tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post4471771653511224598..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: मोटापा बदनाम हो गया!!Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-10536880274771648972021-07-11T00:45:25.663-04:002021-07-11T00:45:25.663-04:00पतले भी एक तरह से बदनाम है.....
फुक मारो तो उर जाय...पतले भी एक तरह से बदनाम है.....<br />फुक मारो तो उर जायेंगे ऐसा कहते...<br />ना मोटे लोग खुश है और न पतले लोगNehashuhttps://www.blogger.com/profile/14969701881528726458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-32169520165513210952020-12-19T02:52:09.273-05:002020-12-19T02:52:09.273-05:00बहुत ही गजब रचना हुकुम बहुत-बहुत सभी को बधाई होबहुत ही गजब रचना हुकुम बहुत-बहुत सभी को बधाई होAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/00557633124936570212noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-38156965737089810082018-01-13T13:08:02.901-05:002018-01-13T13:08:02.901-05:00 मोटापा घटाए
... मोटापा घटाए<br /> या<br /> वजन बढाये<br /><br /> Without exercise<br /> Without dieting<br /> Without Medicine<br /><br /> Vijay Agarwal<br /><br /> 9571878722<br /> Call / whatsappShopavsr.comhttps://www.blogger.com/profile/07910005363382867256noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-46184289220724714912007-04-18T08:55:00.000-04:002007-04-18T08:55:00.000-04:00Simply Supurb,Samir bhai.Loved it,Keep on regailin...Simply Supurb,Samir bhai.<BR/>Loved it,Keep on regailing us.<BR/>kamal.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-73656200978710958262007-04-16T11:30:00.000-04:002007-04-16T11:30:00.000-04:00भावना जीआपकी ढेर सारी बधाई के लिये आपका ढेर सारा श...<B>भावना जी</B><BR/><BR/>आपकी ढेर सारी बधाई के लिये आपका ढेर सारा शुक्रिया. बस यूँ ही हौसला बढ़ाते रहें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-58733179552225562892007-04-16T02:53:00.000-04:002007-04-16T02:53:00.000-04:00'ठीक उसी तरह मोटापे से ताकतवर होने का भ्रम होता है...'ठीक उसी तरह मोटापे से ताकतवर होने का भ्रम होता है, भले अंदरूनी स्थितियाँ, राष्ट्र की तरह ही, कितनी भी जर्जर क्यूँ न हो।' <BR/>समीर जी बहुत सटीक बात कही है आपने। बहुत अच्छा लेख है। व्यंग्य भी बहुत अच्छा किया है और गुदगुदाया भी खूब है। कविता भी पूरी तरह निखर कार आई है। इन सबके लिये ढेर सारी बधाई।Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1566729531711650502007-04-14T16:23:00.000-04:002007-04-14T16:23:00.000-04:00रंजू जीमुबारकबाद वजन बढ़ने के लिये :) और बहुत धन्य...<B>रंजू जी</B><BR/><BR/>मुबारकबाद वजन बढ़ने के लिये :) और बहुत धन्यवाद रचना पसंद करने के लिये.<BR/><BR/><B>सुरेश जी</B><BR/><BR/>शुभकामना और रचना पसंद करने का बहुत धन्यवाद. प्रयास जारी रहेगा और आप सेहद का ध्यान दें :)<BR/><BR/><BR/><B>अतुल भाई</B><BR/><BR/>रचना पसंद आई, बहुत आभार और धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>मसीजीवि जी</B><BR/><BR/>बदला उतार दिया-बहुत धन्यवाद!<BR/><BR/><BR/><B>पंकज</B><BR/><BR/>बीपी ठीक है-टेंशन अलग कर दो!