मोदी...फिर नीतिश कुमार...अब बाल ठाकरे ने सुषमा स्वराज का नाम प्रधान मंत्री पद के लिए आगे बढ़ाया....अडवाणी का नाम तो खैर है ही...राहुल का नाम दूसरी तरफ से तय है...मनमोहन सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के बाद.... अन्य दिशाओं से मुलायम, लालू, ममता के नाम भी बीच बीच में उछलेंगे ही...
बाबा जी और टीम अन्ना तो खो खो खेल कर बैठ जायेंगे...उनसे सब निश्चिंत हैं इस क्यू में...वो देश की राय ही लेते और अपनी राय तय करते ही समय बिता देंगे और देश अपनी राय उपर वाली लिस्ट पर दे देगा चुनाव में...फिर उसी ओटन में खोजबीन करते...
किसी ने कहा कि सुषमा एल एल बी हैं...पढ़ी लिखी हैं...क्या बुराई है?
नितीश इंजिनीयर हैं..साफ सुथरी छवि है...क्या बुराई है?
अडवाणी जी अनुभवी हैं- क्या बुराई है?
राहुल युवा हैं- उर्जा से भरपूर...क्या बुराई है?
कोई मेरा नाम भी तो लो...सी ए हूँ...पढ़ा लिखा तो कहलाया ही...छवि भी लगभग साफ सुथरी है...उर्जावान भी ठीकठाक ही हूँ...अनुभव तो खैर बेटे का नाम है ही...तो अपनी सत्ता के अन्तर्गत आय़ा...तस्वीर भी चिन्तनशील व्यक्तित्व की दिख रही है...क्या बुराई है? और चाहिये भी क्या....जान ले लोगे क्या बच्चे की प्रधान मंत्री बनाने के लिए??
ले लो मेरा नाम...प्लीज़...ये सारे भी तो नाम ही हैं...बनना बनाना तो जिसे है वो तय है ही...लिस्ट में नाम रहे तो अच्छा लगता है...कोई नया नाम आये उसके पहले इनक्लूड करवा दो मेरा नाम......जल्दी...यहीं सहमती दर्ज करो....
कहीं सुना था:
एक पेड पर एक उल्लू बैठा करता था ,
एक दिन पेड काट दिया गया
पेड बहुत खुश हुआ
मगर उस की खुशी मिट्टी में मिल गयी
क्योंकि..........................
... पेड को काट कर उसकी एक मंत्री की कुर्सी बना दी गई
और इतिहास गवाही देने को तैयार है
"आज भी उस पर ...............एक उल्लू ही बैठा हुआ है '
मेरी चाह मात्र पेड की किस्मत बदल देने की है....आपकी किस्मत तो बदलना मेरे क्या, भगवान के बस में भी नहीं!!!
उड़ चला जिस रोज परिंदा, कुछ न बोला चुप रहा
पर वो एक नम डाल मुझको, पेड़ पर दिखती तो है....
(इस शेर की पहली पंक्ति किसी और की है…नाम भूल गया हूँ.)
इतना ही काफी जान लो मित्रों...कि कम से कम मैं देख तो पा रहा हूँ....ले दो नाम मेरा भी...शायद कुछ बदलने को हो!!!
समीर भाई
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
आपसे मेरी पहली मुलाकात
इस मुलाकात में चोरों की बात
आपका स्वागत है नई-पुरानी हलचल मे
ये आपका रचना भी न मेरे साथ हो ली है
आप आइये इस बुधवार नई-पुरानी हलचल मे
मिल-बैठ कर पढ़ेंगे आपकी इस उलूकासन की कथा
सादर
यशोदा
आपकी छवि भी अच्छी है आप कवि भी हैं आपके टी छत्तीस गुड़ मिल रहे हैं :):)
जवाब देंहटाएंJay ho Maharaj!!!
जवाब देंहटाएंChaliye aapke naam ka prastav ham rakh dete hain...
कोई हमारी बात छापे तो हम आपका नाम लाने को तैयार है।
जवाब देंहटाएंहम आपको सपोर्ट करने को तैयार हैं .
जवाब देंहटाएंलिस्ट में नाम हो तो कम से कम पहचान तो बनती ही है ... बढ़िया कटाक्ष
जवाब देंहटाएंबन जाइये! कोई ऑब्जेक्शन नहीं मुझे! :)
जवाब देंहटाएंचलिए भाई समीर जी , मेरी ओर से प्रधानमंत्री के वास्तविक उम्मीदवार और हक़दार आप ही हैं ! मेरी बधाई स्वीकार करें . लिखते रहिये . Kudos !
जवाब देंहटाएं’ जान ले लोगे क्या---’
जवाब देंहटाएं’बनना बनाना तो जिसे है वो ही---’
सत्य आपने खोज ही लिया तो अब चिंता काहे की.
’ जान ले लोगे क्या---’
जवाब देंहटाएं’बनना बनाना तो जिसे है वो ही---’
सत्य आपने खोज ही लिया तो अब चिंता काहे की.
’ जान ले लोगे क्या---’
जवाब देंहटाएं’बनना बनाना तो जिसे है वो ही---’
सत्य आपने खोज ही लिया तो अब चिंता काहे की.
’ जान ले लोगे क्या---’
जवाब देंहटाएं’बनना बनाना तो जिसे है वो ही---’
सत्य आपने खोज ही लिया तो अब चिंता काहे की.
चलो अब आपने अपना नाम ले लिए तो मैं अपना नाम वापस लेता हूँ ... हा हा ... मज़ा आ गया समीर भई ... जल्दी ही फुल फॉर्म में आ रहे हो ...
जवाब देंहटाएंहमारी वोट आपके लिए पक्की . लेकिन वायदे करने से पहले ही तोड़ दिए ! :)
जवाब देंहटाएंजय हो महाराज .
