शनिवार, जून 18, 2022

नमन चिन्तक के चिंतन को!!

साहित्यकारों में कोई कहानीकार होता है, कोई व्यंग्यकार होता है, कोई गीतकार होता है. माननीय स्वयं को चिन्तक बताते हैं. लोग भूलवश उनका परिचय मात्र साहित्यकार के रूप में दे देते हैं तो वह स्वयं माइक पर जाकर भूलसुधार करवाते कि बताइये सबको कि मैं मूलतः चिन्तक हूँ एवं यही मेरी साहित्य साधना का मूल है. चिन्तन करते करते वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि लोगों में साहित्यिक चेतना विकसित करना उनके अन्य चिन्तन कार्यों में व्यवधान डाल रहा है अतः उन्होंने अपना तखल्लुस ही चिन्तक रख लिया. राधे श्याम तिवारी ‘चिन्तक’.

चिन्तक हैं तो विभिन्न विषयों पर चिंता स्वाभाविक है. आज उनसे जब उनकी चिंता का विषय जानना चाहा तो बड़ी मुश्किल से खुले. कहने लगे यार, कमाने की तो इच्छा ही मर गई. लिखने से मन हट गया. मैंने उनसे कहा कि माननीय आप तो हिंदी के साहित्यकार हैं. आपकी कमाने की इच्छा और लेखन दो दीगर विषय हैं. इन्हें एक साथ जोड़ कर क्यूँ चिंतित होते हैं? आप अपना लेखन जारी रखें और जहाँ तक कमाई की इच्छा है वो तो पेट अपने आप उसे जगवा देगा. आप ट्यूशन पढ़ा कर काम भर का कमा लेते हैं, काहे चिंतित होते हैं?

कहने लगे तुम नहीं समझोगे. विचार यूँ था कि ये ट्यूशन वगैरह का झंझट कुछ दिनों में छोड़ कर पूर्णकालिक लेखक हो जायें. फिर लेखन की कमाई से ख़ुशी ख़ुशी जीवनयापन करें और विश्व भ्रमण कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिन्तन किया जाए.

मुझे ज्ञात है कि चिन्तक महोदय मदिरापान या अन्य किसी नशाखोरी में लिप्त नहीं हैं फिर इस तरह की बहकी बहकी बातें? हिंदी लेखन और कमाई? मानो कि राजनीतिज्ञ और ईमानदारी? बहुत मुश्किल से हंसी रोक पाया और मैंने जानना चाहा कि कहीं आप चिन्तक के बदले व्यंग्यकार तो नहीं बनने की कोशिश कर रहे हैं?

कहने लगे ‘मरा हाथी भी तो सवा लाख का’..इतना थोड़ी गिर जाऊँगा. चिंता ये नहीं है कि कमाई कैसे होगी- चिंता यह है कि २८% जीएसटी और फिर इनकम टैक्स भरने के पैसे कहाँ से आवेंगे?

मैंने उन्हें समझाया कि हिंदी लेखन में कमाई है ही कहाँ, जो आप टैक्स की चिंता कर रहे हो?

उन्होंने समझाया कि देख भई, यूं तो न किसी के पास समय की कमी है और न देश में रेल ट्रैक के हालात ऐसे है, फिर भी साहेब बुलेट ट्रेन की चिंता कर ही रहे है न ताकि लोगों का समय बचाया जा सके?

इस तर्क पर भला मैं क्या कहता?

नमन कर वापस चला आया.


-समीर लाल ‘समीर’

भोपाल से प्रकाशित दैनिक सुबह सवेरे के रविवार जून 19,2022 के अंक में:

http://epaper.subahsavere.news/c/68698291

ब्लॉग पर पढ़ें:


#Jugalbandi

#जुगलबंदी

#व्यंग्य_की_जुगलबंदी

#हिन्दी_ब्लॉगिंग

#Hindi_Blogging




Indli - Hindi News, Blogs, Links

3 टिप्‍पणियां:

Gyan Vigyan Sarita ने कहा…

Excellently built humour on title.....

bcom part II ka exam result ने कहा…

I got such a useful stuff on your website that helps me a lot to gain information.

ba part 1 admit card 2022 ने कहा…

Hi, their colleagues, nice paragraph and nice arguments commented here, I am really enjoying by these.