समाचार पत्रों से ताजा खबर ये है कि ब्रिटेन
में 5 पाउंड के नोट पर विवाद हो गया है, इस नये प्लास्टिक नोट में बीफ की वसा का
प्रयोग किया गया है, जिसे TALLOW
कहते हैं. इस समाचार का पता चलते ही शाकाहारियों ने तीखा विरोध दर्ज
कराया. इन
नोटों के विरोध में करीब एक लाख लोगों ने पिटीशन साइन किया है.
खैर, ब्रिटेन के सिखाये तो हम शुरु से हैं. चाय
से लेकर संविधान तक. तो इस प्रयोग ने भी एक विचार दे ही दिया. भ्रष्टाचार मुक्त
भारत में अब नये बड़े प्लास्टिक वाले नोट ऐसे लाये जायें जिसमें बीफ और पोर्क की वसा
का इस्तेमाल हो. अब भ्रष्टाचारी चूँकि रुपये खाता है, घूस खाता है अतः एक बड़ी
आबादी तो इसे नहीं खायेगी और नोट खाने खिलाने की समस्या यूँ ही चुटकी बजाते ही
खत्म हो जायेगी. बाकी जिन्होंने इसे मेहनत से कमाया है वो इसका इस्तेमाल वैसे ही
धड्डले से करेंगे जैसे अपने पर्स, जूते या अन्य लेदर के आईटम का करते हैं.
इस्तेमाल से भला किसी को कहाँ गुरेज? निषिद्ध तो खाना है. फिर भी कुछ लोग तो बीफ
और पोर्क खाते ही हैं मगर उनकी संख्या हमारे देश में कम ही है तो उन्हें आसानी से
धर पकड़ लेंगे.
वैसे भी हम नोट के लिये कागज तो आयात करते ही
है, तब ऐसे प्लास्टिक के नोट की छपाई के लिए भी
प्लास्टिक विदेश से आयात कर लेंगे. पाप भी नहीं पड़ेगा कि हमने बीफ और पोर्क
की वसा मिलाई.
सलाहकारों के देश में, जहाँ इन दिनों हर पान की
दुकान पर ऐसा लग रहा है कि अर्थ शास्त्रियों और सलाहकारों का जमावड़ा लगा है, यह एक
सलाह हमारी भी जोड़ ली जाये.
प्लास्टिक के नोटों का छपना छपाना तो वक्त के
साथ हो ही जायेगा. जनता को भी आदत पड़ ही गई है बदलाव की घोषणा सुनने और लाईन में
लग कर नये नोटों के इन्तजार करने की. एक बार और सही मगर इलाज पुख्ता हो जायेगा.
अगर किसी को इन प्लास्टिक के नोटों के इस्तेमाल
से भी परेशानी या परहेज हो तो उनके लिए अन्य रास्ते हैं न..मोबाईल बैंकिंग, कार्ड
और ढ़ेरों तरीके अभी नये आ रहे हैं.. सलाहें नित आ रही हैं..सलाहकारों का देश है..चिन्ता
की क्या बात है?.
-समीर लाल ’समीर’
भोपाल
के सुबह सवेरे में ५ दिसम्बर,२०१६ के अंक में प्रकाशित
4 टिप्पणियां:
UK ke Kaee Mandiron Mein Paanch Pound Ke Note Chadhaana Varjit Hai .
सही सलाह :)
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (09-12-2016) को नहीं ठोक पाया कभी, वह तो अपनी पीठ; चर्चामंच 2551 पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया राय :)
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