tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post115884613533624664..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: दुविधा मे हम फंस गयेUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1159118702715906842006-09-24T13:25:00.000-04:002006-09-24T13:25:00.000-04:00वाह भाई वाह यहां तो मेहफिल सजी है - हम तो बस वाह व...वाह भाई वाह यहां तो मेहफिल सजी है - हम तो बस वाह वाह ही कह सकते हैं :)Shuaibhttps://www.blogger.com/profile/09917522401192571532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158942076289479912006-09-22T12:21:00.000-04:002006-09-22T12:21:00.000-04:00वाह समीर जी!!आपकी पहली दुविधा के लिये---"जाने कहाँ...वाह समीर जी!!<BR/>आपकी पहली दुविधा के लिये---<BR/><BR/>"जाने कहाँ गुम हुई लोगों की मुस्कान है,<BR/>लोगों के 'घर्' नही दीवारों के 'मकान'हैं!!<BR/><BR/>और दूसरी दुविधा के लिये--<BR/><BR/>"हैं पानी जैसे ही पतले और वायु जैसे हल्के भी,<BR/>हैं लोहे जैसे ही कठोर और सोने से चमकीले भी.<BR/>उनमे हर तत्व के गुण मिलते, पर थोडी सी न मानवता,<BR/>मै सबसे ही कहती रहती,ये मेरे देश के हैं नेता!!"rachanahttps://www.blogger.com/profile/14183659688400073503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158906758423454172006-09-22T02:32:00.001-04:002006-09-22T02:32:00.001-04:00यहाँ तो पोस्ट से लेकर चिट्ठा तक कुँडलीमय है । मज़ा ...यहाँ तो पोस्ट से लेकर चिट्ठा तक कुँडलीमय है । मज़ा आ गयाPratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158906739800364102006-09-22T02:32:00.000-04:002006-09-22T02:32:00.000-04:00बहूत खूब समीर लाल जीबाल मजदूरों को मुक्ति दिलाने ह...बहूत खूब समीर लाल जी<BR/><BR/>बाल मजदूरों को <BR/>मुक्ति दिलाने हेतु <BR/>हुआ एक सम्मेलन<BR/>माननीय अधिकारी जी <BR/>बहुत गरजे और बरसे <BR/>ठूंसवाया कई व्यापारियों को <BR/>हवालात के अन्दर<BR/>जब थक कर घर आये <BR/>अपने आठ साला <BR/>नौकर पर गुर्राये <BR/>चल बे कलवे <BR/>जरा पाँव दबा दे।<BR/>(यह एक सत्य घटना है जिसमें सुरत महानगर पालिका के एक बड़े अधिकारी के घर में आठ साला बच्ची को नौकर रखा हुआ था और दिन रात पति पत्नी उस मासूम के साथ मार पीट करते थे)Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158875238662554692006-09-21T17:47:00.000-04:002006-09-21T17:47:00.000-04:00अब कुछ मेरी बात भी सुन लो यार समीर।अमरीका के रहन क...अब कुछ मेरी बात भी सुन लो यार समीर।<BR/>अमरीका के रहन की बात करूँ गम्भीर॥<BR/>घरवाली जहँ पर रहे वह घर ही कहलाय।<BR/>चाचा, ताऊ ससुर की नहीं ज़रूरत भाय॥<BR/>भाग्यवान खुद को कहो यार समीरालाल।<BR/>पत्नी की सेवा करो त्यागो सभी मलाल॥Laxmihttps://www.blogger.com/profile/01605651550165016319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158861250716472782006-09-21T13:54:00.000-04:002006-09-21T13:54:00.000-04:00मौला आपको फंसावट में तरावट लेने वाला बनाये.हंसने क...मौला आपको फंसावट में तरावट लेने वाला बनाये.<BR/>हंसने के लिये हम लोगों के ब्लाग आप देखते ही हैं और रोने की क्या जरूरत.अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158857345364470382006-09-21T12:49:00.000-04:002006-09-21T12:49:00.000-04:00अमरीका में ढूँढ़ते हो घर का आरामइससे बेहतर बैठ कर ज...अमरीका में ढूँढ़ते हो घर का आराम<BR/>इससे बेहतर बैठ कर जप लो बस हरिनाम्<BR/>जप लो बस हरिनाम,अगर बन जाऒ नेता<BR/>सहज बनोगे फिर मकान-निर्माण प्रणेता<BR/>बस अभिशाप गई देकर इसको भौतिकता<BR/>घर से सदा विहीन रहा अब तक अमरीकाराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158851304364324522006-09-21T11:08:00.000-04:002006-09-21T11:08:00.000-04:00पहला वाला दर्द बड़ा हैं. घर तथा मकान में उतना ही अं...पहला वाला दर्द बड़ा हैं. घर तथा मकान में उतना ही अंतर हैं जितना भात था चावल में.<BR/>आप धन्य हैं, आपकी प्रेरणा से पंकज भी कविता करने लगा हैं !! आश्चर्य.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1158847078181036702006-09-21T09:57:00.000-04:002006-09-21T09:57:00.000-04:001.है अमेरीका तो आपको भी अमरीकी होना होगादो पल हंसन...1.<BR/><BR/>है अमेरीका तो आपको भी अमरीकी होना होगा<BR/>दो पल हंसने के लिए दो पल रोना होगा<BR/>काहे बात मन पे लगाके लालाजी और दुःख हो<BR/>मकान हो तो वही सही.. बस अब ठुक लो<BR/><BR/>2.<BR/><BR/>गली गली में शोर है<BR/>नेता हमारा चोर है<BR/>15 अगस्त को पंछी उडाए<BR/>रोज घर पर मुर्गा "उडाए"पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.com