बुधवार, दिसंबर 30, 2009

कहाँ गया पुराना साल?

 

BOOK

वो कहतें हैं

पुराना वर्ष चला गया...

मैं कहता हूँ

वर्ष कहीं जाता नहीं...

यह सिर्फ भ्रम है

ये दर्ज हो जाता है

इतिहास के सफ्हों में

एक और सफ्हा बन कर

जैसे कि

हमारे कर्म!!!

-समीर लाल ’समीर’

 

निवेदन:

वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

 

नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

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101 टिप्‍पणियां:

Smart Indian ने कहा…

सच है, कुछ भी कहीं जाता नहीं, सब भूत में दर्ज होकर रह जाता है.

sanjay patel ने कहा…

दादा,
ये भी सच है कि साल नहीं बीतता
हम बीतते जाते हैं....


जो नहीं सोचा था वह मिला...
धन्यवाद 2009

जो सोचेंगे वह मिलेगा...
स्वागत 2010

Himanshu Pandey ने कहा…

एक स्पष्ट दृष्टि-स्वीकार की दृष्टि !
बिलकुल-हम वर्ष की हर गवाही दर्ज कर लेते हैं अतीत की किताब में !
और कर्मों की तरह खुद जाता वर्ष - गज़ब का साधर्म्य निरूपा आपने ! अदभुत !

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

Khushdeep Sehgal ने कहा…

ए जाते हुए लम्हों, ज़रा ठहरो, ज़रा ठहरो,
मैं भी तो चलता हूं, ज़रा उनसे मिलता हूं,
जो इक बात दिल में है, उनसे कहूं,
तो चलूं, तो चलूं, तो चलूं...

नया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां ले कर आए...टीचर्स की अनुकंपा आप पर
बनी रहे...

जय हिंद...

http://shabdmanjusha.blogspot.com ने कहा…

आदर्णीय समीरी लाल जी,

आपका ह्रदय विशाल है, वो उर्वक है, वो प्रेम से लबालब छलक रहा है। आपने का प्रेम में उसी दिन से महसुस कर रह हुं जब से ब्‍लाग पर लिखने लगा। हुं आप के प्रेम ने मुझे उत्‍साहित ही नहीं किया । जहां मैने थक कर बैठने की सोची तभी आप आ कानो मै मधुर फुस्‍फुसाहट कर एक नये प्राण संचारित कर दिए...ये हमारा पोनी बहुत भावुक कुत्‍ता था। जब ये मरा तब मुझे लगा इसे कैसे इसके प्रेम को फेलाऊं..तब अचानक लगा मैं इसकी आत्‍म कथा लिखु....ये मेरे पहले शब्‍द है, फिर तो लिखना अंदर से चलता ही रहा ..आप से यहीं कहना है कि पोनी पर में एक किताब लिख कर उसे श्रद्धांजलि देना चाहता हूं आप से उम्‍मद करता हुं मार्ग दर्शन करेगे।
इस छेत्र में आप ने तो बहुत प्रचार प्रसार किया है। उम्‍मीद है पोनी के लिए आप इतनी सहायता करे शायद कुदरत के ह्रदय में क्‍या ओर क्‍या काकोई हिसाब ....क्‍या कोईै लगा सकता है।
प्रेम
मनसा

Vivek Gupta ने कहा…

नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं |

वाणी गीत ने कहा…

वर्ष कहाँ जाता है ....
हम चलते है एक और कदम ...
नववर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

नववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

हेमन्त कुमार ने कहा…

आगत का स्वागत उचित है
पर
जिसके साथ जिया
वह गया कहां
वह अन्तर्भूत है

क्या खूब कहा ...
आभार..।

Rama ने कहा…

डा.रमा द्विवेदी.....

वर्ष के साथ हम भी बीतते जाते हैं....
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ....

