गुरुवार, अक्तूबर 23, 2008

ये लो भई-टीवी पर भी आ लिए

याद आता है जब पहली बार सीए की ट्रेनिंग करते हुए ऑफिस टूर पर हवाई जहाज से जाना था. पहला मौका था जब हवाई जहाज में चढ़ता. खुशी का तो मानो कोई ठिकाना ही नहीं. अति उत्साहित. जब ऑफिस से बताया गया, उस दिन मंगलवार था और रविवार की रात उड़ान थी बम्बई से मद्रास.

उसी दिन शाम को दफ्तर से निकले तो बस एक धुन. कैसे लोगों से बताऊँ कि हवाई जहाज से जाने वाला हूँ. हॉस्टल के पास सीधे अपनी सिगरेट वाले की दुकान पर पहूँचे. पैकेट लिया और उससे कहा कि यार, शानिवार को तीन-चार पैकेट रख लेना (जबकि उसकी दुकान में मेरी ब्राण्ड की १०-१५ पैकेट तो सामने ही सजी रहती थी हर वक्त.) मद्रास जाना है मुझे. वैसे तो घंटे-१.३० घंटे में ही पहूँच जाऊँगा हवाई जहाज से मगर क्या पता वहाँ रात गये मिले न मिले. मन को बड़ी तसल्ली लगी कि चलो, इसी बहाने इसको बता लिया.

फिर, अपने चाय वाले के यहाँ. यार, जल्दी चाय लगवा दे, निकलना है टिकिट उठाने जाना है. शनिवार को निकल रहा हूँ जरा जरुरी काम से मद्रास हवाई जहाज से. उसी की टिकिट उठानी है, तब तक चाय सर्व भी हो गई. वो तो पहले से ही गरम होती रहती थी.

धोबी, नाई, मेहतर, कमरे में झाडू लगाने वाले से लेकर हर संभव दोस्त को व्यक्तिगत या फोन द्वारा बता ही दिया कि हवाई जहाज से जा रहे हैं किसी न किसी बहाने. रात मैस में खाना खाते खानसामा से लेकर सर्व करने वाले नौकर तक को कोई न कोई बहाने से बताते चले गये.

ये दीगर बात है कि शुक्रवार आते तक ऑडिट कैंसल और हम रह गये पुनः बिना हवाई यात्रा के. दो दिन को यूँ ही नासिक घूम आये और सबको बताया मद्रास वो भी हवाई जहाज से.

झूठ ही सही, एक माहौल सा बन गया. ऐसा मुझे लगा. इस लगने में ही तो हम हर माहौल में खुश दिख लेते हैं, अन्यथा तो दुखों की क्या कमीं चारों तरफ.

अभी चार दिन पहले फोन आया. एशिया टेलीविजन नेटवर्क (ATN) जो कि यहाँ सारे भारतीय टीवी चैनेल पूरे कनाडा के लिए संचालित करता है, उस पर एक काव्य संध्या का आयोजन है और दो दिन बाद स्टूडियो बुलाया गया है. बड़े खुश कि अब टीवी के माध्यम से घर घर पहूँच जायेंगे. सारे हिन्दी भाषी कनाडा में लोग हमें सुनेंगे. तीन चार कविता बिल्कुल कंठस्थ कर डाली.

लोगों को बताने का सिलसिला भी फिर चल निकला. ऑफिस से नाई के यहाँ जाकर कटे कटाये बाल फिर से कटवाये कि टीवी पर शो है. संभाल कर काटना. काटे क्या, कुछ हों तो काटे. मगर जान गया कि टीवी पर जा रहे हैं. अपना काम हो गया.

बॉस को बता दिया कि बुधवार को नहीं आयेंगे टीवी पर शो है. एक महिने बाद की डेड लाईन वाले प्रोजेक्ट की मिटिंग में जबरदस्ती फुदक लिए कि शायद प्रोजेक्ट एकाध दिन डिले हो जाये क्यूँकि कल नहीं आ पा रहा हूँ टीवी पर शो है. वो प्रोजेक्ट तो यूँ भी १० दिन से ज्यादा, पुरानी हरकतों की वजह से, डिले होने वाला है, उसका कोई जिक्र नहीं.

जिस दोस्त का फोन आये, उसे बताये जा रहे हैं कि कल ऑफिस नहीं जा पा रहा हूँ. जाहिर सी बात है कि पूछेगा कि क्या हुआ? और बस, अरे यार, वो टीवी वालों ने रिकाडिंग के लिए बुलवाया है. याने जितने कान, उसमें उतनी अलग अलग मंत्रों से एक ही बात-कल टीवी पर रिकार्डिंग है. कुछ को तो ईमेल पर भी कह दिया कि कल जबाब नहीं दे पाऊँगा, जरा टीवी रिकार्डिंग पर जाना है. जाना दो घंटे के लिए, व्यस्तता ऐसी मानो १५ दिन नहीं दिखेंगे.

खैर, जो व्यस्त नहीं होते वो ही सबसे व्यस्त होते हैं दिखने में-यह मुहावरा भी कोई तो सच करे.

तब बुधवार याने २२ अक्टूबर को रिकार्डिंग हो गई. ४ कवियत्रियाँ और २ कवि उपस्थित थे. सुश्री भुवनेश्वरी पाण्डे, श्री पराशर गौड, सुश्री लता पाण्डे, सुश्री सविता अग्रवाल, सुश्री किरण, एवं हम याने समीर लाल. कार्यक्रम संचालित किया सुश्री कान्ता अरोरा जी ने जो एटीएन की हिन्दी प्रभाग की संचालिका हैं एवं समाजसेवी भी.

