tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post8693697780766074846..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: वैल्यू ऑफ न्यूसेन्स वैल्यूUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger97125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-77474535293023841252010-04-28T23:13:09.291-04:002010-04-28T23:13:09.291-04:00हर बार मुझे
माँ
याद आती है
" सच बेहद भावु...हर बार मुझे <br /><br />माँ <br /><br />याद आती है<br />" सच बेहद भावुक कर गयी ये कविता..."<br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-66295580120162904072010-04-23T08:03:50.793-04:002010-04-23T08:03:50.793-04:00माँ की कविता रुला देनी वाली हैमाँ की कविता रुला देनी वाली हैMrityunjay Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/16617062454375288188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-82677492764967175772010-04-22T18:19:25.360-04:002010-04-22T18:19:25.360-04:00ग्लास तो जोरदार है बॉस ....हम तो काफी बेतकल्लुफ हो...ग्लास तो जोरदार है बॉस ....हम तो काफी बेतकल्लुफ होकर मिलते हैं....नफासत औऱ लखनवी अंदाज से कोसो दूर..उम्मीद है आप भी....Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-78703247897219908372010-04-22T07:35:34.573-04:002010-04-22T07:35:34.573-04:00हम तो ग्लास पर अटक गये। कल ऐसी ग्लास में सतू पिया ...हम तो ग्लास पर अटक गये। कल ऐसी ग्लास में सतू पिया था घोल कर! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-37062234241478342202010-04-21T14:08:43.754-04:002010-04-21T14:08:43.754-04:00जब तक नब्बे प्रतिशत लोग इन दस प्रतिशत लोगों की बात...जब तक नब्बे प्रतिशत लोग इन दस प्रतिशत लोगों की बात पर ध्यान देते रहेंगे, तब तक ये उठापटक चलती ही रहेगी. <br />सुन्दर कवितायें. आभार.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-29983934981766954492010-04-21T13:07:49.155-04:002010-04-21T13:07:49.155-04:00"१०% स्कॉच, बाकी पूरा पानी " से बात शुरू...<b>"१०% स्कॉच, बाकी पूरा पानी " से बात शुरू होती है और मवाली पर अटकते हुए ब्लॉग जगत के १०% संप्रदायिकता और अन्य मसलों को लेकर लिखने वालों की होती है. अब हर पाठक अपने अपने अंदाज़ में समझेगा, मैं ये ही जानता हूँ कि कितने प्रतिशत लोग समीर भाई की बात को उनके हिसाब से हृदयंगम करेंगे अथवा स्कॉच तक ही सिमट जायेंगे.<br />इसलिए हे ! भद्रजनो, हमसे जितना भी बन सके सर्व जन-हिताय और सर्वजन-सुखाय की भावना से एक पग भी बढाने की कोशिश तो करें !!!! <br />साथ ही दोनों उत्कृष्ट रचनाओं के लिए बधाई.<br />२१ अप्रेल २०१० <br /> - विजय तिवारी 'किसलय '</b>विजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62347408957236273372010-04-21T08:56:48.841-04:002010-04-21T08:56:48.841-04:00True, the nuisance value is truly ivaluable!
Regar...True, the nuisance value is truly ivaluable!<br />Regards!सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-58435248891706223152010-04-21T07:38:53.877-04:002010-04-21T07:38:53.877-04:00ही ही! यह १०% ही तो किक मारता है.
