मंगलवार, अक्तूबर 14, 2008

हो आये वाशिंग्टन-आप भी सुनो!!

बीती ११ अक्टूबर की सुनहरी शाम का ६ बजना चाहता था. कभी कभी ऐसा हो जाता है कि सूरज डूबने को होता है और चांद निकल आता है. एक तरफ डूबता सूरज, मानो आज घर जाने को राजी ही न हो और दूसरी तरफ चाँद, आज वक्त के पहले ही हाजिर. कौन नहीं होना चाहेगा जब इतना सुन्दर आयोजन हो राकेश खण्डेलवाल जी के अद्भुत गीतों के संकलन के विमोचन का.

यूँ तो गीत शब्द एक संज्ञा है. जब भी मन के भावों को एक विशेष छंदबद्ध तरीके से शब्दों में ढाला जाता है, तब हम उसे गीत कहते हैं. वो ही अगर बहुत उम्दा भाव, उम्दा शब्द चयन और उम्दा लय के संगम को दर्शाता हो, तो हम गीत रुपी इस संज्ञा में एक विशेषण जोड़ देते हैं, सुन्दर गीत. और यदि उस सुन्दर गीत में भावों को दर्शाने के लिए बिम्ब चयन भी विशिष्ट हो, तब एक और विशेषण लगा कर हम उसे अति सुन्दर गीत निरुपित करते हैं.

किन्तु राकेश भाई के गीतों के लिए ’अति सुन्दर गीत’ एक संज्ञा ही है. वो जब भी अपने दिल के भावों को छंदों मे उतारते हैं, वो स्वतः ही एक अति सुन्दर गीत का रुप ले लेता है और हम सुनने और गुनने वाले कह उठते हैं, ’वाह, अद्भुत’

इस मौके पर एक अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन था, जिसके मुख्य अथिति थे जाने माने साहित्यकार डॉ सत्यपाल आनन्द जी और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे फिलाडेफिया से पधारे विख्यात कवि श्री घनश्याम गुप्ता जी.

राजधानी मंदिर, वर्जिनिया, अमरीका के प्रांगण में कवियों और श्रोताओं का जमावड़ा सा था.

कविश्रेष्ट श्री सुरेन्द्र तिवारी जी, न्यू जर्सी से अनूप भार्गव जी और उनकी कवियत्री पत्नी श्रीमति रजनी भार्गव जी, टोरंटो से मैं स्वयं याने समीर लाल उड़न तश्तरी वाले, वाशिंग्टन से श्रीमति बीना टोड़ी, विशाखा जी, जिन्होंने ने बखूबी कार्यक्रम का संचालन किया, श्रीमति मधु माहेश्वरी जी एवं वाशिंग्टन के ही अनेक कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया.

कार्यक्रम की शुरुवात स्थानीय कवियों के काव्य पाठ से हुई एवं उसके बाद डॉ सत्यपाल आनन्द जी ने किताब का विमोचन किया.

पुस्तक का विमोचन: डॉ.सत्यपाल आनन्द जी द्वारा:



लिंक:

http://www.youtube.com/watch?v=3HxweVw5QoE

इसी दौरान, मैने इस पुस्तक के प्रकाशक शिवना प्रकाशन, सिहोर के संचालक श्री पंकज पुरोहित ’सुबीर’ जी का प्रतिनिधित्व करते हुए राकेश जी का सम्मान पत्र एवं शाल पहना कर अभिनन्दन किया.

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इसके बाद फिर काव्य पाठ का सिलसिला शुरु हुआ जो देर रात जाकर थमा. बीच में राजधानी मंदिर के सौजन्य से विविध व्यंजनों का लुत्फ उठाया गया. आप भी सुनिये.

विडियो अनूप भार्गव जी के सौजन्य से यूट्यूब पर चढ़ाये गये है.

