१९ अगस्त को ह्यूस्टन से वापस आये और २० अगस्त को टोरंटो मे टरनाडो (Tornado) ने भीषण तबाही मचाई. मानो हमारे आने का इन्तजार कर रहा हो.
थोड़ा सा भला ये रहा कि शायद जान गया होगा कि इनका सामान वगैरह गुम गया है, घाटा लग चुका है और परेशान है तो हमारा मोहल्ला छोड़ दूसरे मोहल्ले में तूफान मचाया. मौसम विभाग के अनुसार १८० से २४० किमी की रफ्तार से लेवल २ का तूफान आया. वूडब्रिज एरिया में कितने ही घरों की छत उड़ गई. कारें पलट गई. बारबेक्यू हवा में उड़ गये. पेड़ धाराशाही हो गये.
मगर जब वो दूसरे मोहल्ले में भरपूर तूफान मचा रहा था तब हालात के हल्ले में हमारा मोहल्ला भी थर्राया. खिड़कियाँ काँपी. बिजली कड़की. पानी बरसा. जो मौसम कहीं तबाही मचा रहा था वो ही हमारे यहाँ दर्शनीय बना हुआ था.
उस मोहल्ले में सैकड़ों घर तबाह हो गये. परखच्चे उड़ गये. देखिये तबाही के कुछ दृष्य:
गनीमत यह रही कि कोई मरा नहीं. मौसम विभाग चेता चुका था. सरकार ने बिजली तीन घंटे के लिए बंद कर दी ताकि किसी को करेंट न लगे या कहीं शार्ट सर्किट से आग न लग जाये.
ऐसे मौके कितनी बार आते हैं यहाँ, जब बिजली न हो. मेरी याद में पिछले १० सालों में यह दूसरा मौका था. पिछली बार जब २००३ में बिजली गई थी, तब अमरीका के राष्ट्रपति ने टीवी पर जनता से माफी माँगी थी. तब मैं सोचा करता था कि अगर भारत का राष्ट्रपति बिजली जाने के लिए टीवी पर माफी माँगने लगे तो वो तो २४/७ टी वी पर ही नजर आये. आखिर खाना कब खायेगा. :) खैर, इस बार फिर बिजली गई सो रोशनी की खातिर मोमबत्ती जला ली गई.
शायद आपको लाला लोगों की मौका परस्ति का अंदाजा न हो. लालाओं के स्वभाव के ज्ञानियों का कहना है कि अगर कोई लाला कभी कुऐं में गिर जाये तो पहले वो स्नान करेगा और फिर मदद के लिए चिल्लाना शुरु करेगा.
तो आदतन जब मोमबत्ती जली तो हमने भी फायदा उठाया और झट अपनी ही केंडल लाईट फोटो खींच लिए. काम आयेगी शायरी/गज़ल के साथ चिपकाने में. :)
दिख रहा हूँ? |
मजेदार यह रहा कि जब बरामदे में खड़े मौसम का नजारा ले रहे थे तो तेज चलती हवाओं में पत्नी हमारा हाथ थामें थी निश्चिंतता के लिए. ऐसा नहीं कि हमारी चिंता में बल्कि इसलिए कि वे इस बात को सुनिश्चित थीं कि इनको तो उड़ा पायेगा नहीं वजन के चलते तो वो भी उड़ने से बच जायेंगी. :)
अब टरनाडो की बात चली है तो थोड़ी सी बात टरनाडो के विषय में भी कर ही ली जाये:
शब्द ’Tornado' या "अंधड़" लैटिन शब्द tonare से आता है, जिसका मतलब ’तेज गरजते आँधी तूफान वाले बादल’ होता है. स्पेनिश में इस शब्द को tornear से जाना गया जिसका अर्थ होता है घुमावदार या मुड़ा हुआ. Tornadoes, जो घूर्णन या हवा में घुमाव द्वारा गठित होते हैं, इसी कारण से इन्हें twisters या चक्रवात भी कहा जाता है.
यह बवंडर (’Tornado' ) कम वायुमंडलीय दबाव के एक केंद्र के आसपास घुमावदार हवाओं के एक ताकतवर स्तम्भ है. यह काले बड़े तूफान, बादल से नीचे लटके कुप्पी (Funnel) की तरह दिखते है. संकीर्ण अंत पृथ्वी को छूता हुआ आगे बढ़ता रहता है.
इस बवंडर के भीतर हवा का तेज बहाव सर्पिल गति से नीचे से उपर होता है और जब यह किसी वस्तु से छूता हुआ चलता है तो उसके टुकड़े टुकड़े कर देने में इसका वेग सक्षम होता है. टूटे हुई वस्तुएं और यहाँ तक की गाय भैंसे और छोटे मोटे समान इसकी पूँछनुमा धरती को स्पर्श करती आकृति में खींच कर कई मीटर उपर चले जाते हैं और बहुत मीलों दूर जा गिरते हैं.
