एक सड़क दुर्घटना में मंच के लोकप्रिय कवि ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी और लाड सिंह गुज्जर का निधन हो गया और ओम व्यास तथा ज्ञानी बैरागी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सभी विदिशा से भोपाल एक इनोवा द्वारा म.प्र. संस्मृति विभाग द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में भाग ले कर वापस आ रहे थे.
एक शोक सूचना और- वरिष्ठ रंग-कर्मी हबीब तनवीर का भोपाल में ८६ वर्ष की उम्र में निधन हो गया. रंगमंच की एक महत्वपूर्ण कठपुतली को जगत-नियंता ने अपने पास वापस बुला लिया.
हबीब तनवीर जी, आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
और
ओम व्यास तथा बैरागी जी शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना.
वाकई, आज का दिन "मंच" पर वज्रपात का दिन है.
आदित्य जी
नीरज पुरी जी
लाड सिंह गुज्जर जी
हबीब तनवीर जी
जब जब ख्याल आता है तो आदित्य जी की यह रचना उनकी विशिष्ट स्वर लहरी में कानों में गुँजने लगती है.
दाल रोटी दी तो दाल रोटी खाके सो गया मैं
आँसू तूने दिये आँसू पीये जा रहा हूँ मैं
दुख तूने दिये मैने कभी न शिकायत की
सुख दिये तूने सुख लिए जा रहा हूँ मैं
पतित हूँ मैं तो तू भी पतित पावन है
जो तू कराता है वही किए जा रहा हूँ मैं
मृत्यु का बुलावा जब भेजेगा तो आ जाऊँगा
तूने कहा जिये जा तो जिये जा रहा हूँ मैं
बचपन में खिलौने, जवानी में जोश
और बुढ़ापे में आदमी का धन साथ देता है
संपत्ति में साथ देने तो हजारों आ जाते हैं
विपत्ति में प्रभु का मनन साथ देता है
तन स्वस्थ रहे तो ये मन भी न होता पस्त
मन मस्त रहे तो ये तन साथ देता है
हिम्मत के हथियार हाथ से जो खिसके तो
तन साथ देता है न मन साथ देता है.
-बस, आज इतना ही. अगर इस रचना को आदित्य जी की आवाज में सुनने का मन हो तो यू ट्यूब पर यहाँ सुनें.
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"देख लूँ तो चलूँ"-समीर लाल "समीर" : डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
समीर-सागर के मोती.. : खुशदीप
समीर जी की किताब- इतना पहले कभी नहीं हंसा.. : खुशदीप
विमोचित पुस्तक ' देख लूँ तो चलूँ ' महज यात्रा वृत्तांत न होकर उड़न तश्तरी समीर लाल समीर के अन्दर की उथल-पुथल, समाज के प्रति एक साहित्यकार के उत्तरदायित्व का सबूत है : विजय तिवारी ' किसलय'
ऐसी कौन सी जगह है जहाँ समीर का अबाध प्रवाह नहीं है : आचार्य डॉ हरि शंकर दुबे
मुझे समीर लाल एक शैलीकार लगते हैं : श्री ज्ञानरंजन जी
ज्ञानरंजन जी करेंगे समीर लाल की कृति ’ देख लूं तो चलूँ’ का अंतरिम विमोचन: गिरीष बिल्लोरे”मुकुल”
देख लूं तो चलूं का विमोचन समारोह: नुक्कड़
देह नाचती रहे - आँखे देखती रहें : ललित शर्मा
अपील
शुभकामनाऐं.
समीर लाल
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72 टिप्पणियां:
श्रद्धांजलि
मंच की यह अपूरणीय क्षति है।
मेरी विनम्र श्रध्धांजलि -
दिवंगत आत्मा
ईश्वर का सान्निध्य प्राप्त करें
ये सदआशा सहीत ,
- लावण्या
आदरणीय समीर जी...हाँ सच कहा आपने दुःख बहुत बड़ा है...जैसा की मैंने पहले भी कहा की...कुछ दुर्घटनाएं कभी कभी बहुत बड़े दुक्त दे देती हैं....अपूरणीय क्षति है ये...
