“हैल्ल्लो!!! यह है तरकश हॉटलाईन!!! और मैं खुशी बोल रही हूँ..आपसे मेरा सवाल है…..” यह आवाज सुनते ही अच्छे अच्छे धुरंधर चिट्ठाकारों के माथे पर पसीने की बूँद छलक आती है और शुरु होती है-खुशी के प्रश्नों की बौछार. कभी व्यक्तिगत, फिर चटपटे और फिर रेपिड फायर राऊंड और फिर चिट्ठाकार के जीवन साथी से बातचीत. कितना कुछ घट जाता है उसी पाँच मिनट के अंतराल में और तब सभी चिट्ठाकार पॉडकास्ट के माध्यम से सुनते हैं अपने पसंदीदा चिट्ठाकार से खुशी की अंतरंग बातचीत.
बहुत मजेदार और अनोखा सिलसिला शुरु किया है तरकश टीम ने और उसकी बागडोर संभाली खुशी ने. हर नये पॉडकास्ट के साथ खुशी की आवाज में एक नया आत्मविश्वास आता जा रहा है, वहीं चिट्ठाकारों की हालत खराब होती जा रही है, वक्त पर जवाब ही नहीं बन पाता. :)
हर १५ दिन में एक नया चिट्ठाकार खड़ा होता है खुशी की अदालत में…और इस बार इसी क्रम में सुनिये अपने पसंदीदा, जिंदादिल नौजवान चिट्ठाकार साथी रवि रतलामी और उनकी पत्नी रेखा रतलामी जी को…तरकश हॉटलाईन पर-खुशी के साथ.
रवि रतलामी से बातचीत
तैयार रहिये-क्या पता, अगला नम्बर आपका हो!!
सोमवार, मार्च 26, 2007
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें