बम्पर स्कीम!!
आप एक ईमेल भेजो-दीपावली शुभ और बदले में पाओ २० ईमेल शुभकामना संदेश- साथ में खुले आम ५० लोग फारवर्ड लिस्ट में और फिर उनके शुभकामना संदेश. ऑर्कुट से लेकर चिरकुट तक-हर तरफ दीपावली धमाका.
ब्लॉग पोस्टों पर जो लोग साल भर यही सोचते रह गये कि क्या लिखें, वो भी लिख गये. शुभ दीपावली. जो ज्यादा होशियार थे, उन्होंने साथ में तस्वीर भी लगाई-किसी नें लक्ष्मी गणेश, किसी ने लड्डू, किसी ने दीपक, जिसकी जैसी श्रृद्धा बन पाई. किसी ने पूजन विधी, किसी ने भजन, तो किसी ने भोजन परोसा. ज्यादा टेक्निकल लोगों ने जलते हुए दीपक की तस्वीर, घूमती हुई चकरी भी लगा डाली.
जो स्वयं खुद ही लक्ष्मी जी की सवारी बन जाने की संपूर्ण योग्यता रखते हैं, वह भी उन्हें अन्य स्थानों पर पहुँचाने की बजाय स्वयं अपने घर में निमंत्रित करने हेतु आँख मूँदे पूजा करते नजर आये.
कमेंट में भी दनादन पटाखे फोड़े गये. सबने अपने अपने हिसाब से बेहिसाब कॉपी पेस्ट करने का सुख प्राप्त किया. जो बरस भर कमेंट करने के लिए एक अदद अच्छी पोस्ट की तलाश में थे अन्यथा मूँह सिले बैठे रहना पसंद करते थे ताकि उनके श्रेष्ठ होने पर प्रश्न चिन्ह न लग जाये, वे भी एकाएक मुखर हो उठे और कमेंट करने निकल पड़े. मुक्तक, कविता, गद्य हर फार्मेट में कमेंट किये गये. पोस्ट में कुछ भी लिखा हो, देना दिवाली की बधाई ही है, यही उद्देश्य चहुं ओर जोर मारता रहा. मैं स्वयं यही स्व-रचित मंत्र उच्चारता रहा, हर कमेंट, हर ईमेल में:
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
कुल मिला कर दीपावली शुभ रही. आनन्द आया. अभी तक खुमार उतार पर ही है बुझा नहीं है. फुलझड़ियाँ चल ही रही हैं यहाँ वहाँ. ईमेल भी आये जा रही हैं. एक ही व्यक्ति से कई कई बार. लोग त्यौहार की खुशी में बार बार भूल जा रहे हैं कि पाँच बार पहले ही बधाई दे चुके हैं. आशा की जा रही है कि यह कार्यक्रम ग्यारस तक चलता रहेगा.
तब तक ओबामा भी भारत से चले जायेंगे. बहुत सारे मामले इसी मामले से ठंडे पड़ जायेंगे. दिवाली बीत चुके दिन बीत गये होंगे. रावण का भी बर्निंग सेन्शेसन खत्म हो चुका होगा और वह फिर मूँह उठा तैयार खड़े हो जायेगा और राम चन्द्र जी एक बरस के लिए पुनः विश्राम हेतु वन चले जायेंगे. १४ बरस बहुत होते हैं किसी भी बात की लत लग जाने को. एक बार वन में आराम करने की आदत पड़ जाये तो महल कहाँ सुहाता है?
तब तक हम भी भारत पहुँच चुके होंगे, फिर इत्मिनान से पोस्ट लिखेंगे. भारत पहुँचने तक अब कम से कम हमारी कोई पोस्ट नहीं आयेगी. बहुत चैन की सांस लेने के जरुरत नहीं है, बुधवार को तो पहुँच जायेंगे, अगली पोस्ट वैसे भी गुरुवार को ही ड्यू है.
अब उस समय तक आप मास्साब पंकज सुबीर जी द्वारा आयोजित दीपावली तरही मुशायरा में मेरी प्रस्तुत गज़ल पढ़िये.