सबने अपनी २-२ रचनाऐं पढ़ी और कनाडा में बसे हिन्दी भाषियों को अपना संदेशा दिया. हमने भी लोगों से हिन्दी से जुड़ने के लिए ब्लॉग जगत में आने की अपील की और ब्लॉग खोलने और हिन्दी में टंकण के लिए किसी भी मदद के लिए हमसे संपर्क साधने की अपील की. उम्मीद है जल्द ही ब्रॉडकास्ट होगा.

इस मौके पर एक मजेदार बात यह रही कि जब हम सब कविगण ग्रीन रुम में बैठ कर रिकार्डिंग के लिए स्टूडियो सेट-अप का इन्तजार कर रहे थे तो एटीएन के सौजन्य से चाय और भुवनेश्वरी जी के सौजन्य से बेहतरीन कचौरी और मिठाई का लुत्फ उठाते हुए एक काव्य गोष्टी का आयोजन हो लिया. यह भी बड़ा ही आनन्ददायी रहा. सबने अपनी रचनाऐं सुनाई.

फिर शुरु हुई स्टूडियो में रिकार्डिंग. जगह की कमी के कारण तीन लोग ही एक बैठक में शामिल हो सकते थे. अतः सेट बना दो कवियत्रियाँ और एक कवि का.

हम पहले सेट में थे भुवनेश्वरी जी और लता जी के साथ. दूसरे में पराशर जी, सुश्री सविता अग्रवाल जी, सुश्री किरण जी. दोनों हिस्सों का संचालन सुश्री कान्ता अरोरा जी ने ही किया.

उसी वक्त की कुछ तस्वीरें:


बायें से दायें: भुवनेश्वरी जी, समीर लाल, लता पाण्डे जी और कान्ता अरोरा जी:
2


सुश्री किरण जी, श्री पराशर गौड जी, सविता अग्रवाल जी एवं कान्ता अरोरा जी:
7


श्री पाराशर जी, लता जी, कान्ता अरोरा जी, किरण जी, सविता जी, भुवनेश्वेरी जी, समीर लाला ग्रीन रुम में:
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आपके अपने समीर लाल:
4

आगे एक पोस्ट में किसने क्या सुनाया, वो बताऊँगा. अभी इतने से संतोष कर लिजिये. Indli - Hindi News, Blogs, Links

107 टिप्‍पणियां:

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

कविता भी यही लिख देते
हल्‍की 'ओ' भारी
तो पढ़ने से भी निबट लेते
कवितायें प्‍यारी
अच्‍छा रहा होगा ए टी एन का हवाई सफर
ए टी एम की तरह उड़ी होगी कविता फर फर

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

lo jee ye to badhai wali baat hai hee. kar diya kamal, tv me aa gaye apne lal

सतीश पंचम ने कहा…

पोस्ट मजेदार रही, पर चोरी-चुपके से एक और मजा इसी पोस्ट से ले लिया - वो कैसे - जरा पोस्ट के आखिर में, तस्वीरों वाले सेक्शन मे नाम पढते चले जाईये - भुवनेश्वरी जी, समीर लाल, लता पाण्डे जी और कान्ता अरोरा जी:सुश्री किरण जी, श्री पराशर गौड जी, सविता अग्रवाल जी एवं कान्ता अरोरा जी: श्री पाराशर जी, लता जी, कान्ता अरोरा जी, किरण जी, सविता जी, भुवनेश्वेरी जी, समीर लाला ग्रीन रुम में:
और

आपके अपने समीर लाल:

- ऐसा लगा कहीं विविधभारती पर फरमाईशी गीत सुनाया जाने वाला है :) Just kidding :)
अच्छी पोस्ट।

PREETI BARTHWAL ने कहा…

चलिए आपने अपनी हसरत तो पूरी कर ली और साथ ही कनाडा को भी बता दिया कि हां हम भी एक कवि हैं। अच्छी लगी पोस्ट पर बिन कविता सब सून।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

बधाई हो।

bhuvnesh sharma ने कहा…

बधाई हो

बेनामी ने कहा…

सही है। यही बचा था वो भी हो लिया।

बेनामी ने कहा…

सही है। यही बचा था वो भी हो लिया।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत चुटीली भाषा में लिखा आपने ! वाक्य दर वाक्य मजा लिया गया ! और ये रिकार्डिंग कब दिखाई जायेगी ? ज़रा एडवांस में ही सूचित करे तो बढिया रहेगा क्यूंकि यहाँ दीपावली पर्व होने से आने वाले १० दिन तो, सबका आना जाना , लगा रहेगा ! हम मौका छोड़ना नही चाहते ! दीपावली पर्व की शुभकामनाएं और बधाई !

समयचक्र ने कहा…

एशिया टेलीविजन नेटवर्क (ATN) जो कि यहाँ सारे भारतीय टीवी चैनेल पूरे कनाडा के लिए संचालित करता है, उस पर एक काव्य संध्या का आयोजन है और दो दिन बाद स्टूडियो बुलाया गया है. बड़े खुश कि अब टीवी के माध्यम से घर घर पहूँच जायेंगे.

भाई टी.वी. में आने के लिए बधाई कविता बढ़िया लगी.