समीर भाई ,
बहुत ही दुखद समाचार है.
इस घडी में उनके परिवार
को ईश्वर इस दुख को सहने की शक्ति दे.
आदरणीय आदित्य जी अब उम्र के उस मुकाम पर थे जिसे विदाई की वेला कहते हैं किन्तु ये विदाई ऐसी होगी किसी ने न सोचा था । वे काव्य मंच के सचमुच के आदित्य थे जिनके प्रकाश में मंच जगमगा उठता था । सबसे अच्छी बात ये थी कि हास्य के कवि थे किन्तु सारी बात हिंदी के व्याकरण में होती थी । छंदों के सम्राट थे वे । नीरज भाई के बारे में कुछ भी कहते हुए गला भर आता है । लाड़ सिंह गुर्जर तो मेरे शहर से लगे हुए कस्बे के थे । छोटे मोटे आयोजनों में भी आ जाते थे । ओम जी की हालत स्थिर है । ईश्वर से प्रार्थना है कि जो नुकसान किया सो किया अब आगे न करे । श्री अशोक चक्रधर जी ओम व्यास जी को भोपाल से दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाने के प्रयास में हैं किन्तु वैंटीलेटर पर होने के कारण्ा डाक्टर नहीं ले जाने दे रहे हैं । हिंदी कविता के मंच के हास्य के ये सितारे एक ही गाड़ी में थे । दूसरी गाड़ी में श्री अशोक चक्रधर जी, श्री प्रदीप चौबे जी, श्री मदन मोहन समर जी, श्री विनीत चौहान जी बैठे थे । सबसे प्रार्थना है कि ओम जी के लिये एक बार ईश्वर से प्रार्थना करें किसी न किसी की तो वो सुनेगा इतना निष्ठुर नहीं है वो । ओम जी जैसे अच्छे इंसानों की अभी हमें जरूरत है । उन जैसे कवियों के कारण मंच की गरिमा बची हुई है ।
सचमुच हिन्दी के लिए गहन शोक उपस्थित हो पड़ा है। एक साथ इतना बड़ा आघात असहनीय हो रहा है। हरि इच्छा!
मंच को जो अपूरणीय क्षति हुई है इन सरस्वतीपुत्रों के जाने से वो अत्यंत दुखद है। दो साल पहले आदित्य जी कानपुर आए थे तब बिल्कुल सफ़ेद कपड़ों में थे। कुमार विश्वास ने चुटकी लेते हुये कहा था कि आदित्य जी आजकल पूरी तैयारी के साथ चलते हैं। कपड़े भी सफ़ेद पहनते हैं और उन्ही शहरों में कविसम्मेलन की अनुमति देते हैं जो गंगा के किनारे हों। क्या पता कब कहां जाना पड़ जाए! और अपनी बारी आई तो आदित्य जी ने उत्तर में यही छंद सुनाया था।
दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धांजलि |
मृत्यु का बुलावा जब भेजेगा तो आ जाऊँगा..
यही एक -मेव सच है .काल की पुकार को कोई अनसुना नहीं कर सकता ,अब केवल यादें ही शेष है ,मंच सूना हुआ .परमपिता इन सभी को परमशान्ति प्रदान करें .
एक साथ इतनी क्षति! शक्ति बटोर रहा हूँ, सहन कर सकूँ!
श्रद्धा सुमन
श्रद्धा सुमन
श्रद्धा सुमन
श्रद्धांजलि
दिवंगत आत्मायें ईश्वर का सान्निध्य प्राप्त करें।
अपूर्णीय क्षति हुई है. कुछ भी नही कह पा रहा हूं. बस मौन हूं. मेरी श्रद्धांजलि.
रामराम.
