बुधवार, जनवरी 20, 2010

कैसे सच का सामना??

vyangya-image_thumb
रचनाकार पर अगस्त में व्यंग्य लेखन पुरुस्कार के लिए व्यंग्य आमंत्रित किये गये. मन ललचाया तो एक प्रविष्टी मैने भी भेज दी. परिणाम दिसम्बर में आने थे याने लगभग ४ माह बाद, तो भेज कर भूल गये. इस बीच चुपके से दिसम्बर गुजर गया और कल पुरुस्कारों की घोषणा हुई. कुल ५१ शुभ प्रविष्टियों में १३ व्यंग्य लेखक पुरुस्कृत किये गये और उस लिस्ट में अपना नाम देखना सुखद रहा. वही व्यंग्य यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ आपके आशीर्वाद के लिए.

 

police

एक नामी चैनल पर कल शाम ’सच का सामना’ देख रहा था.

कार्यक्रम के स्तर और उसमें पूछे जा रहे सवालों पर तो संसद, जहाँ सिर्फ झूठ बोलने वालों का बोलबाला है, में तक बवाल हो चुका है. इतने सारे आलेख इस विवादित कार्यक्रम पर लिख दिये गये कि अब तक जितना ’सच का सामना’ की स्क्रिप्ट लिखने में कागज स्याही खर्च हुआ होगा, उससे कहीं ज्यादा उसकी विवेचना में खर्च हो गया होगा.

खैर, वो तो ऐसा ही रिवाज है. नेता चुनते एक बार हैं और कोसते उन्हें पाँच साल तक हर रोज हैं. अरे, चुना एक बार है तो कोसो भी एक बार. इससे ज्यादा की तो लॉजिकली नहीं बनती है.

बात ’सच का सामना’ कार्यक्रम की चल रही थी.

इतना नामी चैनल कि अगर वादा किया है तो वादा किया है. नेता वाला नहीं, असली वाला. अगर रात १० बजे दिखाना है रोज, तो दिखाना है.

अब मान लीजिये, रोज के रोज शूटिंग हो रही है रोज के रोज दिखाने को और पॉलीग्राफ मशीन खराब हो जाये शूटिंग में. मशीन है तो मौके पर खराब हो जाना स्वभाविक भी है वो भी तब, जब वो भारत में लगी हो. हमेशा की तरह मौके पर मेकेनिक मिल नहीं रहा. रक्षा बंधन की छुट्टी में गाँव चला गया है, अपनी बहिन से मिलने वरना वहाँ ’सच का सामना’ करे कि भईया, अब तुम मुझे पहले जैसा रक्षित नहीं करते. याने एक धागा न बँधे, तो रक्षा करने की भावना मर जाये. धागा न हुआ, ए के ४७ हो गई.

ऐसे में शूटिंग रोकी तो जा नहीं सकती. अतः, यह तय किया गया कि सच तो उगलवाना ही है तो पुलिस वालों को बुलवा लो. इस काम में उनसे बेहतर कौन हो सकता है? वो तो जैसा चाहें वैसा उगलवा लें फिर यहाँ तो सच उगलवाने का मामला है.

प्रोग्राम हमारा है, यह स्टेटमेन्ट चैनल की तरफ से, याने अगर हमने कह दिया कि ’यह सच नहीं है’ तो प्रूव करने की जिम्मेदारी प्रतिभागी की. हमने तो जो मन आया, कह दिया. पैसा कोई लुटाने थोड़े बैठे हैं. जो हमारे हिसाब से सच बोलेगा, उसे ही देंगे.

पहले ६ प्रश्न तो लाईसेन्स, पासपोर्ट और राशन कार्ड आदि से प्रूव हो गये मसलन आपका नाम, पत्नी का नाम, कितने बच्चे, कहाँ रहते हो, क्या उम्र है आदि. लो जीत लो १०००००. खुश. बहल गया दिल.

