tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post653025884666160811..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: टेमा बोले टैं....Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62635074458606195032008-07-21T15:48:00.000-04:002008-07-21T15:48:00.000-04:00Nice one Sir...Wish ki kabhi aamne samne sun ne ka...Nice one Sir...<BR/>Wish ki kabhi aamne samne sun ne ka mauka mile..Rishabh Makrandhttps://www.blogger.com/profile/09429685735133727870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14755738867041282742008-07-17T02:23:00.000-04:002008-07-17T02:23:00.000-04:00बहुत खूब सर जी..मैं तो बस छोटा मोटा कवि हूं पर कवि...बहुत खूब सर जी..<BR/>मैं तो बस छोटा मोटा कवि हूं पर कवि तो हूं ही.. अगली बार मैं भी कविता सुना डालूंगा.. :DPDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-83078512475140426612007-05-14T16:01:00.000-04:002007-05-14T16:01:00.000-04:00आप की यह पोस्ट प्रिंट करके ट्रेन में बैठ कर पढ़ रह...आप की यह पोस्ट प्रिंट करके ट्रेन में बैठ कर पढ़ रहा था, हंसी नहीं रुक रही थी और लोग सोच रहे थे कि इसे बैठे बैठे क्या हो रहा है। आप सोच रहे हैं कि वो दोबारा फ़ोन नहीं करेगा, मैं सोचता हूँ कि उसने ये काम ही छोड़ दिया होगा। आप बहुत निर्दयी हो गए हैं, किसी पर भी रहम नहीं करते।Baserahttps://www.blogger.com/profile/08365898829052109147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-51841263441818125142007-05-09T03:52:00.000-04:002007-05-09T03:52:00.000-04:00कुछ ऐसी वीर रस की कविताओं का दिव्य ज्ञान हमको भी प...कुछ ऐसी वीर रस की कविताओं का दिव्य ज्ञान हमको भी प्रदान करने की कृपा kरें ताकि इन टेली मार्केटिग वालों से छुटकारा पाया जाय्।Dr Prabhat Tandonhttps://www.blogger.com/profile/14781869148419299813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-23327529106123065182007-05-07T00:26:00.000-04:002007-05-07T00:26:00.000-04:00:) aapki rachna padhe aur hansi na aaye yah kaise ...:) aapki rachna padhe aur hansi na aaye yah kaise ho sakata hai [:)]रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14395981846607209452007-05-05T09:35:00.000-04:002007-05-05T09:35:00.000-04:00कमल भाईबहुत आभार और धन्यवाद.कमल भाई<BR/><BR/>बहुत आभार और धन्यवाद.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-81399254399023216512007-05-05T04:59:00.000-04:002007-05-05T04:59:00.000-04:00HATS OFF FOR YOU...HATS OFF FOR YOU...Unknownhttps://www.blogger.com/profile/00729364671802721915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-90522198717018370162007-05-02T21:56:00.000-04:002007-05-02T21:56:00.000-04:00मनीष भाईअब कविता सुन ही ली है सो धन्यवाद....हा हा!...<B>मनीष भाई</B><BR/><BR/>अब कविता सुन ही ली है सो धन्यवाद....हा हा!! <BR/><BR/><BR/><B>प्रिया जी</B><BR/><BR/>चलो गाली देने से बच गई... हा हा. लिखना सफल हो गया...