इतना बड़ा खुलासा. लाखों करोड़ों रुपयों का लेन देन और साथ में सेक्स स्कैंडल.
श्री शांत के साथ साथ दो और खिलाड़ी. खिलाड़ियों समेत कई अन्यों पर शक की सुई. विपक्ष फिर भी चुप. आप की पार्टी तक चुप. ओए, क्या हो गया है इनको?? इतना चुप तो पहले कभी न थे ये...
हद हो गई आश्चर्य में डालने की. कलमाड़ी तो खुद से खेले भी नहीं थे कॉमन वेल्थ में, तो खेल की दिशा तो खैर क्या मोड़ते या बदलते, उस पर से इस मंहगाई के जमाने में उन्हें मात्र अपनी सूखी सेलरी के अलावा केवल कमीशन का आसरा जीवन बसर करने के लिए. सेलरी के सिवाय, न तो घूस घूस खेलने की हर क्रिकेट मैच की तरह फीस, न ही घूस के खेल में मैन ऑफ द मैच घोषित हो जाने के बावजूद क्रिकेट की तरह इनामों की बारिश, न ही माडलिंग के अलग से रोल और पैसे, न किसी प्रॉडक्ट के ब्राण्ड एम्बेस्डरी से कमाई. मगर उनके पैसे खा जाने पर इतना हल्ला. लोकपाल बिल, जेल और बस, मात्र एक डिमाण्ड- सरकार इस्तिफा दे.
टू जी, हैलीकाप्टर, बोफोर्स, गैंग रेप, बिजली के भाव, सरबजीत की मौत, शाराबी को शहीद का दर्जा, नल में पानी का आभाव, टूटी सड़क, पटवारी की सौ रुपये की घूस- हर बात में सरकार इस्तिफा दे. प्रधान मंत्री नैतिक जिम्मेदारी लें.
मगर आज इतने बड़े स्कैंडल में विपक्ष की भूमिका फिक्स सी सिखती है- जिसमें सारे चैनल जान दिये दे रहे हैं पिछले २४ घंटों से- हर पहले से ज्ञात सट्टेबाजी की जानकारी को सनसनीखेज खुलासा बताते हुए. ड्रामेबाजी में जाने किस किस अज्ञानी को पकड़े स्ट्रिंग ऑपरेशन की शूटिंग में व्यस्त- जहां सटोरीया और पंटर और बुकी की परिभाषा गलत बताई जा रही है. इतना बड़ा बुकी, इनको इन्टरव्यू देते हुए कोड लैग्वेज की जानकारी देते हुए- ५०० करोड़ को कोड में ५०० पेटी बताता है और सारी दुनिया जानती है कि इसे उस कोड भाषा (क्या वाकई में वो कोड है??) में ५०० खोखे कहते हैं – ५०० पेटी ५०० लाख को कहते हैं. मगर हड़बड़ी बताने की ऐसी कि कोई एडिट तो क्या करता इन सब खुलासों को. बस चला दी खबर. बुला ली पैनल और लगे सवाल पर सवाल करने. जैसे ही कोई पेनल का सदस्य कोई लॉजिकल बात करे जो इनके खुलासे को काटती हो या उसे गलत साबित करे तो उसे समय की कमी बता कर तुरंत छोटी सी ब्रेक और फिर ब्रेक से लौट कर आये तो वो बंदा ही गुम. गज़ब!! मानो श्रीशान्त की मकर का तौलिया- इस ओवर में है और देखते देखते अगले ओवर में गुम.
जिस दिल्ली के पुलिस मुखिया को कल तक यही चैनल नकारा घोषित कर विदा कुये जाने की तैयारी करवाये दे रहे थे वही आज इन्हीं के कारण इस खुलासे के बाद हीरो का स्टार दर्जा हासिल किये नये खुलासों के साथ आने की तैयारी में हैं. स्टारडम तो ऐसा ही होता है. आज है- कल नहीं -परसों फिर हासिल. अमिताभ होना आसान नहीं. बहुत कुछ फिक्स करना होता है.
अब तक शक हो रहा है कि विपक्ष भी शामिल है इस मामले में वरना ऐसा कौन सा मामला इस लेवल का रहा है जिसमें सरकार से इस्तिफा न मांगा गया हो.
आई पी एल फिक्स- अंडरवर्ल्ड शामिल- लड़कियों का इस्तेमाल. किसी का कहना कि आई पी एल बना ही सट्टेबाजी के लिए है. आई पी एल सट्टेबाजी की धूरी. एकाएक सट्टेबाजों की देश भर में धरपकड़- जैसे कल तक इस बारे में पुलिस को कुछ मालूम ही नहिम था. धन्यवाद मिडिया, आपने पुलिस को सूचना दे दी वरना उनको कौन बताता और वो कैसे जान पाते.
सिद्धु कहते हैं कि सांसदों के घोटालों के बाद भी अगर संसद पाक साफ है तो फिर आई पी एल अपवित्र कैसे? शायद—न न पक्का ही ये बी जे पी के सांसद हैं. वो ही बी जे पी- जिसे सरकार से इस्तिफा चाहिये क्यूँकि ...क्यूँकि क्या. बस चाहिये.
हालात कुछ ऐसे बन गये हैं कि अब अगर कोइ खिलाड़ी बैटिंग या बॉलिंग के पहले- ईश्वर को याद करने के लिए आँख बंद कर हाथ जोड़ ले..तो लोग अनुमान लगा लेंगे कि इसका मतलब इशारा कर दिया कि ये फिक्स वाली खेल है. सर खुजाये, टावेल हिलाये, रिस्ट बैंड घुमाये, जूते का फीता बांधे, पसीना पोंछे..हो गया इशारा..लग गया सट्टा.
ये तो वही हालात हो गये हैं कि जैसे रिश्तेदारों पर से विश्वास हट गया है बच्चियों को माँ बापों के- बार बार मीडिया पर सुन सुन कर कि ९७% बलात्कारों में घर के लोग शामिल रहते हैं.
जो मानसिक दहशत इन रेप केसों ने आम परिवारों में पैदा की है उससे आई पी एल देखते हुए, कुछ देर को ही सही, वो माँ बाप उस दहशत को भूल खुश हो लेते थे, वो भी अब उनके हिस्से से जाता रहा. क्या देखें जो पहले से फिक्स है- कैसा एक्साईटमेन्ट और कैसा खेल!! बाकी तो टी वी पर मनोरंजन के लिए कुछ आता नहीं....
आज के इस सफर में
हाय! ये कैसी दिशा है,
हाय! ये कैसी हवा है,
जिस तरफ निकलता हूँ
किश्ती डूबती है मेरी ही!!
और वो हँसते हुए कहता है
नौसिखिया निकला ये नाविक भी!!
-समीर लाल ’समीर’
आखिर आपसे चुप न रहा गया ! क्या करें पीड़ा ही ऐसी है ...घाव अब रिसने लगा है इस देश का ..
जवाब देंहटाएंहम भी कभी इस खेल को बहुत चाहते थे ...अब कहते हुए शर्म आती है .... :-( दुखद है,इस हद तक गिर जाना ...
चोर-चोर का शोर मचाकर करे लोग बदनाम,
जवाब देंहटाएंकौन यहाँ पर चोर नहीं है सबका है ये काम.
जब सारे कुएँ में ही भांग पडी हो तो कौन किसकी तरफ कितनी उंगली उठा सकता है ?
क्रिकेट अब क्रिकेट कम, WWF ज्यादा लगता है , सरकार का भी लगभग यही हाल है , सर पीटने से भी कोई लाभ होता नहीं दिखता . इसलिए हम इन्हें फर्जीवाड़ा मान और स्वीकार कर के कुश्ती का आनंद लेना ही बेहतर समझते है ...
जवाब देंहटाएंलिखते रहिये ...
बेचारे क्रिकेटर दिल्ली पुलिस की अपनी छवि सुधारने के लिए किये जा रहे क्रियाकलापों के चलते फंस गये|
जवाब देंहटाएंऔर आप है कि लोगों को उकसा रहे है बेचारी सरकार का इस्तीफा मांगने को :)
इतनी गर्मी में बेचारे नीलाम हुए खिलाडियों को पसीना बहाते देख जी बड़ा दुखता है , क्या इनकी माताओं , पत्नियों , बहनों का नहीं दुखता होगा .नए खिलाडियों का तो समझ आता है पैसे और नाम के लिए मगर प्रतिष्ठित खिलाडियों को क्या जरुरत है , क्या करेंगे इत्ते पैसों का !!
जवाब देंहटाएंक्या कहें ... अब तो सही मे हर जगह फिक्सिंग ही दिखती है :(
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति. हमारी भी मान्यता है कि क्रिकेट का आई पी एल वर्सन बना ही सट्टे के लिए है.
जवाब देंहटाएंयहाँ तो चरित्र के सिवाय बाकी सब कुछ ही फिक्स है, इस्तीफ़ा मांगने वाले भी फिक्स है और देने वाले भी फिक्स है, फेविकोल के मजबूत जोड़ से :)
जवाब देंहटाएंछोटी मछलियाँ पकड़ ली जाती हैं ... जिनका खेल में भविष्य निश्चित नहीं बेचारे थोड़ा कमा रहे थे ...धर लिए गए । खेल से ज्यादा सरकार के किए घोटालों पर ध्यान देना चाहिए ।
जवाब देंहटाएंअब तो अपने देश में
जवाब देंहटाएंफिक्सिंग के सिवा रखा क्या है...
