कुछ रोज पहले किशोर दिवसे जी का एक आलेख पढ़ रहा था जिसका शीर्षक देख लगा कि इस पर तो पूरी गज़ल की बनती है, तो बस प्रस्तुत है एकदम ताजी गज़ल दीपावली पर खास आपके लिए: |
लाखों रावण गली गली हैं, चीर हरण जो रोक सकेगा बापू सा जो पूजा जाये श्रद्धा से खुद शीश नवा दूँ जो सच कहने से बन जाये जीवन की कड़वाहट हर ले दिल मेरा खुश होकर गाये मन में जो उजियारा कर दे -समीर लाल ’समीर’ |
बुधवार, नवंबर 03, 2010
मन में जो उजियारा कर दे
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137 टिप्पणियां:
आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ! कविता अनमोल रही :)
सुंदर कविता
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत ही सुन्दर रचना है
दीपावली की शुभकामनाएँ
................ अरुण
नए प्रयोगों के साथ मध्यम बहर की बहुत ही सुंदर रचना. बधाई. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
सुंदर भावाव्यक्ति दीपावली की शुभकामनाएँ
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति.... आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें
प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
--
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
मन में जो उजियारा कर दे,
ऐसा दीप कहां से लाऊं...
गुरुदेव जब तक ऐसा दीप नहीं मिलता, स्टैंडबाई के तौर पर खुशदीप से ही काम चला लीजिए...
शुभ दीपावली...
जय हिंद...
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
सुंदर शब्दों के साथ.... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....
आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !
मन की अँधियारी गलियों में,
हम जाकर कुछ दीप जला दें,
अपने जीवन को चमका दें,
वे भी तो अधिकारी हों।
सुंदर कविता
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
मन में जो उजियारा कर दे,
ऐसा दीप कहां से लाऊं...
सुंदर कविता
दीपावली की शुभकामनायें
बहुत खूब समीर जी
जो हर जगह प्रतिक्रिया दे
जो हो सबका चहेता
येसा 'समीर'और कंहा मिल पाये
दीपावली का त्यौहार आप, सभी मित्र जनो को परिवार को एवम् मित्रो को सुख,खुशी,सफलता एवम स्वस्थता का योग प्रदान करे - इसी शुभकामनओ के साथ हार्दिक बधाई। - प्रतिबिम्ब एवम परिवार
बस एक बार भारत की धरती पर कदम रख दीजिए, सब कुछ मिल जाएगा।
दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें।
समीर जी दीपावली की शुभकामनाए। श्रेष्ठ कविता के लिए बधाई।
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
बहुत सुंदर रचना समीर जी....
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं ...
लाखों रावण गली गली हैं,
इतने राम कहाँ से लाऊं?
जीवन की कड़वाहट हर ले
मीठा जाम कहाँ से लाऊँ?
बहुत सुन्दर गज़ल है बधाई। आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।।
अच्छी गज़ल. सुंदर प्रस्तुति. बधाई . ज्योति-पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
बहुत सुन्दर रचना ...
प्रकाश पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ !!
शुभकामनायें भाई जी !
वह दीप केवल भारत और केवल भारत में मिलेगा -दीपमालिका की बहुत बहुत शुभकामनाएं !
मन में जो उजियारा कर दे
ऐसा दीप कहां से लाउं।
...बहुत सुंदर।
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की मंगलकामनाएं।
अपनी चिंता, की जो पाप धो दे,
मैं वो हमाम कहाँ से लाऊँ ?
अभी तो थोड़े दिन बेफिक्र हो,
दिवाली का जश्न मनाऊं
आप भी मनाइए, लिखते रहिये ...
हमारे-आपके दिलों के दीप हैं न..
समीर जी ,अब आपकी रचनाओं ,गजलों ,कविताओं के लिए तारीफ़ के नए शब्द कहाँ से लाऊं ?
इसलिए पुराने शब्दों में "बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति".
शुभ दीपावली
आओ अंधकार मिटाने का हुनर सीखें हम
कि वजूद अपना बनाने का हुनर सीखें हम
रोशनी और बढ़े, और उजाला फैले
दीप से दीप जलाने का हुनर सीखें हम.
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
बहुत सुन्दर!
भैया, आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामना!
ऐसी उम्मीदों का इंतजार रहेगा..........बेहतरीन कविता .दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
मोती सा त्यौहार दिवाली
ज्योंति का त्यौहार दिवाली
दीप जलें ,जगमग जगमग
रोशन हर घर में खुशहाली
यही कामना सच हों सपने
रहे न कोई पुलाव ख्याली
चकाचौंध में, भूल न जाना
रातें कुछ हैं, अब भी काली
0 राजेश उत्साही
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
सुंदर रचना...
