खेला, अमित ने किसी अमरीकी ब्लॉगर के ब्लॉग से लिया है जिसमें ९९ आईटम की लिस्ट है और आपको उसमें से जो काम आप कर चुके हो, उसे अपने ब्लॉग पर लिस्ट में बोल्ड करके दिखाना है.
जब हमने देखा तो लगा ऐसी लिस्ट हिन्दी ब्लॉगर्स के लिए, जो कि अधिकतर भारत में है और न जाने कितने ही कभी भारत के बाहर भी न निकले हों, उचित नहीं प्रतीत होती. मात्र एक प्रश्न, क्या आप कभी भारत के बाहर गये हैं? बोल्ड न कर पाओ तो २५ से ज्यादा प्रश्न तो आपके लिए बने ही नहीं हैं.
वैसे ही-
क्या आप पेरिस गये हैं? नहीं.
क्या आपने पैरिस में ऐफिल टॉवर के शीर्ष से नज़ारा किया ? अरे, जब पेरिस ही नहीं गये तो यह कैसा प्रश्न?
ये तो वैसा ही नहीं हो गया-
क्या आपकी शादी हो गई? नहीं.
आपके कितने बच्चे हैं? ये लो...खैर, आजकल दूसरे प्रश्न का उत्तर आ भी सकता है पहले का न होते हुए भी. समाज काफी विकास कर गया है.
वैसा ही शायद तकनिकी विकास भविष्य में ऐसा हो जाये कि बिना गये यह सब बातें संभव हो जायें किन्तु अभी तो संभव नहीं है. अमित टेक्नालॉजी के महारथी हैं, शायद भविष्य के नजरिये से पूछा हो. वैसे, इस तरह के खेल आज के हिन्दी ब्लॉगजगत में सिर्फ अमित ही ला सकते हैं, यह भी तय है. जागरुक बंदा है और हमारे लिए तो खैर उसका ब्लॉग पसंदीदा जगह है ही.
इसी विचार से हिन्दी चिट्ठाजगत को मद्दे नजर रख दूसरे ९९ आईटम, जिससे आप जुड़ा महसूस कर अधिक से अधिक बोल्ड कर पायेंगे. नियम वही, अमित के शब्दों में:
’करना कुछ अधिक नहीं है, बस यह लिस्ट कॉपी कर अपने ब्लॉग पर चेप लें और इनमें से जितने तीर-तोप चला चुके हैं उनको बोल्ड कर दें और बाकी को सामान्य रखें और पोस्ट छाप दें। यानि कि मामला एकदम आसान है!!’
अमित की लिस्ट का पहला प्रश्न ’अपना ब्लॉग आरंभ किया ’ इसलिए नहीं ले रहा हूँ कि नहीं खोला होगा तो फिर लिस्ट चैपेगा कहाँ इस प्रश्न को बोल्ड करने के लिए. :)
तो लिजिये लिस्ट:
१.छद्म नाम से ब्लॉग खोला.
२.बेनामी जाकर टिपियाये.
३.किसी विवाद के सेन्टर पाईंट बने.
४.फुरसतिया जी की पोस्ट एक सिटिंग पूरी में पढ़ी.
५.शास्त्री जी ने आपके बारे में लिखा.
६.अजदक की कोई पोस्ट समझ में आई.
७.टंकी पर चढ़े.
८.लोग टंकी से उतारने आये.
९.टंकी से खुद उतर आये.
१०.खुद की आवाज में गाकर पॉडकास्ट किया.
११.किसी ने अगली बार से न गाने की सलाह दी.
१२.अगली बार से न गाने की सलाह मानी.
१३.किसी ने आपका कार्टून बनाया.
१४.किसी की पोस्ट चोरी करके अपने ब्लॉग पर अपने नाम से छापी.
१५. चोरी की पोस्ट छापने के बाद पकड़े गये.
१६. चोरी की पोस्ट छापकर पकड़े जाने के बाद भी बेशर्मों की तरह सीना जोरी करते रहे.
१७. साहित्यकार होने का भ्रम पाला.
१८. लिखने के साथ यह भी बताना पड़ा कि यह गज़ल है और यह व्यंग्य.
१९. अपनी पोस्ट पढ़ने के लिए ईमेल से निमंत्रित किया.
२०. ईमेल निमंत्रण के जबाब में कोई फटकार खाई कि आगे से ऐसी मेल न भेंजे.
