आपने सूचित किया कि अब आप 'स-सुर' बन गए। अब तक क्या थे?
विचारणीय बात है कि इतना बड़ा वाकिया हो गया और कोई स्पष्टीकरण नहीं. विगत २५ दिसम्बर को मेरे ज्येष्ट पुत्र चि. अनुपम का विवाह सौ. प्रगति के साथ जबलपुर में परिजनों एवं देश विदेश से आये ईष्टमित्रों की उपस्थिति में सानन्द सम्पन्न हुआ.
हम स-सुर हो लिए. वैसे इसके पूर्व भी काफी सुर में तो थे ही याने कि बेसुरे तो कभी न थे ( चाहो तो अरविन्द जी से पूछ लो जिनके कान मेरे गाये गीत सुनने को बेताब रहते हैं :) और फुरसतिया जी की बात पर तो बिल्कुल कान मत दिजिये कि वो हम से ज्यादा सुर में हैं, ये उनका गुमान भर है अन्य बातों के समान :)) और असुर भी कभी नहीं रहे. इस जगत में अब तक तो कोई ऐसी हरकत तो पकड़ में आई नहीं है (मय साक्ष्य) जिससे की असुर घोषित किया जा सके तो स-सुर ही कहलाये. अत: यह कह पाना बड़ा मुश्किल है कि अब तक क्या थे मगर अब ससुर का ऑफिशियल दर्जा प्राप्त हो गया है, अतः घोषित किया गया.
इस शुभ अवसर पर ब्लॉगजगत से अनूप शुक्ला जी ’फुरसतिया’ और रचना बजाज जी (सपरिवार दीपक जी और बिटिया निशि के साथ) ने कानपुर एवं नासिक से पधार कर अनुग्रहित किया. अरुण अरोरा, मैथली जी , पंकज बैगाणी , संजय बैंगाणी , पल्लवी त्रिवेदी , अजित वडनेकर , गुरु पंकज सुबीर जी भी लगभग आ ही से गये थे मगर अंतिम समय में प्रोग्राम अलग अलग विविध कारणों से केन्सिल हो गया. उनके इन्तजार में और उनके आने के समाचार ने ही काफी उत्साह और उर्जा दी पूरे कार्यक्रम में. दीगर बात है कि वो आ न पाये. वैसे तो मित्रों से प्राप्त न आ पाने के कारण इतने सॉलिड और अकाट्य थे कि कई बार लगा कि मैं ही किसी तरह उन तक चला जाऊँ बेचारे कितनी मुसीबत में हैं. :) न आ पाने के ५१ सॉलिड कारणों पर फुरसतिया जी से विस्तार में चर्चा हुई और इन कारणों का एक संग्रह बनाकर जनहित में प्रकाशित करने का निर्णय लिया जा चुका है. शीघ्र ही फुरसतिया जी के संग मेरा यह संयुक्त प्रयास आपके सामने लाया जायेगा.
From फुरसतिया, दीपक बजाज, समीर लाल ’उड़न तश्तरी |
अनेकों अनेक ब्लॉग मित्रों के ईमेल संदेशे, टिप्पणी, फोन, एस एम एस भी शुभकामनाओं के साथ प्राप्त हुए. मित्र ताऊ हरियाणवी ने मेरी ब्लॉगजगत में अनुपस्थिति को स्पष्ट करते हुए पोस्ट लिखी( शायद मैं स्वयं ही स्वयं की अनुपस्थिति के बारे में लिख गया-बशक मित्र विवेक सिंह ) और उस पर भी ढ़ेरों शुभकामनाऐं प्राप्त हुई.
जबलपुर ब्लॉग परिवार से भाई महेन्द्र मिश्रा प्रारंभ से ही मेरी भागादौड़ी में भागीदार बने. निमंत्रण पत्र बाँटने से लेकर हर कार्य में सतत योगदान के लिए लगातार उनकी भागीदारी ने मुझे अभिभूत किया. उनके इस योगदान के लिए बारंबार नमन.
फिर जबलपुर ब्लॉग परिवार से ही मेरे भाई बवाल , मेरे जबलपुर पहुँचने के साथ साथ आज दिन तक हर वक्त साथ बनाये हुए हैं. विवाह समारोह की पूर्व संध्या पर उन्होंने मेरे सभी आमंत्रितों के लिए आयोजित कार्यक्रम में कव्वाली का ऐसा समा बाँधा कि हर व्यक्ति झूम उठा. उसी कार्यक्रम के दौरान रचना बजाज जी ने भी अपनी रचनाओं से सब को मंत्रमुग्ध कर लिया. हालात ये हो गये कि इन दो को सुनते लोगों को हम अपनी सुनाई ही नहीं पाये और कार्यक्रम खतम हो गया. रिश्तेदारों से खचाखच भरे घर में चार दिन से बाथरुम में बंद हो होकर रियाज किये थे, सब धरा रह गया. खैर बदला फिर कभी लिया जायेगा, अभी नोट करके रख लिया है.
जबलपुर ब्लॉग परिवार से भाई डॉ विजय तिवारी ’किसलय’ , विवेक रंजन श्रीवास्तव जी , पंकज स्वामी ’गुलुश’ जी भी पधारे. भाई गिरीश बिल्लोरे , भाई राजेश कुमार दुबे ’डुबे जी’ और आशीष पाठक जी किंचित कारणों से पहुँच नहीं पाये.
अंत करने से पहले यह कहना चाहूँगा कि एक फौजी ही इस देश का हित समझता है और जब देश का समझेगा, तभी न देशवासियों को समझेगा सो हमारा समझ गया, कितनी सुन्दर बात कही है प्रियश्रेष्ट गौतम राजरिशी ने:
"पुत्रवधु तो कितनी खुशनसीब हैं कि ससुर के साथ एक कवि मुफ़्त मिला है"
वाह!!! और पुत्रवधु की तरफ से आपको आह्ह!!! :)
आज आप सभी की शुभकामनाओं और बधाई संदेशों के लिए आभार प्रकट करता हूँ. ऐसा ही स्नेह हमेशा मिलता रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है.
इस पावन मौके पर मेरे प्रिय गीत सम्राट श्री राकेश खण्डेलवाल जी ने नीचे पेश मंगल-गीत रच कर भेजा, जिसे परिजनों और मित्रों ने बहुत सराहा:
पुष्प सुगन्धित मलय समीरं महकाये घर द्वारा
प्रगति और अनुपम हो मंगल, पावन प्रणय तुम्हारा
लगा गूँजने पुण्य साधना के मंत्रों का मृदु स्वर
सुषमा करे कन्हैया की पथ को प्रशस्त मह मह कर
शिखा दीप की ललक ललक कर, फिर फिर शगुन बताये
महिमा आज तुम्हारी राहों को आकर महकाये
शहनाई का उठा गूँजकर स्वर ये आज पुकारा
प्रगति पंथ पर रहे अग्रसर, अनुपम प्रणय तुम्हारा
मधुपूरित सपने सुशील मन, अनुभव नया बातायें
नभ पर आ राजेन्द्र मुदित मन सुरभित सुमन लुटायें
लिये सुनीति, विभा बिखराते हैं राकेश गगन पर
महामहिम के स्वप्न हो रहे शिल्पित आज निरन्तर
वीणा के सितार के संग में गाता है इकतारा
पावन मंगलमय हो अनुपम, परिणय प्रगति तुम्हारा
जो समवेत उठे स्वर वह हो गीता जैसा पावन
मुट्ठी में सिमटे आकर के मल्हारें ले सावन
सहराही जीवन के सारे सपने शिल्पित कर दे
और ईश तुमको बिन मांगे, वांछित हर इक वर दे
दिशा दिशा से दिक्पालों ने आज यही उच्चारा
प्रगति और अनुपम मंगल हो पावन प्रणय तुम्हारा
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92 टिप्पणियां:
एक बार फ़िर से बधाई। ससुर, समधी बनने के लिये। बाकी असली बात छिपायी गयी है। रनिंग कमेंट्री करनी पड़ेगी! :)
बधाई आपको
ससुर बनने की
मिल जायेगी आजादी
अब
बन ठन
के चलने की
:)
नव युगल को शुभकामनायें और आपको पदोन्नयन की बधाई.
खत्म हो गई सम्बोधन के बिना रही जो अवधि
भाईजी अब भाई नहीं है, अब हो बैठे समधी
हाय विधाता उड़नतश्तरी भी अब ससुरी हो ली
पहले ही क्या बिना सुरों के उड़ती बोलो कम थी ?