आगे खेलोगे..नहीं..ठीक है मत खेलो. हम शूटिंग डिलीट कर देते हैं और चौकीदार को बुलाकर तुम्हें धक्के मार कर निकलवा देते है, फिर जो मन आये करना!! मीडिया की ताकत का अभी तुम्हें अंदाजा नहीं है. हमारे खिलाफ कोई नहीं कुछ बोल सकता.

तो आगे खेलो और तब तक खेलो, जब तक हार न जाओ.

प्रश्न ५ लाख के लिए :’ क्या आप किसी गैर महिला के साथ उसकी इच्छा से अनैतिक संबंध बनाने का मौका होने पर भी नाराज होकर वहाँ से चले जायेंगे.’

जबाब, ’हाँ’

एक मिनट- क्या आपको मालूम है कि आज पॉलीग्राफ मशीन के खराब होने के कारण यहाँ उसके बदले दो पुलिस वाले हैं. एक हैं गेंगस्टरर्स के बीच खौफ का पर्याय बन चुके पांडू हवलदार और दूसरे है मिस्टर गंगटोक, एन्काऊन्टर स्पेश्लिस्ट- एक कसूरवार के साथ तीन बेकसूरवार टपकाते हैं. बाई वन गेट थ्री फ्री की तर्ज पर.

जबाब-अच्छा, मुझे मालूम नहीं था जी. मैने समझा था कि पॉलीग्राफ मशीन लगी है. मैं अपना जबाब बदलना चाहता हूँ.

नहीं, अब नहीं बदल सकते, अब तो ये ही पुलिस के लोग पता करके बतायेंगे कि आपने सच बोला था कि नहीं.

पांडू हवलदार, इनको जरा बाजू के कमरे में ले जाकर पता करो.

सटाक, सटाक की आवाजें और फिर कुछ देर खुसुर पुसुर. फिर शमशान शांति और सीन पर वापसी.

माईक पर एनाउन्समेण्ट: "बंदा सच बोल रहा है."

बधाई, आप ५००००० जीत गये. क्या आप आगे खेलना चाहेंगे?

नहीं..

उसे जाने दिया जाता है. जब प्रशासन (पुलिस वाले) उसके साथ है तो कोई क्या बिगाड़ लेगा. जैसा वो चाहेगा, वैसा ही होगा.

स्टूडियो के बाहर पांडू एवं गंगटोक और प्रतिभागी के बीच २५०००० और २५०००० का ईमानदारी से आपस में बंटवारा हो जाता है और सब खुशी खुशी अपने अपने घर को प्रस्थान करते हैं.

सीख: प्रशासन का हाथ जिस पर हो और जो प्रशासन से सांठ गांठ करने की कला जानता हो, वो ऐसे ही तरक्की करता है. माना कि मीडिया बहुत ताकतवर है लेकिन देखा न!! कहीं न कहीं उन्हें भी दबना ही पड़ता है.

यही है सत्य और यही है 'सच का सामना'!!!!

-समीर लाल 'समीर'

96 टिप्‍पणियां:

  1. सत्‍य और सच का सामना की सही व्‍याख्‍या।
    प्रशासन के कुशासन की बारीकियां उकेरता व्‍यंग्‍य। बधाई हर बार।

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  2. हा हा ..ये पञ्च लाख वाला सवाल लाजवाब है ,जवाब कैसे दिया ?

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  3. बधाई एवं शुभकामना।

    आपकी लेखनी तो कमाल करती ही है समीर भाई।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  4. अरे वाह समीर भाई
    बहुत बहुत बधाईयां...

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  5. सच बोलकर अगर रु.कमाने को मिले तो मै ऎसे ऎसे सच बोलुन्गा जो टी आर पी भी बडायेगा . वैसे सच की परिभाषा क्या होनी चहिये

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  6. बहुत-बहुत बधाईयाँ ।
    इस व्यंग रचना का आभार ।

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  7. बेहतरीन-
    तुम्हारी भी जय जय,
    हमारी भी जय-जय
    मिल बांट के खाओ,
    यही है कामना,
    नित हो सच से सामना

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  8. केवल यही सत्य है।

    "सत्यम शिवम सुंदरम"

    बधाई आपको बहुत सारी।

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  9. बहुत बधाई .. यही तो आज का सत्‍य है !!

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  10. सच की सच्चाई पर बहुत ही तीखा व्यंग्य ...सच बोलने के करोड़ों मिलते हों तो लोग अपने हर झूठ को सच में बदलने की होड़ नहीं लगायेंगे क्या ...
    सच क्या है ...कौन बता सकता है ...एक का सच दूसरे का झूठ भी तो होता है ....!!

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  11. सत्यवचन
    सच का सामना का सच इतना ही था, महज रूपये के लिए सभी स्क्रीप्ट के हिसाब से सच कह रहे थे और पूरी दुनीया में यह चलन हो गया है कि विवाद में पड़ोगों तो प्रसिद्धी मिलेगी और क्या पुलिस को घुसेड़ा है डण्डा करके उनके सच को भी यहां खोल दिया और व्यंग तो लाजबाब था बास.......

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  12. किताबें और डीवीडी आपको मिल गईं , हमें इस सच का सामना करना है अभी !

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  13. आशीर्वाद गुरुदेव!
    इसी तरह 'भारी भरकम हल्के' रचते रहें ।

    बहुत दिनों से सोच रहा हूँ कि आप भारत में रहते हैं या कनाडा में?

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  14. हाय हाय क्या बखिया उखाड़ के रख दी है !! आइये तो ज़रा आप इ- प्रशासन के चंगुलवा में ?
    सटीक !!

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  15. अच्छी व्यंग रचना के लिये आभार!

    पुरस्कृत होने की बधाई!

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  16. बहुत बधाई!

    अक्षरश: सत्य है.

    रामराम.

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  17. ये एपिसोड तो सुपरहिट रहा , एकदम धमाल , पांडू कमाल का पोलियोग्राफ़िक टाईप इन्वेस्टीगेटर निकला ।बहुत बढिया व्यंग्य
    अजय कुमार झा

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  18. बेनामी1/20/2010 10:56:00 pm

    अच्छी रचना !
    शुक्रिया !

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  19. अच्छी व्यंग रचना के लिये आभार...
    बहुत-बहुत बधाईयाँ...!!

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  20. सीख: प्रशासन का हाथ जिस पर हो और जो प्रशासन से सांठ गांठ करने की कला जानता हो, वो ऐसे ही तरक्की करता है. माना कि मीडिया बहुत ताकतवर है लेकिन देखा न!! कहीं न कहीं उन्हें भी दबना ही पड़ता है.

    यही है सत्य और यही है 'सच का सामना'!!!!
    यही यथार्थ भी ,संजीदा कर देने वाली पोस्ट ,धन्यवाद.

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  21. एक मिनट- क्या आपको मालूम है कि आज पॉलीग्राफ मशीन के खराब होने के कारण यहाँ उसके बदले दो पुलिस वाले हैं. एक हैं गेंगस्टरर्स के बीच खौफ का पर्याय बन चुके पांडू हवलदार और दूसरे है मिस्टर गंगटोक, एन्काऊन्टर स्पेश्लिस्ट- एक कसूरवार के साथ तीन बेकसूरवार टपकाते हैं. बाई वन गेट थ्री फ्री की तर्ज पर.

    जबाब-अच्छा, मुझे मालूम नहीं था जी. मैने समझा था कि पॉलीग्राफ मशीन लगी है. मैं अपना जबाब बदलना चाहता हूँ.

    नहीं, अब नहीं बदल सकते, अब तो ये ही पुलिस के लोग पता करके बतायेंगे कि आपने सच बोला था कि नहीं.