२१. फटकार के बावजूद ईमेल भेजते रहे.
२२.दो ब्लॉगर के बीच झगड़ा करवाया.
२३. दो ब्लॉगर के बीच झग़ड़ा करवाकर शांत कराने पहुँचे.
२४. किसी सामूहिक ब्लॉग के सदस्य बने.
२५. किसी सामूहिक ब्लॉग की सदस्यता त्यागी.
२६. किसी सामूहिक ब्लॉग से निकाले गये.
२७. बाथरुम में बैठकर ब्लॉग पोस्ट की.
२८. ट्रेन से कोई पोस्ट लिखी.
२९. ताऊ की पहेली बूझी.
३०. पोस्ट लिखने और पोस्ट करने के बाद डिलिट की.
३१. ब्लॉगवाणी में आज की पसंद पर पहले नम्बर आये.
३२. चिट्ठाजगत की धड़ाधड़ में १ नम्बर पर आये.
३३. किसी के ब्लॉग पर झूठी तारीफ की.
३४. किसी फिल्म की समीक्षा पोस्ट की.
३५. ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से दूसरे ब्लॉगर से तू तू मैं मैं की.
३६. कोई ऐसी पोस्ट की जिसे किसी ने पढ़ा ही नहीं.
३७. तरकश चुनाव लड़े उदीयमान ब्लॉगर ऑफ द ईयर वाला.
३८. किसी की पोस्ट पढ़कर लगा कि काश! मैं भी ऐसा लिख पाता.
३९. किसी की पोस्ट पढ़कर ऐसा लगा कि हे भगवान!! कभी गल्ति से भी मैं ऐसा न लिख दूँ.
४०. बिना उस स्थल पर गये वहाँ का यात्रा संस्मरण लिखा.
४१. कभी अपनी कविता किसी विदेशी कवि के नाम से चैंपी.
४२. कभी आपकी किसी हास्य प्रधान पोस्ट को किसी ने टिप्पणी में अति मार्मिक बताया.
४३. बिना पोस्ट पढ़े टिप्पणी की.
४४. कभी अपने ही लिखे पर शरम आई.
४५. कभी काफी दिनों तक न लिख पाने की माफी मांगी, इस भ्रम में कि लोग इन्तजार कर रहे होंगे.
४६. जब दिन भर टिप्पणी नहीं आई तो खुद से टिप्पणी करके चैक किया कि टिप्पणी बॉक्स काम कर रहा है कि नहीं.
४७. कहीं टिप्पणी लम्बी हो जाती इसलिए उसे पोस्ट बना कर पोस्ट किया.
४८. कभी अपनी बात उल्टी पड़ जाने पर बचने के लिए ऐसा कहा कि ’हम तो मौज ले रहे थे.’
४९. कभी अखबार में आपके ब्लॉग का जिक्र हुआ.
५०. अखबार में आपके ब्लॉग के जिक्र को स्कैन करा के ब्लॉग पोस्ट बना कर छापा.
५१. अखबार की स्कैन कॉपी मित्रों और रिश्तेदारों को ईमेल से भेजी.
५२. ’आज कुछ लिखने का मन नहीं है’ कह कर २५ लाईन से ज्यादा की पोस्ट लिखी.
५३. एक ही पोस्ट को अपने ही पाँच ब्लॉगों से छापा.
५४. अपनी पोस्ट बिना टिप्पणी के एग्रीगेटर के दूसरे पन्ने पर चले जाने से उसे डिलिट कर फिर से छापा ताकि वो फिर से उपर आ जाये.
५५. गुस्से में अपने ब्लॉगरोल से किसी का ब्लॉग अलग किया.
५६. एक दिन मे २५ से ज्यादा ब्लॉग पर टिपियाया.
५७. किसी और की पोस्ट पढ़ने के लिए अपने ब्लॉग पर सिर्फ उसका लिंक देकर एक पोस्ट बनाई.
५८. कभी कोई ब्लॉगर मीट अटेंड की.
५७. कभी ब्लॉगर मीट अटेंड करके उसकी रिपोर्ट लिखी.
५८. कभी किसी शोक समाचार पर भूल से बधाई दी.
५९. कभी किसी से पोस्ट पर मजाक किया और सामने वाले ने बुरा मान लिया.
६०. कभी आपकी खिलाफत करती किसी ने ब्लॉग पोस्ट लिखी.
