सलाहकारों की भूमि-भारत भूमि. मैं गौरवान्वित महसूस करता हूँ कि मैने ऐसी भूमि पर जन्म लिया. यही पुण्य आदत मेरी भी है. आप मांगे न मांगे, मैं तो हाजिर हो जाता हूँ मुफ्त में सलाह लेकर.
याद आता है जब भारत में रहता था. कार पंचर हो जाये और हमारे सलाहकार मित्र हाजिर. तुमको फलानां टायर लगाना चाहिये और बात बढ़ते बढ़्ते सरकार तक पहुँच जाये कि सड़के बेहतरीन होना चाहिये जैसी अमरीका में होती हैं. अव्वल तो वो कभी अमरीका गये नहीं, उस पर से अगर आप पूछो कि कैसे बनेंगी तो बस इतना ही-हमें क्या करना इससे कि कैसे बनेंगी. सरकार का काम है वो जाने. आप खांसिये तो, छींकये तो, सलाह हाजिर.
आज हमारे मित्रों और शुभचिंतकों की तो कमी नहीं, तब जाहिर सी बात है कि सलाहें भी उसी अनुपात में आती होंगी. मुझे बहुत अच्छा लगता है कि कितना चाहते हैं सब मुझे. कितना ख्याल रखते हैं? कभी तो रात में घबरा कर उठ बैठता हूँ कि अगर मैं भारत का न होता तब तो सलाह के आभाव में क्या से क्या हो गया होता. फिर वंदे मातरम गाता हूँ तब जाकर नींद आ पाती है.
अभी पिछले दिनों नारद की फीड पर हमारी तस्वीर नहीं आती थी. जीतू भाई से बात हुई और उनके कहने पर हमने अपनी तस्वीर भेज दी. उन्होंने तस्वीर लौटती ईमेल से वापस कर दी और साथ मे सलाह कि भाई, आपकी तस्वीर 800 X 600 पिक्सल वाली है. यह नारद पर नहीं चलेगी. 50 x 50 पिक्सल की भेजिये. अब बताईये, हमारी फोटो तो 800 X 600 पिक्सल में भी अगर कोई शातिर फोटोग्राफर सही निशाना साध कर न खींचे तो कहो एकाध बाजू कट ही जाये. 50 x 50 पिक्सल में तो हमारे अंगूठे की फोटो ले लो.
खैर, मित्र की सलाह तो हम टालते नहीं. किसी तरह काट पीट कर सिर्फ चेहरे को छोटा छोटा करते करते 50 x 50 पिक्सल किया, तो करेला उस पर से नीम चढ़ा वाली कहावत एकदम से चरितार्थ होती नजर आई. एक तो भगवान की रचना वैसे ही माशा अल्ला और उस पर यह 50 x 50 पिक्सल की कलाकारी. हमने तो हाथ जोड़ दिये कि जीतू भईया, तस्वीर की जगह ऐसे ही ब्लैक स्पॉट मार दो, मगर हमसे फोटो भेजने को न कहो. तब जाकर वो थोड़ा पसीजे और 100 x 100 पिक्सल पर मान गये. फिर भी जो नतीजा आया वो तो आप हमारी हर फीड पर देख ही रहे हैं.
इसी सदमे से उबरने के लिये हम बैठे ’मासूम’ फिल्म का गाना गा रहे थे:
तुझसे नाराज नहीं...जिन्दगी हैरान हूँ मैं....
पूरी राग में आँखों में पानी लिये कि तब तक टिप्पणी के माध्यम से खबर मिली. अपनी ब्लॉग पर तस्वीर बदलिये भाई..यह कौन सी लगा रखी है बेकार सी.
अब उनको क्या बतलाऊँ कि १००/१२५ तस्वीरों में से ढ़ूँढ़ कर सबमे बेस्ट वाली लगाई थी. वो तो यहाँ भी साईज का लफड़ा फंस गया वरना बड़ी खूबसूरत तस्वीर है क्यूट सी. साईज क्या छोटी की कि मानो खूबसूरती ही पिट गई, जैसे ग्रहण लग गया हो. इसी से मेरा तो दुबले होने से मन ही हट गया है. कैसा तो लगता हूँ दुबला छोटा..हम तो यूँ ही ठीक है बकौल गालिब क्यूट से.