राकेश खण्डेलवाल जी का काव्य पाठ:



लिंक:

http://www.youtube.com/watch?v=WjwqUEq0GUA

समीर लाल: काव्य पाठ



लिंक:

http://www.youtube.com/watch?v=Qqlt0QZZmdI


अनूप भार्गव जी का काव्य पाठ



लिंक:

http://www.youtube.com/watch?v=TEB2lQv2Z-o



रजनी भार्गव जी का काव्य पाठ:



लिंक:

http://www.youtube.com/watch?v=6O5AcJqTyrw Indli - Hindi News, Blogs, Links

66 टिप्‍पणियां:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

badai aapki awaz bhi suni .kabhi apne desh bhi aaye .aapki prtiksha main

Udan Tashtari ने कहा…

धीरु भाई

आपके आदेश पर बस नवम्बर में आ ही रहे हैं. :)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

हमारे राकेश जी तो हैँ ही कविराज ! उन्हेँ बहुत बधाई और आप व अनूप भाई ने और रजनी भाभी ने
समाँ खूबसुरत बना दिया जी :)
बहुत अच्छा लगा इसे पढना

- लावण्या

संजीव कुमार सिन्‍हा ने कहा…

आप भले ही विदेश में बसे हैं लेकिन आप अभी भी भारतीयता से ओतप्रोत हैं. आपके विचार, आपकी सक्रियता, हिन्दी साहित्य के प्रति अनुराग, निश्छल स्वभाव से हमें प्रेरणा मिलती हैं.

विवेक सिंह ने कहा…

अति सुन्दर !

Anil Pusadkar ने कहा…

राकेश जी को,आपको और कार्यक्रम मे उपसथित सभी को बहुत-बहुत बधाई।

ALOK PURANIK ने कहा…

भई क्या केने। क्या केने।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

राकेश जी को काव्य संकलन पर बधाई। रिपोर्ट पढ़ना अच्छा लगा।

डा० अमर कुमार ने कहा…

अद्भुत है यह अनुभव, परदेश में हिन्दी को जीना..
स्वदेश की छ्टा की झलक देता आयोजन !
पाठको की बात छोड़िये, 100-150 कमेन्ट्स ही आते हैं ।
पाठकों की बात क्यों छोड़ दी जाये, भला ?
क्या हिन्दी टाइपिंग में अक्षम पाठक का पढ़ कर ही संतुष्ट हो
लेना मायने नहीं रखता है ?

ठहाके किस बात पर लगवा दिये, हमें भी बतायें !

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

पुन: आगमन की बहुत बहुत शुभकामनाऍ, आपके ब्‍लाग पर बहुत कुछ अच्छा लगा खास कर साईड बार पर आपकी फोटो :)

फोटो से याद आया, आपने मुझे कनाडा की वर्फ की तस्वीरे भेजने को कहा था करीब ढ़ेड़ साल पहले :)

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत बहुत बधाई जी ...

बेनामी ने कहा…

राकेश खंडेलवाल जी का एक विमोचन समारोह आपके सानिघ्‍य में चल रहा था तो दूसरा हिंदी युग्‍म पर वर्चुअल विमोचन चिट्ठाजगत कर रहा था। आप सभी को साधुवाद। आपने अपनी पोस्‍ट में विमोचन समारोह की झलकियां दिखाकर जीवंत दर्शन कराया उसके लिए आभार।

बेनामी ने कहा…

वाह समीर जी, आप तो छा गए! :) एक बात ये बताएँ कि फोटू में राकेश जी दूसरी ओर देख रहे हैं और आप इस ओर देख रहे हैं, ये क्या गड़बड़ घोटाला है? या ऐसा है कि आप अपने कैमरे की ओर देख रहे हैं और राकेश जी अपने कैमरे की ओर? ;)

किसी कारणवश पहले दो वीडियो ब्लॉग पोस्ट में नहीं दिख रहे, बाकी तो एकदम मस्त दिखे! :)

और नवंबर में आप भारत आ रहे हैं, ध्यान रहे आपने लाल अमृत लाने का वायदा किया हुआ है! :D

समीर यादव ने कहा…

समीर जी, सबसे पहले गर्व अनुभूति कि आप वहाँ रहकर हिन्दी, हिन्दी जनों की निस्वार्थ सेवा में रत हैं. ईश्वर आपको सतत प्रेरणा, शक्ति और संबल प्रदान करते रहें. हम अकिंचन इस बात से बहुत प्रसन्न होते हैं कि जो किया जा रहा है, वह उन लोगों तक पहुंचे, जहाँ पहुँचना चाहिए. इस कार्यक्रम के नायक "राकेश जी" को बधाइयाँ. और उपस्थित सभी लोगों को सादर अभिवादन कि वह एक सार्थकता के लिए आये और उसे प्रमाणित भी किया. पढ़ा और सुना भी अब आपसे प्रत्यक्ष मिलने की इच्छा और बलवती हो गई...शायद नवम्बर नजदीक आने के कारण.