जलते रहें दीपक सदा काईम रहे ये रोशनी
बोलो वचन ऐसे सदा घुलने लगे ज्यूँ चाशनी
ऐसा नहीं हर सांप के दांतों में हो विष ही भरा
कुछ एक ने ऐसा डसा ये ज़ात ही विषधर बनी
सम्मान का होने लगे सौदा किसी जब देश में
तब जान लो, उस देश की है आ गई अंतिम घड़ी
किस काम की औलाद जो लेटी रहे आराम से
और भूख से दो वक्त की, घर से निकल कर मां लड़ी
(CWG स्पेशल)
सब लूटकर बन तो गये सरताज आखिरकार तुम
लेकिन खबर तो विश्व के अखबार हर इक में छपी
-समीर लाल ’समीर’
63 टिप्पणियां:
एकदम राप्चिक :)
ओबामा लगता है आपको लौटते में रास्ते में मिलेंगे.... जहाज की खिड़की से हाथ निकाल कर हवा में वेव मत कर बैठिएगा उन्हें :)
हमारी सुविधापरस्ती का कच्चा चिट्ठा आपने खोल ही दिया. हम ऐसा करते रहेंगे. आदमी ज़िंदगी भर सुविधा का जुगाड़ करता है :))
समीर जी
कमाल की प्रस्तुति ....जितनी तारीफ़ करो मुझे तो कम ही लगेगी
बढिया दीवाली के धमाकेअ,
मेल एसएमएस की रेलम पेल
दीवाली बधाई पोस्ट ठेलम ठेल
कल ओबामा ने डांस किया
खास खबर
बहुत आनद आया पोस्ट पढ़ कर .... 'पोस्ट दिवाली धमाका ' है आपकी ये पोस्ट ....
ऑर्कुट से लेकर चिरकुट तक-हर तरफ दीपावली धमाका.....
बिलकुल ठीक कहा आपने ... कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिला 'सोशल नेटवर्किंग साइट्स'पर ....
रावण का भी बर्निंग सेन्शेसन खत्म हो चुका होगा और वह फिर मूँह उठा तैयार खड़े हो जायेगा और राम चन्द्र जी एक बरस के लिए पुनः विश्राम हेतु वन चले जायेंगे. १४ बरस बहुत होते हैं किसी भी बात की लत लग जाने को. एक बार वन में आराम करने की आदत पड़ जाये तो महल कहाँ सुहाता है?...
बिलकुल सही ...
ऐसा नहीं हर सांप के दांतों में हो विष ही भरा
कुछ एक ने ऐसा डसा ये ज़ात ही विषधर बनी..
वाह!! बहुत खूब ... बेहतरीन प्रस्तुति ...
भारत में स्वागत है, ओबामा तब तक जा चुके होंगें। दीवाली के बम और फुलझड़ी तो नहीं पर आपके ब्लॉग में विचारों के पटाखे फूटेंगे।
ऐसा नहीं हर सांप के दांतों में हो विष ही भरा
कुछ एक ने ऐसा डसा ये ज़ात ही विषधर बनी...
सटीक !
अच्छा चलिए इस उम्दा ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कर लीजिए.
ऐसा नहीं हर सांप के दांतों में हो विष ही भरा
कुछ एक ने ऐसा डसा ये ज़ात ही विषधर बनी
और हासिले-ग़ज़ल शेर पर देर तक दाद भी.
भैलकम टु इंडिआ जी।
होम ग्राऊंड और होम क्राऊड में आपकी अगली पोस्ट के तेवर कैसे होंगे, इंतजार में हैं - हम लोग।
समीरजी, भारत आगमन पर स्वागत। आपने अपना विस्तृत कार्यक्रम नहीं बताया। कितने दिनों का मुकाम है?
ब्लागीरी के सबक कोई आपसे सीखे। आप लीक से हटकर मास्टरी करते हैं। सीधे-सीधे कुछ नहीं कहते, सामनेवाले की समझ की परीक्षा लेते हें।
अपकी इस पोस्ट ने आजब्लागीरी की थोडी सी समझ दी है। धन्यवाद।
किस काम की औलाद जो लेटी रहे आराम से
और भूख से दो वक्त की, घर से निकल कर मां लड़ी
बहुत खुबसूरत बधाई
कमाल की पोस्ट बार- बार पढने का दिल करता है , टिप्पणी क्या करूँ ....शुक्रिया
मेरे साथ अलग किस्सा रहा...मैं ना तो दिवाली स्पेशल कोई पोस्ट ही लिख पाया और ना ज्यादा कहीं कमेन्ट ही कर पाया...और मैंने अपने दोस्तों को जो ई मेल से Diwali WIsh किया था, उनमे से भी किसी ने वापस रिप्लाई नहीं किया..मुझे तो लग रहा था सब ई-मेल करने में इतना कंजूसी क्यों कर रहे हैं :P...पांच छः मित्रों को छोड़ बाकी किसी ने जवाब नहीं दिया...सबको वैसे हिसाब देना पड़ेगा...;)
वैसे सबसे पहले दिवाली की बधाई आपसे ही मिली थी :)
ओबामा के बाद उड़नतश्तरी... वाह...