घर देखो
बाहर देखो
सब फिक्सिंग...
सरकार देखो व्यापार देखो
सब फिक्सिंग..:)
स्तब्ध हूँ !
जवाब देंहटाएंकहीं कोई अंतिम सीमा है क्या ?
सच्चाई हर तरफ पसरी हुई है.. लेकिन कोई मानता ही नहीं. जब से ये आई पी एल नामक तमाशा शुरू हुआ है तभी से ज्ञानीजन कहने लगे थे कि सट्टेबाजी के लिये खेल शुरू हुआ है.. शाहरूख भाई जब तैश खा गये थे तो लोगों ने कहा था कि लगता है चूना लगा है.. कत्था चबाये बिना लाल कैसे हो गया?
जवाब देंहटाएंअभी अपनी परीक्षाओं के दौरान जब लोगों को टीवी पर अपनी आँखें झोंकते हुए देखता तो हँसी आती थी.. छक्के चौके से मिल रहे उन्माद ने मिजाज को भी छक्का और चौका बना दिया है.. सब एक बॉल में छक्का मारना चाहते हैं.. चाहे वह निजी लाइफ क्यों न हो. उनके छक्के पर पैसा लगा होता है गोपाल कांडा जैसे लोग लगाते हैं.. और गीतिका शर्मा श्रीसंत बन जाती है.
सब आँखों के सामने ही तो हो रहा है.. आज़ादी का सुख सभी मिल कर भोग रहे हैं..
भारत माता की जय!! वन्देमातरम!!
क्रिकेट पर तो कम से कम दस वर्ष के लिये भारत में खेलने, देखने और प्रस्तुतिकरण पर बैन लग जाना चाहिये
जवाब देंहटाएंप्रणाम
बहुत निंदनीय है ये सब ....
जवाब देंहटाएंहम तो दौलत बेग ओल्डी के बाद भी इस्तीफे की मांग के पक्ष में नहीं हैं.
जवाब देंहटाएंअरे भाई फ़रहा ने कहा था न कि सिर्फ़ मैच नहीं देखना.. बैट भी........ हा हा
जवाब देंहटाएंदिद्दू साहब की सुन के सब को मिर्ष लग रही है ... मीडिया को मसाला मिल गया ये क्या कम है ... सभी नेता करीब करीब एक सुर में बोल रहे हैं ... ये क्या कम है ...
जवाब देंहटाएंAAPKEE HAR BAAT BEBAAQ HAI . AAPKAA KHULAASAA PADH KAR EK SHER
जवाब देंहटाएंYAAD AA GAYAA HAI -
HAR SHAAKH PE OOLLOO BAITHE HAIN
ANJAM-E-GULISTAAN KYA HOGA
सरकार का इस्तीफ़ा मैं भी मांगने की सोंच ही रहा था कि आपने मांग लिया ...
जवाब देंहटाएंमैच फिक्सिंग मात पिता का काम होता है,
जवाब देंहटाएंलेकिन आजकल के नौनिहाल यह बात जानते ही नहीं।
आपने लिखा....हमने पढ़ा
जवाब देंहटाएंऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 19/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
बीच समंदर,
जवाब देंहटाएंन जानूँ मैं,
कौन दिशा,
यह नाव बढ़ाऊँ।
सच कहा आपने, विचित्र स्थिति हो गयी है।
निश्चित रहिए...IPL पर सरकार से इस्तीफ़ा नहीं मांगा जाएगा...राज्यसभा में विपक्ष के नेता BCCI में बड़े पदाधिकारी हैं...हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे जो बीजेपी सांसद भी है वो भी क्रिकट में पदाधिकारी हैं...आईपीएल के चेयरमैन कांग्रेस के सांसद और सरकार में मंत्री हैं...साथ ही एक न्यूज चैनल के मालिक भी हैं...क्रिकेट में सब घी-शक्कर हैं...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
बहुत सही
जवाब देंहटाएंsatik. karaa....sach v ki sab fix hai...
जवाब देंहटाएंआप पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने के आदेश पारित किये जा रहे हैं.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
अब हर जगह अपराध
जवाब देंहटाएंयह भारत देश के बजाय भ्रष्टाचार देश हो गया है
जवाब देंहटाएंडैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest postअनुभूति : विविधा
latest post वटवृक्ष
सच कहा आपने लेकिन आने वाला भी न रोक पाया ये सब अनर्थ तब *********
जवाब देंहटाएंदो साल पहले जब कोई चीख कर कह रहा था कि ये IPL सिर्फ और सिर्फ इंडियन पैसा लीग है. अब लोग मान रहे हैं विश्वासघात होने के बाद।
जवाब देंहटाएं-
सर आपके पोस्ट पर क्या कहा जाए, रिश्ता, विश्वास और मन की शान्ति ही ना बचे तो सब ख़त्म है.