यह देखिये पूरी साईज-क्या खूबसूरत और हसीन, कोई भी वाह कर उठे!!!
और यह देखिये, फोटो शॉप में दुबला/छोटा करने पर हुई हालत- ह्म्म्म!!!
मगर अच्छा लगा. मित्र ने ध्यान दिया. यही तो स्नेह है. वरना किसी को क्या लेना देना? आप अपनी बंदर जैसी फोटो लगा लें. चाहने वाले मित्र न होंगे तो लगी ही रह जायेगी, एक सलाह न मिलेगी. लोगों ने लगा ही रखी है. मित्रों के आभाव में टंगी है. हमने सलाह मानते हुए तुरन्त फेर बदल किया. नई तस्वीर खोजी. काटा पीटा और लगा दिया.
यह देखिये, करेंट वाली:
फिर जो एकदम खास मित्र और रहनुमा ने सलाह दी कि इसे जरा ब्राईट कर लिजिये. हमने फोटोशॉप खोली और शुरु हो गये. पता चला कि ऑलरेडी ९९% ब्राईट है. १% की गुंजाईश है फिर फोटो दिखना बंद हो जा रही है. मगर फिर भी उनकी सलाह टाली नहीं जा सकती, इसलिये इस १% की गुंजाईश में भी जो भी बन पायेगा, रविवार तक कर ही दूँगा.
लेकिन यह हमारे दूसरे मित्र की सलाह क्या करुँ? उनका कहना है कलर्ड फोटो लगाईये न..क्या ब्लैक एंड व्हाईट लगाते हैं हर बार.
अब कैसे समझाऊँ तुम्हे हे मेरे सखा!!! यह कलर्ड ही है. बस कुर्ता सफेद पहने हैं बस. बाकि हमारा रंग तो हम कई बार अपने नख शिख वर्णन में आपको बता ही चुके हैं. अब और कैसा कलर.
होली के दिन खिंचवा कर टांग दूँ क्या?
ये होली टाईप की चलेगी क्या कलर्ड में??
हमारा तो दिमाग ही काम करना बंद कर दिया है. कोई सलाह हो तो बताईयेगा जरुर!!
हम तो बस गाना गायेंगे:
तुझसे नाराज नहीं...जिन्दगी हैरान हूँ मैं....
तेरे मासूम सवालों से... परेशान हूँ मैं...
परेशान हूँ मैं...
नोट: कृप्या कोई भी सलाहकार मित्र बुरा न माने. यह पोस्ट किसका उपहास करने हेतु नहीं वरन बस मौज मजे के लिये है. बस आप सलाह देना बंद मत करियेगा. हम तो मस्ती लेते ही रहते हैं, आप तो जानते हैं.
रविवार, सितंबर 02, 2007
तुझसे नाराज नहीं...जिन्दगी हैरान हूँ मैं
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43 टिप्पणियां:
आखिरी वाली कल्रर्ड काफ़ी नेचुरल है।:)
अरे वाह, बहुत सुन्दर फोटो है. नजर न लग जाये. ब्राइटनेस बढ़ायें या न बढ़ायें, नजर से बचने को गाल या माथे पर एक काला तिल जरूर लगा दें! :)
भई आखिरी वाली तस्वीर कुछ जानी पहचानी लग रही है ।
कहीं अपने समीर भाई की तो नहीं ।
बाकी दोनों तस्वीरों में कौन है अपन नहीं जानते
मेरी सलाह मानें..
हा ह हा हा , सबसे मजेदार पोस्ट । हँसते-२ पेट मे बल पड गये । वैसे थॊडी डाईटिंग कर लें तो फ़ोटो फ़िट हो जायेगी :)
मेरी सलाह यह है कि
किसी की सलाह ना मानें
मेरी छोड़कर।
हा हा हा हा हा हा हा :D :D :D :D
खुद पर हंसना कोइ आप से सीखे।
पोस्ट अच्छी है पर अब अगर कोई गाने लगे " तसवीर तेरी दिल मे " तो फिर धोबी का ----- घर का ना घाट का हो जाएगा । और आज कल तो नेट पर तस्वीरो का सुंदर उपयोग होता है !!!!!!!!! मेरी सलाह माने { अब आदत है } इन सबको हटा दे
हा , हा . हा मज़ेदार !
