शुक्रवार, मई 18, 2007

गीत सम्राट राकेश खंडेलवाल: तुम जियो हजारों साल

आज गीत सम्राट राकेश खंडेलवाल जी का जन्म दिवस है. हमारी ओर से अनेकों बधाई और शुभकामनायें.




इस अवसर पर मेरी पसंद का राकेश जी द्वारा रचित एक पुराना गीत पेश कर रहा हूँ

जैसे छंद गीत में रहता

जैसे छंद गीत में रहता, मंदिर में रहता गंगाजल
मीत बसे हो तुम कविता में लहराते सुधियों का आँचल

बच्चन ने तुमको देखा तो निशा निमंत्रण लिख डाला था
रूप सुधा पीकर दिनकर ने काव्य उर्वशी रच डाला था
कामायनी उदित हो पाई सिर्फ़ प्रेरणा पाकर तुमसे
प्रिय-[रवास का मधुर सोमरस तुमने प्यालों में ढाला था
एक तुम्हारी छवि है अंकित काव्यवीथियों के मोड़ों पर
बसी हुई कल्पना सरित में बसा नयन में जैसे काजल

मन के मेरे चित्रकार की तुम्ही प्रिये कूची सतरंगी
तुम अषाढ़ का प्रथम मेघ हो, तुम हो अभिलाषा तन्वंगी
तुम कलियों का प्रथम जागरण,तुम हो मलयज की अँगड़ाई
तुम दहले पलाश सी, मन में छेड़ रहीं अभिनव सारंगी
पा सान्निध्य तुम्हारा, पूनम हो जाती है, मावस काली
खनक रही मेरे गीतों में मीत तुम्हारे पग की पायल

तुम गीतों का प्रथम छंद हो, तुम उन्वान गज़ल का मेरी
तुमने मेरे शिल्पकार की छैनी बन प्रतिमायें चितेरी
वेद ॠचा के गुंजित मंत्रों का आव्हान बनी तुम प्रतिपल
तुमने आशा दीप जला कर ज्योतित की हर राह अंधेरी
तुम गायन की प्रथम तान हो, तुम उपासना हो साधक की
बासन्ती कर रहा उमंगें शतरूपे यह धानी आँचल

जैसे छंद गीत में रहता, मंदिर में रहता गंगाजल
मीत बसे हो तुम कविता में लहराते सुधियों का आँचल Indli - Hindi News, Blogs, Links

32 टिप्‍पणियां:

पंकज बेंगाणी ने कहा…

क्या बात है... !!


अरे कनाडा टाइम से आज बर्थडे है कि भारत टाइम से वो तो कहो...

चलो जो भी हो, राकेशजी को बहुत बहुत बधाई.


आज स्पेश्यल दिन है, आज मेरी फालतु कविता नही चलेगी. आज तो कविराज का जन्मदिन है

बेनामी ने कहा…

हमारी ओर से भी ढ़ेर सारी शुभकामनाएं स्वीकारें.
आपकी स्वस्थ लम्बी आयु की कामना करता हूँ.

बेनामी ने कहा…

राकेश भाई ,
हमारी ओर से भी ढ़ेर सारी शुभकामनाएं स्वीकारें इस शुभ दिन पर. आपकी स्वस्थ सुखी और दीर्घ जीवन की कामना करता हूँ.

इस अवसर पर हो जाये एक नया गीत

बेनामी ने कहा…

राकेश जी,
आप जीएं हज़ारो साल
नित नए करते रहें कमाल।

बेनामी ने कहा…

मेरी ओर से भी राकेशजी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ।

Reetesh Gupta ने कहा…

राकेश जी को जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनायें

हमे इतना संतोष है की हमारा जन्मदिन भी आज ही है.....हम गीतकार न सही गीतकार के साथ हमारा जन्मदिन ही सही...

Divine India ने कहा…

बहुत सुंदर रचना…।
राकेश जी को जन्मदिन पर ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं…
ऐसे ही कई और गीतों की मालाएं सजाते रहें।

Udan Tashtari ने कहा…

अरे वाह, रितेश भाई-आपको भी जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई. हमको मालूम चल गया, अब तो मिठाई का प्रबंध करें.