इसकी हवा का वेग 500 मील प्रति घंटे तक की गति में घूम (स्पिन कर) सकता है. आमतौर पर यह लगभग 300 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करता है. यह बवंडर मानव जाति को ज्ञात सबसे खतरनाक तूफान होता है.
हालांकि कोई भी अमेरिकी राज्य tornadoes से पूरी तरह मुक्त नहीं है, किन्तु वे रॉकी और Appalachian पर्वत के बीच मैदानी इलाकों में सबसे अधिक पाये जाते हैं. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि tornados संयुक्त राज्य के पूरे मध्यपश्चिम को प्रभावित करता रहते हैं, किन्तु ’ओकलाहोमा’ नामक प्रान्त सबसे ज्यादा प्रभावित है. जब अमेरीका मे आने वाले सब tornadoes को खाते में लिया जाता है, तो फ्लोरिडा में बवंडर घटना का देश में सबसे ज्यादा घनत्व है. लेकिन फ्लोरिडा के tornadoes कमज़ोर एवं अल्पजीवी रहते हैं और ओकलाहोमा जैसे "क्लासिक" supercellular tornadoes की तरह नुकसान नहीं पहुँचाते. इसके विपरीत, पूर्वोत्तर और पश्चिम संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे कम बवंडर आते हैं.
नोट: आज पहली बार विंडोज़ लाईव राइटर पर लिख कर पोस्ट करने की ट्राई कर रहे हैं. भूल चूक लेनी देनी.
100 टिप्पणियां:
केंडल लाइट फोटो बहुत शानदार है..
बिजली जाने पर माफी.. हमारे यहां तो आने पर राष्ट्र के नाम संदेश दे दे..
बेहतर विचारों वाली अभिव्यक्ति।आभार।
aapki ye post parkar hume apne florida ke din yaad aa gaye jab 2 weeks ke andar ek ke baad ek karke 3 hurricanes jhele thai jo ki 4, 2 aur 1 category ke thai.......Usi dauran mene ye post bhi likhi thi jo ki tabahi se pehle ki thi.
a.5 years tak florida me logon ke gharon ki chat sirf blue tirpaal se dhaki nazar aati thi....
shukra hai aapke mohhalle per nazar nahi daali lekin jidhar daali unka duh bahut achhi terah se samajhta hoon.
टोरंटो में टोरनेडो से हुई तबाही पर मैं अफसोस जाहिर करता हूं। आपने इस भीषण सामुदिक तुफान का विशद विश्लेषण किया है।
तेज चलती हवाओं में पत्नी हमारा हाथ थामें थी निश्चिंतता के लिए. ऐसा नहीं कि हमारी चिंता में बल्कि इसलिए कि वे इस बात को सुनिश्चित थीं कि इनको तो उड़ा पायेगा नहीं वजन के चलते तो वो भी उड़ने से बच जायेंगी.
भाभी जी का सुरक्षित रहने का यह उपाय काफी सुरक्षित लगा। सौ परसेण्ट गारणटीड।
इसी बहाने आपने कुछ नयी जानकारियाँ भी दी। सुन्दर पोस्ट।
टोर्नेडो बहुत खतरनाक है। ऐसा जैसे कोई ग्राइंडर चल रहा हो। कल्पना से ही झुरझुरी छूटती है। केंडललाइट चित्र बहुत सुंदर है।
भयंकर तूफान में कोई मानव क्षति नहीं हुई..वहां के कुशल शासन प्रबंधन को दर्शाता है ..tarnado तूफान के बारे में दी गयी जानकारी से इसे समझना आसान हुआ..मगर फोटो के बारे में हम कुछ न कहें ..वही अच्छा है ..!!
आप जिसतरह से लिखते हैं , लगा जैसे हम तूफानसे गुज़र रहे हों ..!और उसका पुष्टिकरण करते चित्र साथ में !
पत्नी की बात बता के तबाही का तनाव कुछ कम हो गया ..वैसे ये संतुलन बनाये रखना कोई आपसे सीखे !
तस्वीर तो खैर हैही उमदा ! हमारी उम्र गुज़र जायेगी, लेकिन ये महारथ हासिल नही होगी!
candle light photo bahut badhiya rahi,aur tornado par jankari bhi.jivit hani nahi huyi ye achha raha.
तूफ़ानी पोस्ट. दर्शनीय मौसम में रोमांटिक होकर भी तो हाथ थामा हो सकता है, हर बार आप अपने वजन का गुरूर क्यों बीच में ले आते हैं?
