रणाम!गुरुदेव
आपने जो हिंट दिया उसे ग्रहण कर रहे है शादी ३-४ साल बाद करने का इरादा था अब उसके बाद भी जितना संभव होगा टालते रहेंगे
अंत में तो वही होगा जो मंजूरे ............:)
वीनस केसरी
देर से बधाई दे रहा हूं माफ़ करना।मुझे भी अज़ारो पर्फ़्यूम गिफ़्ट मे मिला है मै तो उसे फ़र्ज़ी समझ्ता था,अच्छा हुआ आपने बता दिया।एक बार फ़िर सुखी दाम्पत्य जीवन की एक और सालगिरह की बधाई।बधाई देने का ये सिलसिला चलता रहा उम्र भर्।
जी मैं भी लेट लतीफ हूं पर क्या है कि भूल लेनी देनी। देर से ही सही पर दे रहा हूं यूं ही आप महंगा उन पर लुटाते रहें (प्रफ्यूम की बात कर रहा हूं) और खुद सस्ते से गुजारा करते रहें। हमारी तरह। धन्यवाद।
फिर भी लंच पर ले गये और खाकर बड़ी प्यारी सी क्यूट वाली स्माईल दे आया हूँ. कैसी रही?? इससे अच्छी गिफ्ट और क्या दें भई इस उम्र में?
Kanjoos !
Badhaee !
शादी की सालगिरह की बहुत सी शुभकामनायें !!जरा एक ठो फ़ोटू सेशन दिखलाये देते ......:)
बहुत-बहुत बधाई! फिर से याद दिलाने का शुक्रिया वरना हम जैसे भुलक्कड़ तो अपनी शादी की सालगिरह भी भूल जाते हैं. रचना और आलेख दोनों ही पसंद आये.
चाचा, बधाई ले लो.
बहुत बेहतरीन कविता भेंट की है, और क्या चाहिये किसी भी पत्नी को. कम से कम कवि की पत्नी को.
बहुत बेहतरीन कविता भेंट की है, और क्या चाहिये किसी भी पत्नी को. कम से कम कवि की पत्नी को.
last line...
angadhi moortiyan mein "pranay" ban saakar ho tum...
poori kavita ki aatma ban gayee hai ! bahut hi khoob likha hai ! Badhai..
vilamb se hi sahi lekin badhai swikar karein
SAMEER BHAI ..... BADHAAI AAPKO AUR BHAABHI KO ... PICHLE POORE HAFTE INDIA MEIN HONE KE KAARAN INTERNET SE DOOR RAHA ..... IS DERI KE LIYE MAAFI ..... AAPKA GIFT BAHOOT HI JORDAAR HAI ... BHABHI TO AB AUR JYAADA PYAR KARNE LAGI HONGI .....
सगी पत्नी के लिए सृष्टि का उपहार हो तुम
कुछ गतयौवनाओं के लिए,अपरिहार्य हो तुम
जानता हूं नाम उनके, पर बताऊंगा नहीं
क्योंकि हम सबके लिए अनिवार्य हो तुम
इस भावपूर्ण गीत ने तो मंत्रमुग्ध और शब्दहीन ही कर दिया है......क्या कहूँ...
आप दोनों को वर्षगाँठ की अनंत सुभकामनाएँ....यह जोड़ी सदा सलामत रहे...हँसता हंसाता रहे..
देर से बधाई देने वालों की वजह से उस दिन का सरूर बना रहता है, है न?
देखिए भाई साहब , ऐसी गजलें लिख के आप दूसरे पतियों की मुसीबत काहे बढ़ा रहे हैं जी?
बधाई.
कितने साल हुए! :)
देर से ही हमारी शुभकामनाएं !
शादी की सालगिरह की शुभकामनायें स्वीकार करे.
शून्य में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम
हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम. अग्नि प्रज्जवलित हो चुकी, अब होम की बातें करें
यज्ञ की संपूर्णता में, तेज बन साकार हो तुम
सुन्दर भावो से युक्त रचना के लिये बधाई
देर से ही सही मगर शादी की सालगिरह की बधाई हो !
मेरे ख्याल से ये भाभी जी का ही प्रताप है , जो आप इतना अच्छा लिख प् रहे हो , अगर कोई बला !! माफ़ कीजिये अबला खतरनाक मिल गयी होती तो खाने के लाले हो जाते . खैर भगवन आपकी जोड़ी सलामत रखे. कविता, भाभीजी और आप सचमुच बहुत खूबसूरत है ...दिल से
शादी की सालगिरह की देर से ही सही मगर ढेर सी बधाई..अब इ्स्से अच्छा भी गिफ़्ट क्या होगा जो आपने समर्पित किया..व्यंग्य का लहजा गजब का है आपका..दोधारी लगती है आपकी कलम सर जी!
एक ही बात कहूँगा...
समीर लाल जिंदाबाद !!
Saalgirah ki bahut bahut shubhkaamnayen.........apko.......
Mubarak baad...........
काहे बतायें जी? इन्श्योरेन्श एजेंट हो क्या?....... hehehehehehehehe......... sahi kaha aapne ......... bhai kaahe batayen........?
बहुत प्यारी कविता लिखी आपने..
सबसे पहले तो आपको शादी की सालगिरह की बधाई ....देर से ही सही ....रही बात गिफ्ट की तो हसबेंड के लिए परफ्यूम से अच्छा गिफ्ट क्या हो ...ये एक अलग चर्चा का विषय है पर आपको गिफ्ट मिला तो है न ....और आपके पास तो अनोखा गिफ्ट है ..ये कविता जो आपने ' उनके ' लिए लिखी है ...इससे अच्छा गिफ्ट और क्या हो सकता है ....इन पंक्तियों के साथ भेंट करना था ..."तुम्हे और क्या दूँ में इसके सिवाय , तुमको हमारी उम्र लग जाए ....
ये मेरा गिफ्ट ये तेरा गिफ्ट
ये गिफ्ट बड़ा महान है
पता नहीं कोई कॉपी राईट का उल्लंघन तो नहीं कर रहा हूँ
congratulations on ur annivarsary ...
bhabhiji ko aur aapko bahut bahut badhai
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
bhabhiji ko aur aapko bahut bahut badhai
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
शादी की सालगिरह आ कर निकल गई, हमें खबर नहीं हुई, गोकि हमेशा की तरह आलसी रहे हम। ब्लागर नहीं महज कबाड़ी हैं हम।
विलंबित बधाई करें स्वीकार प्रभो...ग़लती को करें क्षमा प्रभो...
उड़न तश्तरी वाले गुरुदेव, आपके आशीर्वाद ने इस शिष्य को धन्य कर दिया...जैसे गुरु रास्ता दिखाता है आपने मुझ जैसे नौसिखिए को वर्ड वेरीफिकेशन हटाकर मॉ़डरेशन लगाने का पहला गुरुमंत्र दिया..कोशिश करुगा कि आपकी उम्मीद को कभी ठेस नहीं लगने दूं
बहुत बहुत badhaai हो साल girah की | बहुत ही सुन्दर gazal likhi है| हम तो भाई साल girah पर 3 minat का maun dharan
करते है फिर कुछ shlok |
बहूत अच्छी रचना. कृपया मेरे ब्लॉग पैर पधारे
बहूत अच्छी रचना. कृपया मेरे ब्लॉग पैर पधारे
शादी की वर्ष गाँठ की बहुत -बहुत बधाई.
सात जन्मों तक रहेगा, साथ मेरा और तुम्हारा
इन प्रचारित रीतियों का, खुला मंगलद्वार हो तुम
सुन्दर रचना, स्नेह और आत्मीयता से भरपूर.
बहुत शानदार पोसट है.. देर से आने के लिए मुआफी का हकदार...तुम तो हर जगह मौजूद उड्डनतशतरी सवार तुम..मैं जज नहीं..पाठक के रूप में देता हूं आपको शत प्रतिशत इस पोस्ट के लिए...बहुत अद्भुत...अनोखी शानदार...कविता बहुत सुंदर...चुटकले को बहुत मजेदार ढंग से प्रस्तुत किया आपने...देर से ही स्वीकार करें बधाई..
मज़ा आ गया पढ़ कर ... कविता का गिफ्ट बेमिसाल है..
शादी की वर्षगाँठ मुबारक हो जी बहुत-२ :)
बाकी पोस्ट तो एकदम चकाचक लिखे हैं, पढ़कर खूब मज़ा आया और हंसी भी!! :D
जी बहुत बहुत बधाई और मौका देखकर कविता भी सुना डाली आपने :).. एक कमेन्ट टिपिया रहा हू :)
"श्रीमती साधना लाल को प्रत्यक्ष न देखा होता तो यही कहते कि कहां फुरसतिया की तरह सुन्दर सुन्दर लड़कियों के फोटो कबाड़ कर लगा देते हैं, अपनी टीआपी बढ़ाने को! :) - जी.के.पान्डेय"
आप दोनो जबरदस्त है :P
वाह बहुत खूब दादा क्या लिखा है ,,,वो हलकी सी मुस्कान मानो उनको मिल गया पूरा संसार,
जीवन के इस उपहार को सदा उ ही बनाये रखे ,,शादी की सालगिरह की शुभकामनायें
हमारी भी पहली सालगिरह है बहुत ही ख़ुशी हुई आपकी रचना पढ़कर ,,,,,,,,
शिवम् गुप्ता
एडवोकेट
९९८४४४४०७८
वाह बहुत खूब दादा क्या लिखा है ,,,वो हलकी सी मुस्कान मानो उनको मिल गया पूरा संसार,
जीवन के इस उपहार को सदा उ ही बनाये रखे ,,शादी की सालगिरह की शुभकामनायें
हमारी भी पहली सालगिरह है बहुत ही ख़ुशी हुई आपकी रचना पढ़कर ,,,,,,,,
शिवम् गुप्ता
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९९८४४४४०७८
लाजबाव साहब।
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