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
हर बार की तरह इस बेहतरीन रचना को हमें पढवाने के लिये हार्दिक आभार
प्रणाम
बहुत ही भावपूर्ण कविता हैं...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
bahut prem ke matwale yahan....
magar "sameer" sa kahan se laoon...
param man-bhawan.
pranam.
सुंदर भाव.अच्छी कविता .
बधाई
दीपावली के इस पावन पर्व पर ढेर सारी शुभकामनाएं
जो सच कहने से बन जाये
ऐसा काम कहाँ से लाऊँ?
बहुत अच्छी रचना ...
दीपावली की शुभकामनायें
अरे वाह बहुत खूब....
aapko aur aapke pariwaar ko diwali की shubhkaamnayein...
मेरे ब्लॉग पर इस बार सुनहरी यादों में संगीता जी की रचना...सुनहरी यादें :-३ ...
दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं और बधाई .
खेतों में बागो में दियना करे उजास,
मीठी सी लौ भर रही चारो ओर मिठास
दीवाली ने कर दिया ज्योतिर्मय संसार,
सबके आँगन में खिले सुख समृद्धि अपार.
उड़न तश्तरी को काफी दिनों से अपने आँगन में नहीं देखा ?????????
3/10
सस्ती तुकबंदी / सामान्य पोस्ट
ऐसा लगा मानो पचासों बार पहले से सुन रखी है.
दीपावली की शुभकामनायें
वाह मुझे भी कहना पड़ रहा है
ऐसी कविता लिखने को
मैं कलम कहाँ से लाऊ ...
शुभ दीपावली
सुन्दर रचना के लिए दीपावली पर हार्दिक बधाई
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
आपके सुंदर विचार मन में उजियारा कर गए. ज्योतिपर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .
दिपावली विषयक अति सुंदर गजल!....दिपावली की ढेरों शुभ कामनाएं!
सुन्दर विचार
आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
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मेरा पोर्ट्रेट ......My portrait
मतले का शेर कहाँ है जी?
बाकी गजल तो जोरदार है। हर शेर जबरदस्त है, कुशलता से निभाया हुआ।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
सुंदर...
रोशनी के पावन पर्व दीवाली के शुभ अवसर पर हार्दिक ढेरो शुभकामनाये और बधाई
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
सत्य और सुन्दर रचना
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आपको, आपके परिवार और सभी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
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बहुत सुन्दर!
लाखों रावण गली गली हैं,
इतने राम कहाँ से लाऊं?
चीर हरण जो रोक सकेगा
वो घनश्याम कहाँ से लाऊँ?
bahut sundar aur badhiyaan chitran aaj ki samsayaayon ka .aapko saprivaar deep parv ki dhero badhiyaan .
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ..
बहुत सुन्दर ग़ज़ल है ...
मन में उजियारा करने वाले दीप ब्लागजगत के पाठकवर्ग के लिये आप चुन-चुनकर ला ही रहे हैं । दीपपर्व पर एक शुभकामना मेरी भी स्वीकार करें ।
आप को दीपावली की शुभकामनाये |
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
आज ऐसे ही दीपक की ज़रुरत है । दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें ।
बेहद उम्दा प्रस्तुति…………आज इसी की जरूरत है।
दीप पर्व की हार्दिक बधाई।
सुंदर अभिव्यक्ति।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
aapke lekh kaphi acche hote hain.
Deewali ki shbhkamnayein.
Lucky
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
Waah waah, Bahut sundar rachna.
Aapko Deepawali ki hardik shubhkamnayen.
happy diwali chcha ji :)
kavita bahut achhi lagi :)
अब सीता भी हरण के लिए तैयार हो तो बेचारे रावण भी क्या करे? :) दीपावली की शुभकामनाएं॥
हर कोई यही सवाल पूछ रहा है... कब उत्तरित होगा यह प्रश्न... शायद वही असली पर्व का दिन होगा!
समीर भाई, इस बेहद उम्दा रचना के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !
आपको परिवार एवं इष्ट स्नेहीजनों सहित दीपावली की घणी रामराम.
रामराम
दिल मेरा खुश होकर गाये
ऐसी शाम कहाँ से लाऊँ?
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
बहुत अच्छी भावनाएं व्यक्त की हैं आपने! समीर जी.आपको;आपके मित्रों व समस्त परिवारीजनों को दीवाली की शुभ कामनाएं.
आपको भी दिवाली की शुभकामनायें... सादर
अच्छी रचना..
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..
हैपी ब्लॉगिंग
"मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ? -"
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..
आपको भी सपरिवार दिपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ...........सादर प्रणाम
''पग-पग महाभारत, इतने कृष्ण कहां से लाऊं
अच्छी कविता पर अलफाज कहां से लाऊं..''