ये तो बातें थीं मजाक की , अब बधाई स्वीकारें
बर्फ़ लदी टोरंटो की गलियां सब पंथ निहारें
बुला रहा है थर्मामीटर जा ज़ीरो से नीचे
मौसम की गति अब तब सुधरे, जब आ आप पधारें
एक बार पुनः बधाई. हमें यह समझ में नहीं आ रहा की जो स्वयं सिद्ध हो उसके लिए पाकिस्तान जैसा प्रमाण क्यो माँगा जाना चाहिए. जी हमने अभी कुछ कहा नहीं है. बस मान में एक आशंका भर है. सस्नेह. आभार.
एक बार फिर स-सुर बनने की बधाई, आशा है अब तक हमारा भी ईमेल संदेश newly wed की तर्ज पर ही newly made स-सुर तक पहुँच गया होगा। हम वहाँ तो नही आ पाये उसकी कसर टोरंटो आकर पूरी कर देंगे।
अरे वाह! आपने तो हमें पाणिग्रहण संस्कार समारोह में शामिल होने का भव्य-सुख प्रदान कर दिया। धन्यवाद।
अ.सौ.बहू को 'ससुरे को देख लेने' के अतिरिक्त एक काम और करना पडेगा-'ससुरे को सुनने का।'
आपको एक बार फिर बधाइयां।
pahale a-sur the, ab sa-sur, matalab sur wale ban gaye. badhai, ab bahut good,better,best sur niklengen.narayan narayan
स-सुर हो गए तब तक नही मानूंगा जब तक शीरी जुबान की चाशनी से सराबोर न हो लूँ _यानी बनारस में इन्तजार है -कोई गिला नहीं वहां नही गा पाए यहाँ पूरा मौका दिया जायेगा ! वर बधू की जोड़ी बहुत प्यारी हैं ,आशीष ! पूरा वृत्तांत पढ़ कर और भी अफ़सोस की आ नही सके .आपके स- सुर होने की बधाई बनारस आने पर !
हिन्दी काव्य, वाह साहब, बहुत बढ़िया!
---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम
ससुर और समधी की पदवी इस बात का प्रमाण है की आप बुजुर्गो की श्रेणी मे प्रवेश कर गए है . इस नए रोल का लुफ्त उठायें अब तो कोई बात नही २० ,३० साल पहले यह होता तो आपको खास खंकार की प्रेक्टिस करनी पड़ती .
आप को रेकॉर्डेड सुर सहित होने का तमगा मिलने की बधाई।
बवाल भाई से कुछ ही दिनों पहले पहचान हुई है। वे कमाल के व्यक्ति हैं। अपनी कला में भी और समझ में भी, लेकिन भावुक बहुत हैं।
पुत्र वधु का आगमन फिर से मुबारक हो।
बस आप के सुर अनन्त काल तक बने रहें, यही कामना है।
ससुर बनने पर बधाई
आंखों देखा हाल पढकर हमने भी लुत्फ़ ले लिया समारोह का....।
आयुष्मान बेटे अनुपम व
सौ. बहुरानी प्रगति,
" हो मंगल, पावन प्रणय तुम्हारा "
हम भी कविवर राकेश जी के सँग
यही दुहराते हुए आशिष देते हैँ :)
आप सौ. साधना भाभी जी जँच रहे हैँ :)
और समधी भी ..
मेहमानोँ के सँग सूप पीते हुए,
सभी प्रसन्न दीख रहे हैँ वाह !
समस्त परिवार को
बधाई व अनेकोँ मँगल कामनाएँ
स स्नेह,
- लावण्या
sir, aapko bahut badhai, ki aap sasur ji ban gaye... ye bhi zindagi ka ek naya ehsaas hai .. aur is baat ki aur ingit karta hua ehsaas hai ki ,aap ab pakka bujurg ban gaye hai .. ha ha .
once again , aapke putr aur vadhu ko meri or se bhi badhai ..
may god bless your family.
vijay
Pls visit my blog for new poems:
http://poemsofvijay.blogspot.com/
तस्वीरें देख कर मन प्रसन्न हो गया सरकार...
