tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post5517377661925559381..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: विज्ञान और कला: एक अध्ययनUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger49125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-42840019962888686352012-07-27T20:08:12.383-04:002012-07-27T20:08:12.383-04:00-इंसानी खाल में छिपे कुछ भेड़िये देखें हैं मैने!!
...-इंसानी खाल में छिपे कुछ भेड़िये देखें हैं मैने!!<br />.<br />समीर जी यहाँ मैं आप से सहमत नहीं | भेद और भेड़िये का फर्क करना आज के युग में इतना भी आसान नहीं |एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14048291541392065652012-07-19T00:33:54.290-04:002012-07-19T00:33:54.290-04:00लेख की आखिरी दो पंक्तियाँ
दर्द सबका हर सके वो मु...लेख की आखिरी दो पंक्तियाँ <br /><br />दर्द सबका हर सके वो मुस्कान होना चाहिये<br />इंसान के भीतर भी एक इंसान होना चाहिये.<br />इंसानी खाल में छिपे कुछ भेड़िये देखें हैं मैने!! <br /><br />...बहुत कुछ बयां करती है.<br /><br />प्रस्तुति के लिए आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89622353973269281942012-07-17T01:14:57.049-04:002012-07-17T01:14:57.049-04:00क़माल का व्यंग्य है समीर साहब! आपके सहयोग के लिये श...क़माल का व्यंग्य है समीर साहब! आपके सहयोग के लिये शुक्रिया। संभव है मैं इस लेख की कुछ पंक्तियों का लाफ़ इंडिया लाफ़ में प्रयोग करूंगा। बहुत ताज़गी है इन टिप्पणियों में!Chirag Jainhttps://www.blogger.com/profile/07002910897805511606noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-43059244714459611712012-07-15T20:40:28.379-04:002012-07-15T20:40:28.379-04:00sahi kaha aapne ham aese hi hai isi kala me lage
...sahi kaha aapne ham aese hi hai isi kala me lage <br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1211874400724122822012-07-15T07:03:07.285-04:002012-07-15T07:03:07.285-04:00बहुत सही वर्णन किया है आपने हमारे देश का .....
यहा...बहुत सही वर्णन किया है आपने हमारे देश का .....<br />यहाँ के लोग परिस्थितियों में ढलना जानते हैं .....<br />ऐसे लोग कहाँ मिलेंगे<br />हम अभाव में भी खुश रहना जानते हैं<br />सुंदर लेख ....<br />अंतिम पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी<br />दर्द सबका हर सके वो मुस्कान होना चाहिये...<br />इंसान के भीतर भी एक इंसान होना चाहिये.शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-40235132966553880942012-07-15T05:58:40.102-04:002012-07-15T05:58:40.102-04:00सही कह रहे/रही हैं आप पर एक बात और यहाँ बिजलीघर प...सही कह रहे/रही हैं आप पर एक बात और यहाँ बिजलीघर पर फोन उठाता ही कौन है . .बहुत सुन्दर भावात्मक प्रस्तुति .आभार. <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow"> अपराध तो अपराध है और कुछ नहीं ...</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-6995887651093631712012-07-15T05:55:49.833-04:002012-07-15T05:55:49.833-04:00सही कह रहे/रही हैं आप पर एक बात और यहाँ बिजलीघर प...सही कह रहे/रही हैं आप पर एक बात और यहाँ बिजलीघर पर फोन उठाता ही कौन है . .बहुत सुन्दर भावात्मक प्रस्तुति .आभार. <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow"> अपराध तो अपराध है और कुछ नहीं ...</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-12169849109279196442012-07-15T04:04:08.724-04:002012-07-15T04:04:08.724-04:00proud to be an Indian :)proud to be an Indian :)Mahi Shttps://www.blogger.com/profile/16742224478901211954noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-86901325669315141622012-07-14T13:00:59.850-04:002012-07-14T13:00:59.850-04:00अपने भारतीय होने पर आज अधिक गौरव महसूस हो रहा है।अपने भारतीय होने पर आज अधिक गौरव महसूस हो रहा है।