tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post3646097123576685783..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: बाई वन गेट वन फ्री के साथ एक साल पूरे!!Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-18259799954371227692008-05-15T04:01:00.000-04:002008-05-15T04:01:00.000-04:00kahte hain jiskaa aasmaan saaf hota hai, wo pisewa...kahte hain jiskaa aasmaan saaf hota hai, wo pisewalaa hota hai.iske sath muft men mil gaya blood prasure. yaani sone pe suhaaga.<BR/>ye to tha majak. waise aap jaise mast aadmi ka ye kuchh bigar nahi sakta, yakeen rakhen.adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-83427497724883061362007-03-12T23:22:00.000-04:002007-03-12T23:22:00.000-04:00चिठ्ठे की पहली सालगिरह मुबारक हो!!चिठ्ठे की पहली सालगिरह मुबारक हो!!अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/03416309171765363374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-61763269941891450802007-03-04T09:48:00.000-05:002007-03-04T09:48:00.000-05:00साल गिरह की मुबारक वाद। शीर्षक से तो लगा था कि आप ...साल गिरह की मुबारक वाद। शीर्षक से तो लगा था कि आप दूसरा चिट्ठा शुरू करेंगे पर यहां तो कुछ और निकला।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-55310404700911183852007-03-04T04:22:00.000-05:002007-03-04T04:22:00.000-05:00मेरे पति मेरा ब्लाग विवशता पूर्वक ही पढ़ते हैं पर ...मेरे पति मेरा ब्लाग विवशता पूर्वक ही पढ़ते हैं पर जहाँ आपके चिट्ठे की बात होती है फट तैयार हो जाते हैं ।<BR/><BR/>जब उनहोने यह पढ़ा,<BR/><BR/>"वैसे यहाँ का नियम बता दूँ कि यहाँ हमारे मित्र वही होते हैं जो इनकी सहेलियों के पति होते हैं. इनकी सबसे पक्की सहेली का पति हमारा सबसे पक्का मित्र. अगर किसी की पत्नी से इनकी मित्रता नहीं हो पाई, तो वो हमारे मित्र होने की पात्रता नहीं रखता. यह रिवर्स फिलासफी कनाड़ा में आने के बात शुरु हुई, उसके पहले हम पहले ठीक ठाक आदमी थे."<BR/><BR/>काफी देर तक मुस्कुराते रहे । पता नहीं क्यूँ !!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-48640323734305430742007-03-03T20:47:00.000-05:002007-03-03T20:47:00.000-05:00आपकी बधाई मेरे ब्लाग पर है। :)आपकी बधाई मेरे ब्लाग पर है। :)Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-45497921521658920932007-03-03T01:16:00.000-05:002007-03-03T01:16:00.000-05:00आपको चिट्ठालेखन में सफलता पूर्वक एक वर्ष पूर्ण करन...आपको चिट्ठालेखन में सफलता पूर्वक एक वर्ष पूर्ण करने के लिये बधाई !!और होली की बहुत सारी शुभकामनाएँ !!Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-36872115656045689242007-03-02T23:27:00.000-05:002007-03-02T23:27:00.000-05:00अपने वादे के अनुसार हमने आज एक पोस्ट दाग दी है । प...अपने वादे के अनुसार हमने आज एक पोस्ट दाग दी है । पोस्ट का विषय है: "मेरा वजन: ये बढता क्यों नहीं" <BR/><BR/>जरा नजर-ए-इनायत कीजिये ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-20858258341990600412007-03-02T14:40:00.000-05:002007-03-02T14:40:00.000-05:00वाह ! मजा आ गया आपकी इस कविता को पढ़ कर ! चिट्ठालेख...वाह ! मजा आ गया आपकी इस कविता को पढ़ कर ! चिट्ठालेखन की सालगिरह और होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11486702122466654012007-03-02T02:12:00.000-05:002007-03-02T02:12:00.000-05:00साल तो कल हुआ आज नये साल के पहले दिन मुबारक बाद कि...साल तो कल हुआ आज नये साल के पहले दिन मुबारक बाद कि लिखत-पढ़ता जारी रहे। नित नये आयाम छुये। जहां तक बीमारी का रोना है तो अतुल की पोस्टें देखो डा. झटका वाली। सारे भ्रम दूर हो जायेंगे। इसीलिये कहा गया है कि टिप्पणी करने के बाद समय निकालकर कुछ चिट्ठे पढ़ भी लिया करें! :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-80567625148752999272007-03-01T17:23:00.000-05:002007-03-01T17:23:00.000-05:00समीरजी,सबसे पहले तो मैं ईश्वर से प्रार्थना करूँगा ...समीरजी,<BR/><BR/>सबसे पहले तो मैं ईश्वर से प्रार्थना करूँगा कि आपका रक्तचाप फ़िर से सामान्य के स्तर पर आ जाये । भले आप इसे दुसम्नी निकालना कहें या फ़िर कुछ और, लेकिन दीदी अगर इस टिप्प्णी को पढ रहीं हों तो निम्न बातों का ध्यान रखें ।<BR/><BR/>१) समीर अंकिल (जान-बूझ कर आपको अंकल और आपकी पत्नीजी को दीदी कह रहा हूँ, इस रहस्य पर कभी एक पोस्ट लिखूँगा ) के बटुए में ज्यादा डालर न रहनें दें, और क्रेडिट-कार्ड भी जब्त कर लिये जायें । उच्च रक्तचाप में आदमी का मन कब बहक जाये और वो फ़्रेंच फ़्राइज का रसास्वादन करनें लगे, कोई नहीं जानता ।<BR/><BR/>२) समीर अंकिल के मित्रों पर विशेष ध्यान रखा जाये, कभी कभी मित्रों का दुरूपयोग होता है डाक्टर द्वारा मना की गयी चीजे मंगाने के लिये । समीर अंकिल तो वैसे ही इतनें वाक्चतुर हैं कि उनकें मित्रों को आभास भी नही होगा और समीरजी गोल दाग देंगे ।<BR/><BR/>३) सुबह सुबह उठते ही समीर अंकिल को व्यायाम करनें में लगा दें, एक-दो मील दौडना सेहत के लिये काफ़ी अच्छा होगा ।<BR/><BR/>४) समीर अंकिल की बार के आस पास कंटीले तारों का एक बेडा लगा दिया जाये, विशेष स्थिति में उसमें विद्युत भी प्रवाहित की जा सकती है ।<BR/><BR/>बाकी खैर खबर मैं एक सप्ताह बाद लूँगा ।<BR/><BR/>समीरजी, आपकी इस पोस्ट ने मुझे एक नयी पोस्ट लिखने का विषय सुझाया है । मेरी अगली पोस्ट का विषय होगा, "मेरा वजन: ये बढता क्यों नहीं" । <BR/><BR/>:-) :-) :-) :-)<BR/><BR/>ईस्माइली लगा दी है इसलिये सेंटी होने की नहीं हो रही है ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-23263175829095475532007-03-01T14:42:00.000-05:002007-03-01T14:42:00.000-05:00वैसे यहाँ का नियम बता दूँ कि यहाँ हमारे मित्र वही ...<I>वैसे यहाँ का नियम बता दूँ कि यहाँ हमारे मित्र वही होते हैं जो इनकी सहेलियों के पति होते हैं. इनकी सबसे पक्की सहेली का पति हमारा सबसे पक्का मित्र.</I><BR/>lagta hai ye niyam kaafi prachalit hai, <BR/><BR/>waise humne suna hai ki "lauki ka jala rum wihski bhi fook fook ke peeta hai.....aage ka dhyan aap rakhiyegaTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53526434151815888582007-03-01T11:35:00.000-05:002007-03-01T11:35:00.000-05:00परख लिया ना सबको, आज मुसीबत आन पड़ी है तो सब को मस...परख लिया ना सबको, आज मुसीबत आन पड़ी है तो सब को मसखरी सूझ रही है, यही लोग लालाजी, गुरुदेव, स्वामी समीरानन्द, भाई साहब और पता नहीं क्या क्या कहा करते थे। :) और अब तक आपका चेला बना पंकज तो आपके गम में गीतकार तक बन बैठा है। और गीत रचने लगा है। परन्तु में टिप्पणी द्रोही नहीं हूँ, आपकी मेरे चिट्ठे पर की हुई एक एक टिप्पणी की कसम, मैं आपके गम में बराबर का शरीक हूँ। <BR/><BR/>घोर कलयुग आ गया है समीरलाल जी; घोर कलयुग!!!!!<BR/>( आज आपको नाम से इस वजह से संबोधित कर रहा हूँ कि कहीं मै भी उन लोगों की श्रेणी में ना आ जाउं।Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-25011014945026014182007-03-01T10:47:00.001-05:002007-03-01T10:47:00.001-05:00saalgirah ki bahut bahut badhai.is udantastari ki ...saalgirah ki bahut bahut badhai.<BR/><BR/>is udantastari ki gati puraskaron ke mamle me sabse tej lag rahi hai, ho bhi kyon na tabhi to udantastari hai :)<BR/><BR/>ek baar phir se badhai, aap aisa hi likhte rahen aur puraskaar paate rahen.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89879803959191263332007-03-01T10:47:00.000-05:002007-03-01T10:47:00.000-05:00वैसे पक्के नेता हो गए जी अब आप, बीमारी भी नेताओं व...वैसे पक्के नेता हो गए जी अब आप, बीमारी भी नेताओं वाली लग गई, बस "हमें भूल न जाना बड़े लोगों की जमात में जाकर"।<BR/><BR/>और हाँ जैसे मसिजीवी ने कहा स्टैटकाऊंटर देखना बंद कीजिए। टिप्पणियों का लालच भी छोड़ना होगा। ज्यादा आएंगी तो भी खतरा कम आएंगी तो भी। :)<BR/><BR/>चिट्ठाकारी का एक साल पूरा होने पर बधाई !ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-55579249589612852972007-03-01T10:45:00.000-05:002007-03-01T10:45:00.000-05:00यह बात तो गलत है , आज ही सुबह मैने दो-2 अवार्ड की ...यह बात तो गलत है , आज ही सुबह मैने दो-2 अवार्ड की स्पेशल पार्टी देने को कहा और आप बहाने लेकर बैठ गये । होली पर दम नहीं तो बम भोले ही सही , लगाइये और मस्त हो जाइये, होली मुबारक !Dr Prabhat Tandonhttps://www.blogger.com/profile/14781869148419299813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-36447960606424961402007-03-01T10:27:00.002-05:002007-03-01T10:27:00.002-05:00sab ke sab ek se badd ker ek kalaakaar log hain ya...sab ke sab ek se badd ker ek kalaakaar log hain yahaan !!! <BR/><BR/>:)<BR/>jitnaa mazedaar laikh hai, utney hee mazedaar comments :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72770342073149422282007-03-01T10:27:00.001-05:002007-03-01T10:27:00.001-05:00एक खरीदो तब ही तो न मिले दूसरा फ़्रीरक्तचाप के साथ ...एक खरीदो तब ही तो न मिले दूसरा फ़्री<BR/>रक्तचाप के साथ बिजलियां देखो दिल पर गिरीं<BR/>लैकी , तोरई, दाल मूंग की और करेला कड़वा<BR/>उबली सब्जी केसंग हाजिर, भोग लगायें श्रीराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62539789344372797542007-03-01T10:27:00.000-05:002007-03-01T10:27:00.000-05:00एक खरीदो तब ही तो न मिले दूसरा फ़्रीरक्तचाप के साथ ...एक खरीदो तब ही तो न मिले दूसरा फ़्री<BR/>रक्तचाप के साथ बिजलियां देखो दिल पर गिरीं<BR/>लैकी , तोरई, दाल मूंग की और करेला कड़वा<BR/>उबली सब्जी केसंग हाजिर, भोग लगायें श्रीराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-70024696369142451182007-03-01T08:56:00.000-05:002007-03-01T08:56:00.000-05:00हा हा हा हा...आप लौकी का जूस पी रहे हो.. हा हा हा....हा हा हा हा...<BR/><BR/>आप लौकी का जूस पी रहे हो.. हा हा हा.. पेट मे बल पड रहे हैं। <BR/><BR/>ओ..पीने वाले हो सके तो लौट के आना..<BR/><BR/>होजी हो...ओ...ओ.. पीने वाले हो सके तो लौट के आना,<BR/><BR/>बोतल तेरी भरी पडी है, आके मुहँ लगाना..<BR/>कि पीने वाले हो सके तो लौट के आना.<BR/><BR/>लौकी का जूस है पीना, लौकी ही है खानी,<BR/>लौकी ही अब नीट है भैया यही सोडा पानी,<BR/><BR/>लौकी लगे अब बीयर सी और लगे जैसे रम है,<BR/>हाये दर्द उठे अब तो जीया में, इतनी लानत क्या कम है..<BR/><BR/>रे लालाजी, हो सके तो लौट के आना,<BR/>बोतल आपकी बुला रही है, कैसे नजरे चुराना..<BR/><BR/>रे.. दुःखी मनवा रे...हो..हो..हो....<BR/><BR/>हो सके तो मन बहलाना,<BR/>अब तो लौकी ही भैया तोरे लौकी ही है बहना..<BR/><BR/>रे बन्धु रे....हे...हे...हे..हे....हे..<BR/><BR/>हो सके तो लौट के आना..पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-53119485845419644032007-03-01T06:52:00.000-05:002007-03-01T06:52:00.000-05:00अरे ये कौन अहमक डाक्टर है आपका, उसे चाहिए कि वह आ...अरे ये कौन अहमक डाक्टर है आपका, उसे चाहिए कि वह आपको थोड़ी बहुत छूट दे-<BR/>रोज लौकी का जूस दो गिलास (पसंद न हो तो सप्ताह में एक बार उसकी जगह टिंडे का इस्तेमाल कर सकते हैं) <BR/>करेले का सूप<BR/>तोरई की भाजी<BR/>रोटी पर घी नहीं<BR/>चाय में मीठा नहीं<BR/>ऑंखों के नीचे रूई रखें ताकि ऑंसुओं का नमक मुँह में न जा सके<BR/>ऐसे किसी भी चिट्ठे से दूर रहें जहॉं नमकीनपन का अंदेशा हो (मसलन लावण्या)<BR/>तेज न हँसें न हँसाएं<BR/>चलते समय रफ्तार 7.732 किमी फी घंटा से न ज्यादा न कम<BR/>की बोर्ड को तेज न पीटें<BR/>स्टेटकांउटर की ओर झांकें भी नहीं<BR/>ओर भी कुछ परहेज हैं - सार्वजनिक रूप से बताए नहीं जा सकते- थोड़ा कहे को ज्यादा समझना बाकी अपना ध्यान रखना (नीम के पत्तों का काढ़ा अच्छा रहेगा)<BR/>राम राम जीमसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-87302290232012248062007-03-01T06:02:00.000-05:002007-03-01T06:02:00.000-05:00समीर जी, ये तरिका दिपावली के लिये ठीक है लेकिन होल...समीर जी, <BR/>ये तरिका दिपावली के लिये ठीक है लेकिन होली के लिये कुछ हजम नही हुआ !<BR/>होली मे तो भंग और रंग ही चलते है !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-82894088412086744152007-03-01T03:48:00.000-05:002007-03-01T03:48:00.000-05:00समीर जी अब उस पार्टी का क्या होगा जो हम आपको देने ...समीर जी अब उस पार्टी का क्या होगा जो हम आपको देने वाले थे क्या अब आप सिर्फ लौकी की सब्जी और उसका सूप ही पियेंगे? अगर रक्तचाप वाली बात मजाक है, तो सही है और अगर सच है तो बहुत दुख हुआ सुनकर, फिर आपको अपना ख्याल रखना चाहिये।Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11384852427824504602007-03-01T03:34:00.000-05:002007-03-01T03:34:00.000-05:00वाह समीर जी वाह ! मजा आ गया पढ़ के । आपकी यातना के ...वाह समीर जी वाह ! मजा आ गया पढ़ के । आपकी यातना के क़िस्से सुन के दिल भर आया :-)<BR/>कविता भी बहुत मस्त लिखी है । ब्लॉगजगत मे एक वर्ष पूरा करने पर भी बधाई ।Abhishekhttps://www.blogger.com/profile/05147031274147631687noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-80891343583091315672007-03-01T01:45:00.000-05:002007-03-01T01:45:00.000-05:00बधाई, होली की ....बधाई, वर्षगांठ की.....बधाई, बड़े ...बधाई, होली की ....<BR/>बधाई, वर्षगांठ की.....<BR/>बधाई, बड़े लोगों की जमात में आने की...<BR/>होली है.....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-17363328208412374062007-03-01T01:38:00.000-05:002007-03-01T01:38:00.000-05:00बधाई हो...अरे नहीं एक साल पुरा करने के लिए नहीं......बधाई हो...<BR/>अरे नहीं एक साल पुरा करने के लिए नहीं... रक्तचाप की अमीरों वाली बीमारी लगने के लिए. आपतो अब उँचे लोग हो गए हैं जी. तथा लोकी के रस व गुदे की सब्जी के लिए भी मुबारकबाद. स्माइली नहीं लगाई है खामखाँ आप मजाक समझ लेंगे.<BR/><BR/>कविता मजेदार रही.Anonymousnoreply@blogger.com