<BR/>दुबले होते ही सूचित करुँगा...:)<BR/><BR/><BR/><B>रचना जी</B><BR/><BR/> बहुत धन्यवाद रचना पसंद करने का! और इस स्थली को हँसी खुशी का धाम घोषित करने के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>सृजन शिल्पी जी</B><BR/><BR/>बहुत आभार और धन्यवाद. रामदेव जी के प्राणायाम से मित्रों को लाभ होता देख रहा हूँ और विचारों से तो उस ओर अग्रसर हो चुका हूँ. क्रियांव्यन भी जल्द किया जायेगा. हर तेवर सजग व्यवस्था के सुचारुपन के लिये आवश्यक है और अपनी अहमियत रखता है. :)<BR/><BR/><B>रीतेश भाई</B><BR/><BR/>चलो, आपने मान लिया, हमारा लिखना सफल रहा. बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>घुघूती जी</B><BR/><BR/>आपके आने से रौनक बढ़ जाती है. बहुत धन्यवाद आपने रचना को पसंद किया. जरुर लिखते रहेंगे, आप ऐसे ही हौसला बढ़ाते रहें.<BR/><BR/><BR/><B>बेनाम जी</B><BR/><BR/>अरे, तारीफ ही तो की है, फिर काहे बेनाम रह गये जी!! बहुत आभार...अभी तो सारे ही टॉपिक छूटे हुये हैं.<BR/><BR/><BR/><B>मनीष भाई</B><BR/><BR/>शुभकामना के लिये आभार और धन्यवाद... :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-68825128644739483692007-04-14T16:04:00.000-04:002007-04-14T16:04:00.000-04:00अनूप भाईमुबारकबाद के लिये बहुत आभार और बहुत धन्यवा...<B>अनूप भाई</B><BR/><BR/>मुबारकबाद के लिये बहुत आभार और बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>मसिजीवी जी</B><BR/><BR/>शुभकामना का बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>संजीत भाई</B><BR/><BR/>रचना पसंद आई, बहुत आभार और धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>रवि भाई</B><BR/><BR/>यहीं तो आदमी तकदीर के आगे विवश हो जाता है..हा हा!!! पधारने के लिये बहुत धन्यवाद!<BR/><BR/><BR/><B>मोहिन्दर भाई</B><BR/><BR/>रिकार्ड तो टूट्ते जुड़ते रहेंगे, बस आप हंसते रहें, यही उद्देश्य है...!!!<BR/>कविता पसंद करने के लिये बहुत धन्यवाद!!<BR/>अभी तक इस तरह की परिस्थिती नहीं आई, आते ही सूचित करुँगा...:)<BR/><BR/><BR/><B>सागर भाई</B><BR/><BR/>आप आते रहें और ऐसी ही मजेदार बातें करते रहें..हमें प्रेरणा मिलती रहेगी. :) बहुत धन्यवाद रचना पसंद करने का!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89626903605214308942007-04-14T15:58:00.000-04:002007-04-14T15:58:00.000-04:00तरुण भाईआप हँस पड़े, लिखना सफल रहा. बहुत धन्यवाद.पं...<B>तरुण भाई</B><BR/><BR/>आप हँस पड़े, लिखना सफल रहा. बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>पंकज</B><BR/><BR/>फिर कहता हूँ, अब कविता ही लिखा करो!! धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>संजय भाई</B><BR/><BR/>कविता बाजी मार गई- सही रहा. मेरे मन की पूरी हो गई. धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>योगेश भाई</B><BR/><BR/>हंसे, बहुत बढ़िया. सही किस्सा सुनाये हैं, हम भी हंसे. बस हंसते हंसाते रहें, यही तो जीवन है. धन्यवाद रचना पसंद करने के लिये.<BR/><BR/><BR/><B>मृणाल भाई</B><BR/><BR/>हां, इस बार काफी दिन बाद लिखी है न, इसलिये. आगे से जल्दी जल्दी लिखूँगा...हा हा !!!<BR/>कविता पसंद करने के लिये बहुत धन्यवाद!!<BR/><BR/><BR/><B>विवेक भाई</B><BR/><BR/>३० किलो तो कभी भी कम हो जायेगा, उसके लिये चिंता न करें. मेरी शुभकामनायें. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91940557233353471762007-04-14T01:45:00.000-04:002007-04-14T01:45:00.000-04:00भगवान आपका मोटापा बनाए रखे !