tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post5655494517640136002..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: गगन चढहिं रज पवन प्रसंगाUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-49746992603525162182007-04-18T21:17:00.000-04:002007-04-18T21:17:00.000-04:00रचना जीलोग इसके पीछे भाग रहे हैं और आपको मिला है त...<B>रचना जी</B><BR/><BR/>लोग इसके पीछे भाग रहे हैं और आपको मिला है तो आप बचने की बत कर रहीं हैं. ईश्वर का आभार करें. और हम आपको कहें: बहुत आभार और धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>मसिजिवी जी</B><BR/><BR/>आपका फेक्टर तो x factor को भी मात दिये है-उसी पर तो तो शोध कर रहा हूँ. :) रचना पसंद करने के लिये बहुत धन्यवाद. <BR/><BR/><B>पूनम जी</B><BR/><BR/>रचना पसंद करने के लिये बहुत धन्यवाद.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72277861773596435352007-04-18T21:12:00.000-04:002007-04-18T21:12:00.000-04:00योगेश भाईअब आपका कहा टाल पाना तो हमारे बस का नहीं,...<B>योगेश भाई</B><BR/><BR/>अब आपका कहा टाल पाना तो हमारे बस का नहीं, जरुर विश्लेषित करेंगे. आप आते हैं, लिखने का हौसला आ जाता है. आते रहें. बहुत आभार और धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>गौरी जी</B><BR/><BR/>रचना पसंद करने के लिये बहुत धन्यवाद. (दो बार)<BR/><BR/><B>प्रियंकर जी</B><BR/><BR/>अच्छा लगा आपके विचार सुनकर. :) ाअप पढ़ लेते हैं, लिखना सफल हो जाता है. बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>प्रमेंन्द्र भाई</B><BR/><BR/>लेख पसंद करने को बहुत धन्यवाद. चलो हमारा फेक्टर भी ले आओ, इंतजार लगवा दिये हो. देखें अपनी कुंडली भी. :)<BR/><BR/><BR/><B>मनीष भाई</B><BR/><BR/>जान गये, पक्का!! अच्छा लगा. बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिये. लाते रहेंगे और बहाते रहेंगे ज्ञान गंगा-आपका आदेश जो है.<BR/><BR/><BR/><B>सागर भाई</B><BR/><BR/>आपका स्नेह है,-अच्छा लगा, हौसला बढ़ा. बहुत धन्यवाद. हम आपके स्नेह के छाते से छाये हुये हैं, उसे न हटाना भाई!!<BR/><BR/><BR/><B>श्रीश भाई</B><BR/><BR/>बहुत धन्यवाद आप ने समझ लिया और पधारे. वैसे आपमें भी यह फेक्टर कम नहीं है, जहां देखो मास्स्साब ही तो हैं और आपके कारण हम हैं. बने रहो, भाई!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-26242261080610105542007-04-18T20:58:00.000-04:002007-04-18T20:58:00.000-04:00घुघूती जीअरे, आप तो सब छात्रों को फेल करवायेंगी हम...<B>घुघूती जी</B><BR/><BR/>अरे, आप तो सब छात्रों को फेल करवायेंगी हमसे पढ़वा कर...जबकि मैं रोटी बनाने और घास काटने में सचमुच महारत रखता हूँ-रोज का काम है न!! करत करत अभ्यास ते...वाली बात है. :) शुक्रिया आप ने पढ़ा.<BR/><BR/><BR/><B>पंकज</B><BR/><BR/>तुम जान गये हम खुश हो गये. :) अब अगली पोस्ट पढ़ना फिर नया कुछ जानोगे शायद...कब तक बस जानते ही रहोगे :) कविता नहीं लिखी इस बार?<BR/>बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>संजय भाई</B><BR/><BR/>चलो, अब संपूर्ण ज्ञान हो गया, अच्छा लगा. :) बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>रवि भाई</B><BR/><BR/>बहुत धन्यवाद आप ने समझा और पधारे.<BR/><BR/><BR/><B>अनूप भाई</B><BR/><BR/>यह सब आपका स्नेह है, अनूप भाई. बहुत धन्यवाद लगातार उत्साहवर्धन के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>मोहिन्दर भाई</B><BR/><BR/>आपका स्नेह है,-अच्छा लगा, हौसला बढ़ा. बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>अतुल भाई</B><BR/><BR/>बहुत धन्यवाद आप ने समझ लिया और पधारे.