:)
आज ही मेरे एक योगाचार्य किस्म के मित्र ने मुझे सलाह दी - यौगिक एक्सरसाइज करो तो ये तकलीफ नहीं होगी. मैं बस मुस्कराया - अभी चंद दिन पहले ही मेरे वे अभिन्न मित्र अपने घुटने के दर्द के इलाज के लिए डॉक्टरों की शरण में थे.
पर, अब मेरी भी सलाह मानें - दूसरों की सलाह पर कान न दिया करें, ये अच्छी बात नहीं है!
समीर जी, तस्वीर में क्या रखा है...भले ही श्यामल हो...लेकिन जो उजाले और हँसी के फूल बिखेर रहे हैं आप...हमारी नजर तो उस पर है...वैसे तस्वीर भी इतनी बुरी नही है सिर्फ आप से निवेदन है की रात को मत खिचाएं फोटॊ...वो भी बिना फ्लैश लाईट के...:(
समीरजी,
जब से २५ वीं वर्षगाँठ मनायी है घर वाले भी तस्वीर की माँग कर रहे हैं, कहते हैं कि कुछ लोगों को भिजवानी है :-)
हम जैसे तैसे टाल रहे हैं, वहाँ तो ये भी नहीं कह सकते कि ५० गुणा ५० पिक्सेल के चलते अच्छी नहीं आयी ।
समझ नहीं आता क्या करें :-)
आपकी फोटो देखने के बाद यह सवाल तो मैं उठाना चाहता था कि इससे तो बढिया खाली जगह ही थी. लेकिन आपने ही सवाल उठा दिया अच्छा किया.
50X50 के चक्कर में कई और लोग फंसने से बचेंगे.
माफ कीजियेगा समीरजी आपका फोटो हमे बिल्कुल दिखाई नही दे रहा है. इसमे आपकी कोई गलती नही है मेसेज यह आ रह है
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आप परेसान मत होइये. एक बात बताइये अगर आप जानवरो के डाक्टर के पास जायेगे तो वो जानवरो का सा इलाज करेगा, गलत नाई के पास जायेन्गे तो गलत बाल कटेन्गे तो इसमे उनका क्या दोस.
अब कुआ तो प्यासे के पास आता नही पर हा आपने इतना अच्छा गाना गया की भगवान आपसे प्रसन्न हो गये और उन्होने मुझे सपने मे कहा वत्स हमारे हनुमान (जो कल युग मे उडनतश्तरी के नाम से जाने जाते है ) की मनोकामना पुरी करो. सो हम आ गये पर क्या करे घोर कल्युग है आप दिखाई ही नही दे रहे. flickr पे भी गये थे वहा भी उपरवाला मेसेज ही आ रहा है तो अब या तो आप अपना हुलिया मेल कर दीजिये या घर जाकर दर्शन करेन्गे आपके
http://yatishjain.blogspot.com/
इस विषय पर पोस्ट क्यूँ लिखी? जरूरी नहीं थी.
फिर चार-चार बार अपना चहरा चस्पाने की क्या जरूरत थी, बाकी घरवालो के लिए भी कोई गुंजाइश रखते.
आगे सलाह क्या दें, मानेगें तो एक नहीं...इसलिए सलाह देता हूँ की..
अच्छा हुआ सिर्फ तस्वीर ही बदली है,वर्ना सलाहकारों की बात सुनें तो तकदीर भी बदलने को कह दें
मस्त लिखा है!!
वैसे आप ऐसे क्यों नही करते कि……
आप वैसा क्यों नही करते कि……
खैर अब क्या सलाह दें आपको, जाने भी दीजिए, आप सुनते तो हैं नही किसी की ना॥
वाह.. भाई बहुत ही बठिया फोटो है आपकी किसी कि नजर ना लग जाये...
मान गये समीर जी .....आप वाकई उस्ताद निकले़
वाह जी ,
कनैयाजी रूपरंग ऐसा होगा तभी तो गोपीयाँ.. हे हे हे
वैसे मुफ्त की सलाह ले लिजिए और फेयर एंड हेंडसम क्रीम को चेहरे पर लेपना शुरू किजीए. हे हे हे
नाराज नहीं... हैरान हूँ मैं....