आप तो खुद आंधी तूफ़ान से कम नहीं है..
वैसे हिन्दुस्तान में प्राकर्तिक आपदा से बचाव किस तरह हो सकता है पता नहीं.. वैसे हिंदुस्तान में बिजली बंद करने की समस्या होगी नहीं क्योंकि देश के अधिकांश हिस्सों में तो बिजली ही नहीं है.. जब खंभे ही नहीं है तो क्या उखडेन्गे.. वैसे फोटो खीच कर रख लेना आपकी दूरदर्शिता का परिचय देता है..
SAB SAKUSHAL HAIN JAANKAR ACHHA LAGAA,.. KISI KI JAAN NAHI GAYEE ACHHI BAAT HAI ... WO JAGAHA HI AISI HAI KE CHAKRAVAAT TO AANE HI HAI...MAGAR SAB THIK HAI ACHHI BAAT HAI ...
KAL DIGAMBER JI SE MULAAK HUI THI DILLI ME AAPKE BAARE ME BHI KHUB CHARCHAAYE HUN AAPKE BAARE ME JAANKAR AUR BHI ACHHA LAGAA... BAHUT SAARE BATON KA KHULASA KIYA UNHONE ... HA HA HA MAGAR DARNE WAALI KOI AISI BAAT NAHI HAI ...
DIGAMBER JI SE MULAKAAT EK NAA BHUL PAANE WAALI BAAT HAI UMRA BHAR... ZINDAGEE KE EK HASIN PANNE ME SUNDAR AKSHARON SE LIKHI GAYEE HAI KAL KA DIN...
ARSH
लाइव राइटर बहुत मजेदार और सुविधाजनक औंजार है। जमाए रहिए।
मोमबत्ती के ‘अन्धेरे’ में आपका मुखड़ा जगमग कर रहा है।:) शानदार फोटोग्राफी है। किसने की?
टोरनेडो के बारे में बढ़िया जानकारी जुटायी है। बाँटने का शुक्रिया।
टोरंटो में टरनाडो के सौजन्य से आपकी कैंडिल लाइट फोटो धाँसू लग रही है . कैंडिल भी आपकी साइज़ की है .
टोरनैडो की जानकारी अच्छी रही। तूफ़ानी पोस्ट! कन्ट्रास्ट के चलते मोमबत्ती बड़ी क्यूट लग रही है।
कोई जवाब नहीं लाला दिमाग़ का हुज़ूर। क्या कहना !! अहा ! बात को रोचकता कैसे प्रदान की जाती है कोई आप से सीखे। निस्संदेह एक बहुत ही आला दर्ज़े का लेख। ग़लत कहते हैं आप। आप दिख रहे हैं ? अजी दुनिया भर को चकाचौंध कर रहे हैं । लेख के लिए बहुत बहुत बधाई और तमाम जानकारियों के बहुत बहुत धन्यवाद।
अब पता चला कि भारी देह के भी बहुत सारे फ़ायदे हैं। भाभीजी को इसके लिए ढेर सारी बधाइयां।
इस शानदार फोटो के साथ शायरी कब दे रहे हैं? इसका इंतजार रहेगा।
आपके संस्मरण आपके अंदाज़.
(तस्वीर खूबसूरत है)
धन्यवाद!
- सुलभ जायसवाल सतरंगी
शानदार जानकारी दी आपने टारनेडो की और लाला स्टाईल ओ बेहद पसंद आई. लाईव राईटर पर लिखना मुबारक हो.
हां एक सवाल अंत मे म मे रह गया कि एक भी जनहानि नही हुई...अगर यही हादसा जब हमारे यहां होता है तब हम इस बारे मे कितनी जनहानि निरापद भाव से लिख देते हैं?
रामराम.
लाइव राइटर ने बराबर काम किया है. निशचिंत रहें :)
"अंधड़" के बारे में काफ़ी कुछ जानने को मिला , धन्यवाद |
वैसे जिस पे गुजरती है वोही जानता है - टोरंटो वासीयों का हाल सोच रोंगटे खड़े होते है |
कैंडल लाइट वाली फोटो सही में अच्छी आई है उम्मीद है जल्द ही उसका उपयोग होगा |
"अगर भारत का राष्ट्रपति बिजली जाने के लिए टीवी पर माफी माँगने लगे तो वो तो २४/७ टी वी पर ही नजर आये. "
सत्य वचन |
ये टोरनेडो वहां अक्सर आता है क्या ?
दरअसल 18-19 अगस्त को बन रहे खास ग्रह योग को देखते हुए मैने 15 अगस्त के बाद बारिश होने की भविष्यवाणी की थी .. और लिखा था कि यह क्रम बढता हुआ 19 अगस्त तक बहुत तेज हो जाएगा .. कहीं यही ग्रहीय योग कनाडा में भी टोरनेडो का कारण तो नहीं ?