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-63053739325734562932007-04-18T20:44:00.000-04:002007-04-18T20:44:00.000-04:00मिश्रा जीआप तो विज्ञान से संबंधित हैं. जब आप कहते ...<B>मिश्रा जी</B><BR/><BR/>आप तो विज्ञान से संबंधित हैं. जब आप कहते हैं तो जरुर Y भी होता होगा. पता करके खबर की जायेगी. :)<BR/> शुक्रिया आप पधारे.<BR/><BR/><BR/><B>खालिद भाई</B><BR/><BR/>बहुत आभार. आपने पहचाना वो आपके ज्ञान की व्याख्या भी करता है. :)<BR/>बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>तरुण भाई</B><BR/><BR/>चलो, अब संपूर्ण ज्ञान हो गया, अच्छा लगा. जिज्ञासा मन में न रखो, बताओ न!! शांत करने का प्रबंध किया जायेगा. :) बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>पाण्डेय जी</B><BR/><BR/>देखो, कोई आगे आ जाये. वैसे किसका पता करना चाह रहे हैं, बताईये न!! शायद कुछ मदद कर पाऊँ आदतन!! :)<BR/><BR/>बहुत धन्यवाद आप पधारे.<BR/><BR/><BR/><B>संजीत भाई</B><BR/><BR/>चलो, तुमको मजा आया. मुझे अच्छा लगा. लेखन तो सब तुम लोगों का स्नेह है जो कलम चल निकलती है. बहुत धन्यवाद नियमित उत्साहवर्धन के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>उन्मुक्त जी</B><BR/><BR/>अच्छा लगा-यही उद्देश्य था. बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>जगदीश भाई</B><BR/><BR/>अरे धन्यवाद कैसा? इसी लिये तो मनुष्य अवतार लिया है और आपके बीच आये हैं.. :)<BR/><BR/>आज आपकी पोस्ट देखी-चिट्ठाजगत के नये स्वामी को भी हमारा नमन!! पढ़ने के लिये आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-19933127939130490202007-04-17T05:06:00.000-04:002007-04-17T05:06:00.000-04:00X-Factor की जानकारी रोचक लगी.X-Factor की जानकारी रोचक लगी.Poonam Misrahttps://www.blogger.com/profile/08526492616367277544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11001376286576189282007-04-17T04:55:00.000-04:002007-04-17T04:55:00.000-04:00X फैक्टर का अच्छा विश्लेण टिकाया है- गनीमत है क...X फैक्टर का अच्छा विश्लेण टिकाया है- गनीमत है केवल उन लोगों को गिनाकर शांत हो गए जिनमें X फैक्टर है या नहीं है वरना कुछ ऐसे भी हैं जिनमें एंटी एक्स फैक्टर है जैसे कि हम। यानि कुछ ऐसा अदृश्य कुछ लोगों में होता है कि सहज विकर्षण होता लोगों को :)मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-90445231832245765852007-04-16T23:17:00.000-04:002007-04-16T23:17:00.000-04:00महाराज!!आपके पास जो "एक्स्ट्रा X Factor " है, उससे...महाराज!!<BR/>आपके पास जो "एक्स्ट्रा X Factor " है, उससे उपजे इस सुवचन ने मेरी ३० टिप्पणी वाली पोस्ट सहित पूरे ब्लॉग की वाट लगा दी है!!<BR/>//तुलसी दास जी के समय में भी जब X Factor के आभाव में उनका नाम नहीं हो पा रहा था और उनकी योग्यता के सामने नाकारे कवि, उनसे ज्यादा नाम कमा रहे थे सिर्फ X Factor के चलते, तब उन्होंने यह एक लाईन का शेर कहा था जिसमें उन्होंने X Factor को हवा बताया है और नाकारे कवियों को धूल ( तुलसीदास जी अक्सर प्रतीकों में बात कहते थे, सीधे नहीं (शायद विवादों से बचने को ऐसा करते रहे होंगे))://<BR/><BR/>महाराज! भगवान के दिये इस X Factorे बचने के कोई उपाय? कोई यज्ञ? कोई अनुष्ठान? हो तो बताइये, बडी<BR/>कृपा होगी!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-18952402619625764762007-04-16T11:43:00.000-04:002007-04-16T11:43:00.000-04:00धन्य हैं स्वामी जी आज मालूम हुआ कि आपकी पोस्ट पब्...धन्य हैं स्वामी जी आज मालूम हुआ कि आपकी पोस्ट पब्लिश होते ही टिप्पणियों की झड़ी क्यों लग जाती है। सब x-factor का कमाल है जी।