भगवान आपका मोटापा बनाए रखे !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14153014646131610282007-04-13T21:46:00.000-04:002007-04-13T21:46:00.000-04:00koi to area dusaron ke liye rahne dijiye...har top...koi to area dusaron ke liye rahne dijiye...har topic par aap hi likhenge to baaki kya karenge. Gajab ikhte hain.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91311510483611905362007-04-13T15:32:00.000-04:002007-04-13T15:32:00.000-04:00समीर जी क्या लिखा है आपने ! पढ़कर आनन्द आ गया । लेख...समीर जी क्या लिखा है आपने ! पढ़कर आनन्द आ गया । लेख और कविता दोनों एक से बढ़कर एक । ऐसे ही लिखते रहिए । आपकी रचनाओं की प्रतीक्षा रहती है । <BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-23503816502153887072007-04-13T13:15:00.000-04:002007-04-13T13:15:00.000-04:00अरे वाह लालाजी....ये भी खूब कही ....मान गयेमैं हँस...अरे वाह लालाजी....ये भी खूब कही ....मान गये<BR/><BR/>मैं हँसते-हँसते लोटपोट हो गया ...Reetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-82476275822239945962007-04-13T13:03:00.000-04:002007-04-13T13:03:00.000-04:00मोटापे की इमेज को लेकर इस कदर परेशान होना और उस पर...मोटापे की इमेज को लेकर इस कदर परेशान होना और उस परेशानी की इतने मस्त अंदाज में पेश करना आपकी सदाबहार और सहज हास्य कला का बेहतरीन उदाहरण है। <BR/><BR/>एक बात बताइए कि क्या कभी आपको स्वामी रामदेव के प्राणायाम आजमाने की सूझी या नहीं अभी तक। वैसे, आपको उसकी जरूरत नहीं। आप इसी तरह हंसते-हंसाते रहिए, प्राणायाम से अधिक फायदेमंद है यह। मेरे जैसे गंभीर और उग्र तेवर वालों के लिए तो यह सबसे कारगर नुस्खा है।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-22396037746775998382007-04-13T12:44:00.000-04:002007-04-13T12:44:00.000-04:00सारी गल्ती उस गढ्डे कीमोटापा बदनाम हो गया.हल्का-फु...सारी गल्ती उस गढ्डे की<BR/>मोटापा बदनाम हो गया.<BR/>हल्का-फुल्का ब्लॉग आपका!<BR/>हँसी-खुशी का धाम हो गया!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91350049933376437102007-04-13T11:19:00.000-04:002007-04-13T11:19:00.000-04:00अरे दुबले हुए कि नही.. मै टेंशन से मरा जा रहा हुँ....अरे दुबले हुए कि नही.. मै टेंशन से मरा जा रहा हुँ... बीपी ठीक है?पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-91831995729608928962007-04-13T10:25:00.000-04:002007-04-13T10:25:00.000-04:00तो ठीक रहा फिर... हम आप को टेक्नोराटी फेवरिट में ...तो ठीक रहा फिर... हम आप को टेक्नोराटी फेवरिट में टांक आए हैं, आप भी चाहें तो बदला उतार सकते हैं!मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-26429887858777867052007-04-13T07:32:00.000-04:002007-04-13T07:32:00.000-04:00समीरजी, इतना अच्छा लेख लिखा पर कविता का ही नाम हो ...समीरजी, <BR/>इतना अच्छा लेख लिखा पर <BR/>कविता का ही नाम हो गया।<BR/>आपकी कविता आपकी ही तरह वजनदार है :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-68213837776364393412007-04-13T07:25:00.000-04:002007-04-13T07:25:00.000-04:00वाह साहब मजा आ गया.एकदम शैल चतुर्वेदी स्टाईल में ह...वाह साहब मजा आ गया.<BR/>एकदम शैल चतुर्वेदी स्टाईल में हँसा गये सबको. बहुत बढिया रचना के लिये बधाईयाँ और ऐसी ही लगातार पढने को मिलें तो शायद हमारा भी कुछ वजन बढे..