आईये, आपको उनका एक गीत पढ़वायें:
गीत तेरे होंठ पर
गीत तेरे होंठ पर खुद ही मचलने लग पड़ें आ
इसलिये हर भाष्य को व्यवहार मैं देने लगा हूँ
देव पूजा की सलौनी छाँह के नग्मे सजाकर
काँपती खुशबू किसी के नर्म ख्यालों से चुराकर
मैं हूँ कॄत संकल्प छूने को नई संभावनायें
शब्द का श्रन्गार करता जा रहा हूँ गुनगुनाकर
अब नयन के अक्षरों में ढल सके भाषा हॄदय की
इसलिये स्वर को नया आकार मैं देने लगा हूँ
रूप हो जो आ नयन में खुद-ब-खुद ही झिलमिलाये
प्रीत हो, मन के समंदर ज्वार आ प्रतिपल उठाये
बात जो संप्रेषणा का कोई भी माध्यम न माँगे
और आशा रात को जो दीप बन कर जगमगाये
भावना के निर्झरों पर बाँध कोई लग न पाये
इसलिये हर भाव को इज़हार मैं देने लगा हूँ
मंदिरों की आरती को कंठ में अपने बसाकर
ज्योति के दीपक सरीखा मैं हॄदय अपना जला कर
मन्नतों की चादरों में आस्था अपनी लपेटे
घूमता हूँ ज़िन्दगी के बाग में कलियाँ खिलाकर
मंज़िलों की राह में भटके नहीं कोई मुसाफ़िर
इसलियी हर राह को विस्तार मैं देने लगा हूँ
-राकेश खंडेलवाल
राकेश जी की रचनाओं का आनन्द आप निम्न ब्लॉगों पर उठा सकते हैं:
गीत कलश
गीतकार की कलम
40 टिप्पणियां:
यूं तो मैं कहीं टिप्पणी नहीं रखती किन्तु आपके जन्म दिन पर जरुर बधाई दूँगी, आपके गीत मुझे बहुत प्रिय हैं। सुबह उठते ही समीर जी की फीड ने यह सूचना दी, मैं आभार उनका करती हूं।
आप जिये हजारों साल,
साल में दिन हो पचास हजार।
आपको हमेशा पढ़ते रहें, यही अभिलाषा है।
आपके ब्लाग को नियमित नही पढ़ पाता हूँ, जब भी पढ़ता हूँ सुखद अनुभव होता है, आज कल समय अभाव भी है और परीक्षा भी । जल्द ही आवाश्यक कार्यो को सम्पदित करके, लिखना भी और पढ़ना भी होगा।
उपरोक्त बात मै बेजी जी के लिये भी कहूँगा, मैने उन्हे पढ़ा है काफी अच्छा लिखती है। कुछ ब्लाग ऐसे है जिन पर जाकर दोबारा जाने की इच्छा करती है।
माफ कीजिएगा रांग नम्बर लग गया, मेरी पिछली टिप्पणी इस पोस्ट के लिये थी जो भूल वश यहॉं चली आई है :) कृपया समय हो तो मेरे नाम से इस पोस्ट पर इसे पोस्ट कर दीजियेगा। अब दोबारा लिखने की इच्छा नही है। :)
कवि सम्राट को लाखों बधाइयॉं
http://shabdavali.blogspot.com/2008/05/37.html
बधाई राकेश जी को। आपको शुक्रिया याद दिलाने के लिये।
राकेश जी को बहुत बहुत बधाई, और आपको भी धन्यवाद इस बढ़िया कविता के लिए.
राकेश जी को जन्म दिन के हार्दिक शुभकामनाएं. समीर जी को भी बधाई इस नेक काम के लिए
:-)
राकेश जी को जन्म दिल पर हार्दिक बधाई, और आप को याद दिलाने के लिए।
समीर जी बहुत बहुत शुक्रिया राकेश जी के जन्मदिन के बारे में बताने के लिए
राकेश जी आपको बहुत बहुत बधाई जन्मदिन की आप यूं ही सुदर गीत रचते रहें यही शुभ कामना है मेरी :)
राकेश खण्डेलवाल जी को बधाई।
बधाई गीत सम्राट को काव्य का ककहरा न जानने वाले की ओर से।
कवि सम्राट को जन्मदिन की बधाई।
बिना किसी शिकायत के राकेश जी अनवरत लिखते है। मै उन्हे पढता तो हूँ पर टिप्पणी नही कर पाता हूँ। अब नियमित रुप से टिपियाने की कोशिश करुंगा। जन्मदिवस की बधाई।
बधाई हो जी बधाई...कविवर की दीर्घायू की कामना करते हैं. कवितामय केक भिजवायी जाय...