६१. क्या ’साधुवाद’ टाईप किसी जुमले से आपकी अलग पहचान बनी.
६२. क्या ब्लॉग पोस्ट पर आपका कोई तकिया कलाम है.
६३. कभी छत पर बैठ कर कोई ब्लॉग पोस्ट लिखी.
६४. कभी कुछ लिखना चाहा किन्तु किसी को बुरा न लग जाये इसलिए नहीं लिखा.
६५. कभी पूरी पोस्ट तैयार हो जाने के बाद भूल से डिलिट हो गई.
६६. क्या इस भूल से डिलिट हुई पोस्ट के लिए एक पोस्ट की कि पोस्ट डिलिट हो गई और अब फिर से लिख पाना संभव नहीं.
६७. क्या यह बताने के लिए कि ’अब अगले पाँच दिन नहीं लिख पाऊँगा’ पोस्ट लगाई जबकि यूँ भी आप एक महिने से नहीं लिख रहे थे.
६८.कभी आपका ब्लॉग एग्रीगेटर से अलग किया गया.
६९. क्या कभी तकनिकी कारणों से पोस्ट एग्रीगेटर पर न दिखने पर आपने एग्रीगेटर की तानाशाही पर पूरा ब्लॉगजगत सर पर उठा लिया.
७०. कभी किसी को अपने ब्लॉग का सदस्य बनाने निमंत्रण भेजा.
७१. कभी किसी से उसके ब्लॉग का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला.
७२. कभी किसी को अपने ब्लॉग का सदस्य बनाने निमंत्रण भेजा और उसने ठुकरा दिया.
७३. कभी किसी से उसके ब्लॉग का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला और आपने ठुकरा दिया.
७४. आपकी गज़ल के बेबहर होने पर किसी ने टोका.
७५. क्या आपने माईक्रो गद्य लिखा और लोगों ने उसे कविता समझ कर बधाई दी.
७६. इंक ब्लॉगिंग की.
७७.अपनी टिप्पणी में अपना यू आर एल लिख छोड़ा ताकि लोग क्लिक करके आयें.
७८. टिप्पणी में वर्तनी दोष सुधारने के लिए फिर से टिप्पणी की.
७९. आपके नाम से कोई और टिप्पणी कर गया.
८०. आपके नाम से कोई और टिप्पणी कर गया और आप इस पर पोस्ट लिखने की बजाय हर तरफ स्पष्टीकरण देते घूमे.
८१. अपनी प्रोफाईल में अपनी जगह दूसरे की तस्वीर चैंप दी.
८२. अपनी हर पोस्ट के शीर्षक के साथ डेश लगाकर अपना नाम लिखा.
८३. अपनी पोस्ट में अपना ही मजाक उड़ाया.
८४. ’तू मेरी पीठ खुजा, मैं तेरी’ को ब्रह्म वाक्य मान कर ब्लॉगिंग की.
८५. एड सेन्स लगाकर हिन्दी ब्लॉग पर कमा लेने का भ्रम पाला.
८६. आये दिन एड सेन्स खाता चैक किया कि कितने पैसे जमा हो गये.
८७. एड सेन्स खाते का बैलेन्स जीरो होने के बावजूद भी एड सेन्स के हिन्दी में बन्द होने पर उदास हुए.
८८. नम्बर ८७ के उदासी के आलम में पोस्ट लिखी.
८९. ब्लॉग पर स्टेट काऊन्टर लगाया.
९०. दिन में तीन बार स्टेट काऊन्टर पर आवा जाही चेक की.
९२. शतकीय पोस्ट की सूचना पोस्ट लिखी.
९३. स्टेट काऊन्टर के १०००० या २०००० पार करने की सूचना पोस्ट लिखी.
९४. स्टेट काऊन्टर को मेन्यूलि बढ़ा कर लगाया.
९५. अपने ब्लॉग पर आवाजाही का ग्राफ बना कर पोस्ट कर गौरवान्वित महसूस किया.
९६. पत्नि का ब्लॉग बनवाया.
९७. पत्नि के नाम से खुद ही पोस्ट लिख कर डाल दी.
९८. अपनी हर पोस्ट पर पत्नि का और उसकी हर पोस्ट पर अपना कमेंट डाला.
९९. अपना ब्लॉग डिलिट किया.
नोट: हमारे तो लगभग सभी बोल्ड टाईप ही हैं, कुछ को छोड़ कर. :) आप तो अपनी बताओ.