Anil Pusadkar ने कहा…

मद्रास की जगह नासिक घूम आये और अब टी वी पर भी आ गये।कहीं वैसे ही तो नही है गुरूजी।वैसे भी हम जान गये हैं लोगों को बनाना गुरु जी आपके लिये तो बायें हाथ का काम हैं।बधाई आपको टी वी पर आने से ज्यादा उसके दिलचस्प वर्णन की।

गौतम राजऋषि ने कहा…

रोचक वर्णन....रचनायें पढ़ने को बेताब हूँ.जलदी पोस्ट करिये

सुजाता ने कहा…

यह तो बढिया रहा । सारे ब्लॉग पर आप ही की मोहनी छवि छाई है ,यह देख आनन्द की प्राप्ति हुई । कार्यक्रम का यूट्यूब बना कर हमें भी दर्शन करवाएँ तो उत्तम !

बेनामी ने कहा…

जान भी लिया मान भी लिया, बधाई

प्रशांत मलिक ने कहा…

इस लगने में ही तो हम हर माहौल में खुश दिख लेते हैं, अन्यथा तो दुखों की क्या कमीं चारों तरफ.

gahri baat hai

ALOK PURANIK ने कहा…

सरजी दो चार बार जब अपन टीवी पर आये, तो एक प्रेमी ने कहा सरजी आपको टीवी पर सुनना भौत अच्छा लगता है।
मैने पूछा क्यों
क्योंकि वहां जब मन करे, आपको शटअप कराया जा सकता है चैनल बदलकर। यह लिबर्टी सामने आमने के इंटरएक्शन में नहीं होती।
सरजी आप तो बगैर टीवी के भी अच्छे लगे हैं। जमाये रहिये। टीवी पर भी, ब्लाग पर भी, जहां जहां मन करे, वहां भी।

रंजन (Ranjan) ने कहा…

समीर भाई बधाई .. TV पर आने के लिये..

लेकिन ज्यादा मजेदार किस्सा तो हवाई जहाज वाला रहा.. खुब आन्नद आया पढ कर..

seema gupta ने कहा…

" wowwwwwwwww bhutbhut bhut bhut bdhaeeyan..."

Regards

Manuj Mehta ने कहा…

वाह जनाब वाह, इसी बहने चलो हमे भी पता लग ही गया. हाहा हाहा. भाई जवाब नही आपका, कितनी सहजता से अपने को विषय बनाकर हंसा दिया आपने. बहुत बहुत शुक्रिया इस स्नेह और प्रेम का. भगवान् आपकी कलम को और सजाये, संवारे. दिवाली की ढेर सारी शुभकामनायें.

L.Goswami ने कहा…

समीर जी आप कितनी सरलता से ..ऐसी बातें लिख जातें हैं जो कोई भी बताना न चाहेगा ..कविता भी छाप देते तो अच्छा था बेकार में अगली पोस्ट तक लटका दिया आपने .

यूनुस ने कहा…

हंय । आप टी वी पर समाए कैसे ।
उस कैमेरामैन का दर्द जरूर लिखियो बड्डे जिसने बड़ी मसक्‍कत ( हओ मसक्‍कत ) से आपको बुद्धू बक्‍सा में फिट करो हुईए ।

बेनामी ने कहा…

वाह समीर जी आप तो छा गए!! :)

वैसे टीवी वाले ज़रा पारंपरिक तरीके से गद्दे लगवा और उस पर मसन आदि के साथ आप लोगों को बैठाते और आप धोती कुर्ते में होते तो ज़रा सही सा काव्य मंचन होता, नहीं?! :) वैसे ऐसे भी बुरा नहीं लग रहा होगा, फोटो में तो बढ़िया ही दिखे है! :)

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

पूरी धरती तो आपने छेंक ली; अब चन्द्रमा भी छेंक आइये चन्द्रयान पर चढ़कर! :-)

युग-विमर्श ने कहा…

हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रति आपके मन में केवल उत्साह नहीं है, व्यावहारिक स्तर पर आप जो कार्य कर रहे हैं उसके प्रकाश में आपको हिन्दी का 'एम्बेसेडर' कहना उपायुक्त होगा.

संजय बेंगाणी ने कहा…

कृष्ण कन्हैया लग रहे हैं...

आशा है जोरदार रहा होगा. बधाई.

PD ने कहा…

यह गलत बात है.. पढना शुरू किये हवाई जहाज से.. फिर पता चला कि आप नहीं चढ पाये उस समय.. जानकर हार्दिक खुशी हुई.. क्या करें हमारी सोच ही ऐसी है कि जब सामने वाले का काम बिगड़ता है तो खुश होते हैं..
फिर बात हुई टीवी पर आने की.. पता चला कि आप तो सच में आ गये.. अब क्या कहें क्या बीता हम पर..
खैर बधाई तो देना ही चाहिये चाहे बुझे मन से ही.. सो रख लिजिये बधाई आप भी..

