टॆलीफोन विषय पर यह निबंध क्लास ५ की रंजू की उत्तर
पुस्तिका से उड़ाया है.
टॆलीफोन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं. एक आई फोन, दूसरा
सेमसंग और तीसरा अन्य.
इसे ऐसे समझे जैसे भारत में तीन प्रकार के लोग होते हैं- एक
नेता, दूसरे उनसे गाढ़े संबंध रखने वाले व्यापारी और बाकी के अन्य.
आई फोन एक स्टेटस सिंबल..सब कुछ इन्हीं के इर्द गिर्द
नाचता, सेमसंग गुणवत्ता का प्रतीक ये न टेका लगाये तो स्टेटस वालों की स्टेटस भी न
बन पाये और बाकी चायनीज फोन से लेकर नोकिया तक अन्य..हैं तो ठीक ..न हैं तो
ठीक..काम हैं आई फोन और सेमसंग को उनके उचित स्थान पर बनाये रखना.
फोन हमारे जीवन में बहुत उपयोगी हैं. फोन का मुख्य इस्तेमाल
स्लेफी लेना है. इस्तेमाल की द्वितीय पायदान पर स्लेफी को शेयर करने से लेकर औरों
की फोटो खींचना, चैट, व्हाटसएप, एस एम एस, फेसबुक, नेट, इन्स्टाग्राम, ट्वीटर,
पिन, वेब सर्फिंग, नेवीगेशन, स्काईप, फेस टाईम आदि है. इस्तेमाल की एक प्रमुख कड़ी
जो दूसरी पायदान को बराबरी से शॆयर कर रही है वो है एम एम एस बनाकर ओर बात
रिकार्डिंग कर के ब्लैक मेल करना है. तीसरी पायदान पर गाने सुनना है. इसके बाद ऑन
लाईन आर्डर, मूवी टिकिट, बैंकिंग, रेल्वे
से हावाई जहाज की यात्रा आदि आता है. चौथी ओर अन्य पिछड़ी पायदानों पर मौसम की
जानकारी, केलकूलेटर एप के बाद ऑन लाईन पोलिंग, गेम्स और मिस्ड काल का नम्बर आता है. अंतिम पायदान पर कुछ
लोग इसका इस्तेमाल, अगर मिस्ड काल का जबाब न आये और काम अपना अटका हो तो, फोन लगा
कर बातचीत के लिए भी करते हैं.
सब्जी और अन्य जरुरत की चीजें जो खराब होने और खत्म हो जाने
पर खरीदी जाती हैं के विपरीत फोन नये फोन के माँडल आ जाने पर परिवार में और आपकी
समाज में स्टेटस के हिसाब से खरीदा जाता है.
मैं एक आई फोन परिवार का हिस्सा हूँ. हमारे घर में मम्मी के
पास लेटेस्ट आई फोन ७ है. पापा के पास उसके एक पहले वाला आई फोन ६ एस है..और उनका
पुराना आई फोन ६ मेरे पास है. यह क्रम इसी क्रम में नये मॉडल आने पर बदल जायेगा
जैसे की अब तक बदलता रहा है.
मम्मी के पास सेल्फी के लिए एक सेमसंग का लेटेस्ट मॉडल भी
है. पापा सेल्फी कम खींचते हैं मगर उनका काम आई फोन से चल जाता है. उनकी सेल्फी भी अक्सर मम्मी ही सेमसंग से खींच
देती हैं. उनके पास एक फोटोशाँप ५०३० है जो ५० साल के इंसान को ३० साल का बना कर
दिखाता है. वो अपनी और पापा की सेल्फी इस साफ्टवेयर से पास करा कर शॆयर करती हैं.
मित्रों की वॉव और लाईक ही उनके जीवन का लक्ष्य है.
मेरे फेस बुक पर मेरी क्लास के बहुत बच्चे ओर २०० अलग से
फ्रेंण्ड हैं. आश्चर्य है कि इनमें से ११ लोगों को मैं पर्सनली भी जानती हूँ. इट
इज ए बिग एचिवमेन्ट इन दिस फोन ऐरा....आई फील प्राऊड...कितनी लकी हूँ न मैं....कभी
कभी सेलिब्रेटी वाली फीलिंग आती है.
अगर ये फोन न होता तो दुनिया कितनी सूनी होती...मैं तो
कल्पना भी नहीं कर सकती. तब मैं भला अपने बेस्ट फ्रेण्ड राहुल से कैसे कनेक्ट हो पाती?? आई कान्ट इवन
थिंक...वैसे मिली तो अभी नहीं हूँ उससे मगर उसके बिना कितना अधूरा सा होता ये
जीवन!!
राहुल का सपना है कि एक दिन वो ऊबर टैक्सी चलायेगा..काश!!
किसी दिन जब मैं अकेली टैक्सी बुलाने लगूँगी..तब राहुल ड्राईव करता हुआ मेरे दर पर
आये..
आई एम सो एक्साईटेड...इस फोन ने जीवन को कितना रसमय बना
दिया है..एक परपज दिया है जीने का..
कैसे होंगे उस युग के लोग जब आई फोन और सेमसंग नहीं रहा
होगा..
मुझसे तो सोचा भी नहीं जा रहा...
-समीर लाल ’समीर’
#jugalbandi
#जुगलबंदी
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