रविवार, मार्च 08, 2009

आओ, तुम्हें होली खिलवायें..

होली आन पड़ी है.

रंगों का त्यौहार है सो रंग लगाये जायेंगे. मस्ती का मौसम है तो मस्त हो जायेंगे. इस दिन तो ऐसा लगता है कि मानो पीने वालों को ओपन लायसेंस जारी हो गया हो कि भाई, खूब पिओ और जो दिल में आये, सो करो. पुलिस के डंडो की गिनती करना पाप है.

पुलिस मुस्तैद है, क़ानून की रक्षा कर रही है. एक बच्चे के जन्म दिन की पार्टी से लौट रहे थे. पी कर गाड़ी चलाने का इल्ज़ाम लगा दिया गया. होली के समय तो आप दूध पीकर भी गाड़ी चलाइए इल्ज़ाम सेम लगेगा. आप कहेंगे दूध है भाई वो कहेंगे पिया तो है ना, बस बात ख़त्म.

१०० रुपये ढीले गए तो पीना जायज़ ठहराया गया और यह भी बताया गया के शराब पीना तो सरकारी काम है भाई. क्या करें हम घर आये तो यह पोस्ट आटोमैटिक लिख गई भाई और जब लिख गई तो पोस्ट तो करै का पड़ी ना दादू.

१०० रुपये में तीन पैग ..पार्टी में तो फ़्री के थे, बुरे नहीं लगे. आगे से चार पिया करेंगे. सस्ता पड़ेगा. अर्थशास्त्र की तो यही सलाह है.

सबको होली मुबारक!!

सब होली के रंग में डूबे ..क्या शिवजी और क्या फ़ुरसतिया..अरुण पंगेबाज भंग से टन्न है. सफ़ाई पेश करने में जुटे हैं. अब देखो क्या होता है, उन्हें यूँ भी होलिका दहन की आग में प्रहलाद उछालने में ज़्यादा मज़ा आता है रंग खेलने के बनिस्बत. जितना मैं उन्हें जान पाया हूँ, उस आधार पर मैथली जी तो मुझसे एग्री करेंगे ही.

होली पर हमारे शहर का माहौल हमेशा एक अलग रंग में रंगा होता था. लुक़्मान क़व्वाल ज़िंदा थे. शहर उमड़ पड़ता था मोदी बाड़े में होलिका दहन की रात उनकी क़व्वाली सुनने अपनी बोतलों और कबाबी चटखारों के साथ.

अब लुक़्मान तो रहे नहीं, मगर होली फिर भी हर साल आती है और उनकी याद को ज़िन्दा रखे हैं हमारे बवाल भाई, उनके शागिर्द और वसीयतदार. अब तो वही हमारे बीच होते हैं .............. और लुक़्मान चचा की याद ये गाकर दिलाते हैं कि----

कुछ ऐसी तसव्वुर की महफ़िल सजाएँ,
जहाँ हों वहीं से उन्हें खेंच लाएँ


...शायद दो तीन दिन में उनके साथ होली मिलन का कार्यक्रम रखूँ, जो अभी रुपरेखा ले रहा है और आप सब को पेश करुँ उनकी बेहतरीन क़व्वालियों की रिपोर्ट बाक़ायदा सुरा के साथ(मुझे ऐसा लिखने में कोई गुरेज़ नहीं, मुझे पसंद है तो है) जैसा पिछले साल सुनाया था. :) पूना से आज जबलपुर आते ही होंगे और आते ही हमसे ना मिलें तो इत्ते की बात.

खैर, जब सब लिख ही रहे हैं तो होली पर हम क्यूँ न लिखें. क़लम कमज़ोर ही सही, मगर अब है तो ग़लती से हमारे हाथ में. और ना हम बन्दर ना हमारी क़लम उस्तरा.

इसलिये सुनिये यह आल्हानुमा रचना और हो हो करें या हीं हीं..जो भी कीजिएगा, होली की मस्ती में काऊंट होगी, समझे कि नाही .



बड़े सबेरे फ़ुरसतिया जी, हमरे घर पे आ धमकायें
क्यूँ तुम घर पर ही बैठे हो, चलो साथ होली खिलवायें

हम बचने की बात सोचते, वो अँखियन रह रह मिचकायें
और कहें कि भांग पिला कर, सब को जमकर रंग लगायें

ज्ञानदत्त उठ घर से भागे, कहते भंग पचा ना पायें
फ़ुरसतिया तब दौड़े पीछे, टंगड़ी मार दिये गिरवायें

देखें जो भईया को गिरते, शिव बाबू यह सह न पायें
छोड़ के गुझिया वाला ठेला, पिचकारी लै दौड़े आयें

फ़ुरसतिया जी जान बचा कर, छुप बैठें गलियन में जायें
देख तमाशा भीड़ भाड़ कुछ, ब्लॉगर टंकी पर चढ़ जायें

कुछ तो ढ़ूंढ़ रहे हैं उनको, कुश काफ़ी पीकर भरमायें
होली है भई बुरा ना मानें, दिनेशराय जी ये समझायें

सभी मान गये कुश की बतियां, शास्त्री स्नेह सहित मुस्कायें
नीरज बोलें ग़ज़ल सुना कर, मौसम को कुछ बदलें आयें

इन बातों पर कुछ तो बोलें और कुछ चुपै-चुप्पे जायें,
बाकी बचे खड़े सहमे से, सज्जनतावश हैं शरमायें

देख बदलते हवा के रुख़ को, लेडी ब्लॉगर बाहर आयें
स्लोली स्लोली रंग उड़ायें, मौजें ले लेकर मुस्कायें

अरुण अरोरा फिर गुस्से में, सीना ताने सामने आयें
हिम्मत है तो उनको रंग लें, सीधों को ना यहाँ सतायें

भांग पिला लें रंग लगा लें, जब हम अपनी पर आ जायें
नीले-पीले-लाल-गुलाबी, दुनिया भर को हम रंग जायें

कीचड़-गोबर-ग्रीस है संग में, मथुरा की होली खिलवायें
कुर्ता अपना फाड़ फाड़ कर, फ़ोटो हर एंगल खिंचवायें

अरविंद जी इतना सुनकर, कूद सामने मंच पे आयें
नर-नारी विज्ञान की फ़ोटो, सबको तुरत-फ़ुरत भिजवायें

नारी शक्ति जाग रही पर, ताऊ भैंस बने पगुरायें
राज भाटिया लाल बुझक्कड़, बूझ बूझ कर मगज फिरायें

सबको होली बहुत मुबारक, सब मिलकर के पर्व मनायें
प्राण साब हैं साथ में सबके, जो चाहें जी वो लिख जायें

अर्श पटापट ग़ज़लें लिख-कर, छोटी बड़ी बहर समझाएँ
पर्दा-पीछे खड़े सुबीरा, रंग भरी पट्टी पढ़वायें

संजय-पंकज नाच रहे हैं, आर्या जी मेकअप करवायें
क्या केने क्या केने भाया, झूम झूम आलोक भी गायें

अमर डाक्टर खटिया तोड़ें, मौदगिल दाढ़ी ख़ूब खुजायें
भूतनाथ भये आज तो सबरे, होली का मतलब समझायें

मीत-अजीत भी कहते कुछ कुछ, मगर किसी को सुन्नै नायें
मसिजीवी फिर भाँग मसक कर, नीलम नोट पैड संग आयें.

पूजा मैडम डिग्री टाँगे, साथ पल्लवी को ले आयें
रचना जी सब ताड़ रही हैं, नारी को कुछ कह न पायें

रंजू जी भी खड़ी मंच से, प्रीतम दी की कथा सुनायें
पारुल जी गाती मुस्का कर, मीत गीत गंभीर सुनायें

अनिल पुसदकर लोट रहे हैं, पानी पानी वो चिल्लायें,
तिलक की होली हम न खेंले, पाणी बेंगाणी ले आयें

पीडी टांग तुड़ा कर बैठे, सबको अपनी व्यथा बतायें,
आदि की जब बाजे ताली, देख देख सब मन हर्षाये

जज मनीष बैठे कुर्सी पर, गीतों की पयदान बतायें
जाट मुसाफिर के किस्से भी, ठिठक ठिठक सब सुनते जायें

रंग में डूबे ब्लॉगर सारे, क्या मालूम कब क्या कर जायें
इतने सारे लोग जमा हैं, डर है मंच टूट नै जायें

जिसको जो भाये सुन ले, कोई ढपली कोई शंख बजायें
ब्लॉगीवुड की कवरिज करने, टीवी संग अखबार भी आयें

राकेश गीतकार के संग-संग लगे दिगम्बर गाना गायें
भंग चढ़ा कर कविता करने, दुबई तलक भी पहुँचें जायें

चिट्ठाजगत-ब्लॉगवाणी और नारद को कैसे बिसरायें,
जिसमें दर्ज हजारों ब्लॉगर, सब होली के रंग रंगायें.

