आज हम नहीं, बस ये पोस्ट खुद ही बोलेगी. हम तो चुपचाप बैठे हैं.
घर से मस्जिद है बहुत दूर है चलो यूँ कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये.
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो, यूँ कर लें,
किसी रोते हुए ब्लॉगर को हँसाया जाये.
लगता है किसी ने टिप्पणी नहीं की!
एक नजर इधर भी, बदलते परिवेश के साथ:
कोई नेता जी लगते हैं? जेड सिक्यूरिटि मिली है.
अरे नहीं, यह हिन्दी ब्लॉगर हैं.
आज का समाचार:
दिल्ली में आज शाम ४ बजे से रामलीला मैदान में हिन्दी ब्लॉगर मीट का आयोजन किया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से, कानून एवं व्यवस्था बनाये रखे रहने के लिए, दिल्ली एवं आसपास के राज्यों में धारा १४४ लगा दी गई है.
आगरा पागलखाने का नोटिस बोर्ड
पागलों का समाज में खुले आम घूमना हानिकारक साबित हो सकता है.
पागल पकड़वाईये- ४०० रुपये नगद पाईये.
हिन्दी ब्लॉगर पकड़वाईये- १००० रुपये नगद पाईये और साथ में एक शानदार गिफ्ट हैम्पर (हिन्दी साहित्य सभा की ओर से).
मानो या न मानो:
५ हिन्दी ब्लॉगरर्स का मिलन समारोह बिना किसी विवाद एवं लड़ाई झगड़े के शांतिपूर्वक सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न.
ब्रेकिंग न्यूज:
१.बड़के न्यायालय ने मंत्रालय को फटकारा. अपने फैसले में कहा कि हिन्दी ब्लॉगर होना रिवाल्वर लाईसेन्स प्राप्त करने का वैद्य एवं समुचित कारण.
२.पब्लिक मार रही है. हिन्दी ब्लॉगर है और अपने आपको साहित्यकार बताता है.
३.सरकारी रत्नों में एक और रत्न जुड़ा : हिन्दी ब्लॉग रत्न.
(सिर्फ सिफारिश और जुगाड़ से उपलब्ध- हिन्दी ब्लॉग का न होना सम्मान प्राप्ति में बाधक नहीं, जैसा कि बाकी सम्मानों के साथ होता है)
हिन्दी ब्लॉग रत्न का चयन लोकतांत्रिक तरीके से करने के लिए वोटिंग करवाई जायेगी, जिन्हें बिना गिने समिति के अध्यक्ष विजेता घोषित करेंगे. उनका निर्णय ही अंतिम एवं मान्य होगा, जो कि पूर्णतः जुगाड़ा्धारित रहेगा. इस विषय में किसी भी विवाद पर कोई भी सुनवाई का प्रावधान नहीं है. अगर आप नतीजों से संतुष्ट नहीं हैं, तो कृप्या घर बैठें. इस तरह आप इस लोकतांत्रिक प्रणाली का सहयोग करेंगे, जैसा कि आप हर लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ सहयोग करते आये हैं. मात्र इस सम्मान के लिए आपको अपनी आदत बदलने की आवश्यक्ता नहीं है-बस घर बैठिये और कुढ़िये.)
चित्र बोलते हैं:
बोल टिप्पणी करेगा या नहीं!
ये कोई गैंगस्टर नहीं है. सामूहिक ब्लॉग का मॉडरेटर है, बाकी सारे उस ब्लॉग पर लिखने वाले.
बेनामी ब्लॉगर
(नोट: यह मात्र मनोरंजन के लिए है. कृप्या कोई भी आहत न हों)
आनन्दम आनन्दम आनन्दम
जवाब देंहटाएंहम बिल्कुल आहत नही हुए बल्कि हम कहेंगे आनन्दम आनन्दम
जवाब देंहटाएंसमीर जी Laughter Challenge में जाने की जुगत भिडा रहे हैं. शुरुआत कर दी है :)
जवाब देंहटाएंअभी अभी घोषणा की गई है कि उड़न तश्तरी ब्लॉग को हिन्दी ब्लॉग रत्न प्रदान करके सम्मानित किया गया है।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई समीर लाल जी!!!
