आज एक ई-मेल के माध्यम से प्राप्त जानकारी से लगता तो है कि क्रिकेट विश्व कप २००७ भारत को ही मिलना चाहिये.
सारे तथ्य उसी ओर इशारा कर रहे हैं, अब इसे देखें (कल २३ तारीख के पहले देख लेना शायद उसके बाद देखने की जरुरत ही न पड़े :)) :
वर्ष १९८१:
१.प्रिंस चार्लस की शादी हुई
२.यूरोप फुटबाल चेम्पियनशिप में लिवरपुल चेम्पियन
३.आस्ट्रेलिया एशेज ट्राफी हारा
४.पोप की मृत्यु
५.१ वर्ष बाद इटली फुटबाल का विश्व विजेता
६.२ वर्ष बाद भारत विश्व क्रिकेट कप विजेता (वेस्ट इंडिज को हैट्रिक बनाने से रोका)
वर्ष २००५:
१.प्रिंस चार्लस की शादी हुई
२.यूरोप फुटबाल चेम्पियनशिप में लिवरपुल चेम्पियन
३.आस्ट्रेलिया एशेज ट्राफी हारा
४.पोप की मृत्यु
५.१ वर्ष बाद इटली फुटबाल का विश्व विजेता (२४ वर्षों बाद)
६.२ वर्ष बाद भारत विश्व क्रिकेट कप विजेता (आस्ट्रेलिया को हैट्रिक बनाने से रोका)??
बड़ा अच्छा लगा भाई पढ़कर.
सुना है मैने, इतिहास अपने को दोहराता है
तुम्हारी हालत देख, यकीं नहीं आ पाता है.
काश. कोई करिश्मा ऐसा हो जाये अब तो
दिखा दे कि विश्वास, नाहक ही डगमगाता है.
अनेकों शुभकामनायें......
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गुरुवार, मार्च 22, 2007
विश्वकप-लगता तो भारत का है
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21 टिप्पणियां:
ab ese hi dilaaso ki jarurat hai :)
dhanyavad. kuchh raahat mili
आपके मुंह में घी शक्कर
काश ऐसा हो.......
मेरी शुभकामनाएँ :)
बस जी बस हो गया.. चलो रे मुन्नु मिठाई का डब्बा ला.. खोलो जी.. लड्डु लाओ.. बोतल खोलो भई.. समझो हो ही गया... :)
विश्वकप जीतने पर बधाई।
:)
हे रब्बा काश काश काश एसा ही हो और भारत जीत जाए - और आपके मूंह मे घी ही घी और शक्कर ही शक्कर :)
dil ke khus rakhne ko ghalib ye khayal accha hai :)
अच्छा है। अब नही भी जीतेंगे तो सर ऊँचा करके ये तो कह सकेंगे कि था तो हमारा ही, कोई और ले गया तो क्या।
लगता है लालाजी ने मैच फिक्स करवा लिया है कल वाला, तभी आगे के कलकुलेश्नस पर काम कर रहे हो। क्यों लालाजी, कित्ता लगाए हो?
हम तो भैया इत्ता जाने है, कल का मैच निबटा लें, फिर भले अगले दौर मे लौट आए, अगर इस दौर मे लौटे तो बहुत पिटेंगे ये लोग।
अच्छी बात है, कल जीत जाये तो माल लेगें की वर्ड कप भारत का हो जायेगा
कल्कूलेसन में मिष्टिक है समीर जी. पोप की मृत्यु १९८१ में नहीं १९७८ में हुई थी.... अब विश्व कप कैसे हाथ आयेगा? हाय रे, कल्कूलेसन में गलती करो आप और भुगतें हम सब!
आमेन। मेरा मतलब है "ऐसा ही हो"
यार अमित भाई
यह तो बड़ा गजब हो गया. कहीं यह सब हार का ठीकरा हमारे ही सर न फोड़ दें...वैसे ५ पाईंट में से ४ अभी भी सही बचे हैं...शायद काम कर जायें ६ ट्वें को सही कराने में...बड़े ध्यान से पढ़े भाई :).
जीतू भाई
लगाये तो सालिड हैं, अभी तो भाव भी तेज है...जीत गये तब तो नार्मल आ जायेगा... :)
समीर जी, हेलमेट लगा के रखिये, बड़े से बड़ा ठींकरा आपका कुछ नहीं कर सकता! वैसे यह ठींकरा होता क्या है? नारियल से भी सालिड कुछ चीज़ होती है क्या?
अमित भाई
ठींकरा --यह शब्द भी यहीं चिट्ठाजगत में आकर पता चला. नारियल से ज्यादा वजनदार दिखता है तो आजकल प्रचलन में ले लिया है.. हा हा :)
समीर जी, ठींकरा शब्द चिट्ठाकार तो क्या बी.बी.सी. वाले भी समाचारों में प्रयोग करते हैं. दुआ कीजिये कि एक दिन ठींकरे के साक्षात दर्शन हो जायें.
समीर जी, तबियत का ख्याल रखीयेगा, यदि जीत गया भारत तो आपका वजन घी-शक्कर से बहुत बढ जायेगा :))
देखें किस की भविष्यवाणी सही होती है आज के दिन ?
ठीकरा : जो सर पर लगे और जोर का बजे वो ठीकरा। अमितवा के सर पर भी एक ठो ठीकरा फोड़ना पड़ेगा, तभी ऐका समझ मे आयेगा। वो कहते है एक्पईरिएन्स इज द बैस्ट टीचर।
लालाजी, थोड़े पैसे आगे के लिए भी बचा के रखो, अभी मत खर्च कर देना।
लगा दी न टोक
अब करो 4 साल इंतजार
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