पिछले दो दिन से तबीयत खराब है. आँख में किसी की नज़र लग गई है, दोनों आँख सूजी है और लाल हैं. ऑफिस भी नहीं जा पा रहा हूँ सो मन मसोसे सोता रहता हुँ. आखिर, कब तक पोस्ट करना टालूँ. सो, आज टाईम पास:
पहले एक मुक्तक आज के हिसाब से:
इंसानों को इंसानों से, मैं मिलवाने आया हूँ
प्यार जिसे सब याद रखें, वो बतलाने आया हूँ
तुमने अब तक लड़ते लड़ाते, कितना कुछ है खो दिया
उनकी गिनती गीतों में ले, मैं गिनवाने आया हूँ.
-समीर लाल ’समीर’
अब आज के माहौल पर:
साहित्यकार
आलोचक
हिन्दी ब्लॉगर
हैरान पाठक
आज सुबह ही कॉफी विथ कुश पर इन्टरव्यू दिया. उन्होंने खुल कर बखिया उधेड़ी.. आशा है आपने देख ही लिया होगा.
सोमवार, जून 30, 2008
टालम टूली में कुछ बात
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71 टिप्पणियां:
pehle to aap apni aankhon ko rest den, warna train me prerna kaise dekh paayenge...isiliye to kahin likhna band para hai ;)
4 laina kavita bahut pasand aayi saath me pictures bhi kamaal ke chaante hain
सुनने को राजी हैं जी, जितने गीत सुनवाओ जी।
गीत लिखना इस दौर में बूते का काम है। इस उम्र में आंख से सही काम लिया कीजिये। आंखों से सही काम ना लेंगे, तो आंख ही दिखायेंगी ना।
जल्दी से अच्छे हो जाईये जनाब....साहित्यकारों पर बढ़िया व्यंग कसा है
कुश ने आप की खबर ली और आप ने साहित्यकार, आलोचक, ब्लागर सबकी ले डाली?
और बायीं तरफ सतरंग और दाय़ीं तरफ श्वेत श्याम। जरा इस में रंग भर दें।
pyar bante chalo
ऐसी बुरी नजर वाले का मुंह हो सफ़ेद. (ब्लेक इज ब्यूटीफुल ना.)
ये आलोचक जी साहित्यिक आलोचक हैं या ब्लॉगरीय? दृष्टि पैनी दिखती है इनकी.
इंसानों को इंसानों से, मैं मिलवाने आया हूँ
प्यार जिसे सब याद रखें, वो बतलाने आया हूँ
ये कहा और फ़िर मिलवाया
जिनसे अभी तक कभी हँसी रोके नहीं रुकती
कया बात है
हम हैं की टुक-टुक करते सन्न रह जाते हैं जब आपके एक पोस्ट आ जाती है
कहावत सही ही है सौ सुनार की एक लुहार की
सारी फोटोस बढ़िया है.. आपके मंगल स्वास्थ्य की कामना..
समीर जी
फोटो को देखते ही हंसी छूट गई।
तुमने अब तक लड़ते लड़ाते, कितना कुछ है खो दिया।
वाह जी क्या बात है।
कॉफी विथ कुश में आपको और जाना।
क्या बात है ! आँखे साथ नहीं दे रही फिर भी उम्दा तस्वीरों के साथ उम्दा पोस्ट…
काहे गये काफ़ी पीने , नही हुई ना हजम . मेरे भाइ फ़्री का माल हजम करने लायक अगर होते तो राजनीती मे होते ना . खामखा ले ली ना परेशानी मोल . हमे तो भाभी की चिंता है कही लाल लाल आखे देख कर डर ना रही हो :)
अरे महाराज तबियत को क्या हो गया? कुछ लेते रहें. स्वास्थय संभाले. लिखना-लिखाना तो होता रहेगा.
कमप्यूटर आंखों का दुश्मन है जी. आंख में moisturising drops डालते रहें (वैसे एडवाइस देने के लिये अच्छी है, डालना तो मुझे भी याद नहीं रहता).
कार्टून जबर्दस्त लगे, खासकर पेंग्विन वाला.
:)
पहले तो अपनी नज़र उतरवाएँ :) और आँखों को आराम दे :) चित्र अपनी कहानी ख़ुद कह रहे हैं और चार लाइने कमाल है :)
जल्दी से ठीक हो जाए
बाप से हिन्दी ब्लॉगर है - या जासूसी कुत्ता/स्नाइफर डॉग! और आलोचक तो बहुत जीवन्त आलोचक है। अन्दर की सारी वक्रता चेहरे पर बिम्बित है!
