tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post5154704417282312312..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: हे स्वयंभू चिट्ठा साहित्यकार!!Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-68857684406817703102007-07-13T09:20:00.000-04:002007-07-13T09:20:00.000-04:00बड़ी अनूठी प्रॉब्लम कही है. शब्द चित्र बहुत पसंद आय...बड़ी अनूठी प्रॉब्लम कही है. शब्द चित्र बहुत पसंद आया. दिल की गहराई से भाव उकेरे हैं।<BR/><BR/>बहूहू इस समस्या से तो बहुत से भाईलोग ग्रसित हैं, कासे कहें वाली स्थिति है। इस तरह के टिप्पणार्थी हमारे ही कुछ मित्र हैं इसलिए साफ टोक भी नहीं सकते, बस एक ही तरीका बचता है स्पैम के डब्बे में डालने का।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-45988726572778147902007-07-11T21:39:00.000-04:002007-07-11T21:39:00.000-04:00बहुत बढ़िया नुस्खा बताया आपने, मैं भी कटिया लगाता ह...बहुत बढ़िया नुस्खा बताया आपने, मैं भी कटिया लगाता हूँ आज ही से...अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/03416309171765363374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-39136411412339835892007-07-11T21:02:00.000-04:002007-07-11T21:02:00.000-04:00दो बूँद आँसू हमारी तरफ से भी ले लोदो बूँद आँसू हमारी तरफ से भी ले लोTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-81380298524024483572007-07-05T01:43:00.001-04:002007-07-05T01:43:00.001-04:00हमेशा की तरह मजेदार,वैसे इस पोस्ट पर टिप्प्णी करने...हमेशा की तरह मजेदार,<BR/>वैसे इस पोस्ट पर टिप्प्णी करने के लिये आपने कितनों को पोस्ट पढ़ने और टिप्प्णी करने ले लिये कहा (चैट के दौरान!!) :)<BR/>(स्माईली दे दी गई है)Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-5174948073094817352007-07-05T01:43:00.000-04:002007-07-05T01:43:00.000-04:00हमेशा की तरह मजेदार,वैसे इस पोस्ट पर टिप्प्णी करने...हमेशा की तरह मजेदार,<BR/>वैसे इस पोस्ट पर टिप्प्णी करने के लिये आपने कितनों को पोस्ट पढ़ने और टिप्प्णी करने ले लिये कहा (चैट के दौरान!!) :)<BR/>(स्माईली दे दी गई है)Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-25608228232906004182007-07-04T11:42:00.000-04:002007-07-04T11:42:00.000-04:00वैसे मेरी कविता पर आपने मेरे बिन आग्रह टिप्पणी कर...वैसे मेरी कविता पर आपने मेरे बिन आग्रह टिप्पणी कर दी है सो सोचता हूँ कि शायद वास्तविक है! धन्यवाद. <BR/><BR/>(देखिये स्माइली भी नहीं लगाया)Waterfoxhttps://www.blogger.com/profile/04083355344717381265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-33251918158261109202007-07-04T04:00:00.000-04:002007-07-04T04:00:00.000-04:00वह भाई बहुत बढिया. मुसीबत अपकी भले हुई हो, पर पढ़कर...वह भाई बहुत बढिया. मुसीबत अपकी भले हुई हो, पर पढ़कर हमें तो मजा आया. बधाई स्वीकारें.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-12156729837537823942007-07-03T14:52:00.000-04:002007-07-03T14:52:00.000-04:00समीर जी जवाब नहीं है आपका। आप तो विषय खोज़ने में म...समीर जी जवाब नहीं है आपका। आप तो विषय खोज़ने में माहिर हैं और उस पर इतना शानदार लेख। फोटो भी खूब लिया है। आपने रास्ता दिखाया उसके लिये शुक्रिया हम भी ५ से ६ तक टिप्पणी ही देख पाते हैं अपने ब्लॉग पर अब ये तरीका अपनायेंगे।Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-35373167999927813362007-07-03T14:08:00.000-04:002007-07-03T14:08:00.000-04:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-6719093183404771142007-07-03T01:37:00.000-04:002007-07-03T01:37:00.000-04:00अंकल मुझे मालूम है आपके मुझको झूठ-मूठ में टिप्पणी ...