सोशल मीडिया में यह खबर गरम है कि साहेब के पास एक पर्ची निकालने वाला तोता है.
हमें पता चला है कि वो तोता उन्हें उनके एक खास दोस्त ने गिफ्ट किया था और तब से वो तोता साहेब के साथ उनके घर पर ही रहता है और साहेब उसी तोते से पर्ची निकलवा कर नित नई घोषणा करते हैं.
आज सुबह जब साहेब जागे तब तोता बोला...’जिओ’
साहेब ने समझा कि तोता आशीष दे रहा है इतना अच्छा बहादुरीपूर्ण अथक काम करने के लिए ...
साहेब भावुक हो उठे कि और कोई समझे न समझे, कम से कम यह पंछी तो समझ रहा है. आँख में नमी एवं अवरुद्ध कंठ लिए अनु्ग्रहित होने वाले ही थे कि तोता हँसा और बोला ...अब ३१ मार्च तक फ्री :)
साहब मुस्करा दिये और फिर दोस्त को फोन करके पूरी घटना विस्तार से बताई.
फिर साहेब भी खूब हँसे और दोस्त भी खूब हँसा..
तोता खून के आँसू पीकर अगली पर्ची निकालने के इन्तजार में लाल मिर्ची खाने लगा....
//नोट: कृप्या इस को किसी भी घटना या व्यक्ति विशेष से जोड़ कर न देखें. तोते को दुख होगा.//
-समीर लाल ’समीर’
तोता बाबा है साहेब का ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
Laajawaab .
जवाब देंहटाएंhahaha...nice one.
जवाब देंहटाएंI think we should import more such parrots to change our life. Shiam Tripathi
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा आज शनिवार (03-12-2016) के चर्चा मंच
जवाब देंहटाएं"करने मलाल निकले" (चर्चा अंक-2545)
पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हा हा ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंसाहेब ऐसे ही थोड़े बन गए हैं ... मस्त समीर भाई ...
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