बधाई व शुभकामनाएं खंडेलवाल जी को!
बहुत बधाई !
राकेश जी को जन्मदिन की बधाई! यूँ ही राह को विस्तार देंते रहे...........बधाई।
राकेश जी को जन्मदिन पर हमारी शुभकामनायें.
आपने सूचित किया, आभार.
राकेश जी को बधाई।
राकेश जी को जन्मदिन की मुबारक. कामना है कि और मधुर गीतों को हम तक पहुँचाते रहें.
राकेशजी को बहुत बहुत बधाईयाँ।
Rakesh Ji ko hardik badhayian unke janma divas ki. aur apka shukria sunadr geet ke lie.
राकेश जी को बहुत बहुत बधाई !
घुघूती बासूती
Many Happy returns of the Day & Many Many more dear Poet laurete Rakesh ji !
with warm wishes,
Lavanya
&
Thank you Sameer bhai - this post from you is so sweet :)
मेरी ओर से भी खंडेलवाल जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई!!!
हार्दिक बधाई राकेश जी, और ढेरों शुभकामनाएं. और आप का शुक्रिया समीर जी.
समीर जी, ऐसे सुंदर गीत किसी भी दिन अच्छी प्रशंसा बटोर सकते हैं। जन्मदिन से जोड़कर तो आपने इसे सोने पे सुहागा बना दिया। कविवर को मेरी ओर से भी बधाई।
राकेश खण्डेलवाल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
राकेश जी को जन्म दिल पर हार्दिक बधाई
बधाईयाँ।
राकेश जी,
आपको सपरिवार बधाईयाँ !!!
रीतेश गुप्ता
आपका स्नेह जो यह मिला है मुझे
दीप बन राह में जगमागाने लगा
आपकी कामना की मधुर गंध से
ज़िन्दगी का चमन खिलखिलाने लगा
अग्रजों के, सजा शीश, आशीष से
लेके अनुराग अनुजों का झोली भरा
आपकी प्रीत, यूँ ही लिखाती रहे
गीत, मन आज फिर गुनगुनाने लगा
सादर नमन सहित,
राकेश
माफ करना थोड़ी देर हुई
राकेश जी को जन्म दिन पर हार्दिक बधाई...
आपको भी बधाई खंडेलवाल जी को याद करने के लिए और इतना अच्छा गीत पढवाने के लिए।
राकेश जी को बधाई
आपका आभार !
बधाई,
सुंदर गीत की , सुंदर प्रस्तुति
बहुत बढ़िया गीत श्री राकेश खंडेलवाल जी को मेरी और से जन्मदिन की ढेरों बधाई शुभकामनाये
aap sarvtra vyapt hai BLOG JAGAT me....
sundar geet hai aor bahut bahut badhai unhe bhi..
राकेश जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामनाएं. समीर जी आपका भी बहुत बहुत धन्याबाद कविता से मुखातिब कराने के लिए
देव पूजा की सलौनी छाँह के नग्मे सजाकर
काँपती खुशबू किसी के नर्म ख्यालों से चुराकर
मैं हूँ कॄत संकल्प छूने को नई संभावनायें
शब्द का श्रन्गार करता जा रहा हूँ गुनगुनाकर
गीत की दुर्दशा करने वालों के विरुद्ध "कॄत संकल्प छूने को नई संभावनायें" बात दिल को छू गई
शब्द का श्रन्गार करता जा रहा हूँ गुनगुनाकर गीत निर्माण की इस प्रक्रिया से गुज़रते हम गीतकार
न थके हैं
न रुके हैं
हम तो निर्झर थे रहेंगें
न रुके थे न रुकेगें
शुभकामनाओं के साथ
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