इसी तरह के समाज सुधारक कार्यों के लिये यह अवतार प्राप्त किया है. :) बखान पसंद करने का धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>दिव्याभ जी</B><BR/><BR/>कुछ हंसी तो उधार में कुछ तो छूटेगा ही...:) और आप तो सब पढ़कर प्रोत्साहित कर ही देते हैं तो मैं निश्चिंत हूँ.<BR/><BR/>धन्यवाद हौसला अफजाई के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>पुनः अरुण भाई</B><BR/><BR/>जिम्मेदारी बखूबी निभाई गई...आपको मंच से पुरुस्कृत किया जायेगा.<BR/><BR/><BR/><B>विज भाई </B><BR/><BR/>बहुत आभार आप पधारे और रचना पसंद की...:) आते रहें यही निवेदन है.<BR/><BR/><B>रचना जी</B><BR/>ठीक है दिखा लो टेमा से हमदर्दी..हमारा तो ख्याल ही नहीं है.. :). बहुत धन्यवाद.<BR/>रहा sms का उपाय...जल्द ही पेश करेंगे आपके आदेश का पालन करते हुए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-78881082827378656242007-05-02T21:48:00.000-04:002007-05-02T21:48:00.000-04:00नोट पेड महोदया :) जब पंगे का मन करे तो वो हैं न!!...<B>नोट पेड महोदया :) </B><BR/><BR/>जब पंगे का मन करे तो वो हैं न!! बाकि समय के लिये ये. :) इलाज पसंद आया, धन्यवाद. आती रहो, नये नये इलाज मिलते रहेंगे.<BR/><BR/><B>सागर भाई</B><BR/><BR/>टेमा के साथ हो गये. सही है बेचारे अकेले पड़ गये थे और आपसे ही सहारा रह गया था. पसंद तो किया ही है तभी टीपियाये हो सो धन्यवाद. <BR/><BR/><BR/><B>अतुल जी</B><BR/><BR/>वो तो मैने पहले ही बुक कर दिया है तुम्हारे लिये..तुम तो हमेशा से बेहतरीन श्रोता रहे हो..बाकियों को तुमसे सबक लेना चाहिये :)<BR/><BR/>कविता चाहिये सुनाने के लिये तो बताना...फ्री में बंट रही है हा हा. धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>रत्ना जी</B><BR/><BR/>मैं समझ गया कि खुद बखुद निकली है...:)<BR/><BR/>धन्यवाद हौसला अफजाई के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>संजय भाई</B><BR/><BR/>भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है. काश, आप प्रधान मंत्री होते.<BR/><BR/>धन्यवाद आपके प्रोत्साहन के लिये हमेशा की तरह.<BR/><BR/><BR/><B>अरविंद भाई </B><BR/><BR/>यही तो विडंबना है..क्या किया जाये इसका..जब भारत जाओ और हिन्दी में बात करो तो सामने वाले को पता लगते ही कि आप कनाडा से आये हैं अंग्रजी से नीचे उतारना मुश्किल हो जाता है..:)<BR/>बहुत आभार आप पधारे और रचना पसंद की.<BR/><BR/><B>श्रीश भाई</B><BR/>ठीक है दिखा लो टेमा से हमदर्दी..हमारा तो ख्याल ही नहीं है.. :). बहुत धन्यवाद कि सुझाया मार्ग सराहा गया.<BR/><BR/><B>रीतेश</B><BR/>तुमने सर्टिफाई कर दिया, अब खुल कर लिखेंगे... :) हंस दिये यह हमारी उपलब्धियों में लिखा जायेगा. बहुत आभार. :)<BR/><BR/><B>भावना जी</B><BR/>जरुर आदेश का पालन होगा. आप लोटपोट हुईं, हम लहालोट हुये, सिलसिला जारी रहेगा...बहुत आभार.<BR/><BR/><B>राकेश भाई</B><BR/><BR/> इंतजार लगवा दिया आपने तो निमंत्रण का...बस शुभाशिष बनाये रहें :)<BR/><BR/><B>पियुष जी</B><BR/><BR/>आपने पसंद किया, बहुत आभार. :) धन्यवाद बाचने का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72120521463641149352007-05-02T21:31:00.000-04:002007-05-02T21:31:00.000-04:00तरुणयहाँ सभी कवितायें कॉपी लेफ्ट हैं, कोई सी भी उठ...