श्रद्धांजलि
बहुत ही दु:खद समाचार, यह हिन्दी और हिन्दुस्थान के लिये बहुत बड़ी क्षति है।
भगवान दिवगंत आत्माओं को शान्ति प्रदान करे।
mere liye ye gahra sadma hai.......kal se ek hi prarthna kar rahaa hoon ki bhai om vyas ko kuchh na ho.................aadityaji to hamaare munch k aise dadaji the jinke pas baith kar hum urjasvit hote the...neerajji meri hi pidhi k the lekin mujhse zyada tailented aor lokpriya hone k baavjood jab milte the toh daud k gale milte the..masti toh unke ang ang se footti thee..aur laadsing gurjar ko abhi toh bulaaya tha maine surat me...ve zara sharmile swabhaav k the lekin
unke maalvi geet bade mast hote the jin par darshak jhoom jhoom uthte the..........
hay hay re niyati! ye toone kya kiya ?
AAO HUM SAB PRARTHNA KAREN DIVANGAT AATMAAON KI SADGATI K LIYE AUR SANGHARSH RAT OMJI VA BHAI JANI BAIRAGI K SHEEGHRA SWASTHYA K LIYE___________
यही तो हकीक़त है एक दुनिया जिसपर भरोसा मुझसे मिलने जरूर आएगी....
वैरागी जी और ओम जी के अच्छे स्वस्थ की कामना वो जल्दी से अच्छे हों.....
साथ ही साथ जो हमारे साथ होकर भी हमारे साथ नहीं....उनको श्रद्धांजलि.........
रचना दिल को पहुंचती है........शुभकामनाय......
अक्षय-मन
इन सभी कवियों को मंच पर सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ सोचा न था कि एसा दुखःद समाचार आयेगा... बहुत दुखःद घटना..
श्रद्धांजलि
ह्रदयविदारक दुर्घटना से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है . समाचार सुनकर स्तब्ध रह गया था . सभी दिवंगतों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
ॐ शांति ॐ
वज्रपात!!!
लोकप्रिय कवि ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी, लाड सिंह गुज्जर और हबीब तनवीर को
भाब-भीनी श्रद्धांजलि।
ओम व्यास तथा बैरागी जी के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना करता हूँ।
श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ
अपूरणीय क्षति!!!!!
मेरी विनम्र श्रध्धांजलि
दिल में उतर गयी यह रचना...
मीत
हम उनके परिवार के गम में शरीक हैं....
बाकि सब इश्वर की मर्जी है...
मीत
इस्वर उन्हें शांति दें,,,
मीत
इश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे एवं उनके परिवार को इस असीम दुःख को सहने की क्षमता दे । श्रधान्जली
भावना
अत्यन्त दुखद। नियति के सामने बेबसी महसूस होती है। श्रद्धांजलि।
कल देर रात तक देखती रही कि शायद कोई टी०वी चैनेल हो जो इन तीनो कवियो को विशेष श्रद्धांजलि दे..मगर नही..! इस से टी०आर0पी भी तो न बढ़ती....!!!
खैर हम ब्लॉगर साहित्यकार न सही पत्रकार न सही लेकिन सब एख जुट हो कर तीनो दिवंगत आत्माओं की आत्मा की शांति और दोनो घायल कवियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हृदय से कामना करते हैं...!
भगवान् उनके परिवार को दुःख सहने की शक्ति दे ............. कुछ नुक्सान ऐसे होते हैं जो पूरे नहीं हो सकते ......
अत्यंद दुखद.
दुखद निधन की खबर से स्तब्ध हैं। सोमवार का दिन मंचीय कला की क्षति का रहा।
मन दुःखी है, शब्द नहीं हैं। पंकज जी विस्तार से लिखने के लिए धन्यवाद। एक बैचेनी सी थी बाकी लोगों के हाल चाल जानने की। हृदय से प्रार्थना बनी ही रहेगी।
हिन्दी के लिए इतना बड़ा आघात असहनीय है
श्रद्धांजलि
यह मंच की क्षति है क्योकि ये शोभा हुआ करते थे.अत्यंत दुखद है.
श्रद्धांजलि
यह मंच की क्षति है क्योकि ये शोभा हुआ करते थे.अत्यंत दुखद है.