जितने ब्लॉगर जबलपूर में, उतने किसी सहर में नायें
सबको प्यारे दुनिया भर में, भारत का परचम लहरायें

मिश्रा-मुकुल, डुबे संग शैली, रंगों से आकाश सजायें
पंकज स्वामी ‘गुलुश’- गार्गी, भगवत कथा कहो पढ़ जायें

साज़-प्रेम फ़र्रुख़ाबादी, किसलय से भंगिया घुँट्वायें
विवेक रंजन बिजली का बिल, संजय के घर पर भिजवायें

कृष्णानंन्दं चलते चलते, बात हमारी सुनते जायें
होली में सब बैर भुला दें, प्रेम के रंग में रंग सब जायें

उड़नतश्तरी पर सब बैठें, सुनकर आल्हा घर को जायें
सीमा में जब हों बवाल तो, सब Regards वैसे ही पायें


सभी को होली महापर्व की बहुत बहुत बधाई एवं मुबारक़बाद !!! और हाँ !!! सबको जबरन साधूवाद भी. हा हा. :)

चलते चलते :-

ब्लॉगर बिग बच्चन के पूज्य पिताजी
डॉ. हरिवंशराय ‘बच्चन’ की अमरकृति मधुशाला से ---

एक बरस में एक बार ही, जगती होली की ज्वाला
एक बार ही लगती बाज़ी, जलती दीपों की माला
दुनिया वालों किन्तु किसी दिन, आ मदिरालय में देखो
दिन को होली रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला

(धुरेड़ी के दिन याने ११/३/२००९ को हमें बवाल के संग लाल एण्ड बवाल पर आप सब ज़रूर मिलिएगा, तब तक के लिए ...........जय रंग.......हुड़दंग)

108 टिप्‍पणियां:

  1. आपने तो होली पर ब्लागरो का आल्हा पढ़वा दिया . होली पर्व की आपको व परिजनों को हार्दिक शुभकामना .

    समयचक्र: रंगीन चिठ्ठी चर्चा : सिर्फ होली के सन्दर्भ में तरह तरह की रंगीन गुलाल से भरपूर चिठ्ठे

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  2. इन सब की देख होली हम जैसे ताली बजाए

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  3. बेनामी3/08/2009 09:30:00 pm

    होली की बधाइयाँ. कविता आपने अच्छी रची.

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  4. आल्हा तो सुना है वीर-रस में प्रयुक्त होता है। होली की मस्ती में आल्हा...यह तो शिराओं में खून उबालने के काम आता है. खैर पोस्ट मजेदार है और हम कव्वालियों की रिपोर्ट का इंतज़ार करेंगे।

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  5. बेनामी3/08/2009 09:53:00 pm

    होली की शुभकामनायें, होली के साथ साथ आप छुट्टी पर भी हैं तीन चार क्या पाँच पीजिये। वैसे देख रहे हैं इंडिया क्या पहुँचे आप पड़ोसियों को भूल रहे हैं। कविता कविता में ब्लोगरों के साथ जमकर होली खेल दिये आप भी।

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  6. बेनामी3/08/2009 10:15:00 pm

    उड़नतश्तरी पर सब बैठें, सुनकर आल्हा घर को जायें
    सीमा में जब हों बवाल तो, सब Regards वैसे ही पायें
    kya bbaat hai,holi sare bloggers ki:)bahut mast.

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  7. वाह आल्हा रचना पढ़कर तो मजा आ गया पढ़ते वक्त अपने आप मुंह से ही ही हूँ हूँ निकल ही गयी |
    होली की रंग बिरंगी शुभकामनाये !

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  8. बेनामी3/08/2009 11:14:00 pm

    होली की शुभकामनाऐं...

    रंग जम गया होली का.. आपकी कविता के साथ..

    बधाई

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  9. "अरे वाह....आज तो मजा ही आ गया, ब्लागर होली तो यहाँ ऐसे धूम मचा गयी..की क्या कहें....... होली के मजेदार रंग बिखरे हैं. यहाँ ...आपको होली की शुभकामनाये "

    Regards

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  10. बेनामी3/08/2009 11:38:00 pm

    "ग्वारी घाट में भैठा सुब्रम समीरलाल को तेल लगाये" होली है !