बहुत शुभकामनायें इस शुभ दिन पर.आपकी स्वस्थ सुखी और दीर्घ जीवन की कामना करता हूँ. बस अपनी कवितायें पढ़वाते रहो. :)

बेनामी ने कहा…

राकेश जी को जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनायें

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

"गीत सम्राट राकेश खंडेलवाल: तुम जियो हजारों साल"

आप को जन्म दिन की अनेकों शुभकामनाएं।प्रभू करे आप सदा मुस्कराते रहो,गीत गाते रहो ।हमारी ओर से बहुत=बहुत बधाई।

सुनीता शानू ने कहा…

आनन्द मय हो जनम दिवस ये,आप खुशीयाँ खूब मनाएँ,...
भूली बिसरी व्यर्थ की बातें, दिल से आज हटाएँ...
गाएँ गीत नया ही कोई, छेडे़ नया तराना...
बस इतना है नम्र निवेदन,हमको भूल ना जाना...
राकेश जी को एवं रीतेश जी को जन्म दिवस की अनेकों शुभ-कामनाएं।
सुनीता(शानू)

बेनामी ने कहा…

राकेश खंडेलवाल जी वाकयी गीत सम्राट हैं.. जन्मदिन मुबारक हो जनाब

समीर जी, रचना पसंद आयी.. बधाई का अंदाज़ निराला है.

अनूप शुक्ल ने कहा…

बहुत-बहुत बधाइयां राकेश जी को और रीतेश जी को भी!

rachana ने कहा…

हमारी तरफ़ से भी खूब सारी शुभकामनाएं!
राकेश जी इसी तरह अपनी कलम चलाएं!
अभिव्यक्ति को शब्द देकर गीत बनाएं!
उन मधुर गीतों को हमे भी पढवाएं!!!
** रीतेश जी को भी खूब सारी शुभकामनाएं!!

Manish Kumar ने कहा…

बहुत सुंदर रचना पढ़ाई राकेश जी की ! जन्मदिन की उन्हें हार्दिक बधाई ।

अभिनव ने कहा…

अरे वाह, भाई राकेशजी को जन्मदिन की अनेक शुभकामनाएँ। रीतेश जी को भी अनेक बधाइयाँ।
हमारी ओर से भी एक एक गुलगुला खा लीजिएगा।

जय हो।

Rajeev (राजीव) ने कहा…

राकेश जी व रितेश, दोनों को जन्म दिवस की शुभकामनाएं।

शैलेश भारतवासी ने कहा…

राकेश खंडेलवाल और रीतेश जी को जन्मदिवस की अनेकों शुभकामनाएँ।

शैलेश भारतवासी ने कहा…

राकेश खंडेलवाल और रीतेश जी को जन्मदिवस की अनेकों शुभकामनाएँ।

रीतेश भाई कौन कहता है कि आप गीतकार नहीं हैं! आप भी खंडेलवाल जी की भाँति गीत लिखें, ,मेरी यही शुभकामनाएँ हैं।

Reetesh Gupta ने कहा…

आप सभी के प्यार और शुभकामनाओं के लिये हार्दिक धन्यवाद

रीतेश गुप्ता

Arun Arora ने कहा…

हमाई और से भी बधाई,

रंजू भाटिया ने कहा…

राकेश जी को जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनायें

बहुत सुंदर रचना…। बहुत बधाई।

Poonam Misra ने कहा…

राकेश जी को जन्मदिन पर अनेकों शुभकामनाएं

ghughutibasuti ने कहा…

बधाई हो ! आपका जीवन सुखमय गीतमय हो !
घुघूती बासूती
Reetesh ji ur badhais have been sent to ur blog . :)
घुघूती बासूती

Sanjeet Tripathi ने कहा…

राकेश और रीतेश जी को जन्मदिन पर ढ़ेर सारी शुभकामनाएं

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

राकेश जी आपको जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें। खुशियों से आपका संसार सज़ा रहे निराशा आपके पास भूले से भी न फटके।

रीतेश जी आपको भी जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक।

ePandit ने कहा…

बहुत बहुत बधाई राकेश जी को जन्मदिन की। उम्मीद है उनके गीत निरंतर हमारा मनोरंजन करते रहेंगे।

Sajeev ने कहा…

बहुत सुन्दर अंदाज़ है समीर भाई ... हमारी तरफ से भी कवि राज को ढ़ेर सारी शुभकामनायें

राकेश खंडेलवाल ने कहा…

मुझको अनुरागियों की मिलीं, आपसे,
इतनी शुभकामना, धन्य मैं हो गया
आपका शब्द हर एक सद्भाव का
शीश पर मेरे आशीष इक हो गया
पल मिले जितने सान्निध्य में आपके
नींव विश्वास की दॄढ़ किये जा रहे
और जो स्नेह पाया यहाँ आपसे
बीज अपनत्व के कुछ नये बो गया.