ऐसा है तो 8-9 अक्तूबर 2009 को पुन: ऐसा योग बन रहा है .. अपनी डायरी में नोट कर लें .. और कृपया उस समय ध्यान दें !!
टोर्नेडो की खूब जानकारी दी है आपने...अमेरिकी फिल्म ट्विस्टर (http://www.imdb.com/title/tt0117998/) में इसे बहुत अच्छे से दर्शाया गया था...शायद आपने भी देखी हो...बहुत चली थी वो फिल्म... आप को केनेडा में कोई खतरा नहीं है...आपको हिला सके अभी तक ऐसा टोर्नेडो अभी तक आया नहीं और आ भी नहीं सकता....:))
नीरज
बहुत अच्छी बात कि कोई मानव क्षति नहीं हुई।
टोरनेडो के विषय में इतनी अच्छी जानकारी देने के लिये आभार!
मालिक रहम करे, क्योंकि सबका मालिक एक है....
समीर सर, इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपका शुक्रिया....
मीत
चलिए आप सब सुरक्षित रहैं भगवान से ये ही दुआ है। टारनेडो के बारे में जानकारी सहजने योग्य।पहली बार लाईव राइटर का इस्तेमाल ये क्या है बताइएगा। मैंने आज पहली बार मोजिल्ला फायरफोक्स पर टिप्पणी कर रहा हूं। पता नहीं कैसा रहेगा ये मोजिल्ला फायरफोक्स, नहीं पता।
Photo dekh ki hi pata lag raha hai ki ye mazar kitna khatanaak raha hoga...
मैं तो आज जाना की टरनाडो कितना भयंकर होता है, जानकारी बढ़िया रही.
रही बात आप की तो चिंता की बात नही है सच मे कोई तूफान आपका कुछ नही बिगाड़ पायेगा,
हवा और तूफान ये सब तो आपके नाम मे ही निहित है..
तूफ़ान का ऐसा चित्रण की हमारे आगे सजीव हो गया पूरा माहौल...स्थिति बयां करती तस्वीरें भी..
ख़ुशी हुई कि कोई मरा नहीं अगर यही भारत मे कहीं होता तो शायद हज़ारों मर जाते। हर एक देश की घटना अलग और अजीब है।
कैंडल लाईट फोटो वो भी बिजली गोल हो जाने के दौरान अच्छी लगी. तूफ़ान के बारे में उम्दा जानकारी देने के लिए धन्यवाद. रही अपने देश में बिजली की बात से आप अच्छी तरह वाकिफ है . कब आ जाये और कब चली जाए कोई ठिकाना नहीं है और हलकी बारिश में बिजली बंद की जिम्मेदारी मौसम पर ठोक दी जाती है . .
प्रकृति के आगे आदमी कितना बेबस हो जाता है, यह भी अहसास दिलाती है....चांद पर जाने वाले मानव को!आसमां की सैर करने वाले, याद रख ज़मी भी तेरे पैर से खिसक जायेगी:(
ऐसे में कैंडिल लाइट डिन्नर..मेरा मतलब फोटो !!!! क्यूट है:)
शुक्र कि किसी की जान नही गई। फोटो शानदार और जानकारी जानदार।
हाँ जी, दिख रहे हो कैंडल लाइट फोटो में.
लगता है कि तुम्हारे ही नूर से मोमबत्ती जल रही है.
"तब अमरीका के राष्ट्रपति ने टीवी पर जनता से माफी माँगी थी. तब मैं सोचा करता था कि अगर भारत का राष्ट्रपति बिजली जाने के लिए टीवी पर माफी माँगने लगे तो वो तो २४/७ टी वी पर ही नजर आये. आखिर खाना कब खायेगा. :) खैर, इस बार फिर बिजली गई सो रोशनी की खातिर मोमबत्ती जला ली गई."
समीरजी,
आप भी न .... जले पर नमक छिड़कना अच्छी बात थोड़े ही है !!!!!
