लड़कियों का दिवस है. बेटियों का दिवस है. कुछ ईमेलों पर इच्छा जाहिर की गई कि बेटियों के इस दिवस पर आप अपनी कलम से कुछ लिखें. इस दिशा में भी उड़न तश्तरी की उड़ान देखने की हार्दिक इच्छा है. अब, क्या करुँ? कईयों से सुझाव मांगे कि इस विषय पर आखिर क्या लिखूँ- कोई भ्रूण हत्या पर लिखने को कहता, कोई दमन पर, कोई कुछ-कोई कुछ.
शाम होने को आई मगर कुछ समझ ही नहीं आया. पत्नी बीमार है, समय भी ज्यादा नहीं मिल पा रहा कि ब्लॉगजगत में ही झांक लूँ और देखूँ, बाकियों ने क्या लिखा है. बस, फिर सोचा कि जो जमाने में देख रहा हूँ वो ही लिख देता हूँ:
जीरो साईज़ के लिए फेमस: करीना
कैसी चढ़ी जवानी बाबा
मस्ती भरी कहानी बाबा
भूखी रहकर डायट करती
फीगर की दीवानी बाबा
कमर घटायेगी वो कब तक
जीरो साईज़ ठानी बाबा
सिगरेटी काया को लेकर
सिगरेट खूब जलानी बाबा
डिस्को में वो थिरके झूमे
सबको नाच नचानी बाबा
सड़कों पर चलती है ऐसे
हिरणी हो मस्तानी बाबा
लड़के सारे आहें भरते
सबके दिल की रानी बाबा
गाड़ी लेकर सरसर घूमें
ईंधन है या पानी बाबा
बॉयफ्रेंड सब भाग लिये हैं
खर्चा बहुत करानी बाबा
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
-समीर लाल ’समीर’
बेटियों के इस विशेष दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
रविवार, सितंबर 28, 2008
जीरो साईज़ ठानी बाबा!
लेबल:
कविता,
नव-कविता,
बधाई,
हास्य-विनोद,
hasya,
hindi laughter,
hindi poem,
kavita,
poem
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
97 टिप्पणियां:
चौथेपन में एसे फोटू
मत कर ये नादानी बाबा
खूब लिखा। शुरू में मस्ती ही मस्ती लेकिन आखिरी पंक्ति ने दिल को छू लिया।
बाबा रे बाबा .....एतनी नीमन(अच्छी) पोस्ट.....और हम न टिपियायें.....ना रे बाबा।
और ये जो कहा है..ईंधन है या पानी बाबा...काफी अच्छा लगा।
यह जीरो साइज पहले नहीं मालुम था - जीरो बेस की प्लानिंग सुनी थी।
जीरो साइज का अलग मजा है जो हम जैसे फुल साइज वाले - हम अपने वजन में दो डालडा के पीपे एक्स्ट्रा लिये घूमते हैं - क्या जानें!:D
मस्त लिखा है आपने। मजा आ गया।
"लड़के सारे आहें भरते
सबके दिल की रानी बाबा"
मुझे तो ये अच्छा लगा...
शानदार
गाड़ी लेकर सरसर घूमें
ईंधन है या पानी बाबा
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
समीर जी, आपका बेबाकपन और समसामयिक विषयों पे इतनी सहजता से बातें कह जाना काबिले - तारीफ है.
गाड़ी लेकर सरसर घूमें
ईंधन है या पानी बाबा
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
समीर जी, आपका बेबाकपन और समसामयिक विषयों पे इतनी सहजता से बातें कह जाना काबिले - तारीफ है.
मज़ा आ गया. "ज़ीरो फिगर" से कुछ पुरानी यादें ताजी हो गयीं. मैं चला लिखने.
सस्नेह
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
" ha ha ha ha aapka bhee jvab nahee, these lines are very toucing and emotional" Wish your wife early recovery.
Regards
पद्य विधा ज्यादा अच्छी है
इसमे ही लिखा करो बाबा,
क़तरा-क़तरा दो-दो लाइन से
बात हो जाती रोचक ज्यादा.
एक बात तय है. उड़न तश्तरी की ये उड़ान देखने के बाद अब अगले बेटी दिवस पर कोई रिक्वेस्टिया ईमेल नहीं आयेगी. :-)
खूब लिखा है, बाबा रे बाबा.
प्यार भरा है, बाबा रे बाबा.
लोकप्रिय बहुत लेखन है,
रस मिलता है, बाबा रे बाबा.
No comments !
बहुत बढ़िया हजूर
समीर भाई , ठीक कहतें हैं ..जीवन का यह भी तो एक रंग है, जिसे कहाँ से अनदेखा करें और कैसे भुलाएँ. आपकी तारीफ़ इस बात पर है कि बगैर लोक कथ्य की सोचे बेलाग लिख देते है. इसमें भी सन्देश छुपा है..मुझे तो दिखा.
छा गये गुरुजी। इस उमर मे भी छा गये।
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
yahi sach hai.
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
यह पंक्ति बहुत पसंद आई मुझे ..
क्या बात है बाबा! :)
ई का ?ई क्या ठेल दिया आपने ????
लगता है भाभीजी बीमारी के कारण आपका ब्लाग पढ़ नहीं पा रही हैं नहीं तो आप को दो लाइनें और बढ़ानी पड़तीं
इतना मारा है बेलन से
उतर गया सब पानी बाबा
अच्छी है ।
भाभीजी जल्दी से स्वस्थ हो जाए यही भगवान् से दुआ है ।
आज कल बड़े शायराना अंदाज में आ रहे हैं.....बढ़िया लग रहा है. बेहतरीन.
भइया उड़न तश्तरी जी फिलहाल तो आपकी उस कमेन्ट पर मुवारक वाद जो आपने किसी के लेख पर दी है "जाकर प्रोत्साहन के दो शब्द कह आते ,चाँद न आए न सही हम ही हो आते ,वही वाह कमाल है
alok puranik to me
show details 11:12 pm (6 hours ago)
हाय हाय
येसे फोटू।
अब तो कीर्तन, प्रवचन के फोटू देखिये। करीना पर फोकस कम कीजिये।
समीर जी,
पता नहीं आप इतने सारे काम इतनी जल्दी कैसे कर लेते हैं.. कल ही टीवी पर करीना का यह कार्यक्रम देखा और रात रात में आपकी कविता भी आ गई..
इस जीरो साईज और 45 सेकेन्ड के सीन (विकनी वाला)के लिये करीना ने एक साल तक सूप सलाद और जूस से काम चलाया..
और सैफ़ की प्यास और बढा दी मगर करीना के लिये फ़िल्मे उसका पहला प्यार है और उस पर वह कुछ भी न्योछावर कर सकती है.. :)
दिल को छू लिया बाबा .....
आपकी लेखन शैली का नहीं है कोई सानी बाबा
कविता में क्या खूब दिख रही शब्दों की रवानी बाबा
अच्छा तो अब चलता हूं, बहुत है टिपियानी बाबा :)
बेबस बाप देखता जाए
बेटी की करतूतें बाबा
दूसरों से अलग थलग यह अंदाज भी अच्छा लगा -समीरस्य काव्यम अखिलं मधुरं !
vartmaan parivesh me saari chhavi hi matiyamet ho gai
achha likha hai
यह भी खूब रही बाबा !!
सहजता और आसानी से कविता कहने में आपको महारथ हासिल है..
ईश्वर आपकी लेखनी यूँ ही विराजमान रहें बाबा ...
बधाई
बस इतना ही कहूँगा की,
पढने में बहुत मजा आया
but it's truth...
.
बेटियों की मैं साइज़ न देखता
मज़बूरी है उनका तो बाप हूँ बाबा
गुरुदेव , बेटियों की बचपने से लेकर सारी शरारते गिनाते हुए विदा कराकर मुर्दानी भी फैलादी ! बहुत सुंदर भाव लगे मुझे तो ! बहुत धन्यवाद!