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-80011863189398578022012-07-14T07:10:46.113-04:002012-07-14T07:10:46.113-04:00ham bharatwasi .... khush hue:)ham bharatwasi .... khush hue:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-18975995175415226212012-07-14T05:28:15.120-04:002012-07-14T05:28:15.120-04:00मगर भारत में रहना- ओह!! यह एक कला है. इस हेतु आपका...मगर भारत में रहना- ओह!! यह एक कला है. इस हेतु आपका कलाकार होना आवश्यक है. और कलाकार बनते नहीं, पैदा होते हैं.<br /><br />भारत में रह पाना, वो भी हर हाल में खुशी खुशी- यह एक जन्म जात गुण है, ईश्वर की कृपा है आप पर- कृपा ही नहीं- अतिशय कृपा है- इस कला को कोई सिखा नहीं सकता- इसे कोई सीख नहीं सकता. यह जन्मजात गुण है- वरदान है................<br /><br />आपने सच ही कहा भारत में रहना एक कला हैं .....और हम सबको इस कला पर गर्व हैं ....कि हम भारतीय हैं ...और गर्व से कहते हैं की भारत में रह कर दिखाओ तो जाने आपको ..भारत जैसा कोई और देश ना हुआ हैं और ना कभी होगा ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-20544205972501285392012-07-13T18:44:54.494-04:002012-07-13T18:44:54.494-04:00बेहतर आलेख,मजेदार तो है ही, दमदार भी हैबेहतर आलेख,मजेदार तो है ही, दमदार भी हैdevjihttp://eloantv.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-44422162878037884922012-07-06T22:06:27.671-04:002012-07-06T22:06:27.671-04:00हर बार की तरह एक सुन्दर और बेहतर आलेख।
साधुवाद!हर बार की तरह एक सुन्दर और बेहतर आलेख।<br />साधुवाद!दिनेश शर्माhttp://www.phalgutirth.co.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-17613534719542879792012-07-05T11:03:17.241-04:002012-07-05T11:03:17.241-04:00प्रत्येक स्थिति के अनुकूल ढाल लेने वाली, ढल जाने ...प्रत्येक स्थिति के अनुकूल ढाल लेने वाली, ढल जाने वाली भारतीय मेधा.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-81382206470145530312012-07-05T07:23:41.484-04:002012-07-05T07:23:41.484-04:00AAP KAVI V KAHANIKAAR HEE NAHIN ,EK
ACHCHHE VICHAA...AAP KAVI V KAHANIKAAR HEE NAHIN ,EK<br />ACHCHHE VICHAARAK BHEE HAIN . AAPKE<br />VIICHARON SE MAIN BILKUL SAHMAT HUN .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-79732582448673416162012-07-04T11:37:11.217-04:002012-07-04T11:37:11.217-04:00ये नियम वियम क्या होता है. हमे तो नियम अगर हैं भी ...ये नियम वियम क्या होता है. हमे तो नियम अगर हैं भी तो उन्हें तोड़ने में ही मज़ा आता है. यह सब देखकर आपकी बात ठीक ही लगती कि यहाँ जीवन कला है.<br /><br />गज़ल का इन्तेज़ार रहेगा.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-54438310031432818832012-07-04T05:49:17.365-04:002012-07-04T05:49:17.365-04:00............जो भी हो
जीना यहाँ,मरना यहाँ, इसके सिव...............जो भी हो<br />जीना यहाँ,मरना यहाँ, इसके सिवा अब जाना कहाँ ..<br />आभार उपरोक्त बेहतरीन प्रस्तुति हेतु ...<br /> ( पी.एस. भाकुनी )Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91883189860074823462012-07-04T05:33:51.665-04:002012-07-04T05:33:51.665-04:00हम किसी से कम नहींहम किसी से कम नहींBS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-15998330754381939212012-07-04T03:16:53.601-04:002012-07-04T03:16:53.601-04:00**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**...**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**<br />~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~<br />*****************************************************************<br /><b><i> उम्दा प्रस्तुति के लिए आभार<br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.in/2012/07/blog-post.html" rel="nofollow"><br /><br />प्रवरसेन की नगरी </a>प्रवरपुर की कथा</i></b><br /><br /><br /><b><i> ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥<br /><a href="http://blog4varta.blogspot.in/2012/07/4_04.html" rel="nofollow"><br />♥ जीवन के रंग संग कुछ तूफ़ां, बेचैन हवाएं ♥</a></i></b><br /><br />♥शुभकामनाएं♥ <br /><br /> ब्लॉ.