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
समीर जी बहुत ही बढिय़ा कविता है, मजा आ गया।
आपको और आपके परिवार को महापर्व दीपोत्सव की शुभकामनाएं।
खो चुके मूल्यों को याद कराती ग़ज़ल!
दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका
अशोक बजाज रायपुर
दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका
अशोक बजाज रायपुर
'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय' यानी कि असत् की ओर नहीं सत्य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो।
दीपावली के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं।
मैंने आपके पास इन्हें भेजा है.... इन लोगों का अपने घर पर दीवाली ( 5 Nov 2010) शुक्रवार को स्वागत करें.
http://laddoospeaks.blogspot.com/
बिलकुल ताज़ी मिठाई की तरह लगी आपकी ताज़ा गज़ल ।
आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ
दीपावली के इस पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें....
आपको भी इस महापर्व की हार्दिक शुभकामनाये
कविता सुन्दर है..आज दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएं... समीर जी..
bahut sunder rachna hai ..........mere blog par ane ka itni sunder shubh kamnaye dene ka dhanyavad. apkobhi divali bahut bahut mubarak ho sir........
सुन्दर ग़ज़ल, सच से साक्षात् और आपके दर्द का एहसास करवाती हुई. सोचने को विवश हुआ कि:-
"मन की भी जो पीड़ा हरले,
झंडू बाम कहाँ से लाऊँ?"
मंसूर भाई...
इच्छा तो यही है:
डार्लिंग बन मैं भी इठलाता
पर झंडू बाम कहाँ से लाऊँ?
.
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ? ..
waah !
Beautiful ghazal
.
Happy Diwali greeting.
बहुत सुन्दर रचना. आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें...सादर
इतनी निराशा? वह भी समीर लाल के साथ? अविश्वसनीय।
इस सन्दर्भ में इन पंक्तियों को दीपावली-भ्ेंट मानें -
है वही मुश्यिकल जिसे इंसान मुश्किल मान ले,
मन के जीते जीत है, मन के हारे हार।
रतलाम आने का कार्यक्रम बनाऍं और तदनुसार पूर्व सूचना दें।
मैंने एक शाम चरागों से सजा रखी है !!!
ज्योतिपर्व की मंगल कामनाएँ !!!
आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
लाखों रावण गली गली हैं,
इतने राम कहाँ से लाऊं?
आज के हालात पर एक सटीक रचना...बहुत बढ़िया लगी..सुंदर रचना के लिए धन्यवाद..दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
दीपाली की बहुत बहुत शुभकामनाये , आपको और आप के परिवार को...आपकी रचना बहुत ही उत्क्रुस्त है..
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
एक अवसर देता है प्रकाश-पर्व अंतस् के कलुष को मिटाकर स्वयं प्रकाश बनने का। बधाई और शुभकामनाएँ।
जीवन की कड़वाहट हर ले
मीठा जाम कहाँ से लाऊँ?
आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं !
आशा है,आप अभी भारत में ही हैं। इस बार प्रवासियों के बीच नहीं,एकदम खांटी स्वदेशियों के बीच लीजिए प्रकाश-पर्व का मज़ा। बधाई!
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
सुंदर कविता
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
सुंदर कविता
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
The setting sun asked, ''who will take care of the night?'' A small burning lamp said, '' I shall try my best." May, we be that innocent earthen lamp !, to say Tamso Ma Jyotirgamaya bcoz however deep may be darkness it can not put out the light of a humble candle...wishing u all a Very-Very Happy Diwali !!
मन में उजियारा भर दे ऐसा दीप कहाँ से लाऊं?
ग़ज़ल बहुत बहुत सार्थक बात कह रही है. युग के साथ युग की बातें कालातीत हो जाती हैं फिर उसे वापस कहाँ से लायेंगे. इस युग में जो कर सकते हैं उसी में से दिशा खोजनी है और दीप तो जल ही रहे हैं, वह बात और हैकि उससे कौन रोशनी का सन्देश लेकर आगे बढ़ता है और कौन उसको भस्मकारी मानकर आगन में जगह नहीं दे पाता है.
आपको और आपके परिजनो को दीपावली कि ढेर सारी बधाईयां.
सुंदर रचना.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत बढ़िया। दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.
लाखों रावण गली गली हैं,
इतने राम कहाँ से लाऊं?
चीर हरण जो रोक सकेगा
वो घनश्याम कहाँ से लाऊँ?
वाह!वाह!वाह!दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएं॥
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनायें ।
लाज़वाब ......दीपावली की शुभकामनाएँ एवं बधाई !
मन में जो उजियारा कर दे ...
ऐसे दीप कहाँ से लाऊं ...
सुन्दर ...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ...!
