tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post986691993107731687..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: कड़वी निंबोलीUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger55125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-33682349785751451612009-02-08T14:57:00.000-05:002009-02-08T14:57:00.000-05:00अच्छी कहानी है.अच्छी कहानी है.सौरभ आत्रेयhttps://www.blogger.com/profile/05755493100532160245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11253727825196579962008-06-13T13:12:00.000-04:002008-06-13T13:12:00.000-04:00Sameerji,Aapko dhanyawad kehne, aapke blogpe aayee...Sameerji,<BR/>Aapko dhanyawad kehne, aapke blogpe aayee to mazaa aa gayaa. Maine aaj pehlee baar ye kathaa padhee. Aap jaise diggaj jab mere blog pe tippanee chhodte hain to bohot hee aanand hotaa hai!<BR/>Kahaaneeke liye kuchhbhee kehna,soorajko raushnee dikhaanewaalee baat hogee!<BR/>Shamashamahttps://www.blogger.com/profile/10349457755551725245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-83424312531985154152008-06-04T19:33:00.000-04:002008-06-04T19:33:00.000-04:00समीरजी, बड़ी भावात्मक कहानी लिखी है लेकिन अंत में ...समीरजी, बड़ी भावात्मक कहानी लिखी है लेकिन अंत में मीठे आम का पेड़ आपकी पोजिटिव सोच भी दिखाता है।Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-56522264978105412842008-06-04T18:04:00.000-04:002008-06-04T18:04:00.000-04:00अभी तेज बुखार से ग्रस्त हूँ ....था शायद रहूँगा ......अभी तेज बुखार से ग्रस्त हूँ ....था शायद रहूँगा ....फीड पर नज़र पड़ी ...देखा .......नीम के कड़वे फल लटक रहे हैं ...<BR/>सोचा कोई मजेदार हँसाने वाला लेख होगा ...लेकिन ज्यों पढ़ना शुरू किया ....हंसी की ख़ुशी ..जाती रही ...<BR/>और आखिर तक जाते जाते ......गला रूंध गया .. :(Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-18741821140281357192008-06-04T13:23:00.000-04:002008-06-04T13:23:00.000-04:00वाह! टिप्पणियों की संख्या ही इतनी है की टिप्पणी कर...वाह! टिप्पणियों की संख्या ही इतनी है की टिप्पणी करने की हिम्मत ही नहीं होतीAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-49559868158531491882008-06-04T11:30:00.000-04:002008-06-04T11:30:00.000-04:00मर्मस्पर्शी!! प्रतीकों का उपयोग बहुत सशक्त तरीके स...मर्मस्पर्शी!! प्रतीकों का उपयोग बहुत सशक्त तरीके से किया है आपने!! इस कारण कम से कम शब्दों में आप बहुत कुछ कह गये हैं, खास कर उन पाठकों के लिये जिनकी उमर 50 के आसपास हैShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-31086922872064852222008-06-04T05:21:00.000-04:002008-06-04T05:21:00.000-04:00मार्मिकमार्मिकKirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-30423017584180923162008-06-04T05:09:00.000-04:002008-06-04T05:09:00.000-04:00आपकी लेखनी के एक और सशक्त भाव का आस्वादन कर मन भार...आपकी लेखनी के एक और सशक्त भाव का आस्वादन कर मन भारी हो गया। इतनी भावभीनी पोस्ट के लिए बधाई।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-54594976888917005472008-06-03T23:52:00.000-04:002008-06-03T23:52:00.000-04:00मन भावुक हो गया ...मन भावुक हो गया ...HBMediahttps://www.blogger.com/profile/04747085073618372025noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-6514167276883397282008-06-03T14:29:00.000-04:002008-06-03T14:29:00.000-04:00निमकौडी कहूं या निंबोली , लेकिन कहते हुऐ मन में थो...निमकौडी कहूं या निंबोली , लेकिन कहते हुऐ मन में थोडी हुक सी उठ रही है, लेख ही ऐसा है कि बस....<BR/><BR/>मार्मिक ...सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-76994927228855293772008-06-03T10:32:00.000-04:002008-06-03T10:32:00.000-04:00अच्छा लिखा है आपने...अच्छा लिखा है आपने...Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1928719123806625622008-06-03T06:05:00.000-04:002008-06-03T06:05:00.000-04:00समीर जी पढ़ते-पढ़ते पोस्ट कब खत्म हो गई पता ही नही...समीर जी पढ़ते-पढ़ते पोस्ट कब खत्म हो गई पता ही नहीं चला...कभी निबोली तो कभी स्मृतियों में बस चुकी चारपाई पर मां की रिक्तता के बारे में सोचता रहा, यकीनन ये अहसास भीतर तक मुझे झकझोर गया। एक विकल्प शून्य सत्य डरा गया। <BR/>बेहद मार्मिक।Sandeep Singhhttps://www.blogger.com/profile/17906848453225471578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-43701051155824158472008-06-03T05:59:00.000-04:002008-06-03T05:59:00.000-04:00बहुत अच्छा लिखा आपने एकदम मर्मस्पर्शी , आत्मीय कथा...