बुधवार, मई 27, 2009

सावधानी हटी और दुर्घटना घटी

कल कहीं एक बहुत बेहतरीन चेतावनी पढ़ रहा था:

’यदि आपकी उम्र ५० से अधिक है और सुबह नींद खुलने पर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द नहीं है तो शायद आप मर चुके हैं. जरा, चैक कर लिजिये.’

अब मर ही गये हैं तो क्या खाक चैक करें जी. मरे ही ठीक. डले रहेंगे. कोई न कोई मरघट तक पहुँचा ही देगा.

मुझे लगता है कि यह पंक्ति बदली जा सकती है:

’यदि आप ब्लॉगर हैं या कम्प्यूटर पर ३ घंटे से ज्यादा समय बिताते हैं तो आप ने उम्र पर विजय प्राप्त कर ली है. आपको ५० का होने की जरुरत नहीं. किसी भी उम्र में उपरोक्त वाक्य सिद्ध माना जा सकता है.’

मर जाने का उम्र से क्या लेना देना. आजकल तो २२-२३ साल के युवाओं को हार्ट अटैक आये जा रहे हैं.

ऐसे नहीं कि इन पर विजय नहीं प्राप्त की जा सकती. निश्चित ही अनुशासित जीवन, नियमित और पौष्टिक खुराक और सही व्यायाम के साथ इनको हराया जा सकता है.
(मेरी तस्वीर इतने आश्चर्य से क्या देख रहे हो? ज्ञान बाँटने के लिए ज्ञानी होना जरुरी थोड़े है और ज्ञान बाँटने वाला अगर सारी बातों पर अमल करे तो ये जितने बाबा हवाई जहाज से आकर मंच पर तुम्हें भाषण देकर ऐश कर रहे हैं, वो भीख मांग रहे होते और जंगल में रहते)

तो बात करें सही व्यायाम की. ५० के बाद वाले छोड़ो, उसे तो हम भी छोड़े ही हुए हैं. अभी तो बस वो कम्प्यूटर पर ३ घंटे से ज्यादा बिताने वालों की देखो. वो ज्यादा जरुरी हैं तुम्हारे लिए क्योंकि जब यह ब्लॉग पढ़ रहे हो तो कम्प्यूटर प्रेमी तो होगे ही वरना तो अंग्रेजी की कुछ वेब साईट देख कर खिसक लेते.

मैं एक ऐसे सज्जन को जानता हूँ जो रोज नियम से सुबह आधा घंटे नेट पर टाईम्स ऑफ इंडिया पढ़ते हैं और बस!! इसके सिवाय कम्प्यूटर से कुछ लेना देना नहीं. पान की दुकान में गर्व से सीना चौड़ा कर बताते हैं कि हम तो न्यूज कम्प्यूटर पर ही देखते हैं. भले आदमी, सिर्फ टाईम्स ऑफ इंडिया पढ़ने के लिए कम्प्यूटर और फिर नेट का कनेक्शन, कम्प्यूटर ढ़कने की चादर, टेबल, कुर्सी, एसी और जाने क्या क्या इन्वेस्टमेन्ट कर डाला. अब समझे मंदी का असल जिम्मेदार कौन. सारा का सारा डेड इन्वेस्टमेन्ट.

उनकी वो जाने आप तो व्यायाम देखो:

व्यायाम

१. कभी २० मिनट से ज्यादा स्क्रीन पर लगातार मत देखो.

-हर २० मिनट बाद, आँख कम्प्यूटर स्क्रीन से हटाकर चार बार एक आँख जोर से मींचो और चार बार दूसरी और फिर चार बार दोनों एक साथ. फिर दोनों हथेलियों को आपस में ७ से ८ बार घिसो, घिसो और दोनों आँखों पर हथेली लगाओ. फिर घिसो, फिर लगाओ-ऐसा भी चार बार करो. अब फिर से काम करने को तैयार. समय खर्च हुआ ३० सेकेंड से कम और आँख रहे चकाचक.