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-23088107113639513642007-04-13T06:57:00.000-04:002007-04-13T06:57:00.000-04:00बहुत ख़ूब ...हँसते हँसते हमारा वज़न कुछ तो बढ़ ही ...बहुत ख़ूब ...हँसते हँसते हमारा वज़न कुछ तो बढ़ ही गया होगा <BR/>एक बेहतरीन रचना है जिस पर कविता सोने पर सुहागा <BR/><BR/>मुझको बस दुबला करना ही<BR/>मानो सबका काम हो गया<BR/>सारी गल्ती उस गढ्डे की<BR/>मोटापा बदनाम हो गया.<BR/>:):)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72957416760544816602007-04-13T06:07:00.000-04:002007-04-13T06:07:00.000-04:00मोटापा आपकी व्यथा हो तो भले हो? हमें क्या कम से क...मोटापा आपकी व्यथा हो तो भले हो? हमें क्या कम से कम हमें इसी बहाने एक बेहतर लेख और कविता पढ़ने को मिली, सोचिये अगर आप पतले होते तो क्या लिखते?<BR/>भगवान आपको हमेशा ..... ऐसी मजेदार रचनायें लिखने की प्रेरणा देता रहे। <BR/>:) :)Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-6204465123216124122007-04-13T04:06:00.000-04:002007-04-13T04:06:00.000-04:00समीर जी,अगर आप इसी तरह हंसाते रहे तो हम आप की भी र...समीर जी,<BR/>अगर आप इसी तरह हंसाते रहे तो हम आप की भी रिकार्ड तोड देंगे... मोटापे के मामले में<BR/><BR/>ब्लाग की दुनिया से पहले हमने अपने एक मित्र को पत्र मे एक लम्बी प्रस्तावना के साथ एक कविता भेजी .. उनके बिचार जानने के लिये.. बाद में काफ़ी दिन तक जब प्रतिक्रिया नही मिली तो टैलिफ़ोन पर पूछा कविता कैसी लगी.. वो बोले कौन सी कविता मुझे तो कोई मिली नही..हमने जब पत्र का जिक्र किया तो बोले अच्छा उसमे कविता भी थी.. दरअसल वो लम्बी प्रस्तावना से ही घवरा गये थे और बाद वाली कविता उन्होने पढी ही नही...<BR/>आपके साथ कभी ऐसा तो नही हुआ ना... हा हाMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53783744410914703362007-04-13T04:02:00.000-04:002007-04-13T04:02:00.000-04:00"...दुबला पतला सिकुड़ा सा आदमी, न सिर्फ अपनी बदनामी...<B><I>"...दुबला पतला सिकुड़ा सा आदमी, न सिर्फ अपनी बदनामी करता है बल्कि देश की भी...."</B></I><BR/><BR/>ये बात भी सही है. पर क्या करूं मेरा मेटाबॉलिज्म ऐसा है कि मैं अपनी बीवी से ज्यादा खाता हूँ तो भी पतला-दुबला हूँ और बीवी जी हैं कि तमाम तरह के जतन करती हैं, डाइटिंग करती हैं, मगर भोजन की सुगंध से ही उनका भार बढ़ जाता है.<BR/><BR/>मुझे लगता है कि इसमें तकदीर या कुण्डली(याँ) का भी कुछ योगदान होता है :)रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-58300689685020412412007-04-13T03:55:00.000-04:002007-04-13T03:55:00.000-04:00वाह, मस्त रचना । किसी अति स्वस्थ( मोटे) इंसान की व...वाह, मस्त रचना । किसी अति स्वस्थ( मोटे) इंसान की व्यथा आपने बहुत अच्छे तरीके से सामने रख दी।<BR/>हे हे ।<BR/>जानें क्यों मुझे ऐसा लगता है कि आप आजकल कम लिख रहे हैं, स्वास्थ्य तो ठीक चल रहा है ना प्रभु?Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-20193799101289223432007-04-13T03:41:00.000-04:002007-04-13T03:41:00.000-04:00मैं तो देश की समृद्धि और उन्नति का चलता फिरता विज्...मैं तो देश की समृद्धि और उन्नति का चलता फिरता विज्ञापन हूँ <BR/><BR/>क्या खूब विज्ञापन है। आपके लिए और 10 किलो समृद्धि की कामना सहित।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.com