बेबस बाप देखता जाए
बेटी की करतूतें बाबा
बहुत बेहतरीन कविता ! फोटू तो और भी बेहतरीन !
धन्यवाद !
सिगरेटी काया को लेकर
सिगरेट खूब जलानी बाबा
वाह वाह गुरुदेव ! बलिहारी आपकी !
भूतनाथ के प्रणाम स्वीकारें !
वाह! वाह!
समीर भाई बढ़िया कविता लिखी. एक कविता में न जाने कितनी कितनी कहानियाँ...
टिप्पणी करने बहुत नीचे आना पड़ा। देरी की सजा। रचना सुंदर है।
कैसी चढ़ी जवानी बाबा
मस्ती भरी कहानी बाबा
भूखी रहकर डायट करती
फीगर की दीवानी बाबा
कमर घटायेगी वो कब तक
जीरो साईज़ ठानी बाबा
फोटो के साथ उपरोक्त लाइनों के बीच गजब का सामंजस्य बैठाया है कैसी चढ़ी जवानी बाबा
मस्ती भरी कहानी बाबा........ अपनापन बड़ा
अनुभवी होता है सबके बीच सामंजस्य बैठाल ही देता है .समीर जी अब तो शब्द ही नही निकल रहे है बहुत
वाह जी वाह क्या कहने आपकी रचना के।
किसकी टोपी किसके सर !!
नही है आपकी सानी बाबा !
हा हा हा ..............
प्यार भरी ये टिप्पणियां उम्र क्यों याद दिलातीं बाबा।
शब्दों पे ना जाकर, भावनाओं को समझ ले बाबा।
पहले तो लिख दे कह कर झाड़ पर चढ़ा देते बाबा,
फिर क्यूं मौका पा झट सीढ़ी हटा लेते बाबा।
अब माड़साब की क्लास में डाँट कम लगेगी
पत्नी घर में बीमार हैं। उनकी तीमारदारी छोड़ के करीना की फोटॊ देखी दिखवाई जायेंगी तो कैसे वो ठीक होंगी। उनके करेजवा में तीर न लगेगा! कुछ तो सोचा होता बाबाजी!
दिन भर का थका हारा शाम घर लौटा और अभी-अभी सिस्टम खोला तो आप बिराजित मिले । गजल पढी । आनन्द आ गया । थकान मिट गई । शुक्रिया बाबा ।
आज देरी से कमेंट कर रहा हूं बाबा..
आज ना होगी मुझे परेशानी बाबा.. :D
आपकी कविता में वाचन के ये गुण अदभुत है। बस पढ़ता ही चला गया। मजेदार।
मजेदार
सुन्दर रची कहानी बाबा
सच्ची सुधरी बात हे बाबा
सती ओर सीता के देश मे बाबा
मन्थरा ओर ककेयी का राज हे बाबा
धन्यवाद, आज तो मन खुश हो गया, मेरे दिल की कविता हे आप ने लिख मारी
ये शोखियाँ ये बांकपन जो तुझमें है कहीं नहीं.
दिलों को जीतने का फन जो तुझमें है कहीं नहीं.
कमर घटायेगी वो कब तक
जीरो साईज़ ठानी बाबा
very nice sir plz visit my blog regularly
बेटीयाँ आग ईँधन पानी फितरत कुदरत और सभी का समिश्रण हैँ और जब पिता से बिछुडतीँ हैँ
तब आँसू की धारा बहती है ..साधना जी को स्वास्थ्य लाभ हो शीघ्रताशीघ्र यही कामना है -
और ...