Ashok Kumar pandey ने कहा…

आपको भी नये साल की शत-शत शुभकामनायें

संगीता पुरी ने कहा…

आपको नए वर्ष की शुभकामनाएं !!

अजय कुमार झा ने कहा…

प्रभु नए साल की शुरूआत इत्ती फ़िलासफ़िकल । हमें तो लगा आप भौजी के साथ कौनो रोमांटिक ड्राईव की कथा सुना के हमें भी प्रेरणा दोगे । और आप दिए ई कविता टाईप ...ई टाईप प्रेरणा से तो हमरी वाली ओईसे ही बिदक जाती है । चलिए हम ओईसे ही कह देंगे नव वर्ष की शुभकामनाएं आपको भी और उनको भी

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

नववर्ष पर आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

बवाल ने कहा…

जाते जाते एक या कहें के आते आते एक बहुत संजीदा बात कही लालाजी।
नव-वर्ष पर ढ़ेरों शुभकामनाओं के साथ हमारा निवेदन: वर्ष २०१० मे हर माह ७ नए सिर्फ़ और सिर्फ़ चिट्ठा-पाठक (हिंदी चिट्ठों को पढ़ने और विष्लेषण करने के लिए और उन पर टिप्पणियाँ देने के लिए) तैयार करवाएँ और किसी भी नए व्यक्ति से नए चिट्ठे कतई ना शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या इतने पर ही बरकरार रखने मगर उनकी विविधता और गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान करें।
जय हिन्दी चिट्ठाकारी !
जय हिन्द !

Asha Joglekar ने कहा…

जैसे कि हमारे कर्म... क्या बात कही है पुराना वर्ष इतिहास के पन्नों में हमारे कर्म ही तो संजोता है ।
नया वर्ष शुभ हो और हम कुछ अच्छी अच्छी यादें साल कें अंत में संजोयें ।
आपको और परिवार को नये वर्ष की अनेक शुब कामनाएं ।

बेनामी ने कहा…

aap ko nayaa saal shubh ho aur maa sarsvati kaa niwas aap kae laekhni mae ho

उम्मतें ने कहा…

....हमारे खाते में तो खर्च हुआ बता रहा है !

Unknown ने कहा…

"वर्ष कहीं जाता नहीं..."

पर बीता समय वापस आता नहीं ...

नववर्ष की शुभकामनाएँ!

Preeti tailor ने कहा…

nav varsh ki shubhkamnayen dete hue ek achchi kavita padhne mili...bas thode se shabd use bhi itihaas bana dete hai ....

M VERMA ने कहा…

ये दर्ज हो जाता है
इतिहास के सफ्हों में
सही है पर इतिहास में दर्ज करा क्या रहे हैं ये भी तो एक सवाल है!!
नया वर्ष मंगलमय हो

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

वर्ष कहीं जाता नहीं...

यह सिर्फ भ्रम है

ये दर्ज हो जाता है

इतिहास के सफ्हों में

एक और सफ्हा बन कर

जैसे कि

हमारे कर्म!!!


बहुत सुंदरतम बात कही वर्षांत की पोस्ट में. नये साल की घणी रामराम.

G Vishwanath ने कहा…

पुराना वर्ष कहीं नहीं जाता।
बस उसी तरह पुराने मित्र भी कहीं नहीं जाते।
भले टिप्पणी करना छोड दिए हैं।
क्या पता नया वर्ष मुझे फ़िर से सक्रिय टिप्पणीकार बना दे?

नववर्ष के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं

जी विश्वनाथ (जी हाँ वही, जो ज्ञानदत्त पांडेजी के यहाँ अक्सर मिला करते हैं)

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बिलकुल सही कहा आपने....

मैं शपथ लेता हूँ...कि वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाऊंगा... और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करूँगा....

सादर


महफूज़....




नववर्ष पर आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

Mithilesh dubey ने कहा…

आप सहित आपके पुरे परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

मथुरा कलौनी ने कहा…

बड़ी गूढ़ बात कही आपने इन पंक्तियों में।
नया साल मंगलमय हो

अन्तर सोहिल ने कहा…

वर्ष कहीं जाता नहीं...
यह सिर्फ भ्रम है

शुभकामनायें

Satish Saxena ने कहा…

नए साल की शुभकामनायें!!

रंजू भाटिया ने कहा…

बदल जाते हैं सिर्फ केलेंडर सही कहा ..नए साल की बहुत बहुत बधाई

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

बहुत सुन्दर, आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

कीर्ति राणा ने कहा…

wah, bahut kam shabdo me pura saal samet liya.
aap jaise tippni karne waalo ke karan hi kai naye lekhko ka housala badhta hai.
aap ke liye 2010 me shubh hi shubh ho aur labh aap ka daas bana rahe.
kirti rana/pachmel blog

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

समीर जी,बहुत बढ़िया रचना है ।बधाई।

.आप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

कहाँ गया नया साल?
बस जमा हो गया कारखाने मे
नया जामा पहन फ़िर आएगा
नये लबादे ओढ कर तारीखों के
रिसायकल हो कर,

नव वर्ष की शुभकामनाएं, प्रणाम-नमन, ग़ोड़लागी।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

गुज़र गया वो ज़माना... कैसा? कैसा?

नववर्ष की शुभकामनाएं॥

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

समीर जी
वर्तमान तो बस एक पल है, शेष तो अतीत ही है और भविष्‍य कभी आता नहीं। इसलिए जो कुछ भी है वो अतीत ही है। यही हमें रुलाता है, हँसाता है और यही कसक बनकर सारे जीवन की राह तय करता है। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

यादें तो जीवन पर्यंत रहती है जो गत वर्ष से जुड़ी है....सब कुछ हमारे आस पास ही रहता है कुछ नही जाता है..समीर जी नये साल की हार्दिक बधाई....

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

नव वर्ष का हार्दिक अभिनन्दन

कबीर कुटी - कमलेश कुमार दीवान ने कहा…

कविता की पक्तियाँ अच्छी है।बधाई.
नव वर्ष मंगलमय हो.साहित्य मे नये प्रतिमान बनाये .

पंकज सुबीर ने कहा…

सचमुच ही समय तो कभी भी नहीं बीतता बीतते तो हम जाते हैं । समय तो स्थिर है हम ही व्‍यतीत होते रहते हैं । और फिर अंत में बीते हुए वर्ष की तरह ठीक 31 दिसम्‍बर की तरह विदा हो जाते हैं । किसी आने वाली एक जनवरी के हाथें में बैटन देकर कि अब तक हम दौड़ रहे थे अब तुम दौड़ो । कर्म ही होते हैं जो बीतने के बाद भी याद रहते हैं । और सबके याद रहते हैं रावण के भी और राम के भी । गांधी के भी और डायर के भी । हम भी समय के इस कालखंड में साथ हैं । पता नहीं आगे क्‍या होने वाला है ।
नव वर्ष की शुभकामनाएं ।

chandrabhan bhardwaj ने कहा…

Bhai Sameer Lal Ji, Namaskar,
Aapko nav varsh ki bahut bahut shubh Kamnayen.Yah sahi hai ki kuchh bhi kahin jata nahin sirf itihaas ke pannon men darh ho jata hai. Naye varsh ki punah badhai.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह समीर भाई ....... सच कहा दर्ज हो जाता है इतिहास में ......... बहुत कुछ दबा है इतिहास की गर्द में ....... कभी मिल बैठ कर बाँटेंगे ........
आपको और आपके पूरे परिवार को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ........

अजय कुमार ने कहा…

सही बात है , पुराना साल इतिहास के पन्नों में छुप जाता है हमें छोड़ जाता है हिसाब किताब करने के लिये ,जिसके सहारे हम नये साल को सुंदर बना सकें ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप की कविता से सहमत है, बहुत सुंदर लिखा आप ने...
आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

जाते जाते दे जा दुआएं
कुछ अधूरे हैं मंसब अभी
रख जा सर पर हाथ
जाते - जाते ........!!!!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

आमीन !