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  11. आल्हा की रचना के लिये धन्यवाद ।
    होली की शुभकामनायें ।

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  12. अर्श पटापट ग़ज़लें लिख-कर, छोटी बड़ी बहर समझाएँ
    पर्दा-पीछे खड़े सुबीरा, रंग भरी पट्टी पढ़वायें

    समीर जी नमस्कार,
    मेरे बारे में इससे बेहतर और क्या हो सकता है के मेरे साथ मेरे गुरु जी का नाम आगया .. धन्य हो गया प्रभु मुझे अपने ग़ज़ल में जगह देने और शामिल करने के लिए... आपको तथा आपके पुरे परिवार को होली की ढेरो शुभ कामानाये ....

    आपका
    अर्श

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  13. हा-हा-ही-ही :)

    अरे आप ने हमें तो भुला ही दिया । खैर कोई बात नही भांग और peg का मिला-जुला नशा चढ़ गया लगता है । :)
    बुरा न मानो होली है ।

    आपको और आपके परिवार को होली मुबारक ।

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  14. समीर भैया, ई हुई बडकी होली विद आल्हा. गजब कर दिए गजब. अब तो लाल और बवाल पर मिलेंगे.
    होली की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  15. बेनामी3/09/2009 12:19:00 am

    होली मुबारक!

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  16. अरे भाई, होलिया दिया आपने तो. मबा ही मज़ा आया और खूब रंग जमा दिया.
    बस हमें ही भूल गये. खेर गजनी का असर अभी दिख रहा है. कोई बात नहीं हमारी तरफ से भी होली की शुभकामनाये

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  17. बहुत खूब .... होली की बहुत-२ बधाइँया !!

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  18. बहुत बढ़िया पहले कुश और आज आप होली के हर रंग का भरपूर मजा लिया इस बार .आपको भी होली की बहुत बहुत बधाई

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  19. इसके लिए तो आपको सौ नंबर

    देखें जो भईया को गिरते, शिव बाबू यह सह न पायें
    छोड़ के गुझिया वाला ठेला, पिचकारी लै दौड़े आयें


    वैसे बात तो ये भी दमदार है कुछ तो ढ़ूंढ़ रहे हैं उनको, कुश काफ़ी पीकर भरमायें ख्याल रखेंगे अब तो भरमाएँगे नही आगे से..

    होली की शुभकामनाए जी

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  20. आप ने तो बहुत ही होलीमय पोस्ट लिखी है..
    और कहते हैं कलम कमजोर है!

    क्या बात है!
    उड़नतश्तरी पर सब बैठें, सुनकर आल्हा घर को जायें
    सीमा में जब हों बवाल तो, सब Regards वैसे ही पायें '

    होली की ढेरों शुभकामनाएं!

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  21. समीर लाल जी अपनी अदा से..
    सब ब्लॉगर को होली खिलवायें.....
    शोभित बेचारा झरोखे से झांके...
    अपना नाम कहीं ना पाए.....

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  22. :) :) होली पर आपको सपरिवार शुभकामना...!

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  23. भई क्या केने क्या केने

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  24. धांसू, मस्त होली खिलवा दी आपने तो।

    होली की बधाई व शुभकामनाएं

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  25. होली की मस्ती में आल्हा ... पर अच्‍छा रहा ... होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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  26. बेनामी3/09/2009 02:36:00 am

    बधाई आपको भी होली की।

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  27. सब की सही नस जो सटके, वह है समीर लाल!
    बहुत खूब पोस्ट!

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  28. बेनामी3/09/2009 02:49:00 am

    रचना जी सब ताड़ रही हैं, नारी को कुछ कह न पायें
    holi par yaad rakha apnaae bas yahii kafi haen aur aap par sae nazar hatana bhi chahaey to jaraa mushkil hii hota haen focus sae aap out of focus nahin ho pattey ishvariyae kripaa haen aap par ham kyaa haen chhoti see kaya hamari log ignore kartey haen so ham nariyaatey haen
    holi ki shubhkamana bhabhi aur bachcho ko , is varsh tyo ek putri kae pita bhi aap bangaye haen ab is umr mae aap pita ban gaye haen so ek baar puneh badhaaii , holi haen bura naa maney

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  29. क्या खूब ...! इस बार की होली कहर ढायेगी !
    रंग बरसे सारी दुनिया में जबलपुर गिरयो भंग गोला घहराय
    बवाल मच गयो सब ओरियाँ और सन सन समीर बहत बा भाय
    नर नारी कुछ ना समझे सब रही एकता जब गरुआई
    भगई भगवा छोडके भागे अब तो जान बचत न भाय
    ........................