समीर जी, तस्वीर में क्या रखा है...भले ही श्यामल हो...
लेकिन जो उजाले और हँसी के फूल बिखेर रहे हैं आप...
दीपक भारतदीप
"अब बताईये, हमारी फोटो तो 800 X 600 पिक्सल में भी अगर कोई शातिर फोटोग्राफर सही निशाना साध कर न खींचे तो कहो एकाध बाजू कट ही जाये. 50 x 50 पिक्सल में तो हमारे अंगूठे की फोटो ले लो."
आपके हास्य की दाद देते हैं! अंगूठे का चित्र ? वाह मजा आ गया -- शास्त्री जे सी फिलिप
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार !!
दिल को देखो चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।
दिल सच्चा और चेहरा झूठा, दिल सच्चा और चेहरा झूठा।।
सबसे मुश्किल काम है खुद पर हंसना और आपने यह मुश्किल काम बडी आसानी से कर लिया । बहुत खूब ।
आपकी पोस्ट और इस पर की गई टिप्पणियां पढते-पढते एक शेर याद आ गया -
नासहा मुझको न समझा, जी मेरा घबराय है
मैं उसे समझूं हूं दुश्मन, जो मुझे समझाय है
थोडे लिखे को बहुत समझिएगा ।
भैया, आपके फोटॉ के फेर में यहां हंसते-हंसते अपने बुरे हाल हैं... :)
हैरान हूँ देखकर मैं भी…
तस्वीर अब तो दार्शनिक के जैसा दिख रहा है…।
:)))
चलिए आप और हम श्यामल ब्लॉगर कलब बनाएं,
सिर्फ एक सलाह है।
आपकी भोली भाली पोस्ट में मन रम गया। बाकी बैरागी भैया की बात तो सौ फीसद सच है....
बाबा रे कितना हंसाते हैं आप:):) ..और वो भी ख़ुद पर ग्रेट.... मज़ा आ गया पढ़ के :):)
हमारी टिप्पणी क्यू नही छापी जी.इत्ती मेहनत से लिखि थी..छाप दॊ वरना पोस्ट बनानी पडेगी हमे..:)
अरे वाह,पोस्ट अच्छी है,मज़ेदार !
मस्त लिखा है समीर भाई!!
क्रष्ण जी के आशीर्वाद से आपकी मनोकामना पूरी हुयी. पधारे मारे देश
http://qatraqatra.blogspot.com/2007/09/blog-post_05.html
समीर जी ये तो आपने कमाल का लिखा है क्या विषय चुना है... सभी फोटो शानदार हैं मेरी मानिये.. सभी फोटो का एक-एक हिस्सा ले लीजिये और तब फोटो बनाइये फिर देखना क्या शानदार फोटो बनेगी सब देखते रह जायेंगे और जीतू जी तो वाह-वाह ही कह उठेगें :) :)
वैसे तो फीड पर जो लगी हुई है, बड़े रौब दाब की तस्वीर है। बॉलीवुड की किसी फिल्म में अन्डरवर्ल्ड के डॉन लग रहे हो। अभी तो यही फोटो चलने दो, जैसे जैसे फिल्म की कहानी बढ़ते हुए पुलिस इंस्पैक्टर ईमान खान तक पहुंचे तो यह सतरंगी
फोटो लगा देना जिससे पहचान ना हो सके। इससे आगे के लिए भी चिंता ना करें क्योंकि हिंदी ब्लागीवुड में हितैषी सलाहकार निशुल्क निस्वार्थ भाव से आपकी सदैव सेवा-रत रहेंगे कि आपको सोचने, निर्णय करने का भी समय नहीं मिलेगा।
इतनी सारी सलाह आपने इकट्ठी कर ली कि कभी मुझे जरूरत पड़ी तो आपकी पोस्ट को ही पढ़ लूँगी किसी से सलाह माँगनी नही पड़ेगी। भई वाह!
अरे गुरूदेव हमारी टिप्पनी कहाँ गई...कल ही हमने की थी...आपका पहले वाला फ़ोटो ही हमे ज्यादा अच्छा लगता था...इसमे तो आप और १० साल बड़े नजर आते है...वही लगाईये हँसता मुस्कुराता फोटो...