रीतेशजी-

सहभागी हैं आप, आयें फिर बाँटें सब आपस में
आशा लिखते रहें नई नित रचना होकर रसमय
भाई अभिनव शुक्लाजी हैं हमसे बड़े एक दिन
उनको प्रेषित मधुर कामना करता होकर तन्मय.

पंकजजी, संजयजी, रत्ना, अतुल और दिव्याभ
परमजीत, जगदीश भाटिया, शानूजी की बात
नीरजजी, फ़ुर्सतिया, रचना औ' मनीश राजीव
पल पल रही आपके मन की मधुर कामना साथ

पूनमजी संजीत त्रिपाठी, घुघूतीजी शैलेश
भावसिक्त, मिल गये भानाजी मुझको संदेशं
ई-पंडित, संजीव सारथी, अभिनव औ' रीतेश
फ़रमाइश पर गीत लिखूँगा, कल, प्रियवर काकेश

धन्यवाद मैं दूँ समीरजी को कुछ शब्द नहीं हैं
ये भी है अंदाज़ निराला, हमको पता नहीं था
अगर किसी का नाम रह गया छूट, क्षमायाचित हूँ
निश्चित मानें उसके पीछे कोई राज नहीं था

राकेश खंडेलवाल ने कहा…

भाई काकेश,

सोचा कि आपके आग्रह को स्थगित कर दूँ पर संभव नहीं हो सका. इसलिये

पंथ पर ज़िन्दगी के नये मोड़ पर
एक दीपक जला है नया साध का
याद के इन्द्रधनुषी सपन, ज्योति की
हर किरण सातरंगीं बनाने लगे

राह में जितने मुझको मिले हमसफ़र
उनका अपनत्व जीने का विश्वास है
योजनों दूर मुझसे रहे हों भले
मन की अँगनाई में उनका आवास है
भावना के पखेरू बने वे कभी
मेरे मानस के आकाश पर आ गये
और अनगिन उमंगें लिये बाँह में
द्वार पर मेघ-मल्हार आ गा गये

उनका पावन परस छेड़ता तार है
मन की सारंगियों से मधुर साज के
स्वर्ण के इक कलश से झरी ओस से
भोर प्राची में जैसे नहाने लगे

डगमगाते कदम का सहारा बने
वे बने हैंदिशा राह जब खो गई
बन के बादल सा कालीन पथ में बिछे
राह कुंठा से जब कंटकी हो गई
ढल गई सांझ जब, बन गये ज्योत्सना
रात में चाँद बन जगमगाने लगे
वे निकटतम रहे हैं, जो मेरे सदा
आज नज़दीक कुछ और आने लगे

सांझ चौपाल पर दीप इक बाल कर
अपनी स्मॄतियों की चादर बिछाये हुए
चंद अनुभूतियों की सुरा ढाल कर
होंठ फिर नाम वे गुनगुनाने लगे

कहकहों के निमंत्रण मिले हैं कभी
तो मिली थीं कभी अश्रु की पातियाँ
यज्ञ की ज्वाल से दीप पाये कभी
और पाईं कभी बुझ चुकी बातियाँ
मेघ झूला झुलाते रहे हैं कभी
फूल गाते रहे गंध की लोरियाँ
तो कभी उंगलियाँ छटपटाती रहीं
बाँध वट पर सकें आस की डोरियाँ

आज संतोष से भर गया मनकलश
आपके स्नेह की पा बरसती सुधा
हर्ष-अतिरेक स्वर पी गया कंठ का
नैन में आ निमिष छलछलाने लगे

राकेश खंडेलवाल

mamta ने कहा…

राकेश जी और रीतेश जी को जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो।

विजेंद्र एस विज ने कहा…

देर से ही सही..राकेश जी आपको जन्म दिन की ढेरो शुभकामनायेँ हमारी ओर से कबूल हो..हम आपके स्वास्थ्य व लम्बी उम्र की कामना करते हैँ.
-दिल्ली से आपका विज