पंकज सुबीर ने कहा…

समीर जी कार्यक्रम की विस्‍तृत रपट जिसमें कि काव्‍य गोष्‍ठी की पूरी जानकारी हो जैसे कि नीरज जी ने दी थी का इंतेजार है ।

seema gupta ने कहा…

' wah wah wah, dil khush ho gya aankhon dekha haal kee presentation pr... aap sbhee ko dil se shubhkamnayen"

Regards

पंकज बेंगाणी ने कहा…

अच्छा लगा पढकर और सुनकर

संजय बेंगाणी ने कहा…

तालियाँ.....
सभी का पाठ सुनने के बाद बजाई जा रही है.

मसिजीवी ने कहा…

व्‍यंजनों के वीडियो कहॉं हैं ?

बधाई सब लोगों को

संगीता पुरी ने कहा…

अरे वाह , इतने दिनों बाद आए , अच्छी अच्छी सौगातें लेकर....बहुत अच्छा....धन्यवाद।

भूतनाथ ने कहा…

पढ़ सुन कर आनंद आ गया ! अब आप आही रहे हैं नवम्बर में तो दर्शन देकर ही जाइयेगा !

Nitish Raj ने कहा…

अपने भाव जहां भी कहता हूं गीतों की शक्लों में ढल जाते हैं। समीर जी बहुत ही बढ़िया रहा। नवंबर में कब, कहां आ रहे हैं और कैसे मुलाकात होगी ये जरूर बताइएगा। क्या दिल्ली आना होगा आपका?

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

इस पुरे कार्यक्रम का विवरण पढ़ कर विडियो पर देख सुन कर मन गद गद हो गया ! आपका किन शब्दों में शुक्रिया अदा करूँ ? बहुत २ प्रणाम आपको !

Udan Tashtari ने कहा…

"P.N. Subramanian" to me
show details 11:08 pm (5 hours ago)

आज आपकी आवाज़ सुनकर अच्छा लगा. अति सुंदर रचना. श्रोताओं की आवाज़ का वॉल्यूम कुछ ज़्यादा हो गया.

Dear Shri Sameer Lal,

I could not give my comments due an error message coming up "Blogger not available, sorry for the inconvenience", therefore decided
to send it by mail.

With kind regards,
PNS

--
Kindly visit my blog at:
http://paliakara.blogspot.com (English)
http://mallar.wordpress.com (Hindi)

Abhishek Ojha ने कहा…

सुन तो लिया, और कितना अच्छा है ये कहने की जरुरत है क्या?...
लेकिन व्यंजन तो आप अकेले ही उडा ले गए :-) नवम्बर में हम नहीं छोड़ने वाले :-)

पारुल "पुखराज" ने कहा…

bahut badhiyaa...humsab tak pahunchaney ke liye saadhuvaad..

admin ने कहा…

राकेश जी को बहुत बहुत बधाई और आपको इतने सारे कवियों की रचनाएं सुनवाने का शुक्रिया।

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

वाह मजा आ गया! विस्तृत रिपोर्ट के लिये शुक्रिया।

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी मिली आभार।

L.Goswami ने कहा…

सुन लिया ..बहुत सुंदर आवाज है आपकी समीर जी

दिलीप कवठेकर ने कहा…

गीत की इतनी सुन्दर व्याख्या ..

सीहोर मेरे शहर से मात्र ३ घन्टे की दूरी पर है, मगर जा नही पाया. मगर , इतने दूर हैं आप सभी, फिर भी रिपोर्ट बड़ी LIVE रही.