सावधानी: अगर दफ्तर में या साईबर कैफे में हो, तो आँख मींचने के पहले देख लो कि मूँह किसी लड़की की ओर तो नहीं. वरना आँख तो सही हो जायेगी और जो मार पड़ेगी, उससे बाकी हड्डियाँ हिल सकती हैं.

२.कुर्सी पर बैठे बैठे काम करते करते पंजे के बल ऐड़ी उपर उठाओ, कुछ देर रुको और फिर ऐड़ी जमीन पर छुलाओ. ऐसा जब भी याद आये, कर लो. कोई समय सीमा नहीं, कोई निश्चित आवृति नहीं. पैरों का ब्लड सर्कूलेशन बना रहेगा. कई जो धुटने में दिमागधारी हैं, उनके लिए तो रामबाण.

सावधानी: सिर्फ ऐड़ी उठाना है, खुद को नहीं वरना अगर हमारी जैसी कायाधारी हो तो मोच आ सकती है और दूसरा पड़ोस के क्यूबिकल में बैठी सुकन्या को गलतफहमी हो सकती है कि तुम उचक उचक कर उसे ताक रहे हो. कहीं कम्पलेन्ट कर दी तो मंदी में तो दूसरी नौकरी भी मिलने से रही.

३. हर १ से १.३० घंटे में अपने दोनों हाथ सामने सीधे फैला लो. दोनों हथेली जमीन को देख रही हो. फिर हाथ को यथास्थिति में रखते हुए हथेली के उपर उठाओ ताकि वो सामने की दीवाल देखने लगे, जितना ज्यादा देख सके. फिर उसे नीचे झुकाओ ताकि अब वो उल्टा हो तुम्हें देखे और उँगलियों की पोर जमीन को. ऐसा दस बार करो. फिर हाथ सीधा रखते हुए १० बार मुट्ठी भींच कर बंद करो और पूरी हथेली फैला कर खोलो. फिर पांच बार बंद मुठ्ठी को कलाई से बाईं ओर घुमाओ और पांच बार दाईं ओर. फिर हाथ सामन्य स्थिति में ले आओ और काम पर लग जाओ.

सावधानी: समझदार तो हो ही. मुठ्ठी खोलते और बंद करते वक्त कंडिका १ वाली ही सावधानी बरतो, वरना कोई सिर फिरी हुई तो कंडिका १ वाली ही परेशानी हो सकती है. ये उपर वाले फोटो से कन्फ्यूज मत होना. इन्हें तो कहीं भी बिना सावधानी कुछ भी करना एलाउड है. इनका साथ देने हजार आ जायेंगे और तुमको पीटने भी हजार.

४. दिन में कम से कम दो से तीन बार दोनों हथेलियों को बैठे बैठे गरदन के पीछे ले जाओ और हथेलियों की आपस में उँगलियों से फंसा लो. फिर दोनों हथेलियों को गरदन से धक्का दो. सामान्य हो जाओ और फिर धक्का दो जब तक बरदाश्त हो. ऐसा कम से कम पाँच बार करो, फिर सामान्य स्थिति में आ जाओ.

सावधानी: इसमें क्या सावधानी?? आदत पड़ गई सावधानी पूछने की ३ ही बार में तो चलो बता देते हैं: ध्यान रखो कि बॉस आस पास न हो वरना इस मुद्रा में वो समझेगा कि तुम काम से बोर हो गये हो. फिर अन्जाम तो तुम जानते ही हो.


और भी अनेक व्यायाम है मगर अभी के लिए इतना करते रहो. ज्यादा समय तक कम्प्यूटर पर बैठ पाओगे और इसके लिए तैयार नहीं हो तो ब्लॉग डिलिट करो और चाय की दुकान पर जा कर पहले की तरह गपियाओ और पान खाकर चले आना. मुद्दे बहस के वहाँ भी खूब हैं, बोर नहीं होगे.