किसी के भी आहत होने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। बढ़िया लिखा है। मैं तो वो मास्टर से डंडा खाते बच्चे को देख कर ( बोल टिप्पणी करेगा कि नहीं)...अपने स्कूल के दिनों को याद कर के कांप उठा. मुझे यह तसवीर बहुत बढ़िया लगती है ...कितनी बखूबी यह उस नन्हे-मुन्ने बच्चे की विवशता को दर्शा रही है ...उस के पास कहीं से भी निकलने का रास्ता है ही नहीं है !!
जवाब देंहटाएंएक बार और पढ़ा और पहले से भी अधिक आनन्दम की गति को प्राप्त हुये.
जवाब देंहटाएं:-))
जवाब देंहटाएंवाह समीर भाई ..आप ने वादा निभाया ...
अब की बारी सभी के लिये हँसने का बन्दोबस्त किया है ...
-- लावन्या
भई मैं तो बहुत आहत हूं ... हँस हँस कर आहत हो गया मैं!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी दे रहे हैं काहे धमका रहे हैं सबको :) आज के ब्लॉगर जगत की बेहतरीन तस्वीर उतार दी है आपने इस में समीर जी ..सो हिन्दी ब्लाग रतन अवार्ड गोज टू....समीर लाल ..:) शुभकामना और बहुत बहुत बधाई के साथ एक टिप्पणी के साथ एक टिप्पणी फ्री हर पोस्ट पर :)
जवाब देंहटाएंये क्या धमकी है कि अगर टिप्पणी नहीं दी तो ऐसा भी हो सकता है वैसे यदि टिप्पणी देने का ही मामला है तो मैं तो दे चुका हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंभई,खूब कही और ि दखाई !
जवाब देंहटाएंये हुई कुछ बात !
जवाब देंहटाएंये तो उडन तश्तरी तो कमाल है.. घर बैठे बिठाए हिन्दी ब्लॉग जगत की सैर करा लाई..
जवाब देंहटाएंभई वाह वाह है जी।
जवाब देंहटाएंतीन ब्लागर, तेरह चूल्हे यह कहावत क्यूं भूल गये जी।
sahi tasveer utari hai
जवाब देंहटाएंudan tashtari ji,aaj tho aapne haansi ke fuhare uda diya,wah wah gajab ka lekh aur gajab ke cartoon,u hv spread smiles on so many faces,god will give u double the smiles for that,thanks for this unlimited laughter:)
जवाब देंहटाएंयार हँसू या रोऊँ, पहले यह बताओ समीर भाई ?
जवाब देंहटाएंबहुत महीन दिमाग पाया है,
यह गुदगुदा कर मारने वाली पोस्ट का आइडिया बेहतरीन है ।
कभी मिलोगे, तो छूकर देखने का मन है । आज यह गुत्थी सुलझी कि उड़नतश्तरी नाम में क्या छिपा है । पंडिताइन बहुत दिनों से परेशान थीं कि पूछो पूछो पूछो...
आहत मत होना, अगर मेरे मन में चल रहा हो कि इतनी जम्बो काया और मेगा दिमाग ले कर यह प्राणी ब्लागर पर क्या कर रहा है ?
दिल पे मत ले, भाई !
ब्लागर स्प्रिट इसकी इज़ाज़त नहीं देता ।
वाह! यहां टिप्पणी में सब कह रहे हैं - अवार्ड उडन तश्तरी को जाता है। जब असली मिलने की बारी आयेगी तो वह प्रचण्ड उखाड़ पछाड़ होगी कि उड़न तश्तरी टेक ऑफ करना भूल जाये! :D
जवाब देंहटाएंआपका यह लेख पढ़ के लग रहा है कि blogging is dangerous business.
जवाब देंहटाएंमज़ेदार है ...मुझे अंदाजा नही था हिन्दी ब्लोगर इतने विख्यात (कुख्यात) हो चुके हैं. :D
जवाब देंहटाएंमजेदार...एक से एक छंटे हुए :)
जवाब देंहटाएंअंत में नोट की कोई आवश्यकता नहीं थी, हो आहत हमारी बला से :) दो बार टिप्पियायेगा :)
vah vah.. :)
जवाब देंहटाएंसमीर जी
जवाब देंहटाएंइन हालात को देखते हुये तो हमारे पास दो ही विकल्प बचे हैं... या तो ब्लोगरी (दादागिरी) छोड दें या फ़िर एक बखतरबंद खरीद लें जिस पर कोई हथियार असर न करे :)
बहुत सही लपेट रहे हैं :)
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंएकदम मस्त !