करीना का ब्याह हो जाये ;-)
- लावण्या
छोड़ "सैफ" को भागी आयी
करिना तेरी हुई दीवानी बाबा
‘उड़न तश्तरी’ है मड़राती,
देखो हुई दिवानी बाबा।
टंकी से लो उतर गयी है
भूली रीत लजानी बाबा॥
फुलसाइज तो चुस्त हो रही
जीरो साइज लानी बाबा।
कार्तिक मास लगा है लेकिन
‘फागुन’ कहे कहानी बाबा॥
समीर जी... आलोक पुराणिक जी से पूछिए की ऐसा उनके पास क्या है जो आप के पास नहीं? अरे जब वो करीना को जब चाहे देख कर आहें भर सकते हैं तो भला आप को अभी से कीर्तन आदी करने की सलाह क्यूँ दे रहे हैं...अभी तो आपके खेलने खाने के दिन हैं अभी से हरी भजोगे तो कैसे काम चलेगा? आप तो खूब दिखईये जी कोनो चिंता मत कीजिये...हम हूँ ना. हाँ कविता नुमा ग़ज़ल खूब मजे की लिखें हैं आप.
नीरज
क्या है मन में ठानी बाबा
sameer jee
namaskaar
zero size thaani baba
nishchit roop se ek smajik
vidroopta par likhi rachna hai
iski jitni prasansha ki jaye kam hai.
Dr. Vijay Tiwari " Kislay "
J A B A L P U R
sameer jee
namaskaar
zero size thaani baba
nishchit roop se ek smajik
vidroopta par likhi rachna hai
iski jitni prasansha ki jaye kam hai.
Dr. Vijay Tiwari " Kislay "
J A B A L P U R
जीरो साइज बाला पर इतना भारी भरकम कवित्व जड़ दिया आपने....यह तो घोर आन्याय है.
लेकिन दाद देनी पड़ेगी.....क्या पीस खोजकर लाये और उसपर इतना सटीक लिख दिया....लाजवाब.
are gurudev man gaye aap ki parkhi najar ko. ati sundar.
नीरज भाई,
मेरी तरफ से दो त्वरित पंक्तियाँ इसी तर्ज पे-
जितना भी वो खर्च कराये।
लगती बसुत सुहानी बाबा।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
धन्य है महाराज आप। बहुत खूब रहा जीरो साइज पर आपका ध्यान
इस उम्र में भी ये जिज्ञासा
मत कर ओ ठानी बाबा
बहुत खूब
behtareen likha hai...
हमेशा की तरह ज़ोरदार तरीक़े से बात कही है आपने... लेकिन इससे आप पतलापा-विरोधी जान पड़ते हैं। मोटापा-विरोधी टाइप जान पड़ने के लिए भी एक कविता लिखी जाए।
शीर्षक पढ़कर मैं तो दुखी हो गई, कहीं उड़नतस्तरी बाबा ही तो जीरो फिगर (फीजिक) बाबा नहीं बन रहे और चिंता के मारे जैसे ही ब्लाग पर आए तो जान में जान आई कि ये तो करीना की बात हो रही है।
आप हिन्दी की सेवा कर रहे हैं, इसके लिए साधुवाद। हिन्दुस्तानी एकेडेमी से जुड़कर हिन्दी के उन्नयन में अपना सक्रिय सहयोग करें।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥
शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों। हार्दिक शुभकामना!
(हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सिगरेटी काया को लेकर
सिगरेट खूब जलानी बाबा
डिस्को में वो थिरके झूमे
सबको नाच नचानी बाबा
वाह जी वाह
सबने लिखा है खूब बाबा
अब मैं क्या लिखूं बताओ बाबा
कर रहा है मेरा भी मन लिखने को
लेकिन लिखूं क्या समझ नहीं आता बाबा
sundar rachna hai...
आपको ईद और नवरात्रि की बहुत बहुत मुबारकबाद
sahaj shabdon mein achchi lagi aapki baat.
bahut jor dete ho baba
hotel bhi ban jaye dhabaa
ladkion ke matargasti hay
ghar bhar ko rula jati ......tauba
प्रणाम समीर जी,
बेटी दिवस पर खूब लिखलबा
बाप का दिल जलावत बाबा
बड़े शहर की माडर्न बेटी,
सचमुच ई तो हकीकत है बाबा
बाबा रे बाबा !!!!