तीनों जोड़ियां खूब-खूब फब रही हैं..
वैसे फुरसतिया और उड़न-तश्तरी की जोड़ भी जम रही है...
अगली पोस्ट समारोह आधारित तस्वीरों पर हो तो मजा आ जाये...कम-से-कम शामिल न हो पाने का गम तो जायेगा
समीर जी स-सुर बननें पे आपको धेरी बधाई साहब कुबूल फरमाएं ...
अर्श
बहुत बहुत बधाई जी ससुर बनने की ..
वाह आँखों देखा हाल और बहु बेटे के मनमोहक चित्र ने तो मंत्रमुग्ध ही कर दिया..... एक बार फ़िर से बधाई और नवविवाहित जोड़े को ढेरों आशीष और शुभकामनाएं."
Regards
यह अहसास भी अनोखा होता हैं। एक बार फिर से बधाई।
मैं यहाँ पूनः बधाई देता हूँ.
न आ नहीं पाया, इसका दूख सदैव रहेगा. हमारी घरेलू चरचाओं में आज भी यह मुद्दा बना हुआ है, जहाँ मैं अपना अफसोस परिचनो के साथ साँझा करता हूँ.
आप व फूरसतियाजी को छूट है, इस पर लिखने की. हम भी प्रतिक्षा में है.
हम तो घबरा रहे थे क़ी आप अ-सुर ना बन जाए... पर जानकार खुशी हुई क़ी आप स-सुर ही रहे.. बहुत बहुत शुभकामनाए..
स-सुर बनने पर आपकॊ बधाई। :)
क्या केने क्या केने। पुत्रवधू को ढेर सी शुभकामनाएं।
अब तक स्वछंद भंवरा
हर डाल पे चमन में
गाता रहा सुरीले
हर गीत निज लगन में
फंस गया भंवर में भंवर भोला भाला
किया कैद उसको
एक कली ने डाल माला
खतम आज उसकी आजादी हो गयी है
आप कहते हैं
शादी हो गयी है
और
अब तक स्वछंद चिडि़या
आजाद इस गगन में
उड़ चली उधर ही
जहां चाह आयी मन में
बंध गयी है उसकी
उड़ानों की सीमा
एक अदद प्राणी से
बंधकर है जीना
खतम आज उसकी भी
आजादी हो गयी है
आप कहते हैं
शादी हो गयी है
बधाई हो समीर जी
अब तक बेसुर थे
अब स सुर हो गये हो
अब ससुर के पर्यायवाची मिलेंगे
सुरदार, सुरीला, सुरवाला
हमारी बधाई वर वधू को प्रेषित करना
उनका जीवन मंगलमय हो
बधाईयों के ढेर में एक गुलदस्ता मेरा भी !
साथ ही,
अनायास आपने इस साम्य पर भी ध्यान दिलाया..
असुर.. बेसुर.. ससुर !
अभी अजित वडनेकर जी को इत्तिल्ला करता हूँ !
congratulations!!!
---meet
हमारी तरफ़ से आपको ढेर सारी बधाई | राकेश जी की रचना अदभुत है |
आप सुर (देवत्व युक्त) तो थे ही, अब स-सुर हो गये। आपको बहुत बधाई।
सुर ई-मेल नहीं देखा करते?! :)
अब क्या कहें...हम तो कव्वाली का प्रोग्राम और शादी की मौज मस्ती सब मिस कर गए! फोटो देखकर आनंद आ गया!और खंडेलवाल जी ने बहुत सुन्दर मंगल गीत भेजा....एक बार फिर आपको बधाई!
आप बन गए
स-सुर
बदले बदले से
न रहने लगें सुर।
लें बधाई सुर की
स-सुर की
सहज सुर की।
pyari bahu ko ashirvad...! aur aap ko dhanyavaad ..ham se is utasav ki jhalkiya bantane ka
आपके स सुर होने के लिए एक बार फिर मुबारकबाद।
बधाई.
संग्रह का तो इंतज़ार रहेगा.
आपकी पोस्ट से तो हमें समारोह में शामिल होने का सुख मिल गया, आपको बधाई और नवविवाहित युगल को शुभकामनाएं
चि. अनुपम एवं सौ. प्रगति को सुखद सहजीवन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं .
आपके श्रोताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है यह अत्यंत सुखद सूचना है . फुरसतिया जी की कानाफूसियों पर ध्यान न दें . आप स-सुर तो हो ही गए हैं बस रियाज जारी रखें .
आपको बधाई मिठाई के डब्बे के बाद देंगे . वैसे भी ढेरों बटोर चुके हैं .
फुरसतिया जी को वह रंगीन स्वेटर क्या बिदाई में मिला है ?
ये बढ़िया रहा.....एक तो स-सुर हो गए....ऊपर से बहुरिया भी ले आए....समधिन के संग फोटुआ भी खिंचा लिहिन ..... पर मिठाई खिलाई नहीं....कुल मिला कर फोकट बधाई ही लेते रहेंगे....अरे ब्लॉग पर एक ठो मिठाई की फोटुआ ही लगा दीजिये
आप सुर मे तो हमेशा से ही थे अब स-सुर यानि कि बहु के रुप मे आपको एक "स" और मिल गया है. यह एक और "स" आपके और लाल परिवार के जीवन मे सदा खुशियां महकाता रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है.
आपका प्रेम हम लोगो पर बना रहे यही आकांक्षा है हमारी तो.
रामराम.
स-सुर हो गए..................बधाई हो बारम्बार
बहू रानी से भी परिचय हो गया, अच्छा लगा
एक बार फ़िर से भाभी और आप को बधाई
पदोन्नति के लिए बधाई
badhaai ho aapko
स-सुर? हुम्म!! अब यह तो न कहूँगा कि आप बेसुर थे पहले लेकिन अब आप कह ही रहे हैं तो स-सुर बनने की बहुत-२ बधाई, अनुपम भाई को भी बहुत-२ बधाई एवं नव दंपत्ति को भावी जीवन के लिए शुभकामनाएँ। :)
बधाई।
समीर जी मेरी ओर से ग्यारह किलो बधाई स्वीकार करें
समीर भाई, बहुत-बहुत बधाई. आते-आते तो काफी लोग रह गए. न आने के ५१ कारणों की सूची जल्द ही प्रकाशित करें.
वर-वधू को आशीर्वाद. राकेश जी द्बारा रचित मंगल गीत बहुत बढ़िया रहा. और फोटो दिखाईये. ये डिमांड है.
बेहतरीन खबर। आपको और बहू-बेटे को ढेरों शुभकामनाएं।
badhai aap sab ko
MUBARAK HO JANAB...SASUR BANANE KA ANAND HI KUCHH AUR HAI.मेरे ''यदुकुल'' पर आपका स्वागत है....
आपको स-सुर होने की बधाईयाँ… अभी तो हम कुछ वर्षों तक असुर ही बने रहेंगे… फ़ोटो भी अच्छे हैं… यानी कुल मिलाकर आपका भारत प्रवास बेहतरीन रहा
बधाई तो आपको पहले दे चुके है। अब तो मन कर रहा है कि आपकी पुत्रवधू से पूछें कि उन्हें आदरणीय ससुर जी के साथ ब्लॉगियों की मंडली कितनी रास आईं...वैसे यदि वे भी ठेठ जबलपुरिया होंगी तो उन्हें मंडलियों की पहले ही आदत होगी। यदि नहीं तो !!!!!!!!!!
स-सुर बनने की बहुत बहुत बधाई . दर असल हमने पहले जल्दबाजी में केवल समधी बनने की बधाई देदी थी तो मसिजीवी मास्साब को हमारी तरफ कुछ शंका हो गई थी .
दूल्हा-दुल्हन का मेल तो बहुत अच्छा है पर एक बात समझ नहीं आई .सबसे बांयी ओर जो आंटी हैं वे दुल्हन से इतना दूर क्यों हैं और इन दोंनो के बीच इतना अंधेरा क्यों है :)
स-सुर तो आप पहले ही थे, अब ससुर होने पर मेरी ओर से बधाईयाँ स्वीकार करें.