नए साल की नज्में
शुभकामनाओं के मलयानिल से
आरत्रिका की तरह आई हैं
हर किरणों में स्नेहिल दुआएं -
तुम्हारे लिए !
नया साल
तुम्हें तुम्हारी पहचान दे
पहचान को सलामत रखे
आतंक के साए को दूर करे
रग- रग में विश्वास भर जाये
खूबसूरत सपने
हकीकत में ढल जाएँ
जो पंछी अपने बसेरे से भटक गए हैं
वे लौट आयें
कहीं कोई द्वेष की चिंगारी ना रहे
ठंडी हवाएँ उन्हें शांत कर जाएँ
मुस्कानों की सौगातों से
सबकी झोली भर जाये............
आओ मिलकर कहें -
; आमीन '...

अमिताभ मीत ने कहा…

ओ हैपी न्यू इयर है जी .....

आप को और समस्त परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाये.

मीत

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

जी सब कुछ दर्ज होता जा रहा है...........

नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
- सुलभ जायसवाल सतरंगी

प्रवीण ने कहा…

.
.
.
ये दर्ज हो जाता है इतिहास के सफ्हों में एक और सफ्हा बन कर जैसे कि हमारे कर्म!!!

आदरणीय समीर जी,
बहुत गूढ़ सत्य का साक्षात्कार करवा दिया आपने...
आभार!
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

नववर्ष की शुभकामनाएं...!!!

Parul kanani ने कहा…

thanx a lot sir...
i wud do my best...
aur sahi keha aapne...hum baye aur purane ke brham mein ji rahe hai...aur isi bhram ka jashn mana rahe hai...hum sab ka nayapan pata nahi kahan hai?

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

अरे, देखो भागा जा रहा है, पकडो पकडो।

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
--------
पुरूषों के श्रेष्ठता के जींस-शंकाएं और जवाब।
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्‍कार घोषित।

समय चक्र ने कहा…

बहुत सुन्दर पोस्ट. हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में प्रभावी योगदान के लिए आभार

आपको और आपके परिजनों मित्रो को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये...

डॉ टी एस दराल ने कहा…

हिंदी के विकास के लिए आपका प्रयास अत्यंत सराहनीय है।

आप और आप के समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

नव वर्ष आपके और आपके परिवार के लिये हार्दिक मंगलमय हो!
हिन्दी सेवा के लिये साधुवाद।

स्पाईसीकार्टून ने कहा…

हार्दिक सुभकामनाएँ, नव वर्ष की

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

पुराना साल कुछ तो दे कर ही जा रहा है . थोडी खुशी थोडा गम

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

--नववर्ष मंगलमय हो।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

वर्ष कहीं जाता नहीं...
यह सिर्फ भ्रम है
ये दर्ज हो जाता है
इतिहास के सफ्हों में
एक और सफ्हा बन कर
जैसे कि हमारे कर्म!!!
बिल्कुल सच बात कही आपने......
नववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

Murari Pareek ने कहा…

HAPPY NEW YEAR SAMEER JI

Reetesh Gupta ने कहा…

आने वाले नव वर्ष २०१० की हार्दिक शुभकामनायें ..

दिलीप कवठेकर ने कहा…

नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनायें...

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

वर्ष नव-हर्ष नव-उत्कर्ष नव
-नव वर्ष, २०१० के लिए अभिमंत्रित शुभकामनाओं सहित ,
डॉ मनोज मिश्र

संगीता पुरी ने कहा…

आज भी यह कविता किसी अन्‍य ब्‍लॉग पर पढने को मिली .. आपके और आपके परिवार के लिए नववर्ष मंगलमय हो ।

प्रकाश पाखी ने कहा…

गहरा अर्थ और गहरे भाव,
छोटे तीर और गहरे घाव !

