tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post7867827456589318160..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: वो हमसफर था....Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger52125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-63645505966842888712012-09-03T03:58:03.867-04:002012-09-03T03:58:03.867-04:00
बहुत सुंदर.... कुछ ही दिन से आपके ब्लॉग का फॉलोअर...<br />बहुत सुंदर.... कुछ ही दिन से आपके ब्लॉग का फॉलोअर बना हूं...। बहुत ही उम्दा लिखते हैं आप...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04648253266080959657noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-37137014750512696802012-08-30T12:14:42.717-04:002012-08-30T12:14:42.717-04:00वह गज़ल घर आने के बाद जरूर सुन ली होगी किसीने ।
सै...वह गज़ल घर आने के बाद जरूर सुन ली होगी किसीने ।<br />सैन फ्रांसिस्को का आपका सुहाना सफर खत्म हुआ पर घर वापसी की खुशी भी तो है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-21060384324313584232012-08-28T23:31:10.868-04:002012-08-28T23:31:10.868-04:00लखनऊ सम्मान मुबारक !ब्लोगर धर्म मुबारक !इत्तेफाक ह...लखनऊ सम्मान मुबारक !ब्लोगर धर्म मुबारक !इत्तेफाक है समीर लाल जी ,सैन -फ्रांसिस्को ,टोरोंटो दोनों ही बारहा देखें हैं पहले में जन समुदाय दिखलाई दिया था मुम्बई के सी लिंक सा "गोल्डन गेट ब्रिज ", यहाँ मिशिगन के कैंटन के बरक्स ,वो जनसंकुलता मुंबई की याद दिला गई ,शहर के बीचों बीच से गुज़रती लोकल और टोरोंटो उसकी तो विशालता का ज़वाब ही नहीं ,फैलाव ही फैलाव हर तरफ और वो मेट्रो का शांत सफर ,हर डब्बे में गार्ड कंडक्टर देखता हुआ सब चढ़ गए भाई सुरक्षित ,दिल्ली मेट्रो की तरह यहाँ रोशनियों की चकाचौंध नहीं थी बस ज़रुरत भर की ट्यूब लाइटें थीं .हम एक गरीब देश हैं जहां शायद चकाचौंध ही आकर्षित करती है आम आदमी को जिसकी जेब में हमेशा कोंग्रेस का हाथ पड़ा रहता है .कभी नरेगा ,कभी मरेगा .पटरानी सब करती धरती है इस रिमोटिया सरकार का .आपका संस्मरण पढ़ मैं भी रौ में बहता कुछ लिख ही गया यह आपकी रचनात्मकता का ही प्रताप है .खरबूजे को देख के खरबूजा रंग बदलता है .इति केंटन के प्रणाम !<br />ब्लोगर सम्मान मुबारक !<br />बुधवार, 29 अगस्त 2012<br />मिलिए डॉ .क्रैनबरी से<br />मिलिए डॉ .क्रैनबरी सेvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89841977631099863772012-08-28T23:29:59.756-04:002012-08-28T23:29:59.756-04:00लखनऊ सम्मान मुबारक !ब्लोगर धर्म मुबारक !इत्तेफाक ह...लखनऊ सम्मान मुबारक !ब्लोगर धर्म मुबारक !इत्तेफाक है समीर लाल जी ,सैन -फ्रांसिस्को ,टोरोंटो दोनों ही बारहा देखें हैं पहले में जन समुदाय दिखलाई दिया था मुम्बई के सी लिंक सा "गोल्डन गेट ब्रिज ", यहाँ मिशिगन के कैंटन के बरक्स ,वो जनसंकुलता मुंबई की याद दिला गई ,शहर के बीचों बीच से गुज़रती लोकल और टोरोंटो उसकी तो विशालता का ज़वाब ही नहीं ,फैलाव ही फैलाव हर तरफ और वो मेट्रो का शांत सफर ,हर डब्बे में गार्ड कंडक्टर देखता हुआ सब चढ़ गए भाई सुरक्षित ,दिल्ली मेट्रो की तरह यहाँ रोशनियों की चकाचौंध नहीं थी बस ज़रुरत भर की ट्यूब लाइटें थीं .हम एक गरीब देश हैं जहां शायद चकाचौंध ही आकर्षित करती है आम आदमी को जिसकी जेब में हमेशा कोंग्रेस का हाथ पड़ा रहता है .कभी नरेगा ,कभी मरेगा .पटरानी सब करती धरती है इस रिमोटिया सरकार का .आपका संस्मरण पढ़ मैं भी रौ में बहता कुछ लिख ही गया यह आपकी रचनात्मकता का ही प्रताप है .खरबूजे को देख के खरबूजा रंग बदलता है .इति केंटन के प्रणाम !<br />ब्लोगर सम्मान मुबारक !<br />बुधवार, 29 अगस्त 2012<br />मिलिए डॉ .क्रैनबरी से<br />मिलिए डॉ .क्रैनबरी सेvirendra sharmahttp://veerubhai1947.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-86520245457190189452012-08-28T23:13:16.130-04:002012-08-28T23:13:16.130-04:00लखनऊ सम्मान मुबारक !ब्लोगर धर्म मुबारक !
