हे कुता जी महाराज, आज न काटना. विधायक जी शहर के बाहर हैं. यह आम पुकार आपको शीघ्र गली मुहल्ले नुक्कड़ पर जल्द ही सुनाई देने लगेगी.
सुना था कुता काट खाये तो चौदह मोटे मोटे इंजेक्शन पेट में लगवाना पड़ते हैं और उस कुत्ते को, जिसने काटा है, खोज करके उस पर नजर रखनी होती है. अगर चौदह दिन में वो मर गया तब मामला मोटा हो गया समझो. तब लोग जिस कुत्ते ने काटा उस पर और उसके चारों ओर नजर दौड़ाते थे उसके हाव भाव देखने के लिये.
आज मामला बदल गया है. कुत्ता काट ले तो कुत्ते पर तो बाद में नजर रखी जायेगी और क्षेत्र के विधायक पर पहले. अगर विधायक नहीं मिला तो मरना तय ही समझो. कुत्ता न मिले चल जायेगा. आज कुत्ते के काटने पर उससे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट विधायक जी हो गये हैं. और कुत्ते से उपर उन्हें सम्मान नवाजने का कार्य किया है झारखण्ड सरकार ने. अभी अभी समचार सुनता था जिसमें झारखण्ड सरकार ने नया निर्णय लिया है:
अगर किसी को कुत्ता काट ले तो उसे इन्जेक्शन लगाने के पहले क्षेत्रिय विधायक की मंजूरी की आवश्यक्ता होगी.
हद है. कुत्ता काट ले और विधायक महोदय विधान सभा का सत्र अटेन्ड करने राजधानी में हों, तब तो फिर भी पकड़ सकते हैं मगर यदि वो अपनी उन के साथ सिंगापुर घूम रहे हों या किसी अज्ञात स्थली के भ्रमण पर हों, तब??
बस एक ही रास्ता बचेगा कि कुत्ते की पूजा की जाये कि हे प्रभु, विधायक महोदय के आने तक न काटना या मरना. एक बार जब वो तुम्हारा स्थान ले लें फिर चाहे तुम मरो या जिओ, कोई अंतर नहीं पड़ता.
किसी ने पूछ ही लिया कि जैसे ही कुत्ते ने आपको काटा, आपके मन में क्या आया? आपको किसकी याद आई?
अनायास ही मेरे मुँह से निकल पड़ा-मुझे विधायक महोदय की याद आई!!
क्या बात है कि काटे कुत्ता और गाली निकले विधायक के लिये कि इस समय कहाँ निकल गये.
यूँ तो सही है कि दोनों ही ढ़ूँढ़े नहीं मिलते वक्त पर.
वैसे तो यह भी शास्वत सत्य है कि नेता मौके पर नहीं मिलते. सिद्ध करना चाहते हैं तो कुत्ते से कटवा कर देख लिजिये. विधायक जी शहर में नहीं मिलेंगे.
फिर भी महा-मृत्युंजय जाप की तरह, इस दोहे को गुनगुनाते हुए गलियों में घूमने में कोई बुराई नहीं है:
कुता जब भी काट ले, बस इतना रखना ध्यान
एमएलए हो शहर में और फोन रखा हो ऑन.
या ऐसा कुछ शेर पढ़ना:
विधायक जी जबसे गये हैं,
मैं कुत्ते से डरने लगा हूँ.......
--अभी सोचता हूँ कि सरकार को किस बात ने प्रेरित किया होगा ऐसा विधेयक लाने के लिये. और कोई भी तो काम का काम होगा करने को. आप कुछ सोच सकते हैं क्या??
मंगलवार, अक्तूबर 16, 2007
हे कुत्ता जी महाराज, विधायक को आ जाने दो!!!
