उड़न तश्तरी ....

--ख्यालों की बेलगाम उड़ान...कभी लेख, कभी विचार, कभी वार्तालाप और कभी कविता के माध्यम से......

हाथ में लेकर कलम मैं हालेदिल कहता गया
काव्य का निर्झर उमड़ता आप ही बहता गया.

रविवार, मार्च 23, 2025

वादा किया वो कोई और था, वोट मांगने वाला कोई और

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तिवारी जी जब से कुम्भ से लौटे हैं तब से बस अध्यात्म की ही बातें करते हैं। कई ज्ञानी जो उनकी बातें सुनते हैं वो पीठ पीछे यह भी कहते सुने जाते...
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सोमवार, मार्च 17, 2025

जगाओ कुछ सीखने की ललक अपने अंदर भी

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  कौन कब क्या किससे सीख ले कुछ कहा नहीं जा सकता है। कहते हैं कि अगर कुछ सीख लेने की सच्ची ललक मन में ठान लो तो गुरु स्वयं प्रकट हो जाता है...
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शनिवार, मार्च 08, 2025

आशीर्वादी जुमलों का एक सीमित संसार

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  मानसिक रूप से तिवारी जी उम्र के उस पड़ाव में आ गए हैं जहाँ मात्र आशीर्वाद देने के सिवाय और कोई काम नहीं रहता। दरअसल उम्र से तो वह लगभग अभी ...
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शनिवार, फ़रवरी 22, 2025

मजे लीजिए इस भौकाली युग के

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  यह एक नया युग है। आप चाहें तो इस युग को उत्तर प्रदेश की भाषा में भौकाल का युग भी कह सकते हैं। भौकाल युग कई अर्थों में महाकाल के युग से बड़ा...
शनिवार, फ़रवरी 15, 2025

फिर हम क्यूँ माने किसी की बात!

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  बचपन से सुनते आए मौसम का हाल। जब कभी रेडियो पर बताता कि तेज हवा के साथ बारिश होगी, तब तब मौसम मिजाज बदल लेता और न बारिश होती और न ही तेज ह...
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Udan Tashtari
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