<B>तरुण</B><BR/><BR/>यहाँ सभी कवितायें कॉपी लेफ्ट हैं, कोई सी भी उठा कर सुना देना. :)<BR/><BR/><B>अरुण भाई</B><BR/><BR/>आईंन्दा बाद ध्यान दिया जायेगा. बस सालाना बम फोड़ा जायेगा और साप्ताहिक फुलझड़ी. रास्ता दिखा-अच्छा लगा. इसीलिये यह मानव अवतार लिया है. सफल रहा. धन्यवाद. <BR/><BR/><BR/><B>लक्ष्मी जी</B><BR/><BR/>हा हा, आपके मद्रासी मित्र भी बहुत फन्नी हैं. :)<BR/><BR/>आप हंसे, लोट पोट हुये, इसी बात पर हम लहालोट हुए जा रहे हैं. धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>संजीत भाई</B><BR/><BR/>सही है तुम्हें मजा आ गया. मैने तो पढ़ी हैं तुम्हारी कवितायें..सही पक जायेगा. तुम्हें उधार लेने की जरुरत नहीं. बल्कि हम तो सोचते हैं कि तुम्हारी ही कविता हम भी सुनाया करें. हा हा-अरे, मजाक कर रहा हूँ, भाई :) अन्यथा न लेना.<BR/><BR/>धन्यवाद हौसला अफजाई के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>अनूप जी</B><BR/><BR/>बयान एक तरफा जरुर है मगर महिला थाने में तो सिर्फ़ महिला की बात सुनी जाती है...प्रताडित को प्राथमिकता का नियम है.<BR/><BR/>बाकि बातों से सहमत हूँ मगर हमसे खुर्राट और खूसट कहाँ से लायें. :)<BR/><BR/>धन्यवाद आपके प्रोत्साहन के लिये, जिसे मिल जाये वही धन्य...और हम तो हमेशा ही धन्य हो जाते हैं.<BR/><BR/><BR/><B>चुंतन भाई</B><BR/><BR/>आपका नाम का अर्थ नहीं निकाल पाया मगर बात सुन कर 'आंखो से सुनी, कान भर आये' कुछ कुछ समझ में आया. प्रार्थना कामयाब रहे यही उम्मीद कर सकता हूँ. इसी में मेरा भी भला है, आपका साधुवाद. पक्का विश्वास है कि आप टेमा नहीं हैं..:)<BR/>बहुत आभार आप पधारे.<BR/><BR/><B>मित्र काकेश</B><BR/>भेज रहा हूँ, मित्र. एक दम ताजा कविता अगली पोस्ट के साथ. बहुत काम आयेगी. बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>पंकज</B><BR/>चलो, नहीं रोयेंगे. तुम्हारा विटो ही चलेगा इसमें कोई संशय नहीं.<BR/>काबिलियत में उन्न्ति को सराहने के लिये आभार और धन्यवाद. कम से कम तुम हंसे तो!!! वरना तो तरकश के कारण डांट खाते ही समय बिता रहे थे. :)<BR/><BR/><B>मैथली भाई</B><BR/>बताना जरुर अपना अनुभव कि कैसा परिणाम मिला. बाकि पसंद करने का धन्यवाद तो रख ही लें.<BR/><BR/><B>सृजन भाई</B><BR/><BR/>अच्छा लगा, हमें भी अच्छा लगा. धन्यवाद.ये लो रिटर्न गिफ्ट :)<BR/><BR/><B>पाण्डेय जी</B><BR/><BR/>क्षमा चाहूँगा. आपके स्वास्थय का अंदाजा न था..आगे से ख्याल रखूंगा. डिस्क्लेमर लगा दूंगा कि पाण्डेय जी न पढ़ें.. :) कम्पलेंट न करना, विवादित मसला हो जाता है और होता जाता कुछ नहीं ...बाहर ही निपटा लो. :) धन्यवाद बाचने का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53464288511475489192007-05-02T03:46:00.000-04:002007-05-02T03:46:00.000-04:00इतने श्रोता क्या कम पड रहे है आपको कि बेचारे मुसी...इतने श्रोता क्या कम पड रहे है आपको कि बेचारे मुसीबत के मारे टेमाओ को कविता सुनानी पड रही है? मोबाइल सेर्विस देने वाली कम्पनीयों की तरफ़ से दिन मे मिलने वाले २५ SMS से बचने के उपाय भी बताएं..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-27791070775605610132007-05-02T01:10:00.001-04:002007-05-02T01:10:00.001-04:00वाह समीर जी..बहुत ही दिलचस्प लेख...