लोगो को ज्यादा हँसाने के जुर्म में कहीं जेल न हो जाए... ऐसे ही हंसाते रहिये सबको.
जवाब देंहटाएंवैसे आपको ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा कब मिल रही है. ?
बेहतरीन चित्र और गुदगुदाने वाले तथ्य, हिन्दी चिट्ठाकारी पर वाकई स्पेशल :)
जवाब देंहटाएं***राजीव रंजन प्रसाद
बहुत मजेदार. वैसे माफ़ी निदा फाजली से मांगिये.
जवाब देंहटाएंसमीर जी
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह ला-जवाब पोस्ट है आपकी .
लेकिन ये अंत में आप ने लिखा है की आहत ना हों...जब की आहत होना और करना हर ब्लॉगर का ब्लॉग सिद्ध अधिकार है...
नीरज
आप अगर नही भी धमकाते तो भी हम चुप -चाप टिपिया देते ...इस तरह धमकाने की क्या जरुरत है.... वैसे अगली बार की चेतावनी दे दिये देते है ...हमने लाइसेंस के लिए अर्जी डाल दी है ..आपकी अगली पोस्ट से पहले....धांय......धांय ......
जवाब देंहटाएंAre bhaiya, note ooper dena tha na. Itne bhayankar aahat hue vo computer pe sir patakne vaala cartoon dekhkar ke kya batayain. Mujhe usmain khud kee shakal nazar aa rahee thee yaar. Dekho na do do gazal kah gaye aur kul total 10 tippani. Usmain bhe aapkee hee jayjaykar. Achha hua neeche note de diya bhaiya varna............
जवाब देंहटाएंAapkee tareef main leejiye vo purana vala sher -Tasleem---
Kya kah ke andaleeb, chaman se nikal gayee !
Kya sun liya gulon ne ke rangat badal gayee !!
Aur andaleeb vaalee bat par ek post mar den, logon ko fir maza aa jayega.
समीर जी...मुस्कान अभी तक छाई हुई है!तस्वीरें मस्त हैं लेकिन मुझे नीचे की दो तस्वीरें नहीं दिखाई दे रही हैं...शायद मेरे सिस्टम में कोई प्रोब्लम है!मज़ेदार पोस्ट..
जवाब देंहटाएंवाह! वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अद्भुत पोस्ट है समीर भाई ये.
आपने अपना वादा निभाया
और हमे बहुत हंसाया
कसम से बड़ा मज़ा आया.
क्या बेजोड़ जुगाड़ लगाया.
सर्वप्रथम हमारे उत्साहवर्धन के लिये आपको हार्दिक धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाग को पढने के बाद सिर्फ़ आनन्द ही आनन्द की अनुभूति होती है।
आप यूँ ही आनन्द प्रवाह जारी रखें यही कामना है।
सभी टिप्पणियाँ लाजवाब हैं। और "मानो या न मानो"
जवाब देंहटाएंके तो क्या कहना।
इस मजेदार प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें।
छा गए बंधु. कहने के लिए शब्द ख़त्म हो गए. हिंदी शब्दकोष तो क्या, ब्रहमांड की तमाम भाषाओं से में नहीं रहे शब्द. तारीफ़-उरीफ़ की क्या औक़ात कि आपके लिए इस्तेमाल हो. आप तो आप,अपने जैसों के बापों के बापों के बाप के बाप से बड़े निकले भइया...:)
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा ! बढ़िया फोटुएँ ढूँढीं हैं अपनी बात कहने के लिए ।
जवाब देंहटाएंअब अगर आहत हो ही गए तो क्या कल्लोगे भई...
जवाब देंहटाएंइस बार छोड़े दे रहे हैं..हफ्फ हफ्फ ... अगली बार आहत होने से हमें कोई नहीं रोक सकता..हॉं नी तो।
:)
हा हा हा हा ! बढ़िया फोटुएँ ढूँढीं हैं अपनी बात कहने के लिए ।
जवाब देंहटाएंसमीर भाई,
जवाब देंहटाएंहँसाने का अनुरोध मानकर आपने खुश कर दिया. हंस-हंस कर बेहाल हैं. बहुत शानदार पोस्ट है..
बढ़िया है। मन प्रसन्न हो गया।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
हा हा हा हा !
जवाब देंहटाएंअब कछु कहा ना जाय्.