<BR/><BR/>अब जैसा आपने बताया कि x-factor आर्टिफिशियली नहीं बनाया जा सकता, इसलिए हमें तो अगले ही जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। :(ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-87636579163923230082007-04-16T11:12:00.000-04:002007-04-16T11:12:00.000-04:00आपके हरेक लेख पर अमूमन 20+ टिप्प्णीयाँ होती है, फ...आपके हरेक लेख पर अमूमन 20+ टिप्प्णीयाँ होती है, फुरसतियाजी और आप के अलावा एक दो जनों को छोड़ दें तो किसी को इतनी टिप्प्णीँ नहीं मिलती, यानि कि सारे के सारे फेक्टर तो आप तीन चार जनों ने बाँट लिये, और कहते हैं कि आपके पास X Factor नहीं है।<BR/>बचा खुचा और खाना खा लेने के बाद में गिरे जूठन की तरह कुछेक फेक्टर हमारे हिस्से में आ जाता है, अब उसे x,y या z कोई भी फेख्टर मान लो क्या फर्क पड़ता है। <BR/>हमेशा की भाँति मजेदार रचना, आप तो छा गये। <BR/>:) :) :)Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-77781043665036246612007-04-16T08:44:00.000-04:002007-04-16T08:44:00.000-04:00चलिए जान गए मुए इस को X भी ;), आगे भी इसी तरह ज्ञा...चलिए जान गए मुए इस को X भी ;), आगे भी इसी तरह ज्ञानवर्धन करते रहें ।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-6894229359987188792007-04-16T06:39:00.000-04:002007-04-16T06:39:00.000-04:00सही है, गजब का लेख था। आपका फैक्टर मुझे पता है। ज...सही है, गजब का लेख था। <BR/><BR/><BR/>आपका फैक्टर मुझे पता है। जल्दी लेकर कर आ रहा हूँ।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/04193959387239096010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-75507558339624230552007-04-16T06:17:00.000-04:002007-04-16T06:17:00.000-04:00'एक्स' फ़ैक्टर कामचलाऊ हो तो ठीक वरना बहुत 'वाई' वा...'एक्स' फ़ैक्टर कामचलाऊ हो तो ठीक वरना बहुत 'वाई' वाले पीछे घूमते हैं . सो इसकी अति बुरी है. विशेषकर भारत जैसे देश में जहां एक्स-वाई-ज़ेड सब दूसरे की फ़िकर में ज्यादा दुबले होते हैं .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-3513374463981636042007-04-16T06:00:00.000-04:002007-04-16T06:00:00.000-04:00आपने तो एक ही बार में X,Y, Z सारे फैक्टर समझा डाले...आपने तो एक ही बार में X,Y, Z सारे फैक्टर समझा डाले-<BR/>बहुत बढ़िया रचना...Gaurihttps://www.blogger.com/profile/18007683181079288459noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-80505207955339444412007-04-16T05:58:00.000-04:002007-04-16T05:58:00.000-04:00आपने तो एक ही लेख में X, Y, Z सारे फैक्टर समझा डाल...आपने तो एक ही लेख में X, Y, Z सारे फैक्टर समझा डाले।<BR/>बहुत बढ़िया लेख..Gaurihttps://www.blogger.com/profile/18007683181079288459noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72005274289937587352007-04-16T04:14:00.000-04:002007-04-16T04:14:00.000-04:00एक उमंग का नाम हैएक तरंग की बातएक दिखाता है हुनरएक...एक उमंग का नाम है<BR/>एक तरंग की बात<BR/>एक दिखाता है हुनर<BR/>एक दिखावे गात.<BR/><BR/>एक दिखावे गात, गरम सी बाते करता<BR/>एक्स फैक्टर को लिये वह आगे बढता.<BR/><BR/>कमाल कर दिया गुरू. अब आपमें भी एक्स फेक्टर आने वाला है <BR/>यू और ड्ब्ल्यू तो आपके पास आ गया.. <BR/><BR/>अब यू फैक्टर और ड्ब्यू फैक्टर को भी विश्लेषित करें....योगेश समदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/05774430361051230942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-48996153283637314022007-04-16T03:44:00.000-04:002007-04-16T03:44:00.000-04:00इसके पहले यह फैक्टर नहीं सुना था, अब तो जान भी लि...इसके पहले यह फैक्टर नहीं सुना था, अब तो जान भी लिया।