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68 टिप्पणियां:
मैं तो एक ही प्रश्न लिखना चाहूँगा..
"चाय पी ली ?"
फिर ९९ बार टेप लूँगा.
और देखो कितनी जल्दी बोल्ड हो जाता है ये.
बाकी सब तो सही है
पर यह चित्र में जो बैठा है
कंप्यूटर लेकर
किस ब्लॉगर का है
देशी है विदेशी है
या है एलियन।
वैसे एलियन होता
तो लैपटाप में
टापोटाप होता
विदेशी होता तो
मोबाइल में ब्लॉग
लिख रहा होता
देशी होता तो
उसे खोलने के लिए
कोई जुगाड़ कर रहा होता।
पर पता नहीं लग रहा है
कि लिख रहा है पोस्ट
या कर रहा है नकल
या लगाकर अकल
भर रहा है टिप्पणियों का
मंगल से भरा जंगल।
आखिरी वाला काम कब किया जी!
हम तो सूची पढ़ने से पहले ही बोल्ड हुए।
अपन को तो बकवास लगा ये...
बहुत ही अच्छी लिस्ट तैयार की है आपने मेहनत के साथ । मेरे विचार से तो अधिकांश ब्लागर्स आपकी ही तरह पूरे के पूरे आप्शंस को बोल्ड की करेंगें । ये बात अलग है कि कोई झूठी जानकारी देना चाहे । आपने पूरी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है कि आपके लिये तो सारे ही बोल्ड आप्शंस हैं ।
फुरसत से हो गएँ हों तो एक खांटी देशी सूची तैयार करें ना !
bata diyaa third division bhee nahee mila :(
ये हुई ना बात !
..आप ब्लोग जगत के
बहुधा ब्लोगरोँ की
मनोदशा को बखूबी जानते हैँ -
क्या लिस्ट तैयार की है !
मान गये उस्ताद ! :)
स स्नेह,
- लावण्या
आपने तो बहुत मेहनत कर डाली ... मज़ा आया पड़ कर ....बहरहाल ये पोस्ट वाकई यथार्थ के करीब लगती है
बहुत बढिया किया जी ये गीता वाक्य..बनाकर यहां लगा दिये. कल संजय बैंगाणी जी की पोस्ट पर देखे थे. अब आपने भारतिय जरुरतों के हिसाब से इनको पर्वर्तित कर दिया है तो अब आसान है.
फ़ुरसत मिलते ही इनको हमारे ब्लाग पर आत्मस्वुकृति के रुप मे छापा जायेगा, वो भी इमानदारी से.इसको कापी करके लाईव राईटर मे सेव कर लिया है.
रामराम.
खेला, अमित ने किसी अमरीकी ब्लॉगर के ब्लॉग से लिया है
many a times when i startd bloging i was repeatedly told that we should blog only in hindi , write comments in hindi and now the very people who started hindi bloging or rather who were pioneers of hindi bloging COPY from english bloggers .
WHERE IS THE ORIGINALITY OF HINDI BLOGGERS I WONDER
अपने तो ५०%भी बोल्ड नहीं है इसीलिए ब्लोगरो मे चर्चित नहीं है . ख़ैर बोल्ड होने की कोशिश मे .
ऐसा खेला खेल के करूँ ब्लॉग ब्यौपार ?
जासे कागद पै रचूँ,रचनात्मक संसार.
जो समीर तुमने कहे,आखर-आखर सत्य
चिट्ठाकारी के कई हुए उजागर तथ्य .
कोऊ तनके पै चड़ै,कोऊ निकाली नुख्स
कोऊ छापै पोस्ट में , बहुत नै-पुरानी बुक्स
कहे मुकुल इस मंच पे भाँती भाँती के लोग
कछु सच्चे लेखक मिले ,कछु निंदा के जोग
जो निंदा के जोग उननकों भूलो भाई
ताऊ की तरह मुदित मन करौ लिखाई
तो यह लिस्ट आपकी है, अभी अभी इस लिस्ट के लिए किसी और को बधाई दे आए :(
लिस्ट बहुत ही जोरदार है. आप हाइलाइट करते तो हम भी चेपते. अब बन्दर बना दिया है तो सोचना पड़ेगा. :)
ये हुए शुद्ध हिंदी ब्लागीय निन्यानवे प्रश्न.