अनुपम, अद्भुत, अद्वितीय और असाधारण रचना है आज की ! अत्यंत प्रभावशाली और हृदय से ग्रहण करने योग्य ! आप सभीको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
कलयुग की परछाईं बढ़ती जाती, सतयुग की इसे कैसे बनाऊं। बहुत ही मार्मिक रचना। दीपोत्सव की बहुत बहुत बधाई।
Very Happy Diwali to you and your Family. May god give you all that you wish for:-)
जब बहुत सारे लोग सामूहिक रूप से ऐसा सोचने लगेंगे तो ये सारे सकारात्मक प्रतीक अवश्य प्रकट होंगे |
आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाए.
रावण अनेक हुए हैं, हो रहे हैं,होते रहेंगे, मगर राम कहां है? एक ही सही?
बहुत ही सुन्दर भाव लाखों रावण गली गली ....
दीपावली की बहुत बहुत सुभकामनायें
आप सभी अग्रजों को भी दीपावली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। बड़ों के आशीष रूपी नाव के द्वारा ही हम समस्याओं के अनंत समुद्र को पार करने में सफल होंगे...।
कविता अथवा गजल, जो भी थी, उसके प्रकार में नहीं उलझना चाहूंगा, पर मन के भाव बहुत ही सुंदर हैं...।
पुनश्च- धन्यवाद
Bahut acchi lagi aapki yeh ghazal.
Deepavali ki hardik subhkamnai.
पुनः पढ़ी आपकी गज़ल, बहुत अच्छी ..
जो मोल बताये अनमोल गज़ल के ऐसा दाम कहा से लाऊँ ..
बहुत सुन्दर गज़ल ..
सराहनीय लेखन....हेतु बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
मंगलमय हो आपको, सदा ज्योति का पर्व॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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मन में जो उजियारा कर दे,
ऐसा दीप कहां से लाऊं.....
दीप तो नहीं दीपिका है .....चलेगी .....?
हा....हा...हा.....
बहुत अच्छी ग़ज़ल ....
ग़ज़ल में भी उस्ताद होते जा रहे हैं ....
शुभकामनाएं .....!!
चीर हरण जो रोक सकेगा
वो घनश्याम कहाँ से लाऊँ ...
बहुत खूब समीर भाई .... इस गज़ब की ग़ज़ल पर और दीपावली के पर्व पर ... बहुत बहुत बधाई ....
दीवाली पर्व है खुशियों का, उजालों का, लक्ष्मी का…. इस दीवाली आपकी जिंदगी खुशियों से भरी हो, दुनिया उजालों से रोशन हो, घर पर महा लक्ष्मी का आगमन हो… दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन मे एक नयी रोशनी दे, बस यही शुभकामना है हमारी आपके लिए दीवाली के इस पावन अवसर पार ...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ
dipawali avam bhia-duuj ke pawan parv par itni sudar kavita avam ke liye aapko bahut bahut badhai.
poonam
जीवन की कड़वाहट हर ले
मीठा जाम कहाँ से लाऊँ?
bahut hi garhe bhaw
dipaawali ki hardik shubhkaamnaae
दिल मेरा खुश होकर गाये
ऐसी शाम कहाँ से लाऊँ?
मन में जो उजियारा कर दे
वैसा दीप कहाँ से लाऊँ?
ऐसा दीप कहीं से आयेगा नहीं कोई देगा भी नहीं खुद अपने मन की बाती जला कर वो उजियारा करना होगा
bahot sunder.
भाई समीर जी !
(मैंने आपको दादा,नाना,बाबा,लकड़-दादा ...वगैरह कुछ नहीं कहा )
दीपावली की आपकी ग़ज़ल नें गुदगुदाया भी, चिकोटी भी काटी,थप्पड़ भी मारा( मगर बेशर्मों को लगता कहाँ है !),उम्मीद भी जगाई ......पहली बार आपके ब्लॉग पर आया, मगर लगता है कि आते ही आपने भांग पिला दी / ...........अब नशा पता नहीं कब उतरे ? वैसे भी मुझे कुछ ज़्यादा ही चढ़ती है / ......यह तो अच्छा नहीं हुआ न !
बहुत प्यारी गज़ल ।
yah jankar behad khushi huee k jabalpur k log blogs me dhoom macha rahe hain.shayad ye net friendly na hone ka khamiyaja hai k abhi tak apni matrabhoomi ki is uplabdhi se anbhigya raha.filhaal nai delhi me mass comm.ke course k sath achcha patrakar banne ki jaddojehad kar raha hoon.apke dwara kiye ja rahe is behad umda karya me kuchch hath bata sakoon to khushi hogi.iske liye aap kabhi bhi aadesh kar sakte hain.mera e mail account"sharmajabalpur@gmail.com"
padkar achcha laga.... itni achchi abhivyakti.... dhanyavaad....
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