आंख मारने आगए स्वामीजी?
चिट्ठाकारी आपकी आदत जो होगई ;)
दुआ है आपकी आंखों ज्लद ठीक हों।
-Sir,aap apni aankhon ko poora aram dejiye...jaldi theek ho jayeeye..
-aap ka interview padha bahut maza aaya--kuchh jawab to bahut hi mazedaar they--khaas kar-one liner answers--
-aap ke bachpan aur shararton ke baare mein bhi jaana-overall excellent interview!
-dhnywaad
-with regards
आपने लिखा "नज़र लग गई है"
मने पढ़ा "नज़र लड़ गई है"
लगता है हमारी भी आंखे खराब हैं.
जल्दी स्वस्थ होईये.
bhagwan kare aap ki aankhein jaldi hee theek ho jaayein. aaap bahut achcha likhte ho. There was a time when i used to write. may be apne next comment mein i will write something
आँखों को आराम दे ही दीजिये थोड़ा... पता चला की ४ घंटे ही सोते हैं... कैसे मैनेज कर लेते हैं?
चित्र तो सारी कहानी ही कह जाते हैं... बहुत उम्दा चयन किया आपने चित्रों का.
आलोचक का फोटो कहाँ खीचा .......जरा नजर को आराम दीजिये ..इसे भी सख्त आराम की जरुरत है.....तभी लाल है...आपका interview भी खूब रहा ....उम्मीद है घर में शान्ति होगी....
maja aa gaya aapke is chhithe ko padhakar..sachmuch aap bahut achha likhte hai .hindi blogiya jagat ko aap par naj hai...
WITH BEST WISHES
GAURTALAB
किसी को आंखे दिखा दो,, लाल लाल आंखे, वह खुद ही इलाज कर देगा, कहने का मतलब किसी Dr को,
क्या बात है समीरजी, अटैक सीधे आंख पर , कहीं ज्यादा सलमा सितारे तो नहीं उधेड बैठे, तभी तो कुश ने जमकर उधेडी है.....बखिया या अंखिया ये मत पूछना :D
:) ... kya baat hai ....good sense of humour.....bahot khub....bina bole hasane ke liye dhanyawad ... agar bologe aap to pata nahi kya kya hoga....waise abhi abhi kush ke blog par aapse pahchan hui hai.....achcha laga...
साहित्यकार की लंगी तो बड़ी जबर है....साथ में आलोचक की दृष्टि भी. कहाँ से खींचते हैं ऐसी फोटो समीर भाई?
रही बात काफी विद कुश की...तो यही कहेंगे कि "कुश से सबको लव हो गया है."
साहित्यकार की लंगी तो बड़ी जबर है....साथ में आलोचक की दृष्टि भी. कहाँ से खींचते हैं ऐसी फोटो समीर भाई?
रही बात काफी विद कुश की...तो यही कहेंगे कि "कुश से सबको लव हो गया है."
बहुत खूब....
वाह समीर जी ,आपका सेंस आफ ह्यूमर भी गजबे है -पिता श्री से मिला है -सजीव चित्रों के शीर्षक गजब ढा रहे हैं .
vha ye log to bhut acche hai. aap abhi apni aakhon ko aaram dijiye. fir dubara in logo se milvaiye.
मज़ा आ गया !बहुत खूब ! ज़ल्द आंख ठीक होने की दुआएं !
आपको दो दिनों तक मीस किया...
श्रीमान भाई समीरलाल जी,
आपके उड़नतश्तरी पर अपने प्रोफ़ाइल का फोटो देख कर सुखद आश्चर्य हुआ । धन्यवाद आपका कि आपने इसे सहेज कर रखा हुआ है । आपको शायद अंदाज़ा न हो कि एक गंज़े से, मुछमुंडे
अधेड़ चश्मुद्दीन के उधार माँगे फोटो से अबतक किस तरह काम चलाता रहा । इससे मेरी छवि कितनी खराब बनी है कि कुछ भी कह पाना अशोभनीय होगा । महिला ब्लागर तो दूर रसिक पुरुष ब्लागर भी मेरे बाउंड्री के इर्द-गिर्द नहीं फटकते ।
श्रीमानजी से निवेदन है, कि कृपया मेरी प्रोफ़ाइल की यह फोटो मुझे लौटा दें, वरना मैं क्रियेटिव कामन्स का दरवाजे का हैंडल घुमा दूँगा ।
आपकी बची-खुची आँख सलामत रहे,
इन्हीं कामनाओं के साथ
आपका कनिष्ठ ब्लागिया - अमर कुमार
आँखों की गलत क़वायद करने से बचा कीजिए :)शीघ्र स्वस्थ होवें इसी कामना के साथ !