यात्रा वृतान्त और लालाओं का चरित्र चित्रण अच्छा लगा
जय हो
bahut khatarnaak tha tufaan tha
Thank god ki ki koi jaan maal ki haani nahi hui
aapka saaman kaha kho gaya hai?
aur aap bhi itni tension mein bhi photo sujha
waqayi kamaal hai aap
aapka haath thaame patni .... achha kaha
वाह बजनी होने के फायदे हैं कितने खुद भी सुरक्षित और साथ वाला भी पूर्ण रूप से सुरक्षित :) इस तूफ़ान के बारे में कई बार डिस्कवरी चेनल पर देखा है ...जबदरस्त चित्र हैं तूफ़ान के भी और टिम टिम करती मद्धम रौशनी में आपका ..इस लेख को याद करके कई दिन तक हम ऐसे ही जैसे अब मुस्करा रहे हैं वैसे मुस्कराते रहेंगे शुक्रिया :)
"शायद आपको लाला लोगों की मौका परस्ति का अंदाजा न हो. लालाओं के स्वभाव के ज्ञानियों का कहना है कि अगर कोई लाला कभी कुऐं में गिर जाये तो पहले वो स्नान करेगा और फिर मदद के लिए चिल्लाना शुरु करेगा...."
भैया, आप कहाँ क्या लिख देंगे इसका अनुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है. गजब पोस्ट. और फिर आज तो आपने शब्दों का सफ़र भी तय कर लिया....:-)
चलिए ..इसी बहाने कैंडल तो जली ...
came late on this important post
all of you are safe its good
वाकई भीषण तबाही नज़र आ रही है. कैंडल लाईट फोटो शानदार है.
आदरणीय समीर जी,
ईश्वर का धन्यवाद कि आप सपरिवार सुरक्षित हैं।
बेहतरीन पोस्ट, टारनेडो के चित्रण के साथ साथ हल्का फुल्का मजाक करते हुऐ आपने रोचकता बरकरार रखी है। आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
अब तो आप एक लाला पुराण लिख डालिए नई नई जानकारी मिल रही है :)
टोरंटो में टोरनाडो, भई कुदरत की माया है. पर ये जानकर अच्छा लगा की कोई जान की क्षति नहीं हुई.
चलिए इसी बहाने आपने भी एक दिन केंडल लाईट डिनर कर लिया. हाउ रोमांटिक. वैसे यहाँ हिंदुस्तान में तो लोग लगभग रोज़ ही कैंडल लाईट डिनर करते हैं. शायद यही हमारी बढती हुई आबादी का राज है.
ऐसे मौके कितनी बार आते हैं यहाँ, जब बिजली न हो. मेरी याद में पिछले १० सालों में यह दूसरा मौका था. पिछली बार जब २००३ में बिजली गई थी, तब अमरीका के राष्ट्रपति ने टीवी पर जनता से माफी माँगी थी. तब मैं सोचा करता था कि अगर भारत का राष्ट्रपति बिजली जाने के लिए टीवी पर माफी माँगने लगे तो वो तो २४/७ टी वी पर ही नजर आये. आखिर खाना कब खायेगा. :)
hehehehehe......yeh lines padh kar mazaa aa gaya....
aap theek hain na?
aap likhte hain to aisa lagta hai ki live telecast dekh rahe hain....
चलो कम से कम इस भयानक तूफ़ान से भारत सुरक्षित है, ये आपदा केवल ऊधर ही है, वाकई विन्डोज लाईव राईटर कमाल का है बधाई आपको ।
आज तो पढ़ते पढ़ते ऐसा लगा कि डिस्कवरी चैनल लगा लिया हो :)
आज आपकी पोस्ट ने यह साबित कर दिया कि बात कैसी भी हो, उसे रोचकता से प्रस्तुत किया जा सकता है. आपसे सीख रहे हैं.
sameer bhai,
candle photo sari sthiti bayan kar raha hai.sachmuch bada asahneey raha hoga.fir bhi yah jaankari dekar sarahneey karya kiya badhai.
pata nahin kyon, mai yah likhne ja raha hoon anyatha na len.kuchh bloggers aapko lala shabd se sambodhit karte hain aur aap bhi vaise hi jawaab dete hain main is se asahmat hoon .agar bahut aziz hai koi to vo apko is shabd se Email karen. blog par aap ek uchch koti ke blogger hain . ek lekhak ek kavi hain in naamon se sambodhit karen to mujhe behad khushi hogi.aap ek antar rashtriy vyaktitv hain yah bloggers mitron ko nahin bhoolna chahiye.meri asahmati anuchit lage to maaf karen.
फर्रुखाबादी जी जात न पूछो साधू की )
आेह. चलो सब ठीक-ठाक है.
कारण जो भी हो पर, यह क्षति दुःखद है ।
समीर जी,
२ लेबल का तूफान आया कोई मारा नहीं
विदेश प्रशाशन की मुस्तैदी के कायल है हम (जिनका मोटो ही ये है चाहे जो हो कोई मनर नाहे चाहिए) प्रसाशन को सलाम करता हूँ
पोस्ट लिखने में कोई भूल चूक नहीं हुई और हम लेनी देनी का हिसाब करने से रह गए :)
वीनस केसरी
समीर जी ,
इसको कहते हैं 'चीराग तले अँधेरा' ...
बताइए हमको पता भी नहीं चला......
ख़ुशी हुई जान कर कि आपलोग सुरक्षित हैं..
वैसे भाभी जी का सुरक्षा कवच अच्छा था....
हमने जिसे फिल्म में भर में देखी,उससे आपलोगों का सामना वास्तविकता में हुआ,सोचकर झुरझुरी सी लग रही है....चक्रवात पर बनी अंग्रेजी फिल्म देखी थी...भयावहता याद हो आई...
प्रकृति पर किसका वश है,लेकिन पश्चिमी देशों में जिस तरह से आपदा प्रबंधन किया जाता है और स्थिति को सामान्य किया जाता है,वह अतिप्रशंसनीय है...भारत के इससे सीख लेने कि आवश्यकता है..
शुक्र है ज़्यादा नुक्सान नहीं हुआ..........
शुभ कामनाएं !
समीर जी मुझे तीस साल हो गये है इस देश मै आज तक लाईट नही गई,बाकी केंडल लाईट को हम ने पहले देख लिया, फ़िर आप की फ़ोटो को अलग से देखा लगता है पहले भी देखी हुयी है, दोनो को देखना आंखो के लिये हानि कारक हो सकता है.
बाकी यह Tornado है तो तबाही ही, यहां टी वी पर कई बार देखा है बच्चो को कई बार उत्सुकता हुयी, लेकिन डर के मारे मेने मना कर दिया, क्योकि अगर बीबी उड गई इस Tornado मै, तो इस उम्र मै कोन देगा दुसरी.
लेकिन कभी आप से मिलना हुया तो इस बारे आंखो देखा हाल आप ने सुंदर कवि मुंख से सुने गे, ओर इस साल हमारे यहां भी एक दो जगह यह आ चुके है,इतने खतरनाक तो नही लेकिन घरो की छते को कारे यहां भी उडी... राम राम
गुरुदेव, देश मे एक एफएम चैनल चलता है- रेडियो मिर्ची. उसका स्लोगन है- मिर्ची सुनने वाले हर हाल में खुश. और एक फिल्मी गीत है- गाओ मेरे मन, चाहे रे सूरज चमके न चमके,लगा हो ग्रहण
इतनी टिप्पणियों के बोझ तले मेरी अदना सी टिप्पणी भी ये लीजिये- २००३ का ब्लैक आउट हमें भी याद है। उस वक़्त डॉलर स्टोर से मेरे पति २ दर्जन मोमबत्ती उठा लाये थे, जैसे फि कभी लाइट ही नहीं आयेगी, या जीती ही रहेगी (आदत है भारत से)। और उनमें से साढ़े-२३ अभी भी रखे हैं, ज्यों के त्यों। टारनेडो का असर हमारे यहाँ नहीं हुआ, न ही लाइट गुल हुई। लेकिन हाँ कहर जहाँ ढहा वहाँ कुछ दोस्तों के घर हैं और उनसे सुना है। प्रकृति के प्रकोप के आगे कौन टिका है भला।
भगवान की कृपा रही कि सब ठीक रहा.
प्रेम भाई
सभी स्नेही स्वजन हैं. आप परेशान न हों. आपका स्नेह देख अभिभूत हूँ. आभार!!
इस पैराग्राफ ने शानदार व्यंग कसे हैं...
अगर भारत का राष्ट्रपति बिजली जाने के लिए टीवी पर माफी माँगने लगे तो वो तो २४/७ टी वी पर ही नजर आये. आखिर खाना कब खायेगा. :) खैर, इस बार फिर बिजली गई सो रोशनी की खातिर मोमबत्ती जला ली गई.
शायद आपको लाला लोगों की मौका परस्ति का अंदाजा न हो. लालाओं के स्वभाव के ज्ञानियों का कहना है कि अगर कोई लाला कभी कुऐं में गिर जाये तो पहले वो स्नान करेगा और फिर मदद के लिए चिल्लाना शुरु करेगा.
तो आदतन जब मोमबत्ती जली तो हमने भी फायदा उठाया और झट अपनी ही केंडल लाईट फोटो खींच लिए. काम आयेगी शायरी/गज़ल के साथ चिपकाने में. :)
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शायद हाथ उन्होंने थामा हो..इसलिए
एक साथ जाएं जहां भी जाएं
बस तुम को साथ अपने पाएं जहां भी जाएं
हर तरहाँ की पोस्ट में माहिर हैं आप। चाहे कोमेडी हो या ट्रेजडी।
धांसू च फांसू, टार्नेडो नहीं, आपकी पोस्ट।
kabhee tashtaree kaa rukh bhaaratkee or bhee keejiye yahaa bhee mastiShka me^toofaana aa rahe hai
behtareen reporting. Kisi professional reporter se kahin adhik
नमस्कार समीर जी,
अच्छा हुआ कोई मानव क्षति नहीं हुई, अगर हिन्दुस्तान की बात करें तो जैसा भी है देश अपना है और हमें साथ मिलकर इस समस्या का निराकरण करना है.