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  30. समीर सर...
    क्या जबरदस्त रंगारंग पोस्ट पेश की है आपने सच में बहुत बेहतरीन... दिल रंग गया आपके रंग में...
    आपको होली की ढेरों शुभकामनाएं...
    मीत

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  31. पढ़ कर मज़ा आ गया, सच में अगर पी ली होती तो पढ़ तो नहीं पता, तब कोई सुनाने वाला चाहिए था.
    पिए हों के हालत देखने, पढने , सुनने में कितने हास्यास्पद बन जाते हैं यह जानते हुए भी लोग पीते है तो लगता है कि वह एक महँ कार्य कर रहे हैं इस व्यस्त दुनिया में खुद को हास्यास्पद बना कर दूसरों को हसने का मौका प्रदान कर रहे हैं. साधुवाद ऐसे महान आत्माओं को.

    चन्द्र मोहन गुप्त

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  32. Apne to holi ka rang jama diya...

    Holi ki aapko bhi shubhakaamnaye...

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  33. गजब का लिखा है भाई...मान गए...
    आपको होली की शुभकामनाएं.
    नीरज
    हा हा हा हा हा..... ही ही ही ही ही....... हो हो हो हो हो .....होली है...

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  34. आज तो होली के आल्हा मे कोई भी नही बचा और बच्चन साहब की कालजयी कृति की चार लाइने आखिर मे जोड कर होली का रंग बढा दिया.

    एक बरस में एक बार ही, जगती होली की ज्वाला
    एक बार ही लगती बाज़ी, जलती दीपों की माला
    दुनिया वालों किन्तु किसी दिन, आ मदिरालय में देखो
    दिन को होली रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला

    मन्नाडे साहब की आवाज कानों मे गुंजने लग रही है.

    आपका लाल एंड बवाल कम्पनी के होली आयोजन की अग्रिम शुभकामनाएं और हां अगर हो सके तो उसके पाडकास्ट की भी व्यवस्था की जाये.

    रामराम.

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  35. मजेदार, होली की आप को भी ढेर सारी शुभ कामनाएं

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  36. वाह जी क्या बात हैं होली के रंग से सब ब्लोगर को रंग दिया। अच्छा लगा पढकर। आप और आपके परिवार को रंगो की होली मुबारक।

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  37. खूब बढियां, समीर चचा. होली मुबारक. यहाँ तो उलटा हो रहा है. बच्चों को छोड़ दिया और बुढउ सब उड़नतश्तरी पर बैठे हैं. होलिया में बुढवो जवान!!! हम भी उड़नतश्तरी पर बैठेंगे.
    एकाध आल्हा बच्चा पार्टी के लिए भी लिख दीजिये.

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  38. बवाल रिपोर्टिंग सर, टुनाइट। हा हा पूना से लौटते ही अपने आपको सीमा जी के साथ आपकी साइट पर पाया । हा हा बिल्कुल बवाल सीमा में ही होगा और रिगार्ड्स भी पक्का है! क्या ग़ज़ब की पोस्ट मारी सर ! अहा ! और हमारा प्रोग्राम वोग्राम तो आप पहले ही सैट कर लिए। अब हमारे पास कोई चारा कहाँ, सिवा गाने के। हा हा हा । आता हूँ थोड़ी देर में वो कौन सा वाला दूध बता रहे थे ना जो फ़ुहारे पे मिलता है (भंग वाला), पीने के लिए। वहीं से बड़्कुल के यहाँ निकल भगेंगे। डिनर में आज सिर्फ़ चाट ही खाई जाएगी सिविक सेंटर में। तैयार रहियो।

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  39. मौज-मौज में उड़न तश्तरी सबको लपेटे जाएं....
    होली मुबारक।

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  40. चहुँ दिसि भंग रंग हुडदंग,
    हम हैं देख देख कर दंग...

    आल्हा में सबको पिरो खूब रंग जमाया आपने.....
    रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं....

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  41. गजब लिखा है,
    आपको होली की शुभकामनाएं.