आपकी यह 'लोकतांत्रिक तरीके की वोटिंग',
जवाब देंहटाएंक्या रंग ला सकती है ,
वोट के लिए कैसे एक ब्लोगेर को धमका सकती है,
इसका एक चित्र जेहन में आया है
फरमाया है...
एक हिन्दी ब्लॉगर ने अपने मित्रों को घर बुलाया,
अपने घर के कंप्यूटर पे अपना ब्लोग पढ़वाया ,
थोड़ा हिलाया डुलाया, फिर अर्थ समझाया, फिर चाय पिलाया,
तब जबरन 'वाह वाह' लिखवाया ।
जब जाने को हुआ तैयार,
तो मित्र बोले 'यार'।
अभी कहाँ जाते भाई,
हमारे ब्लोग की बारी आई
ख़ुद पढ और घरवालों को भी पढ़ा
बस समझने का सवाल मत उठा ।
और टिपिया " हिन्दी ब्लोग रत्न के लिए अनुमोदित",
वरना तेरे बोलग पे समीर से व्यंग्य लिखवाऊँगा,
चुन चुन के ऐसी तस्वीरे चिपकाऊँगा ,
की तू फिर कभी ब्लोग लिखने की हिम्मत नही जुटा पायेगा,
इस ब्लोग जगत से हमेशा के लिए उठ जाएगा।
ब्लॉगर इस धमकी से डर गया,
और सपरिवार अपने मित्र के ब्लोग पे टीपिया गया,
"समीर जी मैं बिना काम का ब्लॉगर हूँ,
१००० रुपये मेरे घर वालों दिलवाईये,
फिर भले यह 'ब्लोग रत्न' मेरे मित्र को मिले,
और ख़ुद को सिक्यूरिटी दिलवाईये,
मुझे भले पागलखाने भिजवाईये ,
बेनाम लिख रहा हूँ , कोई तो पहचान दिलवाईये। "
समीर भाई, आहत तो निदा फाज़ली होंगे. निदा साहब के जगतप्रसिद्ध शेर को बशीर बद्र का शेर कह कर चेंप दिया है गुरु. लेकिन ग़लतफहमी में मत रहियेगा, बद्र साहब को पता चलेगा तो पता नहीं आपका क्या करेंगे! वह गालिब का पुनर्जन्म बताते हैं ख़ुद को. अब आहत होने की बारी आपकी है, फ़ौरन से पेश्तर पता चेंज कर लीजिये. हा हा हा हा हा हा!
जवाब देंहटाएंसमीर भाई, आहत तो निदा फाज़ली होंगे. निदा साहब के जगतप्रसिद्ध शेर को बशीर बद्र का शेर कह कर चेंप दिया है गुरु.
जवाब देंहटाएंलेकिन ग़लतफहमी में मत रहियेगा, बद्र साहब को पता चलेगा तो पता नहीं आपका क्या करेंगे! अब तक को उनका इगो हर्ट हो चुका होगा. अब आहत होने की बारी आपकी है, उनके कनाडा ओंटारियो में भी कान्टेक्ट हैं. फ़ौरन से पेश्तर पता चेंज कर लीजिये और तस्वीर में दिखाए गए कमांडोज की सेवायें लीजिये.. हा हा हा हा हा हा!
Ghost Buster जी और विजय शंकर जी का बहुत आभार. भूलवश बशीर बद्र साहब का नाम चढ़ गया था. अब सुधार लिया है. ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें.
जवाब देंहटाएंaaj maan gaya ki aap nischay hee is lok ke praanee nahin hain, aur muhe nahin lagtaa ki ab tak blogging aur hindi blogging par maine isse badhiyaa aaj tak kuchh padhaa aur dekhaa hai. aap dhanya hain prabhu.
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार समीर जी. मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंबधाई
जवाब देंहटाएंहंसा ही दिया न....। कमाल हैं आप।
जवाब देंहटाएंअद्वितीय।
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट पर तो वाकई पुरस्कार मिलना चाहिए। इसके सामने आईपीएल का फाइनल भी कोई चीज नहीं।
जबरदस्त । स्पेशल पोस्ट के लिये शुभकामनायें । इसे पढने के बाद सोई हुई उम्मीद हमारी फिर से जाग गई कि हिन्दी ब्लागरों से ही विश्व में वैचारिक क्रांति आयेगी और यदि हम ब्लाग न लिखें तो हमारा नाम इस महान क्रांति के पन्ने से कट जायेगा ।
जवाब देंहटाएंबधाई * बधाई * बधाई * बधाई
जवाब देंहटाएंबाप रे बाप इत्ती ज़बरदस्त पोस्ट....!!