इसके सामने अमेरिकी प्रश्न दो कौड़ी के भी नहीं हैं...बार्गेनिंग करके पौने एक कौड़ी पर राजी को सकते हैं.
कमाल कर दिया भैया...कमाल कर दिया.
वाह! वाह!
क्या बात है। मजा आ गया।
ये हुआ ना, देसी इश्टाइल। हम भी चैपेंगे, लेकिन कब इ अब हम कैसे बता दें, जब भी लिखने का वादा करते है, हमेशा वो चुनावी वादा बन जाता है।
मजा आया, सच्ची मुच्ची। और हाँ तकिया कलाम भी ठोंक दे. : "आप अच्छा लिखते/लिखती है, लगातार लिखते/लिखती रहिए, हिन्दी ब्लॉगजगत को आपसे ढेर सारी उम्मीदें है। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए, हम आपसे एक इमेल की दूरी पर है।" (नोट: अलबत्ता, फीमेल की इमेल का जवाब जल्द से जल्द दिया जाता है।) अब चूंकि टिप्पणी लम्बी हो रही है, इसलिए इस पर पोस्ट बनती है।
ही ही ही ही हिल्लेरियस... अपनी ये सूची भी सब का सब बोल्ड, और ऊपर से 40 पाइंट साइज में!
वाह क्या गीता सार की तर्ज पर ब्लॉग सार है .सभी ९९ के फेर में पढ़े हैं आज कल :)..अभी चेपते हैं अपने ब्लॉग पर ..:) .ठीक कृष्ण के उपदेश की तरह लग रही है यह पोस्ट ..कि बस कर्म कर लिख, लिख और लिख :) फल की चिंता न कर ....वैसे कई वचन सत्य वचन हैं इस में ...इस लिए तो कहते हैं समीर जी महाराज की जे हो ..
इसी को कहते हैं अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग।
लोग फिर भी इसके लिए टिपियाये जा रहे हैं।
हम इनकी लिस्ट से चलेंगे या अपनी लिस्ट खुद बनायेंगे?
क्या हम भी भेजें एक लिस्ट, बस कुछ ही विवरण बेल्ड करने होंगे।
आखिर 99 का चक्क्र समझ नहीं आया।
:)))))))))))))
age kya kahun ab ..??majedaar raha :)
अभी तो 2% बोल्ड कर सकता हूं। 29 और 36 नम्बर वाले । अंक बढाने के लिये आखिरी वाला काम भी कर दूंगा तो 3% अंक पा सकूंगा।
सर जी, ये 94 नम्बर वाला काम कैसे किया जाता है बतायें ताकि हम जल्दी से स्टेट काउंटर 1 लाख के पार ले जायें और उस पर एक पोस्ट चेप दें :)
वाह-२ क्या बात है, ही ही ही!! लिस्ट वाकई मज़ेदार बन पड़ी है, अब अपन इसको भी ब्लॉग पर डालेंगे और पूरी ईमानदारी के साथ उपयुक्त आईटमों को बोल्ड करेंगे!! :D
अमित की लिस्ट का पहला प्रश्न ’अपना ब्लॉग आरंभ किया ’ इसलिए नहीं ले रहा हूँ कि नहीं खोला होगा तो फिर लिस्ट चैपेगा कहाँ इस प्रश्न को बोल्ड करने के लिए. :) समीर जी, समूह ब्लॉग भी तो हो सकता है, वहाँ भी बंदा चेप सकता है, कोई ज़रूरी थोड़े ही है कि लिस्ट अपने ब्लॉग पर ही चेपनी है!! ;)
@रचना जीआप खामखा ही दो अलग-२ बातों को गडमड कर उनका हलवा बना रही हैं! आपको जिन लोगों द्वारा जब भी टोका जाता था तो वह इसलिए नहीं होता था कि आप हिन्दी में ही ब्लॉग करें और हिन्दी में ही टिप्पणी करें, वरन् यह कहा जाता था कि आप हिन्दी ब्लॉग पर हिन्दी में टिप्पणी कर रही हैं तो रोमन लिपि में न कर देवनागरी में करें। ऐसा तो मैं भी अपने ब्लॉग पर टिप्पणी करने वालों को शुरु में कहता था कि यदि रोमन में टिप्पणी करनी है तो अंग्रेज़ी में कर लें और हिन्दी में टिप्पणी कर रहे हैं तो देवनागरी में करें, दो लिपियों और भाषाओं का ऐसा अजब-गजब मेल खामखा लगता था। लेकिन कुछ समय बाद मैंने भी अपने ब्लॉग पर टिप्पणी करने वालों को यह कहना छोड़ दिया, कहने का कोई लाभ नज़र न आता था, जिसको जैसा सुलभ लगे वैसा करे वाला रवैया अपना लिया था।
इस बात से मौलिकता का क्या संबन्ध है यह मुझे नहीं समझ आया और आप खामखा व्यंग्यात्मक वाण चला रही हैं!! क्या आपने कोई खेल खेला है कभी? हर खेल आपने अपने आप बना के खेला है? कदाचित् खेला होगा, मेरे साथ एकाध बार ही ऐसा हुआ कि कोई खेल मित्रों के साथ स्वयं बना कर खेला हो, अन्यथा या तो प्रचलित खेल खेले हैं या प्रचलित खेलों में अपने अनुसार इम्प्रोवाइज़ेशन (improvisation) करके खेला है! यह सूचि भी एक प्रकार का खेल ही है जिसे हर कोई अपने ब्लॉग पर छाप कर खेलता है। आप इन चीज़ों से अंजान हैं तो जानने और समझने का प्रयत्न कीजिए, बिना व्यंग्यात्मक मनोभाव के करेंगी तो कदाचित् शीघ्र समझ जाएँगी। :)
और रही बात अंग्रेज़ी ब्लॉगर की, तो मैं स्वयं भी अंग्रेज़ी ब्लॉगर हूँ। ब्लॉगिंग की शुरुआत अंग्रेज़ी से ही की थी, हिन्दी में तो कई वर्ष बाद लिखना आरंभ किया था!! और आज द्विभाषीय ब्लॉगर हूँ!!
रिसेशन में भी आपके क्या कहने पूरी तारतम्यता से लग के ९९ का फेरा लगाया आपने ... बहोत ही सलीके से शतकीय पारी नहीं लगाई .. इस में से कुछ में हाँ है और कुछ में ना... क्या कहूँ रिसेशन में टाइम भी कटौती में चल रहा है...
अर्श
aap hi ko bhejenge iski answer sheet...! :) :)
सब मोह माया है :)
गजब। ये 99 का फेरा तो वाकई दिमाग हिलाने वाला है।
----------
सावधान हो जाइये
कार्ल फ्रेडरिक गॉस
हिन्दी ब्लागर्स की प्रवृ्तियों/दुष्प्रवृ्तियों/मनोदशा से आप बखूबी परिचित हैं...)) इस सूची को पढकर तो ऎसा ही लगता है!!!
LOL
kuch samajh nahi aaya ..ye kya baten ho rahi hai
लालाजी,
क्या अब आप भी नकल कराने बैठ गऐ। और लोगो को भी बोल रहे है चलो लुट लो स्टॉक खत्म होने जा रहा है ।
कमाल कर दिया ...कमाल कर दिया.
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु तेरापथ
अपना तो बस शुरुआत ही है पहले लिस्ट बन जाये फिर तो बोल्ड हो ही जायेंगे .......!!
अपना तो बस शुरुआत ही है पहले लिस्ट बन जाये फिर तो बोल्ड हो ही जायेंगे ..!!
अपना तो बस शुरुआत ही है पहले लिस्ट बन जाये फिर तो बोल्ड हो ही जायेंगे ..!!
यही हाल रहा तो जल्द ही आंचलिक लिस्टें भी नजर आयेंगी .वैसे ९९ का चक्कर ही ऐसा है .
aadarneey udantashtaree jee, list kaa to pata nahin magar aapne apnee post mein hamaaree tasveer (apne laptop ke saath ham baithe hue bilkul aisee hee bandar lagte hain )uske liye dhanyavaad, aur haan ama bachaa kya doosron ke liye jo kuchh tha insaan ke bas mein wo to aap ek alien hokar likh gaye
sach hai jee jaadoo jaadooo jaadoooo......
ग़ज़ब भाई. मज़ा आ गया. ये अलग बात है कि मुझे इसमें बहुत ही कम अंक मिलेंगे, लिहाजा मैं इस क़्विज में हिस्सा ही नहीं ले रहा हूं.
achchha hai sahi bhi .......aapaki lekhan isi wajah se pasand aati hai!
ये फ़ुरसतिया लोगो के काम आप करोगे तो क्या करेगे ? अभी हम जरा तालीबानियो पर तपसरा करने मे व्यस्त है जरा फ़ुरसत पाते ही आपकी लिस्ट की ऐसी तैसी करने पधारेगे . चार पाच सौ से तो कम क्या होगी जी :)
isse pata lagta hai aap blogging ke kshetra men kitne anubhavi hain. aap to samandar men se moti la chuke hain , hum to kinare par hi tahal rahe hain.
ये नुक्ते खूब पसंद आये
७.टंकी पर चढ़े.
८.लोग टंकी से उतारने आये.
९.टंकी से खुद उतर आये.
९९ का फेरा क्या खूब गजब घेरा . हा हा आनंद आ गया समीर जी आभार
नर्मदे हर
बड़ा संक्रामक है निन्यानबे का फेर! :)
आपन यहाँ पर ताऊ कि फोटो क्यों लगा डाली ।
समीर जी ,अब तो यह लिस्ट कई ब्लोगों पर दिखाई दे रही है..
[अमित जी ने भी ये क्या पोस्ट बना डाली!एक अदद पोस्ट का इंतजाम कर दिया..
अजब चक्करघिन्नी लग रही है...
यहाँ तो हम खुद ही बोल्ड हो गए... लिस्ट को बोल्ड करने के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए :)
बहुत खूब। ब्लॉगिंग का निन्याणवे का फेर।
kafi lambhi suchi hai ji.
बढ़िया है जी इसका भारतीय संस्करण !हमारे दिमाग में भी यही आईडिया आया था ...पर आपने ९९ तक मस्त स्कोर पहुचांया ....हमारे तो ४५ तक ही पहुँच पाते .....
आपकी मेहनत काबिले तारीफ है जी.....कुछ तो बड़े ही धाँसू लगे
samajh aa rahi hai baat...
peecha karenge in sjabdon ka
meet
Bhai sahab dimag ka dahi karna suna toh tha, ab aapke saujanya se dekh bhi liya ..........maza aaya ...aisa kuchh hote rahana chahiye...lage raho lage raho..
bandar seekh gayaa blog
apne nuskhe de daale
tipiya kar apni bhavnaa
kuchh sandesh post kar daale
intezar me baithe the ab
dekhen kaun tiyaata hai?
57 ke tipiyaane par
hamne aa ghera hai
aayegi udan tashtari ab
post par mere iska rahega intezar
kah rahaa tha dusre se daal pe baith wo bandar
bar-bar hansta raha padhte huve
Bahut mehanat ki ha aapne...
शाबाश! बडी अच्छी बातें उठाई हैं
पहले आप पहले आप पहले आप
फिर बाद मे मैं
इसपर तो मैं ९९ को बोल्ड करूंगा :D
हम तो सिर्फ क्रिकेट के खेल में बोल्ड होते हैं...और कहीं नहीं...
नीरज
हम तो कब के हाथ खडे कर चुके हैं...:)
काफी मजेदार कन्फेसन है:)
मुझे तो ३३% नंबर भी नहीं मिले, मैं तो फेल!
१.छद्म नाम से ब्लॉग खोला. (एक था कभी, अंग्रेजी में, उसका काम होने के बाद कभी नहीं देखा)
२.बेनामी जाकर टिपियाये. (दो साल पहले एक बार किया था, फिर कभी न करने की कसम भी खायी)
१३.किसी ने आपका कार्टून बनाया. (राहुल जी का धन्यवाद!)१९. अपनी पोस्ट पढ़ने के लिए ईमेल से निमंत्रित किया. (जिन लोगों की गंदगी की चर्चा की थी, उन्हीं को लिंक भेजा)२४. किसी सामूहिक ब्लॉग के सदस्य बने. (www.mifindia.org)
२९. ताऊ की पहेली बूझी. (दो बार)
३२. चिट्ठाजगत की धड़ाधड़ में १ नम्बर पर आये. (२-३ बार)
३८. किसी की पोस्ट पढ़कर लगा कि काश! मैं भी ऐसा लिख पाता. (अनिल कांत जी और दिनेशराय जी की तरह काश मैं लिख पाता)
३९. किसी की पोस्ट पढ़कर ऐसा लगा कि हे भगवान!! कभी गल्ति से भी मैं ऐसा न लिख दूँ. (बहुतेरे हैं, नाम नहीं बताऊंगा)
४९. कभी अखबार में आपके ब्लॉग का जिक्र हुआ. (एक बार, वो भी गलत नाम के साथ)
५१. अखबार की स्कैन कॉपी मित्रों और रिश्तेदारों को ईमेल से भेजी. (जरूर, क्यों न भेजें!)