जीरो की महिमा अपरंपार
बहुत बढ़िया। आनंद आ गया
बहुत खूब। बाबा की टेक दिल को छू गयी। इसे मैंने भी अपने एक गीत में इस्तेमाल किया है। निम्न शेर बहुत अच्छे लगे-
भूखी रहकर डायट करती
फीगर की दीवानी बाबा
डिस्को में वो थिरके झूमे
सबको नाच नचानी बाबा
बॉयफ्रेंड सब भाग लिये हैं
खर्चा बहुत करानी बाबा
शादी करके हुई विदा वो
छाई है मुर्दानी बाबा!!
kuchh logon ke blog se ek khas ummid judi rehti hain...jismein khas to in 3 ke blog se rehti hain... Aap, Dr. Anurag, Kushbhai...
Juthi taarif nahi kar paunga...lekin sarkar...is baar maza nahi aaya...shayad logo ki ummid aur guzarish ke dabav tale aap ne bas likh diya...
neways...aap ki patni ki tandurasti ki shubhkamnayein...
हा, हा, हा,
मज़ा आ गया समीर जी,
वाह वाह
आपकी यू.एफ़.ओ. कविता का जवाब नहीं।
मेरी मौसेरी बहन को ये ज़ीरो साइज़ का फितूर लग था. 2 दिन केवल चाय पर ज़िन्दा रही थी. तीसरे दिन पहले डान्ट खाई फिर खाना :)
एक बात कहना भूल गया. बहुत मूड खराब था, इसलिये आपका ब्लाग पढ्ने आया :)
अब ठीक है. शुक्रिया!
बहुत अच्छा लीखते हैं। पढ के मजा आ गया।
!दिवाली की ऎडवांस सूभकामनायें!
बहुत अच्छा लीखते हैं। पढ के मजा आ गया।
!दिवाली की ऎडवांस सूभकामनायें!
अब इतने सारे कमेंट्स के बाद अपन तो बस यही कहेंगे...मजा आ गया।
bas fir vahi, soch raha tha thori or padhne ko mil jata to kitana achha hota , apke lekhni ke ham jaise logon ko ek aadat si ho gai hai,. fir bhi bahot hi accha hai dhnyabad,
छोरी तो दीवानी बाबा..
भारत पानी-पानी बाबा..
माया के इस इंद्रजाल में,
चलती है मनमानी बाबा..
बाबा जी की जय हो
बहुत बहुत शुक्रिया
तबीयत खुश कर दी आपने
वीनस केसरी
छोरी तो दीवानी बाबा..
भारत पानी-पानी बाबा..
माया के इस इंद्रजाल में,
चलती है मनमानी बाबा..
मस्त करीना, मस्त समीरा,
मस्ती आनी-जानी बाबा..
जिनको होटल भाते, उनको,
घर है काला-पानी बाबा..
चार दिनों की है ससुरी पर
जालिम बड़ी जवानी बाबा
कितनी सुंदर पेश करी है
तुमने जी ये कहानी बाबा
फ़ैशन के इस दौर में दिखती
ये जानी पहचानी बाबा
छोड़ रहें हैं अब हम इसपर
कमेंट की ये निशानी बाबा
जो सबको ही बतलाता हो, उसको क्या समझानी बाबा ?
ऊँची उड़ती उड़न-तश्तरी, नीचे क्यूँकर लानी बाबा ?
जीरो साइज दिखा ही नही लेकिन लिखावट मे झलक मिल गयी :)
हैं ! आप भी? मुझे तो लगा की काया पर नज़र बस हमारी उम्र की चीज है :-)
इस उमर मे ऐसी पोस्ट
बुढापा है या जवानी बाबा
हमें तो पानी पिला दिया रे
अब तू ही गिलास उठा ले बाबा
इस उमर मे ऐसी पोस्ट
बुढापा है या जवानी बाबा
हमें तो पानी पिला दिया रे
अब तू ही गिलास उठा ले बाबा
Achchhi kahi kahani baba
Kavita hai mastani baba
Magar kayi baton ko likhne me ki hai beimanimbaba
Ham hain hindustani baba
Kuchh Achchha bhi kaho sath me pragati lekh ki bani baba
Ladhi ki kurbani baba
एक टिप्पणी भेजें