ahhaha aap bhi sasur shabad ka itna sunder arth nikaal diya aur us par majak ke saath apne man ki sari baaten bhi kahe di
Ek baar phir se nav dampatti ko naye jivan ke liye hardik subhkamanye
Rakesh ji ki ye panktiya bahut achchi lagi
मधुपूरित सपने सुशील मन, अनुभव नया बातायें
नभ पर आ राजेन्द्र मुदित मन सुरभित सुमन लुटायें
लिये सुनीति, विभा बिखराते हैं राकेश गगन पर
महामहिम के स्वप्न हो रहे शिल्पित आज निरन्तर
वीणा के सितार के संग में गाता है इकतारा
पावन मंगलमय हो अनुपम, परिणय प्रगति तुम्हारा
जनाबेआली,
स सुर बन जाने की क्या बेहतरीन रिपोर्ट डाली. अहा ! जैसे अब भी शादी चल ही रही हो ऐसा लग रहा है. और मैं तो वैसे भी डेली बेसेस पे आपके साथ पाया ही जा रहा हूं. पूना वाले क्लाइंटों ने मेरे ख़िलाफ़ बाक़ायदा वारण्ट ही निकाल डाला है. घोडे़ तक जा॓कियों से पूछने लगे के गये कहां वकील साहब जो बिना खेले ही चिल्लाते थे और जोश में हारने वाले भी जीत जाते थे. बाद में पता चलता के ये तो ग़ज़लोक़व्वाली का रियाज़ या कर रहे थे महज़ ३० रुपट्टी में. फ़्लेटों में तो कर ना सकेंगे, सोसायटी वाले वैसे भी राज ठाकरे से मिले हुए होते हैं. हा हा, बहुत बधाई एक बार फिर, आपके स सुर बनने की. आधे एक घण्टे में घर पर मिल जइयो.
समीर जी स-सुर बनने पर आप को ढेर सारी बधाई और पुत्र व पुत्र वधु को आशिर्वाद । शादी का वर्णन इतना बड़िया है कि हमें लगा हम भी उस मौज मस्ती का आनंद उठा लिए। और फ़ोटू दिखाइए। वो रचना जिसका रियाज बाथरूम में बैठ कर किया गया था उसे अब पोस्ट में डालिए।
एक बार फ़िर आप को बहुत बहुत बधाई
लड्डू तो कहीं दिख नही रहे......!!!
चिट्ठा चर्चा पे तो बोर्ड लगा रहे भइया !!
एक थो वोटवा भी बेकार गवा भइया रे!!!
नव-युगल को बधाई!!!!
सा-सुर को भी बधाई!!!
पिछले दिनों में अस्तव्यस्त ज्यादा रहा सो---
नवयुगल को स्नेहाशीष तथा आपको परिवार समेत ढेरों शुभकामनाएं।
बहुत गज़ब सच में बहुत मज़ा आया एक एक लाइन में आपका विचार चिंतन बहुत अलग है
शानदार और भव्य. बहुत बहुत मुबारकबाद
समीर जी
घर में बहू (बेटी) आने पर और आपको समधी बनने पर ढेरो बधाई.
शुभकामनाओ के साथ.....
स-सुर बनने की बधाई। बेटे बहू को शुभकामनाएं http://chaighar.blogspot.com
बेहद अच्छी जोड़ी लग रही है। एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई !
वीणा के सितार के संग में गाता है इकतारा
पावन मंगलमय हो अनुपम, परिणय प्रगति तुम्हारा
लालाजी ...आपको ससुर बनने पर बधाई और नव दंपति को हार्दिक शुभकामनाये...
मेरी तरफ से भी बधाई स्वीकारें। आप ससुर बन ही चुके हैं, आपके साथ रिश्तों के और भी नए-नए और मोहक आयाम जुड़े, इसकी अग्रिम शुभकामनाऍं।
बधाई समीर आपको ससुर बनने और भाभी सास बनने के लिये। बच्चों को आशीर्वाद।
फ़िर से आप कॊ बहुत बहुत बधाई, ससुर बनने की...
यह भी एक सपना सा लगता है...
धन्यवाद
बाकी सब तो बढिया रहा लेकिन ये फ़ुरसतिया जी दगा दे गये . ये हमसे वादा किये थे कि आप नही पहुचे कोई बात नही हमने काफ़ी माल जैकेट मे दबा दबा कर भर लिया है कानपुर पहुचते ही आपको भिजवा देगे.( जो आप भिजवा रहे है उससे अलग) यकीन नही है तो फ़ोटॊ मे देखॊ जैकेट कितनी फ़ूली है
लेकिन अफ़सोस कानपुर पहुचते ही बेईमानी मन मे आ गई सारा माल खा गये जैकेट वाला तो छोडिये जो आपने भिजवाया था वो भी खा गये जी :)( कई दिन दस्त लगे रहे ये अलग बात है) अब आप आते समय लेते आये जी हम इंतजार मे है :)
चि. अनुपम और सौ. प्रगति के साथ ही साथ आपको भी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
गुरुजी,
मै राष्ट्रीय नाट्य समारोह में व्यस्त था,आज रायपुर जा रहा हूँ,मुक्तिबोध नाट्य समारोह के लिए,अतः नही आ सका। वैसे आप मुझे भी उपस्थित माने।
aap besur ho hi nahi sakte....kitni aatmiyata se hame sab se milaya aur is shubh mauke ka ek hissa banaya,mera aashirwaad bete,bahu ko.........
sir ji aapko hardik shubhkamnaye
अच्छा तो जनाब ऐसा है कि अगर आप अभी भारतवर्ष में ही हैं तो जैसे ही दिल्ली पधारें सूचित करें क्योंकि आपसे मिलने का सौभाग्य नहीं छोड़ूंगा
मेरा दूरभाष है .... 9310797184
और हां...मिठाई न भूलें
दर्शनाभिलाषी
मयंक सक्सेना
ज़ी न्यूज़, नॉयडा
वर-वधू के भावी सुखद जीवन की शुभकामनाएँ व आप को बधाई।
बहुत-बहुत बधाई.
नवयुगल को अनेकों शुभकामनाएँ.
असुर से
ससुर बनने
तक के इस
सफर में लगे
लाईन में हम
दोबारा
देने आए हैं
फिर से बबधाई।
आप इसे बधाई
का नवीनीकरण
मान सकते हैं।
जिस तरह तश्तरी
उड़ने पर बार बार
उसी स्पेस में फिर
मंडराती है, बात
वो दीगर है कि
नजर नहीं आती है।
sasur banne par badhai..
वर वधु को हमने भी अपना आशीर्वाद आपके मार्फ़त भिजवाया था लगता है की व्यस्त कार्यक्रम के चलते आप भूल गए...कोई बात नहीं स-सुर बनने के बाद अक्सर ऐसा हो जाता है...अब आप भी जैसा मैंने पहले भी कहा था हमारी बिरादरी (याने ससुरों की )में आ चुके हैं इस लिए चलिए गएँ...मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा....
मुंबई कब आ रहे हैं?
नीरज
9860211911
अ-सुर से ससुर बनने की हार्दिक बधाई। बेटे-बहू को स्नेहाशीष।
बहुत खूब Sir!
राकेश जी की कविता बहुत बढ़िया है.
आप के सभी चित्र अच्छे लगे ...चित्रों में ही सब से मिल लिए..
एक बार फिर बहुत बहुत बधाई.
वाह... क्या बात है... ससुर बनते ही स-सुर हो गये.. बहू का पैड़ा (पहला कदम) अच्छा है..
दोनों बच्चों को शुभकामनाएं... आपको बधाई...
बहुत बधाई!
आपको स-सुर होने की बधाई। नवदंपति को सुखमय जीवन की अनंत शुभकामनाएं।
स-सुर हो गये, बहुत अच्छा। अब सुरों की रागिनि छेड़िये।
हमारी भी शुभकामनायें....वैसे ससुर, बेसुर, असुर सबकी अपनी अहमियत है जी....।
ये अच्छा हुआ आपने फोटो लगा दी हम यहाँ बैठे शादी का आंनद ले पाये आपको बधाई सब बहुत अच्छे लग रहे हैं पोस्ट देर से पढ़ पाई...
बहुत बहुत बधाई आपको। माफ करना पूरी बारात चली गई आखिर मे आया हूं।
hum hote INDIA me to shayad hum bhi hote waha.
कल 02/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत बधाईयाँ सर...
आ राकेश जी का मंगल गीत बहुत अच्छा लगा...
सादर
दिशा दिशा से दिक्पालों ने आज यही उच्चारा
प्रगति और अनुपम मंगल हो पावन प्रणय तुम्हारा
सुंदर गीत ...बहुत बधाई ससुर बनने की ...!
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