अंकल मुझे मालूम है आपके मुझको झूठ-मूठ में टिप्पणी नही दी है,आज कल मेरी परीक्षा होने वाली है, मै पढ़ाई कर रहा हूं कोई कविता नही लिखी।<BR/><BR/>आपका अक्षयग्यारह साल का कविhttps://www.blogger.com/profile/01016471278259100558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-71374576402670557462007-07-02T23:19:00.000-04:002007-07-02T23:19:00.000-04:00हम तो बस यही कहेंगे वाह उस्ताद वाह !हम तो बस यही कहेंगे वाह उस्ताद वाह !mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-2900024610869919322007-07-02T21:57:00.000-04:002007-07-02T21:57:00.000-04:00तनिक देर से ही सही हम भी हाजिरी लगा रहे हैं । गैरो...तनिक देर से ही सही हम भी हाजिरी लगा रहे हैं । गैरों पे करम अपनो पे सितम....<BR/><BR/>आपका चैट आई.डी. क्या है जीमेल पर हमें भी बताईये, कभी आपसे वार्तासुख का लाभ लिया जाये । परेशान न हों आपको जबरदस्ती अपनी पोस्ट न पढायेंगे (वो तो आप ऐसे ही पढ कर टिपिया भी देते हैं :-) ).<BR/><BR/>ऐसा लगता है आपके मस्तिष्क में एक क्षेत्र एक नयी पोस्ट का मसाला ढूँढने में सदैव सक्रिय रहता है । <BR/><BR/>बहुत दिनों से आपकी कुण्डलिनी नहीं सुनी, ये तमन्ना भी पूरी कर दीजिये शीघ्र ही ।<BR/><BR/>साभार,<BR/>नीरजNeeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-65850196486179886582007-07-02T11:36:00.000-04:002007-07-02T11:36:00.000-04:00अति उत्तम नुस्ख़ा. आज से मैं भी यही चाल चलने वाला ह...अति उत्तम नुस्ख़ा. आज से मैं भी यही चाल चलने वाला हूँ अपने ब्लॉग पर टिप्पणियों की संख्या बढ़ाने के लिये - वरना रात रात जग कर ब्लॉग लिखो और मिलती हैं मात्र 5 या 6 टिप्पणियाँ. आज कल ब्लॉग पढ़ने वाले महा आलसी हो गये हैं - अगर यही हाल रहा तो मेरे जैसे अनगिनत महान लेखक ब्लॉहित्य (ब्लॉग साहित्य) के जगत से गायब ही हो जायेंगे.अतुल श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17285074473402112374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-29690564551939556072007-07-02T06:04:00.000-04:002007-07-02T06:04:00.000-04:00ab samjhaa ki aapke posts par itni tippani kyun aa...ab samjhaa ki aapke posts par itni tippani kyun aati hai :DVikashhttps://www.blogger.com/profile/01373877834398732074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62063586277812679082007-07-02T03:11:00.000-04:002007-07-02T03:11:00.000-04:00चिट्ठा पढ़े बगैर चिट्ठा कैसे पढ़ें, इस विषय पर जल्...चिट्ठा पढ़े बगैर चिट्ठा कैसे पढ़ें, इस विषय पर जल्दी ही एक पोस्ट आने वाली है इस खाकसार की।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89397151229173880552007-07-02T02:53:00.000-04:002007-07-02T02:53:00.000-04:00क्या बात है समीर जी..यथार्थ वादी चित्र खीचा है आप...क्या बात है समीर जी..यथार्थ वादी चित्र खीचा है आपने..बढिया लगा...विजेंद्र एस विजhttps://www.blogger.com/profile/06872410000507685320noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-10722853962942872902007-07-02T01:47:00.000-04:002007-07-02T01:47:00.000-04:00तो हे स्वयंभू चिट्ठा साहित्यकार, तुम्हारी पोस्ट का...तो हे स्वयंभू चिट्ठा साहित्यकार, तुम्हारी पोस्ट का अस्तित्व कोई लोकशाही में उपस्थित ईमानदारी सा तो है नहीं, जो लाख ढूंढने पर भी न मिले. वो तो बेईमानी की तरह सर्वव्यापी एवं स्व-उजागर है<BR/><BR/>****<BR/>बहुत खूब !<BR/>वैसे आपने वास्तविकता बयां की है । ब्लाग पर स्माइली प्रयोग पर हमारा शोध है ,और कापीराइट भी इस नवीन खोज पर कि स्माइली से कडे से कडे पीस भी बुरा नही मानते । इसे हमने "तू मेरी पीठ ...." वाले पोस्ट मे प्रतिपादित किया था ।