पान की दुकान पर सावधानी: यहाँ ब्लॉग पर फालतू बहस करने में लिख कर गाली पड़ती है और वहाँ चाय की दुकान पर फालतू बहस करने पर सीधे गरियाये जाओगे और लतियाये जाने का भी खतरा है.

78 टिप्‍पणियां:

  1. रामदेव सा बात ही कहत गए संत समीर।
    गर ब्लागर पालन करे मिट जायेगी पीड़।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  2. हम कुछ नहीं कहेंगे लेकिन लग रहा है कि कोई तो कहेगा कि यही सब पढ़ने के लिये लोन लेकर लैपटाप खरीदे थे और अब लोन और ब्याज भर रहे हो। एकदम मर निवेश।

    जवाब देंहटाएं
  3. waah waah kya kasrat bataayee hai, hujoor main to dhoondh hee raha tha kisi kamputar baba ko ,mujhe kya pata tha ki seedhe antriksh se hamare liye ek udan baba aa rahe hain....haay kasrat karte hue aapkee chharharee kaayaa kitnee hot lag rahee hai......sab kasrat ka kamaal hai na......

    जवाब देंहटाएं
  4. कितना सही पहचाने अजय!! :)

    जवाब देंहटाएं
  5. गजब हैं समीरलाल -आने वाली ब्लॉगर पीढियां अफ़सोस करेगीं कि उन्होंने साक्षात समीर लाल को नही देखा ! वैसे यह अफ़सोस तो मुझे अभी से है -एक झलक दिखला न जाओ भाई -अब पचास के ऊपर वालों का क्या टिकना /ठिकाना ?

    जवाब देंहटाएं
  6. समीरयोगा बेहद पसन्द आया.
    इसकी अगली किश्त कब आ रही है?

    जवाब देंहटाएं
  7. 50 से ऊपर हैं, और दर्द भी है ही तो यह तो पता लग गया मरे नहीं हैं। सारे धंधे अपने कमरे में कर सकते हैं जिस से बाहर तो दिखता है पर बाहर से अंदर नहीं।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुतै सही सुझाया है ,पर कितना भी बताया जाये पक्ष या विपक्ष नेट का रोग कम नहीं होने वाला .

    जवाब देंहटाएं
  9. :-)
    सुझाव देने मेँ क्या जाता है!
    है ना ? :)
    करे ना करे कोई,
    कह तो दिया ...
    फिर कोई ये ना कहे...
    "हम बोलेगा तो बोलेगा के बोलता है ! "
    है ना समीर भाई ?
    - लावण्या

    जवाब देंहटाएं
  10. आप जैसे लोगों के रहते यहाँ विषयों की कमी हो जाये, मैं नहीं मानता. कितनी रोचकता के साथ कुछ भी बात प्रस्तुत करने की ताकत को सलाम!!

    जवाब देंहटाएं
  11. do's don't सब एक साथ बता दिये.. वैसे एक डॉ ने मुझॆ सलाह दी थी की एक डेढ घन्टे कम्प्युटर देखने के बाद २० मीटर दुर की वस्तु कुछ समय दे्खो.. अब इसकी सावधानी आप बता दे्ना

    जवाब देंहटाएं
  12. @ रंजन

    २० मीटर तो काफी लम्बी कवरेज कहलाई-इसमें सावधानी नहीं, सावधानियों की दरकार है. :)

    जवाब देंहटाएं
  13. ॒ अरविंद जी

    एडवान्स में श्रृद्धांजलि भी अर्पित कर देते तो तसल्ली हो जाती कि बात पूरी हो गई कम से कम, भले ही मुलाकात न हो पाई हो. :)

    जवाब देंहटाएं
  14. समीर भाई,
    योगा बेहद पसन्द आया.