रंजना ने कहा…

राकेश खंडेलवाल जी के पुस्तक विमोचन समारोह का जीवंत दिग्दर्शन कराने के लिए आपका कोटिशः आभार.बड़ा ही आनंद आया.अपनी मिट्टी से दूर रहकर भी सही मायनों में आप लोग ही इस माटी को और सुवासित तथा उर्वर कर रहे हैं.इसके लिए यह धरती माँ सदा आपलोगों पर अपनी स्नेह सुधा बरसाती रहेगी और आप लोगों पर गर्व करेगी.

Suneel R. Karmele ने कहा…

अपने इतने खुशनुमा क्षण बांटने के लि‍ए आभार........;

दीपक कुमार भानरे ने कहा…

श्रीमान जी अति सुन्दर . आप सभी ko बहुत बहुत badhaai .

डॉ .अनुराग ने कहा…

मुबारका .ढेरो .आप लोग एक साथ मंच पर आये.... ओर इस मुलाकात को आँख के चश्मे से दिखा भी दिया

राकेश खंडेलवाल ने कहा…

पा समीर का स्पर्श, गंध में डूबा करती है फुलवारी
जहाँ उपस्थित होते, होती सभा तीन लोकों से न्यारी
हुआ मधुर कुछ और बहे जब शब्द मलयजी हो होठों से
सभी निहारें फंथ आयेंगे पुन: आप फिर कब दोबारी

Shiv ने कहा…

राकेश जी की कवितायें तो अद्भुत होती ही हैं. उनके काव्य संकलन के बारे में इतना पढ़ा है कि पहला मौका मिलते ही किताब पढूंगा.

समीर भाई, प्रस्तुति देखने में समय तो लगा लेकिन लगी बहुत बढ़िया.

अजय कुमार झा ने कहा…

wah mahaaraj ,
maja aa gaya ab to bas yahee kehnaa hai ki kabhi washingtan via india bhee jaayiye na.

Unknown ने कहा…

फिर मजा आया आपको पढ़कर। आत्‍मीय संवाद कायम किया है आपने।

बेनामी ने कहा…

राकेश जी को बधाई।

"अर्श" ने कहा…

aisi prastuti ke liye aapko bahot bahot sadhuvad,........

regards

pallavi trivedi ने कहा…

विमोचन और काव्य संध्या से रूबरू करवाने के लिए धन्यवाद....

रश्मि प्रभा... ने कहा…

swaagat hai........
bahut achha laga padhke

समयचक्र ने कहा…

श्री राकेश खंडेलवाल जी के अद्भुत गीतों के संकलन के विमोचन अवसर के सन्दर्भ में अपने अच्छी जानकारी दी है उन्हें और कार्यक्रम में शिरकत करने वाले समस्त कवियो को बधाई. " बस्ती बस्ती मै आस लिए फिरता हूँ" . आपकी आवाज में रचना सुनी जिसके लिए धन्यवाद.

Unknown ने कहा…

तद्भुअ हवा।

Unknown ने कहा…

वाह। अद्भुत।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, लेकिन अभी सारे नही सुने, अब सुनु गां, अजी नवम्बर मे क्या हमारे यहां भी आ रहै है क्या, वेसे बात तो पहले हो चुकी थी, अब समय बतायए, जबाब जरुर दे

Anita kumar ने कहा…

वाह मजा आ गया, गान भी सुंदर रहा और कवितायें भी।

बेनामी ने कहा…

वाह आज तक यूट्यूब का इतना अच्छा इस्तेमाल नही हुआ था।

वहाँ न होने का गम नही रहा। :)

वैसे सब टीपे पड़े हैं कि आप भारत आ रहे हैं तो आयेंगे न!

मैं भी जोड़ दूँ क्या? :)

साधवी ने कहा…

गुरु जी को भी आपका गायन सुनवा दिया. गुरु जी मुस्कुरा रहे थे. गुरु माँ हँसने लगी तो गुरु जी बोले हैं कि अच्छा तो गा लेता है. गुरु माँ भी हाँ करने लगी साथ साथ में. आपकी नई फोटो भी दिखा दी.

आपसे मिले बहुत दिन हो गया. दोनों मिलना चाहते हैं. कहते थे कि जल्दी आने वाला है. आप भारत तो नवम्बर में आ जायेंगे. आश्रम कब आवेंगे?