५६. एक दिन मे २५ से ज्यादा ब्लॉग पर टिपियाया. (पिछले महीने औसतन रोजाना ४० टिप्पणियाँ छोड़ रहा था)
६४. कभी कुछ लिखना चाहा किन्तु किसी को बुरा न लग जाये इसलिए नहीं लिखा. (बहुतेरी बार, खासतौर पर कुछ चुनिंदा नेताओं और धर्मोन्माद पर)
७०. कभी किसी को अपने ब्लॉग का सदस्य बनाने निमंत्रण भेजा. (दो दोस्त सदस्य बन गये, लेकिन उन्होंने कभी पोस्ट नहीं की। कारण भी पता चल गया - मेरे ब्लाग का नाम है "अनिल का हिंदी ब्लाग" - तो अनिल ही पोस्ट करे!)
७१. कभी किसी से उसके ब्लॉग का सदस्य बनने का निमंत्रण मिला. (बिंदु २४ का डुप्लिकेट)
७६. इंक ब्लॉगिंग की. (कभी-कभी दिल में इतना जहर होता है कि ब्लॉग उसे सह नहीं सकता, तो स्याही से कागज पर उतारता हूँ)
७७.अपनी टिप्पणी में अपना यू आर एल लिख छोड़ा ताकि लोग क्लिक करके आयें. (४-५ बार किया होगा। वैसे तो गूगल से और लिंक भी खोजे जा सकते हैं, लेकिन फिर भी मैंने अपने ही लिंक छोड़ मारे। यहाँ भी छोड़े जा रहा हूँ!)
समीर भाई................बहुत म्हणत करी होगी ये पोस्ट लिखने मैं...........ब्लगिंग जगत की कितनी मास्टरी है आपको इस लेख से पता चलता है.............भविष्य में यदि ब्लोगिंह को एक सब्जेक्ट की तरह स्कूलों में पढाया गया तो आपको जरूर विजिटिंग प्रोफेसर की तरह बुलाया जाएगा ...............मुझे तो अपना पी ऐ बना के ले चलना बस
वाह समीर जी भारी मेहनत के लिये साधुवाद स्वीकारें...
आदरणीय समीर लाल जी,
मेरे ब्लॉग "हमसफ़र यादों का......." पर पधारने तथा मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, चलिए इसी बहाने आपके ब्लॉग से परिचय हो गया। अभी ब्लॉग जगत में नया हूँ, अतः आपके सभी लेख नहीं पढ़ पाया हूँ परन्तु जो भी पढ़े सब अच्छे लगे। पधारते रहिएगा। पुनःश्च धन्यवाद!!!
ये तो बकायदा फुरसत वाली पोस्ट है...
फुरसतिया लाल या उड़नतश्तरी शुक्ल?
सर,
मेरे ब्लॉग पर आने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.कृप्या इसी तरह मार्गदर्शन करते रहियेगा.
गुलमोहर का फूल
बाप रे बाप.........सारे प्रश्न पढ़ ले यही गनीमत है.....बोल्ड क्या करें.....यहाँ तो खुद साला बोल्ड हो गए हैं.......बाप रे बाप......हमें तो नानी ही याद आ गयी......!!
इतनी बडी लि्स्ट याद केसे करें चलो ना सही अपका मेहनताना तो टिपिया कर दे ही दें
हमें तो क्रिकेट में भी कोई बोल्ड नहीं कर पाया पर कई बार बोल्ड जरूर किया है.
जब क्रिकेट में लोग ३०-३५ में रिटायर हो रहे हैं तो हम तो कब का रिटायर हो गए, सो अब बोल्ड इस सोल्ड,
बिका मॉल वापस लेने का अपने देश में कोई रिवाज़ नहीं.
राज की बात जो किसी से कहियेगा नहीं, कि लिस्ट पर चुपके-चुपके कार्यवाही चल रही है .............पूर्ण होते ही मेल करूंगा.
चन्द्र मोहन गुप्त
हंस हंस के बुरा हाल हो गया है जी.. बड़ी धांसू पोस्ट लाये है आप तो.. आज तो वाकई पेट में बल पड़ गए..
एक और प्रश्न :
गायक होने का भ्रम पाला.
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