    जवाब देंहटाएं
  15. व्यायाम के साथ उसकी सावधानियाँ ज्यादा ध्यान देने योग्य हैं । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  16. हम तो सब उल्टे काम ही कार्ते हैं. कंप्युटर पर अमूमन आठ घंटे तो आफ़िस मे. फ़िर चार घंटे ब्लागिंग मे...और साल भर मे वजन बढा ८ किलो..व्यायाम गया छूट..ताई का लठ्ठ गया हमारे उपर फ़ूट.:)

    लगता है ब्लागिंग छुडवा कर ही रहेगी.:)

    अब कोई उपाय बताईये?

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  17. यह बहुत ही अच्छा किया कि साथ में सावधानियां दे दीं नहीं तो पंगा होता ही था (-:

    जवाब देंहटाएं
  18. भाई जी,

    बहुत काम की बातें बताई हैं आपने इस पोस्ट के माध्यम से... आभार.

    वैसे मैं तो टी वी पर ऐसे चैनल देखता हूं जहां लोगों को योगा या व्यायाम करते दिखाया जाता है स्पेशली लडकियों को... मुझे तो सिर्फ़ देखने भर से ही काफ़ी फ़ायदा हो रहा है ;)

    जवाब देंहटाएं
  19. किसी जुनियर से कह देंगे वो हमारे लिये भी कर लेगा कसरत्।

    जवाब देंहटाएं
  20. बेनामी5/28/2009 01:28:00 am

    पहले कविता, फिर हास्य लेख, फिर से एक कविता और अब एक और हास्य-व्यंग्य......लगता है एक पूरी श्रृंखला चल रही है महाराज...अलग-अलग रंगों का पुट लिए हुए आपका ब्लॉग कभी हंसाता है तो कभी संजीदा भी कर देता है.....चलिए हम सावधानी रखेंगे और किसी भी दुर्घटना को न्यौता देने से बचेंगे....कहने की आवश्यकता तो नहीं मगर फिर भी बढ़िया.....

    साभार
    हमसफ़र यादों का.......

    जवाब देंहटाएं
  21. बडे काम के सुझाव दिये हैं। शुक्रिया।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

    जवाब देंहटाएं
  22. दो नंबर व्यायाम तो अपने बड़े काम का है, अरे वही घुटने वाला इस बहाने दिमाग का व्यायाम तो हो जायेगा।

    जवाब देंहटाएं
  23. आप गज़ब इंसान हैं
    की विषय कहाँ-कहाँ से
    तलाश-तपाश लेते हैं
    वाह आनंदम अति आनंदम

    जवाब देंहटाएं
  24. 50 से ऊपर होने में अभी थोड़ा सा समय बचा है, और हमें व्यायाम की भी आवश्यकता नहीं, क्योंकि हमें तो हर दो मिनट में उठना ही पड़ता है, झेरॉक्स करने के लिये… हाँ लेकिन 50 का होने के बाद अवश्य करेंगे… बोलो बाबा समीरानन्द की जय…

    जवाब देंहटाएं
  25. आहा...ऐसे व्यायाम पढ़ कर खुश हो गए...पर बेईमानी है समीर जी, सिर्फ लड़कियों के खतरों से आगाह किया है, लड़कों का क्या?
    ऐसी वाली सावधानी तो सब के लिए जरूरी है :)

    जवाब देंहटाएं
  26. समीर जी हम तो फिर भी आपके बताये व्यायाम कर लेंगे लेकिन आप कब करेंगे जरा इसका भी खुलासा कीजिये न...आप गुरूजी बैंगन खाएं बच्चों को उपदेश सुनाएँ...वाली बात न हो जाये...
    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  27. हमारे यहाँ प्रवचन की सेटिंग का जुगाड़ बैठाए महाराज....टिकटों को तीन श्रेणी में बाँटेंगे .आगे वाले ५०० रुपये से शुरू होंगे...प्रसाद ओर किताबो के स्टाल से अलग मुनाफा .....बाकी सात- आठ पोस्ट का भी जुगाड़ हो जाएगा ....इस योग कम कम्प्यूटरी व्यायाम शिविर का सचित्र प्रसारण करके .......
    तो मै सौदा पक्का समझूँ ?