कितनी उर्जा भरी है इस व्यक्ति में जो तश्तरी लिए
ख़ुद उड़ रहा हो और श्रेय देता तश्तरी को
बधाई * बधाई * बधाई * बधाई
समीर जी,
जवाब देंहटाएंपहले तो बधाई स्वीकार करें ब्लाग रत्न के लिए,
फिर से बधाई इस प्यारी सी पोष्ट के लिए।
बोल टिप्पणी करेगा या नहीं!
जवाब देंहटाएंहिन्दी चिट्ठाजगत में रहना है तो आपके ब्लॉग पर तो टिप्पणी करनी ही पड़ेगी.. सर पर मारिये मत!
बेंत के निशाने बड़े दिनों तक मिटते नहीं। देखिये मैने टिप्पणी भी दे दी है अब तो।
56 टिप्पणियाँ देखकर भी अपना भय कम नहीं हुआ। बार-बार वो बच्चे के पिछवाडे पड़ते सटाके याद आ जाते हैं। मुझे पिछ्वाडे पड़ने वाले सटाको से आज भी बहुत डर लगता है। इसलिये टिपिया रहा हुं। और हमारी ये हिम्मत की आहत हो जायें? हँसाते रहिये, हँसाते रहिये।
जवाब देंहटाएंग़ज़ब....लाज़वाब !
जवाब देंहटाएंघायल की गति घायल जाने.
===========================
समीर साहब आप सिर्फ़ कमाल करते हैं
आभार
चंद्रकुमार
:))
जवाब देंहटाएंसमीर साहब आप ब्लागरों के दुख और तल्खी को पहचानने लगे हैं। प्रिंट के जमाने में संपादक के लेख लौटाने जैसा दुख। दुखती रग पकड़ने के लिए धन्यवाद। काम जारी रखिए।
जवाब देंहटाएंहम भी बिलकूल आहत नहीं है।हँसे भी खूब। आपके अगले जबलपूर आगमन के सम्मान समारोह का चंदा इकठ्ठा कर रहा हूँ।आपके गहन चिंतन, महान खोज हेतू अगर नागरिक सम्मान,अभिनन्दन,सादा समारोह,रथयात्रा,जो आप चाहे?(सबका रेट अलग अलग है) तय करके बताइगा,फिर नेगोशिएट कर लेंगे।
जवाब देंहटाएंवैसे ये ब्लागिंग का डर्माटाइटिस जबलपुर मे भी गुरू जी के आशीष से अच्छा फैल रहा है। अगली बार आए तो स्केबीज भी लाए। अँगूठा अपलब्ध है, गुरु साक्षात् परम ब्रम्हः तस्मै श्री गुरुवै नमः!
बढिया पोस्ट ! आभार।
bahut achche sameer bhai,
जवाब देंहटाएंati sundar..
वाह वाह !खूब कही
जवाब देंहटाएंकड़वी निबोली के बाद, हंसी और ठिठोली का वादा क्या खूब निभाया सर....मजा आ गया...हा हा हा.
जवाब देंहटाएंBahut khub sameer ji khub hasaya , chitra dekhar to lotpot ho gaye bahut khub...
जवाब देंहटाएंbahut enjoy kiya aap ki post ko...:D.......kya kaheeye!!!! :D badhayee badhayee!!!!
जवाब देंहटाएंसमीर जी आपकी बात, लाजवाब है। ब्लोगर्स के नाम पर धमाका कर दिया, मजा आया। आपकी उड़नतश्तरी मुझे प्रेरणा देती है। सिर पटकते ब्लोगिया के रूप में कहें तो सिर पटकते हैं आपकी टिप्पणी अपने ब्लॉग पर न पाकर और मन ही मन ख़ुद को पीटते हैं आपकी उड़नतश्तरी पर बहुतों को बैठा देख कर। आपका अंदाज़ कमाल है, हम जैसे नए लोगों को इसी तरह प्रेरणा देते रहिएगा।
जवाब देंहटाएंRaat men 1:49 par post ko fir padha aur ye he sochne laga ke ......................
जवाब देंहटाएंKaun type ke ho yaar aap ?
Ha ha..
Yahan se lautney ke bad to badde dhamake pe dhamaka. Aisa lag raha hai ke turant ud kar kanada (Canada)pahunchen aur aapka computer thodi der ke liye gayab kar den. Taaki pet pakad hansne ka kuchh to vakt mile.
...और ये लीजिये रिकार्ड तोडू टिप्प्णी। आपके ब्लाग पर सबसे अधिक टिप्पणी का नया रिकार्ड। अब सबको जबाब लिखकर एक और नया रिकार्ड बना सकते हैं। धांसू पोस्ट!
जवाब देंहटाएंthank u sir mujhe comment dene ke liye. aapne bhut mast likha hai.
जवाब देंहटाएंवो क्या है कि हम सो गऐ थे , आंख खुली तो देखा समीर जी धमका रहे हैं - टिप्पणी देता है कि दूं तुझे , भाई मैं तो ईतना आहत हुआ कि टिप्पणी देना भूल गया। होश आया तब तक एक कम सत्तर का आगमन हो चुका था ......
जवाब देंहटाएंवैसे मजा आ गया आपकी कल्पना शीलता को देखकर...ब्लागरों की वजह से धारा 144....हा हा हा ...:D
ये हुई न बात,कि अगर टिप्पणी नहीं दी तो ऐसा भी हो सकता है...बढ़िया लिखा है।बहुत -बहुत बधाईजी!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा। मजा आ गया। इतनी अच्छी पोस्ट के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। आपकी कोप दृष्टि से बचा रहूं इसीलिए टिप्पणी करना नहीं भूला। :)
जवाब देंहटाएंvery funny!!
जवाब देंहटाएंvaaah guru
जवाब देंहटाएंmajaaa aa gaya
bas
lage rahiye
aur peechhe hame bhi dekhte rahiye
www.scam24inhindi.blogspot.com
vaaah guru
जवाब देंहटाएंmajaaa aa gaya
bas
lage rahiye
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www.scam24inhindi.blogspot.com
७६ टिप्पणियां - इस चिट्ठे पर आते अपने चिट्ठे पर शर्म आने लगती है।
जवाब देंहटाएंबुरा लगे लगता रहे। मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंही ही ही!! बहुत खूब, हंस हंस के बुरा हाल हो गया, ही ही ही!! :D :D
जवाब देंहटाएंबहुत मज़ेदार! ’टिप्पणी नं.८०’
जवाब देंहटाएंसबसे पहले श्रीजी वंदन.
जवाब देंहटाएंचीज जोर की लाए हैं... आजकल मैने हिन्दी ब्लॉग जगत का रास्ता छोड दिया है , आज महीने भर बाद आया तो देखा मेरी 80 वीं टिप्पणी होगी.
जय हो टिप्पणी सम्राट
तश्तरी जी उडन वाले,
जवाब देंहटाएंदेर से पढा लेकिन वाकइ मजेदार है. एक एक टिप्पणि एक से बढ कर एक है और फोटो तो कहिये मत. सबसे मस्त तो लगता है कि आप हर (ज्यादातर) ब्लोग पर अपनी टिप्पणि जरुर छोडते हैं
अगर हिन्दी ब्लोग्स मे कोइ पुरस्कार का प्लान हो तो आपका ये पोस्ट सबको चुनौती देगा.
-सर्वेश
बढ़िया है, अच्छे और रोचक विचारों के जनक हैं आप!
जवाब देंहटाएंभाई गली के बाहर तक जाने पर रोक है। घर में घरवाली बाहर पुलिस डंडे बरसा रही है, बडे बुरे हालात है इंदौर के। इन मुवे दंगाईयो को जहन्नुम तक नसीब न हो, पाठक इनके ब्लाग पर एक भी टिप्प्णी न करे कभी, इनके मित्र ब्लाग को फ्लेग्ड कर दे।
जवाब देंहटाएंछोडो आहत वाहत क्या होंगे हम, आपकी ही जात बिरादरी वाले है। अब पोस्ट पढ ली है तो टिप्पणी करना मजबुरी थी आपकी मार थोडे ही खानी है बिचारे कबीरा को।
आपकी पोस्ट पढ मन हल्का हो गया।
भविष्य का बढ़िया आइना दिखाया ...../ डर कहूं या मजा सोच नहीं पा रहा हूँ /
जवाब देंहटाएंपचासी लोगो को यहाँ देखकर छक्के छूट गए समीर भाई ! आपके बारे में क्या तारीफ लिखूं ??
जवाब देंहटाएं