मजेदार यह रहा कि जब बरामदे में खड़े मौसम का नजारा ले रहे थे तो तेज चलती हवाओं में पत्नी हमारा हाथ थामें थी निश्चिंतता के लिए. ऐसा नहीं कि हमारी चिंता में बल्कि इसलिए कि वे इस बात को सुनिश्चित थीं कि इनको तो उड़ा पायेगा नहीं वजन के चलते तो वो भी उड़ने से बच जायेंगी. :)
पत्नी कि महत्ता अब मालुम पडी ....
very good photo in candle light but we pray to God for yr long life and best wishes for u all of our Indian dear ones in USS.
You give us unmatched impetus from such distance as if u r at Jabalpur, really wonderful.
Keep writing.
With regards
dr.bhoopendra
chalo bhaar adhik hone kaa koi to fayada hua ab bhaabheeji roz tang naheen karengi ki bhaar kam karo tabaahi par afsos hai photo dekh kar to rongate khade ho gaye aabhaar
chalo bhaar adhik hone kaa koi to fayada hua ab bhaabheeji roz tang naheen karengi ki bhaar kam karo tabaahi par afsos hai photo dekh kar to rongate khade ho gaye aabhaar
sameer ji bijli ki baat karke aapne hamari dukhti rag par haath rakh diya. ..........main ghaziabad u.p. se hun ........jahan dekhne wali cheez ye hai ki bijli aati kitni der hai. khair.
aapka photo..........sach kahun .............bura to nahin manenge..........bahut hi achcha laga.
han U.S mein aise toofaan aam hote hai...... saath hi toranto ke baare mein di gai jaankari pasand aai ...... hamare India mein itni electricity generate hi nahi hoti...aur waise bhi hamari to aadat hi hai bhai- bhateejawaad ki to department wale to bill pay karne se rahe... isliye aisi maafi ke bare mein sochna maha paap hai :-)
प्रकृति सर्वशक्तिमान है, ये लोग भूल जाते हैं। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए हमें अपनी भागीदारी निभानी होगी। वैसे यह दुखद है कि नुकसान हुआ। समीर जी आपने लाइव लिखा है। आप उडऩ तश्तरी की तरह हर जगह पहुंच जाते हैं। नन्हें पंखों को काश आपके उडऩ तश्तरी से कोई एलियन मिल जाता और वो दुरुस्त हो जाते। वैसे आपका आभार
namastey uncle..!! aapka blog padhne k sath sath ispe comment krna bhi achha lagta hai... itni badi list me kahin ek naam mera bhi shaamil ho jata hai.. :)
waise aapki candle light foto achhi lagi... i think aapne dinner ka chance miss kr diya... :)
or haan aunty ka safe side pe rehna ka tarika achha laga... waise aapki har post me aunty g k baare mein aap kuch na kuch to likhte hi h... achha lagta h... :)
समीर जी,
आखिर आपने लालागिरी दिखा ही दी।वैसे बहुत जानकारी भरा पोस्ट...
wakaee candle light photo kee idea achchee hai. Lagata hai Ajit bhaee ka asar hone laga hai dheere dheere, waise sadhana bhbhee ne kafee achcha kam kiya jo aapka hath thame raheen wajah koee bhee ho.
Post achchee hai aur takneeki bhee..
sameer bhai, candle light me hame to achchhe lag rahe hain aap,lekin bachchon ko mat dikhana...dar jayenge...
दद्दा रे, ऐसा जालिम टोर्नेडो! अब यह तो मज़ाक का वक़्त नहीं है वरना कहते कि भला किस टोर्नेडो की हिम्मत है आपको हिलाने की. मोमबत्ती के साथ चित्र बहुत रूआबदार आया है.
बढ़ा लोमहर्षक टकारांत है टोरण्टो में टोर्नाडो!
टोरंटो के टरनाडो के बारे मे जानकारी आप के इस लेख से
मिली,हम भी यात्रा के अनुभवो का आनन्द आप के
माध्यम पा रहे हॆ.
समीर भाई इतने भयावह तूफान का वर्णन इतने सहज ढंग से करने का सामर्थ्य आप में ही हो सकता है । हमारे देश में तो तूफान या कोई भी प्राकतिक आपदा हो उसका अर्थ ही है जन हानि । बहुत पहले एक समुद्री तूफान हमारे यहाँ आया था उस समय एक कविता लिखी थी आपके अथाह आशावाद को समर्पित कर रहा हूँ ..