दीदी की तबीयत को लेकर गुरु माँ परेशान होती हैं. एक दिन उनकी बात कर देना फोन पर फिर से.

मैं कभी नहीं सोचती कि आप गाते भी हो.आपको देखकर ऐसा नहीं लगता. मगर सच्ची, अच्छा गाया है.

राजेश चौधरी ने कहा…

बहुत खूब, समीर जी. मज़ा आ गया आपको सुनकर. बहुत बहुत बधाई.

Arvind Mishra ने कहा…

दिल में इक मधुमास लिए फिरता हूँ .....और वह भी बेगानों के लिए -तरन्नुम में में सुधार है समीर जी पर यही कविता बिना तरन्नुम के आप जबरदसत तरीके से अर्ज कर सकते थे .आप पर ये तरन्नुम का भूत क्यों चढ़ा हुआ है -जब बनारस आईयेगा आपकी कविता मैं तरन्नुम में आपको ही सुनाऊंगा और आपसे सुनूंगा भी -यह सेशन यादगार होगा ! वादा रहा .

Manish Kumar ने कहा…

बहुत अच्छा लगा आप सब को सुनना। राकेश की ग़ज़ल खास तौर पर पसंद आया। इस प्रस्तुति के लिए आपको बधाई।

गौतम राजऋषि ने कहा…

सरकार की जय हो.आज पहली बार आपको पाठ करते सुना और पहले से ही कायल मन आपकी तारिफ़ में फिलहाल शब्द-कोष पलट रहा है सही शब्दों के चयन के लिये...

Asha Joglekar ने कहा…

आपकी बदौलत हम भी हो आये वॉशिंग्टन . कविता पाठ बहुत भला लगा .

संगीता मनराल ने कहा…

धन्यवाद समीर जी, काफी जानने को मिला, कुछ और फोटो भी डालिये ना| मालूम हुआ आप नवम्बर में भारत आ रहे हैं तो क्या दिल्ली भ्रमण भी होगा यदि हाँ तो इत्तला करियेगा इंतजार रहेगा|

संगीता मनराल ने कहा…

धन्यवाद समीर जी, काफी जानने को मिला, कुछ और फोटो भी डालिये ना| मालूम हुआ आप नवम्बर में भारत आ रहे हैं तो क्या दिल्ली भ्रमण भी होगा यदि हाँ तो इत्तला करियेगा इंतजार रहेगा|

Udan Tashtari ने कहा…

shailesh zaidi to sameerlal
show details 11:35 pm (6 hours ago)

प्रिय समीर लाल जी
सारी प्रस्तुतियां हैं अदभुत, आप भी दिलचस्प हैं.
जितनी कवितायेँ सुनीं मैंने, सभी दिलचस्प हैं.
राकेश खंडेलवाल को, और आप सभी को बधाई.
शैलेश ज़ैदी

कुन्नू सिंह ने कहा…

दो दो खूशखबरी एक साथ।
१. एक बार और घूम लीयें :)

२. आपका पेजरैंक वापीस चार (4) हो गया।

बधाई हो!!

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

meri hajiri bhee laga lena, class me bhee sabse last me baithta tha.

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

आपके व्यक्तित्व का याह आयाम तो बहुत आकर्षक है।
मलाल भी है कि इसको हम कभी मैच नहीं कर सकते!

बेनामी ने कहा…

bahut suruchipoorna likha hain aapne. padhkar aanand aa gaya.

Kavita Vachaknavee ने कहा…

बधाई!

जितेन्द़ भगत ने कहा…

अब तक तो आपके लेखन से ही परि‍चि‍त था, पहली बार आवाज सुनने का भी अवसर मि‍ला, ऐसा लगता ही नहीं कि‍ आपसे कोई नया-नया परि‍चय है। पूरी पोस्‍ट बढ़ि‍या लगी।

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

Bahut acha laga sabko sunkar..badhai..aapki post bahut achi lagi bahut bahut badhai...

बवाल ने कहा…

भौत सानदार पोगराम भओ सरजी और रपोट, बा सै भी उम्दा. खीब मजै लै रए हो उते काय. जमन दो जमन दो.