    पांडू हवलदार, इनको जरा बाजू के कमरे में ले जाकर पता करो.

    सटाक, सटाक की आवाजें और फिर कुछ देर खुसुर पुसुर. फिर शमशान शांति और सीन पर वापसी.

    माईक पर एनाउन्समेण्ट: "बंदा सच बोल रहा है."

    बधाई, आप ५००००० जीत गये. क्या आप आगे खेलना चाहेंगे?

    नहीं..

    हा-हा,बेहतरीन !

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  22. अरे वहाँ मीलों दूर बैठ कर भी इधर की गणित खूब कर लेते हैं आप। हम तो अभी तक यहाँ रह कर भी नहीं कर पाए।

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  23. Oho...ha,ha,ha..wah! Aapki lekhani ke bareme kuchh bhi likhna,suraj ko raushani dikhane jaisa hoga!

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  24. :)
    बधाई स्वीकार करें…

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  25. माने पाण्डू से साँठगाँठ करनी है? ठीक है जी समझ गया :) :) :) :)

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  26. आज, मीडिया बंदर के हाथ सरीखा हो गया है.

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  27. इस सच का सामना तो आम जनता रोज कर रही है और वर्षों से कर रही है

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  28. भगवान बचाए ऐसे सच के सामने से |

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  29. बहुत ही सटीक व्यंग...

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  30. आज का सत्‍य यही तो है !!
    शासन की बारीकियां उकेरता सटीक व्‍यंग्‍य

    बहुत-बहुत बधाई

    शुभकामना।

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  31. सत्य और सच का सामना .......... समीर भाई क्या बजाई है दोनो की .......... करारा व्यंग है ...... आपकी लेखनी तो इतनी तेज़ है ........... चुभे बिना नही रहेगी जजों को .......

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  32. गिरजेश राव सोचते ही रह जाते हैं और समीरलाल आ आकर लौट जाते हैं।

    माफी चाहूंगा, प्रति टिप्पणी की जल्दीबाजी में मूल पोस्ट पर टिप्पणी तो रह ही गई। खूब व्यंग्य उभारा है।

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  33. बहुत कठिन है डगर पनघट की!सच का सामना..आप जैसे दुर्लभ प्रजाति के लोग शेष रह गए हैं जिनमें सामने का बूता है.भले ईंट-पत्थर मिले.

    पत्थर उछालते हैं मुझे देखते ही लोग
    मेरा कुसूर यह है कि सच बोलता हूँ मैं!

    श्रेष्ठ व्यंग्य के लिए मुबारकबाद!

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  34. सबसे पहले आपको व्यंग्य लेखन पुरुस्कार पाने पर बधाई. इस लेख में सटीक सामाजिक व्यंग्य किया है आपने.

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  35. प्रोग्राम हमारा है, यह स्टेटमेन्ट चैनल की तरफ से, याने अगर हमने कह दिया कि ’यह सच नहीं है’ तो प्रूव करने की जिम्मेदारी प्रतिभागी की. हमने तो जो मन आया, कह दिया. पैसा कोई लुटाने थोड़े बैठे हैं. जो हमारे हिसाब से सच बोलेगा, उसे ही देंगे......
    वाह क्या बात कही है ..मजा आ गया...
    सबसे पहले आपके विजेता बनने पर बधाई...फिर इतना सटीक व्यंग लिखने पर बधाई...
    और आखिरकार सीख तो बस कमाल की है

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  36. अच्छा हुआ जो हम अभी तक झूठ का भी सामना करने से डरते रहे। सामना शब्द अपने आप में काफी खतरनाक लगता है।
    पुरुस्कृत होने की बधाई।
    घुघूती बासूती

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  37. बहुत सुन्दर व्यंग!

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  38. बहुत बढिया व्यंग्य. यही है असली सच का सामना.

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  39. Ha ha ha ha....LAJAWAAB !!! BAHUT BAHUT LAJAWAAB !!!

    EK EPISODE TO ISI SCHRIPT PAR BANNI CHAHIYE...

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  40. शानदार व्यंग्य..आपको बहुत बधाई हो.

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  41. बहुत ही सटीक बखिया उखाडता व्यंग्य जो एक सच कह रहा है ...

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  42. बहुत ही सटीक बखिया उखाडता व्यंग्य जो एक सच कह रहा है ...

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  43. sach mein...
    sach kaa saamnaa karwaayaa hai aapne...

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  44. हा..हा.. सच का सामना का बहुत डरवाना सीन बना दिया है आपने तो !! झूठ भी न बोल सके और सच भी नहीं!!

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  45. बहुत-बहुत बधाईयाँ ।
    इस व्यंग रचना का आभार ।

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  46. वाह्! बहुत ही बढिया व्यंग्य....
    बधाई!!!

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  47. kabile tareef aur sach men puraskaar ka adhikari vyanga lekh.
    bahut bahut badhaai.

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  48. बहुत-बहुत बधाईयाँ ।
    इस व्यंग रचना का आभार ।

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  49. आदरणीय समीर लाल जी, आदाब
    आखिर मीडिया को भी करा दिया
    'सच का सामना'
    शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

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  50. अजी आप की इस दुनिया मै एक सप्ताह के लिये जा रहा हुं, लेकिन मन नही मानता, उस सच की दुनिया मै ...

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  51. behtareen aapki ye rachna hansi ke kuch achche pal de gayi.

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  52. अजी भोत बढ़िया रचना सै...ईं रचना ने भूंडी के अर कुण हवालदार पांडु और एनकाउंटर स्पेस्लिस्ट ,सूं परसाद लेनो चावेगो!

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  53. ये पांडु तो असली वाला निकला। वैसे आपका सवाल बहुत नाइंसाफ़ी वाला है...बेहद पेचीदा भी।

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  54. हा हा ! मुझे तो लगा पुलिस कबूल करवाने के लिए ना रख लिया हो... :) खैर पुलिस ने तो अपना धर्म निभाया. पुरस्कार के लिए बधाई.

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  55. भारतीय पुलिस के आगे तो हाथी भी मार खाने के बाद राग अलापने लगता है...मैं चूहा हूं...मैं चूहा हूं...

    जय हिंद...

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  56. ई तो मन्ने इब खबर लागी के तन्ने वियन्ग भी लिखन आव से. बधाइ को छावड़्यो किते भेजणों है लिख भेज्यो

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  57. अरे वाह समीर जी !
    एकदम मज़ा आ गाया !
    और चरित्र भी ऐसे कि व्यंग्य में और चाँद लगा दिए चार नहीं ८-१० !
    पंडू हवालदार और गंगटोक भैया !
    बहुत मस्त हो गया ये तो !

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  58. बहुत खूब ! कार्यक्रम में 'सच का सामना' कितना सत्य और विश्वसनीय होता था पता नहीं लेकिन आपने सौ टका सच बात कही है ।

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  59. सच में ..सच का सामना करा दिया समीरजी ...वो भी हंसा कर..:-)

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  60. समीर लाल जी आपका व्यंग्य बहुत ही सटीक है!
    बहुत-बहुत शुभकामनाएँ और बधाई!

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  61. वाह क्या व्यंग मारा है कुछ और कागज़ आपने खर्च कर दिये। शुभकामनायें

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  62. जानदार कटाक्ष। क्या कलई उतारी है।

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  63. बढिया लिखा है आपने यह व्यंग ..बधाई जी बधाई ढेरों बधाई

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  64. बहुत बहुत बधाई समीर जी ! 'सच का सामना 'कोई कर नही पाया है पर आपने अपनी लेखनी के द्वारा ये
    कर दिखाया .

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  65. समीर जी, खुबसूरत व्यंग लिखने और उस पर पुरस्कार पाने के लिए मेरी बधाई स्वीकार करे. यह तो मै जानता हूँ की व्यंग लिखना बहुत ही कठिन है लेकिन आपका यह लेख पढ़ कर जो सच का सामना किया वाकई लेखनी ने कमाल कर दिया . मेरी गुफ्तगू में भी आपका स्वागत है.
    www.gooftgu.blogspot.com

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  66. चलो 50 ना सही 25 ही सही मेरा मतलब है लाख । ऐसा सच का सामना हो तो क्या कहने । बढिया ।

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  67. सच पर सच्ची बात लिखी है आपने।
    सम्मान के लिए बधाई।

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  68. आपके इस लेख ने सच का सामना करवा दिया.

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  69. आपकी लेखनी चुराने का मन बना लिया है...संभाल कर रखियेगा...आप तो क्या लिखते हैं वो ही गज़ब लिखवाती होगी आपसे...कहाँ से मिली?
    नीरज

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  70. बहुत अच्छा लगा व्यंग्य.

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  71. भाईसाहब यह तो वह डंडा है जिसके जोर पर गूंगा भी बोलने लगता है ..जय हो..।

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  72. समीर जी
    इतना अच्छा व्यंग लिखेंगे तो जीतना स्वाभाविक है....बधाई क़ुबूल करें. व्यवस्था को रु ब रु करता व्यंग....

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  73. bahut sundar rachna ,,, wakai me poligraph mashin kharab hone par police se sach ugalwane ka tarik to bahut accha hai ,,,, wakai me isse to sach ka samna ho hi sakta hai ,,,

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  74. पुरस्कार के लिए बधाई।

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  75. बहुत ही सुन्‍दरता के साथ व्‍यक्‍त किया सत्‍य को आपने, बधाई के साथ आभार ।

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  76. बहुत-बहुत बधाई, समीर जी.

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  77. समीर जी एक्दम सटीक व्यंग ..मै तो आप को सही भी लिखता हु तो शर्म आती है मुझ जैसे बालक का क्या औकात आपके ब्लाग पर आपके पोस्ट की प्रशंशा करने की!
    बस नमस्कार स्वीकार किजिये
    पंकज मिश्रा

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  78. आपको बधाई हो समीर जी.
    व्यंग्य काफ़ी सुथरा है.

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  79. .... खूबसूरत व्यंग्य ... प्रस्तुति लाजबाव !!!

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  80. लाजवाब, सटीक और समसामयिक!
    मजा आ गया पढ़ कर।

    पुरस्‍कार के लिये बधाई।

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  81. सच का सामना की बेहतरीन व्याख्या... आपको पुरस्कार मिलने पर बहुत-बहुत बधाई..

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  82. यही है सत्य और यही है 'सच का सामना'!!!!
    एकदम वाजिब और स्टीक तंज़ किया आपने लाल साहब।
    यही है आज का परिदृश्य।

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  83. समीर जी,बढिया व्यंग रचना की बधाई और पुरस्‍कार के लिये भी बहुत बहुत बधाई।

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  84. समीर जी, बहुत ही बढ़िया व्यंग्य रचना...बहुत बहुत बधाई....अपनी ही बिरादरी के हो इसलिए अपने ब्लॉग पर आमंत्रित कर रहा हूँ...क्या करूँ आपका व्यंग्य पढ़कर अपने आपको आमंत्रण देने से नहीं रोक पा रहा हूँ...

    एक बात और जो आपको मेरे और करीब ले आई की आप जबलपुर से हैं...और मैं पिपरिया (पचमढ़ी) से...

    मेरा ब्लॉग लिंक है :

    http://dhaighar.blogspot.com

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  85. बहुत अच्छे...

    इसीलिये तो हमारी पुलिस को सच की रखवाली करने का जिम्मा सौंपा जाता है..

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