......dekhiye kya malum aapki ichcha poori hi ho jaye.
जवाब देंहटाएंचलिए हमने कर दिया प्रस्तावित आपका नाम :)..वैसे वो कथा बहुत जानदार है.
जवाब देंहटाएं:D
जवाब देंहटाएं----
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मैं जनता का हिस्सा हूँ और शायद उल्लू भी..! क्या मैं भी क्यू में नाम दर्ज करवा सकता हूँ ?
जवाब देंहटाएंShri Samirji, Very Nice Article.
Thanks 4 sharing.
हमारा भी एक वोट रखिए....:)
जवाब देंहटाएंआपके नाम का मैं समर्थन करता हूँ . अग्रिम बधाई स्वीकारें २६ जनवरी को आपके संबोधन का इंतजार रहेगा .
जवाब देंहटाएंअद्भुत पोस्ट भाई समीर जी
जवाब देंहटाएंपेड़ का दुःख गया नहीं है अभी बल्कि बढ़ गया है... आपके आने से थोडा कम हो जायेगा लेकिन... सुन्दर व्यंग्य...
जवाब देंहटाएंBechare ullunnko ham bekar badnaam karte hain!
जवाब देंहटाएंमेरा और राजीव का वोट पक्का है :) आपके कटाक्ष हमेशा गहरे ही होते हैं ...अगले
जवाब देंहटाएंका इंतज़ार रहेगा
उफ्फ !!! कभी यहाँ सौ दो सौ टिप्पिनियाँ इधर उधार बिखरी पड़ी मिलती थीं.
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट रचना की चर्चा कल मंगलवार ११/९/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंआप इतने प्यारे हो, अगर आप प्रधानमंत्री बन गए तो देश की किस्मत सुधर जाय. लेकिन सोचो ये जोड़-तोड़ की राजनीति करने वाले आपको अपने मन की करने देंगे क्या :(
जवाब देंहटाएंखैर अगर आपका नाम होगा, तो मेरा भी वोट पक्का. काश एक व्यक्ति एक से ज्यादा वोट दे सकता :(
jandar lekhan ...
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen Samir bhai ...
आप तो वैसे भी इनसे आगे हैं, उड़न तश्तरी जो ठहरे
जवाब देंहटाएंबेहद सशक्त लेखन ... आभार
जवाब देंहटाएंचलिए पहले पार्टी का गठन तो कीजिये. ब्लोगर पार्टी चलेगी फिर आपका नाम का स्वागत करते हें. हम सब तैयार प्रचार और प्रसार के लिए . औरों से तो श्रेष्ठ हैं , फिर यहाँ से वापस जाने का सवाल भी ख़त्म हो जायेगा.
जवाब देंहटाएंसुन्दर व्यंग्य, बढ़िया लेख..
जवाब देंहटाएंहम तो तैयार हैं आपका नाम लेने के लिये पार आप ये तो बताइये सर कि किससे कहना है :)
जवाब देंहटाएंसादर
नहीं. आपको उल्लू बनने नहीं देंगे.
जवाब देंहटाएंहा हा हा .. कटाक्ष था या ख्वाहिश ... जो भी था मजेदार था :D
जवाब देंहटाएंहमारा वोट आपके साथ :)
जवाब देंहटाएंमेरा वोट तो आपको जरूर मिलेगा समीर जी.....अच्छा व्यंग लिखा है आपने...
जवाब देंहटाएंपेड को काट कर उसकी एक मंत्री की कुर्सी बना दी गई
जवाब देंहटाएंऔर इतिहास गवाही देने को तैयार है
"आज भी उस पर ...............एक उल्लू ही बैठा हुआ है '
मेरी चाह मात्र पेड की किस्मत बदल देने की है....आपकी किस्मत
आप क्यूं चाहते हैं इनकी जमात में शामिल होना ।
हम भी दे देंगे वोट आपको ,किसी अच्छे पड़ के लिए नोमिनेट करने का वादा तो कीजिये :)
जवाब देंहटाएंकिस दल से खड़े होंगे? निर्दलीय ही होना होगा. या फिर नया दल बनाएँगे? दलों की दलदल में फंस जाएँगे. खैर मेरा वोट भी आपके साथ है.
जवाब देंहटाएंघुघूतीबासूती
इतनी सच्चाई से वादा करने वाले नेता कहाँ मिलते हैं! हमारा वश चले तो हम आपको प्रधानमंत्री के लिए अभहिने मनोनीत कर दें।
जवाब देंहटाएंउल्लू की कुर्सी पर उल्लू ही ठीक है
जवाब देंहटाएंआप तो कवि है ...और ये जानते ही है जहाँ न पहुचे रवि वह पहुचे कवि....
अभी काफी दिलो में बस्ता है आपका नाम
उल्लुओ की लिस्ट आ गये तो हो जाओगे बदनाम.......
इसलिए आप जहा है वही रहिये ...और उल्लुओ की खिचाई जरी रखिये...
पहले आप वादा कीजिये प्रधानमंत्री बनकर कही मौन व्रत तो नहीं ले लेंगे |
जवाब देंहटाएंहमारा वोट तो पक्का है
चलिये हम तो आप का नाम ले देंगे पर कनाडा की उस नम डाल का क्या कीजीयेगा ।
जवाब देंहटाएंसाहित्य से अब राजनीति :)
जवाब देंहटाएंअवश्य आपको सपोर्ट करेंगे समीर जी... कोई तो अपना सत्ता में होगा :)
sir, samasya ye aa rhi hai ki mai apna ek aur blog bnana chahta hoon par samajh nhi pa rha hoon ki bnaaoo kaise, please tell me something
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