बहुत अच्छा लिखा आपने एकदम मर्मस्पर्शी , आत्मीय कथा...Dev K Jhahttps://www.blogger.com/profile/06471032900319205793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11359989699602720642008-06-03T04:27:00.000-04:002008-06-03T04:27:00.000-04:00c'est magnifiquec'est magnifiqueतुषार वर्माhttps://www.blogger.com/profile/10106085346176933815noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-21237471022010592642008-06-02T19:07:00.000-04:002008-06-02T19:07:00.000-04:00आंखें नम हो गईं। इतनी मार्मिक कहानी को पढ़ कर दिल ...आंखें नम हो गईं। इतनी मार्मिक कहानी को पढ़ कर दिल स्वयमेव ही कह उठता है कि समीर बहुमुखी प्रतिभाओं के सफल लेखक हैं। <BR/>इन पंक्तियों को पढ़ते हुए कुछ क्षणों के लिए पाठक वहीं ठहर जाता है। कितना सत्य है इन में:<BR/>"न जाने क्या सोच कर उसने वो तस्वीर फाड़ दी. आखिर आज तक वो अपनी स्मृति वाली माँ की धुँधली सी तस्वीर के सहारे ही तो जीता आया था. वो उसे विस्मृत नहीं करना चाहता था."<BR/>बधाई हो।महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-90375421510170406942008-06-02T16:43:00.000-04:002008-06-02T16:43:00.000-04:00समीर भाई, शायद बच्चे की माँ को ये जानकर खुशी हुई ...समीर भाई, <BR/> शायद बच्चे की माँ को ये जानकर खुशी हुई होगी कि उसका "लाल"<BR/>अब बडा हो गया है और अच्छा बुरा समझने लगा है!<BR/>( तभी तो आम का पेड लगाया !)<BR/>काश ! कभी ऐसी कडवी नीम्बोली किसी के जीवन बगिया मेँ ना गिरे ..<BR/> स स्नेह <BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-24015275461811578852008-06-02T15:40:00.000-04:002008-06-02T15:40:00.000-04:00सुंदर पोस्ट। मार्मिक । शानदार लेखन।सुंदर पोस्ट। मार्मिक । शानदार लेखन।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11001246514161840552008-06-02T15:12:00.000-04:002008-06-02T15:12:00.000-04:0018 घंटों बाद, घूमफिर कर वापस लौटा हूँ, केवल यह दर्...18 घंटों बाद, घूमफिर कर वापस लौटा हूँ, केवल यह दर्ज़ कराने कि<BR/>मुझे इस मर्मस्पर्शी पोस्ट के अनुरूप शब्द नहीं मिले । गहरायी तक<BR/>महसूस किये जाने और बारबार पढ़े जाने को बुलाती है यह पोस्ट !<BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/>यहाँ तो पहले ही इस कहानी के दर्द को लेकर शोकसभा हो चुकी है,<BR/>अपुन तो बस, निंबोली का ज़ायका दुहराने आये थे ।डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-10260784491928053982008-06-02T15:04:00.000-04:002008-06-02T15:04:00.000-04:00नीम और आम के साथ एक साथ न्याय बहुत कम वैद्य कर सकत...नीम और आम के साथ एक साथ न्याय बहुत कम वैद्य कर सकते है । आपने बहुत खूब किया है। नीम (मन के) कीटाणु साफ कर सकता है और आम जीवनी शक्ति का पुष्टिवर्धन करता है। शायद नीम और आम पूरक है जीवन के योगछेम का । और आपने दोनों के साथ अपनी नजदीकी दर्ज कराइ है। बहुत खूब लगा यह रंग भी ।Jyotihttps://www.blogger.com/profile/17149461172846234124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-45772554752502177222008-06-02T14:59:00.000-04:002008-06-02T14:59:00.000-04:00हम अपनी आंखे नम करने का कोटा पूरा कर चुके, अब आप ह...हम अपनी आंखे नम करने का कोटा पूरा कर चुके, अब आप ही हंसी दिलाईयेगा ।<BR/><BR/>आपकी लेखनी क्या क्या रंग दिखाती है ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-71066004942255319972008-06-02T14:58:00.000-04:002008-06-02T14:58:00.000-04:00जिन्दगी के कड़वे घूँट पीकर भी मिठास को जीकर दिखा द...जिन्दगी के कड़वे घूँट पीकर भी <BR/>मिठास को जीकर दिखा देना <BR/>बड़ी बात है....कटु अनुभव के <BR/>बंजर में भी मीठी अनुभूति के <BR/>फूल-फल खिल सकते हैं ....यही<BR/>तो कह रही है आपकी ये पेशकश !<BR/>===========================<BR/>ज़वाब नहीं !<BR/>शुक्रिया<BR/>डा.चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-15902139727293904762008-06-02T11:39:00.000-04:002008-06-02T11:39:00.000-04:00समीर भाई, आप भी जिन्दगी की तरह हो. बहुत सुन्दर शब्...समीर भाई, आप भी जिन्दगी की तरह हो. बहुत सुन्दर शब्द चित्रण किया है आपने भावनाओं का। आंखें नम हो गई...राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-75115094280510224232008-06-02T11:23:00.000-04:002008-06-02T11:23:00.000-04:00सचमुच आंख नम कर देने वाली पोस्ट।सचमुच आंख नम कर देने वाली पोस्ट।शायदाhttps://www.blogger.com/profile/17484034104621975035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-29073303398508282862008-06-02T08:50:00.000-04:002008-06-02T08:50:00.000-04:00बहुत ही भावुक कर देने वाली पोस्ट लिखी है आपने ..पढ...बहुत ही भावुक कर देने वाली पोस्ट लिखी है आपने ..पढने के बाद कुछ कहना ही बाकी न रहा ..एक याद रखने लायक है यह पोस्ट ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-36581041500401978192008-06-02T07:30:00.000-04:002008-06-02T07:30:00.000-04:00मर्मस्पर्शी और साथ-साथ जीवन की एक सच्चाई भी।मर्मस्पर्शी और साथ-साथ जीवन की एक सच्चाई भी।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.com