कई ब्लाग हिंदी मे देख कर मन किया कि मेरा भी एक ब्लाग होना चाहिये. अब लिखूँ क्या...सोचा जहाँ तक मन की उडान जायेगी, वहाँ तक लिखता जाऊँगा और नाम रखा उडन तश्तरी. बस लिखने लगा अपने एक मित्र के बारे मे और लिख रहा था लिख रहा था... मगर ज्यादा ही लम्बा लिख गया, अब तो मेरी लेखनी आपको पढना ही पडेगी.
यह टिप्पणी करके मैं आपका पहला टिप्पणीकर्ता बन गया! प्रयास बहुत दूर तक निकल चला है! तश्तरी ऐसे ही उड़ती रहे!
जवाब देंहटाएंयह टिप्पणी करके मैं आपका दूसरा टिप्पणीकर्ता बन गया हूँ ! प्रयास कई मंज़िलें ऑलरेडी तय कर चुका है! ऊड़न तश्तरी ज़िंदाबाद !
जवाब देंहटाएंaaj bhi aapko padh rahe hain.......
जवाब देंहटाएंaage bhi padhte rahenge:)
जवाब देंहटाएंदेखिये मै आपका पांचवां टिप्पणीकर्ता बन गया हूँ ... 2006 से अनवरत ब्लॉग लेखन और हिंदी सेवा के लिए आपको साधुवाद और नमन...
जवाब देंहटाएंदद्दा
जवाब देंहटाएंहमहूँ भी लेन में लग जाते हैं ........ रोल न. आप खुदे दे देना.