कविता माँ वाली ब...ही ही! यह १०% ही तो किक मारता है.<br />कविता माँ वाली बहुत सुन्दर.संजय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/12255878761091728878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-78255562923282283612010-04-21T07:37:19.424-04:002010-04-21T07:37:19.424-04:00दोनों कविताएँ बहुत पसंद आई.दोनों कविताएँ बहुत पसंद आई.साधवीhttps://www.blogger.com/profile/06549365039326445325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-73700039387319507762010-04-21T07:17:29.289-04:002010-04-21T07:17:29.289-04:00बहुत खूबसूरत कविता लिखी है. वैसे वो जो दस प्रतिशत ...बहुत खूबसूरत कविता लिखी है. वैसे वो जो दस प्रतिशत वाले लोग है उनको पढ़ने वाले पांच प्रतिशत ही है....क्योंकि वो सुनना ही नहीं चाहते दूसरे कि कहना चाहते है बसशशांक शुक्लाhttp://merajawab.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-23308548485006473642010-04-21T04:34:10.854-04:002010-04-21T04:34:10.854-04:00झूठ वाले कहाँ के कहाँ चल दिये और मै...झूठ वाले कहाँ के कहाँ चल दिये और मैं था कि सच बोलता रह गया.... बढ़िया ब्लाग....डॉ. राजेश नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03985056503029264578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-10346479323050475772010-04-21T04:05:40.549-04:002010-04-21T04:05:40.549-04:00न्यूसेंस वेल्यु ही ज्यादा वैल्यूएबल हो गयी है ...म...न्यूसेंस वेल्यु ही ज्यादा वैल्यूएबल हो गयी है ...मगर ये आप भी जानते हैं बाकी ९०% ही जिन्दगी है ....हार कर आना उसकी ही शरण में पड़ेगा । कुछ पंक्तियाँ पेश कर रही हूँ .....<br />हम सबने एक ही जाम पिया <br />थोडा सोडा , थोड़ी शराब <br />थोडा पानी <br />थोडा हाजमा , थोडा नशा <br />थोड़ी जिन्दगानी<br />प्यास और नशे का फर्क ढूँढते रहे <br />जिन्दगानी का मतलब ही खोजते रहे <br />उफन कर बहे नहीं <br />ख़्वाब ढूँढते रहे <br />गाफिल हैं , सफ़र में <br />अन्दाज़ ढूँढते रहे <br />कवितायें भी सवेंदानाएं जगा गईं , माँ से ही हमारा बचपन समृद्ध है ।शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-29050377951615795452010-04-20T23:00:12.670-04:002010-04-20T23:00:12.670-04:00हर बार मुझे
माँ
याद आती है!!
......Maa jaise Ma...हर बार मुझे <br />माँ <br />याद आती है!! <br />......Maa jaise Mamta, pyar aur bhala kahan mil paata hai.... Aaj ke samay ko dekhar nisandeh wah Maa dhanya hai jiske bete unhen sadaiv yaad karte hain..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91474402926449571762010-04-20T19:37:51.629-04:002010-04-20T19:37:51.629-04:00अच्छी कविता ...
बधाई ....अच्छी कविता ...<br />बधाई ....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09084695524843643431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53495245932303994802010-04-20T17:04:50.404-04:002010-04-20T17:04:50.404-04:00इतने दिनों बाद आपके ब्लॉग़ पर आए भी तो क्या देखते ह...इतने दिनों बाद आपके ब्लॉग़ पर आए भी तो क्या देखते हैं.90% और 10% का तालमेल..... हमें तो 10% ज़्यादा आकर्षित कर रहा है....ठीक वैसे ही जैसे....एक बार लुकमान हकीम से किसी ने पूछा - हक़ीम साहब आपने इतना अदब कहाँ से पाया ? तो लुकमान हक़ीम का जवाब था -- 'बेअदबों से'मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-41165289179206123722010-04-20T15:10:10.203-04:002010-04-20T15:10:10.203-04:00आपकी दोनों कविताएँ बहुत अच्छी लगीं।आपकी दोनों कविताएँ बहुत अच्छी लगीं।