Rachna Singh ने कहा…

this is real bloging or wehlonging it would be good if more people follow this trend

Kavita Vachaknavee ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को देख कर मुझे बड़ा मलाल हो रहा है। अभी अभी(७ अक्तूबर को व तीसरी चौथी बार) अपने राम का भी टी.वी. पर आधा घंटा कार्यक्रम चला। अब कुछ अपनी बेवकूफ़ी ही कह लें कि किसी को भी नहीं बताया और न स्वयं ही देखना हुआ। बाद में उन्होंने सीडी भिजवा दी तो देख सकी। अब आपकी फ़ोटोज़ देखीं तो बड़ा मलाल हुआ कि फ़ोटो तक न ली। वरना आपकी जितनी व जैसे तो नहीं पर आपकी टिप्पणी जरूर मिलती।

आप ने जितनी सहजता से हवाईजहाज कथा सुनाई है,वह प्रशंसनीय है। बधाई! टीवी की भी और अच्छी पोस्ट की भी।

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत बहुत बधाई है ..चलिए अब जल्दी से कविता भी अगली पोस्ट में सुना डालिए

जितेन्द़ भगत ने कहा…

भूमि‍का जानदार लगी, एक सच्‍चा इंसान ही अपने ऊपर हॅसने की कुव्‍वत रखता है।

अभी इतने से संतोष कर लि‍या है, मगर कवि‍ताऍं लेकर जल्‍दी लौटि‍एगा।

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

badhaai ho sir......! bura na maniyo ji lekin je ATN valo i kavya goshthi me shri kam sushri hi jyada deekhe hai...! naari jagriti ...! :) :)

agali kadi ki pratksha..!

Shiv ने कहा…

समीर भाई,

मुबारक हो. कवि अगर टीवी पर आ जाए तो काव्य साधना को नया आयाम मिल जाता है. किंतु अफसोस ये हैं कि ये चैनल यहाँ दिखाई नहीं देता. रिकॉर्डिंग करके ब्लाग पर ज़रूर डालियेगा.

और हवाई जहाज वाली बात तो गजब बताई.

कुश ने कहा…

संतोषी सदा सुखी.. इस मुहावरे को भी तो सच साबित करने वाला कोई चाहिए इसलिए अभी इसी पोस्ट से संतुष्ठ हो लेते है.. वैसे बहुत बहुत बधाई आपको टेली विजन पे आने के लिए.. आशा है आप जल्द ही किसी भोजपुरी फिल्म में गब्बर के किरदार में भी नज़र आए... :)

पारुल "पुखराज" ने कहा…

imaandari koi aap se seekhey...badhiya post v chitr

Unknown ने कहा…

बहुत-बहुत बधाईयाँ हों कवि महोदय… मेक-अप लगाकर ही रखियेगा अब बार-बार आवश्यकता पड़ेगी… :)

डा. अमर कुमार ने कहा…

तो..
कनाडावासियों को पता लग गया कि आपकी कविता सुनने का ख़तरा उन पर मँडरा रहा है ?
लिंकवा ईधर भी पकड़ायें, ताकि इस ख़तरे पर पैनी निगाहें रखी जा सके!

Sanjeet Tripathi ने कहा…

वा जी वा, तो हमको भी बता ही डाले न।

सई है सई है।

खूब सारी बधाई, ऐसे ही बार-बार आप दिखते रहें टीवी पर।

Astrologer Sidharth ने कहा…

badhaai


lage rahiye.

भूतनाथ ने कहा…

बहुत शानदार विवरण दिया ! हम भी वहीं रिकार्डिंग स्टूडियो में बैठे थे ! कचोरी बहुत स्वादिष्ट थी ! और बंबई में पान वाले से आपने कौन सी सिगरेट मांगी ? ये नही बताया , मैं बताऊ क्या ? मैं भी वहीं खडा था ! :)
बहुत बढिया, रिकार्डिंग सुनने का इंतजार है ! दीपावली की आपको, आपके परिवार को एवं इष्ट मित्रो को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

Suneel R. Karmele ने कहा…

छा गये समीर जी, मजा आ गया। अब जल्‍दी से कवि‍ता भी पोस्‍ट करि‍ए, इंतजार रहेगा, शुभकामनाऍं

रंजना ने कहा…

आधी पोस्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,क्योंकि खूब हँसे पढ़कर और बाकी पोस्ट में जो सुसमाचार सुनाया उसके लिए बधाई.

दीपक ने कहा…

आपकी आखरी वाली फ़ोटो सबसे अच्छी लगी ! साबुत दिखने पर आप स्मार्ट दिखते है और फ़िफ़्टी परसेंट मे हेंडसम !!

तुस्सी ब्लागींग की जान हो!!

P.N. Subramanian ने कहा…

समीरज़ी उस टी.वी. शो को ब्लॉग पर भी डाल दीजिए. बधाइयाँ.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

छा गए जनाब...पहले ब्लॉग पर और अब टी.वी. पर...जय हो...आप के हुनर का ही ये कमाल है तभी ये सब हो रहा है...इसका श्रेय किस्मत को मत दे दीजियेगा .
हम यहाँ हिन्दुस्तान में कैसे देखें आपका कार्यक्रम ये भी तो बतईये या फ़िर उस कार्यक्रम की सी.डी. भिज वाईए ...मरजी आप की है.
नीरज

दीपक कुमार भानरे ने कहा…

श्रीमान जी टीवी पर आने के लिए बधाई.

संगीता पुरी ने कहा…

टी वी पर आने के लिए बहुत बहुत बधाई.......बहुत अच्छा लगा आपकी बातों को पढ़ना.....बेटों की तस्वीर पर पहले कभी नजर नहीं पड़ी थी ...बहुत अच्छी लगी।

Satish Saxena ने कहा…

बधाई हो समीर भाई !