aap ke nishane par bhin sahitykar....savdhan rahiye,,,,yah ajeeb tarah ki prajati hai....
ek pankti soojhi hai
kase dikhte honge sameer lal
jab hongi unaki aankhen lal
आपकी रचना मैथिलीशरण गुप्त की याद दिलाती है।
'मैं इस धरती को स्वर्ग बनाने आया'-साकेत
बधाई
सर्वर इतना धीमा था कि आलोचक जी को तो देख ही नहीं पाया। हो सकता है रात को सपने में दिखें। वैसे अपने चेहरे पर चश्मा बड़ा फब रहा है।
ये टिप्पणी कुछ ज्यादा मजेदार लग रही है-
आपकी बची-खुची आँख सलामत रहे,
इन्हीं कामनाओं के साथ
आपका कनिष्ठ ब्लागिया - अमर कुमार
अमरजी, खिंचाई कर रहे हैं या सलामती दे रहे हैं, वैसे समीरजी को दोनों से परहेज नहीं है :)
aasha hai ab aapki aankhen achchi hongi....hairan pathak ka foto to kuch kuch hamare jaisa hi tha. ..aapka interview bhi jordar raha.
पाठक को बँदर
ब्लोगर को कुत्ता
बना दीये
समीर भाई
अब सावधान हो जायेँ
आलोचक की
चकाचक बकबक से -
:-)
बहुत अच्छा रहा ...
कवित्त भी और फोटू भी -
आँखोँकी सलामती के लिये
जीवदया नेत्रप्रभा -
स्नेह ,
- लावण्या
Samirbhai
Ankhen to Ratan hai, inhe samhaliye.
Enjoyed blog and interview.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
तबियत तो इधर भी खराब चल रही है । लेकिन साथ मे एक मोटा सा ग्रंथ तैयार हो रहा है ,आपके सिर पर पटकने के लिये ।
अकेले अकेले आप काफी पी आये , हमको भी साथ ले गये होते ,हम नमकीन से काम चला लेते :)
वैसे उसे पढ़कर एक अजीब सी अनुभुति हुई
पता नही क्यों
खैर ये जो साहित्यकार का चलता फ़िरता फ़ोटू आपने लगाया
वह मन को बहुत भाया
आपने हम लोगो को सजा हुआ कुत्ता दिखाया
यह देख मन हर्षाया
कि हम अकेले नही हैं
इन्सानों से तो आपने मिलवा ही दिया लेकिन कुछ पर मुझे शक है
:)
एक बात और कि ये जो कम सोते है इसको सुधारिये
कम से कम 6-8 घंटे स्वप्न्लोक की सैर कर लिया कीजिये ।
और अपनी आँखों को गलत जगह मत प्रयोग कीजिये । उमर हो गयी है कुछ तो शर्म कीजिये
कम सोने से आँखें बोल गई है
जैसे कम बोलने से मेरी पड़ोसन मुझे बोल गई है
दुआ करे्ंगें किे आप जल्द ठीक हो … अगर मौका मिला तो :)
दुआ का क्या दवा तो चल ही रही होगी … :)
अभी तक आप जग रहे है…
जाइये अब तो सो जाइये …
यहाँ तो सुबह हो आई है
और मेरे सोने का समय हो चला है
सोने से पहले सोचा कि कुछ टालम टूली किया जाय
:)
कृपया आँखों की देखभाल करे और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे . इस उम्र में आंख से सही काम लिया कीजिये.टकटकी लगाकर किसी को भरपूर नजरो से न देखे तो आंख आ जाती है . क्योकि सूक्ष्म अवलोकन करना आपकी आदत में शामिल है जोकि आपके ब्लॉग को पढ़कर जाना जा सकता है . फोटो जोरदार लगी . २३ तारिख के बाद आज पोस्ट को पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
humne to ek bhi photo nahi dekhi.....hmmm..
sunder hai.