समीर जी यही तो है दिवाली का मज़ा. काश ऐसा भी होता की अमीर ग़रीबों की बस्ती मैं जा के दिवाली मनाता?
भारत में आपकी एंट्री धमाकेदार होने वाली यह बात पक्की है अब।
ओबामा पर तो स्वागत तैयारीयों का ट्राइल भर किया जा रहा है.
जलते रहें दीपक सदा कायम रहे ये रोशनी. बढ़िया.
सब लूटकर बन तो गये सरताज आखिरकार तुम
लेकिन खबर तो विश्व के अखबार हर इक में छपी
बहुत खूब..
धमाका जोरदार था...
इस बार की ग़ज़ल ने तो गज़ब ढा दिया समीर भाई ...... बहुत दिन हो गए मिले हुवे ... भाई न्योता भूलना नहीं ... और एड्रेस तो बता देना दिल्ली में कहाँ हो ....
बहुत खूब महाराज !
चले आइये ....सब इंतज़ार में है !
बेहतरीन प्रस्तुति ...!!
दीवाली की धमाका रिपोर्ट के साथ गज़ल भी बेहतरीन ..
धमाका बढ़िया था.हमें ज्यादा सुकून की आदत नहीं है जल्दी से पोस्ट लगाईयेगा :)
`सब लूटकर बन तो गये सरताज आखिरकार तुम
लेकिन खबर तो विश्व के अखबार हर इक में छपी’
बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा:)
ऐसा नहीं हर सांप के दांतों में हो विष ही भरा
कुछ एक ने ऐसा डसा ये ज़ात ही विषधर बनी...
बहुत खूब!
बढिया लगा यह आलेख।
आपके इस धमाके की गूंज के साथ तो मेरी हँसी की फुलझडिया फूंट रही है... खास तो ये लाइन " जो बरस भर कमेंट करने के लिए एक अदद अच्छी पोस्ट की तलाश में थे अन्यथा मूँह सिले बैठे रहना पसंद करते थे ताकि उनके श्रेष्ठ होने पर प्रश्न चिन्ह न लग जाये, वे भी एकाएक मुखर हो उठे और कमेंट करने निकल पड़े "... :))
और मुशायरे में शरीक आपकी गज़ल भी उम्दा \
भारत की और रवानगी के लिए शुभयात्रा और भारत में आपका खूब स्वागत हो शुभकामना..
bahut badiya prastuti
किस काम की औलाद जो लेटी रहे आराम से
और भूख से दो वक्त की, घर से निकल कर मां लड़ी
Kya gazab likhte hain aap!
भारत में आपका स्वागत है, आपकी शुभ यात्रा के लिए खुदा से दुआ करता हूँ. दिल्ली आएं तो अवश्य खबर करें, आपसे मिलने के लिए तहे दिल से इच्छुक हूँ.
प्रेमरस.कॉम
ये ईमेल भेजने वालों से तो परेशान हो गया हूँ मैं. अब तो ये हाल हो गया है की काम के ईमेल भी बिन देखे डिलीट कर देता हूँ. :)
स्वागत है भारत में .
स्वागत है भारत में .
दीपावली का प्रकाश सदैव आपके मन में झिलमिलाता रहे!
भारत आगमन पर आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ!
बहुतअच्छी लगी दीवाली रिपोर्टिंग...ग़ज़ल भी बेहद खूबसूरत .
अच्छा हुआ जो हमने अपने नोटिस बोर्ड में चिपका दी थी अपनी दीवाली शुभकामनाये !
एक बार फिर से आपको दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाऎँ :)
That was the real diwali dhamaka post...orkut se chirku was really lols...
Rawan har saal sir utha ke khada ho hi jaata hai .... liked that .
भारत की अपनी भ्रमण दैनंदिनी(Itinerary) से अवगत करायें -बनारस कब आना होगा ?
वाह समीर जी कमाल का लिखा है वाकई दिवाली धमाका रिपोर्ट तैयार की है आप ने ..
भारत मे आप का स्वागत है।
बहुत खूब......
जोरदार पोस्ट रही यह तो..
ग़ज़ल ने तो समाँ बाँध दिया...
मौत से शेक हैण्ड करने के बाद... अपनी प्रेज़ेंस का आग़ाज़ आपसे कर रहा हूँ. सबसे पहले तो आपका धन्यवाद करता हूँ...... आपका आशीर्वाद हमेशा रहा है... और एक अंजान ताक़त आपकी दुआओं को मेरे पास पहुंचाती रही. आपके स्नेह को पल पल महसूस करता रहा. बस आपसे मेरी यही एक गुज़ारिश है कि ऐसा ही स्नेह और आशीर्वाद हमेशा मुझ पर बनाये रखिये. मुझे आपके काल का इंतज़ार है.
सादर
आपका
महफूज़..
चलो आप और हम भी कुछ दिन में आते हैं ...
प्रयास करूंगा कि आप से लम्बा वार्तालाप हो
सम्मान का होने लगे सौदा किसी जब देश में
तब जान लो, उस देश की है आ गई अंतिम घड़ी
बहुत सुन्दर.
भारत में आपका कहां-कहां जाने का प्रोग्राम है?
खुश करते हुए गंभीर छोड़ गए।
किस काम की औलाद जो लेटी रहे आराम से
और भूख से दो वक्त की, घर से निकल कर मां लड़ी
रिपोर्ट तो झकाझक है :)
ग़ज़ल के क्या कहने .....
भारत मे आपका स्वागत है। गज़ल वहाँ भी पडःएए थी बहुत उमदा गज़लें होती हैं आपकी। शुभकामनायें।
समीरजी, भारत आगमन पर स्वागत।
मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती बेहतरीन ग़ज़ल !
आपके ब्लॉग पर आना सार्थक हुआ!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
आपके व्यंग्य की फुलझड़िया बहुत अच्छी लगी ! भाषा तो चटाई बम की तरह चट चट सबकी ऐसी की तैसी कर दे ! क्या कहने !!
aapki yeh post bhi acchi lagi,
aap bharat aa rahe hain,ye jaankar accha laga, aapka apne ghar main swagat hain apno ke beech.
आपके सामने वाले आ रहे जहाज में ओबामा जी बैठे हैं। हाथ हिला दीजिए
दीवाली की शुभकामनाएं यहां भी ले लीजिए
दीपावली पर्व पर ज्योतिकामनाएं
उजाला विचारों का, सारे जहां में
भरपूर फैलायें, करूं ऐसी कामनाएं ।
पसंद आयेंगे विचार, तो सराहेंगे
नहीं आयेंगे तो, आप समझायेंगे
पथ प्रदर्शक बनें आप, हम चाहेंगे।
दीपावली में गले लगकर अंधेरे के
रोशनी स्याही भी है, उजाला भी
सारे जहां में महकायें, हम चाहेंगे।
देशी घी में चुपड़ी दो रोटियां
ये तो प्रतिक्रियाओं पर सारांश प्रतिक्रिया है , कमाल है ..हँसते ही रह गए , टेक्नीकल लोग ...राम जी का बनवास .... शुभ यात्रा
रिपोर्ट और गज़ल दोनों दीपावली का मज़ा दे गए ....
सारी तस्वीर पेश की दिवाली की. वाकई ऐसा ही हुआ है. अब दीवाली गुजार गयी और अपने घर आने पर आपका हार्दिक स्वागत है. वैसे बहुत सारे लोग खड़े होंगे लेकिन सबसे पीछे मेरा नाम भी है.
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समीर जी, सही खिंचाई की आपने। इस तरह की शुभकामनाऍं बहुत दुख देती हैं।
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इंटेलीजेन्ट ब्लॉगिंग अपनाऍं, बिना वजह न चिढ़ाऍं।
पोस्ट की हर बात गहरी है
मगर यह तो बताइए कि
उड़न तश्तरी अभी कहाँ ठहरी है?
आपके व्यंग्य बाण का तो जवाब नहीं है...
वहां भी पढ़ी यहाँ भी पढ़ रहे हैं...वहां भी खुश हुए यहाँ भी खुश हो रहे हैं...अब ऐसी रचना जहाँ छपेगी हम खुश ही होंगे...और कोई विकल्प भी तो नहीं है...
नीरज
लोग त्यौहार की खुशी में बार बार भूल जा रहे हैं कि पाँच बार पहले ही बधाई दे चुके हैं.
आप कहाँ पीछे रहने वालों मे से हैं??
\दीपावली में तो हमने फाँके काटे... अब इधर देखा तो आप काट रहे हैं..
वैसे भारत में किस latitude/longitude पर विराजमान है.. नई पीढ़ी है.. exact location जानना चाहती है.. :P
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