हम हिन्दुतानी अति ज्ञानी...जिसकी भद्द न उतार दें बस
कम जानिये.
साधारण सा शब्द है ’खाना’...संज्ञा के हिसाब से देखो तो भोजन और क्रिया के हिसाब से
देखो तो भोजन करना...मगर इस शब्द की किस किस
तरह भद्द उतारी गई है जैसे कि माथा खाना, रुपया खाना, लातें खाना से लेकर अपने मूँह की खाना तक सब इसी में शामिल
हो गया.
ऐसे में जब आजकल की गर्मागरम चर्चा ’छेड़छाड़’ पर बात चली तो इसके भी अजीबो गरीब इस्तेमाल देखने को मिले.
छेड़छाड़ यूँ तो अनादि काल से हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है. कृष्ण जी की
रासलीला, गोपियों के संग छेड़छाड़ के प्रसंग हम
भक्ति भाव से हमेशा ही पढ़ते और सुनते आए हैं. सहेलियों में आपस में छेड़छाड़ से
लेकर जीजा साली की छेड़छाड़ हमेशा ही एक स्वस्थ एवं सुखद मनोरंजन का साधन होते हैं. इससे रिश्तो में एक प्रगाढ़ता
और अपनेपन का एहसास पैदा होता है.
कभी प्रेमिका की लटों से हवा की छेड़छाड़ पर पूरे के पूरे गीत लिखे और गाये जाते
थे.
फिर वक्त के साथ साथ बदलती मानसिकता के चलते छेड़छाड़ शब्द सुनते ही ख्याल आता
था कि जरुर किसी लड़के ने लड़की के साथ छेड़छाड़ की होगी. मगर फिर अति ज्ञान का सागर कुछ ऐसा बहा कि
छेड़छाड़ से ही बहुत छेड़छाड़ कर गया मानो हाल ही मुंबई में एक आम आदमी द्वारा पुलिस
वाले को कई थप्पड़ मारे गये जैसी कोई घटना हो. जिस शब्द का काम ही छेड़छाड़ दर्शाना था, उसी से छेड़छाड़ हो गई.
कायदे से यह शब्द सबसे ज्यादा लड़कियों द्वारा अपने उपर हो रही छींटाकसी को
बताने के लिए होना चाहिये था कि फलाने लड़के ने मेरे साथ छेड़छाड़ की मगर देखने में आ
रहा है कि लड़कियाँ तो आज के जमाने की अपने उपर हो रही छेड़छाड़ से खुद ही निपटने में
सक्षम हो ली हैं और यह शब्द उनसे ज्यादा दूसरों के काम आ रहा है. न न!! आप यह न समझे कि अब लड़के
इसे अपने आपको लड़कियों के द्वारा छेड़े जाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
दरअसल नेतागण इसका इस्तेमाल अपने ओहदे के मद में आकर अपने द्वारा दिये गये
ऊलजलूल बयानों से, जब बात का बतंगड़
बन जाता है, तब बचाव करने
के लिए करते नित नजर आते हैं.
हर
उल्टे सीधे बयान से बचने के लिए उनके पास सबसे मुफीद उपाय होता है कि एक और बयान
दे डालें कि मीडिया ने मेरे बयान के साथ छेड़छाड़ कर उसे तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया
है.
हालात तो ये हैं कि जब इन नेताओं का आम छेड़छाड़ की चरम का एमएमएस बन कर आम जनता
के बीच सेक्स सीडी के रुप में आ जाता है तब भी यह ललकारते हुए कहते हैं कि सीडी से
छेड़छाड़ की गई है. यह डॉक्टर्ड है. इन्हीं लोगों से मुझे यह
ज्ञान प्राप्त हुआ कि छेड़छाड़ को अंग्रेजी में डाक्टर्ड भी कहते हैं.
ऐसे ऐसे नेता जो आम जनता को भड़काते नहीं थकते थे कि जब कोई रिश्वत मांगे तो मना
मत करना, दे देना जी और
उसकी रिकार्डिंग करके हमें भिजवा देना, हम उसको तुरंत जेल भिजवायेंगे, उन्हीं के लोग जब खुद रिश्वत लेते हुए या
सौदेबाजी करते हुए रिकार्ड हो जाते हैं तो कहते हैं कि यह रिकार्डिंग गलत है और
इससे छेड़छाड़ की गई है.
कभी तथ्यों से, तो कभी बयानों
से, तो कभी मंत्री
के लड़के के द्वारा लड़की को छेडे जाने वाले सीसीटीवी के फुटेज से छेड़छाड़ का सिलसिला
इतना बढ़ गया है कि छेड़छाड़ शब्द खुद ही यह भूल गया है कि वो दरअसल किसी लड़के द्वारा
किसी लड़की को छेडे जाने के लिए बना था.
यूं भी आजकल ऐसी छेड़छाड़ का जमाना भी नहीं रहा जिसमें राह चलते किसी लड़की को
कोई लड़का कुछ बोल बाल कर छेड़छाड़ कर दे. जहाँ से खबर आती है सीधे रेप की ही आती है..छेड़छाड़ वाली बातें अब
नहीं होतीं. छेड़छाड़ की
रिपोर्ट अगर पुलिस में लिखवाने जाओ तो लगेगा कि जैसे ऎके ४७ के जमाने में देशी
तमंचे से कहीं पर आतंकवादी हमला हो गया हो और उसकी रिपोर्ट लिखी जा रही हो.
बदले जमाने में अब छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाने नहीं जाना पड़ता, पुलिस खुद तलाश में रहती
है कि एंटी रोमियो कानून में किसी घटना को कैसे छेड़छाड़ का नाम देकर बुक कर लिया
जाये ताकि साहेब को एक आंकड़ा दिया जा सके कि इतनी छेड़छाड़ की घटनायें रोक दीं. छेड़छाड़ का केस दर्ज करने
के लिए आवश्यक सामग्री एक लड़का और एक लड़की का साथ में मिल जाना बस पूरे केस को
मुकम्मल कर देता है फिर लड़की लाख दुहाई दे कि मैं तो इसकी बहन हूँ और इसके साथ
बाजार जा रही थी.
छेड़छाड़ के खिलाफ लाये गये एंटी रोमियो एक्ट से साथ पुलिस और एंटी रोमियो स्काव्यड ने जिस तरह से
छेड़छाड़ की है कि छेड़छाड़ भी शर्मिंदा होकर कह रही है कि अब बस भी करो कितनी छेड़छाड़
करोगे मेरे साथ?
-समीर लाल ’समीर’
भोपाल से प्रकाशित सुबह सवेरे के अगस्त १३, २०१७ में प्रकाशित
#Jugalbandi
#जुगलबंदी
#व्यंग्य_की_जुगलबंदी
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
वाह ! छेड़ छाड़ शब्द के साथ बहुत सुन्दर छेड़ छाड़ की है आपने।
जवाब देंहटाएंमत छेड़ो इन "भूँडों" को ये काट खाएंगे
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लेख .... तारीफ-ए-काबिल .... Share करने के लिए धन्यवाद...!! :) :)
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 16 अगस्त 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंBahut Khoob !
जवाब देंहटाएंछेड़छाड़ के भी अर्थ बदल गए बदलते जमाने के साथ !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !