tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post85589129258761121..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: साहित्य में संतई की राह...Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger55125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-22851753136711656572012-03-02T10:51:46.068-05:002012-03-02T10:51:46.068-05:00गाँव में बचपन बिताकर,आज हम चाहे जहाँ हों
उन यादों ...गाँव में बचपन बिताकर,आज हम चाहे जहाँ हों<br />उन यादों को ताजा करने आना पडता है गाँव में,<br /><br />बहुत बढ़िया,बेहतरीन गजल,....बहुत२ बधाई <br /><br /> NEW POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/02/blog-post_29.html#links" rel="nofollow">...काव्यान्जलि ...होली में...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14004353782674272472012-02-26T18:22:40.572-05:002012-02-26T18:22:40.572-05:00Lmbi bimari ke baad aap sabko padhne ka avsar mila...Lmbi bimari ke baad aap sabko padhne ka avsar mila...Bahut hi umda gazal hai ye bahut2 badhai...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-56857582097464472722012-02-26T07:52:07.772-05:002012-02-26T07:52:07.772-05:00Samir Ji
तरही में वहां नहीं पढ़ पाए तो यहाँ ही सही....Samir Ji<br />तरही में वहां नहीं पढ़ पाए तो यहाँ ही सही........<br /><br />हर जवानी भाग निकली है नगर की राह पर<br /><br />राह तकती माँ अभागी है अभी तक गाँव में<br /><br />वाह क्या शेर रचा है.......Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-12467845973908841942012-02-26T07:42:25.647-05:002012-02-26T07:42:25.647-05:00सच है आपका भुगता हुआ हर लिखने वाला भुक्त है पर इतन...सच है आपका भुगता हुआ हर लिखने वाला भुक्त है पर इतने सब्र के बाद कितना मीठा फल निकला है ।<br /><br />हर जवानी भाग निकली है शहर की राह पर <br />राह तकती माँ अभागी है अभी तक गाँव में ।<br /><br />दर्दनाक सच्चाई ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-13465112258775381492012-02-26T02:02:42.338-05:002012-02-26T02:02:42.338-05:00कुछ उसे शब्द रुप दे गये और मैं- भटकता रहा उस शत प्...कुछ उसे शब्द रुप दे गये और मैं- भटकता रहा उस शत प्रतिशत उम्दा दे जाने की मृगतृष्णा को गले लगाये.<br /><br />aisi hi sthiti se bahut se log gujratte hai aur dekho na aap hi kah gaye ye baat...<br /><br />acha laga padhkar lekh aur gazal bahut khub haigyaneshwaari singhhttps://www.blogger.com/profile/16752930608738766658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11530414228435961122012-02-24T05:21:49.559-05:002012-02-24T05:21:49.559-05:00कल शनिवार , 25/02/2012 को आपकी पोस्ट नयी पुरानी ...<i><b> कल शनिवार , 25/02/2012 को आपकी पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .<br /><br />धन्यवाद! </b></i>Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-70481343028942173002012-02-23T23:57:33.590-05:002012-02-23T23:57:33.590-05:00एक खोज ...एक प्रयास से शुरू हुई ...शब्दों में यात्...एक खोज ...एक प्रयास से शुरू हुई ...शब्दों में यात्रा करती हुई घुमते घामते आ पहुंची अपने गाँव ...सुंदर कविता लिए ...ये भटकन जो न करवाए वो थोड़ा है ...!!सम्पूर्णता लिए हुए ...बहुत सुंदर पोस्ट ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-21956300045410716792012-02-23T23:53:12.152-05:002012-02-23T23:53:12.152-05:00बहुत ही ज़ोरदार और शानदार पोस्ट और उतनी ही सुन्दर ...बहुत ही ज़ोरदार और शानदार पोस्ट और उतनी ही सुन्दर ग़ज़ल। क्या कहना है! वाह वाह!<br /><br />लेख का यह भाग बहुत कुछ कहता है और अंतस की पीड़ा बयाँ करता है :-<br /><br />“ऐसा नहीं कि मेरे पास शब्द न थे मगर बेहतर शब्दों की तलाश में भटकता रहा और लोग रचते चले गये. मेरे भाव किसी और की कलम से शब्द पा गये. मेरे विचार, मेरे भाव मेरे न होकर उस कलमकार के हो गये, जो उन्हें शब्द दे गया. वही मौलिक रचयिता कहलायेगा. भाव किसी की जागीर नहीं. एक से भाव एक ही समय में कई दिलों में उगते है. अब कौन उसे उकेर दे- कौन उन्हें अमल में ले आये- बस, उसी की कीमत है. और फिर एक से ही भाव जब अलग अलग तरफ, अलग अलग दिलों में एक साथ उठते और शब्द पाते हैं तब भी जुदा शैलियाँ उन्हें जुदा रखने में सफल रहती है. उनकी मौलिकता बनाये रखती हैं.”<br /><br />आप का साहित्य अब बुलंदी का रुख़ कर रहा है लाल साहब।<br />बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ स्वीकार कीजिए अपने इस बवाल की।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-74932580100696108802012-02-23T20:06:03.799-05:002012-02-23T20:06:03.799-05:00कोई "विजय" भारत में रहे या "समीर&qu...कोई "विजय" भारत में रहे या "समीर" कनाडा में ,<br />कई बन्दे अपने जैसे जिंदा हैं अभी तक गाँव में !!<br /><br />मुझे शेर या ग़ज़ल लिखना नहीं आता , बस आपके ग़ज़ल की तारीफ में ये शेर लिख दिया है .<br />आपके लेख ने बहुत कुछ करने पर फिर से आमादा किया है . दिल से शुक्रिया परम मित्र.vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-61891872839594867332012-02-23T13:25:08.245-05:002012-02-23T13:25:08.245-05:00महसूस तो हम सब भी यही कर रहे थे पर शब्द नहीं मिल र...महसूस तो हम सब भी यही कर रहे थे पर शब्द नहीं मिल रहे थे कहने के लिए। परफ़ेक्ट होने का रोग बहुत बुरा है। शब्दों ,सही व्याकरण के चक्कर में मेरी तो लेखनी पर ही ताला लग गया है और मैं खोलने की कौशिश कर रही हूँ। <br />आप को शब्द ढूंढने की जरूरत नहीं, मुझे लगता है मन की बात शिद्दत से कही जाए तो तकनीकी कमियों के बावजूद पाठकों तक पहुंच ही जाती है।<br />बाकी आप ज्यादा अनुभवी है अभिव्यक्ति के सेनापति…:)Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14278160164355605112012-02-23T09:27:13.907-05:002012-02-23T09:27:13.907-05:00हर जवानी भाग निकली है नगर की राह पर
राह तकती माँ ...हर जवानी भाग निकली है नगर की राह पर<br /><br />राह तकती माँ अभागी है अभी तक गाँव में<br /><br />कटु सत्य है यह...<br /><br />चिंतन और ग़ज़ल..दोनों बहुत ही बढ़ियाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-13811665114612709602012-02-23T02:17:24.311-05:002012-02-23T02:17:24.311-05:00शब्दों की तलाश तो हर किसी को रहती है ... बहुत ही क...शब्दों की तलाश तो हर किसी को रहती है ... बहुत ही कमाल की संवेदनाएं लिए है ये गज़ल समीर भाई ... हर शेर जीवन के कितने करीब से उठाया हुवा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53386213611598619022012-02-22T23:51:46.773-05:002012-02-22T23:51:46.773-05:00# खूबसूरत गज़ल. सुबीर जी के मंच पर भी पढ़ी.
लेख ...# खूबसूरत गज़ल. सुबीर जी के मंच पर भी पढ़ी.<br /><br /><b> लेख के सन्दर्भ में:</b><br /><br /># सहित्य को दृष्टिगत रख कर विचार करे तो हमें अपनी रचनाओं में सहित्य के तकाज़ो को तो पूरा करना ही पड़ेगा. <br /><br /># यदि ब्लागिंग के मद्देनज़र सोचा जाए तो : एक आम ब्लॉगर, अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए भाषा की शुद्धता,व्याकरण आदि पर ध्यान कम ही देता है. अन्यथा वह अपने दिल की बात कहने में ही असमर्थ रहे.यह आज़ादी लेने का मौक़ा उसे 'ब्लागिन्ग' के प्लेटफोर्म पर ही मिल सका है.<br /><br /># आपका मंथन स्वयं के लिए है तो बहुत ही वाजबी है बल्कि हम सब ब्लागर्स के लिए भी पथ प्रदर्शक है. अगर हम अपना शब्द ज्ञान बढ़ाकर अपने लेखन को सँवारे तो निश्चित ही उसकी आयु अधिक रहेगी और साहित्य का हिस्सा बन जाएगी (अगर साहित्यकार होना अप्रसांगिक नहीं हो गया है तो).<br /><br /># मेरे जैसे कुछ अगंभीर प्रकृति के ब्लॉगर को जो शब्दों ही से छेड़-छाड़ कर बैठते है को कुछ बन्दिशो से मुक्त रखा जा सके तो ब्लागिंग भी साहित्य की तरह नीरस (?) होने से बच जायेगी !<br />http://aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-73994087577651454152012-02-22T22:28:07.898-05:002012-02-22T22:28:07.898-05:00मेरी अपनी नजरों में अपनी काबिलियत के अनुसार जरुर श...मेरी अपनी नजरों में अपनी काबिलियत के अनुसार जरुर शत प्रतिशत खरा उतरे. कम से कम अपनी काबिलियत का इस्तेमाल करने में काहिलियत को कोई स्थान न दूँ. आलस्य को अपने आस पास न फटकने दूँ....<br />सलाम इस जज्बे को..<br />और अब गज़ल..<br />बहुत सुन्दर..<br />खेत है खलिहान है अमराई है ..<br />प्यार की मीठी छांव, बाकी है अभी तक गाँव में.. <br /><br />सादर..vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-63693736477308806832012-02-22T21:50:11.569-05:002012-02-22T21:50:11.569-05:00मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्तियाँ (यह नया शब्द आपकी झोल...मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्तियाँ (यह नया शब्द आपकी झोली को .... :) )Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-75444280491563524082012-02-22T21:38:38.640-05:002012-02-22T21:38:38.640-05:00भोर,संध्या,सांझ हो, या हो वो रातों का सफ़र
खुल हवा...भोर,संध्या,सांझ हो, या हो वो रातों का सफ़र<br />खुल हवायें गुनगुनाती हैं अभी तक गाँव में<br /><br /><br />-राकेश खण्डेलवाल जी द्वारा प्रस्तावित शेर - पुराने के बदले...अब काफिया बदस्तूर निभाह में है पूरी गज़ल में...<br /><br />आभार गुरुदेव!! नमन!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-39893615930552960462012-02-22T13:21:56.241-05:002012-02-22T13:21:56.241-05:00मैं तो बस इतना कहूँगी सर जी,कौन कहता है शब्द नहीं ...मैं तो बस इतना कहूँगी सर जी,कौन कहता है शब्द नहीं मिलते आपको मैं तो आपकी लेखनी की पहले से ही कायल हूँ और आज आपकी यह पोस्ट पढ़ने के बाद तो मेरे और आपके अनुभव भी एक से लगे मुझे और ऐसा लगा जैसे आपने मेरे ही मन के विचारों को पन्ने पर उतार दिया... :) आपकी लिखी हर एक बात से सहमति है मेरी! धन्यवादPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-60714409790911641962012-02-22T13:05:36.219-05:002012-02-22T13:05:36.219-05:00मठाधीशी का ज़माना है...साहित्य इससे अछूता कैसे रह ...मठाधीशी का ज़माना है...साहित्य इससे अछूता कैसे रह सकता है...उत्कृष्ट लेखन के लिए शब्दकोष सीमित है...व्यक्ति का...निश्चय ही शब्द सामर्थ्य बढ़ा कर ही मनोभावों को सहज रूप से व्यक्त किया जा सकता है...खूबसूरत लेख के साथ...खूबसूरत ग़ज़ल मुफ्त...धन्यवाद...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-35946745678730170952012-02-22T12:37:49.614-05:002012-02-22T12:37:49.614-05:00आप जिस की बात करते हैं अभी इस ग़ज़ल में
लोग उस को...आप जिस की बात करते हैं अभी इस ग़ज़ल में <br />लोग उस को बस ढूंढते हैं अभी तक गाँव मेंदिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89722462410239312212012-02-22T11:41:40.148-05:002012-02-22T11:41:40.148-05:00समीर जी,..आपके लिए
गाँव में बचपन बिताकर,आज हम चाह...समीर जी,..आपके लिए <br />गाँव में बचपन बिताकर,आज हम चाहे जहाँ हों <br />उन यादों को ताजा करने आना पडता है गाँव में,<br /><br />बहुत बढ़िया,बेहतरीन गजल,....बहुत२ बधाई <br /><br />MY NEW POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/02/blog-post_4052.html#links" rel="nofollow">...काव्यान्जलि...आज के नेता...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-12856821169178464562012-02-22T10:28:04.661-05:002012-02-22T10:28:04.661-05:00साहित्य है ही ऐसी चीज जहां संत-महंत गंजे पड़े हैं।...साहित्य है ही ऐसी चीज जहां संत-महंत गंजे पड़े हैं। और यही कारण है कि साहित्य बोंसाई हो कर रह गया है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-25924530420474814502012-02-22T09:53:14.752-05:002012-02-22T09:53:14.752-05:00लेकिन ज्यादा टेंशन नही लेने का, जैसा है अच्छा है.:...लेकिन ज्यादा टेंशन नही लेने का, जैसा है अच्छा है.:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-20439336284732676432012-02-22T09:52:03.461-05:002012-02-22T09:52:03.461-05:00गजल लाजवाब, उसके पूर्व मन की सहज व्यथा सरस अभिव्यक...गजल लाजवाब, उसके पूर्व मन की सहज व्यथा सरस अभिव्यक्त की है, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-42230195755530303772012-02-22T08:17:50.068-05:002012-02-22T08:17:50.068-05:00सुन्दर ग़ज़ल लिखी है आपने ...गुरदेवसुन्दर ग़ज़ल लिखी है आपने ...गुरदेवसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-44721015918030102712012-02-22T06:23:44.629-05:002012-02-22T06:23:44.629-05:00shat pratishat sach kahta hua lekh ..aur gazal bhi...shat pratishat sach kahta hua lekh ..aur gazal bhi seedhe saade shabdon me asal baat kahti hui si...शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.com