मंगलवार, मई 17, 2016

हार......


जब मैं तुम्हारी घुप्प चुप्पी से
परिशां होकर चुप हो जाता हूँ
तब मेरी चुप्पी चुपचाप आकर
मुझे यूँ चुपचाप रहने से रोक
ये समझा कर सिहर जाती है
कि चुप्पी से कुछ हासिल नहीं
कुछ कहो ..यूँ चुपचाप न सहो
बेआस लहरों का साहिल नहीं
चुपचाप रह जाना तो एक और
नई घुप्प चुप्पी का आगाज है
ये सहनशीलता पे एक वार है...
ये महज एक हार है,,,हार है!!!

-समीर लाल समीर
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23 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

चुप्पी का शोर भी मन को झझकोर देता है। एक अलग अंदाज़ की रचना अच्छी लगी।

PRAN SHARMA ने कहा…

Behtreen !

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18-05-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2347 में दिया जाएगा
धन्यवाद

कविता रावत ने कहा…


चुप्पी तोडना जरुरी है, इससे किसी समस्या का हल नहीं निकलता ...
बहुत अच्छी रचना

Bloggeramit ने कहा…

Bahut hi badiya... Keep posting

रश्मि शर्मा ने कहा…

चुप्‍पी का शोर बड़ा जबरदस्‍त होता है।

रश्मि शर्मा ने कहा…

चुप्‍पी का शोर बड़ा जबरदस्‍त होता है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (20-05-2016) को "राजशाही से लोकतंत्र तक" (चर्चा अंक-2348) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Satish Saxena ने कहा…

सच तो यही है .....
मंगलकामनाएं !!

vijay kumar sappatti ने कहा…

khamoshi ki apni awaaz hoti hai
sameer bhayi ji , aaj aapki kavita ne wo sabit kar diya hai .
bharat kab aa rahe hai , milne ka bahut man hai ji .

shukriya
vijay

स्वाति ने कहा…

एक अलग अंदाज़ की रचना...

Kuldeep Saini ने कहा…

Bahut khoob

Goyal ने कहा…

bahut aachi jankari danayawad
http://www.99hindi.com/anmol-vachan/

Asha Joglekar ने कहा…

चुप्पी का जवाब तो चुप्पी ही होगा जब शुरुआत दूसरी तरफ से हुई है। बात करने से सब सुलझ जाता है।

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

kabhi kabhi aapki chuppi bhi bina kahe bahut kuchh kah jaati hai------bahut hi sarthak prastuti-----sir hardik badhai

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

kabhi kabhi aapki chuppi bhi bina kuchh kahe bahut kuchh kah jaati hai-
bahut hi sateek prastuti ---sir -harsik badhai

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

kabhi kabhi aapki chuppi bhi bina kuchh kahe bahut kuchh kah jaati hai-
bahut hi sateek prastuti ---sir -harsik badhai

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

बहुत दिन बाद ब्लॉग की दुनिया में आना हुआ ,आपकी कहानी पढ़ी अच्छा लगा । बधाई

हितेश शर्मा ने कहा…

बहुत अच्छी कविता लगी जी

Unknown ने कहा…

चुप्पी बहुत कुछ कह जाती है read me also justiceleague-justice.blogspot.com

कविता रावत ने कहा…

आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
सादर

Asha Joglekar ने कहा…

कहते रहिये कहते रहिये कहने से दिल मिल जाते हैं।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

चुप्पी भी कभी कभी हार कहलाती है ... सच ही है . उम्दा रचना .