नव वर्ष की शुभकामनाएं!
प्रकाश पाखी!

manu ने कहा…

आज आपको समीर जी नहीं कहते...
:)
नया साल बहुत बहुत मुबारक हो उड़नतश्तरी जी...
:)

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

आपके और आपके परिवार के लिए नये वर्ष की शुभकामनायें.

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

नव वर्ष २०१० की हार्दिक मंगलकामनाएं. ईश्वर २०१० में आपको और आपके परिवार को सुख समृद्धि , धन वैभव ,शांति, भक्ति, और ढेर सारी खुशियाँ प्रदान करें . योगेश वर्मा "स्वप्न"

Meenu Khare ने कहा…

नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!

रंजीत/ Ranjit ने कहा…

Nav varsha kee hardik subhkamna.
Apka Nivedan anukarniya hai.

Shiv ने कहा…

बड़ी पते की बात कह दी आपने. नववर्ष आपके और परिवार के लिए शुभ हो.

Sadhana Vaid ने कहा…

अपने कर्मों के साथ साल के सफ्हों का बहुत खूबसूरत साम्य तलाशा है आपने । मेरी बधाई स्वीकार करें । नव वर्ष की आपको सपरिवार ढेर सारी शुभकामनायें ।

माधव( Madhav) ने कहा…

नये साल की लख-लख बधाई.. आपका नया साल मंगलमय हो और आपके जीवन में खुशियों की बहार लेकर आये..

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

सही सोच।
नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।
आपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।
आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,
रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।
--------
2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।

समय चक्र ने कहा…

आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो...

रचना दीक्षित ने कहा…

एक बहुत बेहतरीन रचना गंभीर भाव लिए हुए
नववर्ष पर हार्दिक बधाई आप व आपके परिवार की सुख और समृद्धि की कमाना के साथ
सादर रचना दिक्षित

Pratibha Katiyar ने कहा…

aapko naye varsh ki shubhkaamnayen!

प्रिया ने कहा…

Wow choti si rachna ...new yr dhamakedaar hai.....Wish you a very happy new year. God bless you.

regards,

Priya

प्रदीप मिश्र ने कहा…

aap ki kavita (rachana likhne se kuchh gadbad ho sakta tha) ka samarthan (tippari nahin)karta hoon. hamare yahan (aap alag nahin hain)kaha gaya hai beeti tahi bisari de aage kee sudh leyu. naye saal mein hum karm badalkar bhagya badal sakte hain.

अंजना ने कहा…

सच मे सब भूत बन कर रह जाता है और हमारे कर्म ही सुख-दुख का दर्पण बन जाते है । नया साल आपके लिए ढेर सारी खुशियाँ लेकर आएं ।नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

Akanksha Yadav ने कहा…

नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!

Rohit Singh ने कहा…

वर्ष कहीं जाता नहीं...
यह सिर्फ भ्रम है

wah gurji sahi kaha hai...

bharm me hi jeevan khata ho jaata kai logo ka..

Rohit Singh ने कहा…

वर्ष कहीं जाता नहीं...

यह सिर्फ भ्रम है
sahi kaha guruji

jeevan kai baar bhram lagne lagta hai...

आशु ने कहा…

समीर जी,

सही कहा है आप ने ..वक़त नहीं हम बीत जाते है और भ्रम यही रहता है पुराना साल गया और नया आ रहा है.

आशु

सदा ने कहा…

हर शब्‍द अक्षरश: सत्‍य नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनायें ।

सुशील छौक्कर ने कहा…

सच कहा आपने इस रचना में। देरी से नये साल की हार्दिक शुभकामनाएँ।

अबयज़ ख़ान ने कहा…

समीर जी.. बिल्कुल सच है.. आपको नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं..