यशवंत सिंह yashwant singh ने कहा…

aap sabhi se anurodh hai ki web journalist ko saajish me fasane ki khilaaf khade hon aur es post ko sthan apne blog pe den.
shukriya
yashwant
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सुशील प्रकरण : वेब पत्रकार संघर्ष समिति का गठन

एचटी मीडिया में शीर्ष पदों पर बैठे कुछ मठाधीशों के इशारे पर वेब पत्रकार सुशील कुमार सिंह को फर्जी मुकदमें में फंसाने और पुलिस द्वारा परेशान किए जाने के खिलाफ वेब मीडिया से जुड़े लोगों ने दिल्ली में एक आपात बैठक की। इस बैठक में हिंदी के कई वेब संपादक-संचालक, वेब पत्रकार, ब्लाग माडरेटर और सोशल-पोलिटिकिल एक्टीविस्ट मौजूद थे। अध्यक्षता मशहूर पत्रकार और डेटलाइन इंडिया के संपादक आलोक तोमर ने की। संचालन विस्फोट डाट काम के संपादक संजय तिवारी ने किया। बैठक के अंत में सर्वसम्मति से तीन सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया गया। पहले प्रस्ताव में एचटी मीडिया के कुछ लोगों और पुलिस की मिलीभगत से वरिष्ठ पत्रकार सुशील को इरादतन परेशान करने के खिलाफ आंदोलन के लिए वेब पत्रकार संघर्ष समिति का गठन किया गया।

इस समिति का संयोजक मशहूर पत्रकार आलोक तोमर को बनाया गया। समिति के सदस्यों में बिच्छू डाट काम के संपादक अवधेश बजाज, प्रभासाक्षी डाट काम के समूह संपादक बालेंदु दाधीच, गुजरात ग्लोबल डाट काम के संपादक योगेश शर्मा, तीसरा स्वाधीनता आंदोलन के राष्ट्रीय संगठक गोपाल राय, विस्फोट डाट काम के संपादक संजय तिवारी, लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार, मीडिया खबर डाट काम के संपादक पुष्कर पुष्प, भड़ास4मीडिया डाट काम के संपादक यशवंत सिंह शामिल हैं। यह समिति एचटी मीडिया और पुलिस के सांठगांठ से सुशील कुमार सिंह को परेशान किए जाने के खिलाफ संघर्ष करेगी। समिति ने संघर्ष के लिए हर तरह का विकल्प खुला रखा है।

दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि वेब पत्रकार सुशील कुमार सिंह को परेशान करने के खिलाफ संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल अपनी बात ज्ञापन के जरिए एचटी मीडिया समूह चेयरपर्सन शोभना भरतिया तक पहुंचाएगा। शोभना भरतिया के यहां से अगर न्याय नहीं मिलता है तो दूसरे चरण में प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री शिवराज पाटिल और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से मिलकर पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए वरिष्ठ पत्रकार को फंसाने की साजिश का भंडाफोड़ करेगा। तीसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी पत्रकार संगठनों से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए संपर्क किया जाएगा और एचटी मीडिया में शीर्ष पदों पर बैठे कुछ मठाधीशों के खिलाफ सीधी कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में प्रभासाक्षी डाट काम के समूह संपादक बालेन्दु दाधीच का मानना था कि मीडिया संस्थानों में डेडलाइन के दबाव में संपादकीय गलतियां होना एक आम बात है। उन्हें प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाए जाने की जरूरत नहीं है। बीबीसी, सीएनएन और ब्लूमबर्ग जैसे संस्थानों में भी हाल ही में बड़ी गलतियां हुई हैं। यदि किसी ब्लॉग या वेबसाइट पर उन्हें उजागर किया जाता है तो उसे स्पोर्ट्समैन स्पिरिट के साथ लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित वेब मीडिया संस्थान के पास अपनी खबर को प्रकाशित करने का पुख्ता आधार है और समाचार के प्रकाशन के पीछे कोई दुराग्रह नहीं है तो इसमें पुलिस के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने संबंधित प्रकाशन संस्थान से इस मामले को तूल न देने और अभिव्यक्ति के अधिकार का सम्मान करने की अपील की।

भड़ास4मीडिया डाट काम के संपादक यशवंत सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है जब वेब माध्यमों से जुड़े लोग अपना एक संगठन बनाएं। तभी इस तरह के अलोकतांत्रिक हमलों का मुकाबला किया जा सकता है। यह किसी सुशील कुमार का मामला नहीं बल्कि यह मीडिया की आजादी पर मीडिया मठाधीशों द्वारा किए गए हमले का मामला है। ये हमले भविष्य में और बढ़ेंगे।

विस्फोट डाट काम के संपादक संजय तिवारी ने कहा- ''पहली बार वेब मीडिया प्रिंट और इलेक्ट्रानिक दोनों मीडिया माध्यमों पर आलोचक की भूमिका में काम कर रहा है। इसके दूरगामी और सार्थक परिणाम निकलेंगे। इस आलोचना को स्वीकार करने की बजाय वेब माध्यमों पर इस तरह से हमला बोलना मीडिया समूहों की कुत्सित मानसिकता को उजागर करता है। उनका यह दावा भी झूठ हो जाता है कि वे अपनी आलोचना सुनने के लिए तैयार हैं।''

लखनऊ से फोन पर वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई पत्रकार पुलिस के निशाने पर आ चुके हैं। लखीमपुर में पत्रकार समीउद्दीन नीलू के खिलाफ तत्कालीन एसपी ने न सिर्फ फर्जी मामला दर्ज कराया बल्कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत उसे गिरफ्तार भी करवा दिया। इस मुद्दे को लेकर मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश पुलिस को आड़े हाथों लिया था। इसके अलावा मुजफ्फरनगर में वरिष्ठ पत्रकार मेहरूद्दीन खान भी साजिश के चलते जेल भेज दिए गए थे। यह मामला जब संसद में उठा तो शासन-प्रशासन की नींद खुली। वेबसाइट के गपशप जैसे कालम को लेकर अब सुशील कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बात अलग है कि पूरे मामले में किसी का भी कहीं जिक्र नहीं किया गया है।