    जवाब देंहटाएं
  28. मैं तो दिन में कम से कम १२-१३ घंटे कम्प्यूटर के सामने बैठता हूं, पर आज तक व्यायाम करने के बारे में कभी सोचा ही नहीं।
    अब गंभीरता से आपके सुझावों पर (सावधानी सहित :)) ध्यान देना पड़ेगा।

    जवाब देंहटाएं
  29. यौवन रुते जो मरदे चन्न बनदे या तारे
    यौवन रुते आशिक मरते या कर्म वाले
    छोटी और कम से फर्क नहीं पड़ता, बस जीओ शान से

    जवाब देंहटाएं
  30. समीर जी, यानि कि कुल मिलाकर नतीजा ये निकला कि गरियाया जाना तो तय है......चाहे direct या indirect.

    जवाब देंहटाएं
  31. बेनामी5/28/2009 02:51:00 am

    sameer
    do man dont do work outs ?? or are they not photgraphed ?? then why its always a woman photo in such articles . i feel undue importance is being given to woman by circulating such photos where as lot of male models should be promoted to creat gender equality . i feel man themselfs are very baised towards their own gender and give too much importance to opposite gender

    जवाब देंहटाएं
  32. धुटने में दिमागधारी हैं, उनके लिए तो रामबाण.
    अब आप किसी न्यूज़ चंनल पे बैठ जाओ बस....
    मीत

    जवाब देंहटाएं
  33. जे हो प्रभु !! इतना योग ज्ञान इतनी सरल भाषा में .धन्य हुआ यह ब्लॉगर जीवन :) इतने अनमोल सुझाव है यह इनको अपने नाम से रजिस्टर करवा ले .जल्द ही यह बाबा समीर ब्लॉगर के अनमोल सुझाव नाम से जाने जायेंगे :)

    जवाब देंहटाएं
  34. उड़न तश्तरी गुरू जी,प्रणाम।
    अच्छा लगा व्यायाम पुराण।

    मुस्कुराए बिना नहीं रह सके
    हंसने ही वाले थे कि
    आपने लगा दिया विराम।

    चलिए वो बाकी रहा अगली हंसोड़ पोस्ट के लिए।
    मज़ा आया।

    जवाब देंहटाएं
  35. समीर बाबा की जय हो.! आजकल राम देव बाबा भी मंहगे हो गए है. यहाँ तो फ्री फंड में मिल रहा है

    जवाब देंहटाएं
  36. आदरणीय कम्पूटर योग बाबा,
    ये ब्लॉग बहुत ज्ञानवर्धक है,
    चित्र वाली बालिका भी बहुत सुन्दर है, इसी की योगशाला में जाते हैं क्या?

    सादर,
    वैभव

    जवाब देंहटाएं
  37. तश्तरिया बाबा की जै!

    जवाब देंहटाएं
  38. अरे समीर जी, आप तो ऐसा लग्ता है की बाबा रामदेव की सोह्बत मे रह रहे है,

    काफ़ी अच्छी कसरत बतायी है आपने,

    अपने ब्लोग पर इश्तिहार दिखाने और कुछ पैसा कमाने के लिये यहा चट्का लगाये...

    http://www.bidvertiser.com/bdv/bidvertiser/bdv_ref.dbm?Affiliate_ID=25&Ref_Option=pub&Ref_PID=236711

    जवाब देंहटाएं
  39. जी, मैंने आपके बताये सभी व्यायाम नोट कर लिए है :)

    जवाब देंहटाएं
  40. भले आदमी, सिर्फ टाईम्स ऑफ इंडिया पढ़ने के लिए कम्प्यूटर और फिर नेट का कनेक्शन, कम्प्यूटर ढ़कने की चादर, टेबल, कुर्सी, एसी और जाने क्या क्या इन्वेस्टमेन्ट कर डाला.