कुमार राधारमण ने कहा…

प्रिय समीर जी,संभवतः,इन दिनों ब्लॉगवाणी पर एचटीएमएल लिंक उपलब्ध नहीं है। कृपया आप अपने ब्लॉगवाणी का लिंक मेल से भेजने का कष्ट करें। धन्यवाद-krraman@rediffmail.com

surya goyal ने कहा…

समीर जी, नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये. आपके ब्लॉग का चक्कर काट कर आ रहा हूँ. आज आपके लेख और कविताये पढ़ कर लगा की क्यों न इस ब्लॉग को प्रतिदिन पढ़ा जाये. ऐसा नहीं है की मै आज पहली बार आपका ब्लॉग पढ़ रहा हूँ लेकिन मै कुछ ब्लॉग प्रतिदिन पढता था उस में आज आपका ब्लॉग जुड़ गया है. अब रही बात आपकी लेखनी की तारीफ की तो किस-किस के बारे में क्या-क्या कहूँ. लेकिन इतना जरुर कहना चाहूँगा की नववर्ष के लिए जो लिखा है बहुत सही लिखा है. नए साल की शुभकामनाओ सहित
www.gooftgu.blogspot.com

ओम आर्य ने कहा…

वक़्त के भी अपने पाप-पुण्य होते होंगे न !

alka mishra ने कहा…

नए साल में हिन्दी ब्लागिंग का परचम बुलंद हो
स्वस्थ २०१० हो
मंगलमय २०१० हो

पर मैं अपना एक एतराज दर्ज कराना चाहती हूँ
सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर के लिए जो वोटिंग हो रही है ,मैं आपसे पूछना चाहती हूँ की भारतीय लोकतंत्र की तरह ब्लाग्तंत्र की यह पहली प्रक्रिया ही इतनी भ्रष्ट क्यों है ,महिलाओं को ५०%तो छोडिये १०%भी आरक्षण नहीं

गौतम राजऋषि ने कहा…

अहा! दिल को लुभाता एक बिल्कुल ही नया नजरिया...

नये साल की समस्त शुभकामनायें!

amlendu asthana ने कहा…

samir ze nav vars ki subhkamna. apne sahi kaha hai. kuchh bhi kahin nahi jata,sab yadon ki parchhaye banker hamare sath chalti hai. ap shabdon ke kusal chitere hain apko badhai

अमृत कुमार तिवारी ने कहा…

बहुत सुंदर कविता...
समीर जी मेरी तरफ से आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना..

साधवी ने कहा…

नव वर्ष मंगलकारी हो.

आपकी बात से सहमत.

राजेश स्वार्थी ने कहा…

सच है, कुछ भी कहीं जाता नहीं

नया साल मुबारक.

संजय तिवारी ने कहा…

नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं |

सुरेन्द्र Verma ने कहा…

Nav Varsh 2010 aapke aur aapke pariwar ke liye sukh, shanti, smridhi aur safalta lekar aaye. Ishwar aapki har manokamna purn kare aapka jiwan sukhmay ho. navvarsh mangalmay ho.

pallavi trivedi ने कहा…

सच है...कहें नहीं गया साल! महफूज़ है हमारी यादों में...इतिहास के पन्नो में हमेशा के लिए!

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

श्रद्देय समीर जी, आदाब
अलग अंदाज़ है आपके नज़रिये का
कुछ ऐसा ही मेरा भी मानना है-

इस खुशी के मौके पर जश्न हैं तराने हैं
उलझनें भुलाने के क्या हसीं बहाने हैं
शक्ल कैसे बदलेगी इस तरह ज़माने की`
साल है नया लेकिन ज़ेहन सब पुराने हैं

कभी खाकसार के ब्लाग पर भी तशरीफ लाईये
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

निर्झर'नीर ने कहा…

वर्ष कहीं जाता नहीं...

यह सिर्फ भ्रम है

खूब बहुत खूब