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38 टिप्पणियां:
1. अगर आप विरोधी पार्टी के साथ सम्बद्ध हैं तो फिर आपको इंजेक्शन मिलने से रहे।
2. विधायक को कुत्ता काट ले तो किसकी परमीशन लगेगी? यह कानून तो प्रमाणित करता है कि उनमें से बहुतों को पहले ही कुकुर काटे है।
3. कनाडे में बैठे-बैठे आप झारखण्ड की फिकर करते हैं - आपका देश प्रेम अनुकरणीय है।
सही भी है एक का इंजेक्शन लगाने के लिये दूसरे से तो परमीशन लेनी ही होगी । भाई की परमीशन तो लगती ही है । कल आपको सुना तरकश पोडाकास्ट पर कुछ सहज नहीं लगा इंटरव्यू । लगा इंटरव्यू करने वाली बालिका जीवन में पहली बार किसी का इंटरव्यू कर रही थी इसीलिये बोल कम रही थी हंस ज्यादा रही थी । शायद आप भी सहज नहीं मेहसूस कर रहे थे । यूं ही रात को काम निबटाने के बाद हम लोग हिसाब बन रहे थे तब अचानक आपका इंटरव्यू आ गया उसके कारण्ा 10 मिनिट देर तक बैठे रहे आफिस में । अच्छा लगा ये जान कर कि आप वापस भारत आने का सोच रहे हैं ।
पंकज भाई
आपने तरकश में काफी पुराना हमारा इन्टरव्यू सुन लिया. वह खुशी का पहला पॉडकास्ट था. अब तो वह काफी मझ गई है और उसे कई रेडियो जॉकी के ऑफर हैं. समय लगता है बच्चों को आगे आने में. मुझे खुशी से बहुत आशायें हैं. घर की बिटिया है. पंकज और संजय बैगाणी जी की छोटी बहन है.
हास्य की चाशनी में डूबा गहरा व्यंग्य , जो न समझे वो अनाड़ी है और शायद हम उनमे से ही एक है.
हमने तो कम लोगों को कुत्ते से व अधिक को....... से कटते सुना है । ........ काटे तो क्या कुत्ते से इन्जेक्शन लगाने की अनुमति लेनी होगी ?
घुघूती बासूती
भाई झारखंड में रहते हम हैं और खबरें आपसे सुनने को मिलती हैं। बड़ा तेज चैनल है आपका ..अब खोजबीन करनी होगी कि ये न्यूज आइटम मिस कैसे हो गया।
वाह वाह क्या बात है! झारखण्ड सरकार ने बहुत ही महान निर्णय लिया है. अनुकरणीय और साधू साधू करने को मन करे वैसा.
अब बात को आगे बढ़ाते हुए कोटा-परमीट भी लागु करना चाहिए.
kutta katha ke liye dhanyawad.
:) यह भी खूब है ...:):)
तो चलिये महाराज जब तक आप कनाडा से आ नहीं जाते तब तक हम किसी को नहीं काटूंगा.:-)
ये हम नहीं कह रहे हमारा कुत्ता कह रहा है.
आपको जब भी पढ़ता हूं, ताज़ा महसूस करने लगता हूं. आसपास की चीज़ों पर ऐसा करारा व्यंग्य और कहीं नहीं मिलता. कुछ स्वनामधन्य व्यंग्यकार तो आजकल बहुत चाटने लगे हैं.
आपको मान गया गुरू. शुक्रिया आपका.
अब ईन नेताओं को कुत्तों के बराबर कर क्यों आप कुत्तों से दुश्मनी मोल लेना चाहते है जनाब. कम से कम एक से तो बनाकर रखिये.
इस फरमान को देखकर यही कहा जा सकता है
'अन्धेर नगरी, चौपट राजा
'
ऐसे अव्यहारिक फरमान पर ध्यान दिलाने के लिये आभार। आजकल तो राजनीति के समाचारो के कारण ऐसे समाचार नीचे दब जाते है। इसपर खुल कर चर्चा हो ताकि फरमान जारी करने वालो को शर्मसार होना पडे।
"रहिमन या विधायकन पे सौ कूकर वारी जाये’
कूकर काटे बच पडे,विधायक काटै मर जाये"
"रहिमन जे विधायक दर्शन ज्यो गूलर को फ़ूलियाये’
वा बे मौसम दिख जात है जे चुनाव देख खिलजाये
ये तो हद ही हो गई है....
कटे कुत्ता और गरियाओ विधायक को...
इसके पीछे ये भी सोच हो सकती है की विधायक और कुत्ता दोनों को समानता का अधिकार दिया जाए.. अब कुत्तों का और अधिक अपमान नही किया जाए...
या शायद कुत्तों का अपमान करने के लिए ही ये उसे विधायक के साथ जोड़ा गया हो...
क्या कहते हैं आप??
:D
झारखंड सरकार को इस नियम के साथ यह प्रस्ताव भी पारित कराना था क़ि क्षेत्रीय विधायक जब विदेशो के दौरो पर जाए तो अपने साथ क्षेत्र के कुत्ते भी अपने साथ ले जावे ना रहेगा बाँस ना बजेगी बाँसुरी | बहुत बढ़िया लेख कुछ ज़रा लीक से हटकर अच्छा है |
बडी समस्या हो गई ये तो.. एक कुत्ता रोज मुझे घुरता है और मुस्कुराता रहता है. अब पता चला वो विधायकजी का कुत्ता है. अब वो काटेगा तो मै गरीब क्या करूंगा? :(
मैं ज्ञान जी से काफी कुछ सहमत पा रहा हूँ खुद को । बस इतना और जोड़ लें....