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  42. इस सममिश्रित रचना का तो जवाब नहीं,
    रंगों के त्योहार होली पर आपको एवं आपके समस्त परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ

    ---
    चाँद, बादल और शाम
    गुलाबी कोंपलें

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  43. बहुत खूब रही यह पोस्ट.. आपने तो पूरे हिन्दी ब्लॉग संसार की अटेंडेंस ही ले ली.. अगर किसी को हिन्दी ब्लॉग लिक्खाड़ों की सूची बनानी हो तो यह पोस्ट महान संदर्भ ग्रंथ का काम करेगी.. एक भी नाम नहीं छूटा है .. आपको होली की ढेरों शुभकामनाएं...

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  44. वाह जी वाह....क्या होली गान लिखा है आपने! होली बहुत बहुत मुबारक...

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  45. ये ल्लो अंकल, इतने बड़े आल्हा में "फ़ुरसतिया" चार बार और हमारा ज़िक्र तक नहीं… अच्छी औकात दिखाई है आपने हमारी… :) :) इसके विरोधस्वरूप हम दो दिनों तक हिन्दुत्व की कोई बात नहीं करेंगे… :) इस गम को भुलाने के लिये अब उज्जैन की भांग का ही सहारा है…

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  46. बेनामी3/09/2009 09:04:00 am

    आपको होली की बहुत - बहुत बधाईयाँ ...................

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  47. आपको होली की बहुत - बहुत बधाईयाँ .....

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  48. आपको होली की बहुत - बहुत बधाईयाँ ...................

    जवाब देंहटाएं
  49. आल्हा पर हा हा ही चलेगा
    ही ही की क्या जरूरत ?

    फाग सुनाते
    भांग पिलाते
    सब रम जाते
    कूद कूद हुड़दंग मचाते ,
    कुर्ता अपना फाड़ फाड़ कर,
    चश्मा(आप् का )छीन
    दफा हो जाते !
    हा हा ... हा ... हा !

    प्रिय समीर जी,
    आपको तथा आपके पूरे परिवार को होली की ढेरो शुभ कामानाये ....

    आपका

    मवार्क

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  50. इक लाठी से सबको हांके उड़नतश्‍तरी उड़ उड़ जाये
    समीर जी की पोस्‍ट लगे तो टिप्‍पणियां भर भर आये
    होली की शुभकामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को ।

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  51. dher dher rang mal lo apne galon pr. holy ki shubh kamnain.

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  52. समीर भाई
    होली के अवसर पर इतनी लम्बी कविता
    ब्लॉग जगत के लोगन की कर दी खड़ी सब खटिया

    मजा आ गया, होली पर आप तो अपने देश में हो और मैं अभी एरिजोना, आया हुवा हूँ और नलके के नीचे ही होली का मज़ा लूँगा,

    आपको और आपके परिवार को होली की शुभ कामनाएं

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  53. डैंज़रज़ोन वाला मामला है यह तो. सब नशेड़ी मंडली गठित कर ली आपने।

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  54. होली की बहुत-२ बधाइँया |आप ने,हमें तो भुला दिया |

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  55. तीन पेग फ्री पर देने पडे़ पुलिस को सौ रुपये!! यही तो होता है कि नशे में सूझता नहीं, भई, उडन तश्तरी की बजाए कार से क्यॊं ट्रेवेल किया?:):) होली की अनेकानेक बधाइयां॥

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  56. कमाल के लाल हैं आप तो,
    विदेश में भी बैठे बैठे होली खेल रहें हैं सबसे.
    हम तो पूरा रंगा गए.

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  57. आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
    बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है

    अजी हमारे यहां एक पेग ही काफ़ी है .... चलिये हमारे हिस्से की भी होली मना कर आये.आल्हा बहुत प्यारा लगा.
    धन्यवाद

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  58. बढिया हुडदँग मचायी समीर भाई
    महिला दिवस व होली पर्व की
    सपरिवार शुभकामनाएँ आपको
    स्नेह,
    - लावण्या

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  59. मधुर रस और रंग से भरपूर होली मुबारक हो...

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  60. भई समीर जी,कमाल है! आप अपनी कलम को कमजोर बता रहे हैं,जबकि मेरे विचार से तो आपको इस कलम का बीमा करवा लेना चाहिए....अजी क्या पता,कब किसकी नीयत खराब हो जाए..)

    आपको सपरिवार होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाऎं.......आगामी पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी

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  61. आपको व परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .

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  62. वाह समीर जी क्या आल्हा लिखा है...सरे ब्लोग्गेर्स को निपटा दिया एक ही कविता में :) और जिस होली में भागम भाग टांग तोड़ न हो तो होली क्या...हाँ हमें टंकी पर चढ़े लोगों से डर लग रहा है, कहीं टंकी में रंग तो नहीं मिला रहे हैं? बहुत मज़ा आया आपकी इस पोस्ट में...बहुत साधुवाद आपको इस रचना मिल लिए ;) होली की ढेरों रंग भरी शुभकामनाएं

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  63. रंगीन पोस्ट है जी
    अमर डाक्टर खटिया तोड़ें, मौदगिल दाढ़ी ख़ूब खुजायें
    आपको भी होली मुबारक हो.....

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  64. बेनामी3/10/2009 03:23:00 am

    wah janaab yaad karne ko hloi mili to de maari na pichkaari

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  65. होली के शुभ अवसर पर,
    उल्लास और उमंग से,
    हो आपका दिन रंगीन ...

    होली मुबारक !
    'शब्द सृजन की ओर' पर पढें- ''भारतीय संस्कृति में होली के विभिन्न रंग''

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  66. होली की शुभकामनायें !

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  67. समीर भाई आपको व आपके पूरे परिवार को होली की बधाई....अब पूरे एक महिने बाद ही मिलना होगा...तब तक के लिये नमस्कार।

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  68. Sameer ji,
    Wish you too and your beloved family a very happy Holi.
    your post always refreshes me.you always carry through your whole post a sense of humour. This is beauty of your style. once again wish you hangamedaar masti bhari Holi.

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  69. होली की रंगकामनायें

    सिर्फ आपके लिए ही नहीं

    सब टिप्‍पणीकारों के लिए भी हैं यहीं

    जब सब सारे यहीं पर हैं तो
    हम कहीं और क्‍यूं कर तलाशें

    यहीं पर क्‍यों न मारें
    रंग रंग के भर भर बताशे

    (गुब्‍बारों पर रोक है इसलिए बताशे दिए ठोक हैं)

    कानून से बचने के लिए

    यही जुगाड़ है

    वरना होली में क्‍या है

    सब कबाड़ है।


    पर कोई किवाड़ बंद न करे

    दिल के सभी किवाड़ खोले

    अपना अपना मनवा टटोले

    मैलमन मल कर के हंसी जोक से धो लें

    इसे पढ़ कर सब बारी बारी से जाएं

    ब्‍लॉगवाणी के एक पेज पर जितनी पोस्‍टें पाएं

    सभी पर टिप्‍पणी लगाएं और पसंद चटकाएं

    इसी तरह होली पर दीपावली

    दीपावली पर होली

    और गोली देने की कला में माहिर हो जाएं।

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  70. समीर भाई को तथा उनके समस्तपरिजनो को मेरी ओर से होली की हार्दिक शुभकामनाएं। और होली पर समीर भाई की ये पोस्ट तो वाकई रंग बिरंगी और मज़ेदार लगी।

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  71. रंगपर्व पर आपको, आपके प्रियजनों को हार्दिक शुभकामनाएं.

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  72. गजब कर गए बड़े भाई .... बस कमाल .. होली मुबारक़ हो सरकार .....

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  73. खूब रंग बिखेरा आपने अपने अंदाज में होली की शुभकामनाऐं...

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  74. आस थी जिससे उस के अफ़साने में मेरा नाम न था
    अब तो लगता है इस जमाने में मेरा कोइ काम न था ......


    आपको तथा आपके परिवार को होली की शुभकामनाएं. ईश्वर आपके जीवन में उल्लास और मनचाहे रंग भरें

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  75. मजेदार, होली की आप को भी ढेर सारी शुभ कामनाएं

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  76. श्रीमान, पहले तो आपको और आपके तमाम पाठकों को मेरी तरफ़ से होली की प्रेमपूर्वक शुभकामना। होली के रंग बदल रहे है और शहरों में होली के तरीके बदल रहे हैं लेकिन अज भी होली के नाम पे एक बहुत अच्छी फीलिंग आती है जो हमेशा मुझे १०-१२ साल पुराने वक्त में ले जाती है। खैर,

    हिन्दी के ब्लोग्स तो बहुत सारे हैं लेकिन आपका ब्लॉग पढ़ कर बहुत आनंद आया। बहुत कम ही ब्लोग्स ऐसे हैं जहाँ लिखने में कुछ तत्व है और लेखनी का भाव है। जरी रखिये। बड़ी उम्मीदें है आपके लेखन से.