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शान्ती दे और जो जीवन मृ्त्यु के मध्य झूल रहे हैं, उन्हे शीघ्र स्वास्थय प्रदान करे।
ओह ! दुखद !
श्रद्धांजलि.
ओमजी बैरागीजी के स्वास्थ्य लाभ की कामना.
अत्यंत दुखद दुर्घटना है यह....
मेरी विनम्र श्रध्धांजलि -
दिवंगत आत्मा ईश्वर का सान्निध्य प्राप्त करें !!
उसको टालना किसके बस में है।
हार्दिक श्रद्धांजलि।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत ही दुखद घटना है यह ..विनम्र श्रद्धांजलि
साहित्य जगत में एक अपूरणीय क्षति, श्रद्धांजलि दिवंगत आत्माओं के लिये, मृत्यु एक परम सत्य है और यह खुद पर कभी दोष नहीं आने देती, जैसे यहां एक रूप उसने दुर्घटना का दिखाया और उन्हें ऐसे वक्त छीन लिया जब उनके अपने, घर पर उनकी प्रतीक्षा में थे . . . ।
-यह अपूरणीय क्षति है
-कविवर हबीब तनवीर जी, आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को हमारी तरफ से भी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
और
कविवर ओम व्यास जी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए ईश्वर से परार्थना है.
[श्री बैरागी जी अब खतरे से बाहर हैं.]
मंच सूना हो गया.......अपना दुख व्यक्त करने के लिये शब्द नहीं हैं मेरे पास. दिवन्गतों को श्रद्धान्जलि.
OM SHANTI, SHANTI, SHANTI......
shradhanjali.
ghayalon ke swasth hone ke liye shubh kaamna.
दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धांजलि
बहुत ही दुखद समाचार है.
ओम जी और वैरागी जी के अच्छे स्वस्थ की कामना वो जल्दी से अच्छे हों.....
हिंदी मंच की गडगडाती ये आवाजे अभी भी कानो मे गूंज रही है . वे अमर है अमिट है हिंदी जगत मे हमेशा विराजे रहेंगे .वे कही नही गये . ना जा सकते है . बस जो और सुनाते वो हमारे ही कानो के भाग्य मे सुनना नही था. भगवान से प्रार्थना है कि हिंदी मंच को अभी और खाली ना करे. हमे इस मंच पर सुनाने वाले कम है उसेके पास पहली ही बहुत आवाजे जा चुकी है
दुखःद घटना
श्रद्धांजलि
kya kahoon sir....jab se ye khabar mili hai .....kuch soojh hi nahi raha......
समीर जी, अभी भी यक़ीन नहीं हो रहा. हालांकि कल से इसी सक़ते में हूं. बस.... ऒम भाई ठीक हों यही कामना है. जानी खतरे से बाहर है ये खबर सांत्वना दे रही है... ऒह..
बिना बुलावे के गए हैं
दो को साथ ले गए हैं
एक तो भारी भरकम है
दूसरा हास्य की सरगम है
भगवान दिवगंत आत्माओं को शान्ति प्रदान करे। लोकप्रिय कवि ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी, लाड सिंह गुज्जर और हबीब तनवीर को
भाब-भीनी श्रद्धांजलि।
समीर जी,
वाकई आज का दिन रंगमंच और साहित्य जगत के लिए काला दिवस जैसा है.
जाना तो सबको होता है, लेकिन एक साथ रंगमंच और हिंदी साहित्य के सुविख्यात हस्ताक्षरों का हमारे बीच से चले जाना असामयिक ही नहीं हृदय को विदीर्ण करने वाली घटना है.
एक लम्बे अरसे तक आज का दिन हमें याद आ आ कर कचोटता रहेगा.
हमारी सभी को विनम्र श्रद्धांजलि.
- विजय
मृत्यु का बुलावा जब भेजेगा तो आ जाऊँगा
तूने कहा जिये जा तो जिये जा रहा हूँ मैं
इन पंक्तियों ने हिम्मत बड़ा दी .