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53716043881373222892007-04-16T03:28:00.000-04:002007-04-16T03:28:00.000-04:00समीर जी,आज समझ में आया कि हम आप से क्यो जुडे हुये...समीर जी,<BR/>आज समझ में आया कि हम आप से क्यो जुडे हुये हैं, आप में भी X-Factor के कारण ही चुम्बकीय आकर्षण है...Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-55436406647904629012007-04-16T03:02:00.000-04:002007-04-16T03:02:00.000-04:00X-तो अंतिम अक्षर के आसपास आता है। इसके पहले कई अक्...X-तो अंतिम अक्षर के आसपास आता है। इसके पहले कई अक्षर होते हैं। उनका भी कुछ फैक्टर होता है। वे सारे फैक्टर भी X-फ़ैक्टर को प्रभावित<BR/>करते हैं। इन्हीं फैक्टरों के चलते किसी को यह अहसास ही नहीं हुआ कि आप चिट्ठाचर्चा छोड़कर जायेंगे इसीलिये किसी ने मनौना नहीं किया। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-56281739126955653762007-04-16T02:34:00.000-04:002007-04-16T02:34:00.000-04:00कोई आया ही नहीं मनाने बल्कि शुभचिंतक पंकज ऐसे कि क...<B><I>कोई आया ही नहीं मनाने बल्कि शुभचिंतक पंकज ऐसे कि कहने लगे मैं स्वयं चाहता हुँ लालाजी कुछ समय के लिए चिट्ठाचर्चा से अवकाश लें...तो हम खुद ही लौट आये </B></I><BR/><BR/>आपके पास कौनो फ़ैक्टर की कमी है?<BR/><BR/>आपके पास ए टू ज़ेड फ़ैक्टर हैं. जनता खूब समझती है. इसीलिए. :)रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-20036699243013515772007-04-15T23:30:00.000-04:002007-04-15T23:30:00.000-04:00ज्ञान चक्षु खुल गए,सही जानकारी दी.ज्ञान चक्षु खुल गए,<BR/><BR/>सही जानकारी दी.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-17410381695782514092007-04-15T23:26:00.000-04:002007-04-15T23:26:00.000-04:00हाँ अब जाकर जिज्ञासा शांत हुई. इतने दिन युँ ही सोच...हाँ अब जाकर जिज्ञासा शांत हुई. इतने दिन युँ ही सोचता था कि कैसे लाऊँ X factor अपने अन्दर. पर पता ही नहीं था वो तो घुस के बैठा है इस बन्दर के अन्दर. :)<BR/><BR/><BR/>और आपने यह क्या लिख मारा जी कि हमने फोटुएँ छाप दी. ना जी हमने तो खाली लिखा और फोटु दिखाने का कार्य कोई और कर रहा था तो हम तो सिर्फ फोटुशाला का रस्ता दे दिए बस.. ताकि मदिराभक्त ... मेरा मतलब मन्दिरा भक्त तनिक प्रत्यक्ष दर्शन भी कर लें देवी का. :)पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-36727588684253948122007-04-15T23:21:00.000-04:002007-04-15T23:21:00.000-04:00वाह! आप तो यदि रोटी बनाने, घास काटने की कला पर भी ...वाह! आप तो यदि रोटी बनाने, घास काटने की कला पर भी लिखें तो भी वह मनोरंजक होगा. इसे कहते हैं R factor= readability factor! जो आप में प्रचुर मात्रा में है । मुझे पूरा विश्वास है आप बहुत अच्छे अध्यापक हो सकते हैं । <BR/>घुघूती बासूतीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-58897760773615215542007-04-15T23:08:00.000-04:002007-04-15T23:08:00.000-04:00ज्ञान वर्धित करने के लिये धन्यवाद स्वामी जी। :)ज्ञान वर्धित करने के लिये धन्यवाद स्वामी जी। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-46261867607973463552007-04-15T23:03:00.000-04:002007-04-15T23:03:00.000-04:00अब x-factor समझ में आयाअब x-factor समझ में आयाउन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-75374771054027334602007-04-15T22:26:00.000-04:002007-04-15T22:26:00.000-04:00वाह प्रभु वाह। आपके आस-पास वाले ही ज्यादा अच्छे से...वाह प्रभु वाह। आपके आस-पास वाले ही ज्यादा अच्छे से बता सकतें हैं कि आप में X factor है या नहीं लेकिन मै इतना दावे से कह सकता हूं कि आपकी लेखनी में जरुर X factor है।<BR/>किसी भी मुद्दे पर रोचक अंदाज़ में लिखना तो कोई आपसे सीखे।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com