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  77. बेनामी3/11/2009 12:28:00 am

    रंगों की भांति आपने ब्लॉगों को भी होली के पर्व पर एक दूसरे में रमा दिया...पढ़कर अच्छा लगा..

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  78. बेनामी3/11/2009 03:24:00 am

    अच्छा कार्टून लगा रखा है आपने आपना :)
    होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  79. आपको एवम आपके परिवार को इष्ट मित्रों सहित होली की हार्दिक बधाई और घणी रामराम.

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  80. तरही मुशायरे में मज़ा आगया... आप सभी गुनी जानो के साथ... आपको तथा आपके पुरे परिवार को भी मेरे तरफ से होली की ढेरो बधाईयाँ और शुभकामनाएं...

    अर्श

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  81. धन्यवाद , होली की आपको बहुत-बहुत बधाई
    शुभकामनाओं सहित

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  82. अरे वाह, आप तो छा गये।

    होली की हार्दिक शुभकामनाऍं।

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  83. श्रीमान जी होली पर अच्चा ब्लॉग पुराण है .
    होली के पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  84. श्रीमान जी होली पर अच्चा ब्लॉग पुराण है .
    होली के पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।

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  85. बेनामी3/12/2009 07:18:00 am

    belated holi wishes...
    nice to go through your blog.. which typing tool are you using..?
    recently i was searching for the user friendly Indian language typing tool and found ..." quillpad ".

    do you use the same..? heard that it is much more superior than the Googl's indic transliteration...? let me know your opinion about the same...

    www.quillpad.in

    keep writing

    Jai...Ho..

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  86. आल्हा पढ़कर मजा आ गया. बहुत अच्छे से बन्दर की स्टोरी सुनवाई है. बधाई और ब्लॉग पर भी होली मुबारक.

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  87. आपकी रचना हमेशा की तरह मजेदार रही. होली की बधाई और शुभकामनायें.

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  88. बेनामी3/12/2009 10:12:00 am

    देखा है मैंने एक उड़नतश्‍तरी को उड़ते हुए
    बिना रंग लिए संग, सबरंग उड़ेलते हुए
    प्रतीक्षा के उपर से गुजरे बिना प्रतीक्षा किए
    नीचे हम रंग की प्रतीक्षा में खड़े सब बी ए।

    बी फॉर बिग या बच्‍चन
    ए फॉर अमिताभ या अभिषेक

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  89. बहुत उड़ने लगे हो भईया....तनी संभल कर हो....आसमान में भी फिसलन होती है....इसलिए हमरी मानो तो फटाफट हमरे साथ होली-हाली मना लो....वरना भाभीजी से शिकायत कर देंगे.....!!

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  90. भाई समीर जी
    एक सुन्दर , अपनत्वमय,स्वस्थ्य पोस्ट के माध्यम से सबका दिल जीत लिया.
    आल्हा के रूप में होली कि शुभ कामनाएं देने का तरीका भी अच्छा लगा . चूंकि मैं जबलपुर का ही हूँ, इस लिए सारे जबलपुरियों का नाम देख कर मुझे कुछ अधिक ही आनंदानुभूति हुई.
    मेरी भी आपको , आपके परिवार को एवं हमारे समस्त ब्लॉगर बंधुओं को होली कि मंगल भावनाएं.
    - विजय

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  91. बहुत देर लगी यहाँ तक पहुँचने में और बहुत अच्छी रचना पढ़ने को मिली आभार...

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  92. देर से ही सही हमने भी आज होली खेल ही ली, बहुत रंगीन !

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  93. बेनामी3/19/2009 06:10:00 am

    वाह!

    वैसे 100 रूपए गए तो अफ़सोस न मनाईये, यह सोचिए कि आखिर उन पुलिस वालों को भी तो बोतल का इंतज़ाम करना था, आप तो पार्टी से फोकट में पीकर आ गए लेकिन उनको तो किसी पार्टी का न्यौता नहीं था, सो खुद ही जुगाड़ करना था उनको! :D

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  94. क्या लिखा आपने उंगलिया खिल गयीं ,
    जिस तरफ देखिये मस्तियाँ छा गयीं |
    सबके -चेहरे हमेशा रहें आँख में ,
    और इस तरह एक नयी सर्जना बन गयी
    ||
    आपकी इतनी विस्तृत सृजन शीलता को प्रणाम .

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