मजा आया पढ्कर.....वाह समीर जी..बहुत ही दिलचस्प लेख...मजा आया पढ्कर...विजेंद्र एस विजhttps://www.blogger.com/profile/06872410000507685320noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-69386287920618092692007-05-02T01:10:00.000-04:002007-05-02T01:10:00.000-04:00वाह समीर जी..बहुत ही दिलचस्प लेख...मजा आया पढ्कर.....वाह समीर जी..बहुत ही दिलचस्प लेख...मजा आया पढ्कर...विजेंद्र एस विजhttps://www.blogger.com/profile/06872410000507685320noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62262869019155341862007-05-01T20:57:00.000-04:002007-05-01T20:57:00.000-04:00कृपया नॊट करे:सभी चिट्ठाकारो से अनुरोध है कि कल सो...कृपया नॊट करे:सभी चिट्ठाकारो से अनुरोध है कि कल सोते समय समीर भाई हमे यह जुम्मेदारी दे गये थे कि हम टिप्पणीयो का ख्याल रखे और हमारे हिसाब से अब यहा और जगह टिपियाने के लिये नही है अत: अब आप यहा पढे और पंगेबाज पर टिपियाये देखो समीर भाई मै अपनी पूरी मेहनत से जुंम्मेदारी निभा रहा हू<BR/>:)<BR/>:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-38965647757380907582007-05-01T14:28:00.000-04:002007-05-01T14:28:00.000-04:00समीर भाई,अब कोई परेशान कर ही नहीं सकता…गांधी जी के...समीर भाई,<BR/>अब कोई परेशान कर ही नहीं सकता…गांधी जी के दर्शन का सहज प्रयोग किया :) :) :)<BR/>मजा आ गया…।बधाई!! <BR/>आपका रोंदू भी पढ़ना तो पड़ेगा…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-659762166232804442007-05-01T13:05:00.000-04:002007-05-01T13:05:00.000-04:00wah bahut nek khayal hain...aise tema humein bhi p...wah bahut nek khayal hain...aise tema humein bhi pareshan karte hain....<BR/>waise apka yeh lekh tema kranti se do do haath lene ka satyagrahi type ka rasta hain....galiya dekar mein ugrawadi nahin banna chah rahi thi...<BR/>ha ha ha....Priya Sudraniahttps://www.blogger.com/profile/04044163984286818353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-26002515723693189462007-05-01T12:07:00.000-04:002007-05-01T12:07:00.000-04:00वाह , वाह टेमा की कहानी सुनाने के बहाने हमें भी कव...वाह , वाह टेमा की कहानी सुनाने के बहाने हमें भी कविता सुना ही डालीManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-60344237155816508922007-05-01T11:21:00.000-04:002007-05-01T11:21:00.000-04:00मजा आ गया जनाब...बहुत धांसू टेमा संवाद है...आईडिया...मजा आ गया जनाब...<BR/>बहुत धांसू टेमा संवाद है...<BR/>आईडिया भी जोरदार है टेली मार्केटिंग वालों से निपटने का..Piyushhttps://www.blogger.com/profile/07432495541442214838noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-52625828976139463632007-05-01T11:19:00.000-04:002007-05-01T11:19:00.000-04:00भैया समझ गये हम. अब कवि सम्मेलन में बुलाना ही पड़ेग...भैया समझ गये हम. अब कवि सम्मेलन में बुलाना ही पड़ेगा वरना बेचारे टेलीमार्केटर की जीविका खतरे में पद़्अ जायेगी.<BR/><BR/>वैसे<BR/>क्योंकि चाहा है नहीं दोहराऊं उसको जो कहें सब<BR/><BR/>सिर्फ़ खानापूरियों सी बात यों लगने लगी है<BR/><BR/>वाह बोलूँ, धन्य बोलूँ, शब्द के सन्दूक खोलूँ<BR/><BR/>बँध नहीं पाती मगर जो भावना मन में जगी है.राकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-76301105584051972272007-05-01T09:51:00.000-04:002007-05-01T09:51:00.000-04:00'सावधान, यह आदमी कवि है. इसे फोन न किया जाये. यह ज...'सावधान, यह आदमी कवि है. इसे फोन न किया जाये. यह जबरदस्ती कविता सुनाता है.'<BR/><BR/>Sameer ji kya kavita or kaya lekh likha ha hsate haste lotpot ho gaye bahut khub yun hi likhte rahiye.Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-59839896957689949102007-05-01T08:02:00.000-04:002007-05-01T08:02:00.000-04:00हम:' हमारा भी कविता करने का समय है यह. नहीं सुनना ...हम:' हमारा भी कविता करने का समय है यह. नहीं सुनना है तो फोन रख दें, हम दूसरा श्रोता खोजें.'<BR/>---------------------------------<BR/>'सावधान, यह आदमी कवि है. इसे फोन न किया जाये. यह जबरदस्ती कविता सुनाता है.'<BR/>----------------------------------<BR/>सचमुच लालाजी खूब हँसाये हो भाई ....<BR/>हँसने-हँसाने में तो आप परफ़ेक्ट्या गये हो<BR/><BR/>बधाई....Reetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-52071846568165460182007-05-01T07:56:00.000-04:002007-05-01T07:56:00.000-04:00धन्य हैं गुरुवर नित्य नए उपाय बताकर भक्तजनों को कल...धन्य हैं गुरुवर नित्य नए उपाय बताकर भक्तजनों को कल्याण का मार्ग सुझाते रहते हैं।<BR/><BR/>बेचारा टेमा...ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72610494212568657762007-05-01T06:43:00.000-04:002007-05-01T06:43:00.000-04:00वाह समीर जी, आपने वेंकूवर के दूर-विक्रेता (टेली मा...वाह समीर जी,<BR/> आपने वेंकूवर के दूर-विक्रेता (टेली मार्केटीयर् का सहज हिन्दी अनुवाद) यानी दूवि को तो खूब पाठ पढाया. भारत मे 'भैया' कहने वाले दूवि नही मिलते.यहाँ तो अंग्रेज़ी नही आने पर भी अंग्रेज़ी की टांग तोडते हुए बिक्री करने का प्रयास करने वाले मिलते हैँ.<BR/>लेकिन हाँ, एक बार ट्राई करके देखा जा सकता है.<BR/>शायद (किस्मत से)भूले भटके कोई श्रोता (उसकी बदकिस्मती से)मिल ही जाये.<BR/> यदि ज्यादा चिपकू कोइ श्रोता मिल गया तो आपका वंकूवर का नम्बर दिया जा सकता है. सही मायने मेँ 'इंटर्नेश्नल मार्केटिंग'हो जायेगी.<BR/>अच्छी रचना हेतु बधाई,<BR/>अरविन्द चतुर्वेदी<BR/>http://bhaarateeyam.blogspot.comडा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/01678807832082770534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-65918975206985182612007-05-01T06:07:00.000-04:002007-05-01T06:07:00.000-04:00लो जी, न तलवार चली न बन्दूक और अगला हो गया टें.......लो जी, न तलवार चली न बन्दूक और अगला हो गया टें.....<BR/><BR/>इसे ही कविता की शक्ति कहते है. ऐसी ही एक कवि रेजिमेंट हो तो पाकिस्तान, चीन तो युँ ही घूटने टेक दे :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-43023589304133855842007-05-01T05:18:00.000-04:002007-05-01T05:18:00.000-04:00वाह, वाह, वाह,वाह और यह खुद बखुुद नि...वाह, वाह, वाह,वाह <BR/> और यह खुद बखुुद निकली है, कहने पर नहीं।Anonymousnoreply@blogger.com