खेला, अमित ने किसी अमरीकी ब्लॉगर के ब्लॉग से लिया है जिसमें ९९ आईटम की लिस्ट है और आपको उसमें से जो काम आप कर चुके हो, उसे अपने ब्लॉग पर लिस्ट में बोल्ड करके दिखाना है.
जब हमने देखा तो लगा ऐसी लिस्ट हिन्दी ब्लॉगर्स के लिए, जो कि अधिकतर भारत में है और न जाने कितने ही कभी भारत के बाहर भी न निकले हों, उचित नहीं प्रतीत होती. मात्र एक प्रश्न, क्या आप कभी भारत के बाहर गये हैं? बोल्ड न कर पाओ तो २५ से ज्यादा प्रश्न तो आपके लिए बने ही नहीं हैं.
वैसे ही-
क्या आप पेरिस गये हैं? नहीं.
क्या आपने पैरिस में ऐफिल टॉवर के शीर्ष से नज़ारा किया ? अरे, जब पेरिस ही नहीं गये तो यह कैसा प्रश्न?
ये तो वैसा ही नहीं हो गया-
क्या आपकी शादी हो गई? नहीं.
आपके कितने बच्चे हैं? ये लो...खैर, आजकल दूसरे प्रश्न का उत्तर आ भी सकता है पहले का न होते हुए भी. समाज काफी विकास कर गया है.
वैसा ही शायद तकनिकी विकास भविष्य में ऐसा हो जाये कि बिना गये यह सब बातें संभव हो जायें किन्तु अभी तो संभव नहीं है. अमित टेक्नालॉजी के महारथी हैं, शायद भविष्य के नजरिये से पूछा हो. वैसे, इस तरह के खेल आज के हिन्दी ब्लॉगजगत में सिर्फ अमित ही ला सकते हैं, यह भी तय है. जागरुक बंदा है और हमारे लिए तो खैर उसका ब्लॉग पसंदीदा जगह है ही.

इसी विचार से हिन्दी चिट्ठाजगत को मद्दे नजर रख दूसरे ९९ आईटम, जिससे आप जुड़ा महसूस कर अधिक से अधिक बोल्ड कर पायेंगे. नियम वही, अमित के शब्दों में:
’करना कुछ अधिक नहीं है, बस यह लिस्ट कॉपी कर अपने ब्लॉग पर चेप लें और इनमें से जितने तीर-तोप चला चुके हैं उनको बोल्ड कर दें और बाकी को सामान्य रखें और पोस्ट छाप दें। यानि कि मामला एकदम आसान है!!’
अमित की लिस्ट का पहला प्रश्न ’अपना ब्लॉग आरंभ किया ’ इसलिए नहीं ले रहा हूँ कि नहीं खोला होगा तो फिर लिस्ट चैपेगा कहाँ इस प्रश्न को बोल्ड करने के लिए. :)
तो लिजिये लिस्ट:
१.छद्म नाम से ब्लॉग खोला.
२.बेनामी जाकर टिपियाये.
३.किसी विवाद के सेन्टर पाईंट बने.
४.फुरसतिया जी की पोस्ट एक सिटिंग पूरी में पढ़ी.
५.शास्त्री जी ने आपके बारे में लिखा.
६.अजदक की कोई पोस्ट समझ में आई.
७.टंकी पर चढ़े.
८.लोग टंकी से उतारने आये.
९.टंकी से खुद उतर आये.
१०.खुद की आवाज में गाकर पॉडकास्ट किया.
११.किसी ने अगली बार से न गाने की सलाह दी.
१२.अगली बार से न गाने की सलाह मानी.
१३.किसी ने आपका कार्टून बनाया.
१४.किसी की पोस्ट चोरी करके अपने ब्लॉग पर अपने नाम से छापी.
१५. चोरी की पोस्ट छापने के बाद पकड़े गये.
१६. चोरी की पोस्ट छापकर पकड़े जाने के बाद भी बेशर्मों की तरह सीना जोरी करते रहे.
१७. साहित्यकार होने का भ्रम पाला.
१८. लिखने के साथ यह भी बताना पड़ा कि यह गज़ल है और यह व्यंग्य.
१९. अपनी पोस्ट पढ़ने के लिए ईमेल से निमंत्रित किया.
२०. ईमेल निमंत्रण के जबाब में कोई फटकार खाई कि आगे से ऐसी मेल न भेंजे.
२१. फटकार के बावजूद ईमेल भेजते रहे.
२२.दो ब्लॉगर के बीच झगड़ा करवाया.
२३. दो ब्लॉगर के बीच झग़ड़ा करवाकर शांत कराने पहुँचे.
२४. किसी सामूहिक ब्लॉग के सदस्य बने.
२५. किसी सामूहिक ब्लॉग की सदस्यता त्यागी.
२६. किसी सामूहिक ब्लॉग से निकाले गये.
२७. बाथरुम में बैठकर ब्लॉग पोस्ट की.
२८. ट्रेन से कोई पोस्ट लिखी.
२९. ताऊ की पहेली बूझी.
३०. पोस्ट लिखने और पोस्ट करने के बाद डिलिट की.
३१. ब्लॉगवाणी में आज की पसंद पर पहले नम्बर आये.
३२. चिट्ठाजगत की धड़ाधड़ में १ नम्बर पर आये.
३३. किसी के ब्लॉग पर झूठी तारीफ की.
३४. किसी फिल्म की समीक्षा पोस्ट की.
३५. ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से दूसरे ब्लॉगर से तू तू मैं मैं की.
३६. कोई ऐसी पोस्ट की जिसे किसी ने पढ़ा ही नहीं.
३७. तरकश चुनाव लड़े उदीयमान ब्लॉगर ऑफ द ईयर वाला.
३८. किसी की पोस्ट पढ़कर लगा कि काश! मैं भी ऐसा लिख पाता.
३९. किसी की पोस्ट पढ़कर ऐसा लगा कि हे भगवान!! कभी गल्ति से भी मैं ऐसा न लिख दूँ.
४०. बिना उस स्थल पर गये वहाँ का यात्रा संस्मरण लिखा.
४१. कभी अपनी कविता किसी विदेशी कवि के नाम से चैंपी.
४२. कभी आपकी किसी हास्य प्रधान पोस्ट को किसी ने टिप्पणी में अति मार्मिक बताया.
४३. बिना पोस्ट पढ़े टिप्पणी की.
४४. कभी अपने ही लिखे पर शरम आई.
४५. कभी काफी दिनों तक न लिख पाने की माफी मांगी, इस भ्रम में कि लोग इन्तजार कर रहे होंगे.
४६. जब दिन भर टिप्पणी नहीं आई तो खुद से टिप्पणी करके चैक किया कि टिप्पणी बॉक्स काम कर रहा है कि नहीं.
४७. कहीं टिप्पणी लम्बी हो जाती इसलिए उसे पोस्ट बना कर पोस्ट किया.
४८. कभी अपनी बात उल्टी पड़ जाने पर बचने के लिए ऐसा कहा कि ’हम तो मौज ले रहे थे.’
४९. कभी अखबार में आपके ब्लॉग का जिक्र हुआ.
५०. अखबार में आपके ब्लॉग के जिक्र को स्कैन करा के ब्लॉग पोस्ट बना कर छापा.
५१. अखबार की स्कैन कॉपी मित्रों और रिश्तेदारों को ईमेल से भेजी.
५२. ’आज कुछ लिखने का मन नहीं है’ कह कर २५ लाईन से ज्यादा की पोस्ट लिखी.
५३. एक ही पोस्ट को अपने ही पाँच ब्लॉगों से छापा.
५४. अपनी पोस्ट बिना टिप्पणी के एग्रीगेटर के दूसरे पन्ने पर चले जाने से उसे डिलिट कर फिर से छापा ताकि वो फिर से उपर आ जाये.
५५. गुस्से में अपने ब्लॉगरोल से किसी का ब्लॉग अलग किया.
५६. एक दिन मे २५ से ज्यादा ब्लॉग पर टिपियाया.
५७. किसी और की पोस्ट पढ़ने के लिए अपने ब्लॉग पर सिर्फ उसका लिंक देकर एक पोस्ट बनाई.
५८. कभी कोई ब्लॉगर मीट अटेंड की.
५७. कभी ब्लॉगर मीट अटेंड करके उसकी रिपोर्ट लिखी.
५८. कभी किसी शोक समाचार पर भूल से बधाई दी.
५९. कभी किसी से पोस्ट पर मजाक किया और सामने वाले ने बुरा मान लिया.
६०. कभी आपकी खिलाफत करती किसी ने ब्लॉग पोस्ट लिखी.