बिच्छू डाट के संपादक अवधेश बजाज ने भोपाल से और गुजरात ग्लोबल डाट काम के संपादक योगेश शर्मा ने अहमदाबाद से फोन पर मीटिंग में लिए गए फैसलों पर सहमति जताई। इन दोनों वरिष्ठ पत्रकारों ने सुशील कुमार सिंह को फंसाने की साजिश की निंदा की और इस साजिश को रचने वालों को बेनकाब करने की मांग की।

बैठक के अंत में मशहूर पत्रकार और डेटलाइन इंडिया के संपादक आलोक तोमर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सुशील कुमार सिंह को परेशान करके वेब माध्यमों से जुड़े पत्रकारों को आतंकित करने की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी। इस लड़ाई को अंत तक लड़ा जाएगा। जो लोग साजिशें कर रहे हैं, उनके चेहरे पर पड़े नकाब को हटाने का काम और तेज किया जाएगा क्योंकि उन्हें ये लगता है कि वे पुलिस और सत्ता के सहारे सच कहने वाले पत्रकारों को धमका लेंगे तो उनकी बड़ी भूल है। हर दौर में सच कहने वाले परेशान किए जाते रहे हैं और आज दुर्भाग्य से सच कहने वालों का गला मीडिया से जुड़े लोग ही दबोच रहे हैं। ये वो लोग हैं जो मीडिया में रहते हुए बजाय पत्रकारीय नैतिकता को मानने के, पत्रकारिता के नाम पर कई तरह के धंधे कर रहे हैं। ऐसे धंधेबाजों को अपनी हकीकत का खुलासा होने का डर सता रहा है। पर उन्हें यह नहीं पता कि वे कलम को रोकने की जितनी भी कोशिशें करेंगे, कलम में स्याही उतनी ही ज्यादा बढ़ती जाएगी। सुशील कुमार प्रकरण के बहाने वेब माध्यमों के पत्रकारों में एकजुटता के लिए आई चेतना को सकारात्मक बताते हुए आलोक तोमर ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

बैठक में हिंदी ब्लागों के कई संचालक और मीडिया में कार्यरत पत्रकार साथी मौजूद थे।
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अगर आप भी कोई ब्लाग या वेबसाइट या वेब पोर्टल चलाते हैं और वेब पत्रकार संघर्ष समिति में शामिल होना चाहते हैं तो aloktomar@hotmail.com पर मेल करें। वेब माध्यमों से जुड़े लोगों का एक संगठन बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। आप सबकी भागीदारी का आह्वान है।
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((इस पोस्ट को कापी करके आप अपने-अपने ब्लागों-वेबसाइटों पर प्रकाशित करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा सके और वेब माध्यम के जरिए सुशील कुमार की लड़ाई को विस्तार दिया जा सके।))

बेनामी ने कहा…

कहते हैं कि समीरे का है अंदाज-ए-बयां और...
मजा आ गया पढ़कर।
कई दिन बाद हंसी आई
अपनी सी कहानी आई।

Abhishek Ojha ने कहा…

वाह ! बधाई स्वीकारें...

Vinay ने कहा…

होइ है वही जो राम रचि राखा!

समीर यादव ने कहा…

आप तो एक समय के मनमोहन देसाई जैसे पाठकों के नब्ज पकड़ना जान गए हैं...यह वाकया अनेक लोगों के साथ होकर, वैसी ही मनस्थिति से गुजरना भी होता है...कोई कर जाता है, कोई कह जाता है और कोई लिख जाता है. आप इनमें से सब करते हैं. हम तो अब उस सीरीज़ का इंतजार कर रहे हैं जब आपका हीरोइज्म वाला सोप ऑपेरा उड़न तश्तरी के पलेट में परोसा जाएगा. दीवाली की बधाई के साथ प्रसारण के पूर्व प्राइम टाइम का ध्यान रखियेगा.

Arvind Mishra ने कहा…

चलिए आपने ब्लॉग लिख कर भी यह जता दिया कि अब आप टी वी कलाकार हो गए हैं -अब मैं यह फैसला नही ले पा रहा हूँ कि आपको बधाई दूँ या फिर टी वी सेवा को -चलिए टी वी सेवा को बधाई देता हूँ ! जिसकी श्रीवृद्धि आपके अवदान से हुई है !

पंकज बेंगाणी ने कहा…

खुब फब रहे हैं.. टीवी पर भी आ गए.. सुन भी लिए हम .. और क्या चाहिए :)
वैसे मजे खुब आए होंगें. अब रेडियो पर और फिल्मों की तरफ रूख किया जाए.

वीनस केसरी ने कहा…

ओह तो आपने चुपके चुपके बता ही दिया की टी वी पर आ रहे है :)

वीनस केसरी

sandeep sharma ने कहा…

आए हाए वड्डी टुच्ची बात है.. तुसी एरोप्लेन विच नई बैठ पाए. कोई बात नई प्रयास जारी रखिये......

आगे भगवन एसा दिन न दिखाए.. इन्ही शुभकामनायों के साथ..../
दिवाली की बधाई....