ललित शर्मा <br />***********************************************<br />~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^<br />**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-22728912238916133112012-07-04T03:16:51.973-04:002012-07-04T03:16:51.973-04:00**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**...**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**<br />~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~<br />*****************************************************************<br /><b><i> उम्दा प्रस्तुति के लिए आभार<br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.in/2012/07/blog-post.html" rel="nofollow"><br /><br />प्रवरसेन की नगरी </a>प्रवरपुर की कथा</i></b><br /><br /><br /><b><i> ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥<br /><a href="http://blog4varta.blogspot.in/2012/07/4_04.html" rel="nofollow"><br />♥ जीवन के रंग संग कुछ तूफ़ां, बेचैन हवाएं ♥</a></i></b><br /><br />♥शुभकामनाएं♥ <br /><br /> ब्लॉ.ललित शर्मा <br />***********************************************<br />~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^<br />**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-77546484396401077192012-07-04T01:28:09.447-04:002012-07-04T01:28:09.447-04:00प्रभु हम भारतियों के गुण अवगुण आपने क्या खूब बयां ...प्रभु हम भारतियों के गुण अवगुण आपने क्या खूब बयां किये हैं...मज़ा आ गया...हम लोग हैं ही ऐसे...मैंने भी पूरी दुनिया देखी है एक नहीं दसियों बार लेकिन जो आनंद अपने देश में मिलता है वो कहीं नहीं मिलता... यहाँ हर परिस्थिति में इंसान जीना जानता है...हाय हाय भी करता है और जीता चला जाता है...अभावों में जीना शायद हम भारतियों की फितरत में है...स्थितियां अब धीरे धीरे बदल रही हैं...आने वाले सौ दो सौ साल में हम भी अमेरिका के समक्ष हो जायेंगे...वहां भी सब कुछ मुलम्मा चढ़ा हुआ है जब कहीं वो उखाड़ता है तो उनका असली चेहरा नज़र आ जाता है जो भारतियों से कम नहीं...रोचक पोस्ट.<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-69271651448829263762012-07-04T00:15:05.879-04:002012-07-04T00:15:05.879-04:00अनुभव से परिपूर्ण सुन्दर लेख. अपने देश और अमेरिका/...अनुभव से परिपूर्ण सुन्दर लेख. अपने देश और अमेरिका/कनाडा में जीवल शैली के अंतर के विवेचना रोचक लगी. <br /><br />लेख की आखिरी दो पंक्तियाँ बहुत कुछ बयां करती है.<br /><br />शुभकामनाएं.Santosh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08093068150076949621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-87614355508304698462012-07-03T22:57:36.985-04:002012-07-03T22:57:36.985-04:00वाह, अत्यन्त रोचक आलेख,
तभी बाहर कर्मशील जन होते ...वाह, अत्यन्त रोचक आलेख,<br /><br />तभी बाहर कर्मशील जन होते हैं, भारत में कलाकार जन..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-21422780561306098222012-07-03T22:25:01.956-04:002012-07-03T22:25:01.956-04:00अपने आसपास की कितनी सारी बातों से हम बेखबर बने हुए...अपने आसपास की कितनी सारी बातों से हम बेखबर बने हुए हैं, यही बताती है आपकी यह पोस्ट।<br />जोरदार और मजेदार तो है ही, दमदार भी है।<br />वाह। वाह।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-3615911450776406182012-07-03T20:59:24.900-04:002012-07-03T20:59:24.900-04:00जय हो महाप्रभु .... आज तो दिल खुश कर दिया ....लेकि...जय हो महाप्रभु .... आज तो दिल खुश कर दिया ....लेकिन एक बात तो है .. जो मज़ा भारत में है वो कहीं और नहीं...ये देश आपको जीवन जीने की कला को बेहतर करने में मदद करता है ...पर आपके लेख ने बहुत खुश किया आज : मोगाम्बो खुश हुआ :vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.com