६१. क्या ’साधुवाद’ टाईप किसी जुमले से आपकी अलग पहचान बनी.
६२. क्या ब्लॉग पोस्ट पर आपका कोई तकिया कलाम है.
६३. कभी छत पर बैठ कर कोई ब्लॉग पोस्ट लिखी.
६४. कभी कुछ लिखना चाहा किन्तु किसी को बुरा न लग जाये इसलिए नहीं लिखा.
६५. कभी पूरी पोस्ट तैयार हो जाने के बाद भूल से डिलिट हो गई.
६६. क्या इस भूल से डिलिट हुई पोस्ट के लिए एक पोस्ट की कि पोस्ट डिलिट हो गई और अब फिर से लिख पाना संभव नहीं.
६७. क्या यह बताने के लिए कि ’अब अगले पाँच दिन नहीं लिख पाऊँगा’ पोस्ट लगाई जबकि यूँ भी आप एक महिने से नहीं लिख रहे थे.
६८.कभी आपका ब्लॉग एग्रीगेटर से अलग किया गया.
६९. क्या कभी तकनिकी कारणों से पोस्ट एग्रीगेटर पर न दिखने पर आपने एग्रीगेटर की तानाशाही पर पूरा ब्लॉगजगत सर पर उठा लिया.
७०. कभी किसी को अपने ब्लॉग का सदस्य बनाने निमंत्रण भेजा.
७१. कभी किसी से उसके ब्लॉग का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला.
७२. कभी किसी को अपने ब्लॉग का सदस्य बनाने निमंत्रण भेजा और उसने ठुकरा दिया.
७३. कभी किसी से उसके ब्लॉग का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला और आपने ठुकरा दिया.
७४. आपकी गज़ल के बेबहर होने पर किसी ने टोका.
७५. क्या आपने माईक्रो गद्य लिखा और लोगों ने उसे कविता समझ कर बधाई दी.
७६. इंक ब्लॉगिंग की.
७७.अपनी टिप्पणी में अपना यू आर एल लिख छोड़ा ताकि लोग क्लिक करके आयें.
७८. टिप्पणी में वर्तनी दोष सुधारने के लिए फिर से टिप्पणी की.
७९. आपके नाम से कोई और टिप्पणी कर गया.
८०. आपके नाम से कोई और टिप्पणी कर गया और आप इस पर पोस्ट लिखने की बजाय हर तरफ स्पष्टीकरण देते घूमे.
८१. अपनी प्रोफाईल में अपनी जगह दूसरे की तस्वीर चैंप दी.
८२. अपनी हर पोस्ट के शीर्षक के साथ डेश लगाकर अपना नाम लिखा.
८३. अपनी पोस्ट में अपना ही मजाक उड़ाया.
८४. ’तू मेरी पीठ खुजा, मैं तेरी’ को ब्रह्म वाक्य मान कर ब्लॉगिंग की.
८५. एड सेन्स लगाकर हिन्दी ब्लॉग पर कमा लेने का भ्रम पाला.
८६. आये दिन एड सेन्स खाता चैक किया कि कितने पैसे जमा हो गये.
८७. एड सेन्स खाते का बैलेन्स जीरो होने के बावजूद भी एड सेन्स के हिन्दी में बन्द होने पर उदास हुए.
८८. नम्बर ८७ के उदासी के आलम में पोस्ट लिखी.
८९. ब्लॉग पर स्टेट काऊन्टर लगाया.
९०. दिन में तीन बार स्टेट काऊन्टर पर आवा जाही चेक की.
९२. शतकीय पोस्ट की सूचना पोस्ट लिखी.
९३. स्टेट काऊन्टर के १०००० या २०००० पार करने की सूचना पोस्ट लिखी.
९४. स्टेट काऊन्टर को मेन्यूलि बढ़ा कर लगाया.
९५. अपने ब्लॉग पर आवाजाही का ग्राफ बना कर पोस्ट कर गौरवान्वित महसूस किया.
९६. पत्नि का ब्लॉग बनवाया.
९७. पत्नि के नाम से खुद ही पोस्ट लिख कर डाल दी.
९८. अपनी हर पोस्ट पर पत्नि का और उसकी हर पोस्ट पर अपना कमेंट डाला.
९९. अपना ब्लॉग डिलिट किया.
नोट: हमारे तो लगभग सभी बोल्ड टाईप ही हैं, कुछ को छोड़ कर. :) आप तो अपनी बताओ.