इंतज़ार है सटोरियों को चिट्ठा जगत में . आज समीर लाल जी कुछ नया लिखेंगे ,किस पर लिखेंगे ,कविता होगी या किसी पर व्यंग्य . पहले से इशारा कर दीजियेगा .अगर फोटो बिना चश्मे वाली है तो अगले दिन गीत होगा .
जवाब देंहटाएंइंतज़ार है सटोरियों को चिट्ठा जगत में . आज समीर लाल जी कुछ नया लिखेंगे ,किस पर लिखेंगे ,कविता होगी या किसी पर व्यंग्य . पहले से इशारा कर दीजियेगा .अगर फोटो बिना चश्मे वाली है तो अगले दिन गीत होगा .
जवाब देंहटाएंइंतज़ार है सटोरियों को चिट्ठा जगत में . आज समीर लाल जी कुछ नया लिखेंगे ,किस पर लिखेंगे ,कविता होगी या किसी पर व्यंग्य . पहले से इशारा कर दीजियेगा .अगर फोटो बिना चश्मे वाली है तो अगले दिन गीत होगा .
जवाब देंहटाएंsir jitna shor..jitna hungama IPL ko lekar hai...us sey kahin jayada to sarkar ne scams mein hajam kar liya..main kisi ko jyada-kis ko kamtar karne ki koshish mein nahi hoon..par itna hai ki ab aisa sunne ki BURI aadat si pad gayi hai :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज मंगलवार (21-05-2013) के मंगलवारीय चर्चा---(1251)--- पत्ते, आँगन, तुलसी मा... में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Kya kahun kuchh samajh me nahi ata...bas ek uf!
जवाब देंहटाएंMere blog pe zaroor aayen aur ek maa ke dilse nikli aah sune!Karah sune....
सामयिक और सटीक प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंमनोरंजन बन बैठा है यह सब ...चुपचाप देखने -सुनने की आदत सबको जो पड़ गयी है ... बखूबी जानते हैं वे २-४ दिन बाद हो हल्ला खत्म ..बात ख़त्म ..फिर से कोई नया कारनामा हाज़िर ..
जवाब देंहटाएं..समसामयिक प्रस्तुति हेतु धन्यवाद
वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएं@मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ
किस किस बात पे इस्तीफ़ा दें इसलिए फिलहाल इस्तीफ़ा देना इस्थगित कर दिया है अनिश्चितकाल के लिये.
जवाब देंहटाएंसार्थक और सटीक प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंsaamyik.
जवाब देंहटाएंकुछ न कुछ होते रहना चाहिए... और अंतिम बात कि प्रधानमन्त्री देश के हर काम का जिम्मेवार, इस्तीफा दे देना चाहिए. कल स्कूल के दो बच्चों में लड़ाई, शिक्षक ने एक थप्पड़ मार दिया, प्राचार्य को नोटिस और अब प्रधानमन्त्री इन सबके लिए दोषी - देश के ख़राब माहौल के कारण बच्चे ऐसे हो गए है, दोषी - प्रधानमन्त्री.
जवाब देंहटाएंऐसी सच्ची-सच्ची बातें करेंगे तो लोग न तो आपके पास बैठेंगे और न ही अपने पास बैठने देंगे।
जवाब देंहटाएंThe blog on "मैच फिक्सिंग: सरकार इस्तिफा दे!" is informative and eye-opening! 👍 An important issue tackled with depth and clarity. For Ecommerce Website Development Company in Delhi Visit:- https://www.artattackk.com/
जवाब देंहटाएंNavigate through the top Schools Near Gaur City 2 for 2024-25. Gain valuable insights into admission requirements, fee structures, and eligibility criteria. Apply now to secure your child's future
जवाब देंहटाएंGreat blog! Really beautiful and informative. I loved it! The topic "Match Fixing: Government Resignation!" is so intriguing! stand for planters
जवाब देंहटाएंThis blog on "Flying Saucer: Match Fixing" is amazing! I loved it. The government should resign. Branding And Identity
जवाब देंहटाएंGreat blog! Beautifully written. I loved this blog on the topic 'Flying Saucer: Match Fixing: Government should resign!' Best event planners in Kanpur
जवाब देंहटाएंThis blog on "उड़न तश्तरी ....: मैच फिक्सिंग: सरकार इस्तिफा दे!" is fantastic! I loved it 10+ Best Tron Casino Sites in 2024
जवाब देंहटाएंGreat blog! Loved how you covered the topic of match-fixing. Very engaging and insightful. Keep it up!
जवाब देंहटाएंconveyor belt manufacturers in india
Great blog! Loved reading it! Such valuable insights and beautifully written! Keep up the amazing work!
जवाब देंहटाएंconveyor belt manufacturers in india