हर्षिताhttps://www.blogger.com/profile/04799029469213410208noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-59382504777978613342010-04-20T13:59:56.628-04:002010-04-20T13:59:56.628-04:00समीर जी, मुझे लगता है कि इतनी चिन्ता की बात नहीं ह...समीर जी, मुझे लगता है कि इतनी चिन्ता की बात नहीं है इन १० % लोगों को लेकर. लोग इनके शीर्षक से आकर्षित होकर उधर चले जाते हैं, पर पढ़ते नहीं है. ये लोग आपस में ही एक-दूसरे को पढ़ते हैं और टिप्पणी पर टिप्पणी करते रहते हैं, जिससे इनका ब्लॉग अग्रीगेटर्स की टॉप पोस्ट की लिस्ट में आ जाये....शुरू में मुझे भी दुःख होता था इनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखकर, पर एक-दो बार उधर जाकर देखा तो सारी असलियत समझ में आ गयी.<br />आपकी दोनों कविताएँ बहुत अच्छी लगीं...ख़ासकर माँ वाली.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-68145178155391983702010-04-20T13:03:57.994-04:002010-04-20T13:03:57.994-04:00माँ को याद करते हुए लिखी कविता पढ़ने के बाद तो मेर...माँ को याद करते हुए लिखी कविता पढ़ने के बाद तो मेरे पास कहने के लिये कुछ नहीं है । आपकी इस वेदना मे सहभागी हूँ बस ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-22292573117615323842010-04-20T12:17:21.952-04:002010-04-20T12:17:21.952-04:00लूट कर
टुकड़ा टुकड़ा
खा गये
गिद्ध!!
...bahut...लूट कर <br /><br />टुकड़ा टुकड़ा <br /><br />खा गये <br /><br />गिद्ध!! <br /><br />...bahut khoob, prasanshaneey rachanaa !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-6612314653626614582010-04-20T11:47:59.762-04:002010-04-20T11:47:59.762-04:00आपका ब्लॉग बहुत अच्छा है. आशा है हमारे चर्चा स्तम्...आपका ब्लॉग बहुत अच्छा है. आशा है हमारे चर्चा स्तम्भ से आपका हौसला बढेगा.चिट्ठाचर्चाhttps://www.blogger.com/profile/07509950019185368548noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-67106625343356423842010-04-20T11:43:52.348-04:002010-04-20T11:43:52.348-04:00माँ पर आपकी कविता बहुत प्यारी है अंकल जी..माँ पर आपकी कविता बहुत प्यारी है अंकल जी..Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-31207206794301167882010-04-20T09:34:50.969-04:002010-04-20T09:34:50.969-04:00na jane aisa kyu hota hai...har baat pe maa kyu ya...na jane aisa kyu hota hai...har baat pe maa kyu yaad aa jati hai...par yahi sach hai. acchhi rachna. badhayi.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-79533633372247352642010-04-20T09:16:24.386-04:002010-04-20T09:16:24.386-04:00बहुत सुन्दर है!बहुत सुन्दर है!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-51639396679276562302010-04-20T08:50:56.461-04:002010-04-20T08:50:56.461-04:00समीर जी
सीधे दिल से निकली पोस्ट.............! पैग...समीर जी <br />सीधे दिल से निकली पोस्ट.............! पैग के साथ दो कवितायेँ वाह वाह......अच्छा अंदाज़ है आपका.<br />माँ वाली कविता दिल को छू गयी.....!Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-70592822336323774882010-04-20T03:53:35.847-04:002010-04-20T03:53:35.847-04:00दोनों कवितायें बहुत सुन्दर हैं..ख़ासकर माँ वाली,
...दोनों कवितायें बहुत सुन्दर हैं..ख़ासकर माँ वाली,<br /> और १०% की बात तो अच्छी कही...मन दुखी हो जाता है ये सब देख...बस नज़रंदाज़ ही कर सकते हैं..पर वे पोस्ट टॉप पर कैसे पहुँच जाती हैं?? ..ये भी एक अचरज है....यानि की लोग पढ़ते हैं...टिप्पणियाँ भले ही ना करें...फिर ये ९०% के ऊपर ही है,ना कि उन्हें हतोत्साहित करे.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.com