डॉ .अनुराग ने कहा…

हाय रे ......हम नही देख पाये ....उसकी रिकॉर्डिंग भी डाल देते ....वैसे भी सौरभा शुक्ला की को कॉम्प्लेक्स होता होगा आपको देखकर ......बस ये तश्तरी उड़ती रहे यूँ ही.....हमारी यही दुआ है......प्लेन वाला किस्सा धाँसू है...कौन सा ब्रांड पीते है आप सिगरेट का ?

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

दीपावली आ ही पहुँची है समीर भाई व साधना भाभी जी .
आपके परिवार को बधाई
और टीवी पर कविता पाठ का अनुभव सुन बहुत खुशी हुई ..
प्लेन की क्या जरुरत है
जब " उडन तश्तरी" साथ हो जी !!
बहुत स्नेह सहित,
- लावण्या

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

समीर जी,
यह अच्छा किया कि इस बार सनद के तौर पर फोटो खिंचवा लीं। नहीं तो कहने वालों को रोका थोड़े ही ना जा सकता था। हवाई जहाज का किस्सा अभी ताजा-ताजा था ना।

बधाई हो।

Neeraj Badhwar ने कहा…

badhai ho sameer ji.....agli baar india aaye to zarur batana. ek baar hamare studio me bhi zaroor bulana chahenge...

Atmaram Sharma ने कहा…

achchha hai.

वर्षा ने कहा…

मुबारक हो।

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा…

आपको पाकर टेलीविजन धन्य हो गया होगा। उसे मेरी बधाई जरूर भेजें...। :)

बड़े भाई, मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ... सच में। smiley तो गलती से लग गया। :) फिर :) धत्‌ :) र र र ...। :(

राज भाटिय़ा ने कहा…

समीर जी बधाई, ओर अब हो जाये एक तगडी पार्टी,
धन्यवाद

बेनामी ने कहा…

मतलब अभी तक आदत नहीं गयी… यहाँ भी आकर टीप दिये।
युनूस भाई ने सही कहा – कि कैमरे में आप कैसे समा गये?
आखिरकार जगह की कमी पड़ ही गयी थी :) :)
वैसे अनुभव अच्छा लगा। हमारी भी चाहत है कि हमें दुनिया देखे लेकिन आजकल दुनिया कुछ और देखना चाहती है।
:) :)

बेनामी ने कहा…

मतलब अभी तक आदत नहीं गयी… यहाँ भी आकर टीप दिये।
युनूस भाई ने सही कहा – कि कैमरे में आप कैसे समा गये?
आखिरकार जगह की कमी पड़ ही गयी थी  
वैसे अनुभव अच्छा लगा। हमारी भी चाहत है कि हमें दुनिया देखे लेकिन आजकल दुनिया कुछ और देखना चाहती है।

Gyan Darpan ने कहा…

बहुत बहुत बधाईया | कृपया प्रसारण के बाद टी वी शो का विडियो यहाँ भी लगा दे |

Manish Kumar ने कहा…

waah ye to badhiya news diya aapne aage ke show ka intezaar rahega

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

चलिए इस बार तो आप सफल रहे...........बधाई....

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

चलिए इस बार तो आप सफल रहे...........बधाई....

महावीर ने कहा…

सभी मामला बहुत रोचक रहा। कविता पढ़ने पर बतायेंगे कि कैसी लगी। टी.वी. पर आपका अन्य दिग्गजों के साथ फोटो देख कर बड़ा अच्छा लगा। बधाई स्वीकारें।

सचिन मिश्रा ने कहा…

बधाई हो बधाई.

कुन्नू सिंह ने कहा…

बहुत बहुत ज्यादा बधाई!

सबको बताते बताते हमे भी बता दीये की आप पलेन से जा रहे हैं :)

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

badhai

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

पहली बार हवाई यात्रा ,पहली बार टी .वी. यात्रा अब{पहली} आपकी वर यात्रा का इंतज़ार है .

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

बधाई का एक बड़ा टोकरा पानीपत के मैदान से भी स्वीकारें


हां


ने
इमेल
का उत्तर नहीं दिया अभी

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

बधाईयां, अब ये बताईये कि फिल्मों में कब आ रहे हैं

G Vishwanath ने कहा…

समीरजी,

आप इतना अच्छा कैसे लिख लेते हैं यह हमें आज पता चला!
आपकी आखरी तसवीर देखकर पता चला कि आप के लिए लिखना बायें हाथ का खेल है!

चलो हम भी आज से कोशिश करते है, बायें हाथ से लिखना।
क्या पता शायद मेरे लेखों में भी सुधार हो।

हवाई जहाज से सफ़र करने वाली बात इतनी रोचक थी कि उसे दोबारा पढ़ना पढ़ा। इसी विषय पर हम कुछ मज़ेदार किस्से सुनाना चाहते हैं। टिप्पणी में लिखना अच्छा नहीं होगा। टिप्पणी बहुत लंबी हो जाएगी। ज्ञानजी के ब्लॉग पर इस विषय पर एक अतिथि पोस्ट लिखने के बारे में सोच रहा हूँ।

काश हम आपका टीवी प्रोग्राम देख सकते।
शुभकामनाएं

Ghost Buster ने कहा…

मुझे विश्वास है कि आपकी कद्दावर उपस्थिति से चैनल की टी आर पी में अवश्य बढोतरी हुई होगी.