फ़ोटोस देखते ही अपनी भी हंसी छूट गयी, हमें तो ब्लोगर और पाठक की तस्वीर देख कर मजा आ गया…ग्रेट सेंस ओफ़ ह्युमर्॥ आप के स्वास्थय की मंगल कामना करते हुए
nazar ko nazar ki nazar se na dekho'
nazar ko nazar ki nazar lag jayegi.
kiarn devi se anurodh karta hoon ki jald hi aap swasth ho jayen.
NAZAR ko NAZAR ki NAZAR se na deko,
NAZAR ko NAZAR ki NAZAR lag jayegi.
aankh devi se gazarish karta hoon ki aapki NAZAR lagi aankh ko jald thik kar de.
ये रही फिफ्टी…(५०वीं टिप्पणी)… आँखें सलामत रहें क्योंकि आप हम सब के आँखों के तारे हैं
ये रही फिफ्टी…(५०वीं टिप्पणी)… आँखें सलामत रहें क्योंकि आप हम सब के आँखों के तारे हैं
आंखो को राहत दीजिये जनाब, सुना है सुन्दर... महिलाओं को बहुत देखती खोजती रहती है। बस किसी आशिक की नजर ही लगी होगी। बकिया आप खुद समझै गये होंगे..
जीवदया नेत्रप्रभा मिलती है कि नहीं टोरंटो में, कहिये तो भिजवा दूं?
:)
एक ओर आप गम्भीर पोस्टें लिखते हैं, दूसरी ओर इतना सधा हुआ हास्य। यह विलक्षण प्रतिभा बहुत कम लोगों में देखने को मिलती है।
khub khinchai ki aapne...bilkul aisa hi mahol hain...mahol ka to pata nahi kab thik hoga...par aap jaldi durast ho jaye ye hi shubhkamna...
हँसते हँसते ध्यान आया कि आपकी आँखों को किसी की नज़र लग गई है..अगर घरेलू इलाज पर यकीन हो तो काली चाय के पानी को रूम टैम्परेचर पर ही रख कर उससे आँखों को धोते रहिए. हर बार ताज़ी चाय होनी चाहिए. दिन मे 2-3 बार करके देखिए.. राहत मिलेगी.
" hope u will get relief from your eyes pain very soon, wish u goodluck"
Regards
कमाल के चित्र चिपकाएँ हैं आपने.ऐसे दिमाग पर टंक गई कि अब इनसे सम्बंधित किसी से भी बात /संपर्क हुआ तो यही तस्वीर सामने आएँगी.
JAldi se theek ho jaiye sameer. aur aur achi achi cheeze likhte rahiye
New Post - Roz Roz Aankhon Tale : My Favorite
"....ginwaane aayaa hun"!Bohot khoob !
Shama
sameer ji,
aap apna e mail id de sakte hai please.....kuch poochna tha....thik lage to..
swati
atisundar !!! post, aapke swasthya labh ke lie shubechha.
समीर साहब,
आपकी तबीयत ठीक न होने पर
आप सब की तबीयत ठीक कर देते हैं
इसका सुबूत है मौजूदा पोस्ट......!
आप ये सब कैसे कर लेते हैं ?
=============================
शुक्रिया
डा.चन्द्रकुमार जैन
Coffee with kush ke aage, kuchh tipiyane bacha kahan ?
Fir bhee hamari or se lal-n-bavaal.blogspot.com par apnee taarif padh lijiye aur doston ko padhva dijiye.
बहुत ही अच्छे संदर्भित फोटो ।
aapki aankh zaldi theek ho jaye yahi dua karte hain
ha ha ha..kya photo hai
उड़नतश्तरी की उड़ान जितनी सोचो हर बार उससे तेज़ निकलती है. अच्छा-खासा मसाला है टालम-टुली के लिए.
आपका इंटरव्यू भी जबरदस्त लगा. बधाई.
arry aap bimar hai tabhi main kahun ki aap hai kaha aajkal ?
aaram zaruri hai sameer ji
aapka andaaz hamesha hi alag hai
itni muk bhasha main itni baaten samjhana aapko hi aa sakta hai
jaldi se sehatmand hokar loute
ब्लागर् बड़ा हसीन् है। एकदम् करमचंद् जासूस् सा!
इस पर तो हम टिपिया गए थे जी , पर इस बार एक लाखवी पोस्ट तलाशते हुए ला पटके गए हैं। अनूपजी की बात से सहमति जताते हुए रुख़सत लेते हैं ।
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