चेतावनी के बावज़ूद
होता है समुद्र अशांत होने दो
उठती हों ऊँची लहरें उठने दो
बनता हो कहीं कम दबाव का क्षेत्र बनने दो
आ रही हो
मौसम विभाग से तूफान की चेतावनी
आने दो
जोखिम और कलाबाज़ियाँ गठरी में बाँधकर
चल पड़े हैं नाविक
आखिर भूख कैसे कर सकती है
अड़तालीस घंटे इंतज़ार ।
- शरद कोकास
wah aap bade hi majedaar tarike se likhte hai pad ke achchha laga...
तबाही से पीडितों के प्रति सहानभूति...आपकी वक्र (व्यंग) लेखन भी अदभुत है - विशेष रूपेण कुँए और हाथ पकड़ने वाली. तबाही की बात में हास्य का समावेश हम नौसिखियों को नित्य नए-नए गुर सिखा रहा हैं....साधू!!
सादर,
aapne ek serious topic mein bhi kitna humor bhar diya :)
candle light photo mein jabardast lag rahe hain :D he he
इतनी अच्छी पोस्ट और कैंडिल लाइट तस्वीरों के लिए बधाई.
भवदीया,
एक और लाला
जिसका जन्म, परवरिश, लिखना-पढना, खेलना-कूदना भारत में हुआ हो उसे तूफ़ान वूफान से कैसा खौफ. आपने तूफ़ान के बारे में बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी, शुक्रिया. मोमबत्ती की रोशनी में किसी विलेन जैसा लगा आपका खूबसूरत चेहरा. हॉलीवुड में कभी कोशिश नहीं की क्या?
बहुत लेट हो गया हूँ. कमेंट्स के अंबार तले प्रार्थी की यह पंक्तियाँ दब कर रह जायेंगी और हर बार की तरह इस बार भी.....!!
समीर सा,
पहले तो आपकी शादी की वर्षगाँठ की देर से बधाई दे रहा हूँ इसके लिए डांट खाने को तैयार हूँ...पर मिठाई तो अवश्य खाऊंगा...फिर बधाई स्वीकार करें के वहां के राष्ट्रपति बिजली जाने पर माफ़ी मांगते है...पर मुझे विश्वास है हम शीघ्र अमरीका के बराबर होंगे...अल्लाह करे वहां भी बिजली का संकट हो और इंशाल्लाह होगा...एक दिन ऐसा आएगा जब अमरीका में भी भारत की तरह ६-६ से ८-८ घंटे बिजली की कटौती होगी और फिर अमरीका के राष्ट्रपति को माफ़ी नहीं मांगनी पड़ेगी और हम कहेंगे कि भारत भी एक विकसित देश बन गया है..
प्रकाश पाखी
फोटो बहुत जानदार है । टोरनेडो का तो पता नही लेकिन चक्र्वात तो राजस्थान मे भी बहुत आते है ।
वाह............. बेहतरीन प्रस्तुति
''तूफान में मोमबत्ती'' वाह कमाल है समीर जी ! उस तूफान में भी आप ने शमा का साथ परवाने की तरह निभाया ........बधाई . उस शहर में आप जैसे लोग हैं
यह तूफान को पता ही नही शायद वरना वह आती ही नही . खैर मेरे ब्लॉग पर भी घूम लीजये .......तूफान की तरह नही .
आज सच कहूँ तो मैं टिप्पणी करने में खुद को असमर्थ पा रहा हूँ.....!!
the candle light photo is ultimate.. really liked it specially the in the last part the description of the word Tornado
SAMEER BHAI
BHAI YE CALNLE LIGHT VAALA PHOTO TO KAMAAL KA HAI ...... AAPKA LIKHNE KA ANDAAZ SACH MEIN KAMAAL HAI ...
candle light foto?? I am surprised you didn't think about candle light dinner with Bhabhiji.. that would have been mor appropriate and romantic..
तेज चलती हवाओं में पत्नी हमारा हाथ थामें थी निश्चिंतता के लिए. ऐसा नहीं कि हमारी चिंता में बल्कि इसलिए कि वे इस बात को सुनिश्चित थीं कि इनको तो उड़ा पायेगा नहीं वजन के चलते तो वो भी उड़ने से बच जायेंगी.
भाभी जी ने आपका USE ढूंढ ही लिया .
अब आप बेकार नहीं रहे !!
बहुत बढ़िया पोस्ट और बुद्धिजीवो की टिप्पणी पढ़कर मन प्रसन्न हुआ
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SHER-LION
shyam baba ki aarti
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