    आप यह नहीं देख रहे हैं कि वे कागज़ की बचत कर रहे हैं, पर्यावरण बचा रहे हैं। अब यदि सभी कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन वाले लोग कागज़ पर छपा अखबार लेना बंद कर इंटरनेट पर पढ़ना शुरु कर दें तो कितना कागज़ बचेगा!! :)


    बाकी व्यायाम तो आपने चकाचक बताए हैं, कल ही से करना शुरु करते हैं!! :)

    जवाब देंहटाएं
  41. समीर साहब जब मिले थे तो योग-साधना पर चर्चा नहीं कर सका इसका अफ़सोस रह गया, वैसे आपकी योग-साधना के द्वारा सायद हम कभी ५० पार ही नहीं करेंगे. ---धन्यवाद्

    आपकी योग-साधना पर लिखे हुए विचार के आगे नतमस्तक सा हो गया हूँ.
    अब रामदेव बाबा की छुट्टी. जय हो

    जवाब देंहटाएं
  42. समीर बाबा जी की जय हो,कितनी अच्छी अच्छी बाते आप ने बताई, अगर आप को ऎतराज ना हो तो मुझे अपना चेला स्वीकार करे, फ़िर दोनो गुरु चेला युरोप ओर भारत का टुर करे, सच मै यह रोज की नोकरी से पिछा छुटेगा.
    जय हो बाबा समीर लाल जी की
    राम राम

    जवाब देंहटाएं
  43. समीर भाई.......... अब जब बीमारी लग गयी तो व्यायाम करने का भी क्या फायदा ................. पर मुझे तो आपकी साधानियाँ गलती से करने को मन कर रहा है..........

    जवाब देंहटाएं
  44. आजकल तो २२-२३ साल के युवाओं को हार्ट अटैक आये जा रहे हैं. आपतो डराने लगे हो.... :)


    समझ लिया क्या क्या करें...अब करते रहेंगे....स्वास्थय का मामला है जी.

    जवाब देंहटाएं
  45. सुझाव आपके बहुत ही अनमोल लगे, इनका ध्‍यान तो रखना ही पड़ेगा . . .

    जवाब देंहटाएं
  46. आपकी सारी बातें मानेंगे जी, लेकिन सावधानियां नहीं आजमाएंगे.

    जवाब देंहटाएं
  47. जय उड़न बाबा!

    हमने तो कम्प्यूटर बाबा को सेट कर रखा है जो हमारी गतिधिधियाँ भांप कर, खुद ही फ्रीज़ हो जाते है 10 मिनट के लिए। इस बीच उठना ही पड़ता है।

    अक्सर ही लगता है कि अपने पांव पर खुद ही प्रहार कर बैठे हैं। लेकिन लगता है इसीलिये शरीर संभला हुया है :-)

    जवाब देंहटाएं
  48. wah sameer , rochak rachna ke saath gyanvardhan, vyangya ke saath vyayaam, anand aya padh kar.

    जवाब देंहटाएं
  49. बोलो बाबा समीरदेव की जय । तो बाबा कल आप कौन से आसन सिखाने जा रहे हैं और ये कि सुबह सुबह कक्षायें कब लगायी जाएंगीं ( एक प्रश्‍न कान में कोई सुन ले ' आप सिखाते तो हैं किन्‍तु काया को देख कर एक पुरानी बात क्‍यों याद आती है जिसमें कहा जाता है दिया तले अंधेरा ' ।

    जवाब देंहटाएं
  50. ऐसा है कि हम भारी कंफ़्यूजन में पड़ गये हैं...सच्चा ब्लागर तो वही है जो ब्लागिंग करने बैठे तो बाकी सब कुछ भूल जाये...्फ़िर भी कसरत याद रह जाये तो समझना चाहिये कि उसके ब्लाग-प्रेम में कुछ कमी है....और दूसरी बात ये है कि योग-वोग करके का दुःख मिटा है किसी का?? वैसे भी कबीरदास बहुत पहले कह गये हैं-

    राजा दुखिया परजा दुखिया तपसी के दुख दूना
    कहे कबीर कि सब जग दुखिया एको घर ना सूना

    तो भैया हम तो जप, तप, योग के चक्कर में पड़नेवाले नहीं हैं....:)

    जवाब देंहटाएं
  51. @ मित्र रविकान्त

    भटको मत, भक्त!!