बेनामी ने कहा…

बहुत बहुत मुबारक हो समीरजी, आपकी हसरत पूरी हुई आप टीवी पर भी छा गए , बधाई बधाई बहुत बहुत बधाई।

Dr. Nazar Mahmood ने कहा…

खूबसूरत रचना
दीपावली की हार्दिक शुबकामनाएं

Dharni ने कहा…

बधाई! कौन से चैनल पे प्रसारित होगा ???

दिलीप कवठेकर ने कहा…

हम तो है देस में, और
परदेस में निकला है चांद !!!

बधाई आप को. आपके लेखन शैली में एक अपनापन है, जो ये अहसास दिलाता रहता है कि हमसे हमारा कोई अपना वार्तालाप सा कर रहा है.

मीलों दूर की दूरियां भी मन के करीब होने के जीवंत और आत्मीय योग को रोक नहीं सकती.

अजनबी , तुम जाने पहचाने से लगते हो!!

दिपावली की शुभकामनायें भी...

अमिताभ मीत ने कहा…

टी. भी. पर आ गए मालिक. बधाई हो. अगली बार यूं आयें कि हमें ख़बर रहे ...

अच्छा लगा पढ़ कर. बहुत अच्छी पोस्ट. शुक्रिया.

बेनामी ने कहा…

आपको एवं आपके सभी प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

BrijmohanShrivastava ने कहा…

रोचक विवरण /टीवी पर दर्शन की प्रतीक्षा /ब्लॉग का नाम अब समझ में आया ""उड़न तश्तरी क्यों रखा गया है /बहुत बहुत मुबारकवाद /शुभ कामनाएं

बवाल ने कहा…

Badi Khushi hui jee samachachar sunkar. Bahut bahut badhai lal saheb.

बेनामी ने कहा…

समीर लाल जी,

सही कटाक्ष किया है आपने अपनी प्रथम असफल हवाई यात्रा का वर्णन कर के. इस समय आप तो कविता की दुनिया में छा गए हैं. कभी कवि सम्मलेन तो कभी टीवी प्रोग्राम. वाह भाई वाह. बहुत सही....

आपकी सादगी ही आपका सबसे बड़ा सहारा है.

आपको और आपके परिवार को दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं.

नीरज

Vivek Gupta ने कहा…

बहुत अच्छा | बधाई हो | आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Smart Indian ने कहा…

अरे वाह, अब तो हम भी फेमस हो गए. मतलब यह की आप फेमस हैं और हम आपको जानते हैं तो हम भी अपने आप ही फेमस हो गए न! बहुत बधाई!

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

सुखमय अरु समृद्ध हो जीवन स्वर्णिम प्रकाश से भरा रहे
दीपावली का पर्व है पावन अविरल सुख सरिता सदा बहे

दीपावली की अनंत बधाइयां
प्रदीप मानोरिया

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

बहुत दिनों के बाद आपके ब्लॉग पर आया और तारो ताजा हो गया , आप और आपके समस्त पारिवारिक सदस्यों को दीपावली की अनंत शुभकामनाएं !

संगीता-जीवन सफ़र ने कहा…

दिलचस्प वर्णन/सरल और बिल्कुल सहज/बधाई और
दीपावली की आपको,आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !

Abhi ने कहा…

आपको धन्यवाद देने आपके ब्लॉग पर आया था, पर क्या पता था कि यहाँ एक विलक्षण प्रतिभा से परिचय होगा!वैसे टीवी पर आने के लिए बधाइयां!दिवाली की शुभकामनाएं इन बधाइयों की पोटली में ही बंधी हैं!इसे खोलकर संपूर्ण परिवार में बाँट दीजियेगा!

बेनामी ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
आप को अगर रबड् की ज्यादा जानकारी चाहिये तो जरूर हमारे पन्नों में मिलेगा।
धन्यवाद।

बेनामी ने कहा…

आपको सपरिवार दीपावली व नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

बेनामी ने कहा…

रोचक वर्णन,,

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें,

कुन्नू सिंह ने कहा…

दिपावली की हार्दीक शूभकामनाएं

साधवी ने कहा…

TV पर आने के लिये बधाई.

दिवाली मुबारक हो.

Udan Tashtari ने कहा…

fromParashar Gaur ....
to Sameer

Ajab- Gajab..

Cha gaye manyberji chagaye ...., sath me hume bhi chmka diya ...

parashar

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

आपके परिवार, मित्रों एवं ब्लाग-मंडली को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

parashar ने कहा…

sameerji

Deepawali ke uplux per aap ko wa priwar ko Hardik Badhai

Ab Agaye kya kerne ka man hai..
TV to hogya ..., ab filmo ki baat hojaya..Kesa rahigaa...

parashar

Asha Joglekar ने कहा…

बधाई जी आपको टीवी पर आने की । अब कविता रोमेन्टिक सुनाई या कैसे वह तो अगली पोस्ट में ही पता चलेगा ।

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

sab kuch theek hai magar sigrate peenaa abhi kee abhi band karen.... ye ham sabkaa aadesh hai..kabhi-kabhi choton kaa aadesh bhi maananaa chahiye !!

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

tippaniyon ko prakashit karne ke liye blog swami ki anumati kyon aavshyak honi chahiye...chahe vo virodhi hi kyon naa ho !!

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

बधाई हो...

अजित वडनेरकर ने कहा…

इस पोस्ट में फुटक शब्द बहुत भाया...
किसी ज़माने में इसके विकल्प के तौर पर एक शब्द का आविष्कार किया गया था - उत्कूदन ...
कहिये कैसा लगा आपको?