भइया कूकुर ताकिए और भौंकिए आप
फिर भी काटले तो नहीं चौंकिए आप।
वाह वाह,
कहां बैठ के कहां कहां की खबर रखे हुए हो आप भी, सही है।
खबर पर प्रतिक्रिया भी शानदार खालिस उड़नतश्तरिया इश्टाईल मे दिए हो!!
घणा कुत्ता लेख है जी।
भई कमाल है, वहां बैठकर यहां पर इतनी कुत्ती नजर।
अब क्या कहूं,जी भौत भढ़िया।
पर्याप्त टिप्पणियां आ गयी हैं. इसलिए हम कुछ नहीं कहते.
हे कुत्ता महाराज विधायक को वापस आ जाने दो
उनके आते ही खुद को मैं पेश करूँ कटवाने को
इंजेक्शन उनके थैले में जैसे हो कोटा या परमिट
ओझा भी अब मिले न उनके बिना मंत्र फ़्यंकवाने को
कल तक रोटी बिजली पानी और गैस उनकी मर्जी थी
अब लगता है सांसे भी लेने की लेनी है मंजूरी
कुत्ते के संग शामिल होंगे कल से बिच्छू ,सांप,कांतरें
और लगेगी भाग्य विधाता के आंगन में रोज हुज़ूरी
हो न हो इस निर्णय के पीछे कुत्तों के किसी संगठन का दबाव रहा हो। कुत्तों से सावधान !
खबर मिली है कि कुत्तों ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र का हनन माना है तथा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की धमकी दी है। कुत्तों का कहना है कि नेता लोग दिन-प्रतिदिन उनका स्थान छीन रहे हैं। अखिल भारतीय कुत्ता परिषद ने इसके विरोध में कल बन्द का आवाह्न किया है।
एक अन्य गुप्त खबर के मुताबिक कुछ चालू कुते (आलोक पुराणिक जी की गली में रहते हैं) विधायकों से सांठ-गांठ कर कमीशन तय करने में लगे हुए हैं।
हा हा हा…
सही बहुत दिनों बाद आपकी उंगलियों से टक-टक करके मानसिक उथल-पुथल के उठापटक से निकली लेखनी… वाह सही टिप्पणी…।
आप की और लेखनी की जय हो....
जरूर कोई मिलीभगत है.
किससे किसकी ? जे तो अब नई बत्तायेंगे ?
आपई समझदार हैं सो जानियो अपई आप.
जरूर कोई मिलीभगत है.
किससे किसकी ? जे तो अब नई बत्तायेंगे ?
आपई समझदार हैं सो जानियो अपई आप.
एक बहुत ही जोरदार हास्य व्यंग्य रचना
दीपक भारतदीप
एक बहुत ही जोरदार हास्य व्यंग्य रचना
दीपक भारतदीप
हमारे घर में कुत्तों का बिज़नेस होता है, सभी कुत्ते हमें बुआ कहते हैं इसलिये कृपया कुत्तों की बेइज्जती न करें, अन्यथा विधायक जी से हमें भी मिलना पड़ेगा।
ख़ूब रही
आपने मुन्ना भाई MBBS फ़िल्म की दिला दी . मैं तो भगवान् से प्रार्थना करता हू की ऐसा समय किसी के पास न आए.
''आज मामला बदल गया है. कुत्ता काट ले तो कुत्ते पर तो बाद में नजर रखी जायेगी और क्षेत्र के विधायक पर पहले. अगर विधायक नहीं मिला तो मरना तय ही समझो. कुत्ता न मिले चल जायेगा.''
गहरा व्यंग्य है.
बहुत खूब!बहुत सुन्दर!!
पढ़कर अच्छा लगा.
आज रात के अंधियारे में
विचारों के उजियारे में
हमने उड़न तश्तरी लपक ली
जो रोज बेनागा आती है
मीठी सी कूक जाती है
आज पता चला खूब धाक जमी है
पर हवा में भी नहीं थमी है
इसमें से आवाज नहीं
अहसास झरता है
जो मन मंदिर को
पावन करता है
जब भी बाहर जाएं विधायक
कुत्ते रहें साथ बनके नायक
नहीं तो कहलाएंगे ना लायक
वोट भी नहीं जुटेंगे ना गायक
कुत्ते ही भौकेंगे गली बे गली
मचेगी खल्ली बल्ली खलबली
बहुत मजेदार व्यंग्य लिखा.
bahut acha padhne ko mila der se hi sahi bahut bahut badhai...
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