न्याय सबके लिए समान होना चाहिए। आम जनता पर सीधी कार्यवाही और नौकरशाहों और राजनेताओं पर नहीं। आखिर ऐसा कब तक चलेगा? कब तक ये राजा बने रहेंगे और हम प्रजा?
anna ke prati prtibaddhta srahaniya hai...beimaanon ko singapore ya middle east ki tarah saza milni chahiye...tabhi anna ka sapna sach hoga... sirf bill se kuch nahin hone wala...RTI ki tarah...system mein rah kar system se ladne walon ka hashr dekh bhi raha hoon aur jhel bhi...
पिछली बार जब वो अनशन पर बैठे थे तब _________ 1 महाराष्ट्र सरकार के छ: भ्रष्ट मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा | 2 400 भ्रष्ट अफसरों को नौकरी से निकलना पड़ा | 3 महाराष्ट्र में 2002 में सुचना का अधिकार अधिकार कानून लागु करना पड़ा | 4 2006 में केंद्र सरकार द्वारा सुचना का अधिकार कानून में संशोधन का प्रस्ताव वापस लेना पड़ा | इस बार अन्ना जन लोकपाल बिल की मांग नहीं बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य के लिए बैठे हैं | hum saath saath hain
आज अजय भाम्बी ने कहा है कि अण्णा जो कर रहे हैं,वह नक्षत्रीय कारणों से। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि 23 तारीख तक मामला सुलझ जाएगा। नया लोकपाल विधेयक तो आएगा मगर उसमें ऐसे सुराख छोड़ दिए जाएंगे जिनसे सभी मंत्री भ्रष्टाचार के शिकंजे में न आ पाएं। बस,कुछ दिन और।
दुःख की बात है के एक सौ इक्कीस करोड़ भारतियों में सिर्फ एक ही अन्ना हजारे हैं...हम अगर अन्ना हजारे बन नहीं सकते तो कम से कम उनका साथ तो दे ही सकते हैं...
नीरज जी, हमारे लिए सौभाग्य की बात है की हमारे देश में अभी भी अन्ना हजारे जैसे, ईमानदार,जुझारू, कर्मठ,और क्रांतिकारी सोंच रखने वाले लोग हैं, हमारे पास उनको समर्थन देने का स्वर्णिम अवसर है और इस अवसर को हमें खोना नहीं चाहिए..समीर जी, आपको भी शुभकामनाएं..
जनाब एक टुटा हुआ शेर जन्म रहा है तुम्हारे मसीहा होने पर तो मुझे कोई शक नहीं सलीब उठाने वालों से क़त्ल की बू आ रही है और जुलिअस सीज़र के अंतिम शब्द भी याद आये है 'इट टू ब्रूटस" शुक्रिया
आप का आव्हान सच्चा है, स्वीकार है।
जवाब देंहटाएंअपने जीवन में बेईमानी को कोई स्थान नहीं।
खुद भले तो जग भला.
जवाब देंहटाएंये भी सही बात है
जवाब देंहटाएंअन्ना की लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं सिस्टम से है...
जवाब देंहटाएंसिस्टम जो भ्रष्टाचार को दीमक की तरह देश को खाने का मौका देता है...
अब बस चाहिए एक ऐसी तलवार (जन लोकपाल) जो भ्रष्टाचार को जहां कहीं भी देखे, उसका सिर कलम कर दे...
जय हिंद...
एकदम सटीक ...सच्ची और अच्छी बात
जवाब देंहटाएंहम भी साथ हैं.
जवाब देंहटाएंHum bhi aapke sath haae ?
जवाब देंहटाएंइससे बड़ी पोस्ट क्या होगी ?
जवाब देंहटाएंएनी ब्लागरों के लिए भी अनुकरणीय !
मैं बिना लिखे ही आज कोई पोस्ट नहीं लगा रहा अन्ना के समर्थन में !
हम आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया कदम .....
जवाब देंहटाएंआभार !
कुछ और अगर ना भी कर पाए तो अपने अन्दर के भ्रष्टाचारी को तो ख़त्म कर ही सकते हैं...
जवाब देंहटाएंहमारा भी समर्थन...
न्याय सबके लिए समान होना चाहिए। आम जनता पर सीधी कार्यवाही और नौकरशाहों और राजनेताओं पर नहीं। आखिर ऐसा कब तक चलेगा? कब तक ये राजा बने रहेंगे और हम प्रजा?
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक और एकदम सही बात ...। आप हमारे हम आपके साथ हैं ...भ्रष्टाचार की ऐसी की तैसी ...मैं भी आज निकल रहा हूं
जवाब देंहटाएंहम सब अन्ना के साथ हैं .
जवाब देंहटाएंएकदम सटीक ...
जवाब देंहटाएंहमारा भी वैचारिक समर्थन है !
ji ham saath hai aur achcha laga yah sunkar ki anna ek vyakti nahi balki ek vichaardhaara hai ..jaise gandhi ji the...
जवाब देंहटाएंno post.....no comment....
जवाब देंहटाएंbut 'war against corruption'...
stand by 'anna' do more sentiment...
pranam.
करीब 17 साल पहले एक स्थानीय दैनिक के उस वक्त के मेरे कॉलम 'ठाले-बैठे' में लिखा था ये समीर भाई:-
जवाब देंहटाएंकरना है तो बातें क्या, कर के दिखलाओ|
अण्णा, शेषन, खैरनार बन के दिखलाओ|
शेषन जी और खैरनार जी के बारे में तो फिलहाल कुछ खबर नहीं, पर हाँ अण्णा साहब जरूर अपना लंगर डाले हुए हैं|
भ्रष्टाचार के खिलाफ उन की लड़ाई में हम सब उन के साथ हैं|
भेड़िय़ॉं के झुंड़ में
जवाब देंहटाएंदो दिनों से बहुत खलबली है।
एक गाय नें अपने सींग में
शमशान की राख मली है।
देश की आवाज, सबकी आवाज, अपनी आवाज.
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार पर पुरजोर अंकुश हो.
अच्छी सोच ले लिए !अच्छी पहल के लिए !
जवाब देंहटाएंनई पीडी के अच्छे भविष्य के लिए !
शुभकामनाएँ एव् आशीर्वाद!
अशोक सलूजा !
bahot achcha laga yah aahwan......
जवाब देंहटाएंऐसी किसी भी पहल के लिए सदैव मेरा समर्थन रहेगा।
जवाब देंहटाएंखुद को ईमानदार बना लें , यही सबसे बडा समर्थन है ...
जवाब देंहटाएंअन्ना की आवाज एक सच्चे भारतीय की आवाज है. समर्थन .
जवाब देंहटाएंअन्ना की आवाज एक सच्चे भारतीय की आवाज है. समर्थन .
जवाब देंहटाएंयह सबसे उपयोगी पोस्ट है!
जवाब देंहटाएंमेरा भी समर्थन है!
आदरणीय समीर जी ,
जवाब देंहटाएंबिलकुल सत्य वचन हैं आपके | आपका आह्वान शत प्रतिशत स्वीकार्य होना चाहिए |
अन्ना जी आज़ाद भारत के गाँधी हैं , हमें उनका जी-जान से साथ देना है |
सच्चा आह्वान ...
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा आपने ।
जवाब देंहटाएंहम भी इस मुहीम में साथ हैं, अन्ना जिंदाबाद!
जवाब देंहटाएंफिर एक बूढ़ा नेतृत्व कर रहा है। लानत होगी यदि युवाओं का खून अब भी न खौले!
जवाब देंहटाएंho kahin bhi aag par ye aag jalni chahiye!
जवाब देंहटाएंअन्ना हजारे,हजारों हैं साथ तुम्हारे।
जवाब देंहटाएंIs Vichardhara ko 200% samarthan hai ....Agar nahi bana Aanaaji ka Lokpaal bil to Revolution Hoga
जवाब देंहटाएंit is the way to get corruption uprooted from the society....
जवाब देंहटाएंi am with him
jai hind
इस लड़ाई में सब को साथ आना चाहिए ... हम भी इसके साथ हैं ...
जवाब देंहटाएंहम आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंanna ke peechhe aana hi hoga...!
जवाब देंहटाएंअन्ना की लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं सिस्टम से है...
जवाब देंहटाएंanna ke prati prtibaddhta srahaniya hai...beimaanon ko singapore ya middle east ki tarah saza milni chahiye...tabhi anna ka sapna sach hoga... sirf bill se kuch nahin hone wala...RTI ki tarah...system mein rah kar system se ladne walon ka hashr dekh bhi raha hoon aur jhel bhi...
जवाब देंहटाएंएक सदी में एक अन्ना पैदा होता है ।
जवाब देंहटाएंआओ इसे लाखों बनायें ।
हम भी साथ हैं.
जवाब देंहटाएंआदरणीय समीर लाल जी
जवाब देंहटाएंशक्ति से ज़्यादा ताकतवर हैं आपकी पोस्ट
अन्ना की मुहिम हमारी अपनी मुहिम है... हम सब इसमें उनके साथ...
जवाब देंहटाएंपिछली बार जब वो अनशन पर बैठे थे तब _________
जवाब देंहटाएं1 महाराष्ट्र सरकार के छ: भ्रष्ट मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा |
2 400 भ्रष्ट अफसरों को नौकरी से निकलना पड़ा |
3 महाराष्ट्र में 2002 में सुचना का अधिकार अधिकार कानून लागु करना पड़ा |
4 2006 में केंद्र सरकार द्वारा सुचना का अधिकार कानून में संशोधन का प्रस्ताव वापस लेना पड़ा |
इस बार अन्ना जन लोकपाल बिल की मांग नहीं बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य के लिए बैठे हैं |
hum saath saath hain
इस आन्दोलन को समर्थन देने के लिए शब्द की ज़रूरत नहीं है। मौन और उपवास भी काफ़ी है।
जवाब देंहटाएंहम भी साथ हैं.
जवाब देंहटाएंसिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
जवाब देंहटाएंमेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए
--दुष्यंत कुमार
एकदम सटीक ..
जवाब देंहटाएंसहमत..
जवाब देंहटाएंदूसरी बातें बेमानी सी लगती हैं
हमारा तो प्रतिदिन का कार्यक्रम चल रहा है.. दफ्तर से लौटते समय वाया जंतर मंतर!!
जवाब देंहटाएंहम सब साथ हैं |
जवाब देंहटाएंआज अजय भाम्बी ने कहा है कि अण्णा जो कर रहे हैं,वह नक्षत्रीय कारणों से। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि 23 तारीख तक मामला सुलझ जाएगा। नया लोकपाल विधेयक तो आएगा मगर उसमें ऐसे सुराख छोड़ दिए जाएंगे जिनसे सभी मंत्री भ्रष्टाचार के शिकंजे में न आ पाएं। बस,कुछ दिन और।
जवाब देंहटाएंखुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं
मैं भी अन्ना जी के साथ हूँ और आज से हर दिन अपने रात का खाना छोड़ रहा हूँ जब तक अन्ना जी अनशन पर हैं..
जवाब देंहटाएंअपनी तरफ से छोटी सी कोशिश..
पढ़े-लिखे अशिक्षित पर आपके विचार का इंतज़ार है..
आभार
कोई भी शुरुआत खुद से ही करनी पडती है। सुधार के लिए दूसरे से शुरुआत की प्रतीक्षा करना अपने आप में भ्रष्टाचार है।
जवाब देंहटाएंदुःख की बात है के एक सौ इक्कीस करोड़ भारतियों में सिर्फ एक ही अन्ना हजारे हैं...हम अगर अन्ना हजारे बन नहीं सकते तो कम से कम उनका साथ तो दे ही सकते हैं...
जवाब देंहटाएंनीरज
नीरज जी, हमारे लिए सौभाग्य की बात है की हमारे देश में अभी भी अन्ना हजारे जैसे, ईमानदार,जुझारू, कर्मठ,और क्रांतिकारी सोंच रखने वाले लोग हैं, हमारे पास उनको समर्थन देने का स्वर्णिम अवसर है और इस अवसर को हमें खोना नहीं चाहिए..समीर जी, आपको भी शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंमैं भी अन्ना के साथ हूं...
जवाब देंहटाएंजनाब एक टुटा हुआ शेर जन्म रहा है
जवाब देंहटाएंतुम्हारे मसीहा होने पर तो मुझे कोई शक नहीं
सलीब उठाने वालों से क़त्ल की बू आ रही है
और जुलिअस सीज़र के अंतिम शब्द भी याद आये है
'इट टू ब्रूटस"
शुक्रिया
you can read shayari sms jokes
जवाब देंहटाएंhttp://shayari10000.blogspot.com
anna prtik bne hain 'navyug 'ke gandhi ke.
जवाब देंहटाएं.koi nahi tik payega aage is aandhi ke...JAI HIND