    दुख और शारीरिक कष्ट में भेद करना सीखो!!

    हरि ओम!!

    जवाब देंहटाएं
  52. वाकई में गरदन वाली कसरत से कंधे के दर्द में बहुत आराम मिल गया.

    जय हो स्वामी जी.

    जवाब देंहटाएं
  53. जीवन धन्य हुआ , बिन मांगे गुरु मिले , जय हो . शिक्षा के साथ साथ सावधानी , साधू साधू

    जवाब देंहटाएं
  54. समीर के बहते ही हुई भव्य आका्शवाणी
    मेरे मन्त्र को जपो औरखूब करो टिप्पाणी
    लो जी हम तो साठ से सात पर आ गये हैेअब तो भागने को मन कर रहा है जै हवाइ बाबा की

    जवाब देंहटाएं
  55. आपतो रातों रात योगगुरु के रुप मे प्रसिद्ध होगये एक ही योग पोस्ट मे? मैं तो दिसंबर से आपके नाम से शिविर लगवाने की तैयारी करता हूं अभी से.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  56. बेनामी5/28/2009 12:56:00 pm

    आपकी व्यायाम कक्षा मे मज़ा आया ...
    एक बार रेखा जी की योगा क्लास अटेंड
    की थी ...फिर शिल्पा शेट्टी की ....अब
    आपकी ...
    सारे व्यायाम सावधनी पूर्वक करूँगा ...प्रोमिस

    जवाब देंहटाएं
  57. पहेली बूझिये..

    तीन घंटे से अधिक कंप्युटर पर बैठने वाले जवान है तो गणित लगाये, हम जैसे १२ घंटे वालों की क्या उमर होगी?

    अब ये व्यायाम भी कर लेते है.. की फ़र्क पैंदा है?

    जवाब देंहटाएं
  58. जे व्यायाम-सुन्दरी कौन है भाई जी
    इ डाक भिजवाना है
    भेडाघाट बुलाय लेंगे

    जवाब देंहटाएं
  59. यही बातें तो पच्चीस पर भी होती थी....पचास पर भी हो रही हैं और शायद पचहत्तर पर भी होंगी और जब पचहत्तर पर ये बातें होंगी तो सौ कहां दूर है ......तब भी यही बातें करेंगे हम :)

    जवाब देंहटाएं
  60. ये खतरे आस-पास किसी कन्या के उपस्थित होने के थे या किसी और बात के :) वैसे हम तो १३-१४ घंटे वाले हैं. अब १ घंटे जिम वाले भी हो गए हैं. अब जोड़ घटा के बताइए कितनी उम्र बची है :)

    जवाब देंहटाएं
  61. sujhaav to sabhi ek se ek hain..ek alag niraali post!

    जवाब देंहटाएं
  62. आपने व्यायाम तो बडे़ काम के बताए हैं सावधानी भी जरूरी हे सथ ही आपकी टिप से ये भी पता चल जाता हे कि जिंदा हें कि मर गए किंतु काश एसा सोफ्टवेयर होता जो समय-समय पर व्यायाम बताता तो बात ही.....................

    जवाब देंहटाएं
  63. खूब कसरत समझाया,
    सावधानी तो और अच्छा बताया,
    अमल करेंगे इस बात की गारंटी तो नही दे सकते है,
    पर कोशिश ज़रूर करेंगे,
    क्योंकि हमे जीना है,
    अभी और कड़वा घूँट पीना है,
    ये घूँट जैसे जिंदगी का द्वार है,
    और हमे हँस कर जीने से प्यार है,
    आपके नुखसे हमे मुस्कुराहट देंगे,
    कुछ और कर गुजरने की आहट देंगे,
    हँसीन लम्हों का करार लाना चाहते है,
    और इस तरह हम 50 साल के पार जाना चाहते है.

    जवाब देंहटाएं
  64. आज ही सारी कसरत कर डालूगा / फिर जो होगा देखा जायेगा / पिटुगा तो बचा लेना / अपुन कोई चेतावनी नहीं पढता है / ...:)

    जवाब देंहटाएं
  65. ५० मे सिर्फ़ ३ साल बाकी हैं थोडा लाइफ़ मे और मौज कर ले फ़िर तो मरना ही है :)

    जवाब देंहटाएं
  66. काऽऽ मुसीबत है, तशतरी में योगा का रोगा थमायेके, खुद तो समीर माऽऽ उड़न छू हुइ गये । अब योगा करै कि टिपियाँये?

    जवाब देंहटाएं
  67. फोटो से लगता है कि ये रामदेवी है जो योगाभ्यास करा रही है . भाई आजकल शिल्पा शेट्टी और भी सुन्दर बलाए भी योग करा रही है ताकि उन्हें पब्लिसिटी मिले और योग करा करा कर लोगो की हाथ पैरो की हड्डियाँ तुड़वा रही है . व्यक्ति की साँस यदि सामान्य रूप से चलती है तो वह स्वास्थ्य है . साँस में जरा सा अवरोध बीमारी का संकेत देता है . दिन में आदमी जो कार्य कर रहा होता है वह योग ही तो है और साँस नियत्रित रहना चाहिए. . हाथ पैर चलाना पढ़ना लिखना योग ही तो है ऐसा मेरे गुरु स्वर्गीय तरतर महाराज (विनीत टाकीज रोड) कहा करते थे . सावधान न रहे तो दुर्घटना तो होगी ही ...बहुत ही सटीक बात. आभार.

    जवाब देंहटाएं
  68. बेनामी5/29/2009 05:31:00 am

    Hello. i loved to read your blog.
    the content and theme of writing is quite nice.
    Help me with your suggestion about my blog
    http://jugaadworld.blogspot.comhope to have your precious suggestions about my blog.

    जवाब देंहटाएं
  69. जी बहुत बहुत शुक्रिया....
    रेकी भी सीख कर देखिये....
    मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से संतुष्टि की प्राप्ति होगी

    अक्षय-मन

    जवाब देंहटाएं
  70. बहुत काम की जानकारी रोचक अन्दाज मे दे डाली है । आभार आपका ।

    जवाब देंहटाएं
  71. भाईसाहब योग प्रशिक्षको की ऐसी तस्वीरें लगाते है और कहते है बीस मिनट से ज्याद स्क्रीन न देखें?

    जवाब देंहटाएं
  72. बहुत बहुत बेहतरीन..हास्य आलेख भी और व्यायाम नुस्खा भी......एकदम आनंद आ गया....

    जवाब देंहटाएं
  73. १. कभी २० मिनट से ज्यादा स्क्रीन पर लगातार मत देखो.

    -हर २० मिनट बाद, आँख कम्प्यूटर स्क्रीन से हटाकर चार बार एक आँख जोर से मींचो और चार बार दूसरी और फिर चार बार दोनों एक साथ. फिर दोनों हथेलियों को आपस में ७ से ८ बार घिसो, घिसो और दोनों आँखों पर हथेली लगाओ. फिर घिसो, फिर लगाओ-ऐसा भी चार बार करो. अब फिर से काम करने को तैयार. समय खर्च हुआ ३० सेकेंड से कम और आँख रहे चकाचक.

    सत्य वचन महाराज।
    मगर ताऊ,समीर लाल और मुझ जैसे कितने ही ब्लॉगर, ब्लॉगिंग के नशेड़ी जो बन गये हैं.
    फिर भी नुस्खे आजमाने में हर्ज ही क्या है।
    योगदायिनी पोस्ट के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी से हमें लिखने का हौसला मिलता है. बहुत आभार.