शानू
अनूप भाइ
आप तो पारखी हैं और आपने तो मेरा हैन्डसम चेहरा देखा भी है. :)
ज्ञान दत्त जी
भगवान ही ऐसा तिल लगा कर भेजे हैं कि आसपास एक मील तक किसी को नजर न लगे, जहाँ हम खड़े हो जायें. सालिड कवरेज है. :)
युनूस भाई
चलो, कहीं तो पहचान गये. अब पहचनावाने होली होली मिला करेंगे आपसे. :)
अभय भाई
बताओ, बताओ-सर आँखों पर.
डॉक्टर सा
विनोद ही उद्देश्य था, पूरा हुआ. डायटिंग की बजाय कोई होम्योपैथिक की मीठी गोली बताओ भाई, वरना क्या फायदा आपसे संबंधों का. डायटिंग तो सभी बताते हैं.
आलोक भाई
जैसा आदेश. आप तो खैर ब्रह्माण्ड़ पर राज जमाये हैं, आपकी न माने वो तो गया ही समझो.
जगदीश भाई
:) क्लास शुरु करने वाला हूँ.
रचना जी
अरे, चाहे जैसे हो जाये रचना जी. एक बार होये तो उपयोग..इन्तजार ही है कब उपयोग होये और कब कोई गाये.." तसवीर तेरी दिल मे " फिर तो गधा भी बननाअ मंजूर है..:)
मनीष भाई
पसंद आया न!! :)
रवि भाई
:) बिल्कुल आज से सबकी सलाह री साईकिल बिन में.. :) कुछ को छोड़ कर उसमें आप भी हैं..बाकी वो तो हैं ही!!
परमजीत भाई
हंसी के फुल..और उसका आभार...मगर आप कह रहे हैं उतनी बुरी नहीं है..अरे महाराज, ये ही बेस्ट वाली हैं इसीलिये प्रदर्शनी में यहाँ लगाये हैं. जब साक्षात मिलेंगे तो कोई इससे बेहतर खींच कर दिखाये..आती ही नहीं..:) कई फोटोग्राफर पैसे वापस कर चुके. चाहे रात चाहे सूरज के उजाले में..एक ने तो पानी के अन्दर भी ट्राई किया..सब वही ढ़ाक के तीन पात.
नीरज भाई
फोटो खिचवा कर उसकी फोटो कॉपी भेज दो और लिखो बाकि मिलने पर. :) उनको कहो सीरत देखो हमारे बालक की, सूरत नहीं.
संजय भाई
कहे तो थे जीतू को कि खाली रखे मगर कौन हमारी बात मानता है..आप ही समझा कर देखो शायद सुन लें.
यतीश भाई
आपकी कविता और फिर यह नया रिपेयर...आपने तो हमारे एक्सीडॆन्टेड स्कूटर की याद दिला दी..पूरा खराब हो गया था फिर जब डॆटींग पेन्टिंग के बाद आया..पहचान ही नहीं पाये..हमारी इस नई तिरंगा तस्वीर का भी वो ही हाल है, बहुत आभार.
संजय भाई
जी, आगे से पूछ कर लिखा करुँगा आपसे..एक बार में तो कुछ भी माफ है. फिर भी सलाह तो दे ही डालिये.
पूनम जी
जी, आप तो सब समझती हैं. ये सलाहकार भी न!! जो न करवा दें.
संजीत भाई
आभार....अमां यार..ऐसा वैसा क्या..एकाध सलाह तो टिका ही देते. :) जरुर सुनता कम से कम तुम्हारी तो और उनकी भी, बस.
मुकेश भाई
चिन्ता न करें, नजर उतार कर ही कन्हैया जी ने अवतरीत किया है..:) और फिर आप तो हो ही ..कान्हा की तस्वीर लिये हमारे साथ..मजाल किसी की नजर लगाये.
पंकज
आज से शुरु क्रीम लगाना...कितनी ट्यूब रोज लगाना है?? जरा विस्तार से लिखना..दो बार नहाता हूँ दिन में..उस हिसाब से बताओ..जल्दी.
दीपक भाई
यही तो सब हिम्मत देता है भाई कि आप साथ मे हो..वरना तो कब से वनवास लेकर अभी बन्दरों के साथ किल्लोल कर रहे होते. :)
शास्त्री जी
बस समझिये पोस्ट का उद्देश्य पूरा हुआ..कब मौके आते हैं कि खुल कर हंस पायें.