बुधवार, 2...लखनऊ सम्मान मुबारक !ब्लोगर धर्म मुबारक !<br />बुधवार, 29 अगस्त 2012<br />मिलिए डॉ .क्रैनबरी से<br />मिलिए डॉ .क्रैनबरी सेvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-5659616256793287912012-08-28T10:21:34.153-04:002012-08-28T10:21:34.153-04:00सैन-फ्रैंसिस्को हो कि टोरंटो -सबसे ख़ूबसूरत है वर्...सैन-फ्रैंसिस्को हो कि टोरंटो -सबसे ख़ूबसूरत है वर्तमान।। जो अवचेतन मन से जीकर भी दुनिया की ख़ूबसूरती देखता-दिखाता है,उसका चेतन मन स्वर्ग भी उतार सकता है धरा पर!कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-29483593573250836432012-08-28T05:00:27.516-04:002012-08-28T05:00:27.516-04:00लखनऊ सम्मेलन में आपसे मिलने का सुयोग नहीं बन पाया।...लखनऊ सम्मेलन में आपसे मिलने का सुयोग नहीं बन पाया। ज़रूर अपरिहार्य कारण रहे होंगे।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-42643127457630130202012-08-21T21:12:09.771-04:002012-08-21T21:12:09.771-04:00...और हां, आपकी इस विशद यात्राओं के बारे में विस्......और हां, आपकी इस विशद यात्राओं के बारे में विस्तार से जानने की आतुरता तो रहेगी ही।<br /><br />............<br /><a href="http://ts.samwaad.com/2012/08/mahamahim-rajyapal-ji-ka-sandesh.html?m=1" rel="nofollow">डायन का तिलिस्म!</a><br /><b><a href="http://za.samwaad.com/2012/08/discover-and-share-with-3mik.html" rel="nofollow">हर अदा पर निसार हो जाएँ...</a></b><br />Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91314624924135297572012-08-21T07:25:25.665-04:002012-08-21T07:25:25.665-04:00मेरे हमसफ़र साथ दे क्या ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं स...मेरे हमसफ़र साथ दे क्या ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं सात में साफसुथरा आलेख भी ,शुक्रियारफत आलमhttp://rafatalam.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-24454724245447297602012-08-21T07:24:19.320-04:002012-08-21T07:24:19.320-04:00मेरे हमसफ़र साथ दे क्या ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं स...मेरे हमसफ़र साथ दे क्या ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं सात में साफसुथरा आलेख भी ,शुक्रिया रफत आलमhttp://rafatalam.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91360708255273974972012-08-15T11:43:41.950-04:002012-08-15T11:43:41.950-04:00चढ़ने का कष्ट उतरने के एहसास से मिट जाता है। उतरना...चढ़ने का कष्ट उतरने के एहसास से मिट जाता है। उतरना पक्का हो तो यह एहसास हो ही जाता है। जहाँ उतरने का कोई ठिकाना ना हो बस चढ़ते ही चले जाना हो, मंजिल का पता न हो, वो मुसाफिर क्या करे?देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-48625655708334340582012-08-15T05:14:34.170-04:002012-08-15T05:14:34.170-04:00sundar...sundar...kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-22569654098698448542012-08-15T04:04:35.370-04:002012-08-15T04:04:35.370-04:00वाह!सुन्दर।वाह!सुन्दर।दिनेश शर्माhttp://www.phalgutirth.co.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-56240617538851588782012-08-14T06:59:26.747-04:002012-08-14T06:59:26.747-04:00Home coming!
बढ़िया बढ़िया! :)Home coming!<br />बढ़िया बढ़िया! :)Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-54063748427850198042012-08-13T10:54:31.820-04:002012-08-13T10:54:31.820-04:00जिंदगी का सफर यूं ही कटता रहता है सालों का पता नही...जिंदगी का सफर यूं ही कटता रहता है सालों का पता नही चलता फिर 4 महीने तो यूँ ही फुर्र हो गये होंगे । मिलने की खुशी है तो जुदाी का गम भी है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-68506248363874543282012-08-13T07:30:51.638-04:002012-08-13T07:30:51.638-04:00Sundar bhaav...