शोक ,शोक ,शोक
IS APURANIYA KSHATI KE LIYE KYA KAHAA JAYE... IN CHAARO KALAM KE JAADUGARON KO MERA SHRADHAA SUMAN SHRADHAANJALI ARPIT KARTA HUN...HRIDAY AAHAT AUR SHOK SE BHARA HUA HAI....
ARSH
हमारी तरफ़ से भी हबीब तनवीर जी, आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को श्रद्धांजलि .
ओर बाकी सभी घायलो को भगवान जल्द ठीक करे, इस से ज्यादा इंसान कुछ नही कर सकता, यह सब उस ऊपर वाले की लीला है, वोही जाने,
धन्यवाद
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बहुत दुखद घटना ....सभी दिवंगत कवियों को श्रद्धांजलि .
स्तब्ध...मृत्यु जब अचानक आ कर अपने आगोश में ले लेती है तो कुछ कहते नही बनता...उनकी कमी कोई पूरी नही कर सकता..सभी के परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति मिले...
बहुत ही दुखद।
दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धांजलि |
मेरी मौन श्रद्धांजली...
मूक हूँ...
श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
सच कहा आपने बीता दिन वज्रपात था मंच के लिए।
मृत्यु का बुलावा जब भेजेगा तो आ जाऊँगा
तूने कहा जिये जा तो जिये जा रहा हूँ मैं
..........
हिम्मत के हथियार हाथ से जो खिसके तो
तन साथ देता है न मन साथ देता है.
प्रार्थना करता हूं कि जो क्षति हुई सो हुई भगवान हमसे ओमजी का ना छीनना।
भगवान जल्द ठीक करें ओम जी को।
जो चार हीरे चले गए उनको दिवंगत आत्मा को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
दाग तुझमें है कि मुझमें ये पता तब होगा
मौत जब आएगी कपडे लिए धोबिन की तरह
महान कवि गोपाल दस नीरज जी की ये पंक्तियाँ और उसे सुन कर ओम प्रकाश आदित्य जी का झूमना आँखों के सामने घूम गया...किसे मालूम था की मौत उन्हें इस तरह हमसे छीन कर ले जायेगी... "आदित्य जी " आम जन के कवि थे , किसी विवाद और अकादमी के पुरुस्कारों से दूर...तभी इस उम्र में भी उन्हें सुनने लोग दौडे चले आते थे...हंसते हंसते रुलाने की कला में दक्ष आदित्य जी हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों में रहेंगे...उनके साथ युवा नीरज पुरी जी और लाड सिंह जी का जाना मन को अन्दर तक हिला गया है...इश्वर इनकी आत्मा को शांति दे...
हबीब तनवीर जी मंच को समर्पित ऐसे शक्श थे जिनकी मिसाल ढूंढें नहीं मिल सकती...आदिवासियों के समूह में से उन्होंने ऐसे विलक्षण कलाकार ढूंढ निकाले की उनका अभिनय दांतों तले उंगलियाँ दबाने पर मजबूर करता है...यकीन ना हो तो कभी "आगरा बाज़ार" या "चरण दास चोर " नाटक देखें... उन्हें अश्रु पूरित श्रधांजलि...
नीरज
मेरी विनम्र श्रध्धांजलि -
बहुत ही दुखद समाचार है. ऊपर वाला उनके परिवार और सगे - सम्बन्धियॊं को ये दु:ख सहने की शक्ति दे
humne to bes naam hi suna hain inka ... aur kabhi kabhi t.v.par dekha... but blogger bananey ke baad to jiase ek parivaar sa ho gaya hai....dukh to aaj bhi hain..... but yahi par to hum haar jate hain.....
श्रद्धांजलि
सच में मंच की अपूरणीय क्षति.
It's very bad, I am sad sad sad.
by CHHATRAPAL SHIVAJI
Gowari, Sagwara, Dungarpar, Rajasthan-314025
(manch sanchalak & kavi- hasya, vyangya, oj)
Mob.9929468650, 9783372474
E-mail: chhatrapal.shivaji@yahoo.com
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