श्रीश मास्साब
बस ऐसे ही सहारा दिये रहो, भाई. निकल जायेंगे.
विष्णु जी
पहले तो आप आये, बहुत आभार.
बहुत खूब शेर लाये हैम. सब आप लोगों का स्नेह है, जो कुछ कर पाते हैं. बस, बनाये रखिये.
शशी भाई
हंसते हंसते ही आये..कम से कम आये तो..कहाँ रहते हो भाई..लिख लिख कर परेशान हैं.
दिव्याभ भाई
हैरान न हों, दार्शनिक की ही तस्वीर है. :)
मसिजीवी भाई
बनाईये..आप अध्यक्ष और मैं महा सचिव..स्वयंभू.
-समझिये, सलाह मान ली गई है. :)
अजित भाई
दिल रम जाये बस और क्या चाहिये जीवन में..और बैरागी जी की बात तो हमेशा सौ आने ही होती है.
रंजू जी
खुद पर जो हंसाते है अगर वो दूसरे पर हंसाये तो हरदम भागते ही नजर आयें. :)
चलो, आपको मजा आया, लिखने का उद्देश्य पूरा हुआ. :)
अरुण
अरे, आई ही नहीं..वरना पंगेबाज से पंगा..न बाबा न!! फिर भी पोस्ट तो बना ही लो...बना ही ली है जबकि. :)
रवीन्द्र भाई
बहुत आभार..बस यूं ही आते रहे..हम लिखते रहेंगे.
यतीश भाई
इस सम्मान, स्नेह और पोस्ट केल इये बहुत आभारी हूँ. आपने इतना समय निकाला. :)
भावना जी
पहले तो जोड़ तोड़ कर आपको दिखा देता हूँ -आप पास कर देंगी तो जीतू को तो दम देकर वाह वाह करवा लेंगे. :)
विषय तो बस भटकते हुए आ जाते हैं..आप सबका स्नेह आप लोग पसंद कर लेते हैं, आभार. आते रहें.
महावीर जी
जी भाई साहब, किसी ने बताया था कि बिल्कुल उनके जैसी लगती है. आपने तो पहचान भी लिया. ऐसा ही करते हैं कि तिरंगे वाली सेफ्टी के लिये रख लेते हैं. फिर जब तक आपका वरद हस्त है, तब तक सब यूँ भी सेफ है. आप तो बस हाथ बनाये रहें..फ्रंट एण्ड मैं संभालता हूँ. आभार.
कंचन जी
अरे नहीं..हम हैं न सलाह देने को..मांगने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी..पहले ही दे देंगे..याद है वो क्रमशः वाली सलाह बिना मांगे दे आये थे हें हें करते. बिना शर्माये.
दीपांजली जी
आदेश हुआ है तो जरुर आते हैं..यह तो ब्लॉग स्पॉट का विकल्प जैसा कुछ दिखता है. जरा विस्तार से बतयें इस विषय में. इन्तजार रहेगा.
पधारने का आभार.
सुनीता जी
मैं ब्लॉग स्पॉट से बहुत नराज हूँ..उसकी हिम्मत कैसे हुई कि आपकी टिप्पणी गायब कर दी.
खैर, जाने दो..और १०साल बड़े?? किससे??
एक युवा की उम्र में १० साल जुड़ जाये तो वो तो अधेड़ कहलाया..नहीं जी..हम तो वो पुरानी वाली (नई हंसती हुई) ही फिर से लगा देंगे..यह ठेका पूरा होते ही. :)
आप चेक करती रहना अपने व्यस्त समय मे से कुछ वक्त निकाल कर.
समीर जी, बड़ी ही मज़ेदार पोस्ट रही यह। मगर एक बात आप को बता दूँ जो ठीक इसी संदर्भ में है और इस चिट्ठी से कम रोचक नहीँ, एक बार नेट पर (शायद फ्लिकर) पर मुझे आपका एक चित्र मिल गया! चौंकिये नहीँ, मैं उसे बस आपको भेजता हूँ, यदि ठीक समझें तो उसी को लगा दें।
भाई पिक्सार वाले फ़िल्म तो बना रहे थे. तस्वीर कब से शुरू कर दी ?
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