:)सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-35745117672649172542007-07-02T01:42:00.000-04:002007-07-02T01:42:00.000-04:00अभिव्यक्ति की अकुलाहट में हम दूसरों का कितना नुकसा...अभिव्यक्ति की अकुलाहट में हम दूसरों का कितना नुकसान करते हैं, इसे पढकर यही समझ में आ रहा है. बहुतों को अपने से यह सवाल करना चाहिए, क्या सचमुच उनके पास कुछ ऐसा है जिसकी अभिव्यक्ति से दूसरों का कुछ भला होगा?<BR/><BR/>साहित्य भाषा और विचार का सुवर्ण है लेकिन ब्लाग पर अधिकांश जो दिखता है वह निजी "मलबद्धकोष्ठता" के तनाव से पैदा हुआ जान पड़ता है. लोग अपने को अभिव्यक्त करने के लिए जितना बेचैन रहते हैं उसका आधा भी दूसरों को समझने में समय लगायें तो उनकी अभिव्यक्ति समष्टिगत लोककल्याणकारी हो सकती है. <BR/><BR/>ईश्वर आपको झेलने की शक्ति दे.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72406272709628878552007-07-02T01:35:00.000-04:002007-07-02T01:35:00.000-04:00हे गुरुदेव कितना बढ़ा पेट है ये आपका,सबसे ज्यादा टि...हे गुरुदेव कितना बढ़ा पेट है ये आपका,<BR/>सबसे ज्यादा टिप्पणी खाकर भी है आधा,<BR/>इतना लालच देखिये ठीक नही,...<BR/>नित नये चिट्ठे के लालच मै हम आते है,<BR/>रोज टिप्पणी की बौछार लगाते है...<BR/>फ़िर भी आप यही फ़रमाते है...<BR/>खुद लम्बी-लम्बी पोस्ट पढ़वाते है...<BR/>हमे बिना पढे़ ही टिप्पीयाते है... <BR/><BR/>हा हा हा<BR/><BR/>शानूसुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-54962271817093498812007-07-02T01:23:00.000-04:002007-07-02T01:23:00.000-04:00शानदार!! एक बात के लिए तो आपकी तारीफ़ सच मे करनी हो...शानदार!! <BR/>एक बात के लिए तो आपकी तारीफ़ सच मे करनी होगी, टॉपिक बढ़िया-बढ़िया उठाते हो आप (अब कभी कभी गुरु की झूठी तारीफ़ तो करनी पड़ती है ना,समझा करो भई,लेकिन इस बार सच में) <BR/><BR/>हमहूं सीख रहे है कटिया फ़ंसाना अपने गुरु से, देखत है कब तक बचे रहत हो हमारे गुरु के फ़ंडों से!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-16117791991916872062007-07-02T01:17:00.000-04:002007-07-02T01:17:00.000-04:00वो कटिया वाला मैं नही हूं ना ?, कह देना बंधु नहीं ...वो कटिया वाला मैं नही हूं ना ?, कह देना बंधु नहीं हो आपको छत्तीसगढ का सौं36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62780183352493353522007-07-02T01:03:00.000-04:002007-07-02T01:03:00.000-04:00हम भी बहुत दुखी थे...अच्छा किया जो हड़का दिया इन ...हम भी बहुत दुखी थे...अच्छा किया जो हड़का दिया इन खड़कानेवालों को पर अगर आपको उम्मीद है कि ये इससे थम जाएंगे तो बहुत नादान हैं आप अैर पता है कि इसका कोनो अबर नहींए होगा तो फिर काहे मेहनत की इतनी।<BR/>:<BR/>:<BR/>हम हमेशा पूरा पढ़कर टिप्पणी करते हैं...अच्छा लिखा है, साधुवाद।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-24894012305616804112007-07-02T01:00:00.000-04:002007-07-02T01:00:00.000-04:00आप गुस्से में भी बहुत अच्छा लिखते हैं। कमाल के कला...आप गुस्से में भी बहुत अच्छा लिखते हैं। कमाल के कलाकार हैं।Satyendra Prasad Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/11602898198590454620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-82576897877640961852007-07-02T00:59:00.000-04:002007-07-02T00:59:00.000-04:00हा हा हा... बहुत सही लिखा है आपने। :)हा हा हा... बहुत सही लिखा है आपने। :)Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89077545367841119432007-07-02T00:18:00.000-04:002007-07-02T00:18:00.000-04:00दिल मे तो लगता है कि काफ़ी दर्द पाल लिया है आपने. क...दिल मे तो लगता है कि काफ़ी दर्द पाल लिया है आपने. कवि बनने की राह पर ही हैं. बधाई. ;-)Gaurav Prataphttps://www.blogger.com/profile/03777092483108808550noreply@blogger.com