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कितनी बदल रही है हिन...Sundar bhaav...<br /><br />............<br /><b><a href="http://za.samwaad.com/2012/08/old-and-new-hindi.html" rel="nofollow">कितनी बदल रही है हिन्दी !</a></b><br />Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-86979651281413275322012-08-13T05:11:48.899-04:002012-08-13T05:11:48.899-04:00Zindagi ke kitne hi fasane yunhi kuchh uljhe, kuch...Zindagi ke kitne hi fasane yunhi kuchh uljhe, kuchh suljhe, kuchh to kuchh batate aur kuchh kuchh sikhate.. Yahi to hain jinke sahare jiya jaata hai..<br />Nadeem Quamarhttp://www.kotuhal.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91578533015118882472012-08-13T03:06:35.208-04:002012-08-13T03:06:35.208-04:00जिन्दगी ठहरती कब है?
सफर यूँ ही चला करता है.
कुछ ...जिन्दगी ठहरती कब है?<br />सफर यूँ ही चला करता है. <br />कुछ मिल कर बिछुड़ जाते हें <br />और कुछ बिछुड़ भी यादों में ठहर जाते हें.<br />वैसे घर तो वह जगह है, <br />जहाँ कहीं से आओ पनाह मिल जाती है.<br />फिर फुरसत में गुजरी बातें याद आती हें.<br />-- रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-75929977723065157072012-08-11T10:10:02.505-04:002012-08-11T10:10:02.505-04:00अपना घर अपना ही होता है ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुतिअपना घर अपना ही होता है ..<br />बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1482415309672254462012-08-11T06:43:49.811-04:002012-08-11T06:43:49.811-04:00SWAAGAT HAI .SWAAGAT HAI .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-66188282292886125332012-08-11T06:40:19.606-04:002012-08-11T06:40:19.606-04:00सच ज़िन्दगी है ही ऐसी .......सच ज़िन्दगी है ही ऐसी .......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-32070405822718442342012-08-11T01:21:37.993-04:002012-08-11T01:21:37.993-04:00अलविदा...कहने का समय नहीं है...दोस्त...ये गया वक्त...अलविदा...कहने का समय नहीं है...दोस्त...ये गया वक्त नहीं है जो दुबारा ना मिल सके...जब चाहेंगे आप फिर उन वादियों में पहुँच सकते हैं...वेलकम बैक...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-59645886382901084002012-08-10T15:19:11.635-04:002012-08-10T15:19:11.635-04:00अपने घर को छोड़ना और फ़िर अपने घर आना...
एक कड़...अपने घर को छोड़ना और फ़िर अपने घर आना... <br />एक कड़वा अनुभव- एक मीठा अनुभव...<br />वो हमसफ़र - मेरे घर का यादों में मेरे साथ चलते जाना...<br />एक कड़वा अनुभव- एक मीठा अनुभव...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-30517437559452840692012-08-10T11:08:37.988-04:002012-08-10T11:08:37.988-04:00sanjeev@3mik.com is correct email.sanjeev@3mik.com is correct email.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-38466270879050248562012-08-10T08:01:55.367-04:002012-08-10T08:01:55.367-04:00आज बिछड़े हैं कल का डर भी नहीं,
ज़िन्दगी इतनी मुख़...आज बिछड़े हैं कल का डर भी नहीं,<br />ज़िन्दगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं...<br /><br />ज़ख्म दीखते नहीं अभी लेकिन,<br />ठन्डे होंगे तो दर्द निकलेगा,<br />तैश उतरेगा वक़्त का जब भी,<br />चेहरा अन्दर से ज़र्द निकलेगा...<br /><br />कहने वालों का कुछ नहीं जाता,<br />सहने वाले कमाल करते हैं,<br />कौन ढूंढें जवाब दर्दों के,<br />लोग तो बस सवाल करते हैं...<br /><br />कल जो आयेगा जाने क्या होगा,<br />बीत जाएँ जो कल नहीं आते,<br />वक़्त की शाख तोड़ने वालों,<br />तूरी शाखों पर फल नहीं आते...<br /><br />कच्ची मिट्टी है दिल भी इंसान भी,<br />देखने ही में सख्त लगता है,<br />आंसू पोंछें